RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
सेक्स की पुजारन पार्ट- 10
गतान्क से आगे.............
मैने ज़िंदगी मे कभी भी दूसरी लड़की के साथ सेक्स के बारे मे सोचा नही था. पर ऐश्वर्या राई की बात सुन कर मैं सोच में पड़ गयी.
‘तुम सच में ऐश्वर्या राई को जानते हो’
‘तो में कब का क्या कह रहा हूँ. तुझे पता नहीं कितनी सेक्सी हैं वो. टी. वी. में दिखती हैं उससे भी सेक्सी. और एक नंबर की चुड़क्कड. साली घंटो तक लड़कियो की चूत चाट्ती रहती हैं. बहुत मज़ा आएगा तुझे. ज़रा सोच तू अपने पैर फैला कर बैठी हैं और नीचे देख रही हैं कि ऐश्वर्या अपनी जीब निकाले तेरी चूत चाट रही हैं’
डिज़िल्वा की ऐसी बातें सुन कर मेरा मन ललचा गया. मैं सोचने लगी कि ऐश्वर्या राई के साथ सेक्स करने में कितना मज़ा आए गेया. ‘तू सिर्फ़ हां कर, में कल ही उसे मिलने का इंतज़ाम कर लेता हूँ’
‘ठीक हैं…’
अगले दिन स्कूल के बाहर डिज़िल्वा अपनी गाड़ी में मेरा इंतेज़ार कर रहा था. मुझे पता नहीं था पर गाड़ी उसने मेरी चुदाई के पैसे से ही खरीदी थी. हम ड्राइव करके एक बड़े से घर में आए. मुझे ऐश्वर्या राई से मिलने की बहुत जल्दी हो रही थी. में बहुत खुश थी. हम उस मकान के अंदर चले गये.
अंदर हम एक कमरे में गये. वहाँ एक औरत थी. मैने सोचा की शायद कोई नौकरानी होगी. दिखने में मायावती जैसी थी. मोटी और एक दम काली कलूटी, उसके होठ पान ख़ाके लाल हो गये थे.
‘जी नमस्ते मेडम’ देसील्वा ने कहा. ये कोई नौकरानी नही थी.
‘हां नमस्ते नमस्ते’ वो औरत मुझे घूर रही थी.
डिज़िल्वा ने मुझे देख के कहा ‘यह हैं ऐश्वर्या मेडम. नमस्ते करो इनको’
‘मेडम ये हैं मानसी, जिसके बारे मैं मैने आपको फोन पे बताया था’ मेरा दिल बैठ गया. डिज़िल्वा ने मुझे फिर से बेवकूफ़ बनाया था.
‘बहुत प्यारी लड़की हैं. बिल्कुल कटरीना कैफ़ दिखती हैं. क्या उमर है इसकी’
‘जी सोलाह साल’
वो औरत हस पड़ी. हँसने से उसके दाँत दिखाई दे रहे थे. सड़े हुए काले दाँत थे उसके. ऐसी बदसूरत औरत मैने ज़िंदगी में नही देखी थी. मैने ठान लिया कि कुछ भी हो जाए में ऐसी गंदी औरत के साथ कुछ नहीं करूँगी.
औरत खड़ी हो के मेरे पास आ गयी. उसके मूह से बहुत बदबू आ रही थी. वो मुझे उपर से नीचे देख रही थी. वो चल के मेरे पीछे आ गयी और डिज़िल्वा को कहा ‘वाह देसील्वा, मान गये’
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था. मेरे पीछे आ कर वो औरत अपना एक हाथ मेरी गांद पे रख कर उसे मसल्ने लगी ने लगी और कहा ‘वह क्या टाइट गांद हैं’. बाज़ार में कोई माल इस्तेमाल करने से पहले तराष्ता हो वो मुझे वैसे ही कोई चीज़ की तरह तलाश रही थी. मेरा गुस्सा उबल पड़ा. मैने उसके हाथ को अपने हाथ से मार के हटा दिया.
‘मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ. मैं जेया रही हूँ यहाँ से’ मैने गुस्से से कहा.
मैं घूम से वहाँ से चलने लगी तो डिज़िल्वा ने मुझे कमर से पकड़ के उठा लिया. मैं चीख पड़ी और अपने हाथ और पैर हवा में मारते हुए चिल्ला रही थी.
‘जाने दे मुझे, छोड़ दे मुझे’ वो औरत मुझे देख मुस्कुरा रही थी. मेरी ऐसी हालत देख के उसे मज़ा आ रहा था.
