09-24-2019, 01:50 PM,
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RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
नरेश की बात सुनकर विजय का लंड उसके अंडरवियर में तनने लगा था।
"यार तुम्हारा तो बुहत तगडा लगता है, इसे यों ही क्यों घिस रहे हो" नरेश ने विजय के अंडरवियर के उभार को देखते हुए कहा ।
"क्या करुं यार मेरा नसीब तुम्हारे जैसे नहीं है" विजय ने नरेश की बात सुनते हुए कहा।
"यार एक बात कहूं बुरा मत मानना" नरेश ने विजय से कहा।
"हा पूछो यार" विजय ने जल्दी से कहा।
"यार मुझे कंचन दीदी बुहत ख़ूबसूरत लग रही थी, साली को देखकर लौडा एकदम खडा हो जाता है" नरेश ने सीधे सीधे कह दिया ।
नरेश की बात सुनकर विजय का लंड तनकर ज़ोर से झटके खाने लगा ।
"यार वह तो सही है मगर शीला दीदी भी बुहत मस्त है, उसे देखते ही अपनी बाहों में लेने का दिल करता है" नरेश की बात सुनकर गुस्सा होने की बजाये विजय ने मजा लेते हुए कहा ।
नरेश का लंड भी अपनी बहन के बारे में सुनकर झटके खाने लगा । नरेश ने उत्तेजना में अपने अंडरवियर को भी अपने जिस्म से हटा दिया, विजय ने भी नरेश को देखकर अपना अंडरवियर उतार दिया ।
नरेश और विजय बिलकुल नंगे सोये हुए अपने लन्डों को सहला रहे थे । दोनों के लंड एक दुसरे से कम नहीं थे।
"यार तूने कभी शीला को नंगा देखा है?" विजय ने अपने लंड को हिलाते हुए नरेश से पुछा ।
"पूरा नंगा तो नहीं देखा। मगर एक बार झाडू देते हुए उसकी चुचियों को पूरा नंगा देखा था" विजय की बात सुनकर नरेश ने भी अपने लंड को हिलाते हुए कहा।
"क्यों साली ब्रा नहीं पहनती क्या?" विजय ने फिर से कहा।
"यार उस दिन नहीं पहनी थी" नरेश ने विजय से कहा।
"नरेश साली ने जानबूझकर तुझे अपनी चुचियां दिखाई होंगी और तुम उसका इशारा समझ नहीं पाये" विजय ने नरेश से कहा।
"तुम सुनाओ लगता है इस में तुम्हारा तजूरबा ज़्यादा है" नरेश ने विजय से पुछा ।
"यार क्या बताउं मैंने तो कंचन को पूरा नंगा देखा है, साली बुहत गरम माल है" विजय ने बड़ी बेशरमी से अपनी बहन के बारे में बात करते हुए कहा।
"कैसे देखो यार बताओ न फिर, मैं किसी को नहीं बताऊँगा" विजय की बात सुनकर नरेश ने उत्तेजित होते हुए विजय से कहा ।
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RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
कंचन और शीला एक दुसरे से बुहत खुल चुकी थी । बुहत ज्यादा गर्मी होने के सबब दोनों सिर्फ एक नाइटी पहनकर सोयी थी, नींद दोनों के आँखों से दूर थी,
"शीला एक बात पूछूँ" कंचन ने शीला की तरफ करवट लेते हुए कहा।
"हा पूछो" शीला ने जवाब दिया।
"यार तुमने कॉलेज में कोई बॉयफ्रेंड वग़ैरह बनाया है की नही" कंचन ने शीला की तरफ देखते हुए कहा।
"यार मुझे कौन उल्लु का पठा गर्लफ्रेंड बनाएग, तुम अपनी बात करो कॉलेज के सारे लड़के तुम्हारे पीछे लटू बनकर घुमते होंगे" शीला ने कंचन की बात सुनने के बाद कहा।
"यार मेरे पीछे तो बुहत पड़े थे मगर मैंने डर के मारे किसी को लिफ्ट नहीं दी, वैसे तुम्हारी फिगर भी कम नहीं । तुम्हें पाने का तो हर लड़का ख्वाब देखता होगा" कंचन ने शीला की तारीफ करते हुए कहा ।
"कंचन झूटी तारीफ मत करो ऐसा क्या दिख गया मुझ में तुम्हें" शीला ने कंचन की बात सुनकर शरमाते हुए कहा।
"सच कह रही हूँ यार तुम्हारा फिगर बुहत मस्त है,मैं अगर लड़का होता तो तुझे ज़रूर गर्लफ्रेंड बनाता" कंचन ने हँसते हुए कहा।
"शीला कभी तुम्हारा जिस्म किसी और ने नंगा देखा है" कंचन ने थोडी देर चुप रहने के बाद कहा।
"कंचन तुम क्या बोल रही हो" शीला ने शरमाते हुए कहा।
