Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
09-18-2018, 12:26 PM,
#98
RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
दूसरी तरफ कॉलेज मे पायल और साहिल क्लास मे बैठे हुए थे. साहिल का ध्यान तो पढ़ाई मे था, पर पायल वो तो बस साहिल की ओर कनखियों से देखे जा रही थी. आज इस *** साल की कच्ची कली का दिल पर साहिल आ गया था. वो तो उसे देखते ही दिल दे बैठी थी.

जैसे तैसे कॉलेज ख़तम हुआ, साहिल जैसे ही क्लास से निकल कर बाहर आया, तो पायल उसके पीछे से भागती हुई उसके पास आई.

पायल: साहिल रूको साहिल

साहिल ने पीछे मूड कर पायल की तरफ देखा, पायल उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी. 

साहिल: जी.

पायल: कहाँ जा रहे हो?

साहिल: जी घर जा रहा हूँ. कुछ काम था क्या?

पायल: नही कुछ खास नही. मे सोच रही थी, कि अगर हम दोनो थोड़ी देर कहीं घूमने चलते तो.

साहिल: नही पायल जी. आज नही. फिर कभी. घर पर माँ फिकर करेगी.

पायल: ओके नो प्राब्लम. तो कल मिलते हैं. ?

साहिल: जी ठीक है.

और साहिल कॉलेज से निकल कर घर की तरफ चल पड़ा. घर पर सुमन साहिल का इंतजार कर रही थी. उसने खाना भी नही खाया था.

वीना: बेटा खाना खा ले, जब से आई है कुछ नही खाया.

सुमन: माँ साहिल को आ जाने दो. फिर साथ मे खाना खाते हैं.

वीना: अच्छा जैसी तेरी मर्ज़ी.

तभी बाहर डोर बेल बजी.

वीना: लगता है साहिल आ गया. मे गेट खोलती हूँ.

थोड़ी देर बाद वीना के पीछे-2 साहिल अंदर आ गया.

वीना: ये लो आ गया तुम्हारा साहिल. 

सुमन को देख कर साहिल के होंठो पर हल्की सी मुस्कान फैल गयी. उसने आगे बढ़ कर सुमन के पावं छुए. सुमन सोफे से खड़ी हो गयी, और साहिल के कंधों से पकड़ कर उसे देखने लगी. ऊपेर से नीचे तक. **** साल की उम्र का होने के बावजूद भी साहिल का बदन किसी भी तरहा राज से कम नही लग रहा था. वैसी ही चौड़ी छाती. हालाँकि कम उम्र होने के कारण उसकी हाइट राज जितनी नही थी. पर अगर जो भी साहिल के कसरती बदन को देखता तो एक बार उसके हाथ पावं फूल जाते.

साहिल: ऐसे क्या देख रही हैं मम्मी जी.

सुमन: कुछ नही बस देख रही थी, कि अब तुम कितने बड़े हो गये हो.

अब वक़्त नज़दीक आ गया है, अब तुम्हे तुम्हारा हक़ और इंसाफ़ मिलने मे देर नही है.

साहिल सुमन की बातों को अच्छे से समझ रहा था. पर सुमन ये नही जानती थी, कि इस ताकतवर जिस्म के पीछे एक बच्चा है, जो आज भी डर कर रातों को उठ कर जाग जाता है, किसी को मारना तो दूर, वो लड़ाई का नाम सुनते ही घबरा जाता है. साहिल सुमन की बात पर कुछ नही बोला.

वीना: जाओ बेटा चेंज कर लो, और फ्रेश हो जाओ. फिर साथ मे खाना खाते है. तुम्हारी मम्मी कब से तुम्हारा इंतजार कर रही थी.

साहिल: जी माँ.

