RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
चल अब मैं चली उपर ,,,ये आ गया है,,,,इतने बोलके उसने मेरी तरफ इशारा किया,,,,,अब हमे यहाँ
बैठने की ज़रूरत नही,,,,चल उपर चलते है,,,,,,सोनिया ने इतनी बात कविता को बोली तभी कविता भी मेरी
तरफ देखने लगी वो भी गुस्से से,,,,,
तुम चलो मैं अभी आती हूँ,,,कॉफी बन गई होगी,,,,,तुम जाओ और ये मेरी बुक्स भी ले चलो ,,मैं
कॉफी लेके आई कुछ देर मे,,,,,कविता ने अपनी बुक्स भी सोनिया को दी और सोनिया उपर चली गई और जाते हुए
मुझे नखरे से देख कर गई,,,,
मैं कविता के पास जाने लगा तभी कविता उठी और हल्के गुस्से से किचन के अंदर चली गई,,,मैं उस से
माफी माँगना चाहता था लेकिन मुझे डर लग रहा था,,,क्यूकी वो सच मे बहुत गुस्से मे लग रही थी,,,,
मैं हिम्मत करके किचन मे चला गया जहाँ कविता गॅस के पास खड़ी कॉफी बनने की वेट कर रही थी
उसने मुझे किचन के अंदर आते देखा तो मेरी तरफ पीठ करके खड़ी हो गई,,,,मैने उस से कोई बात
नही की और फ्रिज से पानी की बॉटल निकाल कर पानी पीने लगा,,,,,मैं उस से बात करने की कोशिश मे था
लेकिन डर भी लग रहा था मुझे लेकिन फिर भी बात करनी ज़रूरी थी क्यूकी मुझे उसको सौरी बोलना था,,,
मैने पानी की बॉटल हाथ मे पकड़ी और पानी पीता हुआ कविता के पास चला गया और बात करने का बहाना
तलाश करने लगा,,,,,
अरे लंच टाइम होने को आ गया ,,,माँ अभी तक आई नही क्या,,,,,मैने कविता से इतना पूछा लेकिन वो
चुप रही,,,,,
मैने फिर बोला,,,,,अगर कॉफी बना रही हो तो प्ल्ज़्ज़ मेरे लिए भी बना लेना,,,बहुत भूक लगी है अब
माँ तो नज़र नही आ रही जो मुझे खाना बना देती,,,,कॉफी से ही काम चला लूँगा मैं,,,,
वो फिर भी कुछ नही बोली,,,,,चुप चाप खड़ी रही,,,,,,,,मेरी तरफ एक बार भी नही देखा उसने,,,
लगता है भूखा ही रहना पड़ेगा ,,,,क्यूकी लगता नही कॉफी मिलेगी मुझे,,,,,या फिर माँ को आवाज़ देनी
पड़ेगी ताकि वो मुझे कुछ खाने को बना दे,,,,,,पता नही माँ घर पे है भी या नही,,,,,,,तभी मैं
थोड़ी ज़ोर से लेकिन इतना ज़ोर से भी नही कि उपर सोनिया को मेरी आवाज़ सुन जाए,,,,,,,,,,,मैं हल्के ज़ोर से माँ
को आवाज़ लगाने लगा,,,,,,
मैने 2-3 बार ही माँ को आवाज़ दी थी तभी कविता बोल पड़ी,,,,,,,,,आंटी जी घर पे नही है,,,,वो वापिस
नही आई करण के घर से,,,,,उसने मेरी तरफ फेस नही किया बस ऐसे ही पीठ करके बोलती रही,,,,
अच्छा अभी तक माँ नही आई वापिस,,,,लगता है मुझे भूखा ही रहना होगा,,,,,माँ घर पे नही और लगता
नही इस कॉफी मे से कुछ कॉफी मुझे मिलेगी,,,,मैने उदास होके कहा,,,,,
तभी वो मेरे पास से गुजर कर कपबोर्ड की तरफ गई और उपर की तरफ से 3 कॉफी कप निकाल लिए और वापिस
गॅस के पास जाके 3 कप मे कॉफी डाल दी,,,,,उसने 2 कॅप एक तरफ रख दिए और 1 कप को मेरी तरफ खिसका
दिया और कॉफी वाले बर्तन को धोने वाले बर्तनो के पास रखने के लिए मेरे पास से गुजर कर एक तरफ
चली गई और बर्तन रखके वापिस आके कप उठाने लगी ,,,,,,,तभी मैने उसको उसके हाथ से पकड़ लिया,,,,
