Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
11-23-2020, 01:44 PM,
#81
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
गरुकाल मेरी शक्ति के लिए ये नशा और जिम के लिए ये हवस देख रहे थे। फिर भी वो एक आखिरी कोशिश करना चाहते थे, जिसमें में बदल सकं और मैं ही अपने पास के जाल को तोड़ दूं जिससे में वो ना बन जो वो (तांत्रिक लोल) चाहता है।

गुरु काल- तुम्हारी पहचान का पूरा सच जानने के लिए तुम्हें उन नामों को तो नहीं बताऊँगा पर एक सीढ़ी बता देता है और वो है- रवि तुम्हारा दोस्त और वा कैसे हो सकता है इसमें भी एक रहस्य है पाद रहे.. में बोलकर वो जिस तरह आए थे उसी तरह ब्लॅक में चले गये।
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मैं- "हाहाहाहा... मैं बहुत शक्तिशाली हैं, और मुझे क्या जरूरत है कोई सच जानने की पर मैं ये खेल खेलूंगा जगर और ऐसा खेलंगा की सबको पैलता जाऊँगा। इन्हें नहीं पता मैं क्या हैं हाहाहाहा... और रवि अब देख कैसे बजाता है सबका, और वैसे भी तेरे घर के माल मस्त हैं, आज से पेलने का प्रोग्राम शुरू हाहाहा."

कुछ देर बाद में भी नीचे आ जाता हैं, जहां सभी थे। क्या माल लग रही थी सभी। पर अब तो मैं कुछ भी कर सकता था। फिर में भी नाश्ता के लिए बैठ जाता है फिर मोम और झुमरी सभी का सर्व करती हैं।

झुमरी जब राज? को नाश्ता परोस रही होती है, तभी राज? झुमरी की नंगी जांघों को ऊपर तक मसलता है। अब तो झुमरी भी मजे ले रही थी क्योंकी अब उसकी रूपी हुई कामवासना जाग गई थी, जिसे अब कोई मर्द ही शांत कर सकता था। इसलिए वो ऐसे ही खड़ी होकर सर्व करती रहती है। जब राज2 देखता है की झुमरी आज पहले की तरह नहीं कर रही है, तो वो खुश हो जाता है और और आगे बढ़ने की सोचता है।

इधर सभी जब नाश्ता करने में बिजी होते है, तभी मुझे कुछ चाहिए होता है। इसलिए मैं झुमरी को देखकर कुछ बोलता उससे पहले ही मैं देखता है की कैसे झुमरी और राज2 की मजे से आँखें बंद और चहरा लाल देखकर मुझे कुछ झोल लगता है तो मैं नीचे झुक के देखता है की कैसे मेरे डैड झुमरी आँटी का मजा ले रहे होते हैं। ये देखकर मुझे झटका लगता है।

मुझे समझ में आ जाता है की मेरे डैड इतने भी शरीफ नहीं हैं, जितना वो दिखते हैं। पर मुझे भी झुमरी के नंगें जिष्म का मजा लेने का मन हो रहा था और मेरा लण्ड पागल हबा जा रहा था तो वो मजे लेने का सोचकर में झुमरी को आवाज देकर अपने पास बुलाता हैं। जिससे उन दोनों के मजे में भंग पड़ जाता है और वो दोनों देखते हैं की मैं उन्हें देखकर एक कमीनी स्माइल दे रहा है जिससे दोनों की सांसें रुक जाती हैं, ये सोचकर की कहीं मैंने देख तो नहीं लिया?

झुमरी अबी के पास आकर कुछ डरती हुई बोलती है- "क्या चाहिए बाबू?"

में कमीनी स्माइल से बोलता हैं- "जूस चाहिए आँटी आपका और आप यहीं रहो मेरे पास। आज मुझे कुछ ज्यादा ही जूस पीने का मन हो रहा है."

झुमरी ये बात सुनकर मुझे देखने लगती है और में सभी को देखता हूँ। सभी खाने में बिजी थे और मज लेने में। कुछ देर बाद झुमरी को अपनी जांघों पर किसी का हाथ महसूस होता है, जिसमें एक बार और चौंक जाती है क्योंकी ये मेरा ही हाथ था जो उसकी मोटी-मोटी जांघों का मजा लेकर बगड़ रहा था।

झुमरी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। पर इतना तो वो समझ हो गई थी की मैने सब कुछ देख लिया है,

और ये भी की अवी भी अपने बाप की तरह ही कमीना है या उससे भी ज्यादा। क्योंकी इस बात का अनुमान उसे कुछ देर बाद हो गया था।

मैं झुमरी की जांघों को मसलते हुए उसके मोटे-मोटे चूतड़ों पर आ गया था और उन्हें मसल रहा था जहां मेरा बाप पहुँचने में पता नहीं कितने महीने लगा दिया था, और मैं कुछ देर में वहां था।

मेरे उसकी जांघे मसलने से पहले वो डर रही थी। पर कुछ ही देर में उसे मजा आने लगा था जो राजा से भी नहीं आया था। और जब अबी उसके उन मस्त चूतड़ों पर पहुँच कर मसलने लगा था। तभी ता उसका जिम झंझना जाता है। कुछ देर में ही मैं अपने हाथ को उसकी चूत पर ले जाता हैं और उसके उन दोनों टक्कनों को पकड़ लेता हैं। मेरी इतनी फास्ट हरकतों से झुमरी पूरे आश्चर्य में थी। पर ये खेल 5 मिनट ही चलता है। क्योंकी अब सभी का नाश्ता हो गया था, और सभी को निकलना भी था। पर इतनी देर में झुमरी की चूत फड़फड़ाने लग गई थी।

फिर कुछ देर ऐसे ही टाइम पास करने के बाद मैं रवि के घर निकल जाता हैं। वहां जाकर बिना नाक किए चला जाता हैं। क्योंकी दरवाजा लाक नहीं था और अंदर आकर जब देखता है की रवि की मोम यानी सविता आँटी एक सेक्सी और हाट ड्रेस में थी, जो मैंने ही गिफ्ट दी थी। क्योंकी उन्हें ऐसे इंसेंस पहनना पसंद हैं। वो चेयर में कुछ उठा रही पर उन्हें कहां पता था की इस समय उनके मस्त चूतड़ साफ-साफ दिख रहे हैं और दो लोग ये सब देख रहे हैं।
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मैं सविता की मोटी-मोटी गाण्ड देखकर लण्ड पर पैंट के ऊपर से ही हाथ फैच रहा था जैसे उसे सहलाए हए कह ई की सब मिलेगा मेरे लौड़े मस्त बजाएंगे, इन सबके बीच जब रबि ऊपर से ये सब देख रहा था जिसका मुझे पता चल गया था पर मुझे क्या?

रवि अपने मन में "साला कमीना, हरामी मेरी मोम की बजाने की सोच रहा है पर साला कर भी सकता है मुझे कुछ करना होगा..."

रवि यही सब सोच रहा था और मैं तो कब का ऑटी के पीछे खड़ा हो गया था और अपने लण्ड को वैसे ही फुलाए हुए पैट के ऊपर से ही उनकी नंगी गाण्ड में जो झुकने की वजह से ऊपर हो गई थी, उसमें घुमाते हए आगे झुक के उनकी आँखें बंद कर दी जैसे पूछ रहा है की कौन हो पर ये सब तो एक दिखबा था जो आँटी ने भी महसूस कर लिया होगा। क्योंकी मैं तो लण्ड को ज्यादा रगड़ने और घुसने की कोशीश कर रहा था।

मेरे ऐसा करने से आँटी डर गई और वो घबराते हए. "कौन है?'

मैं धीरे पर रवि सुन सकें ऐसे बोला- "मैं तो तुम बताओ सेक्सी और हाट औरत की मैं कौन हूँ?"

