Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
12-21-2018, 02:58 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
इतने लोगो के सामने डर लगता है या अपनी गर्लफ्रेंड के सामने,,,,ऑर इतने लोगो के सामने तो तूने डिस्को मे भी
डॅन्स किया था मेरे साथ उस दिन,,भूल गया क्या,,,,

मैने कितनी बार बोला है कविता मेरी गर्लफ्रेंड नही है भाभी वो सिर्फ़ मेरी दोस्त है,,,ऑर कुछ नही है हम
दोनो के बीच मे,,,,,,,,आंड डिस्को मे अंधेरा था ऑर कोई भी जान पहचान वाला नही था,,,,यहाँ तो
सभी लोग मेरे कॉलेज से है,,,,मुझे डर लगता है,,,,


अच्छा तो तुझे डर भी लगता है तो चल कहीं ऑर चलते है,,,इतना बोलकर भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा
ऑर मुझे अपने साथ लेके घर के पीछे की तरफ चली गई जहाँ बहुत सारी कार्स खड़ी हुई थी,,वहाँ कोई
नही था सब लोग डॅन्स कर रहे थे तभी भाभी मुझे एक कार के पास ले गया मैने देखा तो ये वही
कार थी जिसमे मैं उस दिन भाभी के साथ डिस्को गया था,,,,भाभी ने कार का दरवाजा खोला ऑर मुझे
अंदर जाने को बोला मैं कार मे ड्राइवर सीट की दूसरी तरफ बैठ बैठ गया ऑर भाभी घूम कर दूसरी
तरफ से ड्राइविंग सीट पर आके बैठ गई,,,


यहाँ कार मे डॅन्स कैसे होगा भाभी ,,मैने हँसते हुए शरारती अंदाज़ मे बोला,,,

जो डॅन्स हम लोगो को करना है उसके लिए कार मे बहुत जगह है सन्नी,,,,भाभी ने भी हंस कर मेरी
बात का जवाब दिया,,,,

जगह तो बहुत है भाभी लेकिन म्यूज़िक नही है,,,,तभी भाभी ने म्यूज़िक प्ले कर दिया ऑर साथ ही कार
भी स्टार्ट की ऑर कार को गेट की तरफ चलाना शुरू कर दिया,,,,,,,ये क्या भाभी कहाँ जा रही हो आप
मैने भाभी से पूछा ही था कि भाभी ने एक बटन दबाया ऑर कार की वो सीट जिस पर मैं बैठा हुआ
था वो पूरी तरह पीछे की तरफ गिर गई ऑर मैं पीछे की तरफ लेट गया,,,,

चुप चाप लेटे रहो सन्नी वर्ना हम लोगो को एक साथ जाते हुए कोई देख लेगा,,,,इतना बोलकर भाभी ने
पीछे की सीट से एक कपड़ा उठाया ऑर मेरे उपर डालके मुझे कवर कर दिया,,,,ऑर पता नही कार को किस
तरफ लेके चलने लगी,,,,,,,कुछ देर बाद भाभी ने वो कपड़ा हटा दिया ऑर मेरी सीट भी सीधी करदी,,


ये कहाँ जा रही हो आप भाभी,,,,,,मैं सीट पर सीधा होते हो बोला,,,,,,

कुछ नही सन्नी इस कार मे जगह कम है डॅन्स के लिए इसलिए खुली जगह पर ले आई कार को,,,मैने देखा
की हम लोग फार्महाउस से काफ़ी दूर आ गये थे ,,यहाँ से फार्महाउस की लाइट्स सॉफ नज़र आ रही थी,,हम
लोग एक खुली जगह पर थे ,,,,ये कोई खेत नही था बस एक खाली प्लॉट था जो काफ़ी बड़ा था,,,तभी भाभी
ने कार को एक पैड के नीचे रोक दिया ऑर लाइट्स ऑफ करदी,,,,कार मे अंधेरा हो गया ऑर एक दम से भाभी
मेरे से चिपक गई ,,इस से पहले मुझे कुछ पता चलता वो सीट फिर से नीचे होने लगी शायद भाभी ने
फिर से सीट नीचे करने वाला बटन दबा दिया था,,सीट नीचे होती गई ऑर भाभी मेरे उपर गिरती गई अब
तक भाभी के लिप्स मेरे लिप्स से सॅट चुके थे ऑर सीट पूरी पीछे हो चुकी थी,,,भाभी दोनो टाँगें
खोलकर मेरे उपर आ गई थी ऑर मुझे किस करने लगी थी,,,,

उस दिन तूने अपनी मनमानी की थी याद है ना सन्नी,,आज मेरी बारी है,,,इतना बोलकर भाभी ने फिर से
मुझे किस करना शुरू कर दिया,,,मेरे लिप्स को भाभी ने अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर बेतहाशा पागलो
की तरफ मेरे लिप्स को चूमने ऑर चूसने लगी,,,मैं भी अब तक पागल हो गया ऑर भाभी को किस का रेस्पॉन्स
उसी अंदाज़ मे देने लगा जिस अंदाज़ से भाभी मुझे किस कर रही थी,,,,,भाभी के हाथ मेरे सर पर
थे ऑर वो अपने हाथों की उंगलियों से मेरे सर को सहला रही थी ऑर मेरे हाथ अब तक भाभी की पीठ
पर चले गये थे मैं भाभी की पीठ को सहलाते हुए उनको अपने से एक दम सटा लिया था,,,भाभी की
पीठ एक दम नंगी थी बस कपड़े के नाम पर एक छोटी सी पतली सी डोरी थी जिस की मदद से ब्लाउस उनकी
पीठ से बँधा हुआ था,,, तभी भाभी ने अपने हाथ पीछे किए ऑर पीछे से ब्लाउस की डोरी को खोल
दिया जिस से भाभी की पीठ बिल्कुल नंगी हो गई ऑर मेरे हाथ उनकी पूरी पीठ पर घूमने लगे,,


कुछ देर बाद भाभी मेरे उपर से उठ गई ऑर जल्दी से अपने ब्लाउस को खोल दिया ऑर मेरी पॅंट की तरफ
इशारा करने लगी मानो वो मुझे पॅंट खोलने को बोल रही थी ,,मैने भी एक पल की देर नही की ऑर पॅंट
के साथ साथ बूट्स भी उतार दिए ,,पॅंट के नीचे अंडरवेार नही था इसलिए पॅंट उतरते ही मैं नीचे
से नंगा हो गया ऑर मेरा 9 इंच से थोड़ा बड़ा लंड एक मूसल की तरह अकडा हुआ भाभी को सलामी
देने लगा ,,,भाभी ने मेरे लंड को देखा ऑर जल्दी जल्दी अपनी साड़ी निकालने लगी लेकिन कार मे बैठ
कर साड़ी निकालने के लिए उनको दिक्कत होने लगी,,,तभी भाभी ने वो किया जिसकी मुझे उम्मीद तक नही थी
,,भाभी ने अपनी तरफ का दरवाजा खोला ऑर कार से बाहर निकल गई,,,,मैं भाभी को देखता ही रह गया
भाभी का ब्लाउस उनके बदन से लटका हुआ था उसकी डोरी जो पीछे से खुल चुकी थी लेकिन ब्लाउस अभी तक
दोनो आर्म्स मे था ,,भाभी जल्दी से बाहर खड़ी होके अपनी साड़ी उतार रही थी ऑर मैं अंदर बैठा उनको
देख कर हैरान भी था ऑर मुझे हँसी भी आ रही थी,,,,,,तभी भाभी ने मुझे हँसते हुए देखा ऑर
खुद भी हँसने लगी,,,,,,

यही पंगा होता है सन्नी साड़ी का अगर स्कर्ट होती तो अब तक अपना काम शुरू भी हो जाना था,,,मैं
भाभी की बात समझ गया ऑर जल्दी से खुद भी नंगे पैर ऑर आधा नंगा जिस्म लेके कार से बाहर निकल गया
ऑर भाभी के पास जाके उनकी हेल्प करने लगा,,,,मैं भाभी के पीछे खड़ा हो गया ऑर उनकी साड़ी निकालने
लगा ऑर पीछे से उनकी गर्दन पर किस करने लगा,,साड़ी निकल गई ऑर भाभी ने जल्दी से अपने ब्लाउस को
भी निकाल दिया ओर पेटीकोट को खोलने मे लगी ,,लेकिन मैने मना कर दिया,,,,,इसको रहने दो भाभी अपना
काम ऐसे ही हो जाएगा,,,,मैने इतना बोला ही था कि भाभी जल्दी से मेरी तरफ पलट गई ,,,ऑर मुझे किस
करते हुए मेरे लंड को हाथ मे लेके मसल्ने लगी ,,,,मैने भी एक पल का टाइम नही लगाया भाभी के
नंगे बूब्स पर हाथ रखने मे ऑर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा,,,,भाभी किस करते हुए बूब्स मसल्ने से
ही आहह भरने लगी,,,,अहह उउउहह किस करते हुए हल्की हल्की सिसकियों की आवाज़ आने लगी
भाभी के मुँह से,,,,,,तभी भाभी जल्दी से अपनी कार की सीट पर बैठ गई ऑर मुझे अपने करीब करते
हुए मेरे लंड को पकड़ा ऑर मुँह मे भर लिया,,,,मैं कार के बाहर कार के दरवाजे पर हाथ रखके खड़ा
हुआ था जबकि भाभी ड्राइविंग सीट पर बैठ कर मेरे लंड का स्वाद लेने लगी थी,,,भाभी काफ़ी तेज थी
लंड चूसने मे या काफ़ी भूखी थी लंड के लिए इसलिए वो तेज़ी से ऑर ज़्यादा से ज़्यादा लंड मुँह मे लेके चूस
रही थी,,,मेरा लंड पूरा गले मे लेना कोई आसान बात नही थी लेकिन भाभी ने बड़ी आसानी ने मेरा पूरा
लंड मुँह मे ले लिया था,,,,मेरी बाल्स पायल भाभी के लिप्स पर टच हो रही थी मतलब मेरा पूरा
लंड था उनके मुँह मे,,,,जिसको वो तेज़ी से अंदर बाहर कर रही थी,,,


कुछ देर लंड चूसने के बाद भाभी कार की सीट पर अंदर की तरफ चली गई ऑर लेट गई,,भाभी ने मुझे
भी अंदर आने को बोला तो मैं भी अंदर हो गया ,,,भाभी अपनी सीट ऑर मेरी वाली सीट पर लेट गई ओर
मैं उनके उपर ,,मैने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी के उपर झुक-कर अपने लंड को भाभी
की चूत मे घुसा दिया,,ऑर एक ही पल मे तेज़ी से झटके मारने लगा,,,,मेरे पैर अभी तक कार से बाहर
ज़मीन पर थे,,,मैं आधा कार से बाहर था ऑर भाभी के पैर भी घुटनो से नीचे तक कार से बाहर
थे,,,मैने तेज़ी से भाभी की चूत मे लंड पेलते हुए भाभी के लिप्स को किस करना शुरू कर दिया ,मेरा
दिल था भाभी के बूब्स को हाथ मे पकड़ने को लेकिन अगर मैं ऐसा करता तो सीट पर सहारा लेके झुक
नही सकता था ,,,,,भाभी के हाथ मेरी चेस्ट पर घूम रहे थे वो भी मुझे पीठ से कस्के हॅग
करना चाहती थी लेकिन ऐसा मुमकिन नही था ,,,,मेरे से भी ऐसे झुक कर चुदाई करना मुश्किल हो रहा
था तभी मैने अपने लंड को भाभी की चूत से निकाला ऑर भाभी को कमर से पकड़ कर कार से बाहर
निकाला लिया ऑर जल्दी से भाभी को कार के आगे की तरफ ले गया,,,भाभी ऐसे थोड़ा डर रही थी,,,पहले भाभी
कार से बाहर निकली थी बिना किसी डर के तो उस टाइम मैं डर रहा था लेकिन अब भाभी मेरी हिम्मत से
डरने लगी थी,,,,मैने भाभी को कमर से पकड़ा ऑर गोद मे उठाकर कार के बॉनेट पर लेटा दिया ऑर
उनकी टाँगों को खोल कर अपने शोल्डर पर रख दिया फिर पेटिकोट को साइड करके लंड को भाभी की
'चूत मे घुसा दिया,,मेरे हाथ भाभी की कमर पर थे ऑर भाभी के पैर मेरे शोल्डर पर थे


,,,मैं नीचे ज़मीन पर भाभी की टाँगों के बीच खड़ा होके भाभी की कमर पकड़ कर तेज़ी से
भाभी की चूत चोदने लगा,,,,,भाभी की सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,आहह ऊओररर तीज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज कारर
सुउउउन्न्नययययी ऊरर तीज्ज्ज्ज्ज्ज आहह ककब्बससीए त्ताररासस्स राहहिि थ्हीइ एआईसीए म्मूस्सालल्ल्ल
क्क्क ल्लीइयईए आहह भाभी मस्त तो हो गई थी लेकिन डर भी रही थी क्यूकी इतनी मस्ती के बावजूद
भाभी बहुत कम शोर कर रही थी,,,,मैं भी जानता था भाभी ऐसी हालत मे डर रही है लेकिन अब
मैं नही डर रहा था ऑर तेज़ी से भाभी की चूत मार रहा था,,,,करीब 5-10 मिनट के बाद मैने
अपने लंड को भाभी की चूत से निकाला ऑर भाभी को बॉनेट से नीचे उतार लिया ऑर वहीं खड़ी करके
झुकने लगा तो भाभी ने खुद को मेरे से अलग किया ऑर जल्दी से कार के अंदर चली गई,,,मैं समझ गया
था भाभी डर रही है लेकिन कार मे जगह कम लग रही थी मेरे को लेकिन मैं ग़लत था,,,
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12-21-2018, 02:58 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी ने कार मे जाते ही आगे की दोनो सीटो को ऑर पीछे की सीट को भी पूरा पीछे की तरफ खोल दिया
था मैं तो देख कर दंग रह गया ये जगह तो एक छोटे बेड जितनी थी,,,मैं जल्दी से कार के अंदर चला
गया ऑर तब भाभी ने अपने पेटिकोट को भी उतार दिया ऑर मेरे करीब आके मेरी टी-शर्ट को भी निकाल
दिया,,,इस से पहले मैं कुछ बोलता भाभी ने मुझे नीचे लेटा दिया ऑर खुद जल्दी से मेरे उपर आ गई
ऑर लंड को चूत मे लेके मेरे उपर उछलने लगी,,भाभी जितनी तेज़ी से उछल रही थी उनके बूब्स भी
उतनी तेज़ी से हिल रहे थे मैने जल्दी से उनको थाम लिया ऑर मसल्ने लगा,,,तभी भाभी थोड़ा पीछे की
तरफ झुकी ऑर कार के एक डोर को बंद कर दिया फिर दूसरे को भी बंद करने की कोशिश करने लगी लेकिन
दूसरा डोर कुछ ज़्यादा ही खुला हुआ था जिसको बंद करना भाभी के बस की बात नही थी तभी मैने
अपने एक पैर से उस डोर को थोड़ा करीब किया ऑर भाभी ने एक बार मेरी तरफ हंस कर देखा ऑर डोर
को पकड़ कर बंद कर दिया,,,जैसे ही डोर बंद हुआ भाभी की एक दम से तेज सिसकियाँ शुरू हो गई मैं
तो डर ही गया था,,,,शायद इसलिए भाभी ने डोर बंद किया था,,,,

