Hindi Samlaingikh Stories समलिंगी कहानियाँ
07-26-2017, 12:04 PM,
#58
RE: Hindi Lesbian Stories समलिंगी कहानियाँ
उसने एक एक कर के मेरे दोनो पैरों को जैसे चाट के साफ़ कर दिया! मैने अपने दोनो पैर हल्के हल्के घुटने उठा के मोड हुये थे! वो मेरी जाँघों के बीच आ गया, वहाँ कुतिया की तरह बैठ गया और अपने होंठों से ही मेरा पैर सहलाते हुये ऊपर की तरफ़ चढा! उसके होंठ और ज़बान लगातार मेरा जिस्म, मेरी जाँघें, मेरे पैर सहलाते जा रहे थे! मैं पूरी तरह उत्तेजित हो चुका था! मैने अपना हाथ अपने लँड पर रख कर उसको दबाया, मगर उसने फ़ौरन मेरा हाथ पकड के वहा से हटा दिया! उसने घुटने पर पहुँच कर मेरे घुटने को किस किया और दूसरे घुटने को हाथ से दबाया! फ़िर वो मेरी थाइज़ पर अंदर की तरफ़ से होंठों से सहलाता हुआ और ऊपर बढा! "उउउहहह..." मैने सिसकारी भरी! वो मेरे आँडूओं पर आ गया था! उसने मेरे आँडूओं को नाक से छुआ! फ़िर नाक से ही उनको दबाया! मेरा लँड मचल उठा! फ़िर उसने नाक मेरे आँडूओं के नीचे ले जाकर एक गहरी साँस ली और छोडी तो मुझे वहाँ गर्म गर्म लगा और मैने टाँगें और फ़ैला दी! उसने अपने होंठों से मेरे छेद और आँडूओं के बीच एक किस किया और हल्के से ज़बान से चाटा! फ़िर उसने मेरे आँडूओ को अपने होंठों से पकड के उनको दबाना शुरु किया और कुछ देर में वो मेरे आँडूओं पर अपनी ज़बान फ़ेरने लगा! उसके बाद उसने मेरे आँडूओं के ऊपर अपनी ज़बान फ़िरायी और मेरे लँड की जड को किस किया तो मेरा लँड हुल्लाड मार के उछल गया! उसने उसको अपनी ज़बान से चाटा और अपने होंठों से सहलाया! वो अब मेरी जाँघों के बीच घोडा बन के मेरे लँड पर पूरा झुका हुआ था, उसने अपने हाथों से मेरी कमर को दोनो तरफ़ से सहलाना शुरु कर दिया था! वो मेरे लँड को चाटता हुआ मेरे सुपाडे तक पहुँचा और सुपाडे की जड पर ज़बान से सहलाया, फ़िर अपने होंठों को मेरे सुपाडे पर रख कर उसको अपने होंठों में पकड लिया! फ़िर उसके होंठ खुले तो मुझे अपने सुपाडे पर उसके मुह की गर्मी और गीलापन महसूस हुआ! उसने मेरे सुपाडे को मुह में लिया तो मैने ज़ोर से गाँड ऊपर उठा कर अपना पूरा लँड उसके मुह में घुसा दिया और उसका सर अपनी जाँघों के बीच दबा के पकड के उसके बालों को अपने हाथ से पकड लिया और दूसरे हाथ से अपना लँड पकड के सीधा उसके मुह की गहरायी तक अपना लौडा ऐसा घुसाया कि शायद उसकी साँस रुक गयी! मगर मैने लँड और अंदर घुसा दिया, मुझे सुपाडे पर उसकी हलक कसती हुई महसूस हुई! उसकी साँस रुकी हुई थी, उसने हडबडा के उठने की कोशिश की मगर वो मेरी जाँघों के बीच क़ैद था, सो हिल भी नहीं पाया! मैने उसका मुह अपने लँड पर पूरा चिपका रखा था! फ़ाइनली मैने अपना लँड बाहर खींचा तो वो डूबते हुये तिनके की तरह तेज़ साँसें लेने लगा!

