01-28-2020, 02:55 PM,
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
अपने प्यार से देवा किसी भी हाल में अलग नहीं होना चाहता था…
देवा(मन में): “प्यार…एक शब्द है…एक बेजान सा शब्द…इसका एहसास और असलियत तब पता चलती है जब हमे किसी से प्यार होता है…उससे लगाव होता है…और माता…मेरे लिए तो इस शब्द का एहसास सिर्फ नीलम ने ही कराया है…वह है तो सब सही लगता है…वो नहीं तो कुछ अच्छा लगता ही नहीं…जैसे कुछ है ही नहीं…यह दुनिया…लोग…और खुद मैं…कुछ महसूस नहीं होता…आज तेरे दरबार मै आके बस इतनी ही उम्मीद लगा रहा हुँ की मेरा प्यार मेरे से दुर नहीं होगा…मेरी जिन्दगी, मेरी जान मेरी ही रहेंगी…नही रहेगी तो यह साँसे तभी रुक जाये तो अच्छा रहेगा…”
और ऐसा कहकर देवा मंदिर का घण्टा बजा कर बाहर आ गया…
कुछ दुर तक मंदिर के बाहर भिखारी बैठे थे।
देवा ने उन लोगो को कुछ पैसे दिए, उन्होंने दुआये दी…
फिर देवा अपने घर की तरफ चलने लगा, रास्ते में एक पल उसके दिल में एक आवाज गुंजी…
“बेटे, अपने प्यार पे भरोसा रख…”
ये आवाज सुनते ही देवा के कदम थम गये, यह आवाज कुछ जानी पहचानी सी लगी देवा को…
वह सोचने लगा की आखिर यह आवाज उसने कहा सुनी है…
देवा यह सोच ही रहा था की वही आवाज फिर से उसके मन में गूँज पड़ी…
“बेटे, मन को शांत कर ले तेरी ख़ुशी में ही बहुत लोगो की ख़ुशी बसती है…सिर्फ उनके लिए दुखि मत हो और अपने प्यार पर भरोसा रख…”
ये बात सुनकर देवा मुडकर देखा पीछे कोई नहीं दिखा उसने चारो तरफ देखा पर वहाँ कोई भी नहीं दिखा…
देवा सोच में पड़ गया कहीं यह वही कल वाली औरत तो नहीं…या उसकी आवाज मेरे मन में गूँज रही है।
देवा ने उसकी कही बातो पर विचार करते हुए अपना सफ़र जारी रखा लगभग घंटे भर बाद देवा अपने घर पहुंचा।
उसने अपने घर का दरवाजा खटखटाया…।
देवा बाहर की तरफ देख रहा था।
दरवाजा खुला और देवा ने दरवाजे की तरफ कदम बढ़ाते हुए अपनी नजर भी उधर घुमाई…
और उसके कदम थम गए…
सामने कोई और नहीं नीलम खड़ी थी…
और वो देवा को देख रही थी…
नीलम को अपने सामने अचानक देख कर देवा की सिट्टी पिट्टी गूम हो गयी…
उसके कदम घर के अंदर पड़ने की बजाये पीछे जाने लगे…
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
कुछ पल रोने के बाद देवा को फिर से उसी औरत की बात याद आ जाती है और वो रोना बंद कर देता है,
और वही बैठे बारिश के रुकने का इन्तजार करता है…
लगभग आधे घंटे चलि बारिश की वजह से खेत में काम करना आज मुमकिन नहीं था।
इसलिये देवा ने अपने घर लौटने का फैसला लिया और चल दिया।
रास्ते में उसके कान में किसी की आवाज पड़ी जो उसका नाम ले रही थी।
देवा ने पीछे मुड़कर देखा तो यह वैध जी की बहु किरण थी।
किरण देवा को देखकर मुस्करायी, देवा के चेहरे पर का भाव नहीं बदला।
किरन :“कैसे हो देवा…”
देवा:“ठीक हूँ…”
किरण: “भाभी को तो याद ही नहीं करते अब, पदमा में ही लगे रहते हो क्या…”
