Hindi Samlaingikh Stories समलिंगी कहानियाँ
07-26-2017, 12:02 PM,
#45
RE: Hindi Lesbian Stories समलिंगी कहानियाँ
मस्त कर गया पार्ट --12

अगले दिन बारात जाने की तैयारी होने लगी! ज़ाइन तो ग्रे सूट और नेवी ब्लू टाई में क़यामत लग रहा था, उसके चेहरे पर चमक थी! वो सबसे अलग दिख रहा था! फ़ाइनली बारात बनारस से इलाहबाद पहुँच गयी! इलाहबाद की हवा में हल्की हल्की सर्दी थी! बिल्कुल अक्टूबर एण्ड वाली गुलाबी सर्दी, जिसमें ज़ाइन की कमसिन जवानी और भी निखर के दिखने लगी! वो रास्ते भर तो, बस में मुझसे दूर और लडकों के साथ बैठा था, मगर फ़ाइनली इलाहबाद के शादी के हॉल में उसको फ़िर मेरे बगल में बैठना पडा! मैने फ़िर उसको ताडना शुरु कर दिया! वो शायद पिछली रात के एपिसोड से थोडा सकपका भी रहा था! जोश में शायद सब कुछ बोल और कर तो गया मगर अब उसको डर लगने लगा था कि कहीं मैं वो सब बातें ऑउट ना कर दूँ! उसको मुझ पर भरोसा नहीं था! मगर मुझे उस पर प्यार था! वो अब मुझसे कुछ झेंप और शरमा रहा था!

इधर उधर सुंदर सुंदर वेटर्स घूम रहे थे और ज़ाइन के अलावा भी बडे नमकीन नमकीन लडके थे जिनको मैं दिल लगा के नाप रहा था! मैरिज़ हॉल काफ़ी अच्छा था, बिल्कुल किसी होटल की तरह! हमारे रहने के लिये कमरे भी वहीं सैकँड फ़्लोर पर थे! काशिद दूल्हा बना, बडा चिकना लग रहा था! मेरा तो उसकी गाँड मारने का दिल करने लगा था! मैं ये भी सोच रहा था कि वो खुद इतना चिकना है, जब अपनी नयी बीवी के साथ नँगा होगा तो दोनो कितने नमकीन दिखेंगे! फ़िर मेरी नज़र, उस भीड में एक और सुंदर से जवान लडके पर जा टिकी, जो बार बार इधर उधर जा रहा था... कभी कोई पैकेट लेकर, कभी कोई सामान... कभी वो वेटर्स को कुछ इन्स्ट्रक्शन्स देता, कभी किसी बडे से झुक कर बात करता! लडका सुंदर और स्मार्ट था! थोडे बडे हीरो वाले बाल रखे हुये था! बदन से चिपकी ब्लू जीन्स, जिसकी सिलाई उसकी दरार को चूमती हुई उसके आँडूए से गले मिल रही थी! उसकी एक पॉकेट से रुमाल का एक कोना दिख रहा था और बेढँगे तरीके से रुमाल रखने के कारण उसकी पॉकेट में छोटा सा एक बल्ज़ था! पीछे की एक पॉकेट में उसका वॉलेट था, दूसरी पॉकेट में शायद कुछ छुट्‍टे पैसे रखे हुये थे! जब झुकता तो जीन्स खिंचती और सिक्‍के उसकी पॉकेट में दिखते! थाईज़ मस्क्युलर होने के कारण आगे की दोनो पॉकेट्स बहुत टाइट थी! उसकी कमर कोई ३२ के आसपास रही होगी मगर जीन्स साइज़ ३० की लग रही थी! उसने एक हाफ़ स्लीव की व्हाइट शर्ट पहनी हुई थी, जो भाग दौड में पीछे से ऑउट हो गयी थी! सामने से एक साइड से ज़्यादा बाहर और एक साइड से अंदर थी! आगे उसकी ज़िप शाँत थी, इसलिये उभार ज़्यादा प्रॉमिनेंटली नहीं दिख रहा था, मगर फ़िर भी चलते फ़िरते मैं नज़रों से उसको ताड ही लेता था! उसके होंठों पर एक मनमोहक सी मुस्कुराहट थी, जिससे उसके सफ़ेद दाँत दिख जाते थे! उसकी बॉडी अच्छी थी, हाफ़ स्लीव शर्ट के कारण उसकी बाज़ू और हाथ अच्छी तरह दिख रहे थे! मैं उसको भी देख देख मज़ा लेता रहा!

