Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 01:28 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
उसने थोड़ा हसके देखा तो मैने भी हसके उसको हेलो बोला,,,,,हम दोनो तो खुश थे लेकिन सोनिया तो वही हिट्लर
के रूप मे गुस्सा नाक पे लेके बैठी हुई थी,,,,,मेरी तरफ गुस्से से देखा ऑर फिर कविता को बाइ बोलके गेट से अंदर
आ गई,,,,,कविता समझ गई कि सोनिया गुस्से मे है इसीलिए उसने मुझे भी बाइ बोला ऑर अक्तिवा स्टार्ट करके वहाँ से चली
गई,,तब तक सोनिया बेल बजाने लगी थी ऑर 1 मिनट मे ही शोबा दीदी ने दरवाजा खोल दिया ऑर सोनिया अंदर चली गई ऑर उसके पीछे पीछे मैं भी अंदर चला गया,,,,

तुम दोनो फ्रेश हो जाओ मैं खाना लगा देती हूँ,,,,,,,,,,दीदी किचन मे चली गई जबकि मैं मामा के रूम मे 
फ्रेश होने चला गया ऑर सोनिया उपर अपने कमरे मे,,,,,

शायद दीदी अकेली थी घर पे ,,,डॅड ऑर बुआ नही थे आज घर पे,,,,,,

मैं फ्रेश हुआ ऑर डाइनिंग टेबल पर आ गया मेरे से पहले सोनिया वहाँ आके बैठ गई थी,,,दीदी ने हमको खाना दिया
,,

तुम लोग खाना खा लो मैं बुआ के पास बुटीक जा रही हूँ शाम को वापिस आउन्गी ,,,दीदी वहाँ से चली गई ऑर
हम दोनो खाना खाने लगे ,,,,साला मेरा तो मन ही नही कर रहा था खाना खाने को साला सामने बैठी हिट्लर 
मुझे गुस्से से घूर रही थी लेकिन जैसे तैसे मैं खाना ख़तम किया ऑर जल्दी से उठके वहाँ से सोफे पर जाके बैठ
गया ओर टीवी ऑन कर लिया,,,,सोनिया ने खाना ख़तम किया ऑर बरतन किचन मे रखकर अपने रूम मे उपर की तरफ चलीगई,,,

आज रात भी कुछ नही हुआ,,,,क्यूकी आज भी बुआ डॅड ऑर दीदी ने बुटीक मे चुदाई की थी सारा दिन इसलिए रात को
खाना ख़ाके सब अपने अपने रूम मे सो गये थे,,,,,

सुबह सनडे था हमे छुट्टी थी कॉलेज से इसलिए मैं थोड़ा लेट उठा था,,,,,जब मामा के रूम से बाहर निकला 
तो देखा कि डॅड क्लब जा रहे थे ऑर बुआ शोबा के साथ कहीं बाहर जाने की तैयारी कर रही थी,,,,,

उठ गया मेरा प्यारा बेटा,,,,आज तो काफ़ी टाइम लगा दिया उठने मे ,,,,बुआ ने मेसए पास आके प्यार से मेरे फॉरहेड
पे किस किया ,,,,,

चल जल्दी आजा बेटा मैं तेरे को नाश्ता लगा देती हूँ फिर मुझे ऑर शोबा को बाहर जाना है कहीं,,,,

कहाँ जाना है बुआ,,,,मैने बुआ से पूछा लेकिन बुआ तब तक किचन की तरफ बढ़ने लग गई थी ऑर शायद उन्होने 
मेरी बात नही सुनी थी,,,,पर दीदी ने मेरी बात सुन ली थी,,,,,

बुआ को डॅड के साथ आज रात बाहर जाना है सन्नी उसी के लिए मुझे ऑर बुआ को थोड़ी शॉपिंग करने जाना है,,,दीदी
ने मेरे पास आके मेरी बात का जवाब दिया,,,,

