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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
वो समझ गयी की जिस छोटे से सपने में जाकर वो मज़े ले रही थी, वो सब असल में हो रहा था उसके साथ..और शायद इसलिए उसे आज तक ऐसे मज़े नही महसूस हुए थे जो आज हुए..
वो आश्चर्य में डूबकर चीख सी पड़ी
''जी जीजूssssssssssssssssssssssss .......आ आ आआआआआआआप्प्प्प्प्प .....''
अजय ने मुस्कुराते हुए अपना चेहरा उपर उठाया...उसके पूरे चेहरे पर चमकीला रस लगा हुआ था....ऐसा लग रहा था जैसे किसी मक्खन की हांड़ी में मुँह मारकर निकला हो अजय..
वो मुस्कुराते हुए बोला : "हाँ मेरी जान.....मैं .....तुम्हारा प्यारा जीजू............''
पूजा ने तुरंत सीधा होते हुए पास पड़ी चादर से अपने नंगे शरीर को धक लिया..वो अभी तक नही समझ पा रही थी की ये सब कैसे हुआ...कब अजय उसके कमरे में आया और कब वो उसकी चूत से खेलने लगा,इस बात का उसे एहसास ही नही हुआ....उसे इस वक़्त अपने आप पर काफ़ी गुस्सा भी आ रहा था...क्योंकि ऐसे में तो अजय उसकी चूत भी मारकर निकल जाता और वो यही सोचकर की ये तो सपने में हो रहा है..कुछ ना कर पाती..
पर जो भी हुआ था उसके साथ, उसका गुदगुदा सा एहसास अभी तक उसे रोमांचित कर रहा था..वैसे भी पार्क में जो कुछ भी हुआ था, उसके बाद तो पूजा सोच ही चुकी थी की अगली बार पता नही कैसे और कब ऐसा कुछ होगा...या ऐसा कोई मौका भी मिल सकेगा उन्हे या नही..पर अजय ने तो कुछ ही घंटो मे इस मौके की तलाश करके उसकी चूत चाट डाली..
पर वो अपनी तरफ से गुस्सा दिखाकर और सकुचा कर यही दिखाने का प्रयास कर रही थी की वो सब इतनी आसानी से नही होना चाहिए था...वो ऐसी नही है की उसके जीजू जब जी चाहे उसके साथ कुछ भी कर सके..इसलिए वो डरने का नाटक करती हुई चुपचाप सी होकर बैठ गयी.
अजय समझ गया की उसके मन में क्या उथल-पुथल चल रही है..उसने अपना मुँह उसी चादर से सॉफ किया और सीधा होकर उसके सामने आकर बैठ गया.
अजय : "मुझे पता है की इस वक़्त तुम्हारे मन में क्या चल रहा है....ज़्यादा मत सोचो...मुझे पता है की इन सबमे तुम्हे भी मज़ा आ रहा है...''
पूजा (थोड़े गुस्से में ) : "मुझे आपसे ऐसी उम्मीद नही थी ..... इस तरह मे मुझे सोता हुआ देखकर आपने मेरा फायदा उठाया है आज....ये बिल्कुल भी सही नही है...आपको ऐसा नही करना चाहिए था....''
अजय : "और तुमने जो किया वो !!!!! ...वो सही था क्या...''
पूजा : "मैने...!! मैने क्या किया ?''
अजय : "मेरे रूम के बाहर खड़े होकर तुमने आज मेरी और प्राची की चुदाई जी भरकर देखी थी....बोलो.... देखी थी या नही...''
अजय की ये बात सुनकर पूजा की आँखे फटने जैसी हो गई..उसने तो सोचा भी नही था की अजय को ये बात पता थी...फिर उसने सोचा की शायद अजय ने उसे बाहर खड़े हुए देख लिया होगा..
पूजा : "वो ...वो तो ...वो तो बस....''
अजय : "वो तो बस तुम अपने एंजाय्मेंट के लिए देख रही थी...है ना...''
थोड़ा रुक कर वो बोला : "और जानती हो मुझे कैसे पता चला...''
पूजा उसके चेहरे की तरफ प्रश्न भरी नज़रों से देखने लगी
अजय ने फ़ौरन पास ही पड़ी पूजा की गीली कच्छी उठाई और उसके सामने लहरा दी.
अजय : "ये देख रही हो ना...जब इसका ये हाल है तो सोचो, तुम्हारी चूत का क्या हाल हो रहा होगा उस वक़्त...जब तुम वहाँ खड़ी होकर हमारी चुदाई के खेल का मज़ा ले रही थी...तुमने मेरे कमरे के बाहर ढेर सारा रस गिरा दिया था...और उसी को देखकर मैं समझ गया था की तुमने वहाँ खड़े होकर कितनी बुरी तरह से अपनी चूत को मसला होगा..बस, यही सोचकर मैं तुम्हारे कमरे में आया की तुम अब क्या कर रही हो...और यहा भी तुम, अपने कपड़े उतार कर ,आधी नींद में डूबी हुई अपनी चूत रगड़ रही थी...वैसे तुम्हारी नींद का फायदा उठाकर ऐसा कुछ भी करने का मेरा कोई इरादा नहीं था, पर जब तुम्हारे नंगे बदन को देखा तो मेरा ईमान डोल गया पूजा, सच में , तुम्हारे जैसी बॉडी मैंने किसी की नहीं देखि आज तक, इतनी सेक्सी हो यार तुम, शरीर अंग बिलकुल परफेक्ट है, और ये सब देखकर मुझसे रहा नहीं गया , इसलिए मैने सोचा की थोड़ी तुम्हारी हेल्प कर दी जाए...''