फ़िर मैं एक दो बार, कभी सोप, कभी पानी माँगने के बहाने से उस लडके को अपने पास बुलाया! पास से तो वो कामदेव था कामदेव! मैं तो बस उसकी भूरी आँखों की झील में तैरता गया! नज़दीक से देखने पर उसके होंठ प्यासे दिखे, उसकी गर्दन का कॉलर के पास वाला पोर्शन गोरा और चिकना दिखा और उसके बाल रेशमी लगे! मैने एक बार ग्लास लेने के बहाने उसकी उँगलियाँ छुयी तो मज़ा आ गया! अब मैं जानबूझ कर हर काम के लिये उसी लडके को बुलाता! वो रहा होगा कोई १९-२० साल का, करीब ६ फ़िट लम्बा, गोरा और चिकना! मैं तो बस बिस्तर में उसके परफ़ॉरमेंस का तसव्वुर करता रहा, जैसा मैं ऐसी जगहों पर हमेशा करता हूँ! फ़िर ज़ाइन मेरे बगल में आ गया! मुझे उस पोजिशन से उसकी जाँघें दिख रहीं थीं!
"टाई तो बढिया है..."
"जी... पापा लाये थे!"
"सूट कहाँ सिलवाया?"
"जी, बैंगलोर में ही सिलवाया था... पापा के टेलर से..."
"अच्छे लग रहे हो..." मैने उसको कम्फ़र्टेबल करने की कोशिश की!
"थैंक्स..."
"आओ बाहर चलते हैं..."
"चलिये..."
"एक मिनिट, ज़रा पिशाब कर लूँ..." बाहर जाते जाते मैने कहा!
"मैं भी कर लेता हूँ..."
हमने सामने के टॉयलेट में अगल बगल होकर जब पिशाब किया तो मैने तो उसका लँड देखा ही देखा, मैने देखा कि वो भी मेरा लँड देख रहा था जिससे मेरा लँड हल्का सा जग गया! उसका भी हल्का सा प्लैसिड लँड था! हम जब मूत के हाथ धो रहे थे तो एक लडका आया और फ़र्श साफ़ करने लगा! वो जवान सा २०-२१ साल का लडका था! अगर टॉयलेट साफ़ नहीं कर रहा होता तो पता नहीं चलता कि वो भँगी है! उसका चेहरा गोरा था, जिस्म चिकना, बाल स्मार्ट थे! कुल मिला कर काफ़ी वेल मेन्टेन्ड और हैंडसम था! बिल्कुल हीरो बना हुआ था और उस समय एक टी-शर्ट और सुर्ख लाल रँग का लोअर पहने था! बस उसके दाँतों पर गुटके के निशान थे! मैं जब उसको देख के मुसकुराया और मुस्कुराते हुये उसका गदराया जिस्म ताडा तो वो भी वापस मुस्कुराया! उसका लोअर वैसे तो साइज़ में सही था मगर उसकी मस्क्युलर जवानी के लिये टाइट पड रहा था! मुझे लोअर के अंदर उसके लँड का शेप और सुपाडे का उभार साफ़ दिखा! मैं ज़ाइन के साथ बाहर आया और फ़िर वापस जाकर उस लडके, सोनू, को सौ का एक नोट दे दिया!
"लो रख लो, तुमने अच्छा साफ़ कर रखा है..." तो उसका चेहरा खिल उठा! मेरे लिये वो इन्वेस्टमेंट था!

