RE: Hindi Sex Stories बदले की आग
बदले की आग (भाग - 5)
चल अपनी बहन के कप में भी दूध निकाल. वह दूसरा कप उठा के आप'ने स्तन के पास लाई और एक हाथ से अपना चूची दबाने लगी. जैसे ही उस'ने चूची को दबाया दूध की एक धार निकली और कप को भर'ने लगी. मधु अब भी मेरे लौऱे को चूस रही थी. क्या छूसा कर रही थी. साली लगता था की उस'ने छूसा में मास्टर्स किया हुआ है. अब मैं भी झऱ'ने वाला था. मैने रूचि से कहा,
चल रन्डि अपना कप मेरे पास ला, तुम्हें दूध मैं पिलऊँगा. चल जल्दी कर. उ.... ओह और वह जल्दी से कप मेरे पास लाई और मैने अपना लंड मधु के मूँ'ह से निकाल के सारा माल रूचि के कप में झाऱ दिया. उसे कहा की,
चल पी जा साली रन्डी मेरा अमृत है. पी जा और मैने दुबारा मधु के मूँ'ह में अपना लंड डाल दिया..
चल रन्डी टू अभी मेरा लंड चूस जब तक मैं रुक'ने को नहीं कहूँ. चल, और वह फिर से मेरा लंड चूस'ने लगी. जब'की रूचि मेरे वीरया से भारी हुई चाय पी'ने लगी. 5 मिनिट के बाद मैने रूचि से कहा की ,
चल घोऱी बन जा. मैं तेरी गान्ड मारूँगा. फिर मधु को छोड़ूँगा. चल जल्दी कर, और वह ज़मीन पर कुटिया बन गयी. मैं उस'के पीच्चे आया और आप'ने लौऱे को जो की मधु के चूस'ने से'गीला हो गया था, उस'की गान्ड के च्छेद पर रख के ज़ोर से तेल दिया. उस'की एक चीख के साथ ही मेरे लौऱे का सुपारा उस'की गान्ड में चला गया. मैं ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था. मेरा लंड पूरा उस'की गान्ड में घुस गया था. वह अब भी चिल्ला रही थी. मैने कहा की ,
साली चिल्ला क्यों रही है इतना. पहली बार तो गान्ड नहीं मरवा रही है. आज दूसरी बार है. चल मूँ'ह बंद कर रन्डी की औलाद और मैने उस'की गान्ड भर पुवर तरीके से मारी जब'की मधु अपनी बहन की छुदाई होती देख रही थी. मैने उसे कहा की,
चल तू भी चुप'छाप आप'ने कप'रे निकाल के मेरे पास आ. वह आप'ने कप'रे उतार'ने लगी. मैने रूचि की गान्ड से लंड निकाल के उस'की चूत में डाल दिया. कुच्छ देर तक मैने उस'की चूत मारी और फिर मैने लंड वापिस चूत से निकाल के उस'की गान्ड में दे दिया. अब वह चिल्ला नहीं रही थी. अब उसे मज़ा आना शुरू हो गया था. वह अपनी गान्ड को पीच्चे को धकेल रही थी. मेरा लंड पूरा उस'की गान्ड में घुसा हुआ था. कभी वह अंदर जाता था तो कभी बाहर आता था. इसी दौरान मधु पूरा नंगा हो चुकी थी..
वाउ! क्या ब्यूटी थी. साली की चूची का आकार 34द, कमर 30, गान्ड 36, तो हो'जी. मधु ने आप'नी चूत शेव कर रखी थी. मैं मधु की चूत पर हाल'के हाल'के हाथ फेर'ने लगा और साथ ही रूचि की गान्ड भी मार'ता जा रहा था. लग भाग मुझे रूचि की गान्ड और चूत चोद'ते हुए 30 मिनिट हो गया था. इसी दौरान वह एक बार झऱ भी चुकी थी. अब मैं भी झऱ'ने वाला था. मैने लंड उस'की गान्ड से निकाला और उस'के मूँ'ह की तरफ आ के उस'के मूँ'ह में दे दिया. वह उसे चूस'ने लगी. मेरे लौऱे'ने एक ज़ोरदार पिचकारी उस'के मूँ'ह में मारी फिर दूसरी. इसी तरह काई पिचकारियाँ उस'के मूँ'ह में गयी.