उसने ज़ोर से अपना हाथ खींचा और मेरे से अपने हाथ छुड़वा लिया लेकिन तभी मैने आगे बढ़ कर उसको
कस्के उसके हाथ से पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया,,,,,इस से पहले वो कुछ बोलती,,,मैने उसकी लिप्स पर
हल्की किस करदी,,,,,उसने मेरी तरफ गुस्से से देखा,,,और मेरे से दूर होने की कोशिश करने लगी,,,मैने
उसको दूर नही होने दिया तो वो मछली की तरह झटपटाने लगी,,,,ज़िद करने लगी मेरे से दूर होने
के लिए,,,,,,,,,मैने जल्दी से उसको अपनी बाहों से आज़ाद कर दिया,,,,और खुद उस से दूर हट गया,,,
मैं उस से दूर हुआ तो वो सर झुका कर चुप चाप से खड़ी रही ,,,,मैने हल्के से उसके करीब गया और
बड़े प्यार से स्लो आवाज़ मे उसको सौरी बोला,,,,जैसे ही मैने उसको सौरी बोला उसने गुस्से से मुझे देखा
इतना सब कुछ करने के बाद सिर्फ़ सौरी,,,,,शरम आनी चाहिए तुझे सन्नी,,,,इतना हर्ट किया और बस सौरी,,,
वो गुस्से से बोल रही थी,,,,,
मैं उसके पास गया,,,और अपने हाथ आगे बढ़ा कर उसके दोनो हाथों को अपने हाथों मे पकड़ लिया बड़े
प्यार और नज़ाकत से,,,,,,,,,,सौरी नही तो क्या बोलूं,,मुझे तो पता ही नही चला वो सब कैसे हो गया कविता
अगर पता होता तो मैं इतनी बड़ी ग़लती नही करता कभी,,,,कभी तुझे हर्ट नही करता,,,मुझे तो लगा मैं
बेड पर लेट गया हूँ सो गया हूँ और सपना देख रहा हूँ,,,और उस सपने मे तुझे अपने करीब एक
ही बिस्तर पर अपनी बाहों मे महसूस कर रहा हूँ,,,वैसे भी तेरे जैसी खूबसूरत लड़की मेरे जैसे
ब्लॅकी के साथ एक ही बिस्तर पर उसकी बाहों मे ,,उसके आगोश मे आ जाए ये तो एक सपना ही हो सकता है
ना,,,,,आख़िर मेरी इतनी किस्मत कहाँ जो तेरे जैसी खूबसूरत लड़की हक़ीक़त मे मेरी बाहों मे आ जाए,,,
इतना बोलकर मैं थोडा उदास सा हो गया और फिर उसको सौरी बोलने लगा,,,
बस तेरी यही बात तो अच्छी लगती है मुझे सन्नी,,,कितनी बड़ी ग़लती भी कर दे लेकिन फिर भी ग़लती को ग़लती
नही मानता तो ,,,कुछ ना कुछ बहाना बना ही लेता है अपनी चिकनी-चुपड़ी बातों से,,,एक नंबर का
कमीना है तू,,पक्का ठरकि,,,,,ये बात कविता ने हंस कर बोली थी,,,,,,,,,
मैं भी उसके फेस पर मुस्कान देख कर खुश हो गया,,,,,,,,,,,,कमीना तो ठीक है लेकिन प्ल्ज़्ज़ ठरकि मत
बोल मुझे,,,,
क्यू तू ठरकी नही है क्या,,,,जब देखो फ्लर्ट करता रहता है,,,,,
वो तो मज़ाक करता हूँ मैं कविता,,,,ठर्कि तो मैं तब होता जब कॉलेज मे लड़कियों के आगे पीछे
दूम हिलता फिरता,,,,क्या मैने कभी ऐसा कुछ किया है,,,,,
हाँ ये बात तो है,,,,तूने कभी किसी लड़की पर लाइन नही मारी,,लेकिन मेरे साथ इतना फ्लर्ट क्यूँ करता है
फिर,,,,वो हँसते और शरमाते हुए बोली,,,,,
बोला ना तेरे साथ भी फ्लर्ट नही करता,,,,बस मज़ाक करता हूँ,,,,फ्लर्ट तो उसके साथ करूँ जो मुझे लाइक
करता हो,,,
लाइक करने वाले बहुत है सन्नी,,,कभी नज़र घुमा कर देख लिया कर,,,,
अच्छा कॉन लाइक करता है मुझे,,,,,ज़रा मुझे भी तो पता चले इस ब्लॅकी को लाइक करने वाला है कॉन,,,,
