Hindi Sex Kahaniya कामलीला
09-11-2018, 11:43 AM,
#47
RE: Hindi Sex Kahaniya कामलीला
अगला दिन इस हिसाब से अंतिम दिन था कि कल रविवार था और वह यूनिवर्सिटी का बहाना नहीं कर सकती थी तो आज ही आखिरी दिन था जो हम साथ घूम सकते थे।
आज वह यूनिवर्सिटी नहीं गई बल्कि ग्यारह बजे ही मुझ तक पहुँच गई।
पहली सुरक्षित जगह पाते ही नक़ाब से छुटकारा पाया और आज हमने जितना वक़्त मिला सिर्फ सैर सपाटा किया। पूरे लखनऊ की सड़कें नापीं… मड़ियांव से लेकर सदर तक, और दुबग्गा से लेकर चिनहट तक।
दोपहर के खाने के रूप में टेढ़ी पुलिया पर मुरादाबादी बिरयानी खाई और शाम को अकबरी गेट पर टुंडे के कबाब। कोई फिल्म, माल, पार्क का रुख किये बगैर सिर्फ राइडिंग करते शाम हो गई तो वापसी की राह ली।
आज रात नए रोमांच के रूप में उसने खुद को दुल्हन के रूप में सजाया और ऐसे खुद को पेश किया जैसे आज हमारी सुहागरात हो।
उसे यह अहसास अब बुरी तरह साल रहा था कि हमारे सफर का अब अंत हो चला है। वह कुछ ग़मगीन थी और ऐसे मौके पर खुद को मेरी दुल्हन के रूप में जी लेना चाहती थी।
एक आभासी दूल्हे के रूप में मुझे दूध भी पीने को मिला और मिठाई भी खाने को मिली।
आज हमने रोशनी बंद कर दी थी- उसकी इच्छा के मुताबिक।
बस ऐसे ही बातें करते, एक दूसरे को छूते सहलाते उत्तेजित होते रहे और जब दिमाग पर सेक्स हावी हो गया तो मैंने उसके कपड़े उतार दिए।
आज वह उस तरह सहयोग नहीं कर रही थी बल्कि खुद को एक शर्मीली दुल्हन के रूप में तसव्वुर कर रही थी जो पहली बार ऐसे हालात का सामना कर रही हो।
मैंने बची हुई मिठाई उसके पूरे जिस्म पर मल दी थी और खुद कुत्ते की तरह उसे चाटने लगा था।
उसके जिस्म का कोई ऐसा हिस्सा नहीं बचा था जिसे मिठाई और मेरी जीभ के स्पर्श से वंचित रहना पड़ा हो… और जो बची भी तो उसे मैं अपने लिंग पर मल कर उसके होंठों के पास ले आया।
थोड़ी शर्माहट, नखरे और हिचकिचाहट के बाद उसने मेरे लिंग को स्वीकार किया और उसे अपने मुंह में लेकर सारी मिठाई साफ़ कर दी।
इसके बाद मैंने उसे चित लिटाए हुए ही उसकी योनि से छेड़छाड़ शुरू की और जब वह कामोत्तेजना से तपने लगी तो उसकी टांगों के बीच और कूल्हों के पास बैठते हुए मैंने बड़े आराम से पीछे के रास्ते प्रवेश पा लिया और ऐन सुहागरात के स्टाइल में उसके ऊपर लद कर उसके बूब्स मसलते, चूसते हल्के हल्के धक्के लगाने लगा।
मूल सुहागरात और इस सुहागरात में फर्क यह था कि यहाँ वेजाइनल सेक्स के बजाय एनल सेक्स हो रहा था।
धीरे धीरे दोनों चरम पर पहुँच गए तो उसने तो मुझे दबोचते हुए अपने स्खलन को अंजाम दे दिया लेकिन मैं उसके मुंह के लालच में रुका रहा और निकालने से ऐन पहले एकदम लिंग बाहर निकाल कर उसे हाथ से पकड़े गौसिया के मुंह के पास ले आया।
हालांकि स्थिति को समझते हुए उसने फ़ौरन मुंह खोल दिया था लेकिन मैं लगभग छूट चुका था इसलिए पहली फुहार गाल को छूती बिस्तर पर गई, दूसरी गाल पर और तीसरी चौथी बची खुची उसके मुंह में जा सकी।
कुछ देर उसे मुंह में रखने के बाद उसने पास रखे अपने एक कॉटन के दुपट्टे पर उगल कर उसी से अपना मुंह पोंछ लिया, दुपट्टे से ही गाल और तकिए पर गिर वीर्य भी साफ़ कर दिया।
