Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता
12-14-2017, 12:59 AM,
#29
RE: Hindi Sex Stories अनौखा रिश्ता
31
रेहान बाहर जाकर किचन के दरवाज़े पे खड़ा हो गया और अंदर देखने लगा. अंदर प्राची शेल्फ के पास खड़ी कॉफी बना रही थी. प्राची ने अभी तक रेहान को नही देखा था. रेहान किचन के अंदर घुस गया और धीरे से जाकर प्राची को पीछे से बाहों में जाकड़ लिया. जैसे ही रेहान के हाथ प्राची के पेट पे कसे तो प्राची एकदम चौंक गई और उसने पीछे देखा तो रेहान को देखकर घबरा गई और बोली.
प्राची-ये क्या बदतमीज़ी है रेहान.
रेहान-डार्लिंग उस दिन के बाद तो कोई भूत नही आया ना सपने में.
प्राची कसमसाती हुई बोली.
प्राची-अपनी बकवास बंद करो और छोड़ो मुझे.
रेहान का एक हाथ प्राची की टी-शर्ट के उपर से उसके एक बूब को मसल्ने लगा.
रेहान-डार्लिंग आज क्या हुआ उस दिन तो बहुत चिपक चिपक कर किस कर रही थी.
प्राची उसका हाथ अपने बूब्स पर से हटा रही थी.
प्राची-प्लीज़ रेहान छोड़ो मुझे उस्दिन जो भी हुआ वो एक ग़लतफहमी थी और मैं बहक गई थी. प्लीज़ मुझे छोड़ दो.
रेहान-तो आज भी बहक जाओ ना डार्लिंग.
और रेहान ने उसे अपनी तरफ घुमा लिया और अपने होंठ प्राची के होंठों पे रख दिए और प्राची के होंठ चूसने लगा. प्राची उसका चेहरा अपने चेहरे से दूर धकेलने की कोशिश करती रही मगर वो कामयाब नही हो पाई और रेहान उसके होंठ चूस्ता रहा और उसके हाथ पाजामे के उपर से प्राची के चुतडो को मसल्ते रहे. प्राची बहुत घबराई हुई थी उसकी आँखों से आँसू तक निकल आए थे. रेहान का एक हाथ अब आगे आकर पाजामे के उपर से ही प्राची की चूत मसल्ने लगा था. प्राची ने अपनी जांघों को एक दूसरे के उपर चढ़ा रखा था. ताकि रेहान का हाथ उसकी चूत तक ना पहुच पाए मगर रेहान का हाथ तो उसकी जांघों के बीच घुसता हुया उसकी चूत को कुरेद रहा था. रेहान ने अपने दोनो हाथ प्राची की जांघों पे रखे और वहाँ से उसका पाजामी पकड़ी और झटके के साथ नीचे कर दी और पाजामी प्राची के घुटनो तक नीचे सरक गई. प्राची की गोरी गोरी जंघें अब रेहान के सामने आ चुकी थी. पाजामी घुटनो तक सरक जाने का एहसास जब प्राची को हुआ तो बहुत घबरा गई और पूरी ताक़त लगाकर अपने आप को रेहान की गिरफ में से छुड़ाने लगी. रेहान के हाथ उसकी नंगी जांघों और उसकी पैंटी में क़ैद चुतड़ों पे घूम रहे थे. प्राची मदहोश होती जा रही थी. अब प्राची अपने होंठो रेहान के होंठों में से आज़ाद करवाने में सफल हो गई थी और वो लगभग रोती हुई कह रही थी.
प्राची-रेहान प्लीज़ जाओ यहाँ से अगर रीत दीदी ने देख लिया तो क्या सोचेंगी.
रेहान के हाथ उसी तरह से प्राची के चूतड़ मसल रहे थे.
रेहान-अरे डार्लिंग रीत से मत डरो वो तो बेड के उपर पड़ी है वो यहाँ कैसे आएगी.
