RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
कुछ देर डिज़िल्वा ऐसे ही मा की तारीफ़ करता रहा और मा उसकी बातें सुनकर खुश होती रही. पिताजी के मरने के बाद मा बिज़्नेस और अपनी बेटी को संभालने में मुशगूल हो गयी थी. पर वो भी अभी जवान ही थी, उसकी उमर सिर्फ़ 35 साल की थी. अपने जिस्म की ज़रूरतों को उसने बिल्कुल दबा दिया था. और किसी मर्द की हिम्मत नही होती कि सावित्री देवी के साथ कोई हरकत करे. डिज़िल्वा जिस तरह से मा की तारीफ कर रहा था वैसे किसी ने पहले मा की तारीफ नही की थी और इससे मा को बहुत अछा लग रहा था.
‘जी भाई साब आपको हमारे यहाँ खाने पे आना पड़ेगा, आप कहिए आप कब आ सकते हैं’
‘जी ज़रूर क्यूँ नहीं, अगले हफ्ते में आ सकता हूँ’
‘बस तो बात पक्की, आप सोमवार को 8 बजे आ जाना’
‘ठीक हैं बहेन जी अब आप इजाज़त दीजिए’ डिज़िल्वा चला गया.
‘बहुत ही अच्छे जेंटालमेन हैं ना बेटी ? आजकल ऐसे मर्द नहीं मिलते’ डिज़िल्वा ने मा की तारीफ कर कर के उसको खुश कर दिया था. मैने कुछ नहीं कहा और अपने कमरे में चली गयी.
मेरी गान्ड का दर्द मुझे बहुत परेशान कर रहा था. में ठीक से सो भी नहीं पा रही थी. मैने सोच लिया था कि अब पानी सर के उपर से चला गया था और मुझे डिज़िल्वा से मिलना बंद करना ही पड़ेगा. मैं जानती थी कि मेरी सेक्स की भूक मुझे फिर से डिज़िल्वा के पास ले जाएगी. इस कारण मैने अगले दिन मा को कह दिया कि में दसवी के एग्ज़ॅम शुरू हो तब तक शहर के बाहर जो हमारा फार्महाउस था वहाँ जा के एग्ज़ॅम की तैयारी करूँगी. मेरी एग्ज़ॅम को दो महीने बाकी थे. अगले ही दिन मेने डॉक्टर से दर्द की दवाई लेली और फार्महाउस चली गयी.
मेरे फार्महाउस जाने के बाद वाले सोमवार को डिज़िल्वा हमारे घर खाने पे आया.
‘जी नमस्ते भाई साब’
‘नमस्ते बहेनजी, आप बहुत खूबसूरत लग रही हैं आज’ मा नें एक सफेद रंग की साड़ी पहनी थी और स्लीवेलेस्स ब्लाउस पहना था. डिज़िल्वा उसे देख सोच रहा था ‘साली क्या सेक्सी हैं, बिल्कुल अपनी बेटी की तरह, क्या चिकना बदन हैं’
‘जी शुक्रिया’ मा नें मुस्कुराते हुए कहा
‘जी में थोड़ी सी वाइन ले आया हूँ, आप को कोई ऐतराज़ तो नहीं ?’
‘जी बिल्कुल नहीं’
दोनो खाना खाने के लिए बैठ गये.
‘जी आप भी थोड़ी वाइन लीजिए’ डिज़िल्वा ने मा से कहा
‘जी में पीती नहीं’
‘जी में अकेला तो पी नहीं सकता, आप ऐसा करो सिर्फ़ एक ग्लास पी लो बाकी का में पी लूँगा’ ऐसा कह के डिज़िल्वा ने मा का ग्लास भर दिया. मा भी उसकी बात का लिहाज़ रख के धीरे धीरे वाइन पीने लगी.
खाने के वक़्त इधर उधर की बातें करते करते डिज़िल्वा सारे वक़्त मा की खूबसूरती की तारीफ़ कर रहा था. वो धीरे धीरे अपनी बातों को थोड़ा और सेक्सी कर रहा था.
कुछ देर बाद मा ने अपनी वाइन ख़तम कर दी तो डिज़िल्वा ने उसे फिर से पूछे बिना पूरी भर दी. मा भी बातों बातों में धीरे धीरे वाइन पीती गयी. अब डिज़िल्वा की हिम्मत और बढ़ गयी थी.
‘सच कहता हूँ बहेन जी आप का फिगर कोई 18 साल की लड़की के जैसा हैं, 35 साल का तजुर्बा और 18 साल का बदन, क़िस्सी मर्द को और चाहिए ही क्या, मुझे समझ नही आ रहा कि आपने दूसरी शादी क्यूँ नही की’
‘जी छोड़िए भाई साब, बिज़्नेस का ख्याल रख के मुझे टाइम ही कहाँ मिलता हैं’ वाइन पी के मा का दिमाग़ अब थोड़ा हल्का हो गया था और उसकी शरम थोड़ी कम
‘आप बताइए भाई साब, आप ने क्यूँ अभी तक शादी नही की?’ डिज़िल्वा सारी रात अपने बारे में झूठी कहानी बना रहा था.