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11-23-2020, 01:44 PM,
#82
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
मेरे बोलने से वो समझ गई की कौन है? पर मेरे मोटे लण्ड के एहसास से और वो बहुत सालों से चुदासी भी थी तो इससे उनकी सांसें भारी हो रही थी, और उनका मजा भी आ रहा था और आए भी क्यों ना? इतने सालों बाद एक मोटे लण्ड के मिलने से ये सब तो होना ही था।

मैं में देखकर की आँटी गर्म हो रही हैं, तो में भी थोड़ा पीछे होकर अपने लण्ड को जिप खोलकर बाहर निकालर उसे आँटी की गाण्ड के बीच भिड़ा देता हैं। अब तो उनकी भी हालत खराब हो गई थी, और वो समझ भी गई थी की मैं उन्हें चोदने के लिए में सब कर रहा हैं। अब तो वो भी पीछे नहीं हट सकती थी। क्योंकी इतना मोटा और लंबा लण्ड तो उनकी चूत के लिए कब से बेताब था, वो डर भी रही थी की की देख ना लें।

रवि की मौं- यहां कोई भी देख सकता है।

मैं- तो आँटी आपके घर के पीछे चलते हैं, वहां कोई नहीं आएगा।

उन्हें भी मेरी बात सही लगती है, तो दोनों ही छिपकर घर के पीछे एक चोदने की मस्त जगह पर आ जाते हैं। उधर रवि तो वैसे ही छिपकर सब देख रहा था, और मन ही मन गालियां भी दे रहा था। पर वो ये सब देखकर गर्म हो गया था तो उसने ये सब रोका नहीं।

मैं पीछे पहुँचते ही आँटी को जंगली किस करने लगा था और कुछ देर में ही एक हाथ से उनकी चूचियां और दूसरे से गाण्ड मसलने लगता हैं। मेरे इस अचानक हमले से पहले चकित पर फिर सोचती है की मेरे जिश्म ने इस पागल कर दिया है, और सोचकर परी मस्ती में वो भी साथ देने लगती है। हम दोनों 5 मिनट तक ये सब करने के बाद अलग होते हैं, और सांसें संभालते हैं।

पर मैं मस्ती कम होने से पहले ये सोचकर की इसका दिमाग चलने लगेगा, उसके कपड़े उतार देता हैं साथ ही
। वैसे मेरा लण्ड तो बाहर ही था। मैं पीछे से उसकी चूचियां जोर-जोर से मसल रहा होता हैं, और वो दर्द भरी आहे ले रही था साली, जिससे मुझे मजा आता है। फिर में उसके सामने आकर उसकी चूचियों को मुह में लकर जोर-जोर से चूसने लगता हैं।

आँटी- आहह... कमीने ओहह... उम्म्म्म ... दर्द हो रहा है... धीरे... उम्मम अहह... ऐसे ही मजा आ रहा है आईई धीरे से साले.." आँटी तो पागल हो गई थी। पर उन्हें क्या पता था की मैं कैसे फाइंगा उनकी चूत और गाण्ड?

आज तो मेरे मजे थे। फिर उनको नीचे बिठाकर उनके मुँह में अपना लण्ड डालकर चुसबाने लगता हूँ, और उनका मैंह चोदने। अब उनको भी पता चल गया था की क्या हो रहा है। पर अब मजे के बारे में ही सोचना था। फिर उनको वहीं लिटाकर उनकी चूचियों के बीच में डालकर चोदने लगता है। साला ये भी एक अलग ही मजा था,

अब सिर्फ रेल बनानी बाकी थी बस।

फिर मैं देर ना करते हमें उन्हें खड़ा करके मेरी तरफ गाण्ड उठाकर नीचे झुका दिया और पीछे से मेरे लण्ड को पकड़कर उनकी चूत पे सेट करके एक मस्त धक्का दिया की लण्ड चूत में फट से आधा घुस गया और उनकी चीख निकलने से पहले ही एक और दमदार धक्का और लण्ड चूत को चीरते हए परा अंदर, और लण्ड में खन पीना शुरू कर दिया। मेरे इस दोहरे धक्के से उनकी तो आवाज ही नहीं निकल रही थी, शायद गले में हो रह गईं

मैं इन सबको ना देखते हुए मजे में चादे जा रहा था। करीब एक मिनट बाद उनकी रोने की आवाज आ रही थी, और वो मुझे गलिया देते हुये चोदने से मना कर रही थी। पर मैं कहां रुकने वाला था धकाधक बजाता रहा था।

आँटी- "आह्ह... साले मादरचोद... कुत्ता रूक्क जा.. मेरी चूत पूरी फट चुकी है... अब तो कुछ देर रुक जा कामीने.."

दस मिनट बाद उन्हें भी मजा आने लगा तो उसकी टांग उठाकर चोदने लगा। कुछ देर बाद खड़ा करके एक पैर उठाकर बजाने लगा। 20 मिनट बाद में नीचे बैठकर उनको ऊपर आने को बोला। जब वो हवा में बैठी हई चूत पर लण्ड सेट कर रही तो मैं फट से लण्ड चूत की जगह गाण्ड पर सेट करके उनके कुछ समझने से पहले उन्हें जोर से लण्ड पर बैठा लिया तो उनकी एक जोर की चीख निकलती, उससे पहले ही में उनका मुँह बंद करके अपना काम शुरू कर दिया चोदने का। और आज तो साला मेरा लण्ड लण्ड खून से खूब खेल रहा था। पर मुझे इससे ही मजा आ रहा था। मुझे उस गुरु काल की बातों में कुछ फर्क नहीं पड़ रहा था। फिर घोड़ी बनाकर पैलने लगा। साला क्या नशा था की उतरने की इच्छा ही नहीं करती थी।

मैं 20 मिनट ऐसे चोदने के बाद उसे फट से नीचे लिटाकर लंबे-लंबे धक्का मारने लगा, जिसका मतलब साफ था की अब मैं अपना पानी छोड़ने के करीब आने वाला हैं। और कुछ देर में मैं भी एक आह्ह... के साथ खूब पानी छोड़ा था। पर आज मेरे लण्ड का पानी कुछ काला भी था, पर मुझे क्या? मुझे तो बस पानी निकालना था। और मैं बिना उनकी तरफ ध्यान दिए निकल जाता हैं। और आँटी बड़ी मुश्किल से कपड़े पहनकर उधर ही बेहोश हो जाती हैं शायद ये सब मेरी खूनी शक्ति की वजह से पहले बेहोश नहीं हो पाई थी।

अब तक रवि जो करीब एक घंटे से अपनी मोम की हालत देख रहा था, और उसकी गर्मी तो बहुत पहले ही उत्तर गई थी। पर वो रोकता कैसे? यही उसे समझ नहीं आ रहा था। इसलिए ये सब देखकर आँसू वहाँ रहा था, पर गुस्से में धीरे-धीरे बोल रहा था।

रवि- "साला में ही पागल था जो अब तक मैंने सिर्फ तेरे बाप के कहने पर पैसों के लिए तुझे हवस में डुबा रहा था, और तुमने मेरी मोम को अपना शिकार बना डाला। पर मैं तुझं अब सब बता दूंगा और ऐसे ही तेरे बाप और तुझसे अपना बदला लगा.."

इधर एम.एल.ए. हाउस में।
एम.एल.ए. काला बहुत टेन्शन में था। क्योंकी उसका बेटा उस लड़की के जिम से खेलकर उस दिन रात को आ जाना चाहिये था लेकिन नहीं आया, तो उसने सोचा वो अपने दोस्तों के साथ उस लड़की के मजे ले रहा होगा। पर अगले दिन रात तक नहीं आया, तो उसे और उसके दोस्तों और अपने आदमियों को भी काल किया। पर काई रेस्पान्स नहीं मिल रहा था। अब उसको भी लग गया था की कुछ तो गलत हुआ है, पर क्या? ये नहीं पता। और पता करें भी तो कैसे? उसे समझ ही नहीं आ रहा था।

उसने अपने घर के सेक्योरिटी गाईस जिनमें उसके गुन्डे भी थे, उन्हें बुलाया और अपने बड़े बेटे को भी उसने
सब बताया।

एम.एल.ए. काला- "तुम सब जाओ और पता का मेरे बेटे का। अभी तक कुछ पता नहीं चल रहा है, बो सब जरूर उसी एरिया में हैं, किसी भी हाल में खाली हाथ मत आना कमीजों, वरना सबकी मौ चोद दूँगा, मुझे बस मेरा बेटा चाहिये किसी भी कीमत पर, समझे तुम लोग?"

फिर अपने बड़े बेटे के पास जाकर उससे भी कहता है- "अजीत, कुछ तो हुआ है वरना अमित कब का आ चुका होता। तू भी जानता है की रात को उसकी कितनी फटती है। माना सभी हैं उसके पास, पर कोई भी काल नहीं ले रहा है। हम पोलिस को भी नहीं बोल सकते, क्योंकी वो एक लड़की का रेप करने गये थे। अगर वहा पहुँच गये
तो सब समझ जाएंगे..."

अजीत- लेकिन डैड, पोलिस में यहां सभी अपने ही तो आदमी हैं, फिर क्या परेशानी है?

एम.एल.ए.- "साले मादर चाद, पोलिस बालों पर कभी भरोसा नहीं करना, सब कमीने होते हैं। कब ईमान जाग जाए या कब लालची साले अपने पर ही मत दें, कह नहीं सकते। इसलिए किसी पर भी भरोसा करके ये काम नहीं किया जा सकता..."

अजीत- ओंके डैड, मैं भाई को जरर लकर आऊँगा।

एम.एल.ए.- "सुनो उस लड़की को खतम करके बही दफन कर देना, अब जाओ..."