साहिल ऊपेर अपने रूम मे चला गया, और फ्रेश होने के लिए अपने बाथरूम मे घुस गया. नीचे वीना सोच मे डूबी हुई थी. उसे समझ मे नही आ रहा था. कि आख़िर सुमन के मन मे क्या है. बड़ी मुस्किल से उन्होने साहिल को राज के चंगुल से बचा कर उसकी नज़रों से दूर रखा था. पर अब सुमन की बातों से आने वाले ख़तरे का अहसास हो रहा था. कहीं सुमन तो अपने निहत स्वार्थ के लिए साहिल का इस्तेमाल तो नही करेगी. नही -2 ये नही हो सकता. वो मेरी बेटी है, उसके अंदर मेरे संस्कार है. वो ऐसा सोच भी नही सकती.

अगर उसके मन मे कुछ ऐसा भी है. मैं ऐसा कुछ भी नही होने दूँगी. मैं साहिल को वापिस उस नरक मे कभी नही जाने दूँगी. भले ही मैने साहिल को नही जनमा. पर उसे अपने बेटे की तरह पाला है. चाहे कुछ भी होज़ाये. मैं उसे अमित के पास भेज दूँगी. यहाँ से बहुत दूर.

वीना को सोच मे डूबा देख, सुमन से रहा नही गया. वो उठ कर वीना के पास आई, और उसके पास बैठते हुए, उसके कंधे से पकड़ कर हिलाया.

सुमन: क्या हुआ माँ ? क्या सोच रही हो ?

वीना: (थोड़ी देर सोचने के बाद. घबराए हुए मन के साथ) ये तू थोड़ी देर पहले क्या कह रही थी? साहिल से. हक़ कैसा हक़. हमे कुछ नही चाहिए. अब मैं साहिल को उस दलदल मे वापिस नही जाने दूँगी.

सुमन: क्यों माँ. क्या हम चुप करके बैठ जाए. जो उसने किया वो सब भूल जाए. उसने एक नही नज़ाने कितनी जिंदगी बर्बाद की है. उस शैतान को उसके अंज़ाम तक पहुँचाने का वक़्त आ गया है. और मुझे इस काम के लिए साहिल की मदद चाहिए होगी.

वीना: नही सुमन ये ठीक नही है, अर्रे साहिल तो अभी बच्चा है, उसने अभी तो ठीक से दुनियाँ भी नही देखी, फिर वो उस शैतान के साथ कैसे टक्कर ले सकता है, अर्रे किसी से लड़ना तो दूर, वो लड़ाई का शोर सुन कर ही घबरा जाता है. बड़ी मुश्किलो से हमने उसे पाला है. तुम तो यहाँ नही थी. उसके पास, मैने देखा है, जब वो रातों को अक्सर डर कर उठ जाता था. चीखने लग जाता था. सारी-2 रात उसके पास बैठ कर काटी है मैने. अपने सीने से लगा कर उसे हॉंसला देने की कॉसिश की है. उसके वो डर के मारें काँपते हाथ पावं मैने महसूस किए है. उसकी आँखों मे छुपा हुआ खोफ़ मैने देखा है सुमन . वो बड़ी मुस्किल से इन सब बातों को भूल पाया है.

सुमन: पर माँ.

वीना: (बीच मे सुमन को टोकते हुए) पर क्या सुमन. तुम क्या सोचाती हो. तुम राज से लड़ सकती हो? नही सुमन. राज से लड़ कर तुम अपनी और साहिल की जिंदगी को ख़तरे मे ही डालॉगी.

तभी अचानक वीना बोलते -2 चुप हो गयी. और एक तरफ देखने लगी. जब सुमन की आँखों ने अपनी माँ की नज़रों का पीछा किया तो, उसने देखा सामने साहिल खड़ा उनकी बातें सुन रहा था. उसके पूरा बदन पसीने से भीगा हुआ था. वीना साहिल की हालत समझ कर जैसे ही उसकी तरफ जाने लगी. साहिल वापिस अपने रूम मे चला गया. वीना उसे पीछे से पुकारती रही. पर साहिल ने उसकी कोई बात नही सुनी. और अपने रूम मे जाते ही, उसने अपना रूम अंदर से बंद कर लिया.
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