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स्वामी जी का "लन्ड"
शहर से करीब २५/३० किलोमीटर दूर एक छोटा सा आश्रम उसमे रहते थे स्वामी लंडेस्वर महाराज । लंडेश्वर का प्रवचन बहुत मशहूर था । उनको सुनंने के लिए दूर दूर से लोग आते थे । स्वामी लंडेश्वर सफ़ेद धोती पहनते थे और ऊपर से सफ़ेद गमछा ओढ़ लेते थे । उनका बदन सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं पड़ता था । बाल एकदम सफ़ेद हो चुके थे । लेकिन वे दाढ़ी और मूछ नहीं रखते थे । गोरा गठीला बदन, कसरती बदन था उनका जो की बड़ा ही मन मोहक और आकर्षक था । उनकी उम्र केवल ४५ साल की थी । उनकी ओजश्वयी वाणी सबका मन मोह लेती थी । भाषा सार गर्भित एवं तर्क पूर्ण होती थी । वे किसी भी सवाल का जबाब देने में समर्थ थे । धीरे धीरे उनकी ख्याति बढती गयी । लोग उन्हें सुनने के लिए और उनके दर्शन करने के लिए आने लगे । भीड़ बढती ही जा रही थी । मैंने देखा की भीड़ में महिलाएं ज्यादा थी । लड़कियां ज्यादा होती थी या फिर शादी शुदा औरतें । उनकी संख्या दिन पर दिन बढती जा रही थी । तब मैंने इसके रहस्य का पता लगाना शुरू किया ।
मुझे विशिष्ट सूत्रों से पता चला की लड़कियों की या शादी शुदा महिलायों की भीड़ का कारण क्या है ?
पहला कारण :- लड़कियों के बीच में यह धारणा बन चुकी है की जो लड़की स्वामी जी का "महा प्रसाद"एक बार चख लेती है उसकी शादी एक साल के अन्दर हो जाती है ।
दूसरा कारण :- जो शादी शुदा औरत स्वामी जी का "महा प्रसाद" एक बार चख लेती है उसकी संतान एक साल के अन्दर हो जाती है ।
बस, स्वामी जी का महा प्रसाद पाने के लिए लड़कियों की और शादीशुदा औरतों की भीड़ बढती जा रही है । अब सवाल इस बात का था की स्वामी जी के महा प्रसाद को कैसे प्राप्त की जाये ? मुझे पता चला की उनके नजदीक दो खास लड़कियां है । एक तो पूजा और दूसरी माला । इन दो लड़कियों के द्वारा ही महा प्रसाद मिल सकता है । मुझे यह भी मालूम हुआ की स्वामी जी के कुछ खास चेले भी है । कुछ चेले उनके साथ स्वामी के भेष में रहते है और कुछ छुपे हुए रहते है । मगर दोनों जगह के चेले बहुत ही स्मार्ट है । खूबसूरत है । लड़कियों के शौक़ीन है । और लड़कियां भी उनकी और आकर्षित होती है । वे किसी के साथ कोई जोर जबर दस्ती नहीं करते है । बहुत मीठा बोलते है । मीठा व्यवहार करते है । जहाँ तक हो सकता है सबकी सहायता करते है । किसी का किसी भी तरह नुकसान नहीं करते । उन दो लड़कियों के अलावा कुछ चेलियाँ भी है । बड़ी बिंदास चेलियाँ, निहायत खूबसूरत चेलियाँ, मीठा बोलने वाली चेलियाँ और सब कुछ करने को तैयार चेलियाँ ।
मैं किसी तरह माला से मिला और फिर माला की सहायता से पूजा से भी मिला । मैंने धीरे धीरे उनके नजदीक जाने का प्रयास किया और सफल भी हुआ । मैं धीरे धीरे सब कुछ जान लेना चाहता था । एक दिन मैं माला के साथ बैठा था । शाम का समय था । उस दिन माला को आश्रम में नहीं जाना था । मैं जब उसके नजदीक गया तो मालूम नहा की माला नशे में थी ।
मैंने माला से पूंछा :- आप मुझे एक बात बताईये की स्वामी जी के " महा प्रसाद" में क्या है ? कौन सा ऐसा प्रसाद है जो केवल लड़कियों को या फिर औरतों को ही मिल सकता है ? मर्दों को नहीं ?
माला बोली :- देखो ये बात गोपनीय है मैं नहीं बता सकती ?