फ़िर मैने उसकी तरफ़ करवट लेकर उसके मुह पर एक जाँघ चढा के फ़िर अपना लँड उसके मुह में डाल दिया जिसको वो प्यार से चूसने लगा! अब वो अपना सर आगे पीछे करके लँड चूस रहा था, उसका एक हाथ मेरी गाँड पर आगे की तरफ़ से मेरी जाँघों के बीच से आ गया और वो मेरी दरार सहला सहला के मेरे छेद पर अपनी उँगलियों से सहलाने लगा! उसने अपनी उँगली मेरी गाँड में घुसाने के प्रयास भी शुरु कर दिये तो मेरी गाँड का छेद खुलने लगा और उसकी उँगली की टिप मेरी गाँड को कुरेदने लगी! वो जब भी अपनी उँगली मेरी गाँड में दबाता, मैं एक तेज़ धक्‍का उसके मुह में देता! उसकी उँगली जल्द ही पूरी की पूरी मेरी गाँड में घुस गयी! कुछ देर चूसने के बाद उसने मेरा लँड छोड दिया और मैने देखा कि वो मेरी गाँड से उँगली निकाल कर चाट रहा था और उसको सूंघ रहा था! मैने उसको बाज़ू से पकड के ऊपर खींचा और अपनी बाहों में लिटाकर उससे चिपकते हुये पास के स्विच को ऑन कर दिया तो रूम ट्यूबलाइट की रोशनी से भर गया और मैने पहली बार जब उसकी आँखों में आँखें डालकर देखा तो वो बस एक पल को हल्के से शरमाया, उसने नज़रें बचाईं, मगर मैने उसको खींच के उसके मुह पर अपना मुह रख कर अपनी गाँड का टेस्ट उसके होंठों से महसूस करते हुए उसको किस करने लगा! मेरे मुह में ढेर सा थूक जमा हो गया था, जिसको मैने उसके मुह में डाला तो वो सिसकारी भर के उसको चूस गया! मैने अपनी छाती उसकी छाती पर चढा के उसके ऊपर हो गया और चुसायी जारी रखी! उसने मुझे कंधों से पकड लिया! फ़िर मैने किस तोडा और उसे देखा! उसका चेहरा कामुकता की तपिश से जल रहा था, उसके होंठ थर्रा रहे थे, आँखें नशीली थीं और बदन दहक रहा था! मैने अपना एक हाथ उसकी गाँड पर रखा! उसकी गाँड की मसल्स कसी हुई थी, मैने ज़ोर से उनको दबोचा और उसके छेद को छुआ, जहाँ रेशम की तरह हल्के से बाल थे और उसके छेद को फ़ैलाया तो उसने सिसकारी भरते हुये अपना हाथ मेरे हाथ पर रख के उसको दबाया! हमने तब तक एक भी शब्द नहीं बोला था... वैसे अब बोलना क्या था... बोल के जो होता, वो बिना बोले ही शुरु हो गया था! फ़िर मैने उसकी गाँड को ज़ोर से दबाते हुये कहा!

"ऑफ़िस ट्रिप का हनीमून हो गया... क्यों?"
"हाँ यार... तू बहुत गर्म है..."
"गर्म तो राजा हम हमेशा रहते हैं..."
"उफ़्फ़्फ़्फ़ हुह्ह्ह्ह... सिउउउह... इतनी गर्मी क्या करोगे?"
"तेरी गाँड में घुसा के तेरी गर्मी बाहर निकलूँगा..."
"तुम्हारी बातें बहुत सैक्सी हैं..."

मुझे बडी देर से पिशाब आ रहा था, मैने उठने लगा तो उसने पूछा!
"क्या हुआ?"
"मूतने जा रहा हूँ!"
"उन्हू..." उसने मेरा लँड पकड लिया...
"यहीं रहो..."
"अमॄत धारा चाहिये क्या?" मैं उसका इशारा समझ गया!
"हाँ..."
"चलो दे दूँगा... वैसे यार, सब उतर गयी... तेरे पास और स्टॉक है? कोई बॉटल है?"
"हाँ है..."
"तो निकाल..."
उसने उठ के अपने बैग से 'रॉयल चैलेंज़' की बॉटल निकाली!
"ला..." कहकर मैने उससे बॉटल लेकर एक पेग नीट डायरेक्टली बॉटल से लगा लिया मगर जब वो भी नीट पीने लगा तो मैने उसका हाथ पकड लिया!
"रुक रुक... तुझे तो मैं अमॄत पिलाऊँगा... रुक, ग्लास उठा..." मैने उससे ग्लास लिया और उसमें व्हिस्की डाल दी, फ़िर मैं अपनी जाँघें फ़ैला के एक घुटना उसकी एक तरफ़ और दूसरा कमर की दूसरी तरफ़ करके उसके बदन के अक्रॉस नील हो गया! उसने सर उठा के अपनी कोहनियों के सहारे उठते हुये ग्लास थामना चाहा!
"रुक ना, इतनी जल्दी क्यों है... तेरे लिये गर्मागर्म पेग बनाता हूँ ना..." कहकर मैने एक हाथ से अपने लँड को पकड के ग्लास पर टिकाया!
"आह, क्या कर रहे हो... बहुत सैक्सी हो यार... वाह..." वो जैसे ही मेरा इरादा समझा, बहुत उत्तेजित हो गया और तकरीबन तभी मैने ग्लास में पिशाब की धार मारी तो मेरा पिशाब शराब के साथ मिलने लगा!
"उफ़्फ़..." उसने ये समाँ देख के कहा! मेरी मोटी धार से ग्लास जल्दी भर गया!
"ले अब पी..." मेरे लँड से अब भी पिशाब टपक रहा था और सीधा उसके पेट पर गिर रहा था और वहाँ से गिर के नीचे उसकी कमर से सरकता हुआ बेड पर जा रहा था! उसने मेरे हाथ से ग्लास लेकर एक सिप लिया!
"उम्म्म्म्म..."
"कैसा लगा?" मैने पूछा!
"पूछो मत, मर्द की ताक़त है इस अमॄत में..." कहकर उसने पूरा ग्लास अगली कुछ घूँटों में खत्म कर दिया!
"इस शराब का नशा ऐसा चढेगा कि गाँड खुल जायेगी... ले और पियेगा क्या?"
""अभी नहीं... चढ जायेगी..."
"अबे, ये पीने को पूछ रहा हूँ..." कहकर मैने पिशाब की धार मारी, जो उसके सीने से टकरायी और उसने अपना मुह खोल दिया! मैने लँड हाथ से पकड के थोडा उठा के धार का डायरेक्शन अड्जस्ट किया और थोडा आगे होकर उसकी छाती के पास हो गया तो मेरा पिशाब सीधा उसके खुले मुह में आवाज़ के साथ जाने लगा! फ़िर मैने अपना लँड सीधा उसके मुह में डाल के उसमें ही मूतना शुरु कर दिया! वो तेज़ी से मेरा पिशाब पीता चला गया!