कहाँ जाना है डॅड ऑर बुआ को दीदी,,,,,,,,,,

डॅड को थोड़ा काम है देल्ही मे ऑफीस का ऑर बुआ को भी वहाँ अपने बुटीक के काम से जाना है ,,,,इसलिए दोनो
साथ जा रहे है,,,,

लेकिन दीदी माँ भी घर मे नही है ,,,,,ये लोग 1-2 दिन रुक कर नही जा सकते क्या,,,,

माँ ऑर मामा जी आज रात को वापिस आने वाले है सन्नी ,,,,,ऑर वैसे भी डॅड के ऑफीस से प्रोग्राम बना है इसलिए उनको
जाना ही पड़ेगा ,,,,,

मैने फिर कोई बात नही की ऑर सोफे पर बैठ गया तब तक बुआ खाना लेके आ गई ऑर मुझे खाना देके वो दोनो 
वहाँ से जाने लगी,,,,,,,,

सन्नी तुम कहीं बाहर नही जाना ऑर अगर जाना हुआ तो सोनिया को बता कर जाना,,,,,,,,हम लोग शाम 7 बजे से पहले 
वापिस नही आने वाले,,,,ऑर तेरे डॅड भी क्लब गये है वो भी शाम को ही आने वाले है,,,,इतना बोलकर वो दोनो भी
वहाँ से चली गई,,,,

अभी मैं नाश्ता करने ही लगा था कि करण का फोन आ गया,,,,,

हेलो ,,,सन्नी भाई,,,

हेलो करण,,,,

सन्नी भाई एक काम था छोटा सा,,

,क्या काम था बोलो करण,,,,

वो कल वाली बात से दीदी थोड़ा टेन्षन मे है ऑर उदास भी है ,,,मुझे उनकी उदासी दूर करनी है,,,,,

तो इसमे मैं क्या कर सकता हूँ करण,,,,,

आप समझे नही भाई,,,उदासी दूर करने का एक ही तरीका है,,,

मैं समझ गया तू क्या बोल रहा है करण लेकिन इसमे मैं क्या कर सकता हूँ,,,,

सन्नी भाई माँ घर मे है ,,मुझे ऑर दीदी को आग लगी हुई है,,,तुम कुछ करो ना ,,,,कोई जगह का जुगाड़ लगा
दो तो मेहरबानी होगी,,,,,

सला दिन तो मेरा भी बहुत करता है,,,,फिर सोचा कि मैं भी तो घर पे अकेला हूँ डॅड बुआ ऑर शोबा तो अभी 
गये है ऑर शाम से पहेल आने वाले नही है,,,लेकिन साली इस सोनिया का क्या करूँगा,,,तभी दिमाग़ मे एक आइडिया आया,,,

ठीक है करण तुम मेरे घर आ जाओ,,,

आपके घर भाई,,,,,,लेकिन सब लोग,,,,,,,

घर मे कोई नही है करण,,,,,बस मैं ऑर सोनिया है,,,,तुम आ जाओ,,,ऑर आते टाइम एक काम करना मेरा,,,,मैने
उसको काम बताया ऑर वो थोड़ी देर मे मेरा काम करके शिखा के साथ मेरे घर आ गया,,,

मैने दरवाजा खोला ऑर उन दोनो को मामा के रूम मे बिठा दिया ऑर पानी पिलाया,,,,,

क्या बात है आज बड़ी मस्ती मे हो दोनो भाई बेहन,,,,मैने हँसते हुए जानभूज कर करण को छेड़ते हुए बोला

मूड मे नही थे सन्नी भाई,,,,,वो तो कल वाली बात से दीदी का मूड ठीक नही था तो सोचा कि मूड ठीक कर्दू
दीदी का ,,ऑर दीदी का मूड ठीक करने का एक ही तरीका है,,,,जो कामयाब भी होता है,,,करण ने हँसते हुए दीदी
की तरफ देखा तो शिखा दीदी ने भी हसके उसकी तरफ देखा,,,,