‘हाथ बाँध दू मेडम ?’ डिज़िल्वा ने उसे पूछा
‘नहीं रे. छटपटाने दे साली को. इसी में तो मज़ा हैं.’
‘जाने दो मुझे वरना में पोलीस में तुम लोगों की कंप्लेंट कर दूँगी’
दोनो हंस पड़े. डिज़िल्वा ने कहा ‘पोलीस में कंप्लेन करनी हैं तो मेडम से ही कर ले. यह पोलीस कमिशनर हैं’
में हैरान हो गयी. और मेरी हैरानी में मेने अपने हाथ पैर चलाना बंद कर दिया. इसका मौका ले कर डिज़िल्वा ने मुझे नीचे कर दिया और मुझे एक पास वाले टेबल के साइड पे खड़ा कर के आगे की तरफ झुका दिया. में अब टेबल पे पेट तले लेटी थी और मेरे पेर ज़मीन पे थे.
डिज़िल्वा ने मेरी पीठ पर एक हाथ रख के मुझे हिलने से रोक लिया.
डिज़िल्वा ने दूसरे हाथ से मेरा स्कर्ट उपर उठा के कहा ‘ये लो मेडम. माल तैयार हैं’
वो औरत अब मेरे पीछे आ गयी और ज़मीन पे बैठ गयी.
‘साली क्या गांद हैं इसकी’
मैं डिज़िल्वा के चंगुल से निकल ने की कोशिश कर रही थी और खड़ी होने की कोशिश कर रही थी, इससे मेरी गांद थोड़ी हिल रही थी.
ये नज़ारा देख उस औरत से रहा नही गया और वो मेरी गांद पे टूट पड़ी. उसने दोनो हाथो से मेरी गांद ज़ॉरो से मसलना शुरू कर दिया और अपना मूह मेरी पॅंटी के उपर से ही मेरी गांद के छेद पे लगा कर पूरा नीचे से उपर चाटने लगी.
दो/तीन मिनिट तक वो ऐसे ही मेरी गांद को मसल्ति और चाट्ती रही. चाटने से मेरी पॅंटी पूरी गीली हो गयी थी. अचानक बिना कोई चेतावनी उस औरत ने मेरी पॅंटी नीचे करदी और अपनी जीब को टाइट कर मेरी गांद में डाल दिया. में चोंक गयी. अचानक गांद में गीली जीब के एहसास से मुझे बहुत मज़ा आ गया और मेरे मूह से ‘आआआआहह’ करके सिसकियारी निकल गयी. वो दोनो हाथों से मेरी गांद फैला कर अपना मूह पूरा मेरी गांद के छेद पे दबा कर अपनी पूरी जीब लगभग 4 इंच तक मेरी गांद में घुसेड के उसे उपर नीचे कर रही थी.
मुझे पता भी नही चला कि कब डिज़िल्वा ने अपना हाथ मुझ पे से हटा दिया और साइड पे जा कर अपनी पॅंट उतारके अपने लंड को हिलाने लगा. मेडम अब अपनी जीब से मेरी गांद को चोद रही थी. दोनो हाथों से मेरी गांद मसल्ते मसल्ते वो अपनी जीभ तेज़ी से मेरी गांद में अंदर बाहर कर रही थी. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मोका देख डिज़िल्वा ने मेरा स्कर्ट निकाल दिया और मेरा शर्ट भी निकाल मुझे नंगा कर दिया. मेडम भी मेरी गांद चाटते चाटते नंगी हो गयी थी. कुछ देर तक जीभ से गांद की चुदाई ले कर मुझे बहुत मज़ा आने लगा था और मेरी चूत गीली हो गयी थी. मेडम ने मेरी गीली चूत देख ली.
‘ये देख डिज़िल्वा साली की चूत गीली हो गयी. एक नंबर की रांड़ हैं साली’ ये कह के वो खड़ी हो गयी. उसने एक हाथ से मेरे बाल पकड़ के ज़ोर से खीच के मुझे खड़ा कर लिया, मेरा सर उपर की तरफ हो गया और में दोनो हाथो से उसका हाथ मेरे बालो से हटाने की कोशिश कर रही थी.
‘आआऐईईई… प्लीज़ बाल छोड़ो मेरे’
दूसरे हाथ से उसने मुझे पीछे से खीच के मेरा नंगा जिस्म अपने नंगे बदन से लगा दिया.