फ़ाइनली शादी के प्रोग्राम के बाद, रात में वहीं हॉल में महफ़िल जमी और सभी मस्ती करने के लिये लाउड म्यूज़िक लगा के डाँस करने लगे! ज़्यादातर बच्चे और लडके ही थे! बाकी लोग सो गये थे! उनमें कुछ लडकी वालों की तरफ़ के भी लडके आ गये थे! ज़ाइन खूब अपनी कमर और गाँड मटका मटका के नाच रहा था! उसने अपने सूट का कोट उतार दिया और टाई ढीली कर ली! नाचने से उसके चेहरे पर पसीना आने लगा था! मैं और कुछ और लोग चुपचाप कोक में दारू मिला कर चुस्की ले रहे थे! मेरे लिये समाँ खूबसूरत था, मेरी नशीली आँखों के सामने सुंदर सुंदर लडके जो थे! जाइन ने आकर चहकते हुये मुझे अपना कोट पकडने के लिये दिया!
"चाचा, पकड लीजिये ना..."
वो खिलखिलाता चहकता हुआ बडा सुंदर लग रहा था! जब वो मुड के वापस हुआ तो मैने उसकी नयी पैंट से उसकी गाँड के कटाव देखे, पैंट ज़्यादा टाइट नहीं थी मगर फ़िर भी मुझे पूरा अन्दाज़ मिल रहा था! वो वापस जाकर फ़िर गाँड मटकाने लगा! अब धीर धीरे मेरा लँड खडा होने लगा! मैने वेटर से एक और दारू वाली कोक ले ली! तभी ज़ाइन फ़िर भागता हुआ आया, "चाचा थोडी दीजिये... प्यास लग रही है..." और इसके पहले मैं उसको उस कोक की सच्चाई बता पाता, उसने मेरे हाथ से ग्लास लिया और एक साँस में पूरा पी गया!
अब क्या था, अब मैं आराम से बैठ के मज़ा देखने लगा! जैसे जैसे उसको नशा होता गया, वैसे वैसे वो मस्ती से नाचने लगा! कुछ देर के बाद, वो दारू हैण्डल नहीं कर पाया तो मेरी तरफ़ लडखडाता हुआ आया और बोला, "चाचा, अजीब सा लग रहा है..."
वहीं उस भीड में वो लडका फ़िर दिखा! पहले तो वो औरों के साथ डाँस नहीं कर रहा था, बस साथ में शामिल था और हँसी मज़ाक कर रहा था! सभी खिलखिला के हँस रहे थे! कभी शोर मचा के नाचने लगते... किसी का हाथ कहीं, पैर कहीं और गाँड कहीं हो जाते! फ़िर मैने देखा, एक दूसरा लडका उसका हाथ खींच कर उससे भी डाँस कराने लगा! फ़िर देखते देखते उस लडके की गाँड भी थिरकने लगी और कमर मटकने लगी! इस कारण, उसकी बची खुची शर्ट भी जीन्स के बाहर आ गयी! शाम भर के इन्टरेक्शन के बाद मेरी भी उससे काम चलाऊ जान पहचान तो हो ही गयी थी! अब वो जब भी मुझे देखता, मुझे हल्की सी स्माइल देता! फ़िर वो मेरी तरफ़ आया!
"आईये ना, आप भी आईये..."
"अरे नहीं..."
"आपके सभी साथी हैं..."
"मैं नहीं डाँस करता!"
"तो क्या हुआ, आईये तो..."
"तुम करो, मैं तुम्हें देख रहा हूँ..." मैने कहा!
"मुझे भी कहाँ डाँस आता है..." कहकर वो हँसा!
"नहीं, काफ़ी अच्छा डाँस कर लेते हो..."
"थैंक्स, मगर फ़िर भी मुझे डाँस नहीं आता है... वो तो म्यूज़िक का कमाल है!"

