RE: Hindi Porn Stories सेक्स की पुजारन
‘देख तू मेरी बात गौर से सुन ले, तू सीधी गोआ, मौसी के पास चली जा और दादाजी का ख्याल भी अपने दिमाग़ में मत लाना तुझे मेरी कसम’
‘ठीक हैं मा ’
‘में कुछ दिन बाद गोआ आ जाउन्गि, तुम फोन अपने डॅडी को दो’
मैने डिज़िल्वा को फोन दिया.
‘हेलो अमित तुम प्लीज़ अपना और मानसी का ख्याल रखना’
‘डॉन’ट वरी डार्लिंग में उसका ठीक से ख्याल रख रहा हूँ’ डिज़िल्वा ने मुझे देखते हुए कहा.
‘जी मुझे आपसे कुछ प्राइवेट बात करनी हैं, आप प्लीज़ मानसी को वहाँ से दूर भेजिए’ मा को सेक्स की बात करनी थी डिज़िल्वा के साथ.
‘मानसी यहाँ नही हैं वो बाथरूम में गयी हैं, तुम बोलो’ डिज़िल्वा ने झूट बोला, उसने मेरा हाथ पकड़ मुझे वहाँ से जाने से रोक लिया और फोन का स्पीकर चालू कर दिया.
‘अमित अगर आप यहाँ नही होगे तो मेरे बदन की आग कौन बुझाएगा, तुम्हारे तगड़े लंड के बिना तो में पागल हो जाउन्गि डार्लिंग’
डिज़िल्वा मुझे देख मुस्कुरा रहा था. मुझे मेरी मा के मूह से गंदी बातें नही सुननी थी लेकिन ऐसी शरारती चीज़ करते हुए मुझे मज़ा भी आ रहा था.
‘क्या कुछ दिनो के लिए भी तुम से मेरे लंड के बिना रहा नही जाएगा क्या ? तुम क्या कोई रांड़ हो’
‘हां में रांड़ हूँ, लेकिन मुझे रांड़ तुम्ही ने बनाया हैं.तुम तो जानते हो अमित अगर मुझे तुम्हारा लंड रात को नही मिलता हैं तो मुझे नींद नही आती, में तो तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ’
में डिज़िल्वा से अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी लेकिन साथ साथ मा के मूह से ये बातें सुन के मुस्कुरा रही थी.
‘बात तो ठीक हैं मेरी जान, पता नही इस पोलीस के चक्कर के कारण हमे कितने दिन दूर रहना पड़ेगा. ऐसा करते हैं में तेरे लिए दो आदमियों का इंतज़ाम करता हूँ, में दो तगड़े आदमियों को जानता हूँ, दोनो चुदाई में एक्सपर्ट हैं’
‘ये आप क्या कह रहें हो’
‘अरे इसमे ग़लत क्या हैं, में जानता हूँ तू एक नंबर की रांड़ हैं, ऐसा करते हैं कि जब तक हम एक दूसरे से दूर हैं तू उनसे मज़ा ले और में कही और से मज़ा लेने की कोशिश करता हूँ.’
ये बात कह के डिज़िल्वा ने मेरा हाथ खीच के अपने लंड पे घिसने लगा. उसका लंड अब फिर से खड़ा हो रहा था.
‘जी ठीक हैं जैसा तुम कहो’ असल में दो तगड़े लंड की बात सुनके मा के मन में लड्डू फुट रहें थे.
‘ठीक हैं. उन दोनो के नाम फ़ैसल और तनवीर हैं. में उनसे अभी बात करलेता हूँ, वो कुछ देर के बाद तेरे पास आजाएँगे. चल अब में चलता हूँ बाइ’
फोन रखने के बाद डिज़िल्वा ने फ़ैसल और तनवीर को फोन लगा के मा के पास तुरंत जाने को कह डाला. हम फिर खाना खाने चले गये.
खाना खाने के बाद हम दोनो उपर अपने कमरे में वापस आए. डिज़िल्वा मुझे गंदी नज़र से देख रहा था. मुझे पता था कि वो फिर से सेक्स करना चाहता था, लेकिन मुझे सेक्स नही करना था.
‘चलो तुम्हारी मा से बात करते हैं देखते हैं कि वो दोनो पहुँचे की नही’ डिज़िल्वा ने मा को फोन लगा दिया. उसने फोन का स्पीकर फिर से ऑन रखा.
‘हेलो’
‘हेलो सावित्री, क्या वो दोनो आगये ?’
‘जी हां वो अभी अभी आए, क्या मानसी हैं वहाँ पे?’
‘नही वो खाना खाने गयी हैं, क्या कर रही हो तुम’
‘मैं यहाँ बेडरूम में हूँ दोनो के साथ’
डिज़िल्वा समझ गया कि सावित्री देवी को थोड़ा भी इंतेज़ार नही हुआ था और वो उन दोनो से चुदाई का मज़ा ले रही थी.
‘क्या कर रहें हैं वो तुझे’
‘जी तनवीर मुझे बिस्तर पे लेटा के चोद रहा हैं आआआहह, और ज़ोर से तनवीर आआआअहह’
मुझे वहाँ से चला जाना चाहिए था लेकिन मा की सेक्स की बातें मुझे सुननी थी.
‘फ़ैसल कहाँ हैं’
‘जी में उसका लंड चूस रही थी पर में अब फोन पे हूँ इसलिए वो इंतेज़ार करते हुए मेरे गालों पे अपना लॉडा रगड़ रहा हैं’
‘उन दोनो से इतनी जल्दी चुदाई शुरू कर दी तूने. थोड़ा भी इंतेज़ार नही किया साली बेशरम रांड़’
‘आआआहह हाया दोनो मस्त तगड़े मर्द हैं आआआअह्ह्ह्ह्ह, और ज़ोर से तनवीर आआआआहह’
अपनी मा के मूह से गंदी बातें सुन कर मुझे सेक्स चढ़ रहा था. डिज़िल्वा से भी मा की चुदाई सुन रहा नही गया और वो खड़ा हो गया और अपनी पतलून खोल अपना मोटा लंड बाहर निकाल दिया. अपनी बीवी की चुदाई सुनके उसका लंड टाइट हो कर खड़ा हो चुका था. फोन पे चुदाई सुनते हुए उसने अपना लॉडा दूसरे हाथ मे लेकर हिलाना शुरू कर दिया.
डिज़िल्वा के हाथ में उसका मोटा लॉडा देख मेरी चूत में हलचल होने लगी. मेरे मूह में पानी आ रहा था. वो अपने हाथ से अपने लंड की चमड़ी को आगे पीछे कर रहा था. मुझे उसका मोटा लॉडा और उसके नीचे उसके बड़े बॉल्स देख मज़ा आ रहा था. मुझसे अब रहा नही गया. में उसके सामने जाकर ज़मीन पे बैठ गयी और उसका हाथ उसके लंड से हटा दिया.
अपनी जीब बाहर निकालके मैं उसके लंड के उपर के हिस्से को प्यार से चाटने लगी.
फिर उसकी आँखों में देखते हुए मैने उसका लंड दोनो हाथों में ले लिया और अपना मूह पूरा खोलके उसके लंड के उपर के हिस्से को अपने मूह में ले लिया और चूसने लगी.
दोस्तो कहानी अपने समापन की तरफ चल पड़ी है
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