Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
10-10-2018, 01:42 PM,
#38
RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना
मैंने अम्मी से अनुमति ली और घर से निकल आया और सीधा मुल्तान स्टेशन पर आ गया जब मैं स्टेशन पर आया तो 8 बजने में 20 मिनट बाकी थे। मैंने टिकट ली और गाड़ी के इंतजार में बैठ गया गाड़ी अपने समय पर आ गई और उस मे जा कर बैठ गया और गाड़ी कुछ देर रुक कर चल पड़ी। मैं अपना बैग रख कर खिड़की के साथ बैठ कर बाहर देखने लगा मुझे पता ही नहीं चला मुझे फिर नींद आ गई और सो गया मेरी आँख उस वक्त खुली जब मेरे मोबाइल पर एक कॉल आ रही थी। मैंने समय देखा तो 12 बजने वाले थे और मोबाइल पर कॉल साना की थी वह मुझे फोन कर रही थी।

साना की कॉल देखकर थोड़ा हैरान और परेशान हुआ ख़ैरियत तो है आज साना क्यों कॉल कर रही है। मैंने कॉल पिक तो आगे से साना की मुझे रोती हुई आवाज आई वह रो रही थी। उससे बात नहीं हो रही थी बस रो रही थी मैं भी काफी परेशान हो गया कि पता नहीं क्या समस्या हो गई है। मैं उसे दिलासा देने लगा और पूछने लगा साना क्या हुआ है मुझे बताओ तुम रो क्यों रही हो लेकिन वह फिर भी रो रही थी मैंने उसे कुछ देर रोने दिया जब वह रो कर अपने दिल का गुबार निकाल चुकी और थोड़ा रोना कम हुआ तो मैंने कहा साना हुआ क्या है मुझे कुछ बताओ तो सही तो साना की रोती हुई आवाज़ आई वसीम भाई मुझे बहुत डर लग रहा है प्लीज़ आप यहाँ आ जाओ मुझे बचा लो मैंने कहा साना तुम क्या कह रही हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रही साना ने कहा वसीम भाई बस मुझे बचा लो नहीं तो वह मेरी इज्जत खराब कर देगा मुझे बहुत डर लग रहा है। 

मैंने कहा साना तुम्हें कुछ नहीं होगा तुम डरो नहीं मुझे बताओ समस्या क्या है। तो साना ने कहा वसीम भाई फोन पर नहीं बता सकती आप यहाँ आ जाओ मुझे यहाँ नहीं रहना है मुझे यहां से ले जाओ और रोने लगी तो मैंने कहा साना तुम बिल्कुल बेफिक्र हो जाओ तुम्हे कुछ भी नहीं होगा तुम मेरी बात ध्यान से सुनो तुम अब कहाँ हो तो साना ने कहा छात्रावास में हूँ। तो मैंने कहा साना मेरी बात ध्यान से सुनो मैं अपने दोस्त को फोन करता हूँ वो खुद या अपने ड्राइवर को भेज देगा और तुम उसके साथ उसके घर चली जाओ वहाँ पर मेरे दोस्त की पत्नी तुम्हें कुछ दिन के लिए संभाल लेगी और तुम अपनी कॉलेज से भी छुट्टी ले लो और अपना मोबाइल बंद करके मेरे दोस्त के घर चली जाओ तो मैंने उसे उसकी अम्मी का बता दिया कि वह अपना मकान बेचकर मुल्तान आने वाली है और उसे सब डिटेल बता दी और मैंने उसे कहा मैं चाची को लेकर रविवार को मुल्तान चला जाऊँगा तुम रविवार वाले दिन तक मेरे दोस्त के घर पर ही रहो और मैं मंगलवार को सुबह तुम्हारे पास इस्लामाबाद आ जाऊँगा और सब प्रॉब्लम ठीक कर दूंगा। 