बोला ना नज़र घुमा कर देख लिया कर कभी,,,,तेरे आस पास ही है वो जो तुझे लाइक करती है,,,उसने
ये बोला और उसका चेहरा शरम से लाल हो गया,,,,
तभी मैं उसके करीब गया और उसके झुके हुए शरमाते हुए फेस को उसकी चिन से पकड़ कर उपर उठा
दिया ,,,उसका फेस पर हल्की मुस्कान के साथ हल्की शरम भी थी,,,,उसने मुझे एक बार देखा और अपनी
आँखें बंद करली,,,मैने आगे बढ़ कर उसके लिप्स पर हल्की किस करदी,,,,और तभी मेरा हाथ उसके शोल्डर
पर चला गया और मैने हल्के हाथ से उसके शोल्डर से उसकी टी-शर्ट को खींच कर एक साइड कर दिया जिस
से उसका शोल्डर नंगा हो गया और मुझे मेरे दाँतों के निशान नज़र आए उसके शोल्डर पर जो हल्के
नीले रंग के हो गये थे,,,,,मुझे उस पर तरस आने लगा और खुद पर गुस्सा,,,,,मैं इतना बेरहम
कैसे बन गया उसके साथ जो इतनी ज़ोर से काट लिया उसको,,,
उसने भी अपनी गर्दन घुमा कर उस दाँतों के निशान की तरफ देखा और फिर मेरी तरफ देखने लगी,
मानो पूछ रही हो कि इतना दर्द क्यूँ दिया मुझे तूने सन्नी,,,,,,लेकिन उसकी घूरती हुई आँखों मे
छुपे हुए सवाल का कोई जवाब नही मिल रहा था मुझे,,,,,मैने बस हल्के से आगे बढ़ कर उसके शोल्डर
पर दाँतों के निशान के उपर अपने लिप्स को हल्के से रखा और 1 के बाद 1,,,8-10 किस करदी,,,उसके मुँह से
हल्की अहह निकल गई थी,,,जो सॉफ सॉफ बता रही थी कि वो अह्ह्ह्ह मस्ती की नही दर्द की थी,,,
उसने मेरे सर को अपने हाथों मे पकड़ा और मेरे लिप्स पर किस करदी,,,,,,मैने उसको सौरी बोला और उसको
फिर से किस करने लगा,,,,,,,,,,,,,,,
सौरी से काम नही चलेगा,,,,कान पकड़ कर सौरी बोल,,,,,
मैने एक कान पकड़ा और सौरी बोला,,,,,,,,,
एक नही दोनो कान पकड़ और सौरी बोल,,,,,
मैने दोनो कान पकड़े और सौरी बोला,,,,,,अब तो खुश है,,,,
नही ,,कान पकड़ कर नीचे बैठ जा ,.,,,,,,
मैं कान पकड़ कर नीचे बैठ गया,,,,,,अब खुश है ,,,,,,
नही ,,,,,,,,,अब खड़ा होज़ा,,,वो इतना बोलने लगी और हँसने लगी,,,,,,,,
मैं खड़ा हुआ और तभी उसने फिर से नीचे बैठने को बोला,,,,और हँसते हुए कम से कम 10-12 बार मेरे
से उठक-बैठक करवा दिया,,,,,,
बस करो मेरी मालकिन जी मैं थक गया हूँ और कॉफी भी ठंडी हो गई है,,,,,मैने कॉफी का नाम
लिया तो वो एक दम से हिल गई ,,,,,
ओह्ह शिट मैं तो कॉफी भूल ही गई थी,,,,अब तक तो ठंडी हो गई होगी,,,,सोनिया मेरी जान ले लेगी,,,इतना
बोलकर वो जल्दी से कॉफी कप की तरफ भागी,,,,,,,,ओह्ह नो ये तो ठंडी हो गई,,,,,,,,,,,,अब तो पक्का
वो सोनिया मुझे मार ही डालेगी,,,,कब्से बोल रही थी वो कॉफी के लिए अब बनी तो फिर से ठंडी हो गई,,,
मारने के लिए ही आई हूँ यहाँ,,,,इतना टाइम हो गया कॉफी लेके उपर क्यूँ नही आई तू,,,,,तभी मेरा और
कविता का ध्यान गया किचन से अंदर की तरफ आती हुई सोनिया पर,,,उसने कविता को गुस्से मे देखा और फिर
मेरी तरफ देख कर हँसने लगी,,,,,
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