RE: Hindi Porn Stories कंचन -बेटी बहन से बहू तक का सफ़र
कंचन को पूरा विश्वास था कि शर्त तो वोही जीतेगी. अगले दिन बड़ी बेसब्री से रात होने का इंतज़ार किया. रात होते ही कंचन ने मम्मी पापा के कमरे का परदा हटा दिया और वरामदे की लाइट ऑन कर दी. फिर उन्होने अपने कमरे की लाइट ऑफ कर दी. अब मम्मी पापा के कमरे में सब कुच्छ सॉफ दिख रहा था.थोरी देर में मम्मी पापा अपने कमरे में आए. उसके बाद जो कुकच्छ हुआ वो देख कर कंचन की आँखें फटी की फटी रह गयीं. पापा मम्मी की बातें सॉफ सुनाई दे रहीं थी. मम्मी बोली,
“ लगता है कंचन और उसकी दोस्त सो गयी. सारा दिन मटर गस्ति करती है.”
“ बच्चे हैं मज़ा करने दो. तो श्रीमती जी हमे अकेला छोड़ कर मैके जा रही हैं. इतने दिन हमारा क्या हाल होगा ये नहीं सोचा.”
“ क्या करूँ जाना तो नहीं चाहती, पर मा बीमार है.”
“ और हमारी बीमारी का इलाज कब करोगी?” पापा मम्मी को अपनी बाहों में खींचते हुए बोले. कंचन के दिल की धड़कन तेज हो गयी. नीलम भी मुस्कुरा रही थी.
“ आपकी बीमारी का इलाज तो रोज़ ही करती हूँ.”
पापा मम्मी को चूमते हुए बोले,
“ आज ऐसी दवाई देती जाओ की अगले 15 दिन दवाई की ज़रूरत ना पड़े.”
“ कॉन सी दवाई चाहिए आपको?” मम्मी मुस्कुराते हुए बोली.
“ ये वाली.” पापा मम्मी की चूत सलवार के ऊपर से दबाते हुए बोले.
“ ओई मा इसस्सस्स….! ले लीजिए ना. किसने रोका है. आज कमरे में लाइट कुच्छ ज़्यादा आ रही है. ठहरिए मैं वरामदे की लाइट बंद करके आती हूँ..”
“ नहीं मेरी जान, रहने दो. बहुत दिनों से तुम्हें ठीक से नंगी भी नहीं देखा.”
“ अच्छा जी! रोज़ रात को तो नंगी करते हैं.”
“ नंगी कर के तो चोदता हूँ मेरी जान लेकिन तुम्हारे नंगे बदन के दर्शन कहाँ हो पाते हैं.” ये कहते हुए पापा ने मम्मी की कमीज़ उतार दी, और सलवार का नाडा भी खींच दिया. नाडा खींचते ही सलवार नीचे गिर पड़ी. अब मम्मी सिर्फ़ पिंक ब्रा और पॅंटी में थी.
“ नहीं नाअ! प्लीईआसए……लाइट बंद कर दीजिए. मुझे शरम आ रही है. अब मैं बहुत मोटी हो गयी हूँ.”
“ नहीं मेरी रानी तुम अब भी बहुत सेक्सी हो. तुम्हें देख कर तो मेरा लंड सारा दिन खड़ा रहता है.” पापा मम्मी के होंठ चूस रहे थे और दोनो हाथों से मोटे मोटे चूतरो को सहला रहे थे. मम्मी की पॅंटी उनके विशाल चूतरो के बीच में धँसी जा रही थी.
“ ये तो पागल है” मम्मी प्यार से पापा के लंड को लूँगी के ऊपर से मुसलते हुए बोली.
नीलम, कंचन की चूत पर चुटकी काटते हुए बोली “ला मेरे 50 रुपये.”
“ शट अप अभी कुच्छ हुआ तो नहीं ना. जब कुच्छ होगा तो बोलना.” कंचन का इतना कहना ही था कि पापा ने मम्मी की ब्रा उतार दी और पनटी नीचे खिसका दी. मम्मी बिल्कुल नंगी थी. 36 साल की उम्र में भी बहुत ही सेक्सी लग रही थी. बड़ी बड़ी चूचियाँ बहुत टाइट तो नहीं लेकिन ढीली भी नहीं थी. गोरी गोरी मोटी मोटी जंघें ओर फैले हुए भारी विशाल चूतर बहुत ही सेक्सी लग रहे थे. इतने मोटे चूतरो के ऊपर कमर काफ़ी पतली लग रही थी. चूत पर बहुत ही घने काले बॉल थे.