अब एम.एल.ए. को क्या पता था की ये उसके बेटे को तो लेकर आएंगे पर किस हाल में? ये किसी को नहीं पता, मुझे भी नहीं दोस्तों।

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11-23-2020, 01:45 PM,
#83
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
update_24
अजीत और उसके सभी गुन्डे उस सूनसान जगह पहुँचकर रात के समय में टार्च से सड़क के दोनों तरफ उन्हें सर्च करना शुरू कर देते हैं, और करीब 12:30 बजे उन्हें लाशों की दुर्गध की बजह से पता चलता है की ये गंध कुछ दूर एक खंडहर से आ रही है, तो सभी कौतूहल बस देखने निकल जाते हैं, और वहां का नजारा देखकर सभी की घीउगी बंध जाती है।

एक तो उनके मालिक का बेटा और उसके दोस्त और उनके आदमी सभी लाशों में तब्दील हए पड़े हैं, और दूसरा ये की सभी जगह खून फैला हुआ था, जैसे यहां खून के पटाखे फाई हो, और इन लाशों को देखकर ऐसा लग रहा की सभी की मौत किमी दरिंदे ने की हो, ये सभी के लिए मौत का इरावना नजारा था।

करीब 5 मिनट बाद सभी की तंहा अजीत के चिल्लाते हए रोने से टूटी, उसे यकीन नहीं हो रहा था की कोई उसके भाई को भी इतनी बेरहमी से मार सकता है। यहां उसके बाप का डर फैला हुआ है, फिर भी ऐसा हो गया। उसे कातिल पर बहुत गुस्सा भी आ रहा था।

अजीत- "कमीने, तू जो कोई भी है मैं तुझे ढूँट कर कुत्ते की मौत मारेंगा.. फिर उसे खयाल आता है की उसे डैड को भी बताना है तो वो डर जाता है। पर फिर भी बताना तो था ही। वो काल करता है।

अजीत- हेलो डैड।

एम.एल.ए.- "हौं बोल बेटा, क्या अमित मिल गया?"

अजीत रोत "डैड, अमित इस डेड। किसी ने उसे और उसके दोस्तों और अपने सभी आदमियों को बेरहमी से मार दिया डॅड.."

एम.एल.ए. ये सब सुनकर आश्चर्य और बेटे की मौत के गम में रोता है और रोते हुए बोला- "नहीं ये नहीं हो सकता, इस शहर में कोई नहीं जो मुझसे टक्कर ले सके, तू मजाक कर रहा है ना? बेटा देख ये मजाक ठीक नहीं है."

अजीत- "नहीं डैड, अमित मर चुका है। आप टेन्शन ना लें, मैं उसके कातिल को टूटकर कुत्ते की मौत माग गा, देखना हैड...

अजीत की बात सुनकर म और कुछ सोचकर उसे वापस आने को बोलता है। पर अमित की डेड बाडी को नहीं लाने के लिए भी बोलता है। आधे घंटे में अजीत और बाकी आदमी एम.एल.ए. घर आ जाते हैं।

अजीत- डैड, आपने मुझे क्यों बुला लिया डैड?

एम.एल.ए.- "पहले ये बता की वहा उस लड़की की भी बाडी थी क्या?"

अजीत. नहीं डैड, वहाँ और किसी की डेड बाडी नहीं थी।

एम.एल.ए.- "इसका मतलब साफ है की उस लड़की को किसी पहचान वाले ने बचाया और मेरे बेटे को भी उसने ही मारा है। तुम ऐसा करो किसी टेलिफोन बूत से मईर की इन्फर्मेशन दे दो, और अपने सभी आदमियों को उस लड़की को बचाने वाले के बारे में पता करो और उस लड़की पर भी नजर रखना..."

अजीत- ठीक डैड, पर इन सबसे होगा क्या?

एम.एल.ए.- "अब हमारा काम पोलिस करेंगी। क्योंकी उसमें एम.एल.ए. के बेटे के अलावा और भी कई बड़े बिजनेसमैन के बेटे थे, और वहाँ कई और भी लोग थे। मैं जानता है की इसमें मेरे बेटे का नाम खराब होगा,

साथ ही मेरी कुर्सी भी खतरे में पड़ जाएगी। पर अपनी कुर्सी को कैसे बचाना है पे बात एम.एल.ए. काला अच्छी तरह जानता है..." और उसके चेहरे पर एक कमीनी मश्कुराहट तर जाती है।

बाकी सभी भी एम.एल.ए. काला के बताए काम में लग जाते हैं।
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इधर बी.डी. की तरफ में सविता औंटी के मजे लेने के बाद अपने घर की तरफ निकलता हैं पर मुझे आज सेक्स करने के बाद संतष्टि नहीं मिली थी, हालांकी मजा बहुत आया था मुझे, जैसे शराब की बोतल का नशा हो। साली चूत और गाण्ड चीज ही ऐसी है की इसके आगे सब मजे, नशा बेकार लगता है। फिर तो जैसे लण्ड चलता है और कुछ नहीं, बुर का भोसड़ा बनाने का वा मजा, वो खन जो गाण्ड से निकलता है सब अच्छा लगता है और अब मेरे सामने आँखें उठाने वाले लोगों को जान से मारना और उनकी दर्द से चिल्लातें हर चीखें सब एक नशा है जो झट से चद जाता है और मुझे भी तो ये सब पसंद है।

मैं जब घर आता है तो हाल में कोई नहीं था, पर किचेन में था तो मैं वहां जाकर देखता हूँ की ये तो झुमरी थी जो काम कर रही थी पर मस्त माल लग रही थी। ऐसा लग रहा की यहीं पटक कर रगड़ दं। पर अभी बाकी सभी के आने का टाइम हो रहा था तो रुक गया। और अपने राम आकर फ्रेश हुआ फिर सो गया। अब चुदाई के बाद तो नींद आएगी हो ना।

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राज की तरफ बा अपने प्लान को आगे बढ़ाने के बारे में सोच रहा था की उसकी सक्रेटरी मोना आती है, एक पटाखा बनकर। पर अभी उसे पलानिंग करनी थी तो ज्यादा ध्यान न देकर फिर सोचनें लगता है। मोना राज2 की चेयर पीछे आकर खड़ी हो जाती है और राज2 के गौर न करने पर वो पीछे से ही अपनी नंगी चूचियों की मसाज देनी शुरू कर देती हैं। जिससे उसे भी मजा आने लगता है और लण्ड में उठान भी, साला इसकी भी ऐश हैं। तो कुछ देर बाद राज? उसे नीचे बठाकर लण्ड चूसने को देता है और मोना नीचे घटने पर बैठकर मजे से चूसना शुरू कर देती है, जिससे राज2 की मजे से आहे निकलने लगती हैं।

राज2- "स्स्सी... साली रंडी ऐसे ही चूस... मजा आ रहा है, तभी तो आज इस जगह पहुंची है..."

फिर राज2 खड़े होकर उसके पीछे से उसकी चूचियां मसलने लगता हैं, जिससे मोना आ आ सेक्सी आवाजें निकालती है। कुछ देर बाद मोना की स्कर्ट उठाकर उसकी नंगी चूत रगड़ने लगता है, कुछ देर रगड़ने के बाद

राज2 में सबर नहीं हो पाता और उसे उठाकर बैंड पर पटक के अपने कपड़े उतारता है फटाफट और एक मिनट में ही राज भी नंगा हो जाता है।

फिर क्या था? लगा मोना की चूत का निशाना और शुल... टप-ठप ठप-ठप करते हए चोदने लगता है और 10 मिनट बाद दोनों झड़कर वहीं पड़ जाते हैं।

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11-23-2020, 01:45 PM,
#84
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
इधर में दो घंटे बाद सोकर उठता है, और मुह धोकर बाहर आ जाता है फिर सोचता है क्यों ना रिया दीदी के गम चलकर मिल लें। आखीर कार, अपने माल से मिल हए काफी वक्त हो गया है। उस घटना के बाद सिर्फ एक बार मिला हैं, पर वो रूम में नहीं थी।

तब सोचा अपने दूसरे माल यानी नैना दीदी के पास चलता हैं तो क्या देखता हैं। वो चंपर पर ही सो रही है पर मेरा लण्ड तो इसलिए टनटनाया क्योंकी ऐमें सोने के कारण उसकी इस गोरी और मस्त जांघों से उठकर परी कमर तक आ गई थी और उनकी फूली-फूली रसबरी चत साफ दिख रही थी। साले सबसे बड़ी बात की साली ने
चूत में छला पहना हुआ था जिसमें एक नम्बर की माल लग रही थी। यार अब ऐसा सीन देखने के बाद साला काई कैसे रुक सकता है?