साना को मेरी बात सुनकर काफी आराम हो गया था और अब उसने रोना बंद कर दिया था। मैंने कहा अब तुम फोन बंद कर दो थोड़ी देर बाद मेरे दोस्त का ड्राइवर तुम्हें आकर ले जाएगा और तुम उसके घर चली जाओ और दोस्त को बोल देता हूँ वह तुम्हारी कॉलेज मे कॉल करके खुद बता देंगे। तुम फोन बंद करो मैं अभी उसे फोन करता हूँ और मैं खुद ही कॉल काट दिया और फिर अपने दोस्त को फोन मिला दिया और उसे साना के बारे मे बता दिया उसने कहा, मैं अभी ड्राइवर को भेज देता हूँ तुम बेफिक्र हो जाओ और विश्वविद्यालय में भी कॉल कर दूंगा तुम बेफिक्र होकर लाहौर जाओ और फिर लाहौर का काम निपटा कर फिर यहाँ आ जाना फिर देख लेते हैं कि क्या करना है, तो मैंने अपने दोस्त को धन्यवाद दिया और फिर शांत हो गया और फिर मैंने फोन जेब में रखकर खिड़की से बाहर देखने लगा और अंततह यात्रा पूरी हुई और शाम को 5 बजे लाहौर स्टेशन पर उतर गया और वहां से रिक्शा पकड़ कर चाची घर घर पहुँच गया। चाची मुझे जब देखा तो खिल उठी और उनकी आंखों की चमक साफ नजर आ रही थी। चाची मुझे अपने गले लगा लिया और अपने मम्मे मेरे सीने के साथ सटा दिए और दरवाजे पर ही खड़ी होकर मुझे फ्रेंच किस किया और फिर मुझे से अलग हो गई तो दरवाजा बंद कर दिया और मैं और चाची कमरे में आ गए और मैंने अपना बैग चाची के कमरे में रख दिया तो चाची ने कहा वसीम बेटा, तुम जा कर नहा लो मैं चाय बनाती हूँ और फिर बाथरूम में घुस गया और नहाने लगा 


नहा धोकर फ्रेश होकर दोबारा टीवी लाउंज में आकर बैठ गया थोड़ी देर बाद चाची चाय लेकर आ गई मैं और चाची चाय पीने लगे और चाय पीकर चाची बर्तन उठा कर किचन में ले गई और खिड़की में खड़ी होकर बातें करने लगी और साथ में खाना पकाने लगी और मैंने टीवी लगा लिया और टीवी भी देखने लगा और चाची से बातें भी करने लगा। फिर लगभग रात के 9 बज गए थे और चाची ने रात का खाना तैयार कर लिया और टीवी लाउंज में ही खाना लगा दिया और मैं और चाची वहाँ बैठ कर खाना खाने लगे

खाना खाकर चाची ने बर्तन उठा लिए और किचन में रखने लगी और फिर किचन में ही बर्तन धोने लगी और मैं कुछ देर तक टीवी देखता रहा और फिर चाची वाले ही कमरे में आकर बेड पर लेट गया। लगभग 1 घंटे बाद चाची किचन का काम निपटा कर कमरे में आ गई और दरवाजा बंद कर दिया और मुझे देख कर मुस्कुराने लगी और फिर बेड पर आ कर मेरे साथ लेट गई और मेरे साथ चिपक गई। और बोली वसीम जब से तुम्हारे साथ मज़ा किया है तुम्हारा नशा सा हो गया है। अब तो मन करता है तुम और मैं और बस मज़ा ही मज़ा है और तुम और मैं घर में नग्न ही रहें और जी भर कर एक दूसरे का आनंद लें 

मैं चाची बातें सुनकर मुस्कुरा पड़ा और फिर मैंने कहा चाची अब तो आगे मज़ा ही मज़ा होगा अब आप अपने गांव में होगी जब दिल करे बुलाया करना और मज़ा भी ले लेना और देना भी तो चाची ने कहा क्यों नहीं वसीम मेरी जान और मेरे लंड को सलवार के ऊपर से ही पकड़ कर सहलाने लगी और बोली इस लंड के लिए ही तो अब गांव जाने का पक्का मन बना लिया है। फिर चाची ने कहा वसीम तुम अपने कपड़े उतार दो में भी उतार रही हूँ आज दिल भर कर मज़ा करना है। बहुत दिन हो गए हैं मेरी तो योनी में आग लगी हुई है। और चाची अपने कपड़े उतारने लगी और मैंने भी अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया और फिर कुछ ही देर में हम दोनों पूरे नंगे हो गए। मैं बेड पर पैर लंबे करके टेक लगाकर बैठ गया चाची ने कहा वसीम मेरे आज मूड है कि एक तरफ तुम मेरी योनी को सक करो और दूसरी तरफ मैं तुम्हारे लंड की चुसाइ लगाती हूँ। तो मैंने कहा ठीक है चाची जैसे आप की इच्छा और मैं सीधा लेट गया चाची ने अपना मुँह मेरे लंड की ओर करके अपनी योनी को मेरे मुंह की तरफ कर दिया और मेरे ऊपर आ गई और फिर चाची ने मेरे लंड के टोपे को मुंह में ले लिया और उस पर गोल गोल जीब घुमा कर चाटने लगी और मैंने दूसरी तरफ चाची की योनी और गांड की दरार में अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू कर दी। और अपनी जीभ से रगड़ रगड़ चाची गाण्ड के छेद से लेकर योनी के छेद तक ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की ओर जीब फेरने लगा चाची का शरीर मेरी ज़ुबान लगने से धीरे धीरे झटके खाने लगा था। कुछ देर तक अपनी गीली जीभ से चाची की योनी और गांड के छेद अच्छी तरह पेला और फिर मैंने चाची की योनी के लबों को खोलकर जीभ अंदर तक धीरे धीरे फेरनी आरम्भ कर दी। 