“ ऊफ़ ! मेरी जान तुम तो बला की सेक्सी लग रही हो. कोई कह नहीं सकता की दो जवान बच्चों की मा हो. मेरा लंड तो काबू में नहीं आ रहा”
“ किसने कहा है आपको काबू में करने के लिए. आज़ाद कर दीजिए बेचारे को.” ये कह कर मम्मी ने पापा की लूँगी खींच दी. कंचन तो बेहोश होते होते बची. नीलम के पसीने छ्छूट गये. पापा का लंबा मोटा लंड तना हुआ था. कंचन तो पहली बार किसी मरद का खड़ा हुआ लंड देख रही थी. साधु महाराज के मुक़ाबले का लंड था. काला मोटा तना हुआ लंड बहुत ही भयानक लग रहा था. मम्मी नीचे बैठ गयी और पापा का लंड अब बिल्कुल उसके होंठों के सामने था.
“ मुझे भी आपके इस 9 इंच के कॅप्सुल की बहुत ज़रूरत है.” ये कह कर मम्मी ने पापा के लंड को मुँह में डाल लिया और चूसने लगी. लंड इतना मोटा था की मम्मी के होंठों में बड़ी मुश्किल से आ रहा था. मम्मी कभी पूरे लंड पर जीभ फेर के चाटती और कभी लंड के नीच लटकते हुए बॉल्स को. पापा ने मम्मी का सिर दोनो हाथों में पकड़ कर धक्के लगाने शुरू कर दिए. उनका मूसल मम्मी के मुँह में अंदर बाहर होने लगा. बेचारी 4 या 5 इंच ही मुँह में ले पा रही थी. थोरी देर बाद पापा ने मम्मी को बिस्तेर पर लिटा दिया और बोले,
“ कविता, अपनी टाँगें खोल कर एक बार अपनी प्यारी चूत के दर्शन तो करा दो.”
“ हाई राम, रोज़ ही तो देखते हैं. पहले लाइट बंद कीजिए.” मम्मी अपनी टाँगों को चिपका कर बोली.
“ अब मैं नंगा तो बाहर जा नहीं सकता. दिखा भी दो मेरी जान. जो चीज़ रोज़ चुदवाती हो उसे दिखाने में कैसी शरम.” ये कह कर पापा ने मम्मी की टाँगें फैला दी. मम्मी ने मारे शरम के दोनो हाथों से अपना मुँह ढक लिया. मोटी मोटी गोरी जांघों के बीच में काले घने बालों से भरी चूत सॉफ नज़र आ रही थी. क्या फूली हुई चूत थी!
“ कविता तुम्हारी चूत बहुत ही सेक्सी है. तभी तो मैं इसका इतना दीवाना हूँ. कितनी फूली हुई है.” कंचन सोचने लगी मेरी भी चूत काफ़ी फूली हुई है लेकिन मम्मी की तो बहुत ही ज़्यादा फूली हुई थी.
“ इस 9 इंच के मूसल से रोज़ चुदवाने के बाद फूलेगी नहीं तो और क्या होगा. मैं बहुत भाग्यशाली हूँ जो इस उम्र में भी आपको मेरी चूत इतनी अच्छी लगती है. वरना इस उम्र में कौन मर्द अपनी बीवी को रोज़ चोदता है.”
पापा ने मम्मी की टाँगें और चौड़ी कर दी और जीभ निकाल कर चूत चाटने लगे.
“ आआआः ..आ.एयेए..ऊवू! बहुत अक्च्छा लग रहा है. बाल आपके मुँह में तो नहीं जा रहे.?” मम्मी चूतर उच्छाल कर अपनी चूत पापा के मुँह पर रगड़ रही थी. पापा कभी मम्मी की चूत चाटते और कभी बड़ी बड़ी चूचिओ को चूस्ते. थोरी देर बाद 69 की मुद्रा में आ गये. अब मम्मी की चूत पापा के मुँह पर थी और पापा का मोटा लंड मम्मी के मुँह में. काफ़ी देर तक चूमा चॅटी का खेल चलता रहा. फिर पापा ने मम्मी को बिस्तेर पर लिटा कर उनकी मोटी जांघों को चौड़ा किया और लंड का सुपरा उनकी चूत के मुँह पर रख कर रगड़ने लगे.
क्रमशः.........
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