देवा:“नहीं भाभी वो तो पेट से है वैसे भी, और ऐसा कुछ नहीं है…मै तो आपसे कुछ दिन पहले मिलने की सोच ही रहा था पर क्या करता काम से फुर्सत नहीं मिलति, रात को थक कर सो जाता हूँ…”
किरण: “पदमा को पेट से तो होना ही था। आखिर इतना तगड़ा लंड जो मिला था…”
किरण ने देवा के लंड पर हाथ चलाते हुए कहा।
देवा:“यह क्या कर रही हो तुम यहाँ खुले आम…”
देवा किरण का हाथ झटक कर हटा देता है।
किरण हँसती है, “शर्म आ रही है तुम्हे यहां तो आओ घर चलते है मेरे…”
देवा “नहीं इस समय मन नही है मेरा, कुछ दिन में आता हूँ।”
और देवा किरण को पीछे छोड आगे बढ़ जाता है।
किरण को थोड़ा बुरा लगता है पर उसे भी लगता है की देवा इस वक़्त परेशान है।
उसके चेहरे के हाव भाव से।
देवा भारी मन के साथ अपने घर की तरफ चलते जा रहा था।
किरण से मिलने के बाद उसका मन और भारी हो गया था।
ये याद करके की उसने अपनी माँ और नूतन के अलावा भी कितनी सारी औरतो के साथ सम्बन्ध बनाये है।
नीलम को जब पता चलेगा तो वो अपने प्यार के बारे में क्या क्या सोचेगी…
देवा घर पहुँच जाता है और रत्ना उसका स्वागत करती है।
रत्ना: “आओ…खाना तैयार है, हाथ मुह धो आओ…”
देवा हाथ मुँह धोके आ जाता है।
रत्ना और देवा साथ खाना खाते है…
खाना खाते हुए देवा रत्ना से फिर से पूछता है…
“माँ अब तो बताओ की क्या बात हुई थी…”
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
अपडेट 126
देवा बड़ी आस लगाता हुआ अपनी माँ रत्ना से पूछता है की आखिर शालु और नीलम क्या कह कर गए है सुबह.......
रत्ना देवा को देखती है और कहती है… “बात साफ़ साफ़ करके गए है वह…”
देवा डर जाता है, “मतलब क्या साफ़ करके ?”
रत्ना: “मतलब यह की आखिर कितनी जल्दी यह शादी करायी जा सकती है……………”
और यह कहते हुए रत्ना मुस्कुराती है…
देवा रत्ना की बात को समझने में थोड़ा समय लगाता है और उसकी मुस्कान से समझ जाता है।
देवाचौंकते हुए) “क्या”
रत्ना हँसने लगती है, “हाँ बेटा, तुम दूल्हे राजा बनने वाले हो बहुत जल्द…नीलम को हमारा रिश्ता क़बूल है…”
देवा को यह सुनकर ख़ुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहता और वो तुरंत उठकर अपनी माँ को गले से लगा लेता है…।
“माँ सच्ची कह रही हो न…।”
रत्ना “मुची…”
देवा का तो ख़ुशी का कुछ ठिकाना ही नहीं रहता वो वही खड़ा नाचना शुरू कर देता है यह जानकार की नीलम ने हाँ कर दी है शादी के लिए और उसका और उसकी माँ के बीच के रिश्ते को भी क़बूल कर लिया है।
देव, “माँ मुझे तो यकीन ही नही हो रहा है की नीलम को हमारा रिश्ता क़बूल है…यह कैसे हुआ ”
रत्ना: “हैरान तो मै भी हूँ, जब सुबह माँ बेटी आये तो मुझे लगा की क्या होगा, मै तो नीलम से नजर तक नही मिला पा रही थी, कुछ देर बाद सब बाते खुलकर सामने आने लगी, फिर नीलम ने मेरा हाथ पकड लिया और मुझसे कहा की वो समझती है मेरे दर्द को इसलिए उसे हमारे बीच के रिश्ते से कोई नाराजगी नहीं है…”