‘साली रांड़, गांद चटवाने में मज़ा आता हैं ? अब में तुझे दिखाती हूँ हम पोलिसेवाले रंडियों का क्या हाल करते हैं.’ ये कह के वो घूम के मेरे सामने आ गयी. उसने अभी भी मेरे बाल एक हाथ से खीचे हुए रखे थे. में दोनो हाथो से उसका हाथ मेरे बालों से निकालने की कोशिश कर रही थी.
मैने मेडम का नंगा शरीर देखा. मुझे यकीन नही हो रहा था की कोई औरत इतनी बदसूरत हो सकती हैं. उसके बूब्स बहुत बड़े और बिल्कुल ढीले थे, उसके पेट तक पहुच रहे थे, उसका पेट मोटा था और उसके शरीर से पसीने की बदबू आ रही थी. उसने मेरे बाल खीचना छोड़ दिया और अपने दोनो हाथो से मुझे जाकड़ लिया. मेरा नंगा बदन उसके शरीर से चिपका हुआ था मैं उसके चंगुल से निकलने की कोशिश कर रही थी पर उसने मुझे कस के पकड़ा था में जितनी कोशिश ज़्यादा करती उतना ही उसको ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
‘जाने दो मुझे प्लीज़’ मैं अब रोने लगी थी और मेरी आखों से आँसू निकल के मेरे गालों पे बह रहे थे. पर इससे मेडम पे कुछ असर नही था.
‘साली क्या चीनी हैं तू’ ऐसा कह के वो अपना मूह खोल के अपनी जीब बाहर निकाल मेरे मूह के पास ला दी. उसके मूह से गंदी बदबू आ रही थी. मैने अपना चेहरा मोड़ दिया. मेरे मूह मोड़ने से उसने अपनी जीब मेरे गालों से लगा दी और मेरे गालों से मेरे आँसू चाटने लगी.
‘साली रांड़ नखरे मत दिखा आज तो कुछ भी हो जाए तुझे पूरी मसल मसल के इस्तेमाल करूँगी’
डिज़िल्वा मेरे पीछे आ गया और अपने दोनो हाथो से मेरा चेहरा सीधा कर दिया. मेडम मुस्करा दी और फिर से अपनी जीब निकाल मेरे मूह की तरफ ले आई. मैने अपना मूह पूरी ज़ोर से बंद कर दिया था. मेडम ने अपने होंठ मेरे होंठ पे लगा दिए और ज़ोर से चूसने लगी. वो अपनी जीब ज़बरदस्ती मेरे मूह में ठुसने की कोशिश कर रही थी पर मैने अपना मूह बंद रखा.
‘डिज़िल्वा ये ऐसे नही माने गी’ यह कहके वो एक कदम पीछे लेकर मेरे दोनो निपल को अपनी उंगलियों के बीच ले कर ज़ोर से दबा दिया.
‘आआऐईईई……’ में ज़ोर से चीख पड़ी. मुझे इतना दर्द कभी नही हुआ था.
‘प्लीज़ छोड़ो मुझे’
‘मेडम की बात मानले और ठीक से उनको मज़ा लेने दे, वरना तू तो जानती हैं पोलीस वाले रंडियों का क्या हाल करते हैं’ डिज़िल्वा ने कहा
‘ठीक हैं, ठीक हैं, प्लीज़ मेरे निपल को छोड़ दो’
यह सुनके मेडम ने मेरे निपल छोड़ दिए. ‘अपना मूह खोल और जीब बाहर निकाल और ठीक से मुझे किस कर वरना अगली बार निपल और ज़ोर से दबाउउंगी’ मेडम ने मुझे कहा. में अब रो रही थी और मेडम ने कहा वैसा मैने कर दिया. मेरे जीब निकालते ही वो मेरी जीब अपने मूह में ले के उसे चूसने और चाटने लगी. उसने अपनी जीब मेरी जीब से रगड़ना शुरू कर दिया. मैं भी डर के मारे अपनी जीब हिला के उसकी जीब के साथ रगड़ने लगी. उसने मुझे अब कस के पकड़ा था और अपने होंठ को मेरे होंठो से ज़ोर से दबा कर मुझे चूम रही थी. मैं रो रही थी और मेरे आखों से आँसू बह रहे थे पर डर रही थी कि अगर मैने मेडम को चूमना बंद किया तो वो फिर से मेरे निपल दबा देगी. उसके मूह की बदबू से मुझे घिन हो रही थी. वो मुझे ऐसे ही चूमती और चाट्ती रही. हमारे जीब के रगड़ने से हमारे दोनो के मूह से थूक बह रही थी. मेडम को तो जन्नत मिल गयी थी. इतनी चिकनी लड़की तो उसने आज तक देखी भी नही थी. वो लगभग आधे घंटे तक मुझे ऐसे ही पागल की तराह चूमती और चाट्ती रही. मेरे होंठो और जीब में दर्द भी शुरू हो गया था. इतनी थूक मेरे मूह से निकल चुकी थी कि थूक ने बह के मेरे बूब्स को भी गीला कर दिया था. सारा वक़्त में रोती रही. आख़िर उसने मुझे चूमना बंद किया और कहा ‘बिस्तर पे लेट जा’. मुझे डर था कि वो मुझसे अब क्या करवाएगी. मैं वही खड़ी रही और रोती रही.
