RE: Hindi Sex Kahani मौका है चुदाई का
अब तीनो के लिए और वेट करना मुश्किल था...अब तक काकी की सारी भी खुल चुकी थी और वो भी उन दोनों की ही तरह एकदम नंगी हो गयी थी......काकी का बदन अब भी काफी टाइट था..इतनी उम्र के बाद भी इतना टाइट बदन होना अपने आप में बड़े कमाल की बात थी.....नीलू सोम और काकी अक्सर साथ साथ चुदाई करते थे....लेकिन काकी सिर्फ रात में ही चुदती थी. दिन के समय में वो बस थोडा बहुत चूस लेती थी या चुसवा लेती थी लेकिन चुदाई नहीं करवाती थी....काकी का कहना था की अब इस उम्र में उसे अपनी भोस थोडा सोच समझ के खर्च करनी चाहिए नहीं तो उसकी टाइटनेस अब ख़त्म हुई तो हमेशा के लिए ही वो फटा भोसड़ा बन जाएगी....दिन के समय में अक्सर सोम और नीलू ही चुदाई करते थे...नीलू भी इससे खुश थी क्योंकि कभी कभी उसकी भी यही चाहत होती थी की सिर्फ वो और सोम रहें....वैसे तो सोम और नीलू दूसरों के साथ भी खुल्लम खुल्ला चुदाई करते थे लेकिन आखिरकार मिया बीवी होने से दोनों का एक दुसरे पर कुछ तो हक था ही अकेलेपन में चुदाई करने का........
काकी उठ के बिस्टर पर आ गयी और वो सोम के उपर झुक गयी.,...सोम बिस्टर पर टिक कर बैठा हुआ था....काकी उसके लंड पर झुक गयी और लंड को मुंह में ले लिया.....सोम का लंड पहले से ही तना हुआ था तो उसमे गीलापन बहुत था..काकी वो सारा चाट गयी और उसने साथ ही अपनी कमर पीछे की तरफ से उठा दी...नीलू उठी और अब वो काकी के ठीक पीछे आ गयी और उसने अपने हाथों से काकी की बुर की दोनों फांकों को अलग किया..काकी का भोसड़ा खुल गया था..उसका छेद जो की एकदम पिंक था वो अपना मुंह खोले नीलू की जीभ का वेट कर रहा था...नीलू ने उन फांकों को थोडा और खोला और काकी की भोस पर अपनी जीभ टिका दी.....एक तरफ से नीलू काकी को चूस रही थी और आगे से काकी सोम का लौड़ा पी रही थी....
कुछ ही देर में लंड और चूत एक दुसरे में घुस जाने के लिए तैयार थे.....काकी नीचे आ गयी....पीठ के बल लेट गयी और सोम उसके सामने आ गया..उसने काकी की कमर के नीचे दो तकिया लगा दी और खुद पोजीशन में आ गया....इधेर नीलू उठ ने काकी के चेहरे के दोनों तरफ टांगें कर के कड़ी हो गयी....सोम धीरे धीरे काकी की भोस में अपना लंड डाल रहा था और नीलू धीरे धीरे काकी के मुंह पैर बैठ गयी थी....काकी नीचे से चुद रही थी और नीलू की चूत अब उसके मुंह के ठीक उपर थी तो वो जीभ निकाल के नीचे से नीलू की चूत भी चाट रही थी....नीलू उपर से अपनी कमर को जोर जोर से हिला रही थी और अपनी चूत को काकी के मुंह पर रगड़ रही थी..उधेर सोम ने शुरू से ही तूफानी धक्के देना शुरू केर दिया था....चूत भले ही कितनी भी टाइट हो लेकिन जब ९ इन्च का लंड इतनी तेजी से अन्दर बहार होता है तो हालत बिगड़ ही देता है...यही कारन था की काकी जैसी चुदासी औरत भी बहुत जल्दी ही झड़ने की कगार पर पहुच गयी थी....सोम को अपने लंड पर काकी की टाइट होती चूत का पता चल गया....चूत खुद ही लंड को निचोड़ रही थी...सोम ने जल्दी नहीं की..पहले उसने रफ़्तार धीमी की और फिर लंड को पूरा ही बहार निकल लिया.....नीलू को भी समझ में आ गया था की क्या हो रहा है....यह तीनो इतने सालों से एक साथ चुदाई कर रहे थे की इन्हें अब कुछ कहने की जरुरत नहीं पड़ती थी..बस इशारों इशारों में ही साडी बात हो जाती थी....इसलिए जैसे ही सोम ने लंड बाहर निकला वैसे ही नीलू ने पूरी ताकत से अपनी चूत काकी के मुंह पर घिसनी शुरू कर दी क्योंकि वो जानती थी की लंड बाहर अ अजाने से काकी सोम को गाली देने वाली है...