देवा रत्ना की बातो को गौर से सुनता है और जान कर थोड़ा हैरान भी होता है की नीलम ने ऐसा कहा।
रत्ना:“उसे तुमसे कोई शिकायत नही, वो जानती है की तुम उसे अपनी जान से ज्यादा प्यार करते हो, और जो हमारे बीच चल रहा है उसका उसकी जिंदगी पर असर ज्यादा नहीं पड़ने वाला…।वह तुमसे अब भी उतना ही प्यार करती है देवा…”
देवा मन ही मन शेरा वाली का धन्यवाद करता है और उस औरत की बातो को याद करता है की उसने बिलकुल सही कहा था अपने प्यार पर भरोसा रखने वाली बात के बारे में।
देवा की ख़ुशी उसकी आँखों से निकलते ख़ुशी के आँसुओ से भी पता लग रही थी।
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RE: Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम
वह बहुत ज्यादा ख़ुशी से अपनी माँ की बातो को सुनता हुआ रो रहा था…।
एक मजबूत मरद है देवा।
लेकिन प्यार से दुर होने का दर्द अच्छे अच्छो को रुला देता है,
और अंदर ही अंदर तोड़ देता है।
देवा खुद को ख़ुशनसीब मानता है की उसे नीलम जैसी प्रेमिका मिली है जो उसके और उसकी माँ के बारे में भी सोचती है…
देवा:“माँ मै बहुत खुश हूँ आज मेरा मन तो कर रहा है की अभी जाकर नीलम से लिपट जाऊँ…”
रत्ना:“नही अभी नही, ज्यादा मत उडो…कही नाराज न हो जाये इस बार…कुछ दिन रुको…”
देवा हँसता है और सोचता है की माँ सही ही कह रही है…
फिर देवा खाना खाने दोबारा बैठ जाता है और खाना ख़तम करके दोबारा अपनी माँ से लिपट कर अपनी ख़ुशी जाहिर करता है…
रत्ना “अब तो खुश है न तू बेटा, तेरी नीलम तेरे से दुर नहीं हो रही है…बल्कि अब तो तुम दोनों के रिश्ते में और गहराई आ जायेगी जैसे जैसे तुम एक दूसरे के बारे और जानते जाओगे…।”
देवा: “माँ मै सच्ची बहुत खुश हूँ । मेरा जैसे नया जनम हुआ हो आज ऐसा लग रहा है, माँ का धन्यवाद की मेरी नीलम मुझसे दुर नहीं हुई…और नहीं तुम्हारे और मेरे बीच के रिश्ते को कोई आंच आयी...”
रत्ना: “हाँ बेटे अब जबकि नीलम सब जानती है तो आगे की जिंदगी अच्छे से बीतेगी…सब कुछ पहले ही साफ़ हो जाये तो अच्छा रहता है…”
रत्ना शैतानी मुस्कान के साथ यह कहती है।
देवा भी रत्ना की बातो को समझता हुआ मुस्कराता है…
माँ बेटे कुछ देर ऐसे ही बाते करते है।
देवा “माँ तो शादी कब करनी है…”
रत्ना:“अभी पंडित को बुलाएँगे, शालु भी चाहती है की जल्द से जल्द यह शादी सम्पन हो जाये…ताकि वो भी अपने घर मजे कर सके अच्छे से…”
देवा:“माँ नीलम से तो पक्का कर लिया है न उसे तो कोई ऐतराज नहि जल्दी शादी से ?”
रत्ना: “हाँ बेटा मैंने पूछ लिया था, उसे कोई ऐतराज नहीं…वो भी जल्दी से जल्दी तुम्हारी बहु बनकर इस घर में आना चाहती है”
देवा ख़ुशी से पागल हो चुका था, नीलम के साथ अपनी शादी की बात सुनकर।
देवा:“माँ मुझे तो यह सब सपना लग रहा है अब भी…।”
रत्ना: “यह हक़ीकत है मेरे बच्चे…”
रत्ना देवा का सर सहलाते हुए घर के कामो के लिए चलि जाती है।
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