दूसरी ओर चाची ने अब मेरे लंड को मुंह में ले लिए हुए थी और उसे अपनी जीब की पकड़ से जकड़ा हुआ था और उसकी चुसाइ कर रही थी। आंटी का स्टाइल बहुत जानदार और आनंद देने वाला था चाची का चुसाइ लगाने का स्टाइल दबंग था। यहाँ मैं अब चाची की योनी में अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा और चाची भी अपनी योनी को आगे पीछे करके जीब को अंदर बाहर करवा रही थी। मैं सफ़र की वजह से थक गया था मेरा विचार था 1 राउंड लगाकर चाची की योनी शांत कर दूँगा लेकिन चाची की जानदार चुसाइ ने मेरे लंड को लोहे की तरह टाइट कर दिया था और लंड की नसें फूलने लगीं थीं। मैं अपनी जीभ को तेज़ी से अंदर बाहर कर चाची को जीभ से ही चोद ने लगा। और लगभग 3 से 4 मिनट के अंदर ही चाची के शरीर ने झटके मारने शुरू कर दिए और चाची की योनी ने गर्म गर्म नमकीन पानी छोड़ना शुरू कर दिया। जब चाची ने अपना सारा पानी छोड़ दिया तो मेरे ऊपर से हट कर एक साइड पर हो गई मैं उठकर बाथरूम चला गया और अपना मुंह धोकर फिर से कमरे में आ गया और बेड पर बैठ गया 

मेरा लंड लोहे की रॉड की तरह खड़ा था चाची ने कहा वसीम बेटा 2 मिनट रुको मैं अभी योनी की सफाई करके आती हूँ तभी लंड योनी के अंदर करना और वह यह कहकर बाथरूम में चली गई। और थोड़ी देर बाद वापस आकर बेड पर लेट गई और अपनी टांगों को चौड़ा किया और बोली वसीम बेटा अब आ जाओ और लंड अंदर करो मैं उठकर चाची पैरों के बीच आ गया और चाची के पैर उठा कर अपने कंधे पर रखे और लंड के टोपे को चाची की योनी में सेट किया और एक झटका मारा मेरा आधा लंड चाची की योनी के अंदर उतर गया चाची के मुँह से एक आह की लंबी सी आवाज़ निकली और फिर मैंने चाची को इस बार मौका नहीं दिया और पूरी ताकत से एक और धक्का मारा मेरा पूरा लंड चाची की योनी की जड़ तक उतर गया चाची के मुंह से एक दर्द भरी आवाज़ आई हाहीईीईईईईईईईईई वसीम बेटा क्या अपनी चाची की जान लोगे इतना जुल्म क्यों कर रहे हो धीरे धीरे भी अंदर कर सकते थे। आज तो तुम ने अंदर तक हिला दिया है और ऊपर से तुम्हारा लंड है भी लंबा और मोटा कि चूत से बस करवा देता है।


मैं चाची की बातें सुनकर मुस्कुरा पड़ा फिर कुछ देर रुक कर मैंने लंड योनी के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। धीरे धीरे लंड योनी के अंदर बाहर कर रहा था चाची को थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था इसलिए मैंने शुरू में धीरे-धीरे फिर जब मेरा लंड चाची की योनी के अंदर रमा हो गया तो मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी चाची की योनी ने मेरे लंड को मजबूती से जकड़ा हुआ था लंड फंस फंसकर अंदर जा रहा था मेरी गति तेज होने से चाची के मुँह से सिसकियाँ निकल रहीं थीं आह आह हाइईईई आह आह ओह्ह्ह्ह ओह आह और अब चाची को भी मज़ा आने लगा था और वह भी अपनी गाण्ड नीचे से उठा उठा कर साथ देने लगी थी। 2 से 3 मिनट बाद ही चाची ने अपनी टांगों को मेरी गर्दन के पीछे से कस लिया और उनकी सिसकियाँ और तेज हो गईं थीं शायद उनका पानी निकलने वाला था और फिर चाची की योनी ने पानी का गरम गरम लावा योनी के अंदर से छोड़ना शुरू कर दिया
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RE: Incest Kahani बीबी से प्यारी बहना - by sexstories - 10-10-2018, 01:42 PM

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