उस'ने एक भी बूँद ज़ाया नहीं किया. सारे का सारा माल पी गयी. मैं वापिस सोफे पर आ के बैठ गया. मधु को अपनी गोद में बैठ लिया. मैं मधु के होन्ठ उस'की बऱी बहन के सम'ने ही चूस'ने लगा और साथ ही उस'की दोनों चूचियाँ आप'ने हाथों में ले दबाने लगा. मधु बार बार सिसक रही थी. रूचि हमें देख रही थी, पर मधु आप'नी बहन से नज़रें नहीं मिला रही थी. मैने रूचि से कहा की,
चल आप'ने कप'रे पहन और चलती बन मधु को कल आ के ले जाना.
लेकिन मैं इसे अकेला नहीं छोऱ सक'ती हून. कौशल को क्या बतावँगी?
जो तेरा जी करे बता देना उस सेयेल बहन चोद को, वैसे मेरे पास एक हाल है. तुम उसे फोन करो और बताओ के तुम दोनों आज आप'नी किसी सहेली के पास रहोगी. कल वापिस आओगी. उस'ने पहले अपनी एक सहेली को फोन किया की वह रात उस'के घर ठहरेगी. फिर उस'ने भाई को फोन किया की वह और मधु अपनी एक दोस्त के घर रात गुज़ारें'गी और वह मुन्ने को वहाँ छोऱ दे, (रूचि का बेट) 2 बजे तक अभी एक बाज रहा था. उस'ने कप'रे पहन के मधु से कहा की वह कल घर जाते हुए उसे लेती जाएगी. वह घर से निकल गयी.. मैने मधु से कहा की,
चल जाके दरवाज़ा बंद कर और खाना गरम कर. खा'ने के बाद तुम्हारी चुदाई होगी. मैं दोनों बहनों को किसी दासी की तरह हॅंडल कर रहा था जैसे वह मेरी गुलाम हों. मैं उस'का मलिक हून. वह भी मेरी हर बात मान रही थी जैसे के रूचि मनती रही है. खाना खा'ने के बाद मैं उसे आप'ने बेड रूम में ले कर गया. उसे बिस्तर पे लिट दिया. उसे कहा की,
अब यह बताओ पहले चुदी हो या कुँवारी हो?
नहीं, जीजू आप भी कैसी बातें कर'ते हैं? अभी मेरी शादी ही कहाँ हुई है. क्योंकि वह नंगा थी. मैं भी नंगा था. मेरा लंड किसी आज'गर की तरह फूँकार रहा था.. मैं भी मधु के बाज़ू में लेट गया और उस'के होंठों को आप'ने होंठों के बीच ले चूस'ने लगा.
तो क्या हुआ साली, जिस'की शादी नहीं होती वे क्या चुद'ती नहीं. मेरे को तो लग'ता है तेरा आवारा भाई ही तुझे चोद चुका होगा. यह कह'ते हुए मैं मधु के कऱक मुममे बेरहमी से मसल'ने लगा. मधु बीच बीच में कराह उठ'ती.
ओह विशाल तुम बहुत बेरहम हो. अपनी छोटी सेयेल से ऐसे पेश आया जाता है.
अभी तुम'ने मुझे देखा कहाँ है रन्डी? देख'ना है, मैं तेरे से कैसे पेश आता हून? यह कह'के मैने आप'नी एक अंगुल एक ही झट'के में आधी उस'की गान्ड में घुसेऱ डी. अंगुल घुस'ते ही वह उईईईई..... कर'ती हुई उच्छल पऱी.
साली अंगुल घुस'ने से इट'नी उच्छल'ती हो तो जब यह जाएगा तब तेरा क्या हाल होगा? यह कह के मैने मधु का हाथ खींच के आप,ने लंड पर रख दिया जिसे वह धीरे धीरे सहलाने लगी. कुच्छ देर मधु मेरा लंड सहलाती रही फिर मैने उस'से कहा,
अब आप'नी टाँगें खोलो, अब तुम्हारी चुदाई होगी. जैइयसा तुम कह'ती हो अगर तुम्हारी सील सही सलामत मिली तो तुम्हें बऱे प्यार से लूँगा नहीं तो तेरी बऱी बहन रूचि की जैसे ली थी वैसे लूँगा.
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