आहह ऊरर टीज़्जज कारर सुउन्नययययययी आहह उउउहह इट्त्न्ना ल्लांम्म्मबा मूसल्ल
हहाइी रीई त्तेर्रा एआईसी ल्लगगता हहाइी छ्छूत्त सी घहुउस्स कारर पायत्त फादक्की बाहाररर्र्ररर
ननीईककल्लीगगगा ,,,अहह ज़्ज़ििंड्दागगीइ मी ऐसा मूसाल्ल्ल कब्भीइ ंहिी द्दईकखाा
आहह ताररासस्स गगयइ टहिईिइ एआईसी म्मूस्साल्ल्ल सीसी ल्लीइयइईई ,,उऊहह हमम्म्ममम
आहह र तीज्ज काररर,,,,,,,,,,,,,भाभी मुझे तेज करने को बोल रही थी ऑर खुद ही तेज़ी से
'मेरे लंड पर बैठ कर कूद रही थी,,,मैं उनके बूब्स को तेज़ी से मसल राह था,,,कुछ देर बाद
भाभी मेरे उपर से उठने लगी मुझे लगा अब मेरी बारी है उपर आने की लेकिन नही ,,भाभी मेरे
उपर से उठी ऑर पलट गई,,,भाभी ने मेरी तरफ पीठ करली ऑर मेरे लंड पर खूब सारा थूक लगा दिया
मैं समझ गया कि भाभी अब मेरा लंड गान्ड मे लेगी ऑर ऐसा ही हुआ ,,भाभी ने मेरा लंड पकड़ा ऑर
अपनी गान्ड के होल पर रखा ऑर हल्के से नीचे बैठ कर लंड को गान्ड मे घुसा दिया,,ऑर मेरी टाँगों
पर आगे की तरफ झुक गई ऑर रुक गई,,,,,,मुझे समझ नही आया भाभी रुकी क्यूँ है तभी भाभी खुद को
अड्जस्ट करते हुए फिर से हिलने लगी,,,मुझे कुछ ठीक नही लगा,,,मुझे ऐसा लगा जैसे भाभी ने अपनी
चूत मे भी कुछ घुसा लिया है लेकिन क्या,,,,तभी मैने सर थोड़ा उपर किया ऑर भाभी की गान्ड की
तरफ देखने लगा ,,मुझे मेरा लंड भाभी की गान्ड मे जाता नज़र आ रहा था ऑर तभी मैं दंग रह
गया,,,भाभी ने मेरा लंड तो गान्ड मे लिया हुआ था लेकिन उनकी चूत मे भी कुछ घुसा हुआ था जो
लंड की तरह उनकी चूत मे अंदर बाहर हो रहा था,,मैने ध्यान से देखने की कोशिश की क्यूकी
वहाँ लाइट्स ऑफ थी बस चाँद की हल्की रोशनी थी,,,तभी मुझे झटका लगा भाभी ने कार का गियर
लीवर अपनी चूत मे घुसा रखा था,,,मैं तो एक दम दंग रह गया,,,,साला ये क्या,,,,ये भी चुदाई
की चीज़ है ये तो आज पता चला,,,,भाभी आगे की तरफ झुकी हुई थी ऑर मेरी टाँगों पर वजन डालके
तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी,,,चूत मे गियर लीवर ऑर गान्ड मे मेरा मूसल लेके भाभी मस्ती मे
पागल हो गई थी ऑर ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी,,,,भाभी की गान्ड काफ़ी टाइट थी मुझे लगा कि मैं ज़्यादा
देर टिक नही पाउन्गा ऑर पानी छोड़ दूँगा लेकिन मैं कुछ देर रुकना चाहता था क्यूकी भाभी पूरी मस्ती
मे थी लेकिन तभी भाभी की आवाज़ बहुत तेज हो गई,,,,


अहह सुउउन्न्नययययी त्टीजजििीइ ससीए छूओद्द म्मूुझहही अहह र तीज्ज्ज आहह म्मैाईन्न
झाड्दननी वाल्ल्लीी हूऊंणन्न् आहह त्टीकजजज्ज क्कार्र सुउन्नयी ओररर त्तीज्ज्ज्ज आहह वो खुद
बोलती जा रही थी ऑर खुद ही तेज़ी से मेरे लंड पर उछल रही थी,,,आहह ऊरर तीज्ज्ज उउउहह
आहह हमम्म्ममममममममममममममममम ऐसे तेज़ी से चिल्लाते हुए ऑर तेज़ी से
मेरे लंड पर उछलते हुए भाभी की चूत ने पानी बहा दिया ऑर तभी मेरे लंड ने भी पानी से भाभी
की गान्ड को भर दिया,,,भाभी कुछ देर ऐसे ही बैठी रही डॅशबोर्ड का सहारा लेके आगे की तरफ झुक
कर,,,फिर भाभी मेरे लंड से उठी तो उनकी गान्ड से मेरा लंड बाहर निकल आया जिस से मेरे लंड का पानी
जो भाभी की गान्ड मे गया था वो भी भाभी की गान्ड से निकलता हुआ मेरी टाँगों पर गिरने लगा,,,

भाभी ने झुक कर मेरी टाँग पर से स्पर्म को चाटना शुरू कर दिया फिर अपनी गान्ड पर हाथ लगा कर
बाकी के पानी को भी हाथ से चाट लिया,,,फिर भाभी ने झुक कर मेरे लंड को मुँह मे लिया ऑर चूस
कर अच्छी तरह सॉफ कर दिया,,,,अब तक मैं अपनी सांसो पर क़ाबू करने की कोशिश कर रहा था,,,फिर
भाभी कार से बाहर निकल गई ऑर अपने कपड़े पहनने लगी मैने भी अपनी पॅंट ऑर बूट पहने ऑर तैयार
हो गया,,,,,भाभी को मुश्किल हो रही थी साड़ी पहनने मे तो मैं कार से बाहर निकल कर भाभी के
पास गया ऑर भाभी को साड़ी पहनने मे हेल्प करने लगा,,,,

मैं भाभी की साड़ी को हाथ मे पकड़ कर भाभी की हेल्प कर रहा था,,तभी भाभी बोली,,,,

हयी रे कामीने क्या मस्त चुदाई करता है तू,,,कभी कभी तो लगता है जान ही निकाल देगा,,,मैने इतनी
मस्ती ऑर मज़ा आज तक अपने पति के साथ नही किया हालाकी मेरी शादी को 10 साल हो गये है ,,10 साल मे
मेरे पति ने इतना मज़ा नही दिया जितना तूने 2 बार की चुदाई मे दिया है,,


क्यूकी भाभी आपके पति का छोटा है या खड़ा नही होता,,,,मैने ये बता मज़ाक मे बोली,,,

भाभी थोड़ा मायूस हो गई,,,,,,हाँ सन्नी तू सही कह रहा है,,,मेरे पति का बहुत छोटा है ऑर कभी
कभी खड़ा भी नही होता,,हर टाइम ऑफीस के काम की टेन्षन रहती है ,,इतनी ज़्यादा स्ट्रेस रहती है उनके
दिमाग़ पर कि लंड खड़ा होने की ताक़त ही नही रहती उनमे,,,,यही वजह है कि एक पत्नी कहीं भार
मुँह मारने पर उतारू हो जाती है,,,,मैं भी कब्से किसी मर्द की तलाश मे थी लेकिन कोई मिला ही नही
जिसपे यकीन किया जा सके,,चूत ऑर गान्ड के दीवाने तो बहुत मिले पर यकीन करने लायक कोई नही मिला
रितिका से तेरे बारे मे काफ़ी कुछ सुना था कि तू बहुत अच्छा है,,,उसने बहुत कुछ बताया तेरे बारे मे ऑर
सब कुछ अच्छा ही बताया,,मैने सोचा था एक बार तेरे को आजमा कर देखूँगी,,,दिल से तू अच्छा होगा लेकिन
लंड से पता नही था तू कैसा है,,,,पर उस दिन डिस्को मे देख लिया था ,,अपना पैर तेरे लंड पर लगाकर

इतना बोलकर भाभी हँसने लगी,,,,

तो क्या उस दिन आप भी वो सब कर रही थी,,,या सिर्फ़ रितिका ही कर रही थी ऐसी बचकानी हरकत

नही वो अकेली नही थी,,,वो बेचारी मे तो इतना दम भी नही था,,,वो सब मेरा प्लान था ,मैने ही उसको
तैयार किया था पर फिर भी वो डर रही थी इसलिए 2 पेग लगवा दिए थे उसको,,,ताकि डर कम हो जाए उसका

मैने रितिका वाली बात को इग्नोर किया ऑर दूसरी बात करने लगा,,जब मैने रितिका को इग्नोर किया तो भाभी
फिर से हँसने लगी,,,,


आप ठीक कह रही हो भाभी,,,आपका जिस्म इतना खूबसूरत है कि पता नही कितने दीवाने होंगे आपके,,
ऑर आपकी खुली चूत देख कर सब पता चलता है,,,,

तभी भाभी बीच मे बोल पड़ी,,,,,,,,,,नही नही सन्नी ऐसी बात नही,,,,,मैने आजा तक अपने पति की अलावा
किसी मर्द का लंड नही लिया,,,ये कमाल तो मेरी कार के गियर लीवर का है,,इतना बोलकर भाभी हँसने लगी

अच्छा जी ,,तभी मैं सोचु कि आज कल की लड़कियाँ कार चलाने मे इतना एक्षपरट कैसे होने लगी है,,,

मेरी बात सुनके भाभी हँसने लगी ऑर साथ साथ मैं उनकी साड़ी पहनने मे हेल्प भी करता रहा,,साड़ी
पहन कर भाभी ने मुझे एक डीप किसी की मेरे लिप्स पर ऑर फिर हम दोनो वापिस पार्टी की तरफ चल
पड़े,,,
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12-21-2018, 02:58 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
हम लोग कार मे वापिस पार्टी की तरफ जा रहे थे तभी मुझे सोनिया ऑर कविता पापा की कार के पास घर
से बाहर खड़ी हुई नज़र आई,,,,भाभी का भी ध्यान उनपर पड़ गया था ऑर भाभी ने मुझे नीचे
छुपने को बोला लेकिन मैने मना कर दिया,,,,

रहने दो भाभी अब उन लोगो ने मुझे देख लिया है,,,,

कार के पास वो दोनो खड़ी हुई थी,,,ऑर कोई नही था वहाँ पर,,,,कविता अपने फोन को कान पर लगा
कर शायद किसी से बात कर रही थी,,,

तभी पायल भाभी ने कार कविता ऑर सोनिया के पास जाके रोक दी ऑर मैं कार से उतर गया साथ मे पायल
भाभी भी,,,,

कहाँ था तू इतनी देर से सन्नी,,मैं कब्से तेरा फोन लगा रही हूँ तू उठाता क्यू नही फोन,,कविता
थोड़ा चिड कर बोल रही थी ऑर सोनिया तो हमेशा से चिडती रहती थी अब भी मुझे गुस्से से देख रही थी

इस से पहला मैं कुछ बोलता मेरा ध्यान कार के डॅशबोर्ड पर गया,,,,,अरे फोन कैसे उठाता देखो
मेरा फोन तो पापा की कार मे पड़ा हुआ है,,,,तभी कविता ऑर सोनिया का ध्यान भी कार मे गया जहाँ
मेरा फोन पड़ा हुआ था,,,मैने सोचा सही टाइम पर बच गया तू बेटा वर्ना दोनो ने तेरी क्लास लगा
देनी थी मिलकर,,,,

तभी पायल भाभी बोल पड़ी,,,,,सन्नी ये दोनो खूबसूरत फाइटर कॉन है मुझे भी तो मिलवा ज़रा
इनसे,,

भाभी ने दोनो को फाइटर बोला तो मैं हँसने लगा,,,,खूबसूरत सुनके तो दोनो खुश हो गई थी लेकिन
फाइटर सुन कर दोनो शर्मा गई थी,,,

अरे नही भाभी ये ऐसे ही मज़ाक मे गुस्सा करती है ,,दोनो बहुत अच्छी है ये,,,,ये है कविता मेरी
फ्रेंड जिसके बारे मे मैने बताया था आपको,,,,,ऑर ये पागल लड़की कॉन है मुझे नही पता,,,,मैने सोनिया
के बारे मे ऐसा बोला तो कविता ऑर पायल भाभी दोनो हँसने लगी,,,,ऑर सोनिया गुस्से से मुझे घूर्ने लगी,

ओह्ह तो ये पक्का तेरी सिस होगी सोनिया,,,जैसा तूने बोला था ये उतनी ही क्यूट ऑर गुस्से वाली भी है,,ऑर सन्नी
तेरी पस्संद की दाद देनी पड़ेगी तेरी गर्लफ्रेंड तो बहुत ज़्यादा क्यूट है,,,,भाभी ने कविता के बारे मे इतना बोला
तो कविता शरमा गई ,फिर कविता ऑर सोनिया दोनो हँसने लगी,,,,

मैं ऑर इसकी गर्लफ्रेंड ,,,नेवेर,,,,इसकी गर्लफ्रेंड बनने से अच्छा मैं अकेली ही ठीक हूँ,,,कविता ने इतना बोला ऑर फिर से
दोनो हँसने लगी,,,,

वैसे सन्नी तुमने इनके बारे मे नही बताया ये कॉन है,,,,,सोनिया ने भाभी की तरफ इशारा किया,,,

अरे जिनके घर मे आई हो उन्ही को नही पहचानती तुम,,,,ये तुम्हारी बर्थडे गर्ल की बड़ी सिस है,,,

ओह्ह तो आप हो पायल दीदी ,,इतना बोलकर कविता ऑर सोनिया दोनो पायल भाभी के गले लग गई,,,हमने पहले
आपको कभी देखा नही था ना ,,लेकिन आपके बारे मे सुना ज़रूर था आपकी सिस से,,,

ऑर मैने भी बहुत सुनना है तुम लोगो के बारे मे सन्नी से,,,,बहुत तारीफ करता है तुम दोनो की,,,ऑर
खास कर कविता की,,,,तेरी तो बुराई ही करता है ये सोनिया,,,,

हां हां मैं तो बुरी ही हूँ ये ही अच्छा है,,दूध का धुला हुआ,,,सोनिया ने नखरे से बोला ये सब

अरे भाभी क्यूँ शुरू करती हो इसको,,,एक बार शुरू हो गई तो बंद नही होती ये,,,

ओह्ह सॉरी सॉरी सन्नी,,,तुम गुस्सा मत करो सोनिया मैं तो मज़ाक कर रही थी,,,अच्छा वैसे तुम दोनो
पार्टी एंजाय करने की जगह बाहर क्यूँ खड़ी हुई हो,,,,

एग्ज़ॅम है ना पायल दीदी इसलिए जल्दी वापिस जाना है,,

ओके एग्ज़ॅम की बात है तो नही रोकती तुमको लेकिन अभी तो बहुत टाइम है,,,थोड़ी देर बाद चली जाना
तब तक सन्नी थोड़ी ऑर सवारी कर लेगा ,,,,

सवारी ,,कैसी सवारी पायल दीदी,,,,

पायल जी के कहने का मतलब है इनकी कार की सवारी,,,,विशाल भाई भी ऐसी ही कार लेके आए है ना मेरे लिए
,,मैं उस कार को चला नही सका तो जब पायल जी को बताया तो उन्होने मुझे अपनी कार ड्राइव करने दी
ताकि मुझे कुछ हिसाब हो जाए इस बड़ी कार का,,,,

हां हां सन्नी हिसाब होना ज़रूरी है,,,वैसे तुझे देख कर लगता नही तुझे कार सीखने की ज़रूरत
है तू वैसे ही बड़ी अच्छी सवारी करता है,,,पायल भाभी ने ये बात शरारती अंदाज़ मे बोली थी,,,


तभी सोनिया बोल पड़ी,,,,,चलो अब हमे जाना होगा भाभी ,,इतना बोलके सोनिया ने मुझे कार मे बैठने
का इशारा किया ऑर मैं पायल भाभी को बाइ बोलके कार मे जाके बैठ गया,,,

तभी पायल भाभी ने कार की ड्राइविंग सीट से दूसरी तरफ का दरवाजा खोला ऑर कविता को बोला,,,,,,,,तुम इसकी
गर्लफ्रेंड हो ना तुम आगे बैठो इसके साथ,,,,,पायल भाभी ने इतना बोला तो कविता फिर से शरमा गई,,,,

अरे भाभी क्यूँ मज़ाक करती हो ,,बोला ना ये मेरी गर्लफ्रेंड नही है ये मेरी दोस्त है बस,,,,

अच्छा दोस्त ही सही लेकिन आगे तो बैठ सकती है ना,,

तभी सोनिया बोल पड़ी,,,नही पायल दीदी ये आज हम लोगो का ड्राइवर है इसलिए आज ये अकेला ही बैठेगा आगे
ऑर हम दोनो पीछे ,,,इतना बोलकर सोनिया ऑर कविता पायल से मिली ऑर कार की पिछली सीट पर बैठ गई,,,

फिर मैने पायल को बाइ बोला ऑर कार को आगे बढ़ा दिया,,,,मैने कार के मिरर मे से पीछे देखा तो
सोनिया ऑर कविता बड़ी खुश थी ओर मुझे देख कर हँसती जा रही थी शायद मेरा मज़ाक बना रही थी,,,

घर जाते टाइम मैने कविता को उसके घर ड्रॉप किया ऑर फिर सोनिया को लेके अपने घर चला गया,,रास्ते
भर सोनिया हँसती रही मुस्कुराती रही,,,मुझे लगा था ये कविता ऑर मेरे बारे मे वो सब सुनकर गुस्सा
होगी मुझे भी ऑर कविता को भी लेकिन ये तो खुश थी,,,लेकिन जब भी मैं उसकी तरफ देखता तो मुझे
गुस्से से ही देखती थी ये सोनिया,,,,,,