‘जी अब में क्या कहु बहेन जी. मुझे कारण कहने में थोड़ी झिझक होती हैं, आप शायद नाराज़ हो जाएगी’
‘जी बिल्कुल नहीं आप बेजीझक हो कर कहिए’
‘नही नही आपको सच में ही बुरा लग जाएगा’
मा की उत्सुकता अब बढ़ गयी थी ‘नही भाई साब, में सच कहती हूँ आप जो भी कहेंगे मुझे बुरा नहीं लगेगा’
‘जी ठीक हैं तो. असल में बात ये हैं कि जब भी कोई औरत से बात बनती हैं तो वो मेरे लंड का साइज़ देख के घबरा जाती और आगे बात ही नहीं बढ़ती’
मा यह बात सुनकर बहुत शर्मा गयी. उसके गाल गुलाबी हो गये और उसने कुछ कहा नही. उसने अपनी आँखें झुका के अपने प्लेट में देखने लगी.
‘आप बुरा मान गयी’
‘जी ऐसा कुछ नहीं’ मा ने कहा. उसके दिमाग़ में अब डिज़िल्वा ने अपने लंड का ख्याल डाल दिया था.
डिज़िल्वा मौके का फ़ायदा लेकर बोलता गया
‘वैसे तो कहते हैं कि मर्द का लंड अगर बड़ा हो तो औरत आसानी से मिल जाती हैं, पर असल में ऐसा नहीं होता हैं’
‘जी क्या आपका इतना बड़ा हैं कि लड़कियाँ डर जाती हैं?’ डिज़िल्वा अब समझ गया कि मा उसके चंगुल में फस रही हैं.
‘जी हां पूरा 10 इंच लंबा और काफ़ी मोटा हैं, इसी का तो रोना हैं’ मा के मन में अब हलचल होने लगी थी. खाना अब ख़तम हो गया था. मा ने तीन ग्लास वाइन पी ली थी और उसका सर थोड़ा थोड़ा नशे से घूम रहा था. उसके दिमाग़ में अब डिज़िल्वा का लंड छाया हुआ था.
‘जी सोफा पे बैठ के बात करे’ डिज़िल्वा ने कहा. उसके मन में अब आइडिया आ गया था. दोनो अपने वाइन का ग्लास ले के सोफा पे बैठ गये. मा का ये चौथा ग्लास था. डिज़िल्वा ने एक ग्लास भी ख़तम नही किया था. तभी डिज़िल्वा ने अपना ग्लास ले कर सारी वाइन अपनी पॅंट पे गिरा दी.
‘उफ़फ्फ़… बहुत वाइन गिर गयी, आप ज़रा सॉफ कर देंगे प्लीज़’ डिज़िल्वा खड़ा हो गया.
‘जी ?..’ मा ने पूछा
‘प्लीज़ जल्दी वरना दाग लग जाएगा’
‘जी ठीक हैं’ मा अपने साड़ी के पल्लू से डिज़िल्वा के पॅंट पे घिसना शुरू कर दिया. डिज़िल्वा को मा के छोटे से ब्लाउस मे से उसके गोरे बूब्स आधे से ज़्यादा दिखाई दे रहें थे. जैसे मा अपना हाथ हिला के सॉफ करती उसके बूब्स भी हिल जाते. डिज़िल्वा का लंड अब खड़ा होने लगा. उसका सारा पॅंट आगे से गीला हो गया था. उसने अपने लंड पे इशारा करके कहा
‘जी यहाँ पे बहुत गीला हो गया हैं’ मा ने अपनी साड़ी का पल्लू डिज़िल्वा के लंड पे रगड़ना शुरू किया.
मा के गाल गुलाबी हो गये थे. उसकी सेक्स की भूक ने उसके दिमाग़ को चलने से रोक लिया था. दो ही मिनिट में डिज़िल्वा का लंड खड़ा हो गया था. मा को डिज़िल्वा के लंड के साइज़ पे यकीन नहीं हो रहा था. वो अपना हाथ नीचे से उपर तक डिज़िल्वा के लंड पे घिस रही थी.
‘लगता हैं अब काफ़ी सॉफ हो गया हैं’
‘नहीं बहेन जी. अभी भी गीला है, थोड़ा और सॉफ कीजिए’
‘ठीक हैं’ मा जानती थी कि उसे अब अपने आप को रोक लेना चाहिए पर वो अपना हाथ रोक नही पा रही थी. कुछ देर वो ऐसे ही घिसती रही.
डिज़िल्वा से अब रहा नहीं गया और वो अपने पॅंट के बटन खोलने लगा
‘जी ये क्या कर रहे आप भाई साब’
‘अब मुझसे नहीं रहा जाता’ डिज़िल्वा जानता था कि मा को बहुत सेक्स चढ़ गया था और वो जो कहेगा वो वैसा ही करेगी. उसने पॅंट खोल दी और दो कदम पीछे ले कर पॅंट ज़मीन पे गिरा दी. उसका पहाड़ जैसा लंड अब मा की आँखों के सामने था.
मा की आँखें लंड देख के फैल गयी. उसके दिल और दिमाग़ में अब सिर्फ़ सेक्स था. इतने सालों तक अपने जिस्म की भूक जो दबा के रखी थी अचानक बाहर आ गयी थी. डिज़िल्वा को मा की हालत का अंदाज़ा हो गया था और वो ऐसे ही खड़ा रहा. मा एक मिनिट तक वही पे बैठी लंड को देखती रही. डिज़िल्वा को मा को लंड के सामने लाचार देख के मज़ा आ रहा था.
डिज़िल्वा अपनी शर्ट के बटन निकालके पूरा नंगा हो गया. मा की साँसें तेज़ हो गयी थी और उसके बदन पे पसीना छा गया था. उसकी चूत गीली हो गयी थी.
अब डिज़िल्वा पूरा नंगा हो के मा की तरफ बढ़ा….
तो दोस्तो मैने कहानी को आगे बढ़ा दिया है लेकिन अब आपके विचार जानना ज़रूरी है
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