इसके बाद फिर हम थोड़ी देर लेटे कल के विषय में बाते करते रहे और जब बुखार वापस चढ़ा तो इस बार कल की बची हुई शराब थोड़ी अपने मुंह में लेकर उसे पिलाई और बाकी उसके जिस्म पर डाल कर एक बार फिर कुत्ते की तरह चाट चाट कर साफ़ कर दी।
इस चटाई से उत्तेजित होना स्वाभाविक था और फिर मैंने उंगली से योनिभेदन करते हुए उसे फिर लगभग चरम पर पहुंचा दिया, जब वह स्खलन के करीब पहुँच गई तब उसे घोड़ी बना के पीछे से घुसा दिया और सम्भोग करने लगा।
करीब पांच मिनट के बाद वह भी स्खलित हो गई और मेरा भी निकलने वाला हो गया तो मैंने इस बार ज्यादा नियंत्रण के साथ वक़्त से पहले उसे गौसिया के मुंह तक पहुंचा दिया और इस बार बाहर कुछ नहीं गिरा।
एक तो कम माल था दूसरे फ़ोर्स भी कम था जिससे वेस्टेज नहीं हुई और कुछ देर मुंह में रखने के बाद फिर उसने मुंह साफ़ कर लिया।
आखिरी रात ऐसे ही गुज़री लेकिन उसने मुझे जाने नहीं दिया और वही रोके रखा- यह कह कर कि मैं अभी गया तो कल दिन के उजाले में आ नहीं पाऊँगा और घरवाले तो शादी, जनानी चौथी, मर्दानी चौथी सब निपटा कर कहीं रात तक पहुंचेंगे। उनके पहुँचने से पहले अँधेरा होते ही निकल लेना।
यानि मैं शनिवार रात का उसके घर घुस रविवार रात उनके घर से निकला, वहीं सोया, खाया पिया, वहीं हगा, मूता।
सुबह वह दादा दादी का नाश्ता बनाने नीचे चली गई और अपने लिए इतना ऊपर ले आई कि मेरा भी हो गया।
ऐसे ही उसने दोपहर के खाने और शाम के नाश्ते के वक़्त भी किया। साथ ही पूरे कमरे की सफाई करके उसे रूम फ्रेशनर से महका दिया और हर अवांछित चीज़ पैक करके रख दी कि जाते समय मैं लेता जाऊं।
इस बीच हमने कई बार सेक्स किया जिसे अगर हम डिस्चार्ज के हिसाब से देखें तो आठ बार वह स्खलित हुई थी और पांच बार मैं। पांच बार में मेरी हालत ऐसी हो गई थी कि कदम लड़खड़ाने लगे थे।
अब कोई जवान लौंडा तो था नहीं।
सबसे आखिरी बार में उसने मेरी वह इच्छा पूरी की थी जो इससे पहले कभी नहीं पूरी हुई थी और बकौल उसके यह मेरी सेवाओं का इनाम था जो उसने मुझे दिया था।
उसने मुंह से मुझे स्खलित कराया था और इस हालत में जो वीर्य निकला था वह बिना किसी झिझक उसने अपने गले में उतार लिया था और ऐसा करते वक़्त उसने मुझे जिन निगाहों से देखा था वह मुझे आने वाली पूरी ज़िन्दगी याद रहेंगी।
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Sex Kahaniya कामलीला - by sexstories - 09-11-2018, 11:43 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 14,148 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 6,798 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,664 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,756,881 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,505 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,343,778 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,131 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,805,237 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,206,367 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,168,782 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 16 Guest(s)