Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
09-25-2019, 03:48 PM,
RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
अरे बेटी तुम इतना घबरा क्यों रही हो थोडा रिलैक्स हो जाओ और इसे अपने हाथ से सहलाओ तुम्हें भी अच्छा लगेंगा" अनिल ने कंचन को समझाते हुए कहा । अनिल अब भी अपने हाथ से कंचन के हाथ को पकडे हुए उसे अपने खड़े लंड पर रखे हुए धीरे धीरे सहला रहा था। कंचन खुद भी तो यही चाहती थी मगर वह सिर्फ नखरे दिखा रही थी । अपने दादा के समझाने पर वह थोडा रिलैक्स हो गई और अपने हाथ को अपने दादा के गरम तगडे लंड पर आगे पीछे करने लगी।

"आआह्ह्ह्ह ऐसे ही बेटी यह हुई न बात" अनिल अपनी पोती के नरम हाथ को अपने लंड पर आगे पीछे महसूस करके ज़ोर से सिसकते हुए कहा । कंचन की साँसें अपने दादा के लंड को सहलाते हुए बुहत ज़ोर से चल रही थी और उसका पूरा शरीर फिर से उत्तेजना के मारे बुहत गरम हो गया था।
"आआह्ह्ह्ह बेटी अब ज़रा इसे अपने मुँह में डालकर देखो यह तुम्हें आइसक्रीम से ज्यादा मजा देगा" अनिल ने कंचन के लम्बे काले बालों में हाथ ड़ालते हुए कहा।
"नही दादा जी छी मैं इसे अपने मुँह में नहीं ले सकती यह बुहत गन्दा है" कंचन ने नखरा दिखाते हुए कहा। वैसे तो अपने दादा के गुलाबी लंड को देखकर उसका मन भी उसे अपने मुँह में लेने का हो रहा था।

"अरे बेटी तुम एक बार इसे अपने मूह में लेकर तो देखो अगर तुम्हें अच्छा न लगे तो निकाल लेना" अनिल ने कंचन के बालों को सहलाते हुए कहा।
"पर दादा जी" कंचन ने अपने दादा के लंड को सहलाते हुए कहा।
"ज़्यादा मत सोचो बेटी और एक बार इसका स्वाद चख ही लो" अनिल ने कंचन बालों से पकड़कर अपने लंड पर झुकाते हुए कहा । कंचन का मुँह अब उसके दादा के लंड के बिलकुल क़रीब था । वह अपने दादा के लंड का गुलाबी सुपाडा इतना नज़दीक से देखकर उत्तेजित होते हुए उसे अपने होंठो से चूम लिया।
"आआह्ह्ह्ह बेटी इसे जीभ से चाटो" अनिल ने कंचन के नरम गुलाबी लबों को अपने लंड के सुपाडे पर लगते ही ज़ोर से सिसकते हुए कहा।

कंचन ने अपने दादा के लंड को नीचे से अपनी मुठी में पकड़ा हुआ था और उसका मोटा गुलाबी सुपाडा बिलकुल उसके मुँह के क़रीब था । कंचन ने एक अखिरी बार अपने दादा के लंड के सुपाडे को देखा और अपनी जीभ निकालकर उसके गुलाबी सुपाडे पर फिराने लगी।
"ओहहहहहह बेटी ऐसे हीइइइइ" अनिल अपने लंड के सुपाडे पर अपनी पोती की जीभ लगते ही मज़े से उछल पड़ा और बुहत ज़ोर से सिसकते हुए कहने लगा । कंचन को भी अपने दादा के लंड के गुलाबी छेद पर अपनी जीभ को फिराते हुए बुहत मजा आ रहा था इसीलिए वह बड़े मज़े के साथ अपनी जीभ को अपने दादा के लंड के गुलाबी सुपाडे पर गोल गोल घुमा रही थी।
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RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली) - by sexstories - 09-25-2019, 03:48 PM

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