में धीरे से उनके पास जाकर उनकी मद मस्त बुर कप गौर से देखने लगा। साला कंट्रोल नहीं हो रहा था, ऐसा लग रहा था की टूट पड़ अभी इसपर और काट खाऊँ। पर ऐसा कर नहीं सकता था, नहीं तो में पूरे घर का सिर पे उठा लेगी साली और मेरी गाण्ड मर जाएगी।

फिर भी छूकर तो देख हो सकता है, तो में उनकी चूत और उसके आसपास की जगह पर हल्के हाथ से छूकर मजे लेने लगा। साला अभी तो लण्ड ऐसा हो गया की अभी फट पड़ेगा, क्या गजब की चूत पाई है साली ने जब इसे रगड़गा ना तो पता नहीं कितना पानी छोड़ेगी साली।।

मैं ऐसे ही मजे ले रहा की वा कुछ हिला और मेरी गाण्ड फटी तो फटाफट निकाल लिया बाहर और अपने आपको ठीक किया। फिर अपने एक और माल की ओर चल दिया यानी डाली दीदी के रूम की तरफ। जैसे ही मैंने रूम को अनलाक करके दरवाजे को धकेला तो अंदर नजर देख फिर से मेरा लण्ड उछलने लगा। क्योंकी अंदर डाली एक टाइट जीन्स में थी और क्या माल लग रही थी। मैं चल दिया अंदर और सीधा पहुँचा दीदी के पीछे। वो कुछ झुक कर अपने कपड़े जमा रही थी।

मैं तो उनकी मोटी गाण्ड को कसे हुए जीन्स में बाहर निकली हुई पूरे आकर में देखकर कंट्रोल नहीं कर सका और उनकी गाण्ड पर अपनी पूरी हथेली फैलाकर रख दिया पर वो नार्माली ही मेरी तरफ घुमी, कोई आश्चर्य के साथ नहीं। ये मुझे बहुत अजीब लगा की ऐसे मजे के वक्त फालतू चीजें नहीं सोचते हैं, मैंने हाथ हटाते हुए कहा- "क्या कर रही हो दीदी?"

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डाली- कुछ नहीं, वो कपड़े जमा रही थी। तू बता आज कैसे आया?

मैं- कुछ बस ऐसे ही चला आया, ओंके तो आप अपना काम करो मैं चला।

डाली- अरे बैठ तो।

में नहीं, फिर कभी अभी मुझे नीचे जाना है।

मैं बाहर निकालकर अपने हाथ को चूमता हैं, फिर उस मजे के बारे में सोचता हैं, पर कुछ देर बाद सोचा की पता नहीं अभी मिशा मेरा एक और माल कैसी हालत में हो? क्या पता वहां भी कुछ ऐसे ही मजें मिल जाएं, देखना चाहिये तो में चल दिया उनके रूम में, और हमेशा की तरह बिना खटखटाये अंदर घुस गया।

आज वो भी एक शार्ट शर्ट और हाफ जीन्स में क्या मस्त माल लग रही थी। साले इस में तो इसकी ये मोटी-माटी चूचियां, टैकियां लगती हैं दूध से भरी हुई। इन्हें तो अपने हाथों से जोर-जोर से मसलने और चूसने और काटने में क्या मजा आएगा यार ... साली क्या चीज है पर हमेशा शांत और रूम में ही पड़ी रहती हैं।

में हाय दीदी, क्या रही हो?

मिशा मॅरी तरफ देखते हुए- "कुछ नहीं, क्यों काम था क्या?'

मैं- नहीं वो तो बस ऐसे हो... क्या आप भी दिन भर रूम में होरहती हो, बोर नहीं होती?

मेरी बात सुनकर मिशा मेरी तरफ आती है और फट से मेरा कालर पकड़कर अपनी तरफ खींचती है। जिससे मैं उनकी दो पहाड़ जैसी चूचियों से चिपक जाता हैं। पर अभी कुछ और ही मूड में थी, जो मेरे लिए एक बहुत बड़ा आश्चर्य था।

मिशा- तू कहां पूरे दिन आवारा की तरह घूमता रहता है? कभी घर भी बैठ जाया कर।

ये बात उन्होंने कुछ गुस्से में कही थी, ये मेरे लिए बहुत बड़ा झटका था क्योंकी वा कभी इन बात में नहीं पड़ती थी की कौन कहां है कहां नहीं और बिना कोई खास कारण के उनका ये गुस्सा होना, ये सब मेरे लिए बिल्कुल भी नार्मल बात नहीं थी। और एक बात जब से मेरी शक्ति आक्टिव हई है तब से मैंने सभी में चेंज देखा है, पर सबसे ज्यादा मेरी बहनों में। ये सब क्या हो रहा है? ये सब मेरे लिए एक बाम्ब फाटने जैसा था।

मैं डरते हए- "नहीं दीदी, वो तो रवि के घर गया था उसमें कुछ काम था इसलिए..."

मिशा- तो वो नहीं आ सकता था क्या? आगे मत जाना, उसे काम था तो उसे आना चाहिए ना।

मैं- "ठीक है दीदी, अब मैं चलता हैं..." बोलकर बिना उनकी बात सुने मैं बाहर भागा और बाहर आकर सीधा नीचे हाल में आकर रुका।

मैं मन में "ये सब क्या चूतियापा हो रहा है यार? वो बोलती नहीं। वो सुना रही है, और जो बोलती हैं वो गहरी नींद में सो रही है, जो समझती रहती है वो चुप है, और एक रूम में नहीं है, अबे मेरा सिर फट जाएगा। इनकी मोम की चुदाई। ये सब क्या हो रहा है बै, इतना बदलाव बहुत ज्यादा अजीब है और उन्हें अपने आपसे अलग कर रहा है."

में ये सब सोच हो रहा था की मेरी नजर किचेन की तरफ चल जाती है और गई तो गई पर क्या हाट सीन था बीडू की लण्ड जोर लगाने लगा बाहर आकर उसकी जगह में घुसने के लिए।

अंदर किचेन में मोम और झुमरी थी, जहां झुमरी तो एक मस्त कुकिंग इंस में थी। पर माम तो एक मस्त सेक्सी और हाट पारदर्शी नाइटी में श्री, जो उनके चूतड़ों को ही छिपाए हए थी बसा और नीचे से उनकी मोटी मोटी मस्त जांघ फैसी दिख रही थी। पर ये ही काफी नहीं, बल्की उनकी नाइटी में से एक सेक्सी वाली पैटी साफ नजर आ रही थी, जो मेरी बाडी गरम करने और लण्ड की जान निकालने के लिए काफी था। साली ये तो पक्का ही चुदकर रहेंगी यार।

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11-23-2020, 01:45 PM,
#85
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
में ये देखकर पैंट के ऊपर से ही लण्ड मसल रहा था फिर कुछ सोचकर अंदर चल दिया और अंदर आकर मैं मोम के पीछे से चिपक गया, पर साथ ही अपने मोटे लण्ड को पैंट के ऊपर से जो उभार था उसे भी माम की शार्ट और पतली नाइटी में छिपे मदमस्त चूतड़ो के बीच में सटा दिया, आहह... क्या मोटे-मोटे और मस्त चूतड़ हैं मोम के, मजा आ रहा है।

मोम- क्या बात है आज बड़ा चिपक रहा है मुझसे?

झुमरी एक बार हमारी और देखती है और फिर काम में लग जाती है। पर वा चोर नजरों से मेरी हर हरकत देख रही थी। अब उसे मेरे बारे में पता जो चल गया था, तो इतना शक करना तो बनता है यार।

मैं- वो क्या है ना, आज बहुत सेक्सी लग रही हो।

मोम- अच्छा, वैसे आज ऐसा क्या हो गया की मैं तुझे सेक्सी लगने लगी?

मैं- आज आप इस सेक्सी नाइटी में एकदम हाट लग रही हैं।

मोम- क्या बात है मेरे सोना को अपनी मोम इतनी हाट लगती है? ये सच है या फिर मक्खन लगा रहे हो?"

मैं- मैं बिल्कुल सच बोल रहा हैं, और मेरे सभी दोस्त भी बोलते हैं की आप जैसी सेक्सी तो उनमें से किसी की माम नहीं लगती हैं।

मोम- औह तो ये बात है, पर तुझे क्या लगता है?

मैं- मैं तो कह रहा है की आप एक बाम्ब हो।

मोम- चुपकर .. कुछ भी बोलता है। देख नहीं सकता की झुमरी भी है यहां।

मैं तो इसमें क्या है जो है वो है... पर एक बात तो है आँटी भी एक मस्त माल लगती हैं।

ये बालकर मैं एक हाथ झुमरी के चूतड़ों पर रख देता है, जो कब से इन दोनों की बात सुनकर मजे ले रही थी
और पता नहीं क्या-क्या मन में बड़बड़ाए जा रही थी। जब उसे रति की मौजूदगी में बी.डी. के द्वारा हाथ रखने से चकित थी फिर मोम की बात पर और चकित।

मोम- हाँ ये बात तो है, पता है तेरे डैड को भी झुमरी पसंद है।

झुमरी मन में- "साला ये तो इसके बाप से भी बड़ा कमीना है। साला खुद की मोम को भी लपेटने में लगा है
और ये साली भी कुछ काम नहीं हैं। कैसे अपने बेटे के मोटे लण्ड पर गाण्ड लगाए है मजे से, और कुछ कह भी नहीं रही है। ऊपर से सेक्सी बातें करके उसे और उकसा रही है। पता नहीं ये कब क्या कर दे? कहीं यही पटक कर ना चोद दे दोनों को?"

