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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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अब आगे
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रिया तो अभी ढंग से जवान भी नही हुई थी...पर उसके होंठ एक पर्फेक्ट किस्स के लिए बिल्कुल उपयुक्त थे...बाहर की तरफ निकले हुए होंठों को अजय ने जब चूसना शुरू किया तो उसे ऐसा लगा की वो कोई मिठाई खा रहा है...इतनी मिठास तो उसने आज तक कभी महसूस नही की थी...इतने नर्म और मुलायम होंठ...और उपर से रिया के किस्स करने की उत्सुकतता...उसका अधीरपन..उस स्मूच में चार चाँद लगा रहा था..
रिया तो अजय के दोनों होंठों को एक साथ अपने दाँतो से काट भी रही थी और उन्हें चूस भी रही थी , और ऐसा करते हुए उसके चेहरे पर जो ख़ुशी के भाव आ रहे थे वो देखते ही बनते थे
अपनी लाइफ के पहले चुम्बन को वो पूरी तरह से एन्जॉय कर रही थी
अजय के हाथ एक बार उसकी नन्ही छातियों तक भी आए..पर उन्हे एक-दो बार दबाने के बाद वो वापिस उसकी गांड ही दबाने लगा...क्योंकि उसे वहाँ की चर्बी को मसलने में ज़्यादा आनंद आ रहा था..
दोनो गहरी साँसे ले रहे थे...और एक दूसरे को छोड़ने का नाम ही नही ले रहे थे..अजय ने टाइम देखा तो दस बजने वाले थे...रिया ज़्यादा देर तक वहां रह भी नही सकती थी..उसकी बीबी को उसपर शक ना हो जाए,इसलिए उसे जल्द ही वापिस भेजना ज़रूरी था...पर उसे भेजने से पहले वो कम से कम ये जरूर देखना चाहता ही था की ये जो नया माल उसकी झोली में खुद ब खुद आ गिरा है,वो अंदर से देखने में कैसा है.
अजय ने उसे चूमते-2 दूसरी तरफ घुमा दिया...अब वो उसे पीछे से पकड़ कर अपना लंड उसकी गोल-मटोल गांड पर ज़ोर से दबा रहा था...और ऐसा करते हुए दोनो की आँखे बंद थी और मुँह से धीमी -2 सिसकारियाँ निकल रही थी..
अजय के मोटे लंड को अपनी गांड और कमर पर महसूस करते ही रिया की साँसे तेज हो गयी....उसके दिल की धड़कन बड़ गयी...ये पहला मौका था जब वो अपनी जिंदगी में किसी मर्द के लिंग को महसूस कर रही थी...वो अपने पंजो पर खड़ी होकर अपनी नर्म-मुलायम गांड को अपने प्यारे जीजू के लंड पर ऐसे मसल रही थी जैसे उसकी आरती उतार रही हो..गोल-गोल घुमा कर वो जिस अंदाज से अजय के लंड को मल रही थी,वो पहले से ज़्यादा बड़ा और उत्तेजित होकर फुफ्कारने लगा..
रिया ने धड़कते दिल से अपने हाथ पीछे की तरफ किए और अजय के लंड को उसके बॉक्सर के उपर से ही पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया...एक करंट सा लगा उसे जब उसने अजय का लंड पकड़ा..ऐसा लगा जैसे कोई मोटा-ताज़ा चूहा पकड़ लिया हो जो उसके चुंगल मे फंसकर ज़ोर-2 से तड़प रहा था..अजय के हाथ भी उसके टॉप के अंदर घुस गये और उसने ब्रा के उपर से ही उसकी घुंडीयों को ज़ोर से मसल दिया..
पहले तो अजय को लगा था की वो बिना ब्रा के आई है,पर उसने अंदर एक पतली सी ब्रा भी पहन रखी थी..जिसे अजय ने धीरे-2 करके उपर की तरफ खिसका दिया...अब उसकी नंगी छातियो और अजय की हथेली के बीच कुछ नही था...अजय को उसके नुकीले निप्पल अपनी हथेलियों पर चुभते हुए से महसूस हुए...उसने उसके लंबे निप्पल्स को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच पीस कर ज़ोर से दबा दिया..