लेकिन उसने कुछ बोलने का मौका ही नहीं दिया.........दोनों की इस मिली भगत ने काकी को बहुत गुस्सा दिला दिया...उसने नीचे से ही अपने मुंह पर रगडती हुई नीलु की चूत को दांतों के बीच दबाया और जोर से काट दिया....नीलू को इसका अंदाजा नहीं था..काकी के ऐसा काटने से नीलू की चीख निकल गयी.......एक जमाना था जब यह तीनो इसी तरह एक दुसरे काट के मार के चिल्ला के पूरी रात चुदाई करते थे लेकिन अब वो समय बदल गया था..इसीलिए जैसे ही नीलू के मुंह से चीख निकली वैसे ही पीछे से सोम ने उसके मुंह पर हाथ रखा और उसे काकी के उपर से धकेल के बिस्तर पर गिरा दिया...काकी भी हडबडा के उठी....तीनो ने एक दुसरे को देखा और इशारों में थोड़ी देर शांत वैसे ही बैठे रहे और ध्यान से सुनते रहे की क्या बाहर कोई हलचल हो रही है....शंका इस बात की थी की कहीं बच्चों ने यह चीख न सुन ली हो और कहीं वो कमरे में न आ जाये.......तीनो उसी स्थिति में बैठे रहे जैसे उन्हें सांप सूंघ गया हो.....और फिर करीब पांच मिनट तक इन्तेजार करने के बाद जब कुछ नहीं हुआ तो तीनो नार्मल हो गए.....काकी ने नीलू को देखा तो नीलू हंस दी....काकी भी थोडा सा हंसी..उसे भी अपनी शरारत खुद ही पसंद आई थी....तीनो फिर शुरू हो गए...लेकिन इस बार तीनो बहुत सावधान थे और बहुत ही सिंपल सेक्स कर रहे थे....
कुछ देर बाद जब चुदाई ख़त्म हुई तो काकी ने अपने कपडे समेटे और सोम के रूम से लगभग भागती हुई अपने कमरे में आ गयी....अब काकी सोने वाली थी और सोम और नीलू भी कुछ देर चुम्मा चाटी करने के बाद सोने वाले थे.........
सोम - आज तो काकी ने मस्त मूव किया न तुम्हारी चूत काटने का.
नीलू- हाँ मजा आ गया...कुछ ज्यादा ही तेज से काट दी...अभी तक दुःख रही है....
सोम - अच्चा सुनो इंदु का बार बार कॉल आ रहा है...क्या करें उसका?
नीलू - हाँ. बाकी लोग भी कॉल कर रहे हैं. करीब दो हफ्ते हो गए उन सब को गोली दे रहे हैं हम लोग. और कितने दिन तक ऐसा चलेगा.
सोम - हाँ. कहीं वो लोग नाराज न हो जाएँ..कुछ तो करना पड़ेगा न...
नीलू - हमने तो सबसे पैसे भी ले लिए हैं. और इस बार अगर नहीं की पार्टी तो अगली बार कोई शामिल नहीं होगा.
सोम - अच्चा खासा धंधा चौपट हो जायेगा. लेकिन बच्चों का क्या करें...
नीलू- एक काम करते हैं. बच्चों से कहते हैं की हमारी बिज़नस ट्रिप है इसलिए हम दो दिन के लिए बहार जा रहे हैं.और फिर हम लोग फार्म हाउस में पार्टी कर लेंगे और बच्चे यहीं रहेंगे.
सोम - और अगर उन दो दिनों में बच्चों ने फार्म हाउस जाने का प्लान बना लिया तो...हम तो वहीँ रहेंगे तो फिर क्या बताएँगे उन्हें?
नीलू - तो फिर काकी को बच्चों के पास छोड़ देंगे वो बच्चों को यहीं पर रोके रखेंगी.
सोम - लेकिन हमने कभी काकी के बिना पार्टी नहीं की है. कैसे मैनेज कर पाएंगे हम लोग. सबा कुछ तो वही मैनेज करती हैं.
नीलू - तो फिर तुम ही कोई आईडिया दो न? हर आईडिया को ख़ारिज मत करो. कुछ सोचो भी. मैं ही अकेले सोच रही हूँ.
सोम - नाराज मत हो यार . मैं भी तो परेशां हूँ.
नीलू - एक काम करते हैं..इस बार पार्टी इंदु के यहाँ कर लेते हैं....लेकिन वो भी ठीक नहीं रहगे. एक बार उसके यहाँ हम करेब तीन चार लोग थे रत की पार्टी में तो उसके पड़ोसियों ने थाणे फोन कर दिया था.पुलिस ने हालत ख़राब कर दी थी हमारी. उसके यहाँ का पड़ोस अच्चा नहीं है.