नेक्स्ट डे मुझे मुझे ख़ान भाई का फोन आया ऑर उन्होने मुझे पोलीस स्टेशन बुलवाया ऑर मैं भी
तैयार होके वहाँ चला गया,,जब मैं वहाँ पहुँचा तो एक हवलदार से ख़ान भाई के बारे मे पूछा
तो वो मुझे उनके रूम तक ले गया,,,,

मैं रूम मे एंटर हुआ तो देखा कि ख़ान भाई के साथ रितिका भी बैठी हुई थी ,,,,

सलाम ख़ान भाई,,,,,मैने रूम मे अंदर जाते ही बोला,,,

वालेकुं सलाम सन्नी भाई इतना बोलके ख़ान भाई अपनी चेयर से उठे ऑर आगे बढ़ कर मेरे गले लग गये,,,

फिर वो वापिस अपनी चेयर की तरफ बड़े तो मैने पास ही बैठी हुई रितिका को हेलो बोला ऑर अपनी चेयर पर
बैठ गया,,,रितिका ने बड़े धीमी आवाज़ मे डरते सहमते हुए मुझे हेलो का जवाब दिया,,वो कुछ
डर रही थी मेरे से ऑर नज़रे भी नही मिला रही थी,,,,

जी बोलिए ख़ान भाई आज कैसे याद किया मुझे,,,,,तभी ख़ान भाई ने मुझे एक प्लास्टिक बॅग दिया,,,

मैने वो बॅग पकड़ा ओर बोला,,,इसमे क्या है ख़ान भाई,,,

ये वही समान है सन्नी जो तुमने सुमित को दिया था उस दिन,,,,सुमित के बारे मे जब ख़ान भाई ने
रितिका के सामने ही बोला तो मुझे अजीब लगा,,,,

ख़ान भाई भी मेरी बात समझ गये ओर बोले,,,,,रितिका को सब कुछ पता है सन्नी इस से डरने की ज़रूरत
नही,,,,ये मुझे अपना भाई मानती है ऑर मेरे लिए भी ये अक़्सा से कम नही है,,,

जानता हूँ भाई लेकिन ये आज यहाँ क्या कर रही है,,,,मैने रितिका को तरफ देखते हुए बोला तो उसने
नज़रे झुका ली फिर से,,,

सन्नी ये हम लोगो की हेल्प करने के लिए यहाँ आई है,,,,

हेल्प कैसी हेल्प,,,,

ये हम लोगो को कुछ सबूत लेक दे सकती है सुरेश ऑर अमित के खिलाफ,,,

लेकिन हम लोगो के पास तो पहले ही बहुत सबूत है ख़ान भाई,,,,वो भी इतने पक्के सबूत जिससे कोई
झुठला नही सकता,,,,,,हमे इसकी हेल्प की ज़रूरत नही,,,,,
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12-21-2018, 02:58 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
ऐसा मत बोलो सन्नी भाई,,,ये हम लोगो की हेल्प करना चाहती है,,,ये अक़्सा की मौत के ज़िम्मेवार लोगो
को सज़ा दिलवाना चाहती है,,,,,फिर चाहे सामने इसका अपना भाई ही क्यूँ ना हो,,,,

अच्छा ये इतना कर सकती है क्या,,,,मैने रितिका पर ताना मारते हुए बोला

हाँ कर सकती हूँ,,,रितिका गुस्से से बोली,,,,,,,,,,,,अगर मेरा बस चले तो मैं सुरेश ऑर उसके बाकी दोस्तो
को गोली मार दूं जिनकी वजह से मेरी बेहन से प्यारी दोस्त अक़्सा की जान गई है,,,,इतना बोलते टाइम उसकी
आँखों मे खून उतर आया था,,,

गोली मारना कोई बड़ी बात नही है रितिका जी,,,गोली तो मैं तब भी उनको मार सकता था जब उन्होने
करण की बेहन शिखा के साथ वो गंदी हरकत की थी,,,,ऑर उन लोगो को गोली मारना ख़ान भाई के लिए
बाएँ हाथ खेल है,,,,पर हम उन लोगो को गोली मार के इतनी आसान मौत नही देना चाहते,,हम उन लोगो
को उतना ही तड़पाना चाहते है जितना उन लोगो ने हमारी बेहन अक़्सा को ऑर बाकी लड़कियों को तडपाया
था,,गोली मारने से तो हम उनको सज़ा नही देंगे बल्कि उन पर एहसान करेंगे


तभी रितिका बोल पड़ी,,,,,,,जानती हूँ तुम लोगो के पास बहुत पक्के सबूत है,,लेकिन मत भूलो तुम लोगो
ने जिनसे पंगा लेना है वो मामूली सड़क चलते लोग नही है,,,,इस स्टेट के जाने माने पोलिटिशन के बेटे
है,,,जिनके लिए पोलीस ऑर कोर्ट को खरीदना कोई बड़ी बात नही है,,,इसलिए अगर उनके साथ बाजी खेलनी
है तो हाथ मे पत्ते बहुत ज़्यादा स्ट्रॉंग रखने होंगे,,,जितने भी ज़्यादा से ज्याद सबूत जमा होंगे
उनके खिलाफ उतने ही पत्ते स्ट्रॉंग होते जाएँगे तुम लोगो के,,,

हाँ सन्नी ये ठीक कह रही है,,,,क्यूकी हमे पहली ही डेट मे सारे सबूत दिखाने होंगे कोर्ट मे
क्यूकी अगर नेक्स्ट डेट मिल गई कोर्ट से तो पंगा हो जाना है,,,हमे पहली डेट मे कुछ सबूत दिखा
कर केस को स्ट्रॉंग करना होगा ताकि दूसरी तरफ का वकील उन लोगो की ज़मानत नही करवा सके ऑर ऐसा
तभी मुमकिन होगा जब हम लोगो के पास बहुत ज़्यादा सबूत होंगे ,,,अगर पहली डेट मे कुछ सबूत
जड्ज के सामने होंगे तो वो नेक्स्ट डेट दे भी देगा लेकिन उन लोगो को ज़मनात बिल्कुल नही देगा,,,

ठीक है ख़ान भाई जैसा आप बेहतर समझे ,,,लेकिन इसके पास ऐसे क्या सबूत है ज़रा पता तो चले ,,,

अभी मेरे पास कोई सबूत नही है सन्नी लेकिन मैं 1-2 दिन मे ऐसा सबूत लाके दे सकती हूँ जो तुम
लोगो के बड़ा काम आ सकता है,,,

अच्छा ऐसा क्या करोगी तुम 1-2 दिन मे,,,,ऐसा कॉन्सा तीर चला दोगि,,,पता तो चले हमे,,,मैने रितिका को
फिर से ताना मारा था,,,

ये तुम देखते जाओ बस सन्नी,,,सबूत ऐसा होगा कि तुम लोग भी याद रखोगे,,

तो ठीक है हम इंतेज़ार कर रहे है उस सबूत का,,,,मैने फिर से उसको ताना मारा,,,,

ठीक है इंतेज़ार करो फिर ,,,इतना बोलकर वो गुस्से से उठी ऑर ख़ान भाई को अलविदा बोलकर वहाँ से चली
गई ऑर जाते टाइम मुझसे कोई बात नही करके गई,,,,


तुम ऐसा क्यू कर रहे हो सन्नी भाई,,,,ख़ान भाई ने रितिका के जाते ही मेरे से पूछा,,,

क्या मतलब भाई मैं कुछ समझा नही,,

मेरा मतलब तू रितिका के साथ इतना अजीब ढंग से क्यूँ पेश आ रहा था,,,,तुझे उसपे यकीन नही है
क्या,,,,

नही ख़ान भाई ऐसी बात नही ,,,वो अच्छी लड़की है,,,मेरी अच्छी दोस्त भी है,,,मैं तो बस उसको इस सब से
दूर रखना चाहता हूँ ,,,,आपको तो पता ही है इस सब मे कितना ख़तरा है,,,,मैं नही चाहता कि
हम लोगो की वजह से वो किसी मुसीबत मे फसे,,,वो मासूम लड़की इतना सब कैसे कर सकती है,,,,अगर
उसको कुछ हो गया तो मैं खुद को माफ़ नही कर पाउन्गा क्यूकी वो ये सब हम लोगो की वजह से तो
कर रही है,,,

तभी एक हवलदार जो चाइ लेके ख़ान भाई के रूम मे आ रहा था उसके हाथ से चाइ की ट्रे गिर गई
जिस से कुछ शोर हुआ ऑर मैं पलट कर उस तरफ देखने लगा,,,,मैने देखा कि दरवाजे के बाहर
रितिका छुप कर खड़ी हुई थी ऑर हम लोगो की बात सुन रही थी,,,,उसी से टकरा कर हवलदार के हाथों से
चाइ की ट्रे नीचे गिरी थी,,,,,,,,उसने मेरी तरफ हंस कर देखा ऑर वहाँ से भाग गई,,,,वो दरवाजे की बाहर
की तरफ थी शायद ख़ान भाई की नज़र नही पड़ी थी उसपे,,

ये क्या किया चाइ क्यू गिरा दी,,

सॉरी साहब वो ग़लती से हो गया,,,,हवलदार बहुत डर गया था,,,

कोई बात नही ऐसा हो जाता है,,,अब इसको सॉफ करो ऑर जाके दोबारा से 2 कप चाइ ले आओ,,,इतना बोलकर
हवलदार को ख़ान भाई वापिस मुझसे बात करने लगे,,,

सही बोला सन्नी तूने,,,,तेरे आने से पहले मैं भी उसको यही सब समझा रहा था लेकिन वो पगली अक़्सा से
इतना प्यार करती थी कि अक़्सा की मौत के ज़िम्मेदार अपने ही भाई को फाँसी पर लटकाने पर उतारू हो गई
थी,,,,अब मैं उसको ज़्यादा नही समझा सकता लेकिन एक बात कहूँगा कि मुझे उस पर पूरा यकीन है ऑर
तुम भी उसपे यकीन करना,,,वो कभी हमे धोखा नही देगी,,,,

जी ख़ान भाई मैं उसपे यकीन करता हूँ लेकिन डरता हूँ,,,,,

फिर हम लोगो की बातें होती रही ,,मैं काफ़ी टाइम ख़ान भाई के पास बैठ रहा ऑर प्लान के बारे मे
बात करते रहे ,,हवलदार दोबारा से चाइ लेके आ गया था ऑर फिर मैं चाइ पीके ख़ान भाई से अलविदा
कहके वहाँ से चला आया,,,,
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12-21-2018, 02:58 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
फिर घर जाते टाइम मेरा फोन बजने लगा,,,शायद किसी का मेसेज आया था,,,,मैने फोन निकाला ऑर
मेसेज देखने लगा,,,,,ये मेसेज था कारण का जिसने लिखा था ज़रूरी काम है ,,अभी मेरे घर आओ,,,,

अब इसको क्या ज़रूरी काम आन पड़ा जो अभी बुलाया है,,,,मैने सोचा कि इसको कॉल करके पूछ लेता हूँ
लेकिन सोचा कि अभी करण के घर के करीब हूँ कॉल करने से अच्छा है उसके घर ही चला जाता हूँ
इसलिए मैं करण के घर चाल गया,,,,

गेट पर बेल बजाने पर करण बाहर आया,,,वो सिर्फ़ निक्केर मे था,,ओर पसीने से भीगा हुआ था,,मैं समझ
गया कि ये अंदर लगा होगा चुदाई करने मे,,,,,उसने मुझे देखा ऑर खुश हो गया,,,

अच्छा हुआ भाई तू आ गया,,,,उसने मुझे हाथ से पकड़ा ऑर अंदर खींच लिया ऑर फिर गेट बंद करके
मेरे गले लग गया,,,,,

आना तो था ही ,,,,,तूने मेसेज जो किया था,,,,,लेकिन ये क्या हाल बना रखा है तूने ,,,,मैने करण से पूछा


ये हाल माँ ऑर शिखा ने बनाया है मेरा ऑर मेसेज भी तुझे शिखा ने किया था मेरे फोन से,,,

अकेले का दम निकाल दिया था दोनो ने मिलकर,,,रात पार्टी से वापिस आया तभी से लगा हुआ हूँ,,,कुछ
देर सोया था बस,,,अब तू आ गया है तूही कुछ हेल्प कर मेरी,,,

इतना बोलकर करण ने फिर से मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे अंदर ले गया ऑर अंदर आते ही दरवाजा लॉक
करके मुझे अपनी माँ के रूम की तरफ ले गया,,,,


जैसे ही मैं अंदर गया तो देखा कि शिखा ने एक स्ट्रॅप-ऑन लगाया हुआ था जिस से वो नकली लंड जुड़ा होता
है,,ऑर वो उस नकली लंड को अपनी कमर पर बाँध कर अलका की चुदाई कर रही थी उसके उपर लेट कर,
ऑर साथ साथ दोनो किस भी कर रही थी एक दूसरे के लिप्स पर,,,,,



तभी अलका आंटी का ध्यान मेरी तरफ आया ऑर फिर नीचे मेरी पेंट की तरफ,,,,अलका ऑर शिखा को देख कर
पल भर मे मेरा लंड ओकात मे आ गया था,,,ऑर आता भी क्यू नही ,,दो नंगे मदमस्त जिस्म एक दूसरे की
बाहों मे लिपटे पड़े थे बेड पर ऑर एक से बढ़ कर एक मस्त जिस्म था,,,बड़े बड़े बूब्स ,,मस्त गान्ड
गोरा संगमरमर जैसा बदन,,जो पसीने से भीगा हुआ हल्की लाइट मे भी सूरज की तरह चमक रहा
था,,,उन दोनो को एक पल देख कर ही मस्ती मे पागल हो गया था मैं,,,,

तभी अलका आंटी ने शिखा को अपने उपर से हटने को बोला,,,,,,

क्या हुआ माँ मज़ा न्ही आ रहा क्या,,,,,

हाँ बेटी अब इस नकली लंड से मज़ा नही आ रहा क्यूकी मेरा असली मूसल आ गया है,,,,अलका आंटी ने इतना
बोला तो अलका के साथ साथ शिखा का भी ध्यान मेरी तरफ आया,,,,शिखा जल्दी से बेड से उठी ओर मेरी तरफ
भाग कर आ गई ओर आके मेरे से लिपट गई,,,,वो इतनी तेज़ी से भाग कर आई थी कि उसका नकली लंड जो उसने
अपनी कमर पर बाँधा हुआ था वो मेरे लंड पर लगा ज़ोर से,,,,,

मेरे मुँह से अहह निकल गई दर्द के मारे,,,,,शिखा ऑर करण हँसने लगे फिर शिखा ने वो नकली
लंड उतारा ऑर दूर फेंक दिया,,,,,ऑर वापिस मेरे से चिपक गई ऑर मुझे पागलो की तरह किस करने लगी
मेरा हाथ मे वो प्लास्टिक का बॅग था जो मैं ख़ान भाई से लेके आया था मैने वो बॅग करण को पकड़ाया
ऑर करण ने वो बॅग साइड पर टेबल पर रख दिया ऑर हाथ खाली होते ही मैने शिखा को गोद मे उठा
लिया,,,क्यूकी मैं अब तक मस्त हो चुका था 2 नंगे बदन देख कर,,,,मैने शिखा को गोद मे उठाया
ऑर बेड की तरफ चल पड़ा जहाँ अलका नंगी लेटी हुई थी,,,बेड के पास जाके मैने शिखा को बेड पर उतार
दिया ऑर शिखा बेड पर घुटनो के बल बैठ गई ऑर मुझे किस करने लगी ,,किस करते हुए शिखा ने मेरी
टी-शर्ट पकड़ी ऑर उपर उठाने लगी तभी मैने भी अपने हाथ हवा मे उपर उठा दिए ताकि शिखा को कोई
मुश्किल नही हो मेरी टी-शर्ट उतारने मे ,,जब मैं हाथ हवा मे उठा रहा था तभी मुझे मेरी पॅंट
पर किसी के हाथों एक एहसास हुआ ऑर जब तक शिखा ने मेरी टी-शर्ट निकाली ऑर मैने नीचे देखा तो अलका
आंटी ने मेरी पॅंट को खोल दिया था ऑर मेरा हार्ड हो चुका लंड उनके हाथ मे था,,,आंटी ने उसकी
टोपी पर 2-3 किस किए अपने लिप्स से ऑर टोपी को ज़ुबान से अच्छी तरफ चाटा फिर मुँह मे भर लिया ,,शिखा
ने वापिस मेरे लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया ऑर साथ-साथ मेरी चेस्ट पर हाथ घुमाने लगी,,वो मेरे
लिप्स को अच्छी तरह से अपने मुँह मे भरके चूस रही थी ऑर अपनी ज़ुबान को मेरे मुँह एक हर कोने मे
घुमा रही थी,,मैं भी उतनी ही मस्ती से उसको किस का रेस्पॉन्स दे रहा था ऑर अब तो मैं ज़्यादा मस्त
हो गया था क्यूकी अलका आंटी आज बहुद बढ़िया तरीके से मेरा लंड चूस रही थी,,कारण ऑर शिखा के
साथ रहके आंटी काफ़ी तेज हो गई थी,,,वो अब मेरा पूरा लंड मुँह मे लेके चूस रही थी,,,मेरी बॉल्स
अलका आंटी के लिप्स पर टच हो रही थी ,,,