तब तक पूजा भी वहां आ गयी । मैंने उसे भी नशे में पाया । खैर मैंने वही सवाल पूजा से किया तो
पूजा बोली :- जबाब है लेकिन मैं दे नहीं सकती ? आपको बता नहीं सकती ?
मैंने कहा :- अच्छा ये बताओ की क्या कोई उपाय है की मैं इसे जान सकूं ?
पूजा बोली :- हां है । एक उपाय है । आप हमारे सदस्य बन जाईये ।
मैंने कहा :- ठीक है मैं बन जाता हूँ। आप बताईये मुझे क्या करना होगा ?
पूजा बोली :- तो तुम पहले अपना "लन्ड" दिखाओ ? फिर बताऊंगी ।
फिर माला बोली :- हां मैं पहले तुम्हारा "लन्ड" पकड़ कर देखूँगी । उसकी जांच करूंगी । उसकी परीक्षा लूंगी और अगर पास हो गया तुम्हारा "लन्ड" तो मैं तुमको अपना सदस्य बना लूंगी । जब तुम सदस्य बन जाओगे तब मैं तुमको रहस्य बताऊंगी ।
मैंने पूंछा :- कौन सा इम्तहान पास करना होगा मेरे लन्ड को ?
माला बोली :- मैं पहले देखूँगी की तुम्हारा लौडा कितना लम्बा है ? कितना मोटा है ? सुपाडा कितना बड़ा है ? खड़ा कैसे होता है ? खड़ा होने पर लन्ड किस तरह का दिखता है ? लन्ड की झांटे है की नहीं ? है तो कैसी लगती है झांटे ? वैसे घनी घनी झांट वाले लन्ड चल जाते है ।
पूजा बोली :- फिर यह भी देखूँगी की लन्ड चाटने में कैसा लगता है ? चूसने में इसका स्वाद कैसा है ? चोदने में कितना मजबूत है ? कितना सख्त है ? क्या क्या चोद लेता है ? आगे से चोदने में कैसा है और पीछे से चोदने में कैसा है ? गाँड मार लेता है की नहीं । कितनी देर तक चोदता है ? झड़ने पर लन्ड की मलाई कैसे निकलती है ? कितनी मात्र में निकलती है ? उसका स्वाद कैसा होता है ?
माला बोली :- फिर यह भी देखूँगी की तुम चूंचियां कैसे पकड़ते हो ? चूंचियों को कैसे मस्त करते हो ? कैसे चूमते हो ? चूसते हो ? चूत कैसे चाटते हो ? चूत कैसे सहलाते हो ? चूतडों पर हाथ कैसे फेरते हो ?
मैंने कहा :- अरे बाप रे बाप ? इतना बड़ा इम्तहान ? मेरा बिचारा एक लन्ड कैसे ये सब कर पायेगा ?
माला बोली :- ये तो मैं लन्ड पकड़ कर बता दूँगी की तेरा लन्ड कर पायेगा की नहीं ?
मैंने कहा :- ठीक है । मैं तैयार हूँ । लेकिन पहले मुझे ये बताओ की मेम्बर होने के लिए लन्ड की क्या जरुरत है ? माला बोली :- अरे य़ार, इस आश्रम में लन्ड का ही तो सब काम है । जिसका लन्ड अच्छा होता है वही चेला बन सकता है । वही लड़कियों / औरतों को खुश कर सकता है । यहाँ पर जितनी चेलियाँ है वे सब लन्ड की शौक़ीन है । लन्ड के लिए यहाँ भी रहती है और बाहर भी जाती है । चेले आश्रम में लड़कियां चोदते है । औरतें चोदते है । वे जब संतुष्ट हो जाती है तो बार बार आती है और अपनी सहेलियों को भी लाती है । अब स्वामी जी को लीजिये ? अपने लन्ड की बदौलत ही वे हम सब के स्वामी बने है । उनके लन्ड के बराबर किसी का लन्ड नहीं है ।
मैंने पूंछा :- अच्छा ये बड़ा प्रसाद क्या है ?