मैं- "क्या .इ भी... पर अब बढ़े हो चुके हैं, उनमें अब दम कहा" बोलकर मैंने अपना दूसरा हाथ मोम की नाइटी के ठीक नीचे उनकी नंगी मोटी मांसल जांघों पर रखकर फैरने लगा। पर मोम ने कुछ नहीं कहा।

मोम- हाँ बो तो है। लेकिन तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे तुझ में बड़ा लण्ड... ओह सारी दम है।

में तो माम के ऐसे लण्ड बोलने से और मस्त हो गया और लण्ड भी जो पूरा टाइट होकर गाण्ड में घुस रहा था अब तो उधर ही हरकतें करने लगा।

अभी और कोई कुछ बोलता उससे पहले ही बाहर से आती हुए रिया दीदी बोली- "मोम क्या कर रही हो?"

हम सभी रिया की आवाज से अलग हो जाते हैं, और मोम खुद को समाल कर बोलती हैं।

मोम- कुछ नहीं, क्यों कुछ काम था क्या?

रिया- नहीं माम, बस टीवी देखना था साथ बैठकर, इसलिए पूछा।

मोम- अब कुछ देर में डिनर का वक्त होने वाला है, तो मैं उसकी तैयारी कर रही हैं। त देख और इसे भी ले जा, ये तुझे कंपनी देगा।

रिया- "ही ये ठीक है, चल... फिर मैं और पिया दोनों साथ में आकर टीवी देखने लगे। ऐसे ही टाइम निकल गया। फिर सबने डिनर किया और फिर साथ में टीवी देखने लगे। तभी हमने न्यूज चला दिया जिसे देखकर सभी को झटका लगा, पर सबसे बड़ा मुझं और रिया को।

न्यूज- "आज **** रोड़ के पास सूनसान जगह पर एक खंडहर में 5 जवान बच्चों और 10 गुन्डों और एक स्कूल टीचर की मौत हो गई। ये कोई मामूली मईर नहीं है। किसी ने बहुत ही बेरहमी से मारा है, बड़ी अजीब और चौकाने वाली घटना है ये। अभी हमारे सूत्रों से पता चला है की वो टीचर इन सभी का हैड था। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है की ये सब यहां क्यों आए? किस लिए आए? या फिर लाया गया है। इन सभी लड़कों को इन गुन्डों ने मारा है तो फिर इनको किसने मारा? या फिर इस सभी को किसी और ने मारा है? पर किसने ये एक बहुत बड़ा मुद्दा है? ये कोई मामूली बात नहीं है. क्योंकी ये सभी लड़के बड़े घरों से ताल्लुक रखते हैं। पूरे राज्य को हिला देने वाली ये घटना पता नहीं क्या रंग लाएगी?"

रिया के मन में- "ओह नहीं... अब तो हम भी फैंस जाएंगे और में तो उनको मारा भी है तो इसका क्या होगा? नहीं नहीं ऐसे कैसे पता चल जाएगा? हमको किसी देखा थोड़े ही था, पर पता चल गया तो?"

इस न्यूज को सभी गौर से देख रहे थे। पर रिया और मेरे दिमाग में कुछ अलग चल रहा था। पर मैंने पल भर में ही उनके चेहरे के रंग बदलते देखें, जो बहुत अजीब था। और तो और बाकी सभी बहनों के चेहरे पर भी अजीब से भाव थे।

मेरे मन में- "ऐसी जगह पर किसी को इतनी जल्दी कैसे पता चल सकता है? यानी इस सबके पीछे कोई और भी है और इसका तो सीधा शक एम.एल.ए. पर जाता है क्योंकी उसके पिल्ले का भी तो गेम बजा है और वहीं सबको आईर दे रहा था.."

न्यूज- "एक और बेकिंग न्यूज। आज एम.एल.ए. के छोटे बेटे अमित की एक रोड आक्सिडेंट में मौत, आज पर मुंबई में दुख और डर के बदल छाए हुए हैं."

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11-23-2020, 01:45 PM,
#86
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
मैं मन में- "ओह्ह ... अब तो मेरा शक और भी पक्का हो गया और एम.एल.ए. ने मुझे फंसाने के लिए और फिर में एम.एल.ए. की कुर्सी पाने के लिए ये चल चली है। जिसमें अब तक के सभी काले कामों को लोग इस सिचुयेशन से भूल जाएं और अगली बार भी जीत सके। साला बेटे की मौत की भी राजनीति खेल रहा है, ये कुछ अपने ही स्टैंडई का कमीना है। मजा आएगा..."

माम- ओहह.. ये क्या हो रहा है अपने शहर में?

डैड. "हूँ। इतना कुछ हो रहा है और मुझे पता भी नहीं?"

डैड की ये बात मुझे कुछ अजीब लगी, वो क्या कमिशनर हैं या कोई मंत्री हैं जो उन्हें पता होना चाहिये? इसलिए मैं पूछता उससे पहले ही मोम बोल पड़ी।

मोम- "राज तुम्हें पता ना होने से क्या मतलब है तुम्हारा?"
-
मोम का डैड की बात पर गौर करते हए सवाल करने में और सभी को उनकी तरफ देखने से वो हड़बड़ा गये पर जल्द ही संभल गये।

डैड - "अरें कुछ नहीं यार, वो क्या है की इतना बड़ा बिजनेसमैन होने के बाद भी मा अपने ही शहर का कुछ पता नहीं बस यही कह रहा था." और मन में- "साली का सम्माहन क्या खतम हो गया? दिमाग ज्यादा चलने लगा है."

फिर सभी कुछ देर टीवी देखने के बाद अपने रूम में चले जाते हैं। और मैं भी अपने रूम में आकर दरवाजा लाक कर लेता है, और बेड पर आकर पड़ जाता है।

आज नींद कुछ देर से आई क्योंकी चुदाई की प्यास जो लग रही थी। अब में नशा ही कुछ ऐसा था की चत और गाण्ड मारने के अलावा और किसी में मजा ही नहीं आता है। पर देर से ही सही जींद आ गई। फिर वही रोज की तरह सभी का तैयार होकर नीचे डाइनिंग टेबल पर आना पर अभी तक डैड नहीं आए थे।

चलो इसका कारण जानते हैं।

आज राज2 उठकर जब बाहर आया तो उसने सोचा- "एक बार ऊपर चलकर घर की कच्ची कमसिन माल को एक बार देख लिया जाए... और यही सोचकर वो डाली के रूम की और बढ़ गया क्योंकी उसे डाली का जिम ज्यादा पसंद था।
जब राज? रूम के पास पहुँचकर देखता है की दरवाजा तो खुला हुआ ही है, तो राज2 अंदर देखता है। उससे उसकी हालत खराब हो जाती है। क्योंकी डाली शार्टस में उल्टी होकर एक्साइज कर रही थी, जिससे उसकी गाण्ड आधी नंगी थी और उसके मोटी-मोटी जांघे देखकर उसका लण्ड पानी छोड़ देता है जिससे आज उसे देर हो गई थी।

पर इधर डाली से आज गलती से दरवाजा खुला रह गया था, जिसका उसे पता नहीं चला। और न ही ये पता चला की उसका कमीना बाप उसे देखकर पानी छोड़ा है पैट में। वो वैसे ही मस्त होकर एक्ससाइज कर रही होती है, राज? के जाने के बाद भी।

फिर कोई 15 मिनट बाद डैड भी आ जाते हैं और वो सभी को हवस भरी आँखों से देखकर सुबह ही खुली आँखों में सपनों में चाद रहे होते हैं। पर हकीकत कुछ और थी। पर इससे एक बड़ी गलती राज2 से हो जाती है। वो ये की सुबह वाली घटना से जो उत्तेजित हो रहा था, उसके चक्कर में उससे गर्म-गर्म सब्जी उसके लण्ड पर पैंट के ऊपर से गिरड़कर अंदर तक चली जाती है, और लण्ड की मोमबत्ती बना देती है।

डॅड. "उहह... आऽऽ बहुत जल रहा है... अरे कोई पानी दो.."

मोम जल्दी से पानी देती हैं पर तब तक तो सब्जी अपना काम कर चुकी थी। डैड की आँखों में आँसू और चीखें थीं। मोम से पानी लेकर पैंट पर डालती हैं, पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ता, देखकर हैड अपने रूम के बाथरूम में दौड़ते हैं। बा बड़ी मुश्किल गम की और दौड़ रहे थे, वो भी बहुत फनी स्टाइल में। जिससे डैड के जाने के बाद सभी जो इतनी देर से हँसी रोक रहे थे, बो निकल जाती है। सभी बहत हँसते है और फिर निकल जाते हैं।

आज डाली दीदी अपनी इस टाइट ड्रेस में मस्त माल लग रही थी, और उनकी गाण्ड क्या उभर कर नजर आ रही थी। जब वो अपने कालेज के पास पहुँचती है तो वही रोज की तरह आज भी एम.एल.ए. का कमीना दूसरा बेटा सभी को छेड़ते और कमेंटस करते दिखाई देता है, जो उसे सबसे ज्यादा परेशान करता है। पर डाली काई इश्यू ना हो, इसलिए उसे कुछ नहीं कहती थी बस कभी-कभी डॉट देती थी।

इधर एम.एल.ए. साहब ने अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया, अब घर का माहौल ठीक नहीं था तो अजीत अपने कमरे में आकर किसी को फोन करके पूछता है- "मेरे भाई के कातिल का कुछ पता चला?"
-

उधर से बताता है- "नहीं पता चला.."