तभी करण ने अपनी निक्केर उतारी ऑर लंड हाथ मे लेके मेरे करीब खड़ा हो गया ऑर अपना लंड अपनी माँ
के मुँह के करीब कर दिया ,,,अलका ने भी मेरे लंड को मुँह से निकाला ऑर हाथ से सहलाते हुए करण के
लंड को मुँह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे पूरा मुँह मे घुसा लिया ,,,मैं शिखा को किस करते हुए
नीचे अलका के मुँह मे जाते हुए करण के लंड को देख रहा था जो पूरा का पूरा अलका के मुँह मे घुसा
हुआ था ऑर तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था,,मैं अलका को लंड चूस्ते देख मस्त हो गया था ऑर उसका हाथ
थूक लगे मेरे लंड पर बड़ी नज़ाकत से आगे पीछे होके मेरे लंड को सहला रहा था,,,ऑर उपर से शिखा
मुझे किस करते हुए मेरी छोटी छोटी निपल्स को उंगलियों मे पकड़ कर दबा रही थी जिस से मुझे हल्के
दर्द के साथ मीठा मीठा मज़ा आ रहा था,,,कुछ देर बाद अलका ने करण के लंड को मुँह से निकाल
दिया ऑर मेरे लंड को वापिस मुँह मे भर लिया ऑर बड़े प्यार से चूसने लगी,,करण तब तक बेड पर चढ़
गया ऑर उसने बेड पर झुकी हुई अलका के पीछे जाके अपने लंड को अलका की गान्ड मे घुसा दिया ऑर अलका की
कमर को पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,अलका को पीछे से तेज झटके लग रहे थे जिस वजह से
अलका को अपने सर को हिलाने की ज़रूरत नही पड़ रही थी ,तेज झटके की वजह से उसका सर खुद-ब-खुद मेरे
लंड पर आगे पीछे हो रहा था ,,पीछे से करण का लंड उसकी गान्ड मे पूरा अंदर तक घुस रहा था
ऑर आगे से मेरा लंड पूरा उसके मुँह मे गले से अंदर तक जा रहा था,,


फिर कुछ देर बाद शिखा मेरे से अलग हुई ऑर बेड पर गिर गई ,,उसने बाहें खोल कर मुझे उसके उपर
आने को बोला तो मैं जल्दी से उसके उपर गिर गया ,,,,मेरे गिरते ही उसने मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर
अपनी चूत के द्वार पर रखा ऑर मैने एक ही झटके मे पूरा लंड घुसा दिया उसकी चूत मे ऑर तभी
उसने अपनी बाहों से मुझे पीठ से जकड़ा ऑर अपने से सटा लिया ऑर मेरे लिप्स पर किस करने लगी,,,मेरे
हाथ उसके बूब्स पर थे ऑर मेरे पैर ज़मीन पर ,,,शिखा के पैर भी घुटनो से बेड से नीचे लटक
रहे थे ,,मैने अपने हाथ उसके बूब्स पर रखे ऑर पकड़ बना कर तेज़ी से अपने पैरो का भी सहारा
लेते हुए जोरदार झटके मारने लगा शिखा की चूत मे ,,शिखा भी मुझे किस करती हुई मेरी पीठ से
मुझे पकड़ कर तेज़ी से उपर नीचे हिला रही थी ऑर मुझे स्पीड ज़्यादा तेज करने को बोल रही थी,,,मैं
उसके बड़े बड़े बूब्स को जो अब पहले से भी बड़े हो गये थे उनको हाथों मे लेके ज़ोर-ज़ोर से मसलता
हुआ तेज़ी से उसकी चुदाई कर रहा था,,,,उधर करण बेड पर अलका के पीछे बैठकर अलका की गान्ड मार
रहा था,,,,

कुछ देर बाद करण ने अपने लंड को अलका की गान्ड से निकाला ऑर अलका उठकर मेरे करीब आ गई ऑर
शिखा के लिप्स से मेरे लिप्स दूर करके खुद मुझे किस करने लगी,,,,शिखा समझ गई कि अब उसकी माँ
को मेरा लंड चाहिए था इसलिए उसना मुझे खुद पर से उठने को कहा तो मैं भी शिखा के उपर से
उठ गया ऑर तभी शिखा ने मुझे बेड पर लेटा दिया ऑर अपनी माँ को मेरे उपर आने को बोलने लगी लेकिन
अलका ने ना मे सर हिला दिया ऑर मुझे बेड से उठा दिया ऑर करण को पकड़ कर बेड पर लेटने को बोला
ऑर जैसे ही करण बेड पर लेटा अलका ने अपनी दोनो टाँगें खोली ऑर कारण के लंड पर बैठकर उसके लंड
को हाथ मे पकड़ा ऑर अपनी छूट मे घुसा लिया ऑर मुझे पकड़ कर अपने पीछे जाने को बोला,,,,मैं ऑर
शिखा दोनो हँसने लगे अलका की इस हरकत पर,,क्यूकी उसको मेरा लंड अपनी चूत मे नही गान्ड मे
चाहिए था,,,इसलिए तो उसने मुझे बेड से उठाकर करण को बेड पर लेटा दिया था,,मैने पीछे जाके
अपने लंड को अलका की गान्ड मे घुसाने की कोशिश की लेकिन वो नही घुसा क्यूकी मेरा लंड करण के
मुक़ाबले ज़्यादा मोटा था,,,तभी शिखा झुकी ऑर मेरे लंड को मुँह मे भरके चूसने लगी ऑर जब
लंड थूक से सराबोर हो गया तो उसने मुँह मे जमा कुछ थूक को अपनी माँ की गान्ड पर थूक दिया
जिस से मेरे लंड के साथ उसकी माँ की गान्ड का होल भी चिकना हो गया ऑर फिर मैने लंड को हाथ मे '
पकड़ा ऑर तेज़ी से अलका की गान्ड मे घुसा दिया ,,लंड एक ही बार मे आधे से ज़्यादा घुस गया ऑर अलका की
एक हल्की सी चीख निकल गई,,,,हयीईईईईईईई माआआआअ,,,,,,,,उसको थोड़ा दर्द हुआ लेकिन उसने
मुझे रोका नही ,,,मैने भी उसकी कमर को पकड़ा ऑर तेज़ी से उसकी गान्ड मे झटके मारने लगा ऑर जब 2-3
झटको मे मेरा पूरा लंड उसकी गान्ड मे घुस गया तो मैने उसकी गान्ड मे लंड पेलने की स्पीड थोड़ी
तेज करदी,,,इधर शिखा मेरे पास खड़ी हुई थी जो कभी मेरे लिप्स पर किस कर रही थी तो कभी मेरे सर
को पकड़ कर अपने बूब्स पर झुका देती जिस से मैं उसके बूब्स को मुँह मे भरके चूसने लगता,,,
Reply
12-21-2018, 02:59 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अलका अब 2 लंड का स्वाद ले रही थी इसलिए उसकी सिसकियाँ शुरू हो गई,,,,,,आहह माआआआआ
क्काहंणन्न् तहाा तुउुउउ आब्ब्ब्ब ताक्क्क ससुउन्नययी ब्बेट्टयाआया हहयइईए उहह
'क्कीत्थन्नाअ त्ताररासस्स गगयइ टहिि मेरेईी गाणन्दड़ त्तीररी इश्स म्मूस्साल्ल्ल क्क्क ल्लीइयईीई आहह
एब्ब ज्जाक्कीए क्काहहिन्न ममिल्ला ईसस्क्क्कूऊऊ ,,,,,हहुउऊुुुउउ हमम्म्ममममममममममम
आहह म्माआआआआआअ घहुउस्साअ द्दी आपपनाअ प्पूउर्राा म्मूससाालल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल
म्म्मेरेइईईईई गाणन्ँद्द्द्द्ड म्मीईए आहह ईइत्त्न्ना ंमाज़्ज़जज्ज्जा द्दीई म्मूउजझीईए
क्क्कीिई मायन्न्न प्पागगाल्ल्ल हहूओ अज्जूउन्न्ञणणन् हयीईई ररीए क्कीिट्त्न्ना बड्डा हहाई त्तेर्राआअ
यईी म्मूस्सालल्ल्ल ऊरर क्कीिट्त्न्नाअ ंमाज़्ज़जाअ द्दीत्ताआ हहाइईईईईई ,,,,,,,,,अलका फुल मस्ती मे थी एक
साथ 2 लंड का मज़ा लेके ऑर ये मज़ा उसकी सिसकियों से सॉफ जाहिर हो रहा था ऑर ये मज़ा इतना था कि वो
ज़्यादा देर तक झेल नही पाई इस मस्ती ऑर मज़े के साथ होते 2 लंड के हमले को ऑर उसकी चूत ने पानी
बहाना शुरू कर दिया,,,,ये बात मुझे नही पता चली लेकिन जब उसकी चूत से निकलने वाला पानी करण
के बदन पर गिरा तो उसके कुछ छींटे मेरी टाँगों पर पड़े जिस से मुझे पता चला कि वो झड गई
थी ऑर उसने करण के उपर से उतरने की कोशिश की लेकिन मैने उसको नही छोड़ा क्यूकी मैं पूरी मस्ती
मे जो था लेकिन तभी शिखा ने मुझे उसकी माँ को छोड़ने को बोला तो मैने छोड़ दिया ऑर अलका जल्दी
से उतर कर बेड पर गिर गई ऑर इतने मे शिखा ने उसकी जगह ले ली लेकिन कुछ अलग अंदाज़ से,,उसने अलका
की तरह करण की तरफ चेहरा करके मेरी तरफ अपनी गान्ड नही की बल्कि वो उल्टी होके करण के उपर लेट
गई जिस से उसकी गान्ड करण की तरफ ऑर उपर बूब्स ऑर चूत वाला हिस्सा मेरी तरफ आ गया,,,मैने उसको
थोड़ा गुस्से से देखा क्यूकी मैं उसकी गान्ड मारना चाहता था लेकिन उसने हंस कर अलका की तरफ देखा ऑर
मुझे भी उसकी तरफ इशारा किया जो बड़ी बेसूध लग रही थी,,मैं शिखा का मतलब समझ गया वो मेरा
मूसल अपनी गान्ड मे नही लेना चाहती थी बल्कि चूत मे लेना चाहती थी,,,करण का मूसल लंबा तो
था लेकिन पतला भी था जिस से शिखा को उसके मूसल को गान्ड मे लेने से कोई दिक्कत नही होती,,,


करण के अपने मूसल को शिखा की गान्ड मे घुसा दिया ऑर शिखा की कमर को पकड़ कर अपनी कमर
को तेज़ी से उपर उछाल कर शिखा की गान्ड मे लंड पेलने लगा ऑर उपर से मैं शिखा के उपर झुक गया
ऑर अपने मूसल को हाथ मे लेके शिखा की चूत मे घुसा दिया ओर शिखा के बूब्स को मुँह मे भर
लिया जिस से शिखा को मस्ती के सातवे आसमान पर जाने मे ज़्यादा टाइम नही लगा,,,ऑर उसकी सिसकियों ने ये
सबको बता दिया,,,हईीई सुउन्नयी त्तीर्रा म्मूसाल्ल्ल क्कीिट्त्न्ना माज्जा डेटताअ हहाईईइ आहह
ऊरर टीज़्ज छ्छूड्द म्मूउजझी सुउन्नयी र टीज़्जज घहुऊस्सा आअप्पान्नाअ म्माऊओाससाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल
म्मीईईईईररर्र्र्र्रृिईई चहूओतर्त्टत्टतत्त म्मीईई ऊररर जजूर्र्ररर ससी द्डब्बाआ म्मी ब्बूबबसस
ककूऊ म्म्मेरिइई क्काहहतिीई ससीई उउक्खााद्दद्ड डदीए इन्नकूऊऊ आहह क्कीिट्त्न्नाअ
ंमाज़्ज़जा आर्रहहा हहाीइ ईकककक सस्साआत्तह 2 ल्लुउन्न्ड़डड़ ससीए चहुूद्ड़ञनईए म्मीईईई
कककाररांन्न म्मेरेरिइई ब्बाहहिईिइ ऊओरर टीज़्जज उऊच्छाल्ल्ल आपपनन्ी ग्गगाणन्ँदडड़ क्कू टाक्कीईईई
टतरराा म्मूओस्सालल्ल्ल ऊरर त्टीज्जजििइई ससीए ग्घूउऊउस्स्टता र्राहही म्म्मेरेइईईईई गगाणंनन्न्ँद्दद्ड
म्मीईए आहह माआअ क्क्य्या ब्बाहहिि हहाइईइ मेरेररीई आहह उउउहह
क्कीिट्त्न्नाआ ंमाज़्ज़जज्ज्जाअ द्दी र्राहह्ी हहाइईईईईई अप्प्पनन्िईीई बीहान्ंणणन् कककूऊव आहह
ऊओररर त्टीज्जज छ्छूओड़दूव मेरेरी बाहहीी आहह द्दूओन्नूओ ममिल्लककारररर पफाद्दद्ड
द्डूऊ मेरेइईईईई चूत्त ऊररर गाणन्ँदडड़ कककूऊ हयीईई मा क्कीत्टन्न्नाअ ंमाज़्जाआ
आ र्राहहाा हहाईईईईई,,,,,,,,,,


तभी करण की सिसकियाँ शुरू हो गई थी लगता था वो झड़ने वाला था लेकिन तभी शिखा ने मुझे उपर
से हटने को बोला वो भी हल्के धक्का देके एक हाथ से मैं भी जल्दी से उसके उपर से हट गया ऑर तभी
शिखा भी जल्दी से उतर गई करण के उपर से क्यूकी वो नही चाहती थी कि कारण इतनी जल्दी झड़े ऑर करण
के उपर से उतर कर पलट गई ऑर अपनी चूत को करण की तरफ करके अपनी गान्ड को मेरी तरफ कर दिया