"कैसा रहा?"
"बहुत मज़ेदार... यही सब तो मुझे पसंद है..." मैने मूतने के बाद अपना लँड बाहर खींचते हुये पूछा तो वो बोला!
"तो शरमाता क्यों है, चालू हो जा... क्या करेगा?"
"तुम्हारी गाँड चाट लूँ?" उसने तडपते हुए कहा!
"आजा..." कहकर मैं घोडा बन गया और अपनी गाँड ऊपर उठा के अपना सर तकिये पर रख लिया! फ़िर उसकी ज़बान मुझे अपने छेद पर महसूस हुई, उसके चाटने से मेरा छेद खुलने लगा! वो कभी उसमें ज़बान डालता और कभी अपनी उँगली!
"कैसा टेस्ट है?" मैने पूछा!
"चॉकलेट की तरह यार... तू सही मर्द है, वरना लोग ये सब करने ही नहीं देते हैं यार... तू सही है..."
"चाट ले राजा, चाट ले... अब बस जितना चाटना है, चाट ले..."
उसने गहरायी से मेरी गाँड चाटना जारी रखा!
"तुम्हारी गाँड, चूत की तरह खुल गयी है... लगता है, बहुत हथौडे खा चुकी है..."
"हाँ राजा, मैं भी शौकीन हूँ तेरी तरह..."
"मर्द की गाँड चाटने का अपना मज़ा है..." कहकर उसने उँगली मेरी गाँड में डाल कर उसको अंदर घुमाया और फ़िर निकालकर चाटा!
"गू चाट रहा है क्या साले?" मैने पूछा!
"हाँ राजा, हाँ... तूने ही तो बोला, जो करना है कर लूँ..."
"लगा रह राजा, डायरेक्टली चाट ले ना... गाँड से सीधा चाट ले..." उसने अपना मुह मेरे छेद पर घुसा दिया और चाटने लगा... फ़िर कुछ देर बाद वो थक गया तो मैने उसको सीधा लेट कर अपने ऊपर खींच लिया और उसके बालों और गालों को सहला के उनसे खेलने लगा! फ़िर मैने हाथ नीचे किया तो मेरे हाथ में मेरा जूता आया, मैने जूते को उठा लिया और उसके तलवे से उसके गालों को सहलाने लगा!
"उउउउह्ह्ह्ह... तुम बडे सैक्सी हो... समझ गये हो मुझे क्या चाहिये..."
"हाँ राजा... हम तुरन्त पसंद-नापसन्द समझ लेते हैं... ले चाट..." कहकर मैने उससे जब अपना जूता चटवाना शुरु किया तो वो उसकी किसी लॉलीपॉप की तरह चाटने और चूसने लगा! फ़िर मैने उसके गाल पर जूते से 'चटाक' से मरा!
"उउह्ह्हुई...."
"चुप कर बे..." कहकर मैने फ़िर मारा!
"उउउह... मेरे मर्द, बहुत सही... बहुत सही, मेरे मर्द..." उसने सिसकारी भरी!
"बहन के लौडे, अगर इतनी चपास थी तो पहले बोल देता... गाँडू, इतने दिन से मूड क्यों खराब करवा रहा था?"
"अब ऑफ़िस में कैसे कहता?"
"अपनी गाँड खोल देता, मैं समझ लेता..." फ़िर मैने उसको सीधा लिटाया और उसके घुटने मोड के उसकी गाँड सामने खुलवा दी और अपना लँड उसके छेद पर रखा!
"आयिइइ..." जैसे ही मैने अपना लँड उसके अंदर घुसेडना शुरु किया वो मस्त होने लगा! उसने टाँगें हवा में उठा के फ़ैला लीं और उनको मेरी कमर पर बाँध लिया और फ़िर मस्त होकर मेरे धक्‍के खाने लगा!
"बोल, गाँडू बोल... कैसा लगा लौडा?"
"बहुत मस्त... मूड फ़्रेश हो गया! अंदर तक जा रहा है... साला अंदर तक हिला रहा है..." 


समाप्त
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