उस लडके का नाम आसिफ़ अल्वी था और वो काशिफ़ का नया नवेला साला था! वाह... जीजा चिकना, साला नमकीन... और बहन ज़रूर गुलाबी होगी... क्या ग्रुप था!
इतनें में, ज़ाइन मेरे हाथों से दूसरी कोक भी लेकर पी गया! फ़िर मैने देखा कि आसिफ़ भी कनखियों से हमारी तरफ़ देख रहा था! उसको ये तो पता था कि कोक का क्या राज़ है लेकिन वो समझा कि ज़ाइन शायद जानबूझ के छुप छुप के मुझसे शराब लेकर पी रहा है! मुझे दूर से उसके चेहरे के हाव भाव दिखे! वो शायद सोच रहा था कि ज़ाइन मुझसे इतना फ़्रैंक कैसे है! फ़िर उस उम्र के लडके हर टाइप का शक़ फ़ौरन कर लेते हैं... शायद उसके दिमाग में भी मेरी और ज़ाइन की जोडी देख कर ये बात दौडी कि हो ना हो इस बंदे ने इस चिकने को गाँड मारने के लिये पटा रखा है!
दूसरे पेग के कुछ देर बाद ज़ाइन की गाँड फ़टने लगी! अब उसका सर घूमने लगा और चक्‍कर आने लगे! उसके पैर भी डगमगाने लगे तो मैने सोचा, इसके पहले कि बात बिगडे, सिचुएशन को सम्भाल लेना चाहिये! मैं उसकी तरफ़ गया और उसको पकड के साइड में ले गया! आसिफ़ अब भी हमें देख रहा था! शायद वो ज़ाइन की कमर में पडे मेरे हाथ से और श्योर हो गया था कि हमारे बीच ज़रूर गे रिलेशनशिप है! उसने कुछ देर हम पर नज़र रखी, फ़िर जब हम मेन हॉल से निकल के बाथरूम की तरफ़ मुड गये तो वो अपने और कामों में लग गया!
"क्या देख रहे थे?" जब उसको इस तरह देखते हुये देखकर उसके एक कजिन ने पूछा तो वो बोला "नहीं कुछ नहीं, बस मैं इन दो बंदों को देख रहा हूँ... साले गे चक्‍कर में हैं शायद..." हमें वहाँ से निकलते हुये आसिफ़ ने भी देखा तो उसका शक़ यकीन में बदल गया!
"वाह यार, गे बाराती भी हैं... इसकी माँ की चूत... हा.हा.हा.हा.हा..."
"रहने दे ना... सालों को गाँड मरवाने दे... हम अपना काम करते हैं चलो, अब्बा ने बुलाया है... कुछ सामान आना है चौक से..."
"चौक में अब क्या खुला होगा??? अब तो बस रंडियाँ होगीं वहाँ..."
"हा.हा.हा... चल के सुन तो लो... वरना डाँट पड जायेगी..."
"चलो..."

फ़िर मैने जब ज़ाइन को उस कोक की सच्चाई बताई तो वो उसके होश उड गये!
"चाचा, उल्टी आ रही है..."
"चलो चलो, बाथरूम में उल्टी कर लो..."
"पहले क्यों नहीं बताया?"
"बताता कैसे, तुमने मौका ही नहीं दिया!" मैने उसका हाथ पकडा और उसको बाथरूम की तरफ़ चुपचाप ले गया! वहाँ मैने एक क्यूबिकल का दरवाज़ा खोला और कमोड का ढक्‍कन उठा दिया!
"यहाँ कर लो..." मैने उसकी कमर में हाथ डालते हुये उसका जिस्म सहलाते हुये कहा! उसका बदन चिकना था! वो झुका और 'आउ आउ' करके उसको एक उल्टी हुई... मगर मैने इस बीच अपना हाथ उसकी गाँड पर रख के सहलाना शुरु कर दिया था! मुझे पता था, उस समय वो ध्यान नहीं देगा! उसको फ़िर एक छोटी सी उल्टी हुई और इस बार कुछ उसकी पैंट पर भी आ गयी! "आराम से कर लो, मैं साफ़ कर दूँगा..."
उसने सहारे के लिये साइड की दीवार पकड ली! मैने आराम से उसकी गाँड सहलाना जारी रखा! उसकी गाँड छोटी, मुलायम, चिकनी और शेपली थी! उसको सहला के मज़ा आ रहा था! गाँड सहलाने में मेरा ध्यान आगे थे और मैने देखा नहीं कि इस बीच सोनू वापस आ गया था और सामने खडा मेरी वो हरकत देख रहा था! वो भी ये सब देख कर उत्तेजित हो उठा था और उसके लोअर से उसका लँड उठ गया था! मैं आराम से ज़ाइन की गाँड का मज़ा ले रहा था! फ़िर अचानक जब मेरा ध्यान गया तो मैने सोनू को देखा! वो तब तक मस्त हो चुका था! उसका लँड खडा था! मैं उसको देख के घबराया, मगर वो मुस्कुराया! मेरी नज़र सीधा उसके लोअर पर गयी तो वहाँ से हट नहीं पायी!