,,अब करण ने उसकी चूत मे लंड घुसा दिया जिस से कारण का काम जल्दी नही होगा उसको थोड़ा टाइम
लग जाएगे ऑर साथ ही शिखा की गान्ड मे जाके मेरे लंड का काम जल्दी हो जाएगा,,,ऑर हो सकता था कि
मेरा ऑर कारण का काम एक साथ हो जाए यही शिखा भी चाहती थी,,,,,करण ने शिखा की चूत मे लंड
घुसा दिया ऑर शिखा ने झुक कर करण को किस करना शुरू कर दिया ऑर तभी मैने पीछे से अपने लंड
को शिखा की गान्ड के होल पर रखा ऑर अंदर घुसा दिया,,,,शिखा की चूत के पानी से लंड पहले ही
काफ़ी चिकना हो गया था ऑर करण के लंड की वजह से शिखा की गान्ड काफ़ी खुली हो गई थी जिस से मेरा
लंड एक ही बार मे पूरा जड़ तक घुस गया ऑर मैने झटका भी काफ़ी तेज़ी से मारा था जिस से लंड सीधा
गान्ड की दीवार से टकरा कर एक तरफ मूड गया था ,,,शिखा को पता था मैं गान्ड बेरेहमी से मारता
हूँ ऑर उसको दर्द भी होगा ऑर शायद वो चिल्ला भी देगी इसलिए चिल्लाने से बचने क लिए उसने करण को
किस करना शुरू कर दिया था,,,हम लोग ऐसे करीब 10 मिनट तक लगे रहे फिर शिखा ने करण के
लिप्स से अपने लिप्स आज़ाद किए ऑर तेज़ी से सिसकियाँ लेना शुरू कर दिया ,,,मैं समझ गया शिखा का भी काम
हो गया समझो ऑर करण की आवाज़ निकली तो पक्का था वो भी झड़ने वाला है तभी मैने भी अपनी स्पीड तेज
ऑर झटका जोरदार कर दिया जिस से मैं भी झड़ने के करीब आ गया था,,तभी जोरदार आवाज़ से शिखा की
चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर साथ ही करण के लंड ने भी पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया
ऑर यहाँ जैसे ही मेरी आवाज़ निकलनी शुरू हुई अलका समझ गई मैं भी झड़ने लगा हूँ तो वो भाग
कर मेरे पास आ गई ऑर मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर शिखा की गान्ड से बाहर निकाल कर जल्दी से अपने
मुँह मे भर लिया ऑर जैसे ही मेरा लंड अलका के मुँह मे घुसा मेरे लंड से भी पिचकारियाँ निकलनी
शुरू हो गई ऑर अलका ने मेरे स्पर्म को निगलना शुरू कर दिया,,,,,मुझे याद आया जब पहली बार मैने
अलका के मुँह मे स्पर्म निकाला था तो इसने मुझे बड़े गुस्से से देखा था लेकिन आज ये कितने मज़े से मेरे
लंड का स्पर्म पी रही थी जैसे कोई रसमलाई हो,,,अलका ने मेरा लंड भी अच्छी तरह से चाट कर सॉफ
कर दिया,,,ऑर फिर शिखा ने भी करण के लंड को अच्छी तरह सॉफ किया ऑर हम सब आराम से लेट कर
खुद पर क़ाबू करने लगे,,,,अलका ऑर शिखा दोनो उठकर एक साथ बाथरूम मे चली गई जबकि मैं ऑर
करण ऐसे ही लेटे रहे,,,,

उस दिन एक बार फिर मैने ऑर करण ने मिलकर अलका ऑर शिखा को चोदा था,,,फिर जब दोनो माँ बेटी
पूरी तरह से संतुष्ट हो गई ऑर रात तक कुछ नही करने को बोला तो कारण की जान मे जान आई,,,

अच्छा हुआ भाई तू आ गया अब रात तक मुझे सुख है ,,,लगातार इतने टाइम से माँ ऑर बेहन दोनो की
चुदाई करके मैं थक गया था तू साथ नही देता तो रात तक क्या मैं कल सुबह तक इनको संतुष्ट नही
कर पाता,,,,अलका ऑर सीखा दोनो कपड़े पहन कर किचन मे काम करने चली गई ऑर हम दोनो को 2
कप कॉफी बना कर दे गई,,,,फिर मैं ऑर करण ने पॅंट पहनी ऑर उपर का जिस्म अभी भी नंगा ही था
हम दोनो कॉफी पीते हुए बातें करने लगे,,,,

तभी करण का ध्यान गया उस प्लास्टिक के बॅग पर जो मैं ख़ान भाई से लेके आया था,,,,,,,

इसमे क्या है सन्नी भाई,,,,,करण ने प्लास्टिक बॅग की तरफ इशारा करते हुए पूछा,,,,
तब मैने करण को बताया ये बॅग मैं ख़ान भाई से लेके आया हूँ ऑर बाकी की बात भी बता दी कि
इस बॅग मे क्या है ऑर रितिका वाली बात भी बता दी,,,कि वो सुरेश ऑर अमित के खिलाफ हम लोगो की हेल्प
करने वाली है ,,,वो हम लोगो को अपने ही भाई के खिलाफ सबूत देने वाली है,,,


करण खुश हो गया ये सुनके,,,,,,हां भाई रितिका बहुत अच्छी है,,,उसने मुझे भी कहा था कि सुरेश ऑर
अमित ने जो भी किया है शिखा दीदी के साथ उस से उसको बहुत गुस्सा है,,,,वो तो अपने भाई से बहुत ज़्यादा
नफ़रत करती है,,,,उसने मेरे से ऑर शिखा दीदी से भी बात की थी इस बारे मे कि वो हम लोगो की हेल्प
करेगी,,,शिखा दीदी को भी वो बहुत अच्छी लगती है,,,,तभी तो शिखा दीदी की हेल्प से मैने माँ से भी बात
करली है रितिका से शादी करने के बारे मे,,,,

मैं उसकी बात सुनकर चोंक गया,,,,,,,,,क्या तूने आंटी से बात करली अपनी ऑर रितिका की शादी की,,,,क्या कहा
आंटी ने,,,मान गई क्या,,,मैं बड़ा खुश होके पूछ रहा था क्यूकी इस से बड़ी खुशी की क्या बात
थी कि आंटी करण की शादी के लिए मान जाती,,,


हाँ भाई माँ मान गई है शिखा ने माँ को मना लिया है,,,,लेकिन माँ ने बोला है कि शिखा की शादी
के बाद मेरी शादी होगी,,लेकिन शिखा ने बोल दिया उसको अभी शादी नही करनी ऑर माँ को पहले मेरी
शादी के लिए भी मना लिया है,,अब माँ भी मेरी ऑर रितिका की शादी जल्दी से जल्दी करना चाहती है,,,

अच्छा अगर ये बात है तो तू जल्दी से तैयार होज़ा बस,,,,मैं तेरी शादी करवा दूँगा रितिका से,,,,

वो कैसे भाई,,,करण खुशी से बट थोड़ा हैरान होके मेरे से पूछ रहा था,,,,

तू इसकी टेन्षन मत ले ,,अब तू तैयार है तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ तुम दोनो के लिए,,,,वैसे तूने
ये बात रितिका को बता दी क्या,,,,,

हां भाई मैं उसको घर भी लेके आया था ,,,माँ ऑर शिखा से मिलवाने ,,शिखा तो पहले से जानती है
उसको लेकिन माँ नही मिली थी,,,माँ को भी अब मिला दिया है ऑर माँ को वो पस्संद भी है,,,,माँ को तो
ऑर भी जल्दी पड़ गई ,,बोलने लगी कहीं ऐसी खूबसूरत लड़की हाथ से नही निकल जाए तू जल्दी शादी करले

सच मे यार रितिका है तो खूबसूरत ऑर तेरी उसके साथ जोड़ी भी अच्छी रहेगी,,,,
Reply
12-21-2018, 02:59 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
लेकिन भाई तू ये सब इतनी जल्दी जैसे करेगा,,,क्या कोई प्लान है तेरे दिमाग़ मे सुरेश के बाप से इस बारे
मे बात करने का या कोई दूसरा ही प्लान है तेरे दिमाग़ मे ,,शैतानी प्लान,,,,,वो थोड़ा खुश होके बोला
क्यूकी उसको पता है मुझे जानभूज कर गान्ड पंगा लेने की आदत जो है,,,,

हाँ भाई एक प्लान तो है लेकिन देखते है कितना कामयाब होता है,,,,अगर कामयाब हुआ तो समझ ले तेरी
शादी जल्दी ही हो जाएगी रितिका से,,,तू बस बॅंड बाजा तैयार रखना,,,,

मैने इतना बोला तो करण खुश हो गया लेकिन मैं सोच मे पड़ गया कि इसको सपना तो दिखा दिया है
रितिका से शादी का लेकिन उस सपने को हक़ीक़त का रूप कैसे दे सकता हूँ मैं,,,

फिर कुछ देर बाद मैं करण के घर से निकल पड़ा,,,,अलका ऑर शिखा तो मुझे रात रोकना चाहती थी
वहाँ लेकिन मैं नही रुका ऑर चला आया वहाँ से,,,,

घर आते आते मैं यही सोच सोच कर परेशान हो रहा था कि अब आगे करना क्या है,,,इतनी टेन्षन थी
मेरे दिमाग़ मे,,,लेकिन जैसे ही घर पहुँचा तो देखा घर के अंदर कविता की अक्तिवा खड़ी हुई थी
जिसको देख कर मेरी आधी टेन्षन ख़ात्म हो गई,,,,ऑर बाकी की आधी अंदर जाके कविता को देख कर हो जानी
थी,,,,,


बेल बजाने पर माँ ने दरवाजा खोला,,,,,मैं अंदर गया ऑर सीधा उपर रूम मे जाने लगा ,,माँ भी
मेरे साथ साथ उपर की तरफ आ रही थी,,,,मैं जैसे ही उपर पहुँचा तो देखा कि सोनिया के रूम का
दरवाजा खुला हुआ था ऑर अंदर बेड पर सोनिया ऑर कविता बैठी हुई थी,,,,,

मैं अंदर घुसा तो कविता ने मुझे हाई बोला ऑर मैं भी उसको हेलो बोला ,,इतने मे माँ भी रूम
मे आ गई,,,,,

कविता बेटी डिन्नर मे 2 सब्जी बना रही हूँ ,,,दाल खानी है तो बता दो वो भी बना दूँगी,,,,,

नही आंटी जी सब्जी ही ठीक है,,,,,,,

ठीक है बेटा,,,,,

तभी माँ नीचे जाने लगी तो कविता ने माँ को आवाज़ लगा दी,,,,,आंटी जी रुकिया एक मिंट,,,,,

माँ रुक गई,,,,हां बोलो बेटी,,,,,

आंटी जी सोनिया के रूम मे चादर ही पड़ी है ,,आज कल रात को ठंड होने लगी है अगर आप एक
कंबल दे देती तो,,,,

अरे हाँ माँ मैं भी आपको बोलने वाली थी कि रात को अब ठंड होने लगी है मुझे भी एक कंबल
दे देना,,,

अच्छा बेटी नीचे 2 कंबल निकाल देती हूँ डिन्नर करने आओगी तो लेती आना,,,,

कविता बोली,,,,,ठीक है आंटी जी,,,,,,

तभी पीछे से सोनिया भी बोली,,,,,,,,,,ओके मोम,,,,,

फिर माँ नीचे चली गई,,,,

मालकिन जी आज रात आप यहीं रुकने वाली हो क्या,,,,मैने मज़ाक मज़ाक मे कविता को बोला,,,,

हाँ रुकने वाली है तुझे कोई प्रोबलम है क्या ब्लॅकी,,,ये बात सोनिया ने बोली तो कविता हँसने लगी,,

तुझे किसी ने पूछा क्या,,मैं कविता से बात कर रहा हूँ तू बीच मे अपनी चोंच मत घुसाया
कर,,,मैने चिड़ते हुए सोनिया से बोला,,,,

अरे बाबा तुम लोग फाइट मत शुरू करना ,,ये बात कविता ने हम दोनो को चुप करवाते हुए बोली,,,

हां सन्नी आज रात मैं यहीं रुकने वाली हूँ,,,,सोचा क्यूँ ना सोनिया के साथ मिलकर नेक्स्ट एग्ज़ॅम की
तैयारी करलूँ,,,,क्यू मेरे यहाँ रुकने से तेरे को कोई प्रोबलम है क्या सन्नी,,

नही नही मालकिन जी मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था,,,,,,,आपका घर है जब तक दिल करे रूको,,,,

मैने इतना बोला ऑर अपने कुछ कपड़े लेके वहाँ से शोबा के रूम मे चला गया ऑर फ्रेश होके बाहर
आ गया ,,,तभी रूम के बाहर मुझे सोनिया मिल गई,,,,

तुझे कोई प्रोबलम है क्या कविता के यहाँ रुकने से,,,ये बात सोनिया हल्के गुस्से से बोल रही थी,,,,
मैने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया ऑर ऐसे बिहेव करने लगा कि मुझे उस से कोई बात नही करनी,,

उसने फिर से वही बात पूछी मेरे से,,,,,तो मैने बिना कुछ बोले ना मे सर हिला दिया ऑर उसको बता
दिया कि मुझे कविता के यहाँ रुकने से कोई प्रोबलम नही है,,,,

तभी वो मेरे करीब आई,,,,,ये अच्छी बात है क्यूकी वैसे भी वो तेरी हेल्प के लिए यहाँ रुकी है,,,

मैं थोड़ा हैरान होके,,,,,मेरी हेल्प,,,कैसी हेल्प,,,,

मेरे साथ तो तूने एग्ज़ॅम की तैयारी करनी नही है सन्नी ऑर ना ही मुझे तेरे साथ बैठ कर स्टडी करनी
है,,,ऑर बिना मेरी हेल्प के तेरा पास होना मुश्किल है ऑर तेरी वजह से मैं अपना अक्तिवा नही मिस करना
चाहती इसलिए मैने कविता को यहाँ रोक लिया है ताकि तेरी कुछ हेल्प कर सके वो,,,,आज रात वो तेरी हेल्प
करेगी स्टडी मे,,,,ऑर उसके साथ होने पर मुझे तेरे से कोई टेन्षन नही होगी ऑर ना ही उसके साथ होने
पर तू अपनी कोई घटिया हरकत कर सकता है मेरे साथ,,,,,,,,,,,,,,,,

सोनिया ने इतना कुछ गुस्से मे एक ही साथ बोला ऑर वापिस अपने रूम मे चली गई,,,,


मैं शोबा के रूम मे चला गया ऑर बाथरूम मे घुस गया

डाइनिंग टेबल पर जब डॅड को भी पता चला कि कविता आज रात यहीं रुकने वाली है तो वो भी खुश थे
क्यूकी वो चाहते थे कि मैं उन लोगो एक साथ मिलकर स्टडी करूँ ऑर नेक्स्ट एग्ज़ॅम की तैयारी अच्छे से करूँ,,


डिन्नर के बाद मैं सोनिया के रूम मे गया तो सोनिया ऑर कविता मेरे से पहले डिन्नर करके वापिस रूम
मे आके स्टडी करने लगी थी,,,,सोनिया ऑर कविता सोनिया के बेड पर कंबल टाँगों पर लेके आराम से बैठ
कर स्टडी कर रही थी ऑर हल्की हल्की बात-चीत भी,,,,मैं भी रूम मे गया ऑर जाके अपने बेड पर बैठ
गया ऑर बुक निकाल कर स्टडी करने लगा,,,

मैं अपने बेड पर था ऑर वो दोनो साथ वाले बेड पर,,,,कविता मेरी हेल्प कर रही थी लेकिन बार बार जब
मैं उसको कोई सवाल करता तो वो मेरी बुक पर देख कर मुझे उस सवाल का जवाब देने लगती ऑर सब कुछ
समझाने लगती,,,,उसको मेरी बुक देखने के लिए आगे की तरफ झुकना पड़ता ऑर मुझे भी अपनी बुक उसके
करीब करनी पड़ती जिस वजह से मुझे भी उसकी तरफ झुकना पड़ता,,,,हम दोनो के बेड मे करीब 3 फीट
का फाँसला था,,,,

अरे बार बार मुझसे नही होता इतनी दूर से ये सब,,,तुम यहीं आ जाओ इस बेड पर सन्नी,,,कविता ने थोड़ा
तंग होते हुए बोला,,,वो बार बार मेरी तरफ झुक झुक कर तंग हो गई थी,,,,

नही नही,,,ये इस बेड पर नही आएगा ,,,,सोनिया ने एक दम से कविता की बात ख़तम होने से पहले ही
बोला,,,

मुझे भी नही आना तेरे गंदे बेड पर,,,मैने भी सोनिया को चिड़ाते हुए जवाब दिया,,,,इस गंदे बेड पर
बैठने से अच्छा है मैं नीचे ज़मीन पर बैठ जाउ,,,,

मेरी बात पर ऑर हम दोनो की फाइट पर कविता हँसने लगी,,,,,,,,,,,ओके बाबा तुम मत आओ यहाँ ,,,मैं आती
हूँ तुम्हारे पास,,,,कविता एक दम से हँसते हुए ये सब बोल गई ऑर तभी सोनिया ने उसकी तरफ गुस्से से
देखा ,,,,

अरे अब मेरी तरफ गुस्से से क्यूँ देख रही हो,,,खुद उसकी हेल्प नही करती तुम ऑर मुझे उसकी हेल्प के लिए
यहाँ रोक लिया है,,,,अब जब मैं उसकी हेल्प करने लगी हूँ तो फिर भी तुम गुस्सा कर रही हो,,,अब
मेरे से बार बार ऐसे झुक कर बात नही की जाती,,,या तो उसको इस बेड पर आने दो या मुझे जाना होगा
वहाँ नही तो बेड को खींच कर थोड़ा करीब कर्लो,,,,

नही मुझे अपने बेड को इसके बेड के करीब भी नही करना,,मेरा बेड तो इसके बेड से जितना दूर रहे
उतना अच्छा है,,,ये बात फिर सोनिया ने बोली ,,,वो भी गुस्से से,,,,,