''आआआआआआआआआअहह जीजू........उम्म्म्ममममममममम म्*म्म्मम.......... फफफफफफफफफफफफ्फ़ .....धीरे ....धीरे........ ''
अजय ने मन ही मन सोचा की अभी तो धीरे-2 बोल रही है...एक बार लंड का स्वाद चख ले बस,उसके बाद ऐसे हर काम ज़ोर-2 से करने के लिए कहा करेगी.
उपर से दिखने में वो छातियाँ भले ही छोटी लग रही थी,पर नंगी होने के बाद जब उनका गुदाजपन अजय ने महसूस किया तो उसे एहसास हुआ की ये हिस्सा भी कम नही है उसका..वो उसके कान चूसता हुआ, उसकी गांड को झटके मारता हुआ उसकी नन्ही गोलाइयों को ज़ोर-2 से भींचने लगा..
अजय ने उसके दाँये कान को पूरा मुँह मे भर लिया ...उसे बुरी तरह से चूसा...और फिर उसी कान में धीरे से बोला : "मुझे देखना है तुम्हे....पूरा का पूरा...न्यूड....''
अजय के ये बोल रिया को उपर से नीचे तक सुलगा गये...उसका पूरा शरीर झनझना उठा..वो जानती तो थी की ऐसा कुछ होकर रहेगा आज और इसलिए ही तो वो वहां आई भी थी,पर ये सब सुनते हुए और करते हुए इतना मजा आएगा इसका अंदाजा नही था उसको ।
अपने प्यारे जीजू की किसी भी बात को वो मना नही करना चाहती थी...आज से ही उसने ये डिसाइड कर लिया की जो भी जीजू कहा करेंगे..जब भी कहा करेंगे..बिना सोचे समझे वो काम कर दिया करेगी..
लेकिन अभी के लिए वो उनसे कुछ पंगा लेने के मूड में थी...वो घूम कर सामने खड़ी हुई और अपने टॉप को एकदम से उपर खींचकर अपनी नन्ही छातियाँ अजय की नज़रों के सामने लहरा दी...और जितनी तेज़ी से उसने दिखाई,उतनी तेज़ी से वापिस छुपा भी ली..
और अपनी छातिया दिखाते हुए वो शरारती अंदाज मे बोली : "ये लो ....देखो...''
एक पल के लिए ही सही,उसके गुलाबी उभारों को देखकर अजय के मुँह मे पानी भर आया..
पर उसकी शरारत समझ कर वो फिर से बोला... : "ऐसे नही ना...सब उतार कर दिखाओ...''
अब वो अजय को और तरसाना नही चाहती थी..वैसे भी टाइम कम था उनके पास..इसलिए अजय के इतना कहने की देर थी ...वो धीरे-2 चलती हुई थोड़ी दूर तक गयी...और उसने अजय की आँखो में देखते-2 अपनी शमीज़ उतार दी...अब वो एक पतली सी ब्रा में रह गयी थी बस...
और फिर उसने उसी तरह से अपनी कमर मटकाते हुए अपनी निक्कर भी उतार दी..
वो जिस अंदाज में अपने कपड़े उतार रही थी,ऐसा लग रहा था जैसे अजय को कोई सेक्स से भरा डॅन्स दिखा रही हो.
अब वो सिर्फ़ एक पेंटी और ब्रा में थी.
उसका दुबला - पतला शरीर उन आख़िरी कपड़ो में इतना सेक्सी लग रहा था की अजय ने अपना लंड बॉक्सर के उपर से ही रगड़ना शुरू कर दिया.
रिया अपनी चौड़ी गांड दिखाती हुई डांस करने लगी ,अजय को अपने शरीर के हर अंग का रसपान करवा रही थी वो .