प्राची-रेहान प्लीज़ मैं ये सब नही करना चाहती और तुम्हे कितना टाइम हो गया है यहाँ रीत दीदी को शक हो जाएगा प्लीज़ जाओ यहाँ से.
रेहान-ओह मतलब अगर रीत यहाँ ना होती तो तू तैयार थी.
प्राची कुछ नही बोली और नज़रें नीची कर ली.
रेहान ने उसे छोड़ दिया और कहा.
रेहान-ओके डार्लिंग मैं रीत के पास चलता हूँ जल्दी कॉफी लेकर आ जाना.
रेहान ने एक बार फिरसे प्राची के होंठ चूसे और बाहर निकल कर रीत के पास चला गया. प्राची ने कपड़े ठीक किए और उपर वाले का शुक्रिया किया और कॉफी कप में डालने लगी.
थोड़ी देर बाद प्राची कॉफी लेकर आ गई.
रीत-बड़ी देर लगा दी कूटी. जीजू के लिए स्पेशल कॉफी बनाई है क्या.
प्राची कुछ नही बोली और मुस्कुरा कर कॉफी रीत न्ड रेहान को दे दी.
रीत-अरे तूने खुद के लिए नही बनाई क्या कॉफी.
प्राची-नही दीदी मुझे नही पीनी और मैं थोड़ा बाहर घूमने जा रही हूँ तब तक आप बातें करो.
रीत-बाहर कहाँ जाएगी तू अकेली.
प्राची-दीदी मैं क्या बच्ची हूँ जो अकेली नही जा सकती मैं साथ वाले पार्क में जा रही हूँ.
रीत-ओके जा जल्दी आ जाना मुझे अगर वॉशरूम वगेरा जाना हुआ तो कॉन लेके जाएगा.
रेहान-रीत डार्लिंग उसे जाने दो ना मैं हूँ तब तक तुम्हारे पास मैं गोद में उठाकर वॉशरूम तक ले जाउन्गा तुम्हे.
रीत ने एक मुक्का रेहान को मारा और कहा.
रीत-मैं तुम्हारी गोद में नही चढ़ने वाली समझे.
प्राची वहाँ से निकल गई वो अब 1मिनट के लिए भी रेहान के पास नही रहना चाहती थी उसे अब रेहान से डर लगने लगा था.
प्राची के बाहर जाते ही रेहान ने अपना कप टेबल पे रखा न्ड रीत के हाथ से भी कप ले लिया.
रीत-क्या हुया रेहान आप को कॉफी तो पी लो.
रेहान रीत के साथ उसके बेड पे लेट ता हुआ बोला.
रेहान-डार्लिंग आज कॉफी नही आज तो कुछ और पीने का मन है.
रेहान ने रीत को अपने उपर खींच लिया.
रीत-प्लीज़ हटो ना मुझे कॉफी पीने....
रीत बस इतना ही बोल पाई इस से आगे वो कुछ बोलती इस से पहले ही रीत के होंठों के उपर रेहान के होंठ आकर चिपक गये और रेहान रीत के नीचे वाले होंठ को अपने दोनो होंठों में जकड़कर चूसने लगा रीत कुछ देर कसमसाती रही और फिर रेहान का साथ देने लगी उसके हाथ रेहान के गले का हार बन गये. रेहान पूरी मस्ती से रीत के होंठों का रस पीता रहा और उसके हाथ रीत की सलवार के उपर से ही उसके चूतड़ मसल्ते रहे. रेहान ने उसे पूरी तरह से अपने उपर ले रखा था. रीत के मम्मे रेहान की छाती में धन्से हुए थे. आख़िरकार रीत ने अपने होंठ रेहान के होंठों में से वापिस खींचे और उसके उपर ऐसे ही पड़े पड़े कहा.
रीत-आप भी ना रेहान एक तो मुझे पैर में दर्द हो रहा है उपर से आप ये सब कर रहे हो.
रेहान कोई जवाब ना देते हुए फिर से रीत के होंठ चूमने लगा.
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