जिसे सुनकर अजीत को गुस्सा तो बहुत आता है. पर कर भी क्या सकता है? फिर काल कट करके आवारागर्दी करने निकल जाता है।

अगले दिन सुबह एम.एल.ए. और उसके आदमी कुछ प्लान बनाते हैं की आगे अब क्या और कैसे करना है?

एम.एल.ए.- "दो दिन बाद उस लड़की को उठा लो फिर से। इस बार वो नहीं बचेगी और उसी से पता चलेगा की किसने मारा मेरे बेटे को."लय सब बातें कर रहे होते हैं की अजीत आ जाता है।

अजीत- डैड में चलता हैं अपने दोस्तों के साथ कुछ काम है।

एम.एल.ए. काला- "अबे लौडिया की चूत के अलावा भी कुछ दिखता है तुझे? घर मातम छाया है, अभी तक तेरे छोटे भाई के कातिल का कुछ पता नहीं और तू चला लौड़ियों के चक्कर में?"

अजीत- "वो... वा... वो डैड..."

एम.एल.ए.- सब जानता हैं। चल निकल अब। पर ध्यान भी रखना कहीं वो तेरे पीछे हो।

अजीत- ओंके डैड।

अजीत अपने चमचे दोस्तों के साथ लड़कियां छेड़ और गंदे कमेंटस कर रहा होता है। पर काई भी उसे उल्टा जवाब नहीं दे रहा था, क्योंकी सब एम.एल.ए. काला को अच्छे से जानते थे की वो कितना बड़ा कमीना है? जब उसे डाली आती दिखाई देती है, अब उसे भी पता चल गया था की वो लड़की उसी की छोटी बहन है, और अजीत ने भी सोच लिया था की इसकी बहन की वजह से ही मेरे भाई की मौत हुई है, तो वो अब बदला लेने पर आ गया था।

अजीत- अरे आज तो देखो, साली क्या टंच माल बनकर आई है बहन चौदों, इसके जिश्म को नंगी करके रगड़ के मसलने में नया मजा आएगा सालों.. ये सोचकर ही लण्ड खड़ा हो गया और इसकी गाण्ड में तो परी बियर की बोतल घुस जाए यार। साली रंडी ने पता नहीं कितने लण्ड लिए है इसने गाण्ड में..."

डाली ये सब सुनकर भी कुछ नहीं कहती क्योंकी ये रोज की बात थी। अजीत सभी के लिए ऐसे ही गंदे कमेंट पास करता है। इसलिए वो पूरा अनदेखा करतं हए आगे बढ़ती रहती है। पर आज उसने हद ही पार कर दी थी, तो डाली को गुस्सा आ जाता है। डाली रूक कर अजीत की तरफ गुस्से से उसकी तरफ बढ़ जाती है और अजीत के पास पहुँचकर उसके मुँह पर।
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11-23-2020, 01:45 PM,
#87
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
कड़ी_26

जब सब घर से निकले, उससे पहले ही उनकी पारिवारिक डाक्टर यानी रजत को काल कर दिया गया था और वो कुछ देर में आ भी गया, जिसे हाल में रति बैठी हुई दिखी।

रजत मन में- "आ साली क्या माल है... सच में इस तो नंगी करके दिन-रात इसकी चूत और गाण्ड चोदना चाहिये। साली को जब भी देखता है नंगी ही नजर आती हैं मुझे, तबी तो राज2 इसे इतना चोदता होगा, पैट के ऊपर से ही लण्ड मसलते हुए आ इसकी चूत स्स्सीईई आ::..."

रजत- हाय, क्या हुआ रति राज को? \

रति- "अरे आ गये तुम, हाय वा राज? के ऊपर कुछ गर्म चीज गिर गई, जिससे जल गये हैं। तुम देखो जरा.."

गजत मन में- "तू दिखा तो सही मैं भी पूरा देखेंगा.." और गति की बात सुनकर मज साचते हुए वो राज? के रूम
की तरफ बढ़ जाता है, उसे देखने के लिए।

जब रजत रूम में जाता है तो देखता है कि बाथरूम से दर्द से चिल्लाने की आवाज आ रही थी। अब इतनी गर्म गर्म वो भी सब्जी जब किसी के इतने साफ्ट जगह यानी मुख्य आंग यानी लण्ड पर गिरेंगी तो ऐसे चिल्लाना तो लाजमी है।

रजत- राज2 में आया है, अबे बाहर तो आ देखता हूँ क्या हुआ है तुझे?

राज2- "अबै आया है तो क्या मेरा चूसेगा क्या? यहां जलन के मारे जान निकल रही है और त बकवास कर रहा है, ओहह... आह्ह... उईई... आता हूँ रूक..."

जब राज2 बाथरूम से बाहर आता है तो वो एकदम नंगा होता है और उसका लण्ड बिल्कुल छोटा सा और जलने की वजह से गंदा लग रहा था, और बड़ी अजीब और मस्त फनी स्टाइल में चलकर आता है। जिसे देखकर रजत पहले उसे नंगा बाहर आते देखकर चकित पर बाद में हँसी आ जाती है।

रजत- "अरे ये तो ऐसे ही... हाहाहाहा.."

राज? दर्द और उसके हँसने से झंझलाते हए- "अबे भोसड़ी के हँस मत, कानात तो जानता है की मैं तेरी गाण्ड मार सकता हूँ.."

राज? की बात सुनकर रजत चुप हो जाता है क्योंकी उसे पता था की राज? उससे ताकतवर है।

गज2- ओह्ह... आ: अबे तरी मोम की चूत... साले दंख क्या रहा है इलाज कर कुछ, बहुत जलन हो रही है।

रजत कुछ हड़बड़ाते हुए- "हाँ हाँ अभी करता हैं... अबे में तो बहुत जल गया। अब एक हफ्ते तक इसको (लण्ड) हाथ भी मत लगाना। समझा वरना मत भी नहीं पाएगा अच्छे से?".

राज2- "ठीक है यार... साली इन मोम और डाटर की चूत के चक्कर में लण्ड का ये हाल हो गया। अब तू देखना इनकी चूत ऐसी मारेंगगा की साली रहम की भीख मांगेगी मेरे से ओह्ह... मेरा पप्प.."

जब राज2 में बोल रहा था तभी रजत को कुछ याद आता है तो वो बोलता है- "अबे तेरे पास तो शक्तियां हैं ना.. फिर तुमने खुद को ठीक क्यों नहीं किया?"

राज2- "अरे यार, ये तने सही याद दिलाया। साला इनकी चत लेने के चक्कर में मेरा दिमाग भी इनकी चता में ही घुसा पड़ा है, पर यार मेरी शक्तियां इतनी नहीं हैं। इसलिए 6 घंटे तो इसे भी ठीक होने में लगेंगे। साले ऐसे टाइम में भी तेरा दिमाग मस्त चलता है, इसीलिए ता तू मेरा पार्टनर भी है, हर चीज में.."

लास्ट वाली बात पर दोनों हरामी हँसी हँसते हैं हाहाहाहा... क्योंकी ये इस घर की चूता की बात कर रहे थे। फिर गाज? कुछ मंत्र पढ़ता है जिससे उसे उसके छोटा पम्प के सही होने की शुरुआत पता होने लगती है। ऐसे ही कुछ देर बातें करने के बाद रजत चला जाता है। पर इन बातों में अभी हो रही मौतों के बारे में भी बात कर रहे थे।

***#######इधर डाली की तरफ डाली रुक कर अजीत की तरफ गुस्से से देखकर उसकी तरफ बढ़ जाती है और अजीत के पास पहुँचकर उसके मुँह पर एक थप्पड़ मारती है, पर उसे अजीत बीच में ही पकड़ लेता है। अभी कई कुछ और करता या कुछ समझ पाता उससे पहले ही अजीत के मुँह पर एक मस्त घूबसा पड़ता है, जिससे वो डाली का हाथ छोड़ते हुए साथ में दर्द से तेज चिल्लाते हुए कुछ दूर जाकर गिरता है, और ऐसे उदलकर गिरने की वजह से उसकी एक
और दर्द भरी चीख निकलती है।

अजीत- "हाय आइs..." और गिरने के बाद- "ओह मोम फक आह्ह... आहह.."