"तुम चलो, मेरे रूम में चले जाओ... मैं आता हूँ!" मैने ज़ाइन को अपने रूम चाबी देते हुये कहा! उसके जाते ही मैने सोनू को आँखों में आँखें डाल के देखा तो हम दोनो ही वासना में लिप्त होकर कामुक हो गये! उसने हल्के से अपने निचले होंठ को अपने दाँतों से काटा, फ़िर अपने होंठों पर अपनी ज़बान फ़ेरी! उसकी ज़बान की गुलाबी टिप देख कर मैं मस्त हो गया! फ़िर मेरी नज़र दुबारा उसके लोअर पर पडी तो अब उसका लँड उसके अंदर साफ़ खडा होकर उछलता हुआ प्रतीत हुआ! ना मैं कुछ कह पाया ना वो! वो बस खिसिया के हल्के से हँसा और अपना ध्यान बँटाने के लिये अपने सामने वॉश-बेसिन का काउंटर पोंछने लगा! मगर उसकी नज़रें मेरी नज़रों से ही उलझी रहीं! मैने चारों तरफ़ नज़रें दौडायीं! आस पास कोई नहीं था! एक साइड में खडे होकर मूतने के लिये कमोड लगे थे! थोडा आगे की तरफ़ लाइन से १०-१२ क्यूबिकल्स थे, जिनमें से एक में मैं ज़ाइन को ले गया था! मेरा दिल तेज़ी से धडक रहा था और उत्तेजना भडक रही थी! उसकी भी साँसें तेज चल रही थी! मेरी पैंट में भी लँड खडा होकर ऊपर साफ़ दिखने लगा था! मैने हल्के से हाथ लगा कर उसको सहलाया! उसने भी वैसा किया, मगर उसने अपने लँड को कस के अपने हाथ में पकड के दबाया तो उसकी ट्रैक से उसका लँड साफ़ उभर के पूरे शेप में दिखने लगा! मैं समझ गया कि लोहा गर्म हो चुका है! मैं मूतने के बहाने, थोडा साइड में एक बिल्कुल कोने वाले कमोड पर खडा हो गया और अपना लँड चड्‍डी से बाहर खींच लिया और पकड के हल्के हल्के उसको मसलने लगा! मेरा लँड भी बहुत देर से खडा था, उसकी भी जान में जान आयी!

मैने कनखियों से देखा, वो थोडी दूर आकर रुक गया! मैने गर्दन मोडी और उससे आँखें मिलाई! उसके चिकने चेहरे पर कामुकता का तूफ़ान उमडा पडा था! नज़रें वासना में बिल्कुल लिप्त थी! होंठ सिरहन के मारे हल्के सिकुडे हुये थे और चेहरा तमतमा रहा था! हमने कुछ कहा तो नहीं पर हमारी आँखें बिना कुछ कहे सब बयाँ कर रहीं थी! उसने अपनी एक आँख हल्के से दबा के मुझे इशारा किया और मुस्कुराया! मैं हल्के से पीछे होकर ऐसे साइड हुआ कि उसे मेरा लँड दिखने लगा! मेरा साइज़ देखते ही उसके चेहरे का भाव बदला! इस बार मैने उसको हल्के से आँख मारी! वो धीरे धीरे मेरे बगल वाले कमोड में आ गया और बीच वाले पार्टिशन पर एक हाथ रख कर दूसरे हाथ से अपना ट्रैक थोडा सरकाया! उसने भी अपना खडा लँड अपनी चड्‍डी की क़ैद से आज़ाद कर दिया! अब हम दोनो की नज़रें एक दूसरे के लँड पर थी! दोनो के लौडे हवा में ठनक के सीधे खडे थे! उसने अपने हाथ से अपने लौडे की चमडी पीछे की तो मुझे उसका खुला हुआ सुपाडा दिखा!
उसका लँड अच्छा लम्बा था, मगर ज़्यादा मोटा नहीं था! मैने पार्टिशन पर रखे उसके हाथ पर हाथ रखा और उसको हल्के हल्के सहलाने लगा! उसके हाथ में जान थी! मैने और टाइम नहीं खराब किया और हाथ नीचे की तरफ़ बढा कर उसका लँड थाम लिया! उसकी सिसकारी निकल गयी!
"सिउउउहहहह... साला... अआहहह..." और अगले ही पल उसने अपने हाथ को नीचे करके मेरे लँड को पकड लिया और हम दोनो ने मदहोश होकर एक दूसरे की तरफ़ देखा!

