hindi sex kahaniya ज़िद (जो चाहा वो पाया)
09-24-2018, 02:00 PM,
#35
RE: hindi sex kahaniya ज़िद (जो चाहा वो पाया)
अनु की कुँवारी चूत जो एक दम क्लीन शेव्ड थी…देखते ही मेरे लंड ने झटके खाने शुरू कर दिए…मैने जैसे ही उसकी चूत के ऊपर अपना हाथ फेरा तो, अनु सिसकते हुए एक दम से मचल उठी….”श्िीीईईईईईईईईई उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उन्न्ञनणणन्” उसकी कमर ने हल्का सा झटका खाया…

.”तुमने बाल सॉफ किए थे…..” जब मैने उसकी चूत के आसपास अपनी हथेली में छोटे-2 बालो को चुभते हुए महसूस किया तो, में अपने आप को पूछने से रोक ना सके….”बोलो ना सॉफ किए थे….”

अनु: (हां में सर हिलाते हुए….) ह्म्म उन्न्ञणणन्…..”

मे: किस लिए…..बोलो ना…..प्लीज़…..(मैने अनु के चूत को धीरे-2 मसल्ते हुए कहा तो वो काँपते हुए सिसकने लगी…पर बोली कुछ नही….”

मे: बोलो ना किस लिए…मुझसे चुदवाने के लिए ना…..?

अनु : ह्म्म्म्म ….

मैने अनु चूत से हाथ हटाया और फिर उसके ऊपर झुकते हुए, उसकी चुचियों को चूसना शुरू कर दिया….एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर लंड के सुपाडा को छूट के छेड़ पर सेट किया…और फिर उसके दोनो टॅंगो को घुटनो से मोड़ कर अपने कंधो पर रख दिया….जिससे अनु के छूट ऊपर के तरफ खुल गये…..मैने उसके चुचियों को चूसना छोड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो में भर कर चूसना शुरू कर दिया. और साथ ही उसके दोनो कंधो को मजबूती से पकड़ते हुए एक ज़ोर दार झटका मारा….. “गतच की आवाज़ करता हुआ मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत के टाइट छेद को फैलाता हुआ अंदर जा घुसा….

अनु एक दम से तडपी….पर में जानता था कि, दर्द तो होना ही था….इसलिए बिना उसके दर्द की परवाह किए बिना एक बार फिर से पूरी ताक़त से अपनी कमर को आगे की तरफ पुश किया…

.”हूँ” ये आवाज़ मेरे मुँह से निकली थी….जब मेने पूरी ताक़त के साथ झटका मारा था….अनु नीचे लेटी हुई दर्द से तड़प कर रह गयी…..मैं उसे मजबूती से पकड़े हुए था…और उसके होंठ मेरे होंठो के बीच में दबे हुए थे….उसके दोनो हाथ मुझे मेरे कंधो से पकड़ कर पीछे की ओर धकेल रहे थे…..मेरा आधा से ज़यादा लंड उसकी चूत की सील तोड़ता हुआ अंदर जा घुसा था….और अब आख़िरी प्रहार करने का वक़्त आ गया था…मैने अपनी सारी ताक़त बटोरी और एक और जोरदार शॉट लगाया….”गतच” मेरा लंड इस बार उसकी चूत की गहराइयों तक अंदर घुस चुका था….

मैने बड़ी मुस्किल से अनु को अब तक संभाला हुआ था….पर किसी तरह से उसने अपने होंठो को मेरे होंठो से अलग किया तो, मैने उसके फेस की ओर देखा, उसकी आँखो से तेज आँसू बह रहे थे….”उन्न्ञणणन्….प्लीज़ मत करो मुझे नही करना ये सब…हट जाओ बाहर निकाल लो ओह्ह्ह्ह माँ अह्ह्ह्ह्ह बाबा रीए बहुत दर्द हो रहा है…..निकाल लो प्लीज़ अह्ह्ह्ह मम्मी मर गयी में…..” अंजू ने रोते हुए कहा, तो मेरा दिल थोड़ा पसीज गया….

मे: कुछ नही होता….जितना दर्द होना था….हो गया…..अब दर्द नही होगा….

अनु: (रोते हुए) मुझे नही पता हटो पीछे….तुम ने इतना दर्द क्यों दिया…..मेने नही करना ये सब प्लीज़ उठो….(उसने मुझे कंधो से पीछे की ओर धकेलते हुए कहा..)

मे: अच्छा अच्छा एक काम करो…पहले चुप करो प्लीज़ चुप श्िीीईईई….

अनु: (रोना कम करते हुए…) अब पीछे हटो…

मे: देखो अनु पागल मत बनो पहली बार सब को दर्द होता है….अच्छा एक काम करते है….वहाँ घड़ी में देखो….अगर तुम्हारा दर्द एक मिनिट में ठीक ना हुआ तो, में अपना लंड बाहर निकाल लूँगा….ठीक है….एक मिनिट….

अनु: (अपनी आँखो से आँसू सॉफ करते हुए…) एक मिनिट पक्का ना….?

में: हां पक्का….

