RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
ये क्या भाभी,,,,आप इसको समझाने की जगह इसका साथ दे रही हो,,,,,
नही सन्नी,,मैं इसका नही सही इंसान ऑर सही बात का साथ दे रही हूँ,,,,अभी मैने सुना जो तुमने
बोला था,कि पायल भाभी अपने पति से खुश नही होगी तभी उन्होने ऐसी हरकत की,,,ये बात सही है
सन्नी,,मेरे पति से कुछ नही होता,,,अगर होता ऑर मुझे टेस्ट-ट्यूब बेबी नही होता,,,ऑर ना ही मैं
तुम्हारे साथ वो सब करती,,,मैं किसी ऐसे की तलाश मे थी जिसका यकीन कर सकूँ ऑर जब मुझे
रितिका ने करण के घर हुई सारी बात बताई ऑर फिर तुम्हारे बारे मे बताया तो मुझे लगा तुम अच्छे
इंसान हो ,,,,इसलिए मैने तुम्हारे साथ वो सब किया,,,,,वैसे मैं चाहती थी कि रितिका उस दिन तुमको
अपने लिए मना ले लेकिन टेबल के नीचे से रितिका का पैर लगने के बावजूद तुम मेरे पर शक करते
रहे ऑर इसी बात का फ़ायदा उठा कर मुझे वो सब करने मे आसानी हुई,,,,
तो उस दिन आप दोनो का प्लान था,,,,वो सब आप दोनो ने मिलकर किया,,,,
हाँ सन्नी,,,,ओर आज भी मेरे कहने पर रितिका ने तुमको यहाँ बुलाया है,,,,,ताकि वो तुमको अपने दिल
की बात बोल सके,,,ओर जो सब ये बोल रही है वो सच है ओर मुझे ठीक भी लगता है,,
ये ठीक लगती है आपको,,,क्यूकी ये आपकी ननद है,,,,,मैं आपको ठीक नही लगता क्या,,,मैं ग़लत हूँ जो
अपने दोस्त करण को धोखा नही देना चाहता,,,,,,
नही सन्नी मैने ऐसा तो नही बोला,,,,,तुम भी अपनी जगह ठीक हो लेकिन ग़लत रितिका भी नही है,,,जो
वो बोल रही है ऐसा हर लड़की सोचती है,,,लड़की के लिए उसकी इज़्ज़त सबसे बड़ी चीज़ होती है ऑर उस इज़्ज़त
की क़दर करने वाला उस लड़की के दिल मे सबसे ज़्यादा जगह बना लेता है,,,,,,जैसे रितिका प्यार तो करण
से करती है लेकिन एक जगह जो उसने तुम्हारे लिए अपने दिल मे बना ली है वो करण के प्यार से कहीं
ज़्यादा है,,,,
नही भाभी वो जगह प्यार यकीन या किसी ऑर चीज़ की नही ,,,वो जगह है वासना की जवानी के जोश की
,,ये तो पागल हो चुकी है जवानी एक जोश मे ,,,,लेकिन आप तो इसको समझा सकती हो,,,आप तो बड़ी हो हम
दोनो से,,,,,,
नही मैं नही समझा सकती,,,,ना तुमको ऑर ना ही इसको,,,,,इतना बोलकर भाभी वहाँ से पीछे हो गई
अब तुम दोनो सॉल्व करो इस प्रोबलम को,,मुझे कुछ नही कहना,,,,
रितिका रोती जा रही थी,,,,तभी मैं उसके पास गया,,,देखो रितिका मैं जानता हूँ तुम अपनी जगह सही
हो लेकिन ग़लत मैं भी नही,,,तुम समझने की कोशिश करो,,,,ये सब मैं नही कर सकता,,मैं करण
को धोखा नही दे सकता ऑर मेरी अच्छी दोस्त होने की खातिर मैं तुमको भी करण को धोखा नही
देने दूँगा,,,,,,,इसके अलावा तुम कुछ भी कहो मैं करने को तैयार हूँ,,,,,
तभी रितिका हल्के गुस्से से,,,,तो ठीक है,,तुम कुछ भी कर सकते हो ना मेरे ऑर करण के लए,,,,तो तुम
हम दोनो की शादी करवा दो,,,,तुमको लगता है मेरे दिल मे तुम्हारे लिए कोई इज़्ज़त नही बस वासना
ऑर जवानी का जोश है ,,मेरे जिस्म मे जवानी की आग लगी हुई है तो ठीक है ऐसा ही समझो सन्नी ऑर जल्दी
से मेरी शादी करण से करवा दो नही तो मैं इस जवानी के जोश मे अपने जिस्म मे जलने वाली जवानी की