मूड तो ठीक कर देना मेरा लेकिन सोनिया का क्या करना है,,,,दीदी ने थोड़ा उदासी से बोला,,,,

क्या करना है मतलब ,,,मैं समझा नही दीदी,,,,,,,,

अरे बुद्धू मेरा मतलब सोनिया के होते हम वो सब कैसे कर सकते है,,,कोई पंगा हो गया तो,,,

कोई पंगा नही होगा दीदी आप लोग टेन्षन फ्री हो जाओ,,,,मैं हूँ ना,,,,,,

एक बात बोलू सन्नी अगर तुम गुस्सा नही करो तो,,,,शिखा ने थोड़ी टेन्षन से बोला,,,,

बोलो दीदी जो बोलना है बोलो,,,,,,इसमे गुस्सा करने वाली क्या बात,,,,,

तुम सोनिया को भी इस खेल मे शामिल क्यूँ नही कर लेते,,,,फिर तो कोई डर नही होगा किसी बात का,,,,,

क्या बोल रही हो दीदी,,,,,,,,,प्लीज़ ऐसी बात मत करो,,,,वो जंगली बिल्ली है उसको अगर आप लोगो के बारे मे भी पता
लग गया तो पता नही क्या करेगी वो,,,,,

ये बात तो ठीक कही तूने सन्नी,,,,,शोबा ने मुझे उसके बारे मे सब बता दिया था,,,,ऑर मैं भी तो काफ़ी अच्छी 
तरफ वाकिफ़ हूँ उसके गुस्से से,,,,आज से नही बचपन से ही गुस्से वाली है वो,,,,,

सही कहा दीदी,,,,,,,,,,लेकिन अगर वो भी खेल मे शामिल हो जाए तो क्या कहने,,,,,क्या आप उसको तैयार कर सकती हो शिखा दीदी,,,,,,,,,,,मैने शरारत भरे अंदाज़ से बोला,,,,

मुझे मरने का कोई शॉंक नही है,,,,जब तेरी शोबा दीदी उसको तेरे लिए तैयार नही कर सकती तो भला मेरी इतनी हिम्मत 
कहाँ,,,,दीदी ने सॉफ सॉफ लफ़जो मे मना कर दिया,,,,,

चलो ठीक है दीदी ,,,,,,मत करो तैयार लेकिन डरो भी नही ,,,वो नीचे नही आने वाली,,ऑर वैसे भी मैने करण से कुछ
मँगवाया है उसके लिए,,,,,,,,,,,,,,

क्या मँगवाया है सन्नी,,,,,,,,,,,,,

तभी कारण ने अपनी पॉकेट से नींद की गोलियाँ निकाल कर दीदी को दिखाई ऑर हँसने लगा,,,,,,

ये क्या है ,,,,,,,,,,

नींद की गोलिया है दीदी,,,,,,,,अभी सोनिया को दे दूँगा कॉफी मे फिर आराम से सो जाएगी वो,,,,लेकिन कॉफी देने मैं 
नही जाउन्गा आपको जाना होगा,,,,ऑर जब तक वो कॉफी नही पी ले उसके पास ही रहना,,,,दीदी मान गई ऑर मैं किचन 
मे कॉफी बनाने चला गया ,,,,,,,,,,,,,मैं अभी रूम से बाहर निकला था ऑर मेरे साथ शिखा दीदी भी आ गई थी
कॉफी बनाने मे मेरी हेल्प करने तभी सोनिया भी सीडियों से उतर कर नीचे आ रही थी,,,,शायद उसको बेल की आवाज़
सुन गई होगी जब करण ऑर शिखा दीदी आए थे,,,,,

सोनिया ने दीदी को हाई बोला ऑर दीदी ने उसको,,,,,फिर दोनो गले लग्के मिली ऑर जाके सोफे पर बैठ गई ऑर बातें 
करने लगी तब तक मैं किचन मे जाके कॉफी बनाने लगा,,,,,
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RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - by sexstories - 12-21-2018, 01:28 AM

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