लेकिन अजय की नज़रें तो उसकी तरबूज जैसी गांड को देखकर फटी की फटी रह गयी...उसने तभी सोच लिया की वो उसकी गांड ज़रूर मरेगा...ऐसी रसीली गांड को ना मारा गया तो वो इसका अपमान होगा.
वो उसी तरह से अपनी कमर मटकाती हुई अजय के करीब तक आई और अपने हाथ पीछे करते हुए अपनी ब्रा के हुक खोल दिए..और अजय के हाथों को अपनी ब्रा के स्ट्रेप्स पर रखकर उसकी उंगलियो में उसने वो स्ट्रेप्स फंसा दिए..
अजय का बॉक्सर तो कब का उसके घुटनो तक पहुँच चुका था..रिया ने नीचे नज़रे झुका कर जब वो काला नाग देखा तो उससे डसवाने के लिए वो अंदर ही अंदर तड़प उठी..उसका मन किया की वो अभी के अभी उसे अपने बिल में खिसका ले और दुनिया भर के मज़े ले डाले..पर इतना तो वो भी समझती थी की ऐसे काम आराम से और वक़्त लगा कर होते है...पहली ही बार में तो ये पॉसिबल नही हो सकता और वैसे भी टाइम कम था जिसका अंदाज़ा उसे भी था...
लेकिन अभी के लिए वो एक बार उसे चूमना ज़रूर चाहती थी..इसलिए अपने हाथ में अजय का लंड पकड़ कर वो अपने होंठों पर जीभ फेर रही थी...अजय समझ गया की वो क्या चाहती है...वो धीरे से फुसफुसाया
''जाओ....नीचे जाओ...मिलकर आओ ज़रा अपने दोस्त से...''
रिया ने अजय के मोटे लंड को हाथ में लिया और एक बार फिर से मसल दिया..उसके नंगे लंड को हाथ लगाकर वो बुरी तरह से मचल उठी...ऐसा लगा जैसे उसने बिजली की नंगी तार को छू लिया है...इतना गर्म और सख़्त लंड ...और बुरी तरह से बिफर कर वो जिस तरह से झटके मार रहा था,उससे तो उसमे चार चाँद लग रहे थे.
अजय की बात सुनकर कसक के मारे रिया ने अपने निचले होंठ को दांतो तले पीस डाला.....और पीसने से जो लार के रूप में रस टपका वो सीधा जाकर अजय के लंड पर गिरा...अजय को ऐसा लगा की वो उस रस मे झुलस कर मर जाएगा...
जैसे ही रिया नीचे बैठी,उसकी ब्रा उपर अजय के हाथ में ही रह गयी..
अजय ने आज पहली बार उसे उपर से नंगा देखा..सच मे,कमाल की लग रही थी वो....
लड़की का शरीर नंगा होने के बाद और भी आकर्षक लगता है...आज अजय ये बात समझ चुका था.
रिया ने अजय के लंड को अपने हाथ से पकड़ा..उसे मसला...और अपने नथुने जैसे ही उसके करीब ले गयी,एक अजीब सी मादकता से भरी गंध उनसे टकरा गयी...वो ऐसी मदहोश कर देने वाली गंध थी की रिया उसके नशे में डूबती चली गयी..और उसी नशे की हालत में उसने अपनी गर्म जीभ निकाल कर उसके उपर फिराई...उपर से नीचे तक...उसकी बॉल्स को चूमा और फिर एक ही बार मे उसे अपने मुँह मे निगल लिया..और उन्हे गुलाब जामुन की तरह ज़ोर-2 से चूसने लगी.
आज से पहले रिया ने ऐसा कुछ नही किया था...और पहली ही बार में उसे ये सब करता देखकर अजय समझ गया की ये लड़की कुछ करके रहेगी अपनी लाइफ में ...
अजय भी अपना लंड ज़्यादा से ज़्यादा उभार कर उसके मुँह में धकेल रहा था..
अपनी प्यारी साली को ऐसे सकिंग करते देखकर वो सब कुछ भूल चुका था...उसे अब सिर्फ़ और सिर्फ़ रिया के रूप में एक चूत दिखाई दे रही थी...