तो ठीक है फिर मैं जाती हूँ उसके बेड पर,,,,,कविता ने इतना बोला तो मेरा दिल खुश हो गया लेकिन
सोनिया उसको गुस्से से देखने लगी ऑर बोली,,,,,,,ठीक है तुझे जाना है तो जा ,,मुझे क्या,,,,

कविता उठी ऑर मेरे बेड पर आ गई मैने उसके लिए जगह बना दी ऑर खिसक कर एक तरफ हो गया,,,उसने
बेड पर आते टाइम अपना कंबल भी उठा लिया था फिर मेरे साथ बैठ कर अपनी पीठ बेड की दीवार से
लगा कर टाँगों को घुटनो से मोड़ कर बैठ गई ऑर टाँगों पर कंबल भी ले लिया,,,मैं बिना कंबल
के उसके पास ही बैठ हुआ था,,,,मेरा ऑर सोनिया का बेड 4 बाइ 6 फीट का था,,,,कविता ऑर मैं इतने पास
पास बैठे हुए थे कि हम दोनो की बीच बस कुछ ही दूरी थी,,,

मेरी तो हालत खराब थी अगर इस टाइम सोनिया नही होती रूम मे तो मैं पक्का इसको पकड़ लेता ऑर किस
कर देता,,,,लेकिन कविता को कुछ भी नही हो रहा था वो तो चुप चाप स्टडी करने मे बिज़ी थी,,,ऑर उधर
सोनिया भी,,,,इसलिए मैने भी अपना ध्यान स्टडी पर ही लगा कर रखा ऑर स्टडी करता रहा,,,,लेकिन जब भी
मैं कविता से कुछ पूछता ऑर वो मुझे जवाब देती तो वो मेरे बहुद करीब आ जाती ऑर मुझे जवाब
देते टाइम शरमाने लगती,,,,उसकी यही अदा मुझे पागल कर रही थी,,,,,ये बात उसको भी पता चल गई थी
लेकिन फिर भी वो स्टडी की तरफ ही ज़्यादा ध्यान दे रही थी शायद वो भी सोनिया की वजह से डरी हुई थी,,

हम लोगो को रात स्टडी करते हुए करीब 2 बज गये थे तभी मुझे हल्की हल्की नींद आने लगी ऑर मैं
बेड पर लेट गया,,लेकिन कविता ने मुझे उठने को बोला,,,,

ओये ब्लॅकी अभी नही सोना इतनी जल्दी,,,,चल उठ ऑर स्टडी कर,,,,कविता हँसते हुए बोली,,,,

अरे मेरी माँ मैं सो नही रहा बस पीठ मे दर्द होने लगा है तो पीठ सीधी करने के लिए कुछ देर
लेटना चाहता हूँ,,,मैने इतनी बात बोली तो कविता हँसने लगी ऑर साथ मे सोनिया भी,,,,उन दोनो को पता
था कि मैं अगर गेम खेलता रहूं तो पूरी रात नही थकता लेकिन स्टडी के टाइम मैं कुछ ही देर मे
थक जाता हूँ,,,,,

ठीक है ब्लॅकी कुछ देर आराम करले लेकिन सोना नही वर्ना मुँह पर पानी मार कर उठा दूँगी तुझे,,,
कविता ने इतनी बात मज़ाक मे बोली,,,

ओके नही सोता मालकिन जी लेकिन थोड़ी देर लेट तो सकता हूँ ना,,,,,मैने इतना बोला ऑर लेट गया,,,,लेकिन पता
नही चला कब मेरी आँख लग गई ऑर मैं नींद मे सपने देखने लगा,,,


मैं शायद कविता के इतना करीब होके सो रहा था इसलिए सपने मे भी मुझे कविता ही नज़र आ रही
थी ऑर वो भी उतनी ही करीब जितनी करीब वो बैठी हुई थी,,,सपने मे मैं बेड पर लेटा हुआ था ऑर
कविता मेरे करीब थी,,,,कुछ देर बाद वो भी शायद थक गई थी इसलिए लेट गई ,,,वो मेरे साथ ही लेट
गई थी मेरे बहुद करीब होके ,,वो इतना करीब थी कि उसका फेस मेरे फेस से बस 5-6 इंच दूर था '
मुझे उसकी साँसे अपने होंठों पर महसूस हो रही थी,,,गर्म ओर बहुद मद-होश करने वाली एक
मस्त खुश्बू आ रही थी उसकी सांसो से जो मुझे भी मस्त करने लगी थी,,,वो खुश्बू मेरी नाक
से बहती हुई मेरे एक एक अंग तक पहुँच रही थी ऑर मेरा हर एक अंग उस महक से अजीब सी मस्ती मे डूबता
जा रहा था ऑर उसी मस्ती मे डूबता हुआ मैं पता नही कब उसके करीब हो गया पता तो तब चला जब
मेरे होंठ उसके होंठों से टच हुए थे,,,,उसके सॉफ्ट होंठों का टच उस मस्ती को ऑर भड़काने
लगा था जो उसकी मदहोश सांसो की वजह से पैदा हो रही थी पूरे जिस्म मे,,ऑर पता नही कब मैने
हिम्मत करके अपने होंठों को खोला ऑर उसके एक होंठ को अपने होंठों मे भरने की कोशिश करने
लगा लेकिन उसने अपने लिप्स को थोड़ा सा भी नही खोला था ,,मैने बहुत कोशिश की उसके लिप्स खोलने की
लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ ,,,तभी ना जाने कब मेरा एक हाथ उसकी कमर पर चला गया,,,,उसने एक ढीला
सा कुर्ता पहना हुआ था जो उसकी कमर से थोड़ा उपर उठा हुआ था,,ऑर मेरा हाथ उसी कुर्ते की वजह से
नगी हुई कमर पर रखा गया था,,,मेरा हाथ उसकी कमर पर जैसे ही उसको महसूस हुआ उसकी कमर
ने एक हल्की सी लहर के साथ हिलाना शुरू कर दिया,,,मेरा हाथ भी उस हिलती कमर पर हल्के से हिलने लगा
जिस से मेरा खुद पर क़ाबू करना मुश्किल हो गया ऑर मेरा हाथ उसकी कमर पर अच्छी तरह से जकड़ा गया
ऑर मैने एक बार कस्के उसकी कमर को दबा दिया जिस से उसके मुँह से हल्की अह्ह्ह्ह निकल गई ,,,ये तो पक्का
था उसको हल्का दर्द हुआ था ऑर दर्द की वजह से उसके मुँह से आह निकल गई थी लेकिन मेरे लिए इतना ही
काफ़ी था कि उसके होंठों मे थोड़ी से जगह बन गई थी मेरी ज़ुबान के लिए ऑर मैने जल्दी से अपनी ज़ुबान
को उसने लिप्स से अंदर की तरफ घुसा दिया ऑर अपनी ज़ुबान को उसके उपर वाले लिप्स की तरफ मोड़ कर उसके
दांतो को महसूस करते हुआ फिर ज़ुबान को उसके मुँह मे घुसा दिया,,,
Reply
12-21-2018, 02:59 AM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तभी उसकी कमर पर मेरा हाथ हल्के से उपर की तरफ बढ़ने लगा उसने मुझे नही रोका शायद वो फिर
सो गई थी मेरे सपने मे,,,मेरा हाथ पूरी आज़ादी से उसकी कमर से होता हुआ उपर की तरफ बढ़ने लगा और
पल भर मे मेरा हाथ उसके पेट पर उसके बूब्स के पास पहुँच गया था,,,,मेरी उंगलियाँ अब उसकी
ब्रा को टच होने लगी थी,,और साथ ही उसकी हार्टबीट तेज होने लगी थी,,इधर मेरी ज़ुबान ने उसके मुँह
मे घुसके उसके मुँह को अंदर से अच्छी तरह से हर तरफ से महसूस करना और टच करना शुरू कर
दिया था,,अब तो उसका एक होंठ भी मेरे होंठों मे आ गया था जिसको मैने हल्के हल्के चूसना शुरू
कर दिया था,,,मेरे हाथ की उंगलियाँ ब्रा के निचले हिस्से पर टच हो रही थी जो मुझे पागल कर रही
थी और शायद मेरे पागलपन को बढ़ा भी रही थी इसलिए मेरा हाथ उपर की तरफ बढ़ने लगा और मैने
हल्के से आगे बढ़ते हुए उसके एक बूब को हाथ मे पकड़ लिया था,,,,उसका छोटा सा बूब मेरे हाथ मे
पूरा आ गया था ,,मैने उसके बूब को हाथ मे लेके हल्के से दबा दिया और तभी उसने अपने मुँह को
खोला और मेरे लिप्स पर किस करने लगी ,,मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नही रहा और मैने हल्के से उसके
बूब को फिर से दबा दिया ,,तभी मैने उसकी ब्रा के उपर वाले हिस्से मे अपनी एक उंगली अटका दी फिर उसकी
ब्रा को हल्का नीचे करने की कोशिश करने लगा ,उसकी ब्रा ज़्यादा टाइट नही थी जो आराम से नीचे की तरफ
खिसकने लगी,,उसके बूब्स बहुत छोटे थे और टाइट भी शायद इसी वजह से वो टाइट ब्रा नही पहनती थी,,
उसके बूब को मैं एक तरफ से नंगा करने की कोशिश कर रहा था जबकि बूब्स दोनो तरफ से नंगे हो
गये थे,,,,लेकिन उसकी ब्रा हल्का हल्का उपर खिसक रही थी तभी उसने जल्दी से अपनी ब्रा को नीचे से उपर
उठा दिया,,मुझे एक दम से झटका लगा जब उसने ऐसा किया तो,,,उसने खुद अपनी ब्रा को उपर कर दिया था
जिस से उसके दोनो बूब्स नंगे हो गये थे,,बूब्स नंगे होते ही मैने उसके कुर्ते को भी उपर उठा दिया
लेकिन तभी उसने कुर्ते को वापिस नीचे कर दिया और मैने भी दोबारा से कुर्ते को उपर नही किया बस ऐसे
ही उसके बूब्स को हल्के हल्के मसल्ने लगा,,उसके बूब्स छोटे थे और बहुत बढ़िया शेप मे थे ,,अभी
वो छाती से निकल कर बाहर झाँकने लगे थे लेकिन उम्र के हिसाब से थोड़ा आकार ले चुके थे,,मैने
बूब्स को सहलाना शुरू किया और उसको किस करता रहा तभी मैने बूब्स से हाथ उठा लिए और नीचे उसकी
'चूत की तरफ बढ़ने लगा,,,,उसको भी पता लग गया था शायद तभी वो मेरा हाथ पकड़ने लगी लेकिन तब
तक बहुत देर हो गई थी मेरा हाथ उसकी चूत के उपर तक पहुँच गया था और जैसे ही मैने उसकी चूत
पर हाथ रखा उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और तभी मुझे झटका लगा,,,उसने हाथ को अपनी चूत से हटाया
नही बल्कि अपने दोनो हाथों से पकड़कर मेरे हाथ को अपनी चूत पर दबा दिया और मेरे कुछ करने
से पहले मेरे हाथ को अपने हाथों मे पकड़कर अपनी चूत पर सहलाने लगी,,,,मेरा हाथ उसकी चूत
पर उपर नीचे होने लगा ,,मेरा दिल किया कि मैं एक उंगली कपड़ों के उपर से भी उसकी चूत मे घुसा
दूं लेकिन उसने मुझे ऐसा नही करने दिया और खुद मेरे हाथ को अपने हाथों से अपनी चूत पर उपर
से नीचे तक घिसने लगी,,,इसी दौरान उसकी किस करने की स्पीड तेज और अंदाज़ बहुत मस्ती भरा हो गया था


कुछ देर हम ऐसे ही किस करते हुए एक दूसरे के होंठों का स्वाद लेते रहे और मेरा हाथ उसके हाथों
मे उसकी चूत पर घिसता रहा फिर मैने अपनी उंगली को चूत मे घुसाने की कोशिश की तभी उसने मेरे
हाथ को उल्टा कर दिया जिस से मेरा हाथ का पिछला हिस्सा उसकी चूत पर घिसने लगा,,,मैं समझ गया कि ये
मुझे चूत मे उंगली नही करने देगी लेकिन मैं उसकी ऊट को अंदर से महसूस करना चाहता था,,

क्यूकी अभी भी मेरा उल्टा हाथ उसकी चूत को सहला रहा था वो भी कपड़ो के उपर से,,मैं एक बार बस
एक उंगली उसकी चूत मे घुसा देना चाहता था उसकी चूत को महसूस करना चाहता था लेकिन वो मुझे
ऐसा नही करने दे रही थी,,,,तभी मैने उसके लिप्स से अपने लिप्स अलग किए और अपने लिप्स को उसकी गर्दन पर
रख दिया और गर्दन को शोल्डर के पास से किस करने लगा,,,मैं काफ़ी देर से अपने उल्टे हाथ से उसकी
चूत को घिस रहा था और मुझे हल्का मज़ा भी आ रहा था लेकिन मुझे गुस्सा भी आ रहा था एक तो
मेरा हाथ उल्टा और दूसरा मेरा हाथ उसके हाथों मे और वो भी कपड़ो के उपर से,,,तीसरा वो मुझे एक भी
उंगली अंदर नही करने दे रही थी,,,,मुझे 8-10 मिनट हो गये थे ऐसे ही फिर मुझसे रहा नही गया
और मैने गुस्से मे हल्के दाँत लगा दिए उसके शोल्डर पर तभी अपने हाथ को सीधा करने की कोशिश
की लेकिन तभी उसने अपने हाथों मे कस के मेरे हाथ को पकड़ा और तेज़ी से अपनी चूत पर घिस्सने लगी,,
मुझे और भी गुस्सा आ गया वो खुद मज़ा ले रही थी लेकिन मुझे मज़ा नही दे रही थी मेरा लंड भी हाथ
मे नही पकड़ा था उसने,,,एक बार भी हाथ नही लगाया था मेरे लंड पर,,,मुझे इतना गुस्सा आया कि मैने
उसने शोल्डर के थोड़े से हिस्से को अपने मुँह मे भर लिया और ज़ोर से उसको काट दिया तभी उसने एक हाथ
से मेरे सर को पकड़ा और मेरे बलों को नोचते हुए मेरे सर को अपने शोल्डर पर ज़ोर से दबा दिया और
तभी मुझे उस हाथ पर हल्की हल्की नमी महसूस होने लगी जो हाथ उसको चूत पर था,,,मेरा हाथ
थोड़ा गीला हो गया था और उसका पयज़ामा और पेंटी भी,,उसकी चूत ने पानी बहा दिया था और यहाँ मैने
उसके शोल्डर पर किस करते हुए ज़ोर से काट दिया था,,उसने जल्दी से मेरा हाथ अपनी चूत से हटा दिया
और मेरे सर को भी अपने से दूर कर दिया,,,और जल्दी से मेरे से दूर हटके करवट बदलकर सो गई थी
,,,,,

मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था उसपर ,,वो खुद तो हल्की हो गई थी लेकिन मैं अभी तक भरा बैठा हुआ
था,,,अब मैं हल्का होने के लिए कुछ कर भी नही सकता था क्यूकी वो डोर हटके सो गई थी,,,,मैं भी
गुस्से मे करवटें लेके दूर होके सो गया,,,,,,,,,,,मुझे सोते हुए भी गुस्सा आ रहा था साली ने सोते हुए
सपने मे भी मुझे तंग कर दिया था,,,,खैर मैं सोता रहा,,,,,,,

सुबह अलमारी खुलने की आवाज़ के साथ मेरी आँख खुली ,,मैने देखा कि सोनिया अपनी अलमारी से कुछ कपड़े
निकाल रही थी,,,,,मैने आँख खोली और उसकी तरफ देखा तो उसने मेरी तरफ गुस्से से देखा ,,,,साला मुझे
पता नही कि इस लड़की को हुआ क्या है साली सुबह उठते हुए ही मुझे गुस्से से क्यू देख रही है ये,,,तभी
मुझे महसूस हुआ कि मेरे पेट पर कुछ वजन पड़ा हुआ था,,,मैने पेट पर देखा तो किसी का हाथ
था तभी मेरी गान्ड फॅट गई,,,,मैने देखा कि ये हाथ कविता का था और वो मेरे राइट हॅंड पर अपना
सर रखके सो रही थी वो भी मेरे शोल्डर के बहुद करीब ,,,,मैने कविता की तरफ देखा और फिर
सोनिया की तरफ जो अभी भी मुझे घूर रही थी,,,,तभी मैने हल्के हाथ से कविता के हाथ को पकड़ा और
अपने उपर से हटाने लगा तभी कविता की आँख खुल गई,,उसने अपने हाथ को मेरे हाथ मे मेरे पेट के
उपर देखा तो शरमाते हुए मुझे देखने लगी,,,,फिर जब उसका ध्यान गया सोनिया की तरफ और उसको इस
बात का एहसास हुआ कि उसका सर मेरे शोल्डर के करीब मेरे हाथ के उपर है तो वो डर गई और जल्दी से
उठकर बैठ गयी,,,