"मैं किसी गैर की बात नहीं कर रही तुम्हारी माँ, बहन या भाई ने" कंचन ने बात को बढाते हुए कहा ।
"कंचन भगवान के लिए चुप करो मुझे बुहत शर्म आ रही है" शीला ने शरमाते हुए कहा।
"शीला इस वक्त तुम्हारे साथ सिर्फ में हूँ शर्मा क्यों रही हो, सच सच बताओ" कंचन ने शीला को समझाते हुए कहा।
"दीदी एक बार मुझे अपना भाई ने नंगा देखा था" शीला ने शर्म से अपना कन्धा नीचे करते हुए कहा।
"वाह मेरी छमकछल्लो नंगी हुई तो भी अपने भाई के सामने घर की बात घर में, बता न कैसे हुआ यह सब" कंचन ने खुश होते हुए शीला के गालों की चिकोटी काटते हुए कहा।
"दीदी एक बार मैं कॉलेज से जल्दी घर आ गयी थी।मैं जब नहाने बाथरूम में गयी तो पानी नहीं आ रहा था, उस वक़त भैया घर में नहीं थे तो मैं उनके बाथरूम में घुस गयी । मैंने जल्दी में दरवाज़ा बंद करना भूल गई, मैं जैसे ही शावर ऑन करके नहा रही थी की भैया कहीं से आ गये और बाथरूम का दरवाज़ा खोल दिया । मैं बाथरूम का दरवाज़ा खुलने से डर के मारे सीधी हो गई और भैया ने मुझे पूरा नंगा देख लिया" ।
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RE: Incest Kahani परिवार(दि फैमिली)
फिर क्या हुआ शीला?" कंचन ने उत्तेजना से पूछा।
"भइया मुझे देखते ही वहां से चले गये, मैं जब नहा कर बाहर निकली तो वह घर में नहीं थे" शीला ने आगे बताते हुए कहा।
"उसके बाद फिर कभी कोई ऐसा कुछ हुया" कंचन ने शीला से कहा।
"दीदी सच बताओं तो मैं बाहर के लड़कों से डरती थी की उनके साथ कुछ गलत करने पर बदनामी होगी, मगर मुझे जिस्म की आग तडपाती रहती थी तो मैं कई बार भैया को अपने जिस्म के जलवे दिखाये मगर उनपर कोई असर नहीं हुया" शीला ने मायूस होते हुए कहा।
"तुमने कभी अपने भैया का लंड देखा है" कंचन ने यह बात कहते हुए अपना कन्धा शर्म से झुका दिया,
"दीदी एक बार देखा था जब मैं उसे लिफ्ट दे रही थी, मुझे पता था की वह कॉलेज से लोटते ही नहाने चला जाता है और वह बाहर सिर्फ तोलीया लपेट कर निकलता था तो मैं जैसे ही भइया कॉलेज से आकर बाथरूम में घुसे मैं भी उनके कमरे में जाकर बैठ गई ।भैया जैसे ही तौलीया लपेट कर बाहर निकले मैं जान बूझकर खडी हो गयी। भैया मुझे अचानक देखकर डर गए और तौलीया उनके हाथ से गिर गया । दीदी सच बताऊँ तो उनका टोलिया गिरते ही मेरा पूरा जिस्म काम्पने लगा। उनका लंड बुहत मोटा और लम्बा बिलकुल सीधा खडा था जिसे मैं देखकर वहां से भाग गई ।
"शीला तुम्हारी बातें सुनकर तो मेरी चूत से पानी टपक रहा है" कंचन ने शीला की बात सुनने के बाद कहा।
"कंचन मेरी हालत भी खराब है, तुम भी तो कुछ बताओ ना" शीला ने कंचन से कहा।
"शीला मेरी बात सुनकर तो तुम्हारी चूत पानी छोड देगी, एक काम करते हैं । नाइटी को उतार दो वेसे भी हम दोनों ही यहाँ हैं" कंचन ने शीला को सलाह देते हुए कहा । शीला ने कंचन की बात मान ली और दोनों ने अपनी अपनी नाइटी उतार दी ।
अब दोनों लड़क़ियां सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी । दोनों के गोरे जिस्म बल्ब की रौशनी में चमक रहे थे और दोनों की पेंटी बाटें करते हुए भीग चुकी थी, कंचन ने नीलम की बातों से लेकर अपने भैया के साथ होने वाला सारा किस्सा शीला को बता दिया ।
"कंचन तुम्हारी बातें सुनकर तो मेरी बुरी हालत है, मेरा कुछ करो वरना मैं मर जाऊँगी। कंचन की बातें सुनने के बाद शीला ने उत्तेजना के मारे कहा।
"शीला एक काम करते हैं कल से तुम मेरे भाई को लाइन दो। मैं तुम्हारे भाई को लिफ्ट देति हूँ" कंचन ने शीला को सलाह देते हुए कहा।
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