आग भुजाने के लिए किसी ऑर को तलाश कर लूँगी,,,इतना बोलकर रितिका जाके अपने बेड पर गिर गई ऑर एक पिल्लो
को अपने फेस पर रख कर रोने लगी,,इतने मे पायल भाभी उसके बेड के पास चली गई ऑर उसको चुप
करवाने लगी लेकिन रितिका चुप नही हो रही थी,,,तभी पायल भाभी ने मुझे इशारा किया ऑर मैं रितिका
के बेड के पास चला गया ओर जाके बेड की एक तरफ बैठ गया,,,मैने उसके चेहरे से पिल्लो उठाने की
कोशिश की लेकिन उसने पिल्लो को नही छोड़ा,,,,तो मैने पिल्लो के उपर से उसके हाथ पर अपना हाथ रखा
ऑर उसके हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया,,,,,,,,,,,,,,,,तुम यही चाहती हो ना कि तुम्हारी ऑर कारण की
शादी जल्दी हो जाए,,,,,तो ठीक है मैं करवा दूँगा तुम दोनो की शादी ,,जितना जल्दी हो सकता है,,,लेकिन
प्लज़्ज़्ज़ तब तक कोई ऐसी ग़लती मत करना कि तुमको सारी उमर पछताना पड़े,,,,ये एक दोस्त अपने दोस्त से
वादा कर रहा है ओर बदले मे उस से भी वादे की उमीद करता है,,,,,इतना बोलकर मैं वहाँ से उठा
ऑर अपना बाइक लेके घर की तरफ चलने लगा,,,
रास्ते भर मैं यही सोचता रहा कि ये सब क्या हो गया आज,,,,रितिका वो सब क्यूँ कर रही थी ,,ऑर मैं जो
वादा करके आया हूँ रितिका के साथ उसकी ऑर करण की शादी का वो मैं कैसे पूरा करूँगा,,ये सब आख़िर
मेरे साथ ही क्यूँ हो रहा है,,,,जब एक मुश्किल से निकालता हूँ तो दूसरी मे फँसाने लगता हूँ,,,अब
मैं करूँ भी तो क्या करूँ,,,,,साला दिमाग़ फटा जा रहा था मेरा,,,,कुछ समझ नही आ रहा था
अब क्या होगा,,,,कैसे मैं करण ऑर रितिका की शादी करवा सकता हूँ,,,ऑर ये शादी करवाना अब मेरे
लिए बहुत ज़रूरी हो गया था क्यूकी रितिका ने मुझे धमकी दी थी वो कुछ भी ग़लती कर सकती थी ऑर अगर
सच मे वो कोई ग़लती कर देती जवानी के जोश मे तो वो ग़लती उसकी नही मेरी ग़लती होती,,,क्यूकी वो ये सब
मेरी वजह से करने वाली थी इसलिए मुझे ऑर भी ज़्यादा परेशान होना पड़ रहा था,,,,सला कुछ भी
समझ मे नही आ रहा था,,,,
नेक्स्ट डे कॉलेज मे एग्ज़ॅम के बाद मैं कॅंटीन मे गया जहाँ करण एग्ज़ॅम के बाद मेरा वेट कर
रहा था,,,,,
जैसे ही मैं कॅंटीन मे घुसा मैने देखा कि करण टेबल पर बैठा हुआ था ऑर उसके पास अमित
खड़ा हुआ था अपने 2-3 चमचो को लेके,,,,,
अमित करण से== कहाँ है तेरा दोस्त ऑर उसका वो हरामी कुत्ता,,,
अमित करण से मेरे ऑर सुमित के बारे मे पूछ रहा था इस से पहले करण कुछ जवाब देता मैं
वहाँ अमित के पीछे पहुँच गया ऑर करण ने मुझे देख लिया,,,,,
करण हँसते हुए,,,,मुझे नही पता वो कहाँ है
अमित हल्के गुस्से से,,,,साले हँसता क्या है,,,,सीधी तरह बता दे वर्ना मैं पूछने पे आया तो सब
उघलवा लूँगा तेरे से,,,,अमित ने हाथ ज़ोर से टेबल पर मारा,,,,,करण उसकी इस हरकत से उठकर उस
से फाइट करने वाला था लेकिन मेरी वजह से करण चुप रहा,,,,
साले हरामी मेरे से क्या पूछता है,,,,तेरा बाप तेऱे पीछे खड़ा है उसी से पूछ ले,,,,
करण ने इतना बोला था ऑर तभी मैने पीछे से अपने हाथ अमित के शोल्डर्स पर रख दिए,,,ऑर इतने
मे अमित मेरी तरफ पलट गया,,,,उसके चेहरे का रंग उड़ गया ऑर उसके जो चम्चे थे उसके साथ वो '
उसको छोड़ कर वहाँ से भाग गये,,,,,
क्या पूछना है अमित भाई मेरे से पूछ लो ना,,,,मैने अमित को बड़े प्यार से बोला,,,,