गुवुड्ड म्मूउर्न्नीन्न्ग्ग ससून्नीीया,,,कविता ने डरते हुए सोनिया को गुड मोर्निंग बोला,,,,

बड़ी जल्दी उठ गई तू कविता,,,,सोनिया ने गुस्से मे बोला,,,

वो मैं उूओ बाससस्स उूओ,,,,,,,,,,कविता से कोई बात नही हो रही थी,,,,

चल अब जल्दी उठ जा और फ्रेश होज़ा ये ले कपड़े,,,,कविता कुछ नही बोली और जल्दी से उठी और सोनिया के हाथ
से कपड़े लेके बाथरूम मे घुस गई भाग कर,,,,,वो तो बाथरूम मे घुस कर सोनिया से बच गई लेकिन
मेरा क्या होगा ,,,साला ये तो मुझे अभी तक घूर कर देख रही थी,,,,मैने भी भलाई इसी मे समझी
कि जल्दी से उठकर वहाँ से भाग जाउ,,,,लेकिन तभी सोनिया मुझे घूरती हुई रूम से बाहर चली गई,,

मुझे कुछ राहत मिली उसके बाहर जाने से,,,लेकिन तभी मेरे दिमाग़ मे रात वाला सपना आ गया जब मैं
कविता के बूब्स को मसल रहा था उसके लिप्स को चूस रहा था,,,उसकी चूत पर मेरा उल्टा हाथ पड़ा हुआ
था जिस से मैं उसकी चूत को सहला रहा था,,,साला सपने मे भी उसने मुझे अपनी चूत को अच्छी तरह से
महसूस नही करने दिया था,,,,लेकिन जो कुछ भी मैने महसूस किया वो काफ़ी था मेरे लिए,,,मैं वही
सोच सोच कर खुश हो रहा था तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और कविता वहाँ से बाहर निकलकर
मेरे करीब आने लगी,,,,वो हँसती और शरमाती हुई मेरे करीब आ रही थी लेकिन मेरे करीब आते ही उसने
मेरे गाल पर ज़ोर से थप्पड़ मारा,,,

मैं एक दम से गुम हो गया,,,,इसको क्या हुआ मुझे मारा क्यूँ,,,,मुझे कुछ समझ नही आया तो मैने उसको
ही पूछ लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,तू पागल हो गई है क्या,,,,इतना ज़ोर से क्यूँ मारा मुझे,,,,और वैसे मारा ही क्यूँ
मुझे,,,,, मैने तुझे कुछ बोला क्या,,,,क्या ग़लती हो गई मुझसे ?

ग़लत ,,इतना सब ग़लत किया कि क्या बोलू तुझे,,,ज़रा भी शरम नही आई कि सोनिया हमारे पास ही सो रही है
और ज़रा भी तरस नही आया मुझ पर जो इतना दर्द दिया मुझे,,,,


क्या बोल रही हो मुझे कुछ समझ नही आ रहा ,,,,,

अच्छा कुछ समझ नही आ रहा,,,,इतना बोलकर उसने अपना कुर्ता शोल्डर की एक तरफ से साइड खिसकाया और
मुझे दिखाने लगी,,,,,ये देखो दाँतों के निशान ,,कितना ज़ोर से काटा रात तूने मुझे,,,,इतना दर्द कोई
देता है क्या किसी को,,,,

मैं तो साला हैरान हो गया ,,,दंग रह गया ,,ये कब हुआ ,,कैसे हुआ,,,,क्या रात को मैं सपना नही
देख रहा था,,,क्या वो सब मैने सचमुच किया था कविता के साथ,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा
था कि ये सब कैसे हुआ,,,,


क्यूँ अब बोलती बंद क्यू हो गई तेरी सन्नी,,,,बोल ज़रा ऐसा क्यूँ किया तूने,,,,इतना हर्ट क्यूँ किया मुझे,,,अब
अगर किसी ने ये दाँतों के निशान देख लिए तो मैं क्या कहूँगी उसको,,,,अगर सोनिया ने देख लिया तो,,,
Reply
12-21-2018, 02:29 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तभी उसकी कमर पर मेरा हाथ हल्के से उपर की तरफ बढ़ने लगा उसने मुझे नही रोका शायद वो फिर
सो गई थी मेरे सपने मे,,,मेरा हाथ पूरी आज़ादी से उसकी कमर से होता हुआ उपर की तरफ बढ़ने लगा और
पल भर मे मेरा हाथ उसके पेट पर उसके बूब्स के पास पहुँच गया था,,,,मेरी उंगलियाँ अब उसकी
ब्रा को टच होने लगी थी,,और साथ ही उसकी हार्टबीट तेज होने लगी थी,,इधर मेरी ज़ुबान ने उसके मुँह
मे घुसके उसके मुँह को अंदर से अच्छी तरह से हर तरफ से महसूस करना और टच करना शुरू कर
दिया था,,अब तो उसका एक होंठ भी मेरे होंठों मे आ गया था जिसको मैने हल्के हल्के चूसना शुरू
कर दिया था,,,मेरे हाथ की उंगलियाँ ब्रा के निचले हिस्से पर टच हो रही थी जो मुझे पागल कर रही
थी और शायद मेरे पागलपन को बढ़ा भी रही थी इसलिए मेरा हाथ उपर की तरफ बढ़ने लगा और मैने
हल्के से आगे बढ़ते हुए उसके एक बूब को हाथ मे पकड़ लिया था,,,,उसका छोटा सा बूब मेरे हाथ मे
पूरा आ गया था ,,मैने उसके बूब को हाथ मे लेके हल्के से दबा दिया और तभी उसने अपने मुँह को
खोला और मेरे लिप्स पर किस करने लगी ,,मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नही रहा और मैने हल्के से उसके
बूब को फिर से दबा दिया ,,तभी मैने उसकी ब्रा के उपर वाले हिस्से मे अपनी एक उंगली अटका दी फिर उसकी
ब्रा को हल्का नीचे करने की कोशिश करने लगा ,उसकी ब्रा ज़्यादा टाइट नही थी जो आराम से नीचे की तरफ
खिसकने लगी,,उसके बूब्स बहुत छोटे थे और टाइट भी शायद इसी वजह से वो टाइट ब्रा नही पहनती थी,,
उसके बूब को मैं एक तरफ से नंगा करने की कोशिश कर रहा था जबकि बूब्स दोनो तरफ से नंगे हो
गये थे,,,,लेकिन उसकी ब्रा हल्का हल्का उपर खिसक रही थी तभी उसने जल्दी से अपनी ब्रा को नीचे से उपर
उठा दिया,,मुझे एक दम से झटका लगा जब उसने ऐसा किया तो,,,उसने खुद अपनी ब्रा को उपर कर दिया था
जिस से उसके दोनो बूब्स नंगे हो गये थे,,बूब्स नंगे होते ही मैने उसके कुर्ते को भी उपर उठा दिया
लेकिन तभी उसने कुर्ते को वापिस नीचे कर दिया और मैने भी दोबारा से कुर्ते को उपर नही किया बस ऐसे
ही उसके बूब्स को हल्के हल्के मसल्ने लगा,,उसके बूब्स छोटे थे और बहुत बढ़िया शेप मे थे ,,अभी
वो छाती से निकल कर बाहर झाँकने लगे थे लेकिन उम्र के हिसाब से थोड़ा आकार ले चुके थे,,मैने
बूब्स को सहलाना शुरू किया और उसको किस करता रहा तभी मैने बूब्स से हाथ उठा लिए और नीचे उसकी
'चूत की तरफ बढ़ने लगा,,,,उसको भी पता लग गया था शायद तभी वो मेरा हाथ पकड़ने लगी लेकिन तब
तक बहुत देर हो गई थी मेरा हाथ उसकी चूत के उपर तक पहुँच गया था और जैसे ही मैने उसकी चूत
पर हाथ रखा उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और तभी मुझे झटका लगा,,,उसने हाथ को अपनी चूत से हटाया
नही बल्कि अपने दोनो हाथों से पकड़कर मेरे हाथ को अपनी चूत पर दबा दिया और मेरे कुछ करने
से पहले मेरे हाथ को अपने हाथों मे पकड़कर अपनी चूत पर सहलाने लगी,,,,मेरा हाथ उसकी चूत
पर उपर नीचे होने लगा ,,मेरा दिल किया कि मैं एक उंगली कपड़ों के उपर से भी उसकी चूत मे घुसा
दूं लेकिन उसने मुझे ऐसा नही करने दिया और खुद मेरे हाथ को अपने हाथों से अपनी चूत पर उपर
से नीचे तक घिसने लगी,,,इसी दौरान उसकी किस करने की स्पीड तेज और अंदाज़ बहुत मस्ती भरा हो गया था


कुछ देर हम ऐसे ही किस करते हुए एक दूसरे के होंठों का स्वाद लेते रहे और मेरा हाथ उसके हाथों
मे उसकी चूत पर घिसता रहा फिर मैने अपनी उंगली को चूत मे घुसाने की कोशिश की तभी उसने मेरे
हाथ को उल्टा कर दिया जिस से मेरा हाथ का पिछला हिस्सा उसकी चूत पर घिसने लगा,,,मैं समझ गया कि ये
मुझे चूत मे उंगली नही करने देगी लेकिन मैं उसकी ऊट को अंदर से महसूस करना चाहता था,,

क्यूकी अभी भी मेरा उल्टा हाथ उसकी चूत को सहला रहा था वो भी कपड़ो के उपर से,,मैं एक बार बस
एक उंगली उसकी चूत मे घुसा देना चाहता था उसकी चूत को महसूस करना चाहता था लेकिन वो मुझे
ऐसा नही करने दे रही थी,,,,तभी मैने उसके लिप्स से अपने लिप्स अलग किए और अपने लिप्स को उसकी गर्दन पर
रख दिया और गर्दन को शोल्डर के पास से किस करने लगा,,,मैं काफ़ी देर से अपने उल्टे हाथ से उसकी
चूत को घिस रहा था और मुझे हल्का मज़ा भी आ रहा था लेकिन मुझे गुस्सा भी आ रहा था एक तो
मेरा हाथ उल्टा और दूसरा मेरा हाथ उसके हाथों मे और वो भी कपड़ो के उपर से,,,तीसरा वो मुझे एक भी
उंगली अंदर नही करने दे रही थी,,,,मुझे 8-10 मिनट हो गये थे ऐसे ही फिर मुझसे रहा नही गया
और मैने गुस्से मे हल्के दाँत लगा दिए उसके शोल्डर पर तभी अपने हाथ को सीधा करने की कोशिश
की लेकिन तभी उसने अपने हाथों मे कस के मेरे हाथ को पकड़ा और तेज़ी से अपनी चूत पर घिस्सने लगी,,
मुझे और भी गुस्सा आ गया वो खुद मज़ा ले रही थी लेकिन मुझे मज़ा नही दे रही थी मेरा लंड भी हाथ
मे नही पकड़ा था उसने,,,एक बार भी हाथ नही लगाया था मेरे लंड पर,,,मुझे इतना गुस्सा आया कि मैने
उसने शोल्डर के थोड़े से हिस्से को अपने मुँह मे भर लिया और ज़ोर से उसको काट दिया तभी उसने एक हाथ
से मेरे सर को पकड़ा और मेरे बलों को नोचते हुए मेरे सर को अपने शोल्डर पर ज़ोर से दबा दिया और
तभी मुझे उस हाथ पर हल्की हल्की नमी महसूस होने लगी जो हाथ उसको चूत पर था,,,मेरा हाथ
थोड़ा गीला हो गया था और उसका पयज़ामा और पेंटी भी,,उसकी चूत ने पानी बहा दिया था और यहाँ मैने
उसके शोल्डर पर किस करते हुए ज़ोर से काट दिया था,,उसने जल्दी से मेरा हाथ अपनी चूत से हटा दिया
और मेरे सर को भी अपने से दूर कर दिया,,,और जल्दी से मेरे से दूर हटके करवट बदलकर सो गई थी
,,,,,

मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था उसपर ,,वो खुद तो हल्की हो गई थी लेकिन मैं अभी तक भरा बैठा हुआ
था,,,अब मैं हल्का होने के लिए कुछ कर भी नही सकता था क्यूकी वो डोर हटके सो गई थी,,,,मैं भी
गुस्से मे करवटें लेके दूर होके सो गया,,,,,,,,,,,मुझे सोते हुए भी गुस्सा आ रहा था साली ने सोते हुए
सपने मे भी मुझे तंग कर दिया था,,,,खैर मैं सोता रहा,,,,,,,

सुबह अलमारी खुलने की आवाज़ के साथ मेरी आँख खुली ,,मैने देखा कि सोनिया अपनी अलमारी से कुछ कपड़े
निकाल रही थी,,,,,मैने आँख खोली और उसकी तरफ देखा तो उसने मेरी तरफ गुस्से से देखा ,,,,साला मुझे
पता नही कि इस लड़की को हुआ क्या है साली सुबह उठते हुए ही मुझे गुस्से से क्यू देख रही है ये,,,तभी
मुझे महसूस हुआ कि मेरे पेट पर कुछ वजन पड़ा हुआ था,,,मैने पेट पर देखा तो किसी का हाथ
था तभी मेरी गान्ड फॅट गई,,,,मैने देखा कि ये हाथ कविता का था और वो मेरे राइट हॅंड पर अपना
सर रखके सो रही थी वो भी मेरे शोल्डर के बहुद करीब ,,,,मैने कविता की तरफ देखा और फिर
सोनिया की तरफ जो अभी भी मुझे घूर रही थी,,,,तभी मैने हल्के हाथ से कविता के हाथ को पकड़ा और
अपने उपर से हटाने लगा तभी कविता की आँख खुल गई,,उसने अपने हाथ को मेरे हाथ मे मेरे पेट के
उपर देखा तो शरमाते हुए मुझे देखने लगी,,,,फिर जब उसका ध्यान गया सोनिया की तरफ और उसको इस
बात का एहसास हुआ कि उसका सर मेरे शोल्डर के करीब मेरे हाथ के उपर है तो वो डर गई और जल्दी से
उठकर बैठ गयी,,,

गुवुड्ड म्मूउर्न्नीन्न्ग्ग ससून्नीीया,,,कविता ने डरते हुए सोनिया को गुड मोर्निंग बोला,,,,

बड़ी जल्दी उठ गई तू कविता,,,,सोनिया ने गुस्से मे बोला,,,

वो मैं उूओ बाससस्स उूओ,,,,,,,,,,कविता से कोई बात नही हो रही थी,,,,

चल अब जल्दी उठ जा और फ्रेश होज़ा ये ले कपड़े,,,,कविता कुछ नही बोली और जल्दी से उठी और सोनिया के हाथ
से कपड़े लेके बाथरूम मे घुस गई भाग कर,,,,,वो तो बाथरूम मे घुस कर सोनिया से बच गई लेकिन
मेरा क्या होगा ,,,साला ये तो मुझे अभी तक घूर कर देख रही थी,,,,मैने भी भलाई इसी मे समझी
कि जल्दी से उठकर वहाँ से भाग जाउ,,,,लेकिन तभी सोनिया मुझे घूरती हुई रूम से बाहर चली गई,,

मुझे कुछ राहत मिली उसके बाहर जाने से,,,लेकिन तभी मेरे दिमाग़ मे रात वाला सपना आ गया जब मैं
कविता के बूब्स को मसल रहा था उसके लिप्स को चूस रहा था,,,उसकी चूत पर मेरा उल्टा हाथ पड़ा हुआ
था जिस से मैं उसकी चूत को सहला रहा था,,,साला सपने मे भी उसने मुझे अपनी चूत को अच्छी तरह से
महसूस नही करने दिया था,,,,लेकिन जो कुछ भी मैने महसूस किया वो काफ़ी था मेरे लिए,,,मैं वही
सोच सोच कर खुश हो रहा था तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और कविता वहाँ से बाहर निकलकर
मेरे करीब आने लगी,,,,वो हँसती और शरमाती हुई मेरे करीब आ रही थी लेकिन मेरे करीब आते ही उसने
मेरे गाल पर ज़ोर से थप्पड़ मारा,,,

मैं एक दम से गुम हो गया,,,,इसको क्या हुआ मुझे मारा क्यूँ,,,,मुझे कुछ समझ नही आया तो मैने उसको
ही पूछ लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,तू पागल हो गई है क्या,,,,इतना ज़ोर से क्यूँ मारा मुझे,,,,और वैसे मारा ही क्यूँ
मुझे,,,,, मैने तुझे कुछ बोला क्या,,,,क्या ग़लती हो गई मुझसे ?