पूजा :- स्वामी जी के लन्ड का वीर्य है महा प्रसाद । वास्तव में स्वामी जी को चूत चोदने से ज्यादा मज़ा सड़का लगवाने में आता है । लड़कियों से / औरतों से मुठ्ठ मरवाने आता है । उन्हें नंगी लड़कियां बहुत अच्छी लगती है । इसीलिए वो नंगी लड़कियों से ही सड़का लगवाते है ।अधिक से अधिक लड़कियां स्वामी जी का लन्ड पकडे और मुठ्ठ मारे इसलिए यह कहा गया की जो लड़की स्वामी का महा प्रसाद लेगी उसकी एक साल के अन्दर शादी हो जाएगी या फिर संतान हो जाएगी । अब आप देखिये की लड़कियों की कितनी लम्बी लाईन है ? हां जब कभी किसी को चोदने मन होता है तो चोद लेते है स्वामी जी ।
अब मेरे मन की सारी शंकाएं दूर हो गयी ।
मैंने कहा :- अच्छा पूजा और माला आप दोनों नंगी हो जाईये पहले फिर मुझे नंगा कर दीजिये । मेरा लन्ड पकड़ लीजिये और फिर जी भर लन्ड का इम्तहान लीजिये । दोनों शराब के नशे चूर थी । दोनों बड़ी बेशर्मी से नंगी हो गयी । उनकी बड़ी बड़ी चूंचियां और चूतड देख कर मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने जसे ही मुझे नंगा किया, मेरा लौडा टन्ना कर खड़ा हो गया । दोनों ने लन्ड एकसाथ पकड़ा और बड़ी देर तक देखती रही ।
पूजा बोली :- हाय रे माला, लगता है की इसका लन्ड स्वामी जी के लन्ड के बराबर है ?
माला ने जबाब दिया :- हां, स्वामी के लन्ड की लम्बाई ९" है और चौड़ाई ५" है । और इसके लन्ड की लम्बाई चौड़ाई इससे कम नहीं होगी ।
पूजा :- तो आज मिला है स्वामी के लन्ड को टक्कर देने वाला लन्ड ? मैं ज़रा इसे चूस लूं चाट लूं फिर बताती हूँ। मुझे तो उस लन्ड से यह लन्ड ज्यादा पसंद आ रहा है ।
माला :- चलो आज हम दोनों खूब चुदवायेंगी पहले फिर स्वामी जी को इस लन्ड के बारे में बताऊंगी । उस दिन मैंने जम कर दोनों को मजे से चोदा ।
चोदने के बाद मैं रात में वहीँ रुक गया । सवेरे जब मेरी नींद खुली तो मेरा लन्ड खड़ा था । सवेरे का लन्ड बड़ा मस्त होता है । मेरे खड़े लन्ड को पूजा ने देख लिया । उसने लपक कर लन्ड पकड़ लिया । अब मेरा लौडा और मस्ता गया । हिनहिनाने लगा जोश में । इतने में नंगी नंगी माला भी आ गयी । उसने भी लौडा सहलाया । अब तो लन्ड टन्ना कर कुतुबमीनार हो गया । माला ने मेरा लन्ड पकड़ा और सीधे स्वामी लंडेश्वर के पास ले गयी । उधर स्वामी का भी लौडा खड़ा था । पूजा ने स्वामी का लन्ड पकड़ लिया और बोली अरे दोनों लन्ड बहन चोद एक जैसे ही दिख रहे है । दोनों की लम्बाई और चौड़ाई एक जैसी लग रही है
माला :- स्वामी जी तेरे लन्ड के बराबर एक लन्ड मिल गया है । देखो तो कितना मस्त है इसका लौडा ?
स्वामी :- हां मैं इसका लन्ड देख रहा हूँ । मैं आज से ही इसको अपने ग्रुप में सामिल करता हूँ। इसका लन्ड भी स्वामी का लन्ड कहलायेगा । इसके लन्ड का वीर्य भी महा प्रसाद के नाम से जाना जायेगा । अभी यहाँ से लड़कियों को दो बार प्रसाद मिलता था लेकिन आज से चार बार मिलेगा । अब जब हमारे लड़कियां नंगी होकर हम दोनों के लन्ड पकडेगीं और सडका मारेंगी तो बड़ा मज़ा आएगा । उसके बाद माला ने स्वामी से चुदवाया और पूजा ने मुझसे । फिर थोड़ी देर में माला ने मेरा लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ा और पूजा ने स्वामी का लन्ड ।
मेरे सामिल होने के बाद तो तहलका मच गया ।
उसके बाद मैंने देखा की ह़र रात को एक से एक खूबसूरत लड़कियां/ औरतें हम दोनों का लन्ड पकड़ने आने लगी । मुठ्ठ मारने लगी । रात में होती थी सामूहिक चुदाई । जो लड़कियां दिन में मुठ्ठ मार कर प्रसाद निकालती थी उनमे से अधिक तर रात में आकर हम लोगों से जम कर चुदवाती थी । जितने साले चेले थे सब लौडिया चोदते थे । जितनी चेलियाँ थी सब लन्ड बदल बदल कर चुदवाती थी । इस तरह की ऐय्यास्सी मैं पहली बार देख रहा था । फिर मुझे यह भी मालूम हुआ की यहाँ से लड़कियां चुदवाने के लिए बाहर भेजी जाती है । और चेले बाहर जाकर लड़कियों को औरतों को चोदते थे । दो तीन बार मुझे भी बाहर जाकर ग्रुप में ऐय्यास औरतों को चोदने का मौका मिला । लोग समझ नहीं पाते थे की स्वामी लंडेश्वर वो है की मैं हूँ ?