अभी बात आगे बढ भी नहीं पायी थी कि अचानक किसी के आने की आहट हुई और हमने एक दूसरे के लँड छोड दिये और मूतने का बहाना करने लगे! वो आने वाला आसिफ़ था, जो शाम से ही मेरी हरकतों पर नज़र रखे हुये था! वो खडा होकर मूतने लगा! उसने हमें शक़ की नज़रों से देखा!
"और क्या हाल है..." मैने उससे पूछा!
"अच्छा है!"
"काफ़ी काम है तुम्हें..."
"जी हाँ... अब शादी में तो काम करना ही पडता है ना..."
"हाँ, वो तो है... वो भी बहन की शादी..." जब हम ये बातें कर रहे थे, उसी मैरिज़ हॉल के एक सजे हुये कमरे में काशिफ़ उसकी बहन को चोद रहा था! उसने अपनी नयी बीवी की चिकनी चूत में अपना चिकना लँड घुसाया तो मस्ती से उसका सर घूम गया! वो हिचक हिचक के चूत की सील तोडने लगा!
"तुम पढते हो?"
"हाँ, इंजिनीरिंग फ़र्स्ट ईअर में..."
"कहाँ?"
"अलीगढ में..."
"अच्छा ए.एम.यू. में?"
"हाँ!"
"मैं कभी अलीगढ नहीं आया हूँ!"
"तो आ जाईये!" इस सब के बीच सोनू चुपचाप खडा था!

"अंदर आ जाओ!" आसिफ़ मूत के चला गया तो सोनू ने पहली बार कुछ कहा! उसने आँखों से एक क्यूबिकल की तरफ़ इशारा किया!
"चलो..." मैने कहा और हम झट एक क्यूबिकल में घुस गये! इस बार मैं उससे लिपट गया और उसका बदन सहलाने लगा! उसके मसल्स में काफ़ी दम था और बदन गर्म था! मुझे उसकी बाहों में बहुत मज़ा आया! मैं जितना उससे चिपकता वो उतना मुझे जकडता! उसने एक हाथ मेरी कमर पर जकड लिया! मैं उसकी पीठ सहला रहा था और वो मेरा जिस्म! हम एक दूसरे के लँड में लँड भिडा रहे थे! समाँ उफ़ान पर था और ठरक जवान थी!

फ़िर मैं थोडा साइड हुआ और अपनी कमर उसके लँड पर रख के दबाने लगा! उसने मुझे पेट में दोनो हाथ डाल कर पकड लिया और अपने लँड से धक्‍के देने लगा! मैने अपना सर उसके कंधे पर टिकाया और फ़िर उसकी गरदन में मुह घुसा दिया और वहाँ चाटने लगा! उसने एक हाथ से मेरे चेहरे को पकड लिया और एक से वो मेरी कमर और पेट सहलाता रहा! फ़िर हमने एक दूसरे को देखा और हमारे मुह हल्के से खुल गये और होंठ आपस में चिपक गये और हम एक दूसरे का मुह चूसने लगे! मैं ना जाने उसका कितना थूक पी गया और वो ना जाने मेरा कितना पी गया! हम बेतहाशा एक दूसरे में समाँ गये, हमारी आँखें बन्द होने लगीं! उसने मेरी बैल्ट खोली, फ़िर पैंट का हुक, फ़िर बटन... और फ़िर ज़िप खोल के मेरी पैंट जाँघों पर खींच दी और फ़िर एक कामुक धक्‍के से मुझे मोड के थोडा झुकाया और अपने ट्रैक के अंदर से ही, चड्‍डी में बन्द मेरी गाँड को दबोच दबोच कर, उस पर अपना लँड दबाने और रगडने लगा! मैं खुद भी उचक उचक के अपनी गाँड उसके लँड पर मसलने लगा! उसने मेरे पेट में हाथ डाल के मुझे कस के अपने लँड से चिपका लिया और एक हाथ से मेरी चड्‍डी नीचे सरका दी! अब मेरी गाँड उसके लिये खुल गयी थी! उसने अपना लँड वैसे ही मेरी गाँड में रगडना जारी रखा और हाथ आगे करके मेरा लँड पकड के उसे भी मसलना शुरु कर दिया!