तो हुआ कुछ ऐसे था की आज बी.डी. भी डाली की मोटी गाण्ड देखते हए उसके पी-पीछे आ रहा था की उसे ये सब सीन दिखता है तो वो सोचता है- "ये मस्त मोका है अभी सबके सामने और साथ ही डाली के भी। सब इंप्रेस हो जाएंगी। में नहीं तो कोई और ही सही चत तो मिल हो सकती है। साला जिसे देखो वो मेरे माल पर ही डाका डालता है, जैसे दुनिया में कोई और चूत ही ना हो... इन बहनचोदों की तो मेरे लण्ड के शिकार पर ही नजर है सबकी। अब मारता हैं इनकी गाण्ड.."

में सब सोचकर वो तेजी से भागते हुए एक घंसा मारता है, जिससे अजीत का जबड़ा हिल गया और गुस्से के शक्ति की वजह से उछलकर गिरा, जिससे गिरते ही फिर उसकी गाण्ड मारी। ये कोई लोग थे अजीत को मिलाकर, जो अजीत की हालत देखकर और मारने वाले को देखकर, यानी मुझे देखकर एक बार तो सकते में आ जाते हैं, पर जल्द ही तैयार हो जाते हैं मुझे मारने के लिए।

जब डाली का अजीत में हाथ पकड़ लिया तो वो उसे छुड़ाने की कोशिश करती, उस पहले ही अजीत उसका हाथ
छोड़ते हए दर्द से दूर जाकर गिरता है, जिससे वो चकित हो जाती है। पर जब वो मारने वाले को देखती है तो डबल आश्चर्य लगता है। पर उसे बी. डी. की शक्ति और तेजी देख कर चकित तो होना ही था।

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11-23-2020, 01:45 PM,
#88
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
मैं अजीत को मारने के बाद बाकी को भी मारने के लिए तैयार था, और वो सब भी मुझे मारने के लिए। तो लड़का। मेरी तरफ दौड़ते हुए आता है और हवा में ही किक मारता है, पर में तेजी से उसके पास आकर उसकी नूनी को पकड़ एक झटका देता हैं, जिससे वा उखड़कर तो नहीं आई, पर कन्फर्म था की सब प्रायाम खराब हो चुके थे। साथ ही हवा में तेज चीख के साथ बेहोश होते हए जमीन पर गिरता है।

लड़का भी साथ ही आ रहा था, तो उसको एक लत मारता है पेट में, जिससे वो दर्द से पेट पकड़कर बैठ जाता हैं और तब तक एक चूंसा और उसके मुंह पर पड़ चुका होता है और वो जमीन चाट रहा होता है। मेरे ऐसे मारने से उन तीनों की बुरी फट चुकी थी और अजीत भी अपना दर्द सहते हुए खड़ा हो चुका था जो उन तीनों के साथ फटी गाण्ड लिए खड़ा था।

अजीत- "सालों अपने हथियार निकालो, नहीं तो ये हमारी गाण्ड मार देगा। बचा समुझे थे वो दोनों, देख लो क्या मारी है उनकी, अब तो इसे में जिंदा नहीं छोड़गा..."

अजीत की बात सुनकर जहां में कमीनी हँसी हँस रहा था, वहीं वा चारों भी हड़बड़ाकर अपने सब औजार के साथ तैयार हो चुके थे, और वही डाली तीसरे सदमें में थी जो अजीत की आवाज से बाहर आई थी। डाली को तो कुछ समझ में ही नहीं आया था। पर अब समझ चुकी थी की मैं भी कुछ कम नहीं हैं। पर उन सभी के हाथ में हथियार देखकर वो डर गई थी। पर वो कुछ बोलती उससे पहले ही मैं अपने परे कमीनेपन में आ गया था।

बी.डी.- "अबे भोसड़ी के, अब देखो मैं तुम्हारी मोम और बहन को इस खुली सड़क पर नंगी कर के कैसे उनकी चत फाइता हैं। सालों ननी से पैदा हुई औलादों, तम सब मुझे मारना चाहते हो। अबें मैं तो लण्ड में मेरे बाप के बाप का भी बाप हैं। अगर मैंने तुम्हारी मोम की फटी चूत में भी अपना लण्ड डाला ना तो चूत से खून निकलने लगेगा, हरामियों..."

जहां बी.डी. की धमकी से उनकी और फट रही थी, वहीं पहली बार मेरे मुँह से ऐसी गंदी गाली और बातें सुनकर हाली के दिमाग का फ्यूज उड़ चुका था, और बाप के बाप से बड़ा लण्ड होने की बात और उसके आश्चर्य और उत्तेजना का क्या कहना? आज तो उसकी चूत पानी ऐसें वहाँ दी जैसे किसी ने अभी मारी हो तेल लगाकर।

अजीत मेरी बात सुनकर इर के साथ गुस्सा भी हो जाता है, और कहता है- "मागे कमीने को आज तो इसको जिंदा नहीं छोगा किसी भी हालत में..."

अजीत की बात से अजीत और वो तीनों एक साथ अपने औजार के साथ मुझे मारने के लिए दौड़े आते हैं, और मैं तो पहले से ही कब का तैयार था। सभी ने एक साथ और पूरा जोर लगाकर मुझे पर हमला किया और मैं भी पर तेजी के साथ हटा, पर फिर भी अजीत की हाकी और लड़का5 की हाकी मुझे लगी जो एक मेरे कंधे पर और दूसरी मरे पेंट में लगी। जिससे मुझे भी दर्द हुआ और मेरी दर्द भरी चीख निकली और लड़का और लड़का4 के हाकी वाले वार से मैं बच गया और जिससे लड़का की हाकी जमीन पर लगने से ट्ट गई। पर लड़का4 जो पैर पर वार किया था उससे तो मैं बच हो गया था।

मैं हाकी लगने से दर्द से आगे झुक गया था। इतने में पहले लड़का और लड़का4 तेजी से आकर लड़का4 में मेरी जांघ पर एक हाकी की दे मारी, जिससे एक बार मेरी चीख निकल गई और लड़का की तो हाकी टूट गई थी। उसने मेरे मुँह पर एक लात मारी जिससे मैं दो कदम दूर जाकर गिरा। पर मुँह पर किक से मेरे होंठों से खून निकलने लगा। लड़का के लात मारने में मैं दो कदम दर गिरा, पर दर्द की वजह से गिरने के बाद भी में और पीछे हो गया था बढ़ते हुए दर्द से।

अजीत- "साले कमीने मुझे मारता है, अब क्या हुआ निकल गई सब हवा? और क्या बोल रहा था ही नूनी की
औलाद है? साला देखो कैसे पड़ा है?"

पर एक बात हो गई इस पलटा-पलटी में वो ये की जो खून मरे होठों से निकल रहा था, वो अब मेरे मुँह में चला गया था और मेरे मुँह में जाते ही इतनी तेजी से मेरे अंदर पूरी बाड़ी में मिलना शुरू हो गया और उससे मेरे अंदर बहुत कुछ हो रहा था, जिससे बाडी कुछ वाइब्रेट हो रही थी जैसे बाडी की ताकत बढ़ रही हो। साथ ही एक खून की तेज इच्छा होनी शुरू हो गई।

मेरे शरीर के बाहर भी कुछ बदलाव आने लगे। मेरी बाही पर जो टैटू थे वा भी खन जैसे लाल होने लग गये, आँखों में भी बदलाव आने लगा और साथ ही कुछ टैंट और बनने लगे। मेरा चेहरा भी कुछ काला होने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे कोई शक्ति आ रही हो मेरे जिम में और अब मुझे सिर्फ मारना ही दिख रहा था। बड़ा अजीब था ये सब, पर पता नहीं क्यों ये नशा मुझे मस्त किए जा रहा था।

वो सब मुझ पर हँस रहे थे की अचानक उनकी हँसी पर विराम लग गया और डर के भाव आ गये उनके चेहरे पर। में सब कुछ 30 सेकेंड में हुआ था।

मेरे अंदर होने वाली में शक्ति अब मुझसे इन लोगों का खुज माँग रही थी और में जमीन पर पड़ा हुआ एक झटके में खड़ा हो गया और मेरे को इस रूप में देखकर उनकी फिर से फटने लगी। मैं खड़ा होकर उनकी तरफ देखकर एक शैतानी स्माइल देता हैं, और फिर उनकी तरफ बढ़ता है, और वो मुझे अपनी तरफ आता देखकर एक पल तो बुरी तरह डर जाते हैं। पर जल्द ही खुद पर कंट्रोल करके अपने हथियारों को और टाइट पकड़कर मेरी तरफ आने लगते हैं।

लड़काउ दौड़ते हुए आकर मुझे घुसा मारता है चेहरे पर, पर मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। ये देखकर वो आश्चर्य करता है। पर फिर दूसरे हाथ से मारता है पर फिर कोई असर ना होता देखकर, जो अब तक अपनी गाण्ड पकड़कर मुझे मारने आया था वो अब फटने लगी थी। अभी वो मारता उसे पहले ही मैं एक घंसा उसके पेट में मारता है, जिसमें वो 7 फिट ऊपर हवा में उड़ते हए 10 फिट दूर जाकर गिरता है और उसका मुँह के बल और बो खून की उल्टी करता है और बिना आवाज के तड़पने लगता है।

ये देख उन तीनों की घिघड़ बन जाती है फिर हाथों में हाकी लेकर आ जाते हैं। लड़का और लड़का एक साथ मुझमें अटैक करते हैं। दोनों की हाकी मेरी बाडी पर पड़ते ही टूट जाती है। पर मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है, मैं आश्चर्य में ही दोनों की गर्दन पर दोनों हाथों से एक-एक घंसा मारता हैं जिससे एक छोटी सी आवाज के साथ वो भी लाश में तब्दील हो जाते हैं।

अजीत ये सब देखकर हाकी फेंक कर सड़क के एक तरफ जंगल के अंदर भागने लगता है चिल्लाते हए- "बकाई मुझे बचाओ... अरे कोई तो बचाओ मुझे इस हैवान से....