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औरत के साथ सम्भोग का मज़ा
मैँ अनिल हूँ, एक 35 साल का शादीशुदा आदमी| मेरी बीवी को चोदते हुए मुझे 10 साल हो गये हैँ| मेरी बस एक ही कमजोरी है, शादीशुदा इंडियन औरत के साथ सम्भोग| मुझे रास्ते पर चलती हुई या गई मुहल्ले मेँ कोई भी शादीशुदा औरत दिख जाती है तो मेरा लंड फनफना कर खडा हो जाता है| ऐसा ही कुछ उस दिन हुआ जब मैँ अपने घर मेँ सोया हुआ था और बाहर से मैँने देखा कि एक औरत जिसकी उम्र करीब 30 साल की होगी, साडी मेँ सज धज कर कहीँ जा रही है|
मुझसे रहा नहीँ गया और मैँ उसके पीछे हो लिया| दोपहर का समय था, और सडक पर ज़्यादा लोग भी नहीँ थे| थोडी दूर जाने के बाद मैँने देखा कि वो औरत एक घर के बाहर रुक गयी और उसके आते ही दरवाजा खुल गया| वो यहाँ वहाँ देखकर अन्दर चली गयी| वो घर हमारे मोहल्ले के बनिये का था| मेरा दिल धडकने लगा क्योंकि बनिया एक बुड्ढा था जिसकी बीवी बच्चे उससे अलग रहते थे| मैँ घर के पास गया और खिडकी से अन्दर चुपके से झांक कर देखने लगा| अन्दर का सीन देखकर मेरा लंड फनफना कर खडा हो गया|
अन्दर वो औरत बुड्ढे के सामने ज़मीन पर बैठी थी, और बुड्ढा कुर्सी पर| औरत उसके लंड को पैंट से निकाल कर आईसक्रीम की तरह चूस रही थे| और वो आदमी सिसिया रहा था साथ मेँ औरत का मुँह अपने लंड पर ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था| मुझसे रह नहीँ गया और मैँने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और उसे हिलाने लगा| थोडी देर मेँ मैँने देखा कि वो आदमी उठा और उस औरत की साडी निकालने लगा| फिर दोनोँ ही पूरे नंगे हो गये| क्या माल थी वो औरत| एकदम पटाखा, गोरी गोरी, 36 28 36 का फिगर| वाह, मैँ तो जन्नत मेँ जैसे पहुंच गया था| फिर बनिये ने उस औरत को घुमाया और घोडी बनने को कहा| औरत झुकी और बनिये ने उसकी चूत को फैला कर उसमेँ अपना लंड डाल दिया और फिर धीरे धीरे धक्का मारने लगा| थोडी देर मेँ वो औरत सिसियाने लगी और बनिये ने भी अपने चोदने की स्पीड बढा दी|
यहाँ मैँने भी अपने लंड को कस कस के हिलाना शुरु कर दिया लेकिन मेरे लंड ने तो जैसे आज पिचकारी ना छोडने की कसम खाई थी| अचानक वो औरत मुडी और आदमी को नीचे लिटा कर खुद उसके ऊपर बैठ गयी| वाह उसकी गोरी गोरी मोटी गांड को वो उस बुड्ढे के लंड के ऊपर हिरन की तरह कुदा रही थी| बुड्ढा भी नीचे से उसे चोदे जा रहा था| वो औरत पागल रांड की तरह उस बुड्ढे पर कूदे जा रही थी और मुझे डर था कि कहीँ वो बुड्ढा इस चुदासी औरत की गांड और चूत के बीच मेँ पिस ना जाये| लेकिन वो बुड्धा भी बडा ताकतवर निकला| उसने फिर उस औरत को पटक दिया और अगा वहीँ उसे चोदने| दोनोँ इतनी ताकत से चुदाई करने लगे जैसे कुश्ती लड रहे होँ| थोडी देर मेँ ही बुड्ढा झडने लगा और मैँने देखा कि वो औरत उठी और बुड्ढे को लिटाकर उसके झडते हुए लंड को मुँह मेँ भर कर उसका ज्यूस पीने लगी|