ग़लत ,,इतना सब ग़लत किया कि क्या बोलू तुझे,,,ज़रा भी शरम नही आई कि सोनिया हमारे पास ही सो रही है
और ज़रा भी तरस नही आया मुझ पर जो इतना दर्द दिया मुझे,,,,


क्या बोल रही हो मुझे कुछ समझ नही आ रहा ,,,,,

अच्छा कुछ समझ नही आ रहा,,,,इतना बोलकर उसने अपना कुर्ता शोल्डर की एक तरफ से साइड खिसकाया और
मुझे दिखाने लगी,,,,,ये देखो दाँतों के निशान ,,कितना ज़ोर से काटा रात तूने मुझे,,,,इतना दर्द कोई
देता है क्या किसी को,,,,

मैं तो साला हैरान हो गया ,,,दंग रह गया ,,ये कब हुआ ,,कैसे हुआ,,,,क्या रात को मैं सपना नही
देख रहा था,,,क्या वो सब मैने सचमुच किया था कविता के साथ,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा
था कि ये सब कैसे हुआ,,,,


क्यूँ अब बोलती बंद क्यू हो गई तेरी सन्नी,,,,बोल ज़रा ऐसा क्यूँ किया तूने,,,,इतना हर्ट क्यूँ किया मुझे,,,अब
अगर किसी ने ये दाँतों के निशान देख लिए तो मैं क्या कहूँगी उसको,,,,अगर सोनिया ने देख लिया तो,,,
Reply
12-21-2018, 02:29 PM,
RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अभी वो बोल ही रही थी तभी सोनिया रूम मे आ गई,,,,,उसके आते ही कविता एक दम से चुप हो गई,,,,और
जल्दी से उसने अपनी टी-शर्ट भी सही करली,,,,


हो गई फ्रेश तू,,,,चल जल्दी चल माँ ने नाश्ता लगा दिया है,,,,सोनिया ने इतना बोला और कविता के कुछ
बोलने से पहले उसका हाथ पकड़ा और उसको अपने साथ नीचे ले गई,,,,,सोनिया जब रूम से बाहर जा रही थी
तो मुझे गुस्से से घूर रही थी ,,मुझे डर लगने लगा था क्यूकी अभी सोनिया के साथ-साथ कविता भी
'मुझे उतने ही गुस्से से घूर रही थी,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मुझे कुछ समझ नही आ रहा था वो सब कैसे
हुआ ,,,मैं तो नींद मे सपना देख रहा था,,,,,,,मुझे कुछ पता नही चल रहा था लेकिन उसके
शोल्डर पर बने दाँतों के निशान कुछ और ही कह रहे थे जैसे वो सपना नही था हक़ीक़त थी,,,,



मैं बेड से उठा और खुद को संभालने की कोशिश करता हुआ बाथरूम मे घुस गया,,,बाथरूम मे
जाके मैने शवर ऑन किया लेकिन शवर से बहुत कम पानी निकल रहा था ,,,,आइ थिंक इसलिए सोनिया डॅड को
बाथरूम मे टॅब और शवर ठीक करवाने को बोल रही थी ,,शवर से भले ही पानी कम निकल रहा था
लेकिन अभी मुझे शवर से निकलने वाले पानी की नही कविता की टेन्षन थी,,,,मैं नींद मे सपना देख
रहा था और सपने मे मैने कविता के शोल्डर पर काट भी दिया था लेकिन निशान तो सच्ची मे थे उसके
शोल्डर पर मेरे दाँतों के,,,,तो क्या वो सब सच मे हुआ था,,,लेकिन कब हुआ कैसे हुआ,,मुझे पता
क्यू नही चला,,,,मैं तो सब कुछ सपना ही समझ रहा था लेकिन मेरे दाँतों के निशान जो कविता के
शोल्डर पर थे वो चीख चीख कर बता रहे थे कि वो सब सपना नही था,,,,


मैं फ्रेश होके नीचे की तरफ जा रहा था तभी मैने सोनिया और कविता की बातें सुनी सीढ़ियों मे जाते
टाइम,,,,,

सोनिया,,,,,,नही मुझे नही जाना कविता ,,मुझे एग्ज़ॅम की तैयारियाँ करनी है,,तू चली जाना,,,

कविता,,,,,तू भी चल ना 1 दिन की तो बात है,,नेक्स्ट डे वापिस आ जाना है हम लोगो ने,,,,,

सोनिया,,,,नही मेरा मूड नही जाने का प्ल्ज़्ज़ मुझे फोर्ज़ मत कर,,तुझे पता है अगर मेरा दिल होता तो
मैं चली जाती,,,,

जैसे ही मैं नीचे पहुँचा वो दोनो एक दम से चुप हो गई,,,,,डाइनिंग टेबल पर वो दोनो ही थी,,,मोम
और डॅड नही थे,,,,,,वो दोनो पास पास बैठी हुई थी,,,,मैं भी जाके डाइनिंग टेबल पर बैठ गया,,,

सोनिया ने मुझे गुस्से से देखा लेकिन मुझे अभी उसके गुस्से से नही कविता के गुस्से से डर लग रहा था
क्यूकी आज वो भी पूरे गुस्से मे घूर रही थी मुझे,,,,,

मैं जाके बैठा तो सोनिया ने मेरा नाश्ता लगा कर प्लेट मेरे पास रख दी लेकिन वो कुछ बोली नही
बस वापिस अपनी चेयर पर बैठकर नाश्ता करने लगी,,,,,,वो दोनो ही मुझे गुस्से से घूर रही थी इसलिए
मैं भी चुप चाप सर झुका कर नाश्ता करने लगा,,,,,

नाश्ता करके वो दोनो उठी और बर्तन किचन मे रखकर सोफे पर जाके बैठ गई और टीवी ऑन कर दिया साथ
ही दोनो हल्की आवाज़ मे बातें भी करने लगी,,,,मुझे उनकी बातें तो सुनाई नही दे रही थी लेकिन इतना
पता चल रहा था कि कविता सोनिया को कहीं जाने को कह रही थी लेकिन सोनिया बार बार ना मे सर हिला
कर उसको मना कर रही थी,,,,

कुछ देर बाद मैने भी नाश्ता ख़तम किया और अपने बर्तन किचन मे रखके वापिस बाहर आ गया तो
देखा वो दोनो बहुत ज़्यादा खुश लग रही थी ,,,,बहुत ज़ोर से हँसने लगी थी,,,,पता नही क्या हो गया था
इन लड़कियों को पहले तो चुप थी बातें भी बड़ी स्लो आवाज़ मे कर रही थी लेकिन एक दम से पता नही
क्या हो गया इनको,,,,लेकिन थोड़ा आगे गया जब मैं उनकी तरफ तो पता चल गया उनकी खुशी का राज़ ,,वो
दोनो टीवी पर टॉम आंड जेर्री देख रही थी इसलिए इतना खुश थी,,,,

लेकिन मुझे करीब आते देख दोनो गुस्से से मुझे घूर्ने लगी,,,,,,,मैं मोम को घर पर नही देख
कर थोड़ा परेशान था इसलिए मैने हल्की आवाज़ मे पूछ लिया,,,,,

माँ कहाँ है,,,,,,मैने किसी का नाम नही लिया बस ऐसे ही पूछ लिया,,,सोचा कोई तो जवाब देगा और
शायद जवाब कविता देगी,,,,लेकिन मैं ग़लत था इस बार जवाब सोनिया ने दिया,,,,,

माँ डॅड के साथ अलका आंटी के घर गई है,,,,शाम को आएगी वापिस,,,,,इतना बोलकर वो वापिस टीवी देखने
लगी,,,,

मैं भी उपर गया और चेंज करके वापिस नीचे आ गया,,,,,फिर उन लोगो को बोला कि मैं भी बाहर जा
रहा हूँ काम से ,,,शाम को वापिस आउन्गा,,,,,,मेरी बात सुनके सोनिया तो मुझे गुस्से से देख रही थी
लेकिन कविता थोड़ा उदास हो गई थी,,,,,,,,,,साला इन लड़कियों का कुछ समझ नही आ रहा था मुझे,,,कभी
तो गुस्से से देखती है और कभी मेरे जाने की बात सुनके उदास हो जाती है,,,,लेकिन मैं भी क्या करता
आज दोनो मुझे इतना घूर रही थी की मुझे अपने ही घर मे डर लगने लगा था इसलिए मैं जल्दी से
घर से निकल जाना चाहता था,,और ऐसा ही हुआ,,,,मैने बाइक लिया और घर से निकल आया,,,मेरे बाहर जाते
ही कविता गेट बंद करने के लिए बाहर आई थी,,,,,वो मुझे ऐसी उदास नज़रो से देख रही थी मानो बोल
रही हो कि सन्नी मत जाओ,,वो मुझे रोक रही थी लेकिन मैं नही रुका क्यूकी मुझे डर लग रहा था,,,,


घर से निकल तो आया था लेकिन जाना कहाँ था कुछ नही पता,,,,,चुदाई का दिल नही था वर्ना करण के
घर चला जाता क्यूकी माँ भी वहीं गई हुई थी,,,या फिर कविता के घर उसकी भाभी कामिनी के पास
लेकिन वहाँ भी जाने का दिल नही था ,,पता नही क्या हो गया था ,,,,सब कुछ अजीब लगने लगा था एक
सपने की वजह से जो सपना नही हक़ीक़त था,,,

तभी पायल भाभी की याद आ गई,,,लेकिन अब तक तो वो शायद अपने घर वापिस चली गई होगी,,,,क्यूकी वो
बोल रही थी वो अपनी बेहन की वजह से यहाँ आई थी,,,,लेकिन पायल की याद आते ही मुझे रितिका और करण की
याद आ गई,,,,और तभी दिमाग़ मे एक आइडिया आया और मैं अमित के घर की तरफ चल पड़ा,,,,,

मैं अमित के घर पहुँचा तो उसका घर भी काफ़ी बड़ा था,,,जैसे सुरेश का घर था,,,गेट पर करीब
6-8 लोग बंदूक लेके खड़े हुए थे,,,,,मैने जैसे ही गेट पर नॉक किया तो एक बंदे ने मुझे पहचान
लिया,,,,और जल्दी से गेट खोल दिया ,,,,,,

साहब से मिलने आए हो,,,,उसने इतना बोला और मेरी तलाशी लेने लगा फिर उसने टेलिकॉम से किसी को फोन
किया और मुझे अंदर भेज दिया,,,,,

मैं अंदर की तरफ चलने लगा और घर को देखने लगा,,,इतना बड़ा गार्डन था घर मे ,,,और गेट से
घर की दूरी इतनी थी कि मुझे काफ़ी टाइम लगा वहाँ तक चलके जाने मे,,,,जैसे ही मैं घर के मेन
डोर तक पहुँचा तो अमित बाहर की तरफ आ रहा था,,,,,उसने आते ही अपने अंदाज़ मे बोला ,,,,

आ गया तू,,,,,अकेले ही आया है,,तेरा हरामी दोस्त कहाँ है,,,,,अमित अपने घर मे कुत्ता भी शेर होता है
वाली कहावत पर खरा उतरता था,,,,,

मैने तुझसे पहले भी कहा था अमित भाई मैं उसके बारे मे तेरे से नही तेरे पापा से बात करूँगा,
मैने ये बात बड़े प्यार से बोली थी,,,,,क्यूकी ये घर उसका था और यहाँ मैं गुस्से से नही बोल सकता
था एक तो अकेला था ,,और शायद थोड़ा डरा भी हुआ था मैं,,,,लेकिन फिर भी थोड़ी बहुत हिम्मत तो थी,,,

ठीक है बेटा आजा अंदर,,,और मेरे बाप से ही बात करले,,,,,वो आगे चलने लगा और मैं उसके पीछे ,,तभी
वो मुझे एक बड़े से हाल रूम मे ले गया,,,,जिसके बाहर 2 लोग खड़े हुए थे बंदूक लेके ,,,उन लोगो
ने दरवाजा खोला तो मैं अमित के साथ उस हाल रूम मे एंटर हो गया,,,अंदर गया तो देखा कि अमित
का बाप और सुरेश का बाप बैठे हुए पेग लगा रहे थे,,,,और साथ साथ बातें भी कर रहे थे,,,

अमित का बाप>>>कैसा है अब सुरेश,,,,घर पर आराम कर रहा है क्या,,,,,तबीयत कैसी है उसकी,,

सुरेश का बाप>>>अब ठीक है भाई साहब वो,,,,पहले से बेहतर है,,,,लेकिन मुझसे मेरे बेटे की हालत
देखी नही जाती,,,,जिस ने भी उसका ये हाल किया है उसको जब तक उसके किए की सज़ा नही दूँगा मुझे चैन
नही मिलने वाला,,,,,

अमित का बाप,,,,,,,तू फ़िक्र मत कर,,,,वो साला जहाँ भी होगा ढूँढ लूँगा मैं उसको,,,,सुरेश सिर्फ़ तेरा
बेटा नही है ,,वो मेरा बेटा भी है,,,,,मेरे लिए भी वो अमित के बराबर है,,,,,,,,


तभी उन दोनो की नज़र मेरे और अमित पर पड़ी तो वो दोनो चुप हो गये,,,अमित आगे बढ़ कर अपने बाप के
पास बैठ गया और टेबल पर पड़ा हुआ पेग उठा कर एक ही बार मे पी गया,,,,,,

अरे सन्नी बेटा ,,,आओ आओ बेटा,,कैसे हो,,,,,आओ बैठो यहाँ,,,अमित के बाप ने बड़े प्यार से मुझे
सोफे पर बैठने को बोला,,,,,

मैं ठीक हूँ अंकल जी,,,आप सूनाओ,,,,,,फिर मैं सोफे पर बैठने लगा और बैठते टाइम सुरेश के बाप
को भी हेलो बोल दिया,,,,,लेकिन उसने मुझे बड़े अजीब ढंग से हेलो बोला,,,,तभी अमित के बाप ने उसको
इशारा किया ,,,,,,

आज यहाँ कैसे आना हुआ सन्नी बेटा,,,,,सुरेश के बाप ने बड़े प्यार से पूछा मेरे से,,,शायद ये अमित
के बाप के इशारे की वजह से हुआ था जो सुरेश का बाप मेरे से प्यार से बात करने लगा था,,,,

आपने ही तो कहा था मुझे कि कुछ बात करनी है ,,,और यहाँ आने को बोला था,,,,भूल गये क्या उस दिन
पार्टी मे,,,,,

अरे हां हां बेटा ,,याद है मुझे,,,,,और सूनाओ ड्रिंक लोगे,,,,

जी नही शुक्रिया अंकल जी मैं अभी नाश्ता करके आया हूँ,,,,वैसे भी मैं शराब नही पीता
,मैने बड़े प्यार से जवाब दिया,,,,

तभी अमित के बाप ने अमित को बोला मेरे लिए जूस लेके आने को और जैसे ही अमित उठा अमित के बाप ने
मुझे उसकी जगह अपने पास आके बैठने को बोला,,,,,,,,अमित उठा और वहाँ से चला गया और तभी मैं भी
उठा और अमित की जगह पर उसके बाप के पास जाके बैठ गया,,,,

और सूनाओ सन्नी बेटा,,,,उस सुमित के बारे मे कुछ पता चला कि नही,,,,,सुना है तुम्हारा अच्छा दोस्त है
वो,,,,अमित के बाप ने इतनी बात मेरे शोल्डर पर हाथ रखते हुए बोली,,,,,

जी अंकल वो मेरा अच्छा दोस्त है,,,,,सिर्फ़ वो ही नही कॉलेज का हर स्टूडेंट मेरा अच्छा दोस्त है,,,आपका बेटा
और सुरेश भी मेरे अच्छे दोस्त है,,,,,,

अच्छा अगर वो तेरे दोस्त है तो तूने उनसे झगड़ा क्यूँ किया था पहले,,सुरेश का बाप फिर गुस्से मे बोला
लेकिन तभी अमित के बाप ने उसको चुप रहने का इशारा किया और वो चुप हो गया,,,,
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