सोम - हाँ. हमारे यहाँ ही इतनी बड़ी खुली और शांत जगह है.इसीलिए सबको हमारा ही घर पसंद है. हमने कोई रंडी खाना थोड़ी न खोला हुआ है. मैं तो कहता हूँ की एक मीटिंग में इन लोगों को बता देते हैं की हमने अब यह काम बंद कर दिया है.अगर तुम लोग अरेंज करो और हमें भी बुलाओ तो हम आयेंगे जरुर लेकिन अब हम अरेंज नहीं कर पाएंगे. हमारे बच्चे आ गए हैं.
नीलू - हाँ मेरे ख्याल से ये ठीक रहेगा.....कल काकी से भी बात कर लेंगे और फिर इंदु को बुला लेंगे. अगर इंदु समझ गयी तो बाकी के सब लोग भी समझ जायेंगे. और फिर देखो न...बच्चों का भी तो ख्याल रखना है न हमें. हम तो उन्हें ऐसे ट्रीट कर रहे हैं जैसे उनके आने से हमें किनती परेशानी हो रही है.उन्हें अगर ऐसा फील हो गया तो कितना बुरा लगेगा उन्हें....सुनो यही करते हैं. इंदु को समझा देते हैं की हम लोग नहीं कर पाएंगे मेनेज......
सोम - हाँ यही ठीक रहेगा. कम से कम खुले मन से बच्चों के साथ तो रह पाएंगे. नहीं तो यहाँ तो सारा दिन ही चुदास छड़ी रहती है.देखो न हमारी उम्र के बाकी लोग तो अब तक पूजा पाठ में मन लगाने लगते हैं. एक हम ही हैं जो इतने अय्याश हैं....अब यह अय्याशी बंद...अब बस हम तीन आपस में कभी कभी कर लेंगे. बाकी लोगों का आना जाना बंद अब....
दोनों ने सोच तो लिया लेकिन जो सोचा है वही हो जाये ऐसा जिंदगी में कम ही होता है.....
अगले दिन सोम ने इंदु को कॉल किया और कहा की वो और नीलू उसके घर आ रहे हैं कुछ बात करनी है...दोपहर में दोनों इंदु के घर पहुचे...दोनों रस्ते में यह सोच के आये थे की इंदु को सब बात समझा देंगे और कह देंगे की अब वो यह काम नहीं कर सकते.....इंदु के घर पहुचने पर......
इंदु - आईये आईये आप लोग तो ईद का चाँद हो गए हैं...बल्कि वो भी साल में दो तीन बार आ जाता है आप तो उससे भी कम दीखते हैं अब...
नीलू - मजे मत लो यार. हम बहुत सीरियस मूड में हैं.
इंदु - सीरियस मूड में हो तो यहाँ क्यों आये हो? यह तो रंडीबाजी का अड्डा है जी..यहाँ तो अय्याशी होती है.सीरियस मूड नहीं चलता यहाँ...
सोम - इंदु तुम समझ नहीं रही हो. हम सच में बहुत सीरियस हैं...
इंदु - अरे ऐसी भी क्या बात है..मुझे तो लगा की आप लोग मुझे झटका दे रहे हैं...बताओ क्या हुआ...
नीलू - तुम तो जानती ही हो की हमारी अगली पार्टी ड्यू है.....
इंदु - हाँ. उसी का तो वेट है.
नीलू - लेकिन तुम ही सोचो की अब घर में बच्चे भी हैं. ऐसे में हम वो सब कैसे कर सकते हैं जैसा अपनी पार्टीस में होता है...
इंदु - हाँ थोड़ी मुश्किल तो जाएगी लेकिन कुछ मेनेज कर लोना आप लोग...
नीलू- अरे कैसे मेनेज कर लो. घर में जवान बच्चे हैं. क्या वो कुछ समझते नहीं हैं? उनसे क्या कहेंगे? की हमें पार्टी करनी है तुम लोग बाहर चले दो दिन के लिए?
इंदु- हाँ तो उन्हें भी कर लो न शामिल.
सोम - कैसी बात कर रही हो इंदु. उन्हें कैसे शामिल कर लें? पार्टी में तुम सब औरतें नंगी फिरती हो.ऐसी पार्टी में हम अपने बच्चों को कैसे शामिल कर लें. कोई माँ बाप ऐसा कर सकते हैं क्या...
इंदु - मुझे क्या पता. मैं तो इतना जानती हूँ की पूरा ग्रुप पार्टी का वेट कर रहा है.
सोम - उसी के लिए तो तुमसे बात करने आये हैं. तुम सब को बता दो की अब हमारे यहाँ वैसी पार्टी नहीं हो सकती. कोई और मेनेज कर ले अब आगे से.