सच मेँ ऐसी कामुक औरत मैँने आज तक नहीँ देखी थी| मैँने भी कसम खा लिया कि मैँ इस कामुक इंडियन औरत के साथ सम्भोग कैसे भी कर ही रहूंगा|
जैसे ही वो बनिया पूरी तरह से झड गया, वो औरत उठी और उसके मुरझाये लंड को फिर से खडा करने की कोशिश करने लगी| लेकिन वो बुड्ढा हांफते हुए उसे धकेल कर पलंग पर लेट गया| वो औरत गुस्से मेँ उसे देखकर कुर्सी पर बैठ गयी और फिर अपनी ऊंगली चूत मेँ डाल कर आगे पीछे करने लगी| यह देखकर तो मैँ मानो पागल हो गया| मुझे लगा अब मुझे हिम्मत जुटाना ही होगा| बस फिर क्या था मैँने अन्दर हाथ डाल कर दरवाजे की कुंडी खोल दिया और अन्दर आ गया चुपके से| अन्दर वो औरत आंख बन्द करके चूत घिस रही थे और बुड्ढा सो गया था| मैँने दरवाजा बन्द किया और अपने सारे पकडे निकाल कर लंड को उस औरत के मुँह के पास छुआ दिया| वो चौंक कर आंख खोली और मुझे मुस्कुराते हुए देखी तो उसके होश उड गये| उसने कुछ कहना चाहा लेकिन मैँने उसे इशारे से मना कर दिया| अचानक उसकी नज़र मेरे लंड पर गयी और वो बस मेरे 9’’ लम्बे और 3 इंच मोटे लन्ड को निहारने मेँ यह भी भूल गयी कि मैँ एक अजनबी हूँ और मेरे हाथ उसकी चूचियोँ से खेल रहे हैँ| उसने मेरे लंड को पकडा और अपने मुँह मेँ ले कर चूसने लगी| मेरे तो जैसे तोते उड गये| उसकी जीभ के स्पर्श से मेरे लंड मेँ रह रह कर करंट लगने लगे| मैँने उसके मुँह मेँ धीरे धीरे धक्के मारने शुरु कर दिये| वो मेरा मोटा ताजा लंड अपने मुँह मेँ अन्दर तक बडी आसानी से निगलने लगी| मैँ हैरान हो गया| अचानक मुझे लगा कि मैँ झडने वाला हूँ|
मैँने उसके मुँह से लंड बाहर निकाला और मेरा लंड झटके मारने लगा| फिर मैँने उसे उठने को कहा और खुद मैँ कुर्सी पर बैठ गया| अब उसने मेरे मुँह मेँ अपनी चूची दे दी और खुद मेरे लंड पर धीरे धीरे कर के अपनी चूत को उतारने लगी| मेरा लंड धीरे धीरे उसकी चूत की गहराई मापने लगा| मुझे लगा जैसे मैँ दूसरी दुनिया मेँ पहुंच गया हूँ| वो औरत अपने होठोँ को मेरे होठो पर रख कर चूसने लगी| बडी ही चुदासी औरत थी वो| तभी मुझे लगा कि वो अपनी स्पीड बढा रही है| मैँने भी धक्के लगाने शुरु कर दिये और उसकी कमर को ज़ोर से पकड लिया| लगा उसे चोदने| पूरे कमरे मेँ चुदाई का माहौल छा गया था| वो बुड्ढा खर्राटे ले कर सो गया था| उसे नहीँ पता चला कि कब मैँ आया और उसके घर मेँ ही चुदाई कर रहा हूँ|
अचानक थोडी देर मेँ वो औरत झडने लगी और उसने कस कर मुझे भींच लिया| लेकिन मेरा लंड अभी भी खडा था| वो उठी और कपडे पहनने लगी| मैँने उसे अपना लंड दिखाया जो कि अभी भी खडा था| उसने कुछ सोचा और मुझे कपडे पहनकर उसके पीछे आने का इशारा किया| मैँ समझ गया कि इस चुदासी इंडियन औरत के साथ सम्भोग अब दूसरी जगह इत्मिनान से करना होगा| मैँ उसके पीछे चल दिया और हम दोनोँ उस घर से निकल कर सडक पर आ गये|