फ़िर उसने अपनी ट्रैक और अपनी चड्‍डी नीचे कर दी! क्यूबिकल में सिर्फ़ हमारी साँसें गूँज रहीं थी! जैसे ही उसने लँड खोला, मैं कमोड पर बैठ गया और एक हाथ से उसका लँड पकड के अपने होंठों से उसे सहलाने लगा! वो जैसे उफ़न पडा और वीर्य की कुछ बून्दें तुरंत उसके लँड के टिप पर छलक आई! मैने उसके सुपाडे पर ज़बान फ़िराई... उसका वीर्य नमकीन था! मैने एक हाथ पीछे उसकी गाँड पर रखा! उसकी गाँड चिकनी और मस्क्युलर थी! मैने हल्के से उसकी दरार को अपने हाथों से नापा और उसके छेद पर उँगली की! उसने अपना लँड मेरे मुह में घुसा दिया! मैं मुह आगे पीछे करके उसका लँड चूसने लगा और दोनो हाथों से उसकी गाँड की फ़ाँकों को पकड लिया! उसकी गदरायी देसी फ़ाँकें मस्ती से थिरक रहीं थी! वो कभी उन्हें भींचता कभी ढीला छोडता! मैने उनको ऐसे पकडा हुआ था कि मेरी सारी उँगलियों की टिप्स उसकी दरार में थी! मैं अपनी इन्डेक्स फ़िंगर की टिप से उसके सुराख को दबा भी रहा था! उसकी टाँगें थोडी फ़ैली हुई थीं, जिस वजह से उसकी गाँड भी कुछ फ़ैली हुई थी! उसका लँड सपड सपड मेरे मुह में अंदर बाहर होकर मेरे थूक से पूरा भीग चुका था! वो कभी जोश में भरता तो मेरा सर पकड के ज़ोर ज़ोर से मुह चोदने लगता! फ़िर ठँडा होकर मुझे ही लँड चूस लेने देता! मैं बीच बीच में अपना भी लँड मसलने लगता!

"लाओ, अपना भी चुसवाओ ना..." उसने कुछ देर में कहा तो हमने पोजिशन्स चेंज कर लीं और उसने प्यार से अपना मुह खोल के मेरा लँड चूसना शुरु कर दिया! अब मैं उसका मुह चोदने लगा और उसने अपनी एक उँगली मेरी गाँड के अंदर देना शुरु कर दिया! वो एक हाथ से अपनी मुठ मारे जा रहा था! हमने अपनी चड्‍डियाँ पूरी उतार दीं थी और नीचे पूरे नँगे हो गये थे! उसने मेरी शर्ट के ऊपर के कुछ बटन खोल दिये! फ़िर वो खडा हुआ और मेरी चूचियों को चूसने लगा! मैने उसका सर पकड लिया! वो पूरा मुह खोल खोल के मेरी छाती चूस रहा था!

फ़िर वो अपने आप मुडा और मेरे लँड के सुपाडे को अपनी गाँड की फ़ाँकों के बीच अपनी जाँघों में फ़ँसा के दबाने लगा! मैने हाथ आगे करके उसको पकड लिया और उसकी गाँड पर धक्‍के देने लगा! मैने अपने हाथ में उसका खडा लँड थाम लिया! करते करते मैने उसका एक पैर कमोड पर करवा दिया और उसके छेद को देखा जिस पर हल्के बाल थे! मैने झुक के जब उसको चूमा तो वो सिसकारी भरने लगा! मैने उसको ज़बान से खोला तो वो उससे मस्त हो गया! मैने अपने भीगे हुये लँड पर और थूक गिराया और फ़िर उसके छेद पर अपना लँड दबाने लगा तो उसने गाँड भींच ली!
"ढीली कर ना..."
"फ़ट जायेगी यार..."
"नहीं फ़टेगी..."
"ज़्यादा ढीली की तो टट्‍टी निकल जायेगी!"
"तू कर तो..." उसने हल्की सी गाँड ढीली की और मैने सुपाडा घुसा दिया तो वो उछला "आहहहह..."
"चैन से रह यार..."
"नहीं बे, बडा मोटा है..."
"कुछ नहीं होगा... आराम से ढीली कर..."
"अबे, टट्‍टी निकाल देगा... साला, आज सुबह से की भी नहीं है..."
"तो यहीं कर लियो..." मैने अपना सुपाडा उसकी गाँड में घुसा दिया! वो छिहुँक गया, मैने मौका देख और धक्‍का लगाया और करीब आधा लँड उसकी गाँड में डाल दिया! मगर वो गाँड मरवाने में उछलने लगा और साला था भी ताक़तवर! मैं उसको ज़ोर के दम पर भी काबू में नहीं कर पा रहा था!
"अबे रुक... टट्‍टी आ गयी..." वो फ़ाइनली कमोड पर बैठ गया और कुछ देर में सच में वो हगने लगा! मैं अपनी गाँड उसकी गोद पर रख के बैठ गया और वैसे ही उसके लँड की मालिश करने लगा!

