RE: Hindi Porn Stories दो आर्मी नर्सों की चुदाई
अहमाद ने बताया कि अभी रात का खाना उसकी तरफ़ से बाहर रेस्तोरां में होगा। फिर वापस अकर केक काटेंगे। खैर हम चारों डिफेंस के एक खूबसूरत रेस्तोरां सिल्वर स्पून में गये और वहाँ ज़बरदस्त डिनर किया और डिनर के दौरान बहुत गपशप लगायी और काफी इंजॉय किया। उसके बाद वापस आकर फ़्लैट पर हमने बाकी प्रोग्राम को तरतीब दिया। ये पहली बार है कि शाज़िया और फौज़िया एक साथ उस फ़्लैट पर थीं, वर्ना तो मैं जब शाज़िया को ले कर जाता था तो वो अकेली होती थी, और अहमद जब फौज़िया को लेकर जाता तो वो भी अकेली होती थी।
अहमद ने बहुत इंतज़ाम किया था। उसने बड़ा सा केक मंगवाया था। उसके साथ बाहर के मुल्क से लायी महंगी शराब थी। खैर हमने फिर केक काटा और सब ने अहमद को हैप्पी बर्थडे कहा। उस वक्त मैंने अहमद के गालों पर एक किस की तो वो दोनो लड़कियाँ मुस्कुराने लगीं और कहने लगीं, देखो एक लड़का दूसरे लड़के को किस कर रहा है! मैंने जवाब दिया कि एक लड़की जब दूसरी लड़की को किस कर सकती है तो क्या मैं दूसरे लड़के को किस नहीं कर सकता? इस पर शाज़िया समझ गयी और ज़ोर- ज़ोर से हंसने लगी।
उसके बाद हम चारो ड्रिंक्स पीने लगे और गपशप लगाने लगे। दोनों लड़कियाँ पूरे जोश में वो महंगी शराब पी रही थीं और उन पर नशा जल्दी छाने लगा था। फिर फौज़िया ऊँची ऐड़ी की सैंडल में लड़खड़ाती सी किचन की तरफ बढ़ी तो अहमद भी उसके पीछे हो लिया। मैं शाज़िया को सहारा देकर बेडरूम में लाया और किसिंग करने लगा। मैंने शाज़िया को कहा कि ग्रुप सैक्स करते हैं मगर उसने कहा कि फौज़िया राज़ी नहीं होगी। खैर हमने कुछ देर बेडरूम में चुदाई की और इस दौरान अहमद ने भी फौज़िया को नहीं छोड़ा क्योंकि जब मैंने बेडरूम खोला तो बाहर हॉल में फौज़िया अपने कपड़े ठीक कर रही थी। दरसल अभी तक हम में कुछ शरम थी और मैंने कभी भी अहमद के साथ मिलकर कोई चुदाई-ईवेंट नहीं किया था। इसके अलावा मैं फौज़िया की चूत मारना तो चाहता था मगर शाज़िया से कभी इज़हार नहीं कर सका था। इसलिये हम लोगों ने और ड्रिंक्स लीं और काफी देर बातें करते रहे।
उसके बाद हमने मूवी लगायी और उस में कुछ सैक्सी सीन थे। इन तमाम हालात को देख कर शाज़िया का बहुत दिल चाहा मगर अभी तक वो अहमद से खुली नहीं थी। इसलिये उसने मुझे आँख मारी और सबसे कहा कि उसने बहुत ड्रिंक कर ली है और उसको नींद आ रही है और उसने सोना है। वो उठ कर नशे में लड़खड़ाती एक कमरे में चली गयी। शाज़िया के चले जाने के बाद फौज़िया ने भी सोना चाहा और वो भी नशे में लड़खड़ाती शाज़िया के रूम मैं जाने लगी तो मैंने कहा, फौज़िया साहिबा, आपका दूसरा रूम है। इस पर कुछ शर्मा गयी मगर मुस्कुरा कर दूसरे कमरे में चली गयी।
मेरा और अहमद का दिल तो कर रहा था कि गर्ल फ्रैंड्स को चेंज और शेयर करें लेकिन शायद अभी तक हम में कोई बात थी कि हिम्मत नहीं हो रही थी और फिर हम दोनो कुछ देर गपशप लगा कर अपने अपने कमरे में चले गये।
मेरे रूम में शाज़िया मेरा इंतज़ार कर रही थी और दूसरे रूम में फौज़िया अहमद का इंतज़ार कर रही थी। उसका हाल तो मुझे मालूम ना हो सका लेकिन शाज़िया चुदाई के लिये बेकरार थी। वो पहले ही अपने कपड़े उतार चुकी थी और नशे में बिस्तर पर सिर्फ सैंडल पहने नंगी पड़ी अपनी चूत सहला रही थी। मैंने शाज़िया को बहुत ज़बरदस्त तरीके से छः दफ़ा चोदा और सुबह तक हम लोग मुखतलिफ़ तरीके से एक दूसरे के साथ चुदाई करते रहे।
सुबह होने से कुछ देर पहले मैं उठ कर किचन में पानी पीने आया तो उस दौरान फौज़िया भी किचन में थी और मैंने उसको छेड़ते हुए पूछा कि रात कैसी गुज़री? वो मुस्कुरायी और मुझसे मेरी रात का पूछा। मैंने पहली बार फौज़िया को अपने साथ काफी फ़्री देखा और उसे देख कर ज़ाहिर था कि वो भी शाज़िया की तरह नशे में थी। मैंने उसको बाँहों में लिया और कहा कि मैं तुम्हें भी चोदना चाहता हूँ!
उसने भी यही कहा कि मैं भी तुम्हारे साथ चुदाई करना चाहती हूँ मगर शाज़िया नहीं मानती क्योंकि वो तुमसे प्यार करती है और वो कहती है कि नोमी सिर्फ़ मेरा है! खैर उधर किचन में मैंने उसके साथ कुछ चूमा-चाटी की और कुछ उसके बूब्स दबाये। उसके बाद मैं अपने रूम में आ गया और शाज़िया के साथ एक और दफा चुदाई की। फिर सुबह हो गयी और मैंने पहले की तरह शाज़िया के साथ मिलकर बाथ लिया और फिर वो दोनो लड़कियाँ तैयार हुईं क्योंकि उन्होंने ड्यूटी पर जाना था।
उसके बाद अहमद की कार में हम चारों उनके होस्टल की तरफ़ आये। वहाँ गेट पर पहुँच कर हमने उनको अलविदा किया तो पहली बार शाज़िया के साथ-साथ फौज़िया ने भी मुझे एक किस किया और इसके जवाब में शाज़िया ने भी पहली बार अहमद को किस किया और हमारा थैंक्स किया और कहा कि बहुत मज़ा आया।
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