इंदु- यह तो पॉसिबल नहीं है. किसी के पास इतनी बड़ी जगह नहीं है. और सोम भाईसाब आप कब से इतनी निराशा वाली बात करने लगे. सब औरतें आपका वेट कर रही हैं और आप सबको मना करने की सोच रहे हैं...
सोम - इंदु बात को समझो. हम कैसे कर पाएंगे यह सब अब...
इंदु - सुनो...तुम लोग मेरी बात ध्यान से सुनो.......अगर हमने इसी समय हार मान ली तो फिर कभी हम अपनी लाइफ एन्जॉय नहीं कर पाएंगे..जरा सोचो इस उम्र में आ के वैसे भी हमरे पास कितने कम आप्शन बचे हैं. कोई नया लौंडा तो फंसता नहीं है. सब अपनी उम्र की चूत खोजते हैं. ऐसे में हम सब खुले भोस वाली औरतें कहाँ जाएँगी अपनी चूत मरवाने के लिए? और सोम भाईसाब आपने ही सबकी आदत बिगड़ी है. सबको इतना चोदा है की आपसे चुदना हम सब की जिंदगी का एक हिस्सा बन चुका है. अब आप कहते हैं की आप चोदेंगे नहीं...
सोम - अरे मैंने कब कहा की मैं नहीं चोदुंगा....मैं तो खुद तुम सबको अपनी रखैल बना के रखना चाहता हूँ. और रखता भी तो हूँ. लेकिन अब हालत बदल गयी है न.
इंदु- ऐसी सिचुएशन तो आती रहती है. बच्चे हमेशा के लिए यहाँ थोड़ी न रहेंगे. उन्हें भी बड़े शहर की हवा लग गयी है. देखना कुछ समय बाद वो लोग खुद ही बाहर सेटल होने का सोचेंगे. लेकिन अगर आज से हमने यह बंद कर दिया तो ग्रुप बिखर जायेगा और फिर अगर आप लोगों के बच्चे बाहर सेटल हो गए तो फिर यह ग्रुप दोबारा नहीं बनेगा. इसलिए हिम्मत न हार जाओ.....जरा सोचो लॉन्ग टर्म का....और फिर फैसला करो..इतनी जल्दी न करो...
नीलू - यार तुम ठीक कह रही हो लेकिन हमें तो कोई रास्ता नहीं दीखता...तुम्हें कोई आईडिया हो तो बताओ...
इंदु - मैं इतना कर सकती हूँ की पुरे ग्रुप को बता दूँगी की इस बार की पार्टी कुछ दिन बाद होगी और उसके बाद हम अगली पार्टी में थोडा और टाइम ले लेंगे..पहले हम हर हफ्ते पार्टी करते थे. अब ऐसा नहीं करेंगे. अब महीने में एक दो बार ही करेंगे. और अगर एक दो बार भी हो गया न तो ग्रुप बना रहेगा.....और फिर हम ऐसा कर देंगे की पार्टी का चार्ज बढ़ा देंगे...तो उससे इनकम भी ज्यादा होगी और लोग खुद ही हफ्ते के हफ्ते इतनी महंगी पार्टी करने के लिए नहीं कहेंगे. खुद ही वो लोग महीने में एक दो बार के लिए मान जायेंगे...
सोम - मुझे तो नहीं समझ आ रहा....
इंदु- मुझे समझ आ रहा है...मेरी बात मानो..ज्यादा मत सोचो. जो मैं कह रही हूँ उसी पर यह बात रोक दो...आगे का फिर टाइम आने पर सोचेंगे..मैं अपने ग्रुप को कह दूँगी की अगली पार्टी अपनी दस दिन बाद होगी...दस दिन में देखना कोई न कोई रास्ता तो निकल ही आएगा....
सोम - ठीक है. तुम्हारी बात ही मान लेते हैं. चलो नीलू चले अब.
इंदु - नीलो को मैं ड्राप कर दूंगी बाद में. और मैं तो कहती हूँ बहुत दिनों बाद मिले हैं आप भी आ जाईये भाईसाब एक राउंड चुदाई का हो ही जाये.
सोम - नहीं इंदु. अभी तो जाने दो. चुदाई तो फिर कभी कर लेंगे.
इंदु - अच्चा तो लौड़ा ही चुसवा दीजिये.कितने दिन हो गए आपकी मलाई नहीं मिली खाने को. मैं तो तरस गयी आपके हलब्बी लंड की मलाई के लिए.
नीलू - तुझे तो हर समय बस यही दीखता है. अभी इन्हें जाने दे. इन्हें और भी काम हैं. मैं रूकती हूँ तेरे पास लेकिन तू मुझे जल्दी ड्राप कर देना घर.
इंदु - चल ठीक है. भाईसाब के हिस्से का भी आज तुझी से ले लूंगी...
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