धीरे धीरे मैं उचक के उसके सुपाडे पर अपना छेद लगाने लगा और देखते देखते उसकी गोद में बैठे बैठे ही मैने उसका लँड अपनी गाँड में ले लिया और उछल उछल के उससे अपनी गाँड मरवाने लगा! उसने अपने पैर सामने फ़ैला लिये और गाँड उचका उचका के मेरी गाँड में लँड देने लगा और सामने हाथ कर के मेरा लौडा मसलने लगा! वो मेरे आँडूए भी दबाये जा रहा था और मेरी जाँघों पर भी हाथ मार रहा था!
"तेरी तो फ़टी हुई है..."
"हाँ..."
"मैने ज़्यादा नहीं मरवायी है..."
"हाँ... लग गया था मुझे!" मैने कहा!
"तू कल चला जायेगा क्या?"
"हाँ..."
"तेरी बडी याद आयेगी... तेरे साथ बहुत मज़ा आया!"
"अच्छा मेरा नम्बर ले ले..."

कुछ देर में उसने मुझे जकड लिया और उछल उछल कर मेरी गाँड में अपना वीर्य भर दिया! गाँड के अंदर उसका गर्म वीर्य कुलबुला रहा था! मैने बैठे बैठे ही उसको लिपटा लिया और उसके होंठों पर होंठ रख दिये!
"ला, तेरा झडवा दूँ.. चूस दूँ क्या?" उसने कहा!
"नहीं रहने दे..."
"हाँ... तुम्हें तो उस चिकने की लेनी होगी ना..." उसने ज़ाइन के बारे में कहा!
"दे नहीं रहा है यार... अभी साले को लाइन पर ला रहा हूँ..."
"आ जायेगा... तू शातिर है, साले को लाइन पर ले ही आयेगा... वैसे उसकी गाँड बढिया रगड रहा था... हा.हा..."
"हाँ, ट्राई तो कर रहा हूँ..." मैने कहा और फ़िर हमने एक और चुम्बन लिया! तभी साइड वाले क्यूबिकल में फ़्लश चलने की आवाज़ आयी तो हम चुप हो गये!
"इसमें कोई था क्या?" उसने फ़ुसफ़ुसा कर पूछा!
"हाँ, लगता तो है..."
"साले ने आवाज़ें और बातें ना सुन ली हों..."
"पता नहीं..."
"चल रुक जा... इसको निकल जाने दे, फ़िर निकलेंगे..." हम वहीं बैठे रहे! उसका लँड मुरझा कर अपने आप मेरी गाँड से बाहर फ़िसल गया, मगर मैं उसकी गोद में ही बैठा रहा! उसके बाद बगल वाला क्यूबिकल खुला, किसी के चलने की आवाज़ आयी, वॉश-बेसिन पर पानी की आवाज़ आयी और कदम बाहर चले गये!

उसके बाद मैं खडा हुआ तो सोनू ने अपनी गाँड धोयी और पहले मैं क्यूबिकल से बाहर आया और फ़िर मेरे पीछे पीछे सोनू! उससे चुदवाने के बाद, मुझे वो और भी ज़्यादा सुंदर लग रहा था!
"कितने बजे तक रहेगा?" मैने उससे पूछा!
"११-१२ तक चला जाऊँगा... फ़िर सुबह आऊँगा... क्यों?"
"ऐसे ही..."
"फ़िर दिल करने लगा क्या? हा.हा..." उसने मुस्कुराते हुये पूछा!
"नहीं, ऐसे ही पूछा..."
"नींद ना आये तो फ़ोन कर देना... आधे एक घंटे में लौडा फ़िर तैयार हो जायेगा..." सोनू सच बडा हसीन था!
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