मेने अनु की चुचियों को मसलना शुरू कर दिया….वो अपनी अध खुली आँखो से घड़ी की तरफ देख रही थी….मैने जब नीचे देखा तो, मेरा लंड उसकी चूत की सील टूटने से निकले खून से सना हुआ था….पर ये बात अनु को बता कर में उसे डराना नही चाहता था…इसलिए मैने उसकी चुचियों को मसालते हुए उसके राइट निपल को मुँह में लेकर सक करना शुरू कर दिया…और उसकी लेफ्ट चुचि के निपल को अपने हाथ की उंगलियों से मसलना शुरू कर दिया….

में कभी उसकी लेफ्ट चुचि को चूस्ता तो, कभी उसकी राइट चुचि को…..उसके हाथ जो मेरे कमर पर रखे हुए थे….अब धीरे-2 उसके हाथों की पकड़ मुझे मेरी पीठ और कमर पर कस्ति हुई महसूस होने लगी…मैने उसकी चुचियों को चूस्ते हुए, उसकी आँखो की तरफ देखा, तो उसकी आँखे मस्ती में बंद हो चुकी थी…शायद अब उसका दर्द कम हो गया था….मैने वैसे ही उसकी चुचियों को चूस्ते हुए, धीरे-2 अपने लंड को थोड़ा-2 बाहर निकाल कर अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….

अनु: श्िीीईईई ह्म्म्म्म मममम धीरीई करिए ना..प्लीज़….

मे: अब कैसा लग रहा है मेरी जान दर्द तो नही हो रहा….?

अनु: थोड़ा सा है…..(अनु ने सिसकते हुए कहा तो, मुझे अहसास हो गया कि, अब ये चुदने के लिए पूरी तरह गरम हो चुकी है….)

मैने धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए, उसकी चुचियों को मसलना शुरू कर दिया…और उसके होंठो को अपने होंठो में लेकर ज़ोर-2 से चूसने लगा…अनु भी गरम हो चुकी थी….इसलिए वो भी मस्त होकर मुझसे अपने होंठो को चुस्वा रही थी…..उसके दोनो हाथ मेरी पीठ पर थिरक रहे थे…..मैने उसके होंठो से अपने होंठो को अलग किया….और उसके कानो के पास अपने होंठो को लेजाते हुए बोला….” मज़ा आ रहा है ना मेरी जान लंड को चूत में लेने में…..बोल ना चूत मरवाने में मज़ा आ रहा है ना…..” मेने अपनी कमर को और तेज़ी से हिलाते हुए उसकी चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए कहा….अब मेरा लंड उसकी चूत से निकल रहे पानी से पूरा गीला होकर अंदर बाहर हो रहा था….

अनु: श्िीीईईई ओह बहुत मज़ा आ रहा है ना….चोदिये ना और तेज चोदो…”

अनु ने सिसकते हुए खुद ही अपनी टांगो को और ऊपर उठा लिया…वो अब खुद भी धीरे-2 नीचे से अपनी गान्ड को उचका रही थी….मेरा लंड उसकी फुद्दी के पानी से गीला होकर फतच-2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था…”ओह्ह्ह अनु तेरी चूत बहुत टाइट है….बहुत मज़ा आ रहा है तेरी चूत मारने में…..रोज तेरी चूत मारूँगा…बोल देगी ना मुझे तू अपनी चूत मारने को….” अब मैने अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाल-2 कर उसकी चूत में पेलना शुरू कर दिया था….अनु भी मदहोश होकर अपनी गान्ड को धीरे-2 ऊपर की ओर उछाल रही थी…..

अनु: हाआँ तुषार जी जब मरज़ी चोद लेना मुझे…..में मना नही करूँगी…ओह्ह्ह्ह अम्मी श्िीीईईई बहुत मज़ा आता है….रोज मरवाउन्गी में अपनी चूत आपसे…..

मे: अपनी मम्मी के सामने भी हां….?

अनु: हां मम्मी के सामने भी…आपका वो वो भी चुसुन्गि….

मे: वो क्या अनु…..

अनु: आपका लंड….हाआँ आपका लंड चुसुन्गी…..जैसे मम्मी चुस्ती है….

में अब पूरी रफतार से अनु की चूत में लंड पेलने लगा था….और अनु की सिसकारी पूरी रूम में गूँज रही थी….”ओह्ह्ह अहह ओह तुषार अह्ह्ह्ह ऑश हाईए मुझे कुछ हो रहा है….कुछ निकलने वाला है ओह” अनु ने सिसकते हुए मुझसे चिपकना शुरू कर दिया…

.”आह निकाल दे अपनी चूत से हां मेरे लंड पर छोड़ दे रुकना नही अहह….”

अनु: अहह श्िीीईईईईईईईईईई ओह माँ……

अनु का बदन एक बार कुछ पलों के लिए ऐसे कांपा मानो जैसे उसके बदन में करेंट का झटका लग गया हो….उसकी चूत ने अंदर-2 ही मेरे लंड को निचोड़ना शुरू कर दिया….मेने भी पूरे जोश में आते हुए ऐसे-2 शॉट मारे कि अनु मेरे बदन से काँपते हुए लिपट गयी…और अनु की चूत के पानी से मेरे लंड के अंदर से निकल रही बौछारो का मिलन शुरू हो गया…..
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