इतना कहकर अजय चुप हो गया.
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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रजनी अजय को घसीटकर सीधा किचन में ले गयी...और दोनो पलक झपकते ही एक गहरी स्मूच में डूब गये...
रजनी के हाथ फिसलकर अजय के लंड पर और अजय के हाथ फिसलकर उनके मोटे मुम्मों पर चले गये...और दोनो एक दूसरे के उन ख़ास अंगों को बुरी तरह से मसलने लगे.
सुबह का टाइम और ऐसी गर्म औरत की किस्स ....अजय की तो हालत खराब होने लगी..उसने सुन तो रखा था की 50 के आस पास की औरतों में सेक्स की भूख सुबह के समय कुछ ज़्यादा होती है, और आज देख भी लिया उसने..क्योंकि जिस तरह से रजनी उसके होंठों को चबा रही थी,ऐसा लग रहा था की वो आज उसी का नाश्ता करेगी.
अजय के हाथ खिसक कर अपनी सास की चूत पर पहुँच गये..और उसने गाउन के उपर से ही उनकी गर्म भुट्टे जैसी चूत को मसलना शुरू कर दिया..उनकी चूत का दाना बाहर निकल कर अपने आप को मसलवाने के लिए जैसे चिल्ला सा रहा था..
रजनी ने अपनी एक टाँग उठा कर पास की टेबल पर रख दी और अजय अब उसकी खुली हुई चूत को पूरी तरह से मसल पा रहा था.
चूत पर हाथ लगने से रजनी के होंठों में एक अजीब सा नरमपन और मिठास आ गयी थी..जो अजय को काफ़ी पसंद भी आई..और ये मिठास निशानी थी की वो जल्द ही झड़ने वाली है..
और वो झड़ भी गयी.
सिर्फ़ एक मिनट के अंदर-2 उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया...
अब ऐसी सिचुएशन में उत्तेजना भी तो अपने चरम तक आ जाती है ना..
झड़ने के बाद वो निढाल सी होकर अजय की बाहों में झूल गयी....और फिर अचानक चौंकते हुए उसने अपनी चूत की तरफ देखा...उसके रेङ कलर के गाउन पर एक बड़ा सा गीला धब्बा बन चुका था.ठीक चूत वाली जगह पर.
अजय भी वो देखकर मुस्कुरा दिया.
रजनी : ''बदमाश...तुम हंस रहे हो...और यहाँ मेरे कपड़े खराब हो गये...रिया ने देख लिया तो पता नही क्या सोचेगी...मैं बाथरूम में जा रही हूँ , तुम दोनो निकल जाना ...ओक...बाइ...''
और जाते-2 उसने एक बार फिर से अजय के होंठों पर एक छोटी सी पप्पी कर दी, ठीक वैसी ही जैसी थोड़ी देर पहले उनकी बेटी प्राची ने की थी उसके होंठों पर,ऑफिस के लिए निकलने से पहले ..दोनो में कितनी समानता थी..ये सोचकर अजय मुस्कुरा उठा.
अजय किचन से निकलकर रिया के रूम की तरफ चल दिया...और बिना खटकाए ही वो अंदर घुसता चला गया..
और अंदर का नज़ारा देखकर उसके तो होश ही उड़ गये.
रिया सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में खड़ी होकर बेड पर झुकी हुई थी...और कपड़े प्रेस कर रही थी.
उसके जिन कपड़ो पर चाय गिरी थी वो वहीं ज़मीन पर पड़े थे..शायद अंदर आते ही रिया ने उन्हे उतार फेंका होगा और उसके बाद अलमारी से नये कपड़े निकाले और अब उन्हे प्रेस कर रही थी..
उसकी पीठ थी अजय की तरफ,इसलिए वो देख ही नही पाई की उसके पीछे खड़ा होकर अजय उसकी मटकती हुई गांड देखकर अपनी लार टपका रहा है..
उसकी केले के तने जैसी चिकनी और मोटी जांघे देखकर अजय का मन कर रहा था की आगे बड़े और उन्हे चाट ले...उनपर शहद लगाए और उपर से नीचे तक अपनी जीभ से उस शहद को पी जाए..ऐसी चिकनी टांगे उसने आज तक नही देखी थी...एक भी बाल ना होने की वजह से वो और भी ज़्यादा गोरी लग रही थी...एक बात उसने इस घर की औरतों में नोट की थी..इनके शरीर पर बाल आते ही नही थे..इसलिए ना तो इन्हे पार्लर मे जाकर अपनी वेक्सिंग करवाने की ज़रूरत पड़ती थी और ना ही अपने बालों वाले अंगों को छुपाने की..कुदरती तौर पर उनके शरीर पर एक भी बाल नही था..उसकी पत्नी प्राची , उसकी सास रजनी , साली पूजा और अब ये रिया भी एकदम चिकनी ..
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय अपने ऑफीस पूरे दिन आने वाली शाम के बारे में सोचता रहा...की कैसे वो सोनी की चूत मारेगा आज...
सोनी से उसकी बात हो चुकी थी और उन्होने मिलने का टाइम भी डिसाइड कर लिया था...
अजय तो यही सोचकर उसके घर जा रहा था की शायद आज वो घर पर अकेली होगी, इसलिए उसने अजय को इस तरह से चुदाई करवाने के लिए अपने घर पर बुलाया है..
पर वो ये नही जानता था की उसके घर पर आज उसे अपनी जिंदगी में वो देखने को मिलेगा, जिसके बारे में उसने कल्पना भी नही थी.
बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हुए बीता अजय का दिन...और जैसे ही घड़ी में 6 बजे, वो अपने ऑफीस से निकल गया.
और ठीक आधे घंटे बाद वो सोनी के घर के बाहर खड़ा था.
और इसे घर कहना सही नही था...ये तो एक शानदार महल था...3 मंज़िला बड़ी सी कोठी और अंदर जाने से पहले दोनो तरफ हरा भरा गार्डेन भी.
दिल्ली में इतनी बड़ी जगह की कीमत क्या होगी,अजय इसी का हिसाब किताब लगाने में लग गया.
चोकीदार ने इंटरकॉम पर बात की और उसे अंदर जाने दिया.
अंदर पहुँचकर उस कोठी की शानों-शोकत देखकर वो दंग रह गया..ऐसा घर तो उसने सिर्फ़ फ़िल्मो में ही देखा था..दीवार पर लगी तस्वीरों को देखकर अजय को पता चला की ये तो एक मशहूर इंडस्ट्रियलिस्ट गुप्ता जी का घर है...उनकी तस्वीरे शहर के बड़े-2 नेताओ और फिल्म इंडस्ट्री के लोगो के साथ दीवार पर लगी हुई थी.यानी सोनी उनकी बेटी है.
अजय वहां की भव्यता देखकर यही सोचने लगा की इन साले अमीरों के पास इतना पैसा आता कहाँ से है.
तभी उसके पीछे से एक मधुर सी आवाज़ आई : "सुनिए...आपको सोनी मेडम उपर बुला रही है...''
उसने मुड़कर देखा तो देखता ही रह गया...एक साँवली सी लड़की जो देखने में 20 से ज़्यादा की नही थी, और उसने एक शॉर्ट और टी शर्ट पहनी हुई थी, बड़ी मादकता से उसे देखकर उपर चलने के लिए बोल रही थी.
अब उसने मेडम बोला था, यानी की वो घर की कोई सदस्या तो थी नही...पर नौकरानी भी नही लग रही थी वो.
अजय बोला : "ओके ....चलिए...''
वो लड़की अजय को सीडियो के साइड में बनी लिफ्ट तक ले गयी...और उसने बटन दबा कर लिफ्ट बुलवा ली.
3 स्टोरी के घर में अंदर लिफ्ट लगवा रखी थी...वाह...अजय तो ये देखकर और भी इंप्रेस हो गया.
लिफ्ट में जाते ही अजय ने पूछा : "आप कौन है...''
वो लड़की मुस्कुराइ और बड़े ही प्यार से बोली : "जी मेरा नाम गिन्नी है और मैं यहाँ काम करती हूँ ...''
अजय ये सुनकर दंग रह गया...यानी ये यहाँ की नौकरानी है...और वो भी इतनी सुंदर..
और ये कैसा नाम है...गिन्नी ...कहीं इसके निप्पल्स के आस पास के घेरे को देखकर तो इसका ये नाम नही रखा गया है...
और वो घूरकर उसकी टी शर्ट वाले हिस्से पर उसकी 'गन्निया' ढूंढने लगा.
अजय पूछना तो चाहता था पर उसकी हिम्मत नही हुई ये पूछने की, की 'क्या काम करती हो गिन्नी ?'
और अजय को ऐसे अपनी छातियों की तरफ घूरते देखकर गिन्नी के होंठों पर भी मुस्कान तैर गयी....जिसे देखकर अजय समझ गया की वो काफ़ी खेली खाई लड़की है...उसकी तरह.
3रर्ड फ्लोर पर पहुँचकर गिन्नी ने अजय से कहा :''आप सीधा जाकर दाँये वाले रूम में चले जाइए ...वो सोनी मेडम का है...''
और इतना कहकर वो लिफ्ट बंद करके वापिस नीचे चली गयी.
एक लंबी सी गेलरी को पार करके वो कोने में पहुँचा...वो दाँये वाले रूम में जाने ही वाला था की उसे बाँयी तरफ के रूम में से किसी के गुनगुनाने की आवाज़ सुनाई दी..और वो किसी लड़की की थी..अजय के मन का चोर फिर से जाग उठा..
वो घूमकर दूसरी तरफ गया और सामने वाले रूम के अधखुले दरवाजे को धकेलकर अंदर घुस गया.
इतना शानदार बेडरूम था वो...दीवारो पर राक स्टार के पोस्टर चिपके हुए थे...बड़े से बेड पर बहुत सारे कपड़े बिखरे पड़े थे...जिनमें रेड कलर की सेक्सी सी ब्रा और पेंटी भी थी..
अजय तो गुनगुनाने की और पानी गिरने की आवाज़ सुनकर ही समझ चुका था की कोई जवान लड़की नहा रही है.
बाथरूम का दरवाजा पूरा खुला हुआ था..
और वो हिम्मत करके आगे बढ़ता चला गया.
और जैसे ही दरवाजे के सामने पहुंचा ,उसे अपनी जिंदगी का सबसे सेक्सी नज़ारा देखने को मिल गया.
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
एक जवान और सेक्सी लड़की, जिसके उभार भी अभी तक सही से डेवेलप नही हुए थे...वो शॉवर के नीचे खड़ी होकर नंगी नहा रही थी...
उसका रंग भी सोनी जैसा ही सांवला था..पर उसका हर अंग बड़ा ही रसीला और मादकता से भरपूर था.बड़ा ही कस हुआ सा जिस्म था उसका
साबुन से वो अपने पूरे शरीर को रगड़ रही थी.
और ख़ासकर अपनी चूत को...जिसमे से झाँक रहे गुलाबी दाने को वो अपनी उंगलियों के बीच लेकर बड़े ही आराम से मसल रही थी..
और हर रगड़ के साथ उसके मुँह से धीमी-2 सिसकारियाँ निकल रही थी.
अजय की तो हालत खराब हो गयी ऐसी जवानी से भरपूर नंगी लड़की को मास्टरबेट करते देखकर..
ये तो सोनी से भी सेक्सी लग रही थी..शायद ये उसकी छोटी बहन थी..क्योंकि देखने में ही ये छोटी लग रही थी सोनी के मुक़ाबले.
अजय का लंड तो सुबह से खड़ा हुआ था सोनी की चुदाई के बारे में सोचकर...
और अब ये नज़ारा देखकर वो और भी ज़्यादा उत्तेजित हो गया था.
काश ये भी उसे मिल जाए...यही सोचकर अजय ने अपने खड़े हुए लंड को ज़ोर से दबा दिया.
और तभी उसे सोनी का ख्याल आया..अगर सोनी ने उसे इस तरह से उसकी बहन के रूम में देख लिया तो वो ना इधर का रहेगा और ना उधर का..
वो पीछे मुड़ा और जैसे ही बाहर की तरफ जाने लगा, उस लड़की ने पीछे से उसे पुकारा..
''रुक जाओ....पूरा खेल तो देख लो....''
अजय की धड़कन और तेज हो गयी ये सुनकर....यानी वो लड़की जानती थी की अजय बाहर खड़ा होकर उसे देख रहा है..
अजय धीरे से मुड़ा तो उस लड़की को बड़े ही सेक्सी तरीके से अपनी तरफ देखते हुए पाया
''तुम अजय हो ना...?''
ओहो....ये तो उसका नाम भी जानती है..
अजय के परेशान चेहरे को देखकर वो बोली : "घबराओ मत...मुझे तुम्हारे बारे में दीदी ने ही बताया है...सुबह से वो ना जाने कितनी बार तुम्हारे बारे में बोलकर मुझे पका चुकी है...''
अजय का अनुमान सही था,ये सोनी की छोटी बहन ही थी.
वो बोली : "मेरा नाम इशिका है...और मेरे दोस्त मुझे प्यार से इश्क़ कहते है...''
हाय .....जिस अदा से उसने अपना नाम बताया था, अजय का तो दिल किया की वहीं के वहीं उसके साथ इश्क़ कर बैठे..
पर उसे इस वक़्त सबसे बड़ी हैरानी इस बात की हो रही थी की कैसे वो एक अंजान आदमी के सामने इस तरह से नंगी खड़ी होकर बड़े आराम से अपनी चूत का मर्दन करते हुए उससे बात कर रही है.
और ये शायद इशिका ने भाँप लिया था.
वो बोली : "तुम शायद सोच रहे हो की मैं किसलिए तुम्हारे सामने इस तरह से बिना किसी शरम के नहा रही हूँ ...तो सुनो, मैं अभी तीन महीने पहले ही यू एस से आई हूँ , मेरी अभी तक की पढ़ाई वहीं पर हुई है..और वहां ये सब चलता है...और वैसे भी ,हमारे घर पर ऐसी किसी भी बात की कोई पाबंदी नही है,वरना आज तुम पापा के घर पर होते हुए दीदी से मिलने ना आ पाते..''
अजय (चौंकते हुए) : "तो क्या...गुप्ता जी..यानी आपके पापा इस वक़्त घर पर ही है...''
वो फिर से मुस्कुराइ और बोली : "हाँ ...नीचे अपने रूम में ही है वो..गिन्नी के साथ ...''
उसकी रहस्यमयी हँसी देखकर अजय समझ गया की इस घर में कितने खुले विचारों वाले लोग रहते है...
यानी जिस नौकरानी ने उसे उपर लाकर छोड़ा था, वो इस वक़्त सोनी के पापा से चुद रही है..
हाँ ...तभी उसके शरीर में इतना रसीलापन दिख रहा था.
अजय की नजरें उसके मुम्मों पर ही टिकी थी, जिन्हे इशिका बड़े ही प्यार से रगड़ रही थी
अजय ये सब देखकर हैरान हुए ही जा रहा था की उसके पीछे से सोनी की आवाज़ आई
''अजय !!!!!! तुम यहाँ हो...और मैं कब से तुम्हारा अपने रूम में वेट कर रही हूँ ...''
अजय की तो फट कर हाथ में आ गयी...सोनी ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया था...उसकी नंगी बहन को नहाते हुए देखकर.
वो समझ गया की अब तो उसकी खेर नही...वो धड़कते दिल से पलटा
और सामने सोनी खड़ी थी उसके..
अपने दोनो कुल्हो पर हाथ रखकर वो अजय को बड़े ही गुस्से में देख रही थी..
''क्या कर रहे हो तुम यहाँ ....'' उसकी आवाज़ में काफ़ी गुस्सा था..
अजय की तो गिग्घी बंध गयी....वो कुछ बोल ही नही पाया...और उसने शर्मिंदगी से सिर झुका लिया..
और तभी सोनी की ठहाके भरी हँसी सुनकर अजय ने चौंकते हुए सिर उठाया..
सोनी अपना पेट पकड़ कर बुरी तरह से हँसे जा रही थी...और हंसते-2 वो उस बेड पर दोहरी होकर लेट गयी...पर उसका हँसना बंद नही हुआ.
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08-31-2018, 04:36 PM,
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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अजय को लगभग खींचते हुए अपने कमरे में ले गयी सोनी..और अंदर पहुँचते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया
अजय : "यार...तुमने बताया ही नही की सब घर पर ही है आज...मैने तो सोचा था की तुम्हारी फैमिली के सभी लोग बाहर गये है, इसलिए तुमने आज शाम का ये प्रोग्राम बनाया है...''
सोनी : "तुम्हे कोई प्राब्लम है क्या...वैसे भी हमारे घर में कोई किसी से सवाल नही करता, जो जिसकी मर्ज़ी होती है वो कर लेता है...हमारे घर का कल्चर काफ़ी ओपन टाइप का है ...समझे..''
सोनी ने अपनी एक आँख मारते हुए अजय से कहा और धीरे-2 चलती हुई उसके पास आ गयी और उसकी कमर में हाथ डालकर अजय को अपने जिस्म से सटा लिया
और उसके होंठों के पास अपने लबों को लेजाकर धीरे से बोली : "तुम भी तो कितने मज़े से मेरी बहन को नहाते हुए देखकर मज़े ले रहे थे...अगर मेरे घर मे ऐसा खुलापन ना होता तो क्या तुम देख पाते इतनी छोटी सी लड़की को नहाते हुए..जो अभी ढंग से जवान भी नही हुई है...''
अजय कुछ ना बोल पाया...कह तो वो सही रही थी..और ऐसे खुलेपन को देखकर अजय भी एंजाय कर रहा था.
अजय : "ओके ...मैं समझ गया...तुम्हारी बहन का तो कुछ नही...पर तुम्हारे पापा...वो भी तो नीचे ही है...वो भी कुछ नही कहते क्या...''
सोनी मुस्कुराइ और बोली : "ये सब उन्हे पता है...उन्हे तो मैने सुबह ही बता दिया था की मेरा एक बी एफ आने वाला है...और मैं जब भी अपने किसी दोस्त को घर बुलाती हूँ तो इसका मतलब चुदाई ही होता है..ये उनको भी पता है..वो अपनी लाइफ में मस्त रहते है और हम लोग अपनी में ...''
अजय भी मुस्कुराया और बोला : "सही है यार...ऐसा बाप सभी को मिलना चाहिए''
सोनी ने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाई : "यस ...बिल्कुल सही कहा...और ऐसी माँ भी..''
अजय तो उसकी माँ के बारे में पूछना ही भूल गया था
"ओहो...मैं तो भूल ही गया तुम्हारी मोम के बारे में पूछना...वो कहाँ है..''
सोनी : "वो अपने एक बॉय फ्रेंड के साथ यूरोप के टूर पर गयी है...''
अजय का माथा भन्ना गया ये सुनकर...उपर से नीचे तक सभी मस्ती मार रहे है यहाँ तो.
सोनी : "और जाने से पहले मोम ने स्पेशली गिन्नी को बोला है की पापा का ध्यान रखे ....इसलिए वो भी ज़्यादातर घर पर ही रहते है...अपने बेडरूम में ..गिन्नी के साथ..''
एक 55 साल के इंसान के साथ 18 साल की कच्ची कली...ये होती है पैसों की ताक़त.
अजय को ऐसे सोचते हुए देखकर सोनी बोली : "अब तुम्हारी पूछताछ पूरी हो गयी हो तो मेरे बारे में भी सोच लो कुछ...पता है कल से कितनी बेचैनी हो रही है मुझे''
अजय : "सॉरी...मैं पूछताछ नही कर रहा था..मैं तो बस ऐसे ही....''
और फिर शरारती हँसी हंसते हुए वो बोला : "पर तुम फ़िक्र मत करो...डॉक्टर अजय आ गये है अब...वो तुम्हारा सही से इलाज कर देंगे.... किस तरह की बैचैनी हो रही है तुम्हे''
सोनी की आँखो में भी चमक आ गयी,अजय को अपने लिए डॉक्टर बनता देखकर...उसके दिमाग़ में तुरंत
डॉक्टर-मरीज का खेल आ गया,और वो मरीज बनकर रोल प्ले करने कूद पड़ी.
सोनी : "डॉक्टर साहब, कल से ना मेरा दिल बड़ी ज़ोर से धड़क रहा है...और मेरे सीने में भी अजीब से पैन हो रही है..''
सोनी ने अपने उभारों की तरफ इशारा करते हुए कहा.
अजय : "ओहो...ये तो काफ़ी सीरियस केस लग रहा है...आप यहाँ आकर लेट जाओ..''
और अजय ने सोनी को उसके विशालकाय बेड पर लिटा दिया...सोनी ने टी शर्ट और केप्री पहनी हुई थी..अजय ने उसकी टी शर्ट उतार दी और नीचे उसने बहुत ही सेक्सी, ब्लेक कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमे से उसके निप्पल बुरी तरह से तन कर सॉफ दिख रहे थे.
अजय के तो मुँह में पानी आ गया उन पर्वतों को देखकर..
अजय ने उसके उभारों पर हाथ फेरते हुए पूछा : "कहाँ दर्द है , बताओ मुझे...''
सोनी ने एक लंबी सिसकारी मारते हुए उसके हाथ को ज़ोर से अपनी छाती पर दबा दिया : "सस्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.....आआआआहह...बस यही डॉक्टर साहब....बिल्कुल इसी जगह पर....''
अजय की हथेली के नीचे सोनी का निप्पल चुभ रहा था...उसने अपना हाथ छुड़वाया और बोला :"ओहो....मैं समझ गया...रूको ज़रा, मुझे देखने दो.''
इतना कहकर अजय ने उसकी ब्रा के हुक्स खोलकर उसे निकाल दिया
और अब अजय के सामने बड़ी ही अकड़ के साथ उसके दोनो स्तन खड़े थे.
और सबसे ज़्यादा अकड़ तो थी उसके नन्हे और मगरूर निप्पलों में ..जो ऐसे लश्कारे मारकर अपना आकार दिखा रहे थे जैसे वो भी बड़े होकर बूब्स बनना चाहते हो.
सोनी : "क्या लगता है डॉक्टर साहब...''
अजय : "ये बीमारी मेरी पकड़ में आ चुकी है.... देखो, तुम्हारे निप्पल्स में गैस भर चुकी है..इसे निकालना होगा.''
अजय ने उसके खड़े हुए निप्पल को पकड़कर जोर से खींच दिया
सोनी के होंठ थरथरा उठे ये सुनकर...उसके मुँह से बस यही निकला
''तो निकालो ना...किसने रोका है..''
अजय ने उसकी नशीली आँखो में देखते हुए अपने होंठों को उसके उरोजों पर झुका दिया और उसके कड़क निप्पल को अपने दांतो तले दबाकर ज़ोर से चूस डाला..
''आआआआआआआआआआआअहह ..........सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स...... उूुुउउफफफफफ्फ़ अजय ............................ म्*म्म्मममममममममममममाअर गयी............''
और तड़पकर सोनी ने अजय के सिर को पकड़कर अपनी छाती पर ज़ोर से दबा डाला.
''आआअहह येस्ससस्स....डॉक्टर......यहीं पर....उम्म्म्ममममममममममम.......इसमें से निकालो गैस को.....अहह ज़ोर से .....दांतो से...............निकालो नाआआआआअ''
अजय तो उसकी उँची आवाज़ से डर रहा था...वो इतना ज़ोर से चिल्ला रही थी जैसे उसका ब्लातकार हो रहा हो...वो बुरी तरह से मचल भी रही थी अपने बिस्तर पर.
और एक के बाद दूसरे निप्पल में से भी अजय ने उसी तरह से गैस निकाल कर उसे थोड़ी देर के लिए शांत किया.
सोनी के सेक्सी से चेहरे को देखते हुए अजय ने उसके होंठों को अच्छी तरह से स्मूच किया...और बोला
''और कोई तकलीफ़ भी है क्या....''
सोनी ने मुस्कुराते हुए अपनी चूत के उपर अजय के हाथ को रख दिया और बोली : ''यहाँ बहुत जलन महसूस हो रही है ... हाथ लगाने पर ऐसा लगता है जैसे झुलस जाएँगे..''
अजय को भी वो झुलसाने वाली गर्मी महसूस हुई अपने हाथों पर..
वो उसकी आँखो मे देखते -2 नीचे जाने लगा...उसकी केप्री को नीचे खींच दिया और फिर पेंटी को भी..
और जैसे ही उसकी बिन बालों वाली चूत सामने आई अजय बोल पड़ा
''ओहो....यहा तो काफ़ी झुलसा देने वाली हवा निकल रही है....मैं कोशिश करता हू इसे बुझाने की..''
सोनी की चूत मचल उठी ये सुनकर और वो बोली : "जी डॉक्टर साहब...ज़रा आराम से देखिएगा...कोई जल्दी नही है मुझे...बस ये आग शांत कर दो..''
सोनी के शब्द पूरे होने से पहले ही अजय अपने होंठों को लेकर उसकी चूत में कूद गया.
सोनी की पीठ कमान की तरह टेडी होकर हवा में उठ गयी और उसने पहले की तरह सीसिआते हुए अजय के सिर को पकड़ कर अपनी चूत पर जोरों से दबा दिया.
''आआआआआआआआआआअहह ओह...अजय.....प्लीईईईईईस........सॅक मिईीईईईईईईईईईई....ज़ोर से.........................आआआआआआआहह यही पर................आआहह''
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08-31-2018, 04:36 PM,
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अजय को ऐसा लगा जैसे उसने किसी गर्म मलाई से भरे डिब्बे में मुँह डाल दिया है....गरमा गरम मलाई के साथ -2 गर्म हवा के भभके निकल रहे थे उसकी चूत में से.
पर जैसे-2 वो उसकी छूट को चूस रहा था...वैसे -2 उसकी सिसकारियाँ और भी तेज होती जा रही थी...ऐसा लग रहा था जैसे अजय अपनी जीभ और दाँतों से उसके जिस्म पर कब्जा करता जा रहा है और सोनी अपने होशो हवस खोकर पागलों की तरह चिल्लाती जा रही थी.
''आआआआआआआहह..........माआआआआआअर डालोगे तुम तो...................आआआआआआअहह एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स बैबी ...............सक्क मिईीईईईईईईईईईईईईई....और ज़ोर से....................उम्म्म्ममममममममममममम''
और एक वक़्त तो ऐसा आया की सोनी उसके सिर को ज़ोर लगाकर दूर हटाने लगी...शायद उसकी चूत को चूस्टे हुए वो उसे झड़ने के उस मुकाम तक ले आया था जिसके बाद जरा सा टच भी दर्दनाक लगता है , और लास्ट में आकर जो सेंसेशन महसूस होता है, वो सोनी को होने लग गया था..
पर डॉक्टर अजय भी ठान कर बैठा था की आज वो उसकी चूत की गर्मी को पूरी तरह से दूर करके रहेगा, इसलिए वो भी डटा रहा...चूसता रहा उसकी गर्म चूत को...अपने होंठों के बीच उसके निचले लिप्स को दबाकर जोरों से स्मूच करता रहा ...और तब तक करता रहा जब तक सोनी की आँखे नही फिर गयी...वो बेहोशी जैसी अवस्था में पहुँच गयी अत्यधिक उत्तेजना के शिखर तक पहुँचकर ....और उसी बेहोशी में जब वो झड़ी तो उसके शरीर में ऐसे कंपन हुआ जैसे उसके शरीर पर कब्जा की हुई कोई आत्मा बाहर निकल गयी हो...और जोरदार तरीके से झड़ने के बाद वो निढाल सी होकर नीचे गिर पड़ी.
अजय ने उसकी चूत के उपर लगे रस को अच्छी तरह से पिया और फिर वापिस उपर आ गया.
और उसकी अधखुली आँखो मे देखकर बोला : "अब कैसा लग रहा है सोनी जी....आराम मिल गया ना.''
अपने ही बिस्तर पर नंगी लेती हुई सोनी के चेहरे पर मुस्कुराहट फैल गयी और बोली : "आपने तो मेरी बीमारी का बिल्कुल सही तरीके से इलाज किया है...पर उपर की आग ठंडी करने से क्या होता है...ऐसा कोई तरीका नही है जिसमे आप अंदर तक ठंडक पहुँचा सके...शायद आपका ये पाइप इसी काम के लिए है...''
सोनी के हाथों में अजय का मोटा लंड आ चुका था, जिसे वो बड़े ही जालिम तरीके से अपने हाथों से भींच रही थी.
अजय : "बिल्कुल जा सकता है ये अंदर...और आपनी आग को बुझा भी सकता है...बस इसे थोड़ा तैयार करना पड़ेगा.
सोनी को दोबारा कहने की ज़रूरत नही पड़ी की अजय क्या चाहता है...वो तुरंत उठ गयी और उसने पलक झपकते ही अजय के सारे कपड़े निकाल कर दूर फेंक दिए.और अजय को भी अपनी तरहा नंगा कर दिया.
कुछ देर तक उसके कसरती बदन और पंजाबी लंड को निहारने के बाद वो बोली : "कमाल के हो तुम....और ये सब तुम उस पूजा पर वेस्ट कर रहे थे अब तक, जिसे इसकी कोई कदर ही नही है...''
और फिर ज़मीन पर अपने घुटनों के बल बैठकर उसने उसके खड़े हुए लंड को अपने नाज़ुक हाथों में लिया और फिर अपनी जीभ से चाट कर उसे अच्छी तरह से सॉफ किया और फिर धीरे-2 उसे किसी अजगर की तरह अपने मुँह के अंदर निगल गयी..
''सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आआआआआआआअहह''
कमरे मे नंगा खड़ा हुआ अजय अपने पंजों पर खड़ा होकर सिसकार उठा...
उसके चूसने का तरीका था ही इतना सेक्सी....वो धीरे-2 उसके लंड को मुँह में ले जेया रही थी..अपने अधखुले दांतो से रगड़ लगवाकर...और फिर पूरा लंड अंदर रखकर अपनी गर्म जीभ से उसे सहला भी रही थी.
ऐसा तो आज तक प्राची ने भी नही किया था...
अजय ने भी उसके सिर को पकड़कर अपने लंड को उसके मुँह में पेलना शुरू कर दिया.
उसका टैटू से सज़ा जिस्म अजय के झटकों से हिचकोले खा रहा था...जिसकी वजह से उसकी भरी हुई ब्रेस्ट उपर नीचे उछल रही थी.
अजय का लंड पहले से भी ज़्यादा तेजधार होकर उसके मुँह में पूरी तरह से खड़ा हो गया.
और फिर उसके लंड को बाहर निकाल कर सोनी बोली : "लीजिए डॉक्टर साहब, हो गया आपका औजार तैयार ....अब इससे इलाज करो मेरी अंदर की आग का...''
इतना कहकर वो वापिस खड़ी हुई और अपनी टांगे फेला कर बेड पर लेट गयी...और बड़े ही सेक्सी अंदाज से अजय को पुकारा : "अब आइए भी डॉक्टर....ये तकलीफ़ बढ़ती जा रही है...इसे ख़त्म करिए जल्दी से...''
अजय ने भी बिना कोई देरी किए अपने लंड को पकड़ा और उसकी खुली हुई टांगो को दोनों दिशाओं में फैलाया और अपने लंड को चूत के मुहाने पर टीकाया..और बिना किसी वॉर्निंग के वो अपने पूरे शरीर के भार के साथ उसके उपर लेट गया.
अजय का मोटा लंड कचकचाता हुआ उसकी चूत में घुसता चला गया...भले ही सोनी ने पहले चुदाई करवा रखी थी..पर आज से पहले ऐसा जानदार लंड उसने नही लिया था अपने अंदर...इसलिए तकलीफ़ और मज़े के मिश्रण के साथ वो एक बार फिर से चिल्ला उठी..
''आआआआआआआआआआआआआआआआआआअहह ........................ उूुुुुुुुुुुुुुुुुउउफफफफ्फ़ .............. उम्म्म्ममममममममममममममममममममम..... माँआआआआआआआआआआअ.... ''
ऐसे वक़्त में भी पता नही क्यों लड़कियों को अपनी माँ याद आ जाती है.
अजय का लंड जब अच्छी तरहा से उसकी चूत में धंस चुका तो उसने अजय की पीठ पर अपने हाथ का घेरा बनाकर उसे अपने उपर ही लेटे रहने दिया..
और बोली : "उम्म्म्ममममममममम.....अह्ह्ह्ह अजय.................क्या मस्त लंड है तुम्हारा.............कसम से...........आज से पहले इतना भरा हुआ आज तक फील नही किया मैने.....प्लीज़....फक्क मी नाउ ....आज मुझे इतना चोदो की मेरी पिछली सारी शिकायतें दूर हो जाए...''
अजय को तो बस मौका चाहिए होता है,और किसी के ऐसे भड़काने वाले शब्द सुनकर तो वो और भी ज़्यादा उत्तेजित होकर बरस पड़ता है...
वही हुआ अब भी..
उसने आव देखा ना ताव,उसकी दोनो टांगे फेलाकर अपने लंड से उसकी ड्रिलिंग करनी शुरू कर दी.
फ़चा फॅक और उंह-आह्ह्ह्ह की आवाज़ों से कमरा गूँज उठा.
अजय किसी रोबोट की तरह उसकी चुदाई कर रहा था..
करीब 15 मिनट तक वो पोज़ बदल-2 कर उसे चोदता रहा...
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