अमित का रंग पीला पड़ गया था,,,,साले मे दम नही था पानी भरा हुआ था,,,,साथ मे 2-4
लड़के लेके बदमाशी करता था लेकिन अकेले की गान्ड फॅट जाती थी,,,,
कुछ न्ंहिी ससुउन्नयी ब्बाहहीी म्मैलईन्न तो कररंण क्कू अपपक्की बररी म्मी पूच्छ र्राहा
था,,,,
ले मैं आ गया तेरे सामने अब पूछ ले मेरे बारे मे जो भी पूछना है,,,,ऑर किस कुत्ते की बात
कर रहा था तू,,,
कुउच्च नन्ही बाहहीी मायन्न तू उूओ ससूउम्मिट्त की बाररी म्मी पूच्छ राहहा था
उसके बारे मे करण से क्यूँ पूछ रहा था जो पूछना है मेरे से पूछ,,,सीधी तरह,,,
भाई मैं तो पूछ र्राहहा थ्हा क्कीी सम्मूउईत्त क्काहहन्न हाई मुउजझी उस से क्कुच्छ बात
काररननीी हाइी,,कब्बसी ढ़हूंदड़ राहहा हूँ कोल्लाग्गी बहीी नाहही आय्या क्यइी डिन्न ससीए
र ना हिी कीसीई क्कू पत्ता हाइी वू काहन हाई,,,,,,म्मूउजझी लग्गा स्शईीद्ड अप्पकू पाता
हूगा,,,,,,
मुझे नही पता अमित भाई ,,मैं उस से बड़े प्यार से बात कर रहा था,,,,ऑर अगर पता होता तो मैं
आपको नही बताता अमित भाई मैं आपके पिता जी को बता देता,,,,ऑर जिस दिन पता चला उस दिन मैं खुद
आपके पिता जी को सुमित के बारे मे बता दूँगा,,,,इतना बोलकर मैने अमित को छोड़ दिया ऑर वो जल्दी
से चलता हुआ कॅंटीन से बाहर की तरफ जाने लगा ऑर जाते जाते अपने अंदाज़ मे बोलने लगा,,
हां हान्ं ठीक है ,,,जब पता चले उस कुत्ते के बारे मे तो बता देना मुझे,,,,नही तो मेरे
बाप को,,,ऑर वैसे भी अब मेरा बाप ही तेरे से बात करेगा ,,,,,वो अपने नखरे वाले अंदाज़ से बोलता
हुआ कॅंटीन से बाहर चला गया,,,वो लोगो को अपना गुस्सा दिखा रहा था इसी लिए अपने अंदाज़ से बोल
रहा था मुझे कोई फ़र्क नही पड़ा उसके गुस्से से लेकिन जाते जाते वो मुझे ऑर करण को गाली दे गया जो
मुझसे सुनी नही गई,,,,मैं बहुत गुस्से मे आ गया था एक दम से,,,,अभी तक मैं उसकी बातों को
मज़ाक मे टाल रहा था लेकिन गाली देने से मेरा गुस्सा भड़क गया ऑर मैं उसकी तरफ भागने लगा
तभी करण ने मेरा हाथ पकड़ लिया,,,
जाने डे सन्नी भाई,,,गुस्सा मत कर बेचारा अमित बावला हो गया है....
मैं करण की बात समझ गया ऑर मान भी गया ऑर उसके साथ भी बैठ गया लेकिन मुझे अभी भी अमित
पर बहुत गुस्सा था,,,मैं कुछ भी बर्दाश्त कर सकता था बट गाली नही,,,,
करण भी समझ गया था मैं गुस्से मे हूँ इसलिए वो बात घुमाने लगा,,,,,,अच्छा तो आज का क्या
प्लान है तेरा सन्नी भाई,,,,
क्या प्लान ऑर कैसा प्लान ,,,घर जाउन्गा ऑर जाके बोरियत से स्टडी करूँगा ऑर क्या करना है,,,,
अबे मतलब आज की पार्टी का क्या प्लान है,,,,
कॉन्सी पार्टी,,,,कैसी पार्टी,,,,,मैं करण से बात तो कर रहा था लेकिन अभी भी मैं गुस्से मे था
लगता है तुझे इन्वाइट नही किया है उसने तभी तू ऐसे बोल रहा है,,,जानता है वो पार्टी किसकी है
मुझे नही पता वो पार्टी किसकी है ऑर जिसकी भी है भाड़ मे जाए वो,,,अच्छा हुआ जो उसने मुझे इन्वाइट
नही किया वर्ना उसका इन्वाइट करना बेकार जाता ,,,मुझे नही जाना किसी पार्टी वार्टी मे,,,,,मैने ये बात
गुस्से मे बोली तो करण समझ गया कि मेरा मोड़ ऐसे ठीक होने वाला नही उसने फिर पार्टी की कोई बात
नही की,,,,
|