उसने अपना लंड हाथ से पकड़ कर उसके मुँह में धकेल दिया..
और रिया किसी एक्सपर्ट की तरह उसे चूसने लगी.
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अंजलि ने लंड को बाहर निकाला और बोली : "ऐसे ही मज़े देने के लिए तो तुम्हे यहाँ बुलाया है अजय ...वरना वेब चेटिंग तो बच्चो का काम है...पता नही तुमने कैसे उसके लिए बोला और मैं मान भी गयी...वर्ना मैं तो हमेशा आमने -सामने ही सब कुछ करने पर विश्वास करती हूँ ''
अजय उनकी बाते सुनकर सिर्फ़ सिर हिलाता रह गया...कितने गहरी और ज्ञान से भरी बाते कर रही थी अंजलि भाभी...अजय को अभी उनसे काफ़ी कुछ सीखना पड़ेगा...यही सोचकर वो अपने लंड को और अंदर धकेलने लगा उनके मुंह में ...
अजय ने नीचे हाथ करके उनका टावाल भी खोल डाला...और अब वो भी पूरी नंगी होकर बैठी थी...और अजय के लंड को भूखी लोमड़ी की तरह से चूस्कर उसका रस निकालने में लगी थी.
लेकिन अजय इतना कच्चा खिलाड़ी नही था की वो भी एक ही मिनट में झड़ जाता...उसके लंड को झड़ने के लिए आधा घंटा तो चाहिए ही चाहिए था...ये बात अभी तक अंजलि नही समझ पा रही थी.
अपना लंड चुस्वा रहे अजय की नज़र अंजलि के बेडरूम की तरफ गयी...वो आधा खुला हुआ था..और वहां से खड़े रहकर वो अनिल को सोते हुए देख पा रहा था..उसके दिमाग़ में पता नही क्या आया, उसने नीचे झुककर अंजलि के बालो से उसे पकड़ा और उसे उठाकर बोला : "चलो ज़रा अंदर,आपके पति के सामने ये सब करवाने में अलग ही मज़ा मिलेगा..''
उसे शायद मुंबई वाली मौसी की वो चुदाई याद आ रही थी जब उसने सोते हुए मौसा जी के सामने उनकी चुदाई कर डाली थी...और उस वक़्त आई उत्तेजना को वो आज तक किसी और से कंपेयर ही नही कर पाया था...उस दिन मौसाजी तो दवा की वजह से बेहोशी में थे और आज शराब की वजह से अनिल उसी हालत में है..आज थोड़ा रिस्क ज़्यादा था पर अपनी उत्तेजना को उस मुकाम पर लेजाकर चुदाई करने का मज़ा भी वो खोना नही चाहता था.
अंजलि भी बड़े आराम से किसी बाजारू घस्ती की तरह मुस्कुराती हुई खड़ी हुई और अजय के हुक्म को किसी गुलाम की तरह मानकर उसके साथ अंदर चल दी...उसने तो पहले ही बोल दिया था की अनिल तो पीने के बाद कुंभकरण जैसा हो जाता है,इसलिए उसे भी कोई डर नही था.
काफ़ी बड़ा बेडरूम था अनिल का...और वो पीठ के बल सोया हुआ बड़े ज़ोर-2 से खर्राटे मार रहा था..उसने केवल एक अंडरवीयर पहना हुआ था...शायद नशे की हालत में उसने कपड़े उतारे तो सही पर नाइट सूट पहनना भूल गया..
अंजलि मुस्कुराते हुए बोली : "पीने के बाद ये ऐसे ही खर्राटे मारते है...''
अजय : "ये सबके साथ होता है...सिर्फ़ अनिल के साथ नही...''
पर अभी तो इन बातों का वक़्त ही नही था...उसने अंजलि को बेड पर धकेला और खुद उसके उपर चड़कर अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया...वो उसे लोलीपोप की तरह चूसने लगी...आग दोनो तरफ बराबर लगी हुई थी..
करीब 2 मिनट तक अजय ने अपना लंड चुस्वