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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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अजय : 'वाव भाभी......मज़ा आ गया....ये कब बनवाया...मैने तो देखा ही नही....'
अंजलि : 'लास्ट ईयर जब गोआ गये थे ,तब बनवाया था मैने ये...और वैसे भी,अभी ऐसा बहुत कुछ है जो तुमने देखा नही है...'
और नीचे फिर से एक स्माइली...
अजय बेचारा अपना लंड मसल कर रह गया...
और फिर उसने काँपते हुए हाथों से लिखा : 'सिर्फ़ यहीं बनवाया था या कहीं और भी है....'
अजनली : 'और भी है....देखना चाहोगे....'
जवाब ने अजय ने वेटिंग का स्माइली बना कर भेज दिया... और वहाँ से हँसी में लोटपोट स्माइली आ गया...
अजय का पूरा ध्यान प्राची की तरफ भी ....जो किचन मे खड़ी होकर उसके लिए चिकन निकाल रही थी...उसने अपना फोन साइलेंट पर कर दिया, ताकि अब कोई मैसेज आए भी तो उसकी टोन सुनाई ना दे...
प्राची आकर उसके पास ही बैठ गयी...अजय ने फोन जेब में रख लिया था....और दोनो बातें करने लगे...एक मिनट बाद ही अजय को अपनी जेब में वाइब्रेशन महसूस हुई...वो समझ गया की दूसरा मेसेज आ गया है...वो तुरंत उठा और बाथरूम की तरफ चल दिया, प्राची के सामने बैठकर तो वो फोन देख नही सकता था ना..
अंदर जाते ही उसने अपना लंड निकाला और खड़े हुए लंड से पेशाब की धार सीधा कमोड को छोड़कर सामने वाली दीवार से जा टकराई...खड़े हुए लंड से पेशाब करना बड़ा मुश्किल जो होता है...उसने दूसरे हाथ से अपना मोबाइल निकाला और लंड को मसलते हुए मैसेज खोला
एक और पिक...
और ये भी एक नये टैटू की थी....और इस बार ये था कमर के पिछली तरफ...नीचे के हिस्से में बना एक डिज़ाइन ...फूल पट्टियों वाला...जो काफ़ी सेक्सी लग रहा था...गोरी और मांसल कमर पर वो टैटू बड़ा सेक्सी लग रहा था...नीचे की तरफ अंजलि की पेंटी भी दिख रही थी...अजय ने मोबाइल को उपर किया और उस तस्वीर को चूम लिया...और बड़ी तेज़ी से अपने लंड को रगड़ने लगा....
एक मिनट के अंदर ही अंदर उसके लंड से सफेद माल की तेज पिचकारी सामने की दीवार से जा टकराई...और वो बंद आँखो से अंजलि के बारे में सोचता हुआ झड़ने लगा...
अब वो एक ऐसा हंटर (शिकारी) बन चुका था,जिसके सामने उसके सभी शिकार लाइन लगा कर खड़े थे,गन (लंड) उसके हाथ में थी, अपनी पूरी योजना बनाकर उसे अब एक-2 करके इन सभी का शिकार करना था..
प्राची के घर से शुरू हुई ठरक का सिलसिला यहाँ तक आ जाएगा, ये नही सोचा था उसने...
लेकिन सबसे पहला शिकार अब उसे अंजलि भाभी का ही करना पड़ेगा...क्योंकि अपनी तरफ से तो वही पूरी लाइन दे रही थी...और ऐसे मौके अगर ठर्कियों ने छोड़ने शुरू कर दिए तो उनकी जमात पर लानत होगी.
और अंजलि भाभी के बारे में सोचता हुआ वो वापिस अंदर आ गया...
पर वो कहते हैं ना जिसके बारे में ज़्यादा सोचा जाए वो मुश्किल से ही मिलती है,अजय के साथ भी यही होने वाला था..पर उसके बदले उसे किसी और की चूत जल्द मिलने वाली थी,जिसके बारे में उसने सोचा भी नही था..
अगले दिन ऑफीस जाते हुए अचानक प्राची को कुछ घबराहट सी होने लगी और उसने गाड़ी साइड मे रुकवाकर उल्टी कर दी...अब ये तो ऐसा संकेत होता है जिसे आजकल बच्चा -2 पहचानता है...पर अजय का दिमाग़ काम नही किया उस वक़्त...और वो प्राची को जल्दी से एक नर्सिंग होम में ले गया..वहां डॉक्टर ने जब जाँच की तो पता चला की वो प्रेगनेन्ट है..
अजय के लिए ये खुशी का मौका था...जिंदगी मे पहली बार बाप बनने की खुशी अलग ही होती है...उसने तुरंत अपनी सास को फोन किया और उन्हे वहीँ बुलवा लिया.
प्राची को अभी भी घबराहट हो रही थी..इसलिए 2-3 घंटे उसको वहीँ रखने के बाद वो वापिस घर आ गये..
अब तो प्राची को किसी राजकुमारी जैसा ट्रीटमेंट दिया जा रहा था..अजय ने ऑफीस से छुट्टी कर ली और प्राची के ऑफीस में भी मेसेज दे दिया की वो 1 हफ्ते बाद ही आएगी.
उसकी सास भी अपने घर का सारा काम छोड़कर प्राची के साथ ही रही पूरा दिन.
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
शाम को पूजा और रिया भी आ गये और सभी वो खबर सुनकर काफ़ी खुश हुए..सबने मिलकर खाना खाया और उसके बाद रिया और पूजा वापिस चले गये...पर उसकी सास रजनी को प्राची ने अपने पास ही रोक लिया...
अब अजय की सास तो अपनी बेटी के साथ सोने की तैयारी कर रही थी,इसलिए वो अपना लॅपटॉप लेकर दूसरे रूम में आ गया..और उसे खोलकर अपनी मेल्स चेक करने लगा..फिर फेसबुक देखा..और अंत में वो पॉर्न साइट्स पर जा पहुँचा..
वैसे तो रोज ही उसका मन करता था अपनी बीबी की मारने का , पर आज कुछ ज़्यादा ही अकड़ रहा था उसका छोटा सिपाही ....
इसलिए चुदाई का पहला सीन आते ही उसने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और रगड़ने लगा बुरी तरह से.... तभी बाहर से किसी के क़दमों की आहट सुनाई दी और उसने तुरंत अपना लैपटॉप अपने लंड के उपर रखकर उसे ढक लिया.
और आशा के अनुरूप उसकी सास ही थी वो..सुबह से उनके साथ ही थी,अपने घर तो गयी नही थी...इसलिए उसने इस वक़्त प्राची का ही नाइट सूट पहना हुआ था. साटन का पायज़ामा और शर्ट थी..भले ही उसकी सास थोड़ी मोटी थी पर वो कपड़े पहन ही लिए थे किसी तरह से. और जगह-2 से उफान मार रहे शरीर को देखकर अजय का लॅपटॉप उपर नीचे होने लगा.
एक तो पहले से ही उसका खड़ा हुआ लंड गर्म था, उपर से लॅपटॉप की हीट उसके लंड की चमड़ी को सुलगा रही थी..
रजनी : "अजय...तुम सोए नही अभी तक...सुबह से आराम नही किया तुमने..कल ऑफीस भी तो जाना है ना..''
अजय : "नही..अभी मैं 2-3 दिन ऑफीस की छुट्टी लूँगा...प्राची को गायनॉलोजीस्ट को दिखाना है कल...आगे के लिए सारी दवाइयाँ और प्रीकोरशन भी पता करने है..''
रजनी (मुस्कुराते हुए) : "अरे ,इसमे घबराने वाली कोई बात नही है...हमारे टाइम में तो सब कुछ घर में ही कर लिया करते थे...ये 8-9 महीने की दवाइयाँ, कॅल्षियम वगेरह तो अब शुरू हुए हैं...और रही बात परहेज की तो वो सिर्फ़ एक ही होता है..''
अजय : "क्या ??''
रजनी : "जितना हो सके, रात को अपनी बीबी से दूर रहना...समझे...''
अजय को उसकी बात का मतलब समझते देर नही लगी...वो समझ गया की यही मौका है अपनी सास से मज़े लेने का.
अजय : "प्राची से दूर रहने की तो मैं सोच भी नही सकता...''
रजनी : "पता है मुझे....शादी के शुरुवाती दिनों में हर कोई ऐसा ही होता है...पर तुम शायद कुछ ज़्यादा ही हो...''
ये सुनकर लेपटोप एक बार फिर से थोड़ा उपर उठ गया..और इस बार रजनी समझ गयी की उसके गुरुत्वाकर्षण को कौन भंग कर रहा है...वो भी आज अपने दामाद से मज़े लेने के मूड में थी...इसलिए उपर से ही सही,वो उसके खड़े हुए लंड को देखना चाहती थी..जो उसके हिसाब से इस वक़्त खड़ा हुआ था...लेपटोप के नीचे.
वो एकदम से आगे आई और बोली : "पर जो भी है, तुम्हे अभी तो आराम की ज़रूरत है...चलो बंद करो ये ...''
और इतना कहते-2 उसने एक पल के अंदर ही अजय के लेपटोप को अपने हाथों में उठा लिया..
एक साथ दो झटके लगे रजनी को...पहला झटका तो अजय के नंगे लंड को देखकर लगा, जबकि उसने सोचा हुआ था की वो पायज़ामे के अंदर खड़ा हुआ है,पर वो तो पायज़ामे को नीचे खिसका कर नंगा लंड लिए बैठा था...
और दूसरा झटका लगा उसे लॅपटॉप की स्क्रीन देखकर, जिसमे एक लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को घोड़ी बना कर चोद रहा था और वो भी अपनी गांड मटका-2 कर पीछे से मिल रहे धक्को का मज़ा ले रही थी.
अजय भी अपनी सास की तेज़ी देखकर दंग रह गया...उसे तो कुछ सोचने - समझने का मौका ही नही मिला...बस अपने हाथों से लंड को ढककर वो इधर-2 देखने लगा...और फिर धीरे से उसने अपना पयज़ामा उपर कर लिया.
रजनी के तो पूरे शरीर में पसीने निकल आए....अब शायद वो सोच रही थी की उसने ऐसा किया ही क्यो...चाहे जो भी हो, है तो वो उसका दामाद ही ना...पर उसके जवान और लंबे लंड को देखकर ये क्या हो रहा है उसको...पसीना-2 क्यो हुआ जा रहा है उसका शरीर...और ..और ये पसीना चूत से क्यो निकल रहा है...चूत से पसीना...वहां से तो सिर्फ़ रसीला रस निकलता है...तो इसका मतलब....वो गर्म हो रही है...अपने ही दामाद के लंड को देखकर...उफफफफ्फ़.....ये क्या हो रहा है उसको...अपनी ही बेटी के सुहाग पर डाका...
पर ऐसा काम तो वो पहले भी कर चुकी थी...अपनी बहन के साथ...उसके पति से अपनी चूत और गांड मरवाकर... अपने जीजा से उसने जितने मज़े लिए थे, शायद ही अपने किसी और आशिक़ से लिए होंगे, पति के अलावा...
पर अजय जैसा जवान उनमे से कोई भी नही था...और ऐसे जवान लोंडो के कड़क लंड की प्यास तो उस जैसी गर्म औरत की चूत को हमेशा से रहती है..
भले ही वो पहले मज़ाक में अपने दामाद के बारे में ग़लत सोच रही थी..पर अब उसके लंड को देखने के बाद वो मज़ाक अब मज़ाक नही रह गया था...
अजय भी कुछ देर तक इधर-उधर देखने के बाद खिसियानी सी हँसी हंसता हुआ अपनी सास को देखने लगा.
उसके उभरे हुए निपल देखकर वो ये तो समझ ही चुका था की उसने अंदर ब्रा भी नही पहनी है..और चेहरे पर उड़ रही हवाइयां देखकर ये भी समझ गया की अंजाने में ही सही उसने अपनी सास को उत्तेजित कर दिया है.
ये वही बिस्तर था जिसपर उसकी सास ने अपने जीजू से गांड मरवाई थी...
रजनी : "तुम्हे देखकर तो लगता है की एक दिन काटना भी मुश्किल होगा तुम्हारा प्राची के बिना...अभी तो आगे चलकर बहुत बर्दाश्त करना पड़ेगा...''
उसकी बातों में एक उल्हास सा था..
और अजय ये बात अच्छी तरह से जानता था की उस जैसे ठरकी को जिस दिन मारने के लिए अपनी बीबी की चूत नही मिलेगी तो उसका क्या हाल होगा...देखा जाए तो उसके चारों तरफ ढेर सा लगा हुआ था..पर अभी तक कहीं भी शुरूवात तो नही हुई थी ना...और ऐसे एकदम से किसी को भी चूत देने के लिए बोलेगा तो वो तैयार भी नही होगी...उसके ठरकी दिमाग़ ने तो काम ही करना बंद कर दिया इस विचार के आते ही..
और फिर अचानक उसने कुछ डिसाइड सा किया अपने मन में और अपनी सास से बोला : "अब मैं रोज तो ऐसे काम चलाने वाला नही हू...आपको ही मेरी मदद करनी होगी.''
अजय ने बड़ी ही बेबाकी से बड़े ही सपष्ट शब्दों में अपनी सास को ये बात बोल दी, जिसे सुनकर रजनी को भी अपने कानों पर विश्वास नही हुआ...भले ही अंदर ही अंदर वो भी अजय की तरफ आकर्षित हो चुकी थी, पर उसके दिल में एक द्वंद भी चल रहा था की वो अपनी बेटी के सुहाग पर डाका डाले या नही...जीजू के साथ करने में और दामाद के साथ ऐसे संबंध बनाने में काफ़ी फ़र्क होता है..
और ऐसे में अजय सामने से खुद उसके साथ ऐसी बाते कर रहा था जिसे अगर वो सीधी तरह से मान लेती है तो उसकी क्या इज़्ज़त रह जाएगी अपने दामाद के सामने..
ये सोचते ही वो एक झटके से उठ खड़ी हुई और बोली : "ये क्या बोल रहे हो अजय...मज़ाक अपनी जगह है..ऐसी बातें तुम्हे शोभा नही देती...समझे..सो जाओ अब..''
और इतना कहकर वो मूडी और बाहर जाने लगी...ऐसा करके वो अजय को अपना गुस्सा दिखा रही थी और उसे ये जता रही थी की उसे अजय की बात बिल्कुल भी अच्छी नही लगी..
पर तभी अजय ने कुछ ऐसा बोला की वो जाते-2 एकदम से रुक सी गयी..
''नही जीजू....पिच्छू से नही....पिच्छू से नही...''
ये शब्द सुनते ही रजनी के माथे पर पसीना आ गया...उसके चेहरे की रंगत उड़ सी गयी...ये तो उसने अपने जीजू को बोला था, इसी कमरे में ..जब उन्होने उसकी गांड मारने की ज़िद की थी...पर ये बात अजय को कैसे पता चली...क्या उसने इस कमरे में कोई कैमरा छुपाया हुआ है...या फिर शायद उस रात वो छुपकर उनकी चुदाई देख रहा था...
और ये ख़याल आते ही उसका शरीर काँप उठा...और वो थरथराती हुई सी पलटी और अजय से बोली : "ये ...ये क्या बोल रहे हो...अजय....तुम...''
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
उसके चेहरे की घबराहट देखकर अजय समझ गया की उसका तीर एकदम निशाने पर लगा है..
वो बोला : "अब आप इतनी भी नादान नही है सासू माँ की ये भी ना समझे की मैं क्या बोल रहा हू...ये वही लाइन है ना जो आपने अपने प्यारे जीजू यानी मुंबई वाले मौसा जी से कही थी...इसी कमरे में ...इसी बिस्तर पर....जब वो और आप बिल्कुल नंगे''
वो इतना ही बोल पाया था की रजनी एकदम से आगे आई और उसके मुँह पर हाथ रखकर उसे चुप करा दिया....
रजनी : "मत बोलो प्लीज़.....चुप रहो ....प्राची ने सुन लिया तो बहुत बुरा होगा...''
अपनी सेक्सी सास को एकदम से अपने इतने करीब पाकर अजय का ईमान डोल गया...और उपर से उनकी नर्म उंगलियों को अपने दहक रहे होंठों पर महसूस करते ही उसका धैर्य भी जवाब दे गया और उसने अपना मुँह खोलकर उनकी नर्म उंगलियों को निगल लिया और चाट लिया.
रजनी ने एकदम से अपना हाथ खींचा और बोली : "अजय...होश में आओ...ये क्या बदतमीज़ी है....''
और इतना कहकर वो जैसे ही पीछे जाने लगी, अजय ने उनकी कमर मे हाथ डालकर उन्हे जकड़ लिया और बोला : ''ये बदतमीज़ी नही,प्यार है...जो अब आप मुझे देगी...जैसा आपने अपनी जीजू को दिया था...अब मुझे दो..''
अजय की ऐसी डिमांड सुनकर अंदर ही अंदर रजनी का शरीर जल सा उठा...अपनी मर्ज़ी से भले ही उसने आज तक कई जिस्मानी संबंध कायम किए थे, पर ऐसे ज़बरदस्ती किसी ने नही की थी उसके साथ...वो कसमसाने सी लगी..पर अजय की पकड़ से छूट ही नही पाई वो..
रजनी भी समझ गयी की वो बुरी तरह से फँस चुकी है..पर अपनी तरफ से अभी भी वो अजय का पूरा विरोध कर रही थी...
अजय ने उसे अपनी तरफ खींचना शुरू किया और उसके चेहरे को बिल्कुल अपने करीब ले आया...और जैसे ही वो और ज़ोर लगाकर उनके नर्म होंठों को चूमने की कोशिश करने लगा, बाहर से प्राची की आवाज़ आई : "मम्मी....मम्मी कहाँ हो आप....''
ये साली प्राची की नींद भी अभी खुलनी थी...अजय झल्ला सा गया ..और उसने ना चाहते हुए भी अपनी सास को छोड़ दिया.
और उसके छोड़ते ही प्राची अंदर आ गयी...और सास-दामाद को ऐसे एक दूसरे के सामने खड़ा देखकर बोली : "मम्मी...आप यहाँ है...मैं कब से आवाज़ें लगा रही थी...''
उसकी आँखो मे कुछ प्रश्न भी थे, जैसे पूछना चाहती हो की आप दोनो इतनी रात को ऐसे खड़े हुए क्या कर रहे है..
रजनी : "अरे..मैं बस अभी आई थी....अजय काफ़ी देर से जाग रहा था...अपना लेपटोप खोलकर काम कर रहा था...मैने यही बोला की अब सो जाए...सुबह से परेशन सा है बेचारा...''
तब तक अजय ने लेपटोप उठा कर बंद कर दिया था, वरना प्राची भी देख लेती की वो क्या ज़रूरी काम कर रहा था.
प्राची : "ओहो...मम्मी, ये तो इनकी आदत है...'' और फिर वो अजय की तरफ देखकर बोली : "चलो अजय...अब सो जाओ...काफ़ी रात हो चुकी है...''
और इतना कहकर दोनो माँ बेटियाँ उस कमरे से बाहर निकल गयी और बेडरूम में जाकर सो गयी..
पर अजय भी बड़ा हरामी था...उसका लंड अभी तक रोड की तरह अकड़ा हुआ खड़ा था...उसने भी अपने ठरकीपन की कसम खाई की आज जो भी हो जाए वो अपनी सास के साथ मज़े लेकर ही रहेगा.
बस फिर क्या था, वो इंतजार करने लगा...एक बार फिर से प्राची के सो जाने का..
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
उसके तो होश ही उड़ गये...उसने तो सोचा भी नही था की अजय ऐसी हरकत कर सकता है...अभी कुछ देर पहले उसने जो कमरे में किया था उसे भुलाते हुए बड़ी मुश्किल से वो सोई थी...पर उसे ये नही मालूम था की अजय की इतनी हिम्मत हो जाएगी की अपनी बीबी के होते हुए वो वहाँ आकर उसके निप्पल को कटोच लेगा...भले ही वो नाजायज़ संबंधो से परहेज नही करती थी और अजय के साथ उसने थोड़ा बहुत फ्लर्ट भी किया था..पर जब वो सब होने के बाद रजनी ने आराम से बैठकर सोचा तो उसे लगा की जो भी वो करने जा रही थी वो ग़लत था...अपनी ही बेटी का घर वो बर्बाद नही कर सकती..चुदवाने के लिए उसे और बहुत से लंड मिल जाएँगे,पर अजय से चुदवा कर और वो भी इस वक़्त जब उसकी बेटी प्रेगनेंट है वो कोई ख़तरा मौल नही लेना चाहती थी प्राची के लिए...ऐसे में अगर प्राची को उनके संबंधो के बारे में पता चल गया तो वो अपने होने वाले बच्चे की परवाह किए बिना अजय को छोड़कर चली जाएगी और अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेगी...और कोई भी माँ ऐसा कभी नही चाहती की ऐसे मौके में उसकी बेटी का तलाक़ हो जब वो माँ बनने जा रही हो..
पर ये बात अजय को कौन समझाए...वो तो ठरकी सा बनकर उसके कमरे में आ पहुँचा है...और अपनी बीबी की परवाह किए बिना वो उसके बूब्स को चूसने में लगा हुआ था...भले ही रजनी को मज़ा आ रहा था पर फिर भी उसने अपनी पूरी ताक़त लगा कर एक ही झटके में उसे पीछे धक्का दे दिया
और गुस्से वाले स्वर में फुसफुसाई : "ये क्या कर रहे हो अजय....होश में आओ...मैं तुम्हारी सास हूँ ...ये सब प्राची ने देख लिया तो क्या होगा..''
और उसने जल्दी -2 अपने बटन बंद करके अपने तरबूजों को गेराज में बंद कर दिया.
अजय तो पहले से ही ये सोचकर आया था की उसकी सास भले ही उठ जाए पर बीबी नही उठनी चाहिए..और अगर सास उठ गयी तो उसको कैसे हेंडल करना है ये भी उसके दिमाग़ में पहले से रिकॉर्ड था.
वो बोला : "मुझसे अब रहा नही जा रहा ... जब आप अपने जीजू को खुश कर सकती हो तो मुझे क्यो नही...मैने सब देखा था उस रात , किस तरह से उन्होने आपकी गांड मारी थी उस कमरे में ...जैसे प्राची सो रही है इसी तरह मौसी भी सो रही थी, पर उन्हे बेहोशी की दवा सूँघाकार मौसा जी ने आपकी जमकर चुदाई की थी...अगर वो बात प्राची को पता चल जाए तो क्या होगा...ये सोचा है आपने...''
रजनी का चेहरा एक दम से पीला पड़ गया...उसके तने हुए निप्पल एक पल में ही मुरझा गये...अजय को ये सब मालूम था..उसने देखा भी था...हे भगवान ,उसने इतनी बड़ी ग़लती कैसे कर दी...अपनी ही बेटी के घर आकर अपने जीजा से चुदवाकर वो बुरी तरह से फँस चुकी थी..इतने दिनों तक अजय शायद ऐसे ही किसी मौके की तलाश में बैठा था..वरना अपने जीजू से चुदवाये हुए तो उसे हफ्ते से ज़्यादा हो चुका था...बीच में तो अजय ने ऐसा कुछ नही दर्शाया की वो सब कुछ जानता है...हाँ उसकी नज़र में कुछ बदलाव ज़रूर महसूस किए थे उसने पर उन नज़रों को अपने शरीर पर महसूस करके उसे भी मस्ती चढ़ती थी..पर वो मस्ती का अंत ऐसा होगा ये उसने नही सोचा था.
भले ही उसके मन में भी ऐसे जवान और हेंडसम इंसान से चुदवाने का लालच था, पर जैसा की वो कुछ देर पहले तक अपनी बेटी के बारे में सोच रही थी उसके बाद उसके विचार बदल चुके थे...इसलिए वो पीछे हट रही थी और अजय को भी ऐसा करने से रोक रही थी...पर अजय तो उन बातों का इस्तेमाल करके उसे ब्लेककमेल कर रहा था..उसकी बेटी को उसके और जीजू के अफेयर के बारे में बताकर वो अपना रास्ता क्लियर कर रहा था.
अब कैसे समझाए वो अपने इस ठरकी दामाद को...वो तो सब कुछ सोचकर आया हुआ था...
रजनी ने अपने दिमाग़ का इस्तेमाल करते हुए कहा : "उन बातों का तुमसे कोई मतलब नही है अजय...वो मेरी लाइफ है, मैं जो भी करू तुम्हे कोई हक़ नही पहुँचता मेरे साथ ये सब करने का..तुम चुपचाप अपने कमरे में जाओ और मुझे भी सोने दो...''
वो दोनो बड़ी धीरे-2 और फुसफुसाकर ये सब बातें कर रहे थे..ताकि प्राची की नींद ना खुल जाए.
अजय इसके लिए भी तैयार था.
वो उठकर बाहर निकलने की एक्टिंग करते हुए बोला : "ठीक है, अगर आपको इन बातों से कोई फ़र्क नही पड़ता तो मैं कल ही किसी बहाने से ये बातें प्राची को..पापा जी को, पूजा को...और रिया को बता दूँगा...उसके बाद आप जानो और आपकी लाइफ...''
अजय के ऐसा बोलते ही रजनी के सिर के चारों तरफ चाँद सितारे घूमने लगे...और उसने जाते हुए अजय का हाथ पकड़ लिया और बोली : "नही बेटा....ऐसा मत करना प्लीज़....पर जो तुम करना चाह रहे हो वो भी तो सही नही है ना...एक ग़लत काम को छुपाने के लिए मैं दूसरा ग़लत काम नही करना चाहती..और इस काम से तो मेरी बेटी की जिंदगी बर्बाद हो सकती है..''
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय झट से बेड पर बैठ गया और अपनी सास को समझाने लगा : "आप उसकी चिंता मत करो..ये बात सिर्फ़ हम दोनो के बीच ही रहेगी..और 1 पर्सेंट प्राची को पता चल भी गया तो मैं सब संभाल लूँगा..मैं आपकी बेटी से बहुत प्यार करता हू, उसे मैं पूरी जिंदगी छोड़ने वाला नही हूँ ..मेरा विश्वास करो..''
वो अपनी सास की जांघों को सहलाते हुए ये बातें बड़े प्यार से उन्हे समझा रहा था..
एक तो उसकी बातों का जादू और दूसरा समझाने का ये तरीका...रजनी तो पिघलती चली गयी अपने दामाद की लच्छेदार बातें सुनकर...
वो सोचने लगी...और अजय के हाथ धीरे-2 उपर खिसकने लगे..और आग की भट्टी के बिल्कुल करीब पहुँचकर तो उससे रहा ही नही गया और उसने अपना पंजा आगे करते हुए अपनी सास की चूत को दबोच लिया..रजनी ने सिसकारी मारते हुए उसकी तरफ दयनीय दृष्टि से देखा पर वो जानती थी की अब ये मानने वाला नही है...गर्म तो वो भी हो रही थी...उसकी चूत से निकल रही गर्मी को महसूस करके ये बात अजय अच्छी तरह से जान चुका था.
रजनी (धीरे से) : "अच्छा ..ठीक है...पर एकदम से ये सब तुम्हारे साथ करना मुझे कुछ ठीक नही लग रहा...धीरे-2 ही आगे बढ़ना तुम...मेरे कहे अनुसार...अगर मुझे ठीक लगता गया तो मैं तुम्हे अगली बार थोड़ा और आगे बढ़ने का मौका दूँगी...वरना नही...''
अब ऐसी शर्त रखकर कुछ मिलने वाला तो नही था रजनी को...और ना ही अजय रुकने वाला था ऐसी बंदिशों को सुनकर...पर फिर भी इस खेल को धीरे-2 आगे बढ़ाने की सोचकर उसके अंदर भी रोमांच भर गया...और उसने हाँ कर दी.
अजय : "ठीक है...जैसा आप कहो...मुझे कोई प्रॉब्लम नही है...
इतना कहकर उसने रजनी का हाथ पकड़ा और अपने कमरे में चलने के लिए कहा..पर रजनी ने मना कर दिया और बोली : "नही...जो करना है,यही कर लो...प्राची की नींद फिर से खुल गयी तो मुश्किल हो जाएगी...एक ही रात में दूसरी बार मुझे तुम्हारे कमरे में एकसाथ देखकर वो सब समझ जाएगी...''
प्राची का तो बहाना था, वो वहीं रुकने की बात इसलिए कर रही थी क्योंकि वो नही चाहती थी की अजय अपनी हद से आगे बड़े ...प्राची के होते हुए वो वैसे भी कुछ भी ज़्यादा करने से रहा ....इसलिए वो उसी कमरे मे रुकने की ज़िद कर रही थी.
और अजय भी इतना भोंदू तो था नही जो इस बात को ना समझता...वैसे तो उसी कमरे में रुककर कुछ मस्ती करने की बात उसे रोमांचित कर रही थी क्योंकि अपनी पत्नी के होते हुए वो उसकी माँ के साथ जो काम करने वाला था उसमे ख़तरा तो था पर ये ख़तरा उठाने के लिए भी वो तैयार था...
अजय मुस्कुराता हुआ वहीँ रुक गया और आगे बढ़कर उसने अपने हाथ सीधा अपनी सास की ब्रेस्ट पर रख दिए...और उसके हाथ को महसूस करते ही रजनी की आँखे बंद हो गयी...और वो धीरे से सिसक उठी..
उम्म्म्मममममममम...... धीरे अजय...धीरे...
पर अजय ने कभी कोई काम धीरे किया है जो आज कर देता...वो तो अपनी सास के फूले हुए बूब्स को ज़ोर-2 से दबा कर उनमे और हवा भर रहा था...और ऐसा करते-2 उसके हाथों ने फिर से वो बटन खोल दिए जो रजनी ने कुछ देर पहले लगाए थे..
और इस बार रजनी चाह कर भी उसे रोकना नही चाहती थी...क्योंकि उसकी योनि पूरी भीग कर नीचे की चादर को गीला कर रही थी.
रजनी ने अजय के हाथों को पकड़ लिया और उनपर दबाव डालकर अपनी छातियों को और ज़ोर से दबवा लिया...
ऐसा करते हुए उसके दिल की धड़कन और तेज हो गयी जिसे अजय सॉफ महसूस कर पा रहा था...अजय बेड के साइड में खड़ा हुआ ये सब कर रहा था...उसने अपने लंड वाला हिस्सा धीरे-2 रजनी के कंधे पर रगड़ना शुरू कर दिया...खड़े लंड की महक और स्पर्श इतने करीब से मिलता देखकर रजनी के अंदर की भूखी औरत जाग उठी...उसने एक नज़र अपनी बेटी को देखा जो पहले की तरह खर्राटे भरने लगी थी और फिर गर्दन घूमाकर अजय की तरफ की और उसके पायजामे के उपर से ही उसने उसके खड़े हुए लंड को दांतो के बीच दबोच लिया..
''आआआआआआहह धीरे.....''
उनके दाँत सच में तेज थे काफ़ी...कपड़े को भेदकर स्किन पर महसूस हो रहे थे.
अजय ने बड़ी मुश्किल से अपने लंड को उनके मुँह से निकलवाया और फिर अपना पयज़ामा नीचे करके अपना नंगा लंड उन्हे परोस दिया..
और जैसे ही वो रजनी के मुँह से टकराया,उसने बिना किसी देरी के उसे निगल लिया और ज़ोर-2 से चूसने लगी.
कुछ देर पहले तक अपनी शर्तें गिनवा रही रजनी अब बावली सी होकर अजय के लंड को चूस रही थी.
अजय भी अपनी आँखे बंद किए अपनी सास के गर्म मुँह को अपने लंड पर महसूस करता हुआ उनके मुम्मे दबा रहा था...
अजय तो काफ़ी देर से उत्तेजित था, इसलिए उसे देर नही लगी झड़ने में ...रजनी के तजुर्बेकार होंठों के सामने वैसे भी वो ज़्यादा देर तक टिक नही पाया...और भरभराकर उनके मुँह के अंदर झड़ गया.
''आआआआआआआआआआहह ओह मों ................. एसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... पी जाओ सारा का सारा......''
अपने दामाद की बात एक सास भला कैसे ठुकरा सकती है, उसने वो सारी दही पी डाली.
अजय हांफता हुआ अपनी सास के उपर गिर गया...और उन्हे बिस्तर पर लिटा कर उनके दोनो तरफ टांगे कर ली और अपने होंठों को उनके होंठों पर लगा कर चूसने लगा.
उसे एक पल के लिए भी नहीं लगा की वो अपनी सास को चूम रहा है...ऐसा लग रहा था जैसे वो प्राची ही है...दोनो के होंठों की नर्माहट और स्मेल लगभग एक जैसी ही थी..पर दोनो के चूसने में काफ़ी फ़र्क था...रजनी थोड़ा ज़्यादा ही ज़ोर से चूस रही थी...और ऐसा करना हर मर्द को अच्छा फील करवाता है...अजय ने भी अपने आप को अपनी सास के हवाले छोड़ दिया और वो भूखी लोमड़ी की तरह उसके होंठों को .-चूस्कर उनका रस निगल रही थी.
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय को रजनी ने साइड की तरफ लिटा लिया, क्योंकि वो बड़ी देर से अपना भार उनपर डालकर चड़ा हुआ था...अब अजय बीच मे था और उसके एक तरफ प्राची और दूसरी तरफ उसकी सास थी.
प्राची दूसरी तरफ करवट लेकर सो रही थी..इसलिए उसकी तरफ से निश्चिन्त होकर अजय अपनी सास के मुम्मों से खेलने लगा...उसने एक-2 करके सारे बटन खोल दिए..और नीचे हाथ करके उनका पायजामा भी घुटनो तक कर दिया...अब वो अपने हाथों को उपर से नीचे तक बिना किसी रोक-टोक के घुमा रहा था.
उनके बड़े-2 मुम्मे ,थोड़ा बड़ा हुआ सा पेट और नीचे की तरफ बिना हलके बालों वाली चूत की गर्मी को महसूस करते हुए अजय का लंड एक बार फिर से तैयार हो गया.
अजय पीठ के बल लेट गया और उसकी सास के हाथ एक बार फिर से अपने दामाद के लंड की सेवा करने लगे...अजय तो अपनी आँखे बंद करके जमाई राजा बना हुआ सा अपनी सेवा करवा रहा था...की अचानक प्राची के खर्राटे बंद हो गये...ऐसा तभी होता था जब उसकी नींद खुलने वाली होती थी, दोनो की साँसे उपर की उपर रह गयी...रजनी ने फटाफट अपने कपड़े ठीक किए और पलटकर दूसरी तरफ मुँह कर लिया...और ये काम बिजली की तेज़ी से किया उसने...और अजय ने भी अपना खड़ा हुआ लंड फिर से पायजामे के अंदर ठूस लिया..और ऐसा करने के अगले ही पल प्राची ने करवट ली और अपना हाथ अजय के उपर रख दिया..वो हाथ उसकी छातियों पर आया था...उसने कुछ टटोला और एकदम से अपनी आँखे खोल दी..और अजय को अपनी बगल मे लेटा हुआ देखकर वो हैरान रह गयी और दबे हुए स्वर मे बोली : "अजय !!!!!!!!!! तुम और यहा....''
अजय ने भी अपनी आँखे खोल दी और खिसियानी हँसी हँसता हुआ वो प्राची को देखने लगा.
अजय की तो दिल की धड़कन इतनी तेज चल रही थी की उसे खुद ही सुनाई दे रही थी...बस वो किसी तरह अपनी घबराहट को अपने चेहरे पर नही आने दे रहा था..
प्राची उसे कुछ देर तक तो एकटक देखती रही और फिर उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गयी और वो धीरे से फुसफुसाई : "निन्नी नही आ रही थी ना मेरे गन्दू को मेरे बिना....हम्म्म्म ...''
और इतना कहकर वो झुकी और उसने एक गीली सी किस्सस कर दी अजय के चेहरे पर.
अजय ने कुछ राहत की साँस ली...और अपने आप को संभालकर बोला : "हाँ मेरी जान....तुम तो जानती हो की तुम्हारे बिना मैं एक रात भी नही रह सकता....और डॉक्टर ने तो ना जाने कितने महीने का परहेज बता दिया है...''
प्राची हंस दी और बोली : "मुझे पता था, इस बात का सबसे ज़्यादा दुख आपको ही होगा...पर डोंट वरी डार्लिंग,उसका भी कोई ना कोई जुगाड़ निकाल ही लेंगे...सिर्फ़ एक ही रास्ता तो बंद हुआ है...बाकी के तो खुले है...''
इतना कहते हुए प्राची का दाँया हाथ अजय के लंड की तरफ सरक गया.... उसके उफान मारते हुए लंड को उसने एक ही झटके मे पकड़कर नींबू की तरह निचोड़ दिया..
''आआआआआआआआआअहह धीरे करो....धीरे....''
प्राची : "ओहो.....तो जनाब पूरे तैयार होकर आए हो....मेरी मेहनत बच गयी वरना तुम्हारा लंड चूसकर इसको उठाना पड़ता....''
अजय का डिल धक् से रह गया...क्योंकि वो जानता था की वो जो भी बातें कर रहे हैं,वो उसकी सास सुन रही होगी..
अब प्राची बेचारी को कौन समझाए की ये उसकी वजह से नहीं बल्कि माँ की मेहनत की वजह से खड़ा हुआ है
अजय : "सुनो ना....चलो दूसरे रूम में चलते हैं.....यहा माँ सो रही है तुम्हारी...''
प्राची : "अच्छा जी....जब तुम अपने आप आए थे तो माँ की चिंता नही थी...अब क्यों डर रहे हो...यही लेटे रहो चुपचाप....मैं भी तो देखूँ की अपनी सास के रहते हुए तुम्हारे लंड में वो कड़कपन रहता है या नही...जो होना चाहिए..वैसे भी बुड्ढी एक बार सो जाए तो सुबह से पहले उठने वाली नही है...तुम फ़िक्र मत करो.''
अजय के साथ-2 रजनी भी अपनी बेटी के मुँह से अपने लिए ऐसी बात सुनकर हैरान रह गयी ...क्योंकि आज से पहले प्राची ने इस तरह से कभी सम्बोधित नही किया था अपनी माँ को.
अजय : "ये क्या बोल रही हो...थोड़ी तमीज़ से बोलो, आख़िर तुम्हारी माँ है ये...''
अजय तो अपनी तरफ से इसलिए अपनी सास की तरफ से बोल रहा था क्योंकि उसे तो लेनी थी उसकी बाद में , ऐसे में अपनी बीबी के साथ मिलकर वो भी अगर उसे बेइज्जत करने लगता तो बाद मे उसकी चूत मारनी मुश्किल हो जाती..
प्राची : "ओहो....देखो तो ....अपनी सास के लिए कितना प्यार उमड़ रहा है मेरे राजा के दिल मे...कही इनके उपर बुरी नज़र तो नही है ना तुम्हारे लंड की....हैं....बोलो ....ही ही....''
बेचारे अजय का चेहरा लाल सा हो गया, आज पता नही हुआ क्या था प्राची को, ऐसी बातें उसने आज से पहले कभी नही की थी...और आज कर भी रही थी तो अपनी सोती हुई माँ के सामने, जो असल में जाग रही थी...
अजय : "न .... नही तो....ये कैसा सवाल है....तुम भी ना....''
प्राची भी मज़े लेने के मूड में आ चुकी थी...वैसे भी सोने से पहले उसकी चूत में काफ़ी खुजली हो रही थी...पर अपनी माँ के होते हुए उसने बड़ी मुश्किल से उस खुजली को रोका था...इसलिए उसे आज अपनी लाइफ मे पहली बार अपनी माँ के उपर गुस्सा आ रहा था जो उसकी देखभाल का बहाना करके उसके पास सो रही थी आज की रात.....
अब आधी रात के समय अजय को अपने बिस्तर पर पाकर प्राची की चूत फिर से कुलबुलाने लगी..पर डॉक्टर की हिदायत भी उसे याद थी, इसलिए उसने अब तक रोका हुआ था अपने आप को...वरना अजय के कड़क लंड पर हाथ लगाने के बाद एक सेकेंड की देरी किए बिना वो उसपर सवार हो चुकी होती...
और अब अजय को अपनी माँ की वजह से ऐसे शरमाता हुआ देखकर उसे बड़ा मज़ा आ रहा था...
प्राची : "अच्छा , लेकिन ऐसा हो जाए तो पता भी नही चलेगा, देखो तो ज़रा,मेरी माँ को....उनके बदन को देखकर लगता ही नही है की ये नानी बनने वाली हैं...''
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
रजनी कुछ देर तक तो बेड पर मचलती रही फिर उसने अपना उपर का बटन एक बार फिर से खोला और अजय के हाथ को पकड़कर अंदर धकेल दिया...अजय के मुँह से जो आवाज़ें लंड चुसाई की वजह से निकल रही थी उनमे और बढ़ोतरी हो गयी,अपनी सास के नंगे मुम्मो को महसूस करके...उसके सुलग रहे बुलेट जैसे निप्पल्स पर हाथ रखकर...उन्हे मसलकर...मन तो उसका कर रहा था की दूसरी तरफ झुके और उनके निप्पल्स को मुँह में लेकर चबा जाए...पर इस वक़्त ऐसा करना संभव नही था....पर जो भी इस वक़्त हो रहा था उससे उसे और उसकी सास को एक अलग ही तरह का रोमांच प्राप्त हो रहा था....जिसे बयान करना मुश्किल था.
अचानक प्राची ने अपने सिर को पीछे करना चाहा...अजय ने भी अपने हाथ का दबाव कम करने से पहले अपना हाथ अपनी सास की छातियों से वापिस खींच लिया...रजनी भी तेज़ी से वापिस दूसरी तरफ पलट कर सो गयी...पर जल्दबाज़ी मे अपने बटन बंद नही कर पाई....
अब वो दूसरी तरफ मुँह करके लेटी थी पर उसकी छातियाँ उसके नाइट सूट से बाहर निकल कर लटक रही थी.ऐसे में अगर प्राची घूमकर उनकी तरफ चली जाती तो सारा खेल बिगड़ जाना था.
खैर,प्राची ने ऐसा कुछ नही किया...अब तो वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी...अपने पति के लंड को स्टील रोड जैसा कर दिया था उसने चूसकर ...और अपनी चूत में आग सी लगा थी थी उसे मसलकर....अब तो उसे ये भी याद नही था की उसकी माँ भी उसी पलंग पर सो रही है जिसपर वो चुदने की तैयारी कर रही है...
वो झट से उछलकर बैठी और अपनी टी शर्ट को उसने उतार दिया...और अगले ही पल आनी ब्रा को भी...क्योंकि उसे अच्छी तरह से पता था की अजय को बूब्स चूसना कितना पसंद है...फिर वो उठी और अपने पयज़ामे को भी उतार दिया, और हमेशा की तरह उसने आज भी पेंटी नही पहनी हुई थी...
अब वो पूरी नंगी थी अजय के सामने....
और हल्की रोशनी मे उसका दूधिया बदन कमाल का लग रहा था.
अजय ने भी अपना पायजामा नीचे खिसका दिया...और प्राची उसकी गोद में दोनो तरफ लातें करके बैठ गयी...उसके पेट पर उसकी चूत वाला हिस्सा था...और वहां से मिल रही गर्मी से अजय के पेट पर हल्के फुल्के से जो बाल थे वो झुलस कर रह गये...गीले से हो गये वहां से निकल रहे गर्म पानी से...
अजय ने उसकी कमर मे हाथ रखकर अपनी तरफ खींचा और उसकी उभरी हुई ब्रेस्ट को मुँह मे लेकर किसी अबोध बालक की तरह उसके चुचूक चूसने लगा..
प्राची ने उसके सिर के बालों को ज़ोर से पकड़कर और ज़ोर से उसे अपने अंदर घुसा लिया और चिल्लाई : "सक्क मी बैबी....पी ले मम्मा का सारा दूधु...''
अजय ऐसी बातें सुनकर ज़्यादा उत्तेजित हो जाया करता था जिसमे प्राची कोई रोल प्ले करती थी...इस वक़्त वो प्राची का बेटा बनकर उसका दूध पी रहा था..
प्राची : "उम्म्म्म......बस कुछ महीने के बाद इस दूध का असली हक़दार आ जाएगा....''
अजय ने अपना मुँह बाहर निकाला और बड़े प्यार से बोला : "एक तरफ से उसे पिलाना,और दूसरी तरफ से मुझे....मैं नही मानने वाला बिना पिए....''
प्राची उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दी...
और बगल मे अपनी आँखे मूंद कर लेटी हुई रजनी के निप्पल्स में भी तरंगे सी उठने लगी....काश इस वक़्त अजय उसका दूध भी पी सकता....और उन तरंगो को चबाकर ख़त्म कर सकता...
अजय ने बड़ी चालाकी से प्राची को अपनी तरफ पूरा चिपका लिया...और एक बार फिर से अपने दूसरे हाथ को अपनी सास की तरफ ले गया...और सीधा लेजाकर उनकी ब्रेस्ट को फिर से मसलने लगा...
रजनी मन ही मन बुदबुदाई 'शुक्र है, मेरी याद तो आई इसको...'
और फिर वैसी ही सीधी हो गयी और अपनी उभरी हुई छातियों को अपने दामाद के हवाले कर के उसी मर्दन का आनंद उठाने लगी जो कुछ देर पहले तक अजय उसे दे रहा था.
अजय का मुँह तो अपनी बीबी की ब्रेस्ट पर चल रहा था पर असली मज़ा उसे अपने हाथों के थ्रू ही मिल रहा था जिनमे उसकी सास की ब्रेस्ट थी इस वक़्त....उसे वो कहावत याद आ गयी, 'पाँचो उंगलियाँ घी में और मुँह कड़ाई मे'..कुछ ऐसा ही हाल था इस वक़्त अजय का भी...
प्राची की चूत की खुजली बढ़ने लगी और वो धीरे-2 खिसक कर अजय के लंड की तरफ जाने लगी...अजय को भी जब ये एहसास हुआ तो उसने उसे रोक दिया...और बड़े ही प्यार से बोला : "बैबी....डॉक्टर ने अभी कुछ हफ्तों के लिए बिल्कुल मना किया है....प्लीज़...कुछ दिन रुक जाओ बस...अभी तुमने ही कहा था ना की दूसरे भी तरीके है...''
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