RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
जोत मॅम ने उस लड़के को उसकी बदतमीज़ी के लिए डांटा और उसे क्लास से निकाल दिया और प्राची को देखती हुई बोली.
जोत मॅम-अरे नही बेटा आपके साथ यहाँ पे कोई रॅगिंग नही करेगा और अगर कोई करे तो सीधा आकर मुझे बताना या फिर प्रिन्सिपल सर के पास कंप्लेंट करना ओके.
प्राची-ओके मॅम थॅंक यू.
फिर मॅम ने कुछ देर और बातें की और फिर लेक्चर का टाइम पूरा होते ही क्लास में से बाहर निकल कर अपने कॅबिन की तरफ चल पड़ी. उन्हे सामने से विकी सर आते हुए दिखाई दिए उन्होने तिरछी नज़रों से देखा तो पाया कि वो उसे ही घूर रहे थे.
मॅम ने अपनी नज़रें नीची की और अपनी चाल से चलती रही. जैसे ही विकी सर उसके पास आए तो उन्होने मॅम को रोका और बोले.
सर-अरे मॅम मैने आपको बुलाया था.
जोत मॅम की धड़कने बढ़ी हुई थी उनके चारों और स्टूडेंट्स आ जा रहे थे. वो अपने आप के उपर कंट्रोल करती हुई बोली.
मॅम-वो सर मैं लेक्चर अटेंड कर रही थी.
सर अपने लंड को पॅंट के उपर से ही मसल्ते हुए बोले और उनकी इस हरकत को मॅम ने भी देख लिया.
सर-ओके अब तो आप फ्री हो चलो कॅबिन में चलते हैं मुझे आपकी दी हुई फाइल के बारे में कुछ डिस्कशन करनी है.
मॅम की धड़कने और भी तेज़ हो गई थी. अब उन्हे कुछ सूझ नही रहा था. वो कुछ सोचती हुई बोली.
मॅम-आप चलिए सर मैं आती हूँ.
मॅम की बात सुनकर सर धीरे से बोले.
सर-मुझे पता तो है कि तुम नही आओगी मगर कब तक बचाओगि इस जवानी को मेरे हाथ से.
और वो अपनी बात कहने के बाद मुस्कुराए और वहाँ से चल दिए.
उनके जाने के बाद जोत मॅम की साँसें कंट्रोल हुई और वो तेज़ कदमो के साथ चलती हुई. अपने कॅबिन में घुस गई.
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रीत न्ड पार्टी कॅंटीन में एक मेज़ के इरद गिर्द डेरा जमाए बैठी थी. और उनके सामने ही एक मेज़ पे 2 लड़के बीते थे. एक का नाम था करण मल्होत्रा आंड दूसरे का हॅरी जाधव बचपन के फ़्रेंड थे और स्कूल लाइफ उन्होने साथ साथ ही बिताई थी. हॅरी एक हॅंडसम लड़का था गोरा रंग, लंबा कद और एकदम फिट बॉडी. वहीं पे करण भी कुछ कम नही था उसका रंग हॅरी जितना गोरा नही था मगर एक अथलेटिक बॉडी का मालिक होने की वजह से वो बहुत हॅंडसम दिखता था.
वो दोनो आपस में कुछ बात कर रहे थे.
करण-यार रेहान कहाँ पे रह गया.
हॅरी-अरे आता ही होगा.
रेहान से इन दोनो मुलाक़ात आज ही हुई थी वो क्लास में उनके पास ही बैठा था और उनकी जान पहचान हो गई थी.
तभी रेहान आता हुया दिखाई दिया और वो उनके पास आकर बैठ गया.
करण-अरे कहाँ रह गया था तू यार.
रेहान-कुछ नही यार वॉशरूम गया था.
करण-अरे छोड़ वॉशरूम को वो सामने देख हसीनो का डेरा.
तीनो ने उस मेज़ की तरफ देखा यहाँ पे रीत, करुणा, प्राची और नीतू बैठी थी.
रेहान-अरे वाह यार वो देख एक तो वोही है जो क्लास रूम में उस मोटू का बाज़ा रही थी.
हॅरी-हां यार वोही है.
रेहान-अरे यार चारों एक से बढ़कर एक हैं. क्या मस्त शरीर है सालियों का.
करण ने करुणा की तरफ इशारा करते हुए कहा.
करण-हां यार देख उस जीन्स वाली को कैसे टाँग पे टाँग चढ़ाए बैठी है. दिल करता है अभी जाकर टाँगें उठाकर घुसा दूं.
हॅरी-अरे करण यार तेरी सोच इतनी गिरी हुई है क्या हर एक लड़की को एक ही नज़र से देखता है.
करण-हॅरी यार तुझे पता तो है मैं दिल का बुरा नही हूँ अभी तो मैं आज़ाद हूँ किसी भी लड़की को देखता हूँ तो बस ऐसी ही फीलिंग आती है. जिस दिन कोई इस दिल में घुस गई उस दिन के बाद मैं किसी और की तरफ देखूँगा भी नही.
हॅरी-हां यार वो तो मैं जानता हूँ कि तू दिल का बुरा नही है.
करण-वैसे जब मैने उस लड़की के बारे में ग़लत कहा तो तुझे मिर्ची क्यू लगी. कहीं पसंद तो नही आ गई वो तुझे.
हॅरी-अबे साले हट कुछ भी सोचता है.
करण-वैसे लड़की सुंदर है.
हॅरी-हां यार सच बटाऊ तो वो मुझे भी सुंदर लगी.
रेहान-अरे वाह तूने तो यार सेलेक्ट भी करली. वैसे लड़की सच में सुंदर है. वैसे मुझे भी वो ग्रीन कलर के सूट वाली सुंदर लग रही है.
रेहान ने रीत की तरफ इशारा किया.
करण-वाह आप दोनो ने तो अपनी अपनी सेलेक्ट कर ली अब बचा मैं.
रेहान-तू उस को पटा ले जिसने क्लास में मोटू की बाज़ई थी.
करण-लड़की तो सुंदर है पर यार वो तो मुझे बात बात पे गाली निकालेगी जीना हराम कर्देगि मेरा देखा नही कैसे लौमड़ी की तरह टूट पड़ी थी मोटू पे.
रेहान और हॅरी उसकी बात सुनकर हँसने लगे.
हॅरी-बात तो तेरी सही है. फिर उसे देख ले जो ब्लू कलर का सूट पहने बैठी है. वो भी सुंदर है.
करण-हां यार लड़की तो पटाका है. अब तो जीना मरना बस इसी के संग होगा.
और वो ऐसे ही बातें करते रहे.
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प्राची तिरछी नज़र से देख रही थी कि वो तीनो लड़के उनकी तरफ देखकर बातें करते हुए हंस रहे थे.
प्राची-रीत दीदी वो देखो 3 मजनू लाइन मार रहे हैं हम सब के उपर.
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