अजीत अभी 100 मीटर ही दौड़ते हुए गया था की उसे मैं उसके सामने खड़ा मिलता है। वो अभी कुछ करता या बोलता, उसे पहले ही तेजी के साथ उसपे एक झटका लगाकर उसकी गर्दन तोड़ देता हूँ। पर वो लहराते हुए वहीं गिर जाता है। इन सबको मारने के बाद मैं एक खौफनाक और कमीनेपान के साथ अपनी जीत की खुशी में गला फाड़कर हँसने लगता हूँ- "होहीहीही... होहोहोही.. हहाहीहीही..."
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11-23-2020, 01:45 PM,
#89
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
कड़ी_27

इधर चंदा जो अभी स्कूल में अपनी क्लास में बैठी हुई थी, और ये क्लास विजय की थी जो उसकी मौत के साथ एक गुन्हें होने का दावा कर के की थी, इसी वजह से चंदा की चूत में गर्मी बढ़ रही थी। में तो होना ही था क्योंकी बिजय ने एक जवान लड़की की कामशक्ति को भड़काया था, पर उसे शांत नहीं कर सका और खुद ही शांत हो गया।

चंदा को विजय के द्वारा उसके जिश्म पर उसके मदाने हाथ की चुबन और तपिश अभी भी महसूस कर रही थी। क्योंकी विजय ने उसके जिश्म की आग को इस कदर भड़का दिया था की अब तो वो बिना लण्ड के ठंडी नहीं होने वाली थी। क्योंकी अभी उसकी जवानी फूट कर निकल रही थी, और उसके साथ रोज ऐसे उसके जिम की आग को धीरे-धीरे भड़कना जिससे आज बो एक आग का गोला बन गई थी।

चंदा अब तो चुदने के लिए इतनी बेचैन हानी लगी थी की यदि कोई भी उसके जिश्म से कुछ देर भी खेल ले तो में उससे बिना चुर्दै नहीं छोड़ेगी, अब चूत गर्म भट्ठी बनकर हमेशा सुलगती रहती थी। और एक खास बात, इतना अपनी जवानी की आग में जलने के बाद भी घर में अबी के दीनों-दिन बढ़तं रबैय्ये और बाड़ी में बदलाव, यानी की हर चीज को चंदा गौर रही थी, और घर की सभी औरतों को ऐसे हवस भरी नजरों से ताड़ना और उनके साथ जो ये हरकतें कर रहा था और उसका बाप और वो खुद उसकी मोम के जिशम से खेल रहे थे, इन सबका उसे सब पता था। इसलिए वो इतनी उत्तेजित और चुदासी हो गई थी।

और तो और बी. डी. के रति को उस दिन रात में चोदने के कारण रति का लेट उठना और रति का उस नंगी हालत में मिलना, और डाक्टर से भी वैसे ही ट्रीटमेंट करवाना और उसके बाद रति और उसकी बेटियों का बदलना सब एक-एक चीज उसने गौर की थी। क्योंकी जब उसे शक हुआ तो उसकी चूत की आग ने उसे जासस बनने पर मजबूर कर दिया था।
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चंदा में तो बी.डी. की चुदाई नहीं देखी, और ना ही उसका लण्ड। पर उसे इतना पता चल ही गया था बी.डी. के पैंट के ऊपर के उभार से की ये एक मस्त तगड़ा लण्ड है जो उसे चोद-चोदकर उसकी सारी गर्मी निकाल सकता है और मस्ती भर सकता है।

अब तो चंदा की चूत की गर्मी उसे चैन से सोने भी नहीं देती थी। वो तो क्लास में भी स्कर्ट को उठाकर अपनी चूत मसलती रहती थी। ये उसका अब डॅली का काम था की दिन में 3 बार तो वो अपनी चूत का पानी निकालती ही थी, पर फिर भी उसकी कामवासना कम नहीं होती थी। और अब तो एक मोटे और लंबे लण्ड से चुदकर ही में पूरी हो सकती थी, जो सिर्फ बी. डी. के पास है। ऐसे ही चंदा के दिन निकल रहे थे, और उसके चुदने की कामना और जासूसी का कीड़ा भी जिससे उसे लण्ड आसानी से मिल सके।

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11-23-2020, 01:45 PM,
#90
RE: Incest परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति
बी.डी. की तरफ मैं सबको खतम करने के बाद अपने आपको नामल करता हूँ। पर मुझे इस इन्सिडेंट से एक बात समझ में आ गई भी की जैसे मुझे खन देखने और वहाँने में मजा आता है, जैसे मेरा लण्ड चूत के खून से अपनी प्यास बुझाता है, और आज मेरे खुद के खून को पी जाने में में जो ताकत बढ़ी है, इन सब में एक बात कामन है और वो है खून

पर अभी इन सब बातों को सोचने का समय नहीं है मेरे पास। पहले डाली दीदी को लण्ड देना होगा। अरे यार, पानी कुछ झूठ बोलकर समझाना होगा। में फटाफट उनकी पास जाता हैं जो कुछ डी और टेन्शन में लग रही थी तो में उनका हिलाता है जिससे वो बाहर आती है।

डाली- "भाई बो.. तू ये सब कैसे और क्या हो रहा है, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है?'

मैं- "अरे कुछ नहीं, चिंता मत करो सब ठीक है। और उसे मैंने मारकर समझा दिया है अब कोई परेशानी नहीं..."

डाली. पर तू वो सब कैसे?

मैं- सब बाद में बता दूंगा ओके। जाओ मुझे भी जाना है।

फिर डाली दीदी अपने कालेज और में स्कूल निकल जाता हैं। जहां पर मिस मीनाक्षी की क्लास थी और आज तो साली एक नम्बर की माल लग रही थी। फिर मैं क्लास में चला जाता है और वो पढ़ा रही होती है। अब इस साली को देखकर मेरी गर्मी बढ़ने लगती और मस्ती चढ़ने लगती है, तो मैं पैंट में में अपना लण्ड बाहर निकाल लेता हैं।

मैं अब सबसे पीछे वो भी अकेला था। क्योंकी आज रवि आया नहीं, और वो साली रेण भोसड़ी ओह्ह... भोसले अभी थोड़ी भासड़ी होगी उसकी? जब मैं उसकी कवारी चूत को अपने मोटे लण्ड से फाड़ दूंगा तभी बनेगी भोसड़ा, और वो भी अपनी दोस्तों के साथ आगे बैठी थी। अब मैं लण्ड निकालकर उस साली की मोटी गाण्ड देखकर भरी क्लास में ही मठ मारने लगता है और तो पीछे होकर पढ़ रही थी। ऐसे ही लास्ट के 5 मिनट ही बचे थे उसकी क्लास के। फिर अगली क्लास थी। पर बेंच के नीचे से उसे मेरा मोटा और लंबा नंगा लण्ड दिख ही जाता है, जो मेरे हाथ में छिपा हुआ था।

मिस की तो मेरे लण्ड को देखते ही आँखें फटी रह जाती है और सांसें तेज चलनी शुरू हो जाती हैं। कुछ देर से देखने और इतने दिन से न चदने के कारण उनकी बाही गर्म होने लगती है और चूत लण्ड लेने के लिए मचलने लगती है। उन्हें तो अपनी कोई खबर ही नहीं थी की उनकी चूत अब रस की बूंद निकालने लगी है और उनका एक हाथ चूत को साड़ी के ऊपर से मसल ही रहा था की अगले पीरियड के लिए बैल बज जाती है। अब एक तो सुबह से डाली की मस्त गाण्ड घर रहा था और फिर में भी अपनी मोटी गाण्ड को मटका-मटका के पढ़ा रही थी तो लण्ड तो खड़ा होना ही था, और फिर इतनी देर से हिला भी तो रहा है।

जब बैल की आवाज से उनकी तंद्रा टूटती है तो वो फटाफट सिचर्यशन और जगह देखकर कंट्रोल करती हुई औरतें टायलेंट की तरफ तेजी से जाती या दौड़ती हैं। मैं जो उन्हें देख-देख अपने लण्ड मसल रहा था। बेल की आवाज और उनकी हड़बड़ाहट देखकर फट से अपने लण्ड को अंदर डालता है और ये भी समझ जाता है की वो कहां जाएगी।
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