घर के बाहर आने के बाद हम लोग एक रिक्शे मेँ बैठ कर जाने लगे| उस औरत ने बताया कि उसका नाम रीटा है और वो इस बनिये की रखैल है लेकिन यह बनिया उसे ठीक से चोद नहीँ पाता है| चुदाई के बदले वो इसे पैसे देता है| लेकिन उसे तो अब चुदाई का चस्का लग चुका है और इसे तगडा लंड चाहिये बिलकुल मेरे लंड की तरह जो इसकी चुत की चुदाई दिन रात कर सके बिना थके हुए|
थोडी देर मेँ हम उस औरत के घर पर पहुंच गये| वहाँ पर आकर हम दरवाजा बन्द करके अन्दर बेडरूम मेँ आ गये| मैँने उसे नंगा करना शुरु कर दिया और उसने भी मुझे नंगा कर दिया| फिर वो मुझे लिटा कर मुझ पर अपनी गांड रगडने लगी| उसके मोटे कुल्हे मेरे लंड को छू कर कुतुब मिनार बना रहे थे| मैने उसे चूमना चाहा लेकिन वो हटी और अपनी गांड को मेरे मुँह पर रख दी| मैँने उसकी चूत को मुँह मेँ घर लिया और लगा चूसने| ऐसा लगा जैसे मैँ चीज़ पिज़्ज़ा चख रहा हूँ| क्या मुलायम पिघली हुई चूत थी उसकी| वाह आज भी सोच कर लंड बेचैन हो जाता है| साली माल थी एक दम| मैँने आव ना देखा ताव उसे पटक कर उसके ऊपर चढ गया और उसके होठोँ को चूसने लगा| लेकिन जैसे ही मेरा लंड उसकी चूत को छुआ वो मुझे काटने लगी| मैँने उसकी चूत पर लंड को रगड कर अन्दर पेलना शुरु कर दिया| वो टांग उठा कर मेरे पूरे लंड को अन्दर लेने लगी| मेरा लौडा उसकी बच्चेदानी को छूने लगा| एक बार तो लगा जैसे वो अन्दर ही अटक जायेगा| थोडी देर मेँ वो कमर उठाने लगी और मुझे लगा जैसे मैँ नहीँ वो मुझे चोद रही हो| मुझे लगा अब मुझे इसे अपने लंड की असली ताकत दिखाना ही होगा| मैँने उसकी गांड को नीचे से पकड कर ज़ोरदार धक्के लगाने शुरु कर दिये| वो आह आह आह करके चिल्लाने लगी और मैँने उसकी चीख को अपनी जीत समझते हुए उसे और तेजी से चोदने लगा| वो कभी मुझे काटती तो कभी मुझे चूमती, नोचती| लेकिन उसकी हर अदा मुझे और उत्तेजित करती जा रही थी|
अचानक से वो चिल्लाने लगी जैसे मैँ उसे ज़बरदस्ती चोद रहा हूँ| उसके मुँह से आवाज़ निकल रही थी “ आह राजा आह चोद डाल आज मुझे, मत छोड किसी लायक मेरे राजा…” मुझे लगा अब तो यह मेरी रांड बन ही गयी समझो और मैँने उसे बेहिसाब चोदना जारी रखा| थोडी ही देर मेँ वो झडने लगी और एक लम्बी चीख उसके गले से निकली और जैसे ही वो झडी मैँ भी उसकी चूत मेँ झडने लगा| ऐसा अनुभव हुआ जैसे उसकी चूत मेरे लंड को चूस कर सारा पानी पी जाएगी| उस इंडियन औरत के साथ सम्भोग करके जैसे मैँ स्वर्ग की यात्रा कर के लौटा हूँ ऐसा मुझे फील होने लगा| उस दिन के बाद से हम जब मौका मिलता चुदाई करते और अपनी प्यास बुझाते और एक दूसरे मेँ समा जाते|
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