‘मैने कहा लेट जा’ ऐसा कह के मेडम ने मेरे गाल पे एक कस के थप्पड़ मार दिया. मुझे ज़िंदगी में कभी किसी ने मारा नही था, मेरी ऐसे अपमान से मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था और डर भी बहुत था मेडम का. गुस्से और दर्द के मारे में रोती रही और वही खड़ी रही.
‘बहरी हैं क्या साली’ ऐसा कह के मेडम ने मुझे दोनो गालों पे तमाचे मार दिए.
में रोते रोते ज़मीन पे लेट गयी.
‘यह हुई ना बात’
उसने अपने घुटनो को मेरे सर के दोनो बाजू मे रख के अपनी चूत मेरे चेहरे के नज़दीक ला दी.
उसकी चूत पे घने बाल थे.
‘अब तू मेरी चूत चाटेगी’ ऐसा कह के मेडम ने अपनी उंगलियाँ से अपनी चूत फैला दी और धीरे से नीचे मेरे होंठो के पास लाना शुरू किया.
मैं ऐसी गंदी चीज़ करने को तैयार नही थी और मैने अपना सर मोड़ लिया. मेडम की चूत मेरे गाल को छू रही थी और वो अपनी गांद हिलाके चूत को मेरे गाल पे घिस रही थी.
‘साली सीधे से मान कर चूत चाट ले’
‘प्लीज़ मुझे बहुत गंदा लगता हैं’ मैने रोते रोते उससे भीक माँगी.
बिना कोई चेतावनी मेडम ने मेरे दोनो निपल अपनी उंगलियों के बीच ले कर ज़ोर से दबा दिए.
‘आऐईयईईईई.. ’ में चीख पड़ी.
‘चाटना शुरू कर’
मुझसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था. मैने अपना मूह सीधा कर अपनी जीब मूह से निकाल मेडम की चूत चाटना शुरू कर दिया. मेडम ने मेरे निपल दबाना बंद कर दिया.
‘ज़ोर से चाट और अपने होंठ लगा’ मैने उसका कहना मान कर अपने होंठ उसके चूत से लगा दिए और अपनी जीब उसकी चूत में पूरी डालके चाटने लगी. मेरी आँखे बंद थी.
‘अपनी आँखें खोल के रख’ मैने अपनी आँखें खोल दी. इतना घिनोना नज़ारा मैने आज तक नही देखा था. मेडम नीचे मुझे देख मुस्कुरा रही थी और मुझे उसके सड़े हुए दाँत दिख रहे थे. एक तो इतनी बदसूरत औरत और उतना ही बदसूरत उसका नंगा शरीर. और में ज़मीन पे लेटी रोते रोते उसकी चूत ज़ॉरो से चाट रही थी.
दस पन्द्राह मिनिट तक में ऐसे ही मेडम की चूत चाट्ती रही. कभी चूत में जीब डाल के उपर नीचे करती और कभी जीब को चूत के अंदर बाहर करके चूत को चोदती. मुझे ऐसी बुरी चीज़ करने में बहुत बुरा लग रहा था पर जानती थी कि ना करने पे ये औरत मेरा क्या हाल कर सकती हैं. अब उसकी चूत से पानी भी बह रहा था. उसने मेरे दोनो हाथ ले कर मुझे उसकी गांद मसल्ने को कहा. मैने दोनो हाथो से मेडम की गांद मसलना शुरू कर दिया.
तो दोस्तो आपने देख लिया होगा की साला डिसिल्वा हमारी सेक्स की पुजारन को फिल्मी हीरोइन ऐश्वर्या की बजाय पुलिस वाली ऐश्वरया के पास ले गया था अब बिचारी सुमन का क्या हाल होगा ये जानने के लिए पढ़ते रहे सेक्स की पुजारन आपका दोस्त राज शर्मा
क्रमशः..........
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