RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
लेकिन फिर जो झटका मुझे लगा वो सब से ज़्यादा तेज था अब तक मुझे इतनी तेज झटका कभी नही लगा था मेरे
लंड से सारा पानी निकल चुका था लेकिन लंड अभी भी भाभी की गान्ड मे था ऑर तभी मैने किसी के झड़ने
की आवाज़ सुनी जिस आवाज़ ने मेरे होश उड़ा दिए ,,,,,,,,वो आवाज़ इतनी तेज थी कि कमरे मे गूंजने लगी थी लेकिन वो गूँज मेरे दिल ऑर दिमाग़ पर हावी हो गई थी,,,,,उस गूँज से दिल मे एक डर पेदा हो गया था ऑर दिमाग़ मे एक उलझन,,,,
तभी मेरी पास खड़ा शक्स जो मुझे किस कर रहा था उसने मेरी आँखों से पट्टी उतार दी ,,मेरी आँखों के सामने
अभी बहुत अंधेरा था उपर से वो शक्स मुझे किस कर रहा था ऑर मेरे बहुद करीब होने की वजह से मुझे उसका
चेहरा भी सॉफ नज़र नही आ रहा था लेकिन उसको किस करने से मुझे एक मज़ा ज़रूर आ रहा था क्यूकी उसका किस
करने का अंदाज़ ही निराला था,,तभी कुछ देर बाद मेरा लंड भाभी की गान्ड से निकल गया ऑर मेरी आँखों से सामने
से अंधेरा भी हट गया ऑर मेरी नज़र पारी मेरे सामने खड़े शक्स पर जो मुझे किस कर रहा था वो शक्स थी
कामिनी भाभी मैं उनको अपने पास देख कर डर गया ,,,फिर मेरा दिमाग़ ठनका ऑर मुझे याद आया कि अभी किसी
के झड़ने की आवाज़ सुनी थी मैने उस आवाज़ के डर ऑर उपर से मैं ये सोच रहा था कि अगर भाभी मेरे पास खड़ी
किस कर रही थी तो मेरा लंड किसकी गान्ड मे था इसलिए मैने भाभी की अपने से थोड़ा दूर किया ऑर बेड पर अपने
सामने की तरफ़ देखने लगा तो मैं देख कर दंग रह गया मेरे सामने सूरज था ,,कामिनी का पति ओर कविता का भाई
इस से पहले मैं कुछ बोलता या कुछ करता सूरज ने मेरे लंड को मुँह मे ले लिया ,,,मैं तो ये देख कर दी दंग रह
गया ,,मैं पीछे हटना चाहता था मैं नही चाहता था कि सूरज मेरे लंड को मुँह मे भरे लेकिन मुझे हैरत
का इतना जबरदस्त झटका लगा था कि मेरा जिस्म एक दम सुन्न हो गया था मैं बड़े आराम से बिना हिले जुले सूरज के
मुँह मे जाते अपने लंड को देख रहा था जो अभी भी आधा खड़ा हुआ था जिस पर मेरा स्पर्म लगा हुआ था ,,सूरज
ने मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर अच्छी तरह चूसने लगा ऑर हाथ मे लेके अपनी ज़ुबान से चाटने भी लगा,,,उसने
2 मिनट मे मेरे लंड को मुँह मे रखके चूसा ऑर चाटा फिर जब लंड अच्छी तरफ सॉफ हो गया तो उसने लंड को मुँह
से निकाल दिया ऑर आराम से बेड पर लेट गया ओर मेरी तरफ देख कर हँसने लगा,,,लेकिन मेरे फेस पर कोई भाव नही
था ना हैरत ना ना खुशी का ना मस्ती का ,,,मैं तो बस चुप चाप सूरज की तरफ देख रहा था ,,तभी मेरे पास
खड़ी कामिनी भाभी ने मेरे सर को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर अपनी तरफ टर्न करके वापिस मुझे किस करने लगी ,,वो
तो मस्ती मे मुझे किस कर रही थी लेकिन मैं उनकी किस का रेस्पॉन्स नही दे रहा था ,,मेरा जिस्म ऐसा हो गया था कि
जैसे अब मेरे मे जान ही नही बची हो,,,मैं कुछ सोच समझ भी नही पा रहा था दिमाग़ साला एक दम गुम्म
हो गया था कहीं,,,
भाभी भी इस बात को समझ गई ऑर मेरे लिप्स से अपने लिप्स हटा कर बेड पर सूरज के पास चली गई,,मैं वहीं घुटनो
पर बैठा हुआ भाभी ऑर सूरज की तरफ़ देखने लगा ,,मेरा एक हाथ अभी भी बेड से बँधा हुआ था ,,,मैं भी बेड
पर गिर गया ,,मुझे कोई होश नही था दुनिया की कोई खबर नही थी,,जो कुछ अभी हुआ था बस वही सब मेरे दिमाग़
मे घूम रहा था जिसको समझ पाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था,,,,मैं सोच सोच कर हैरान हो रहा था
कि कैसे मेरा स्पर्म से भीगा हुआ लंड सूरज के मुँह मे था ऑर वो कितने प्यार से मेरे लंड को चाट कर सॉफ कर
रहा था ,,तभी मैं ऑर ज़्यादा हैरान रह गया क्यूकी जब भाभी मेरे को किस कर रही थी तो मेरा लंड किसी की
गान्ड मे था तो क्या उस टाइम मेरा लंड सूरज की गान्ड मे ,,ओह्ह नो ये कैसे हो सकता है ,,मेरा दिमाग़ हैरत
से फटा जा रहा था कुछ समझ नही आ रहा था मुझे,,,,टेन्षन के मारे मेरी आँखें बंद हो गई शायद मुझे
नींद आ गई थी या मैं ज़्यादा टेन्षन से बेहोश हो गया था,,,,
कुछ देर बाद मेरे कानो मे एक आवाज़ पड़ी,,,,,,,,सन्नी उठो क्या हुआ तुमको ,,सन्नी ,,,सन्नी,,,,,
मैने हल्के से आँखें खोलते हुए देखा तो कामिनी भाभी मुझे उठा रही थी,,,मेरे आँखों के सामने अभी भी
अंधेरा था ऑर दिमाग़ भी काफ़ी भारी भारी लग रहा था ,,,,मेरा उठने को दिल नही कर रहा था लेकिन भाभी मुझे
बार बार उठा रही थी मेरा नाम पुकार रही थी,,,मैं अपने हाथों से अपनी आँखों को मलते हुए उठकर बैठ
गया ,,,,आँखें मलने से अंधेरा कुछ कम हुआ तो मुझे कामिनी भाभी की शक्ल सॉफ सॉफ नज़र आने लगी,,,मैने
देखा कि बेड पर मैं ओर कामिनी भाभी ही थे ,,
क्या हुआ सन्नी ,,तुम ठीक तो हो,,,,भाभी ने मेरे से पूछा,,,
तभी मुझे याद आई सूरज की ,,,मैने कमरे मे हर तरफ उसको ढूँढने लगा लेकिन वो वहाँ नही था ,,,
क्या हुआ सन्नी कुछ बोलो ना,,,,तुम चुप क्यू हो,,तबीयत तो ठीक है ना,,,भाभी लगातार बोलती जा रही थी
लेकिन मेरी नज़रे सूरज की तलाश रही थी ,,,,पर सूरज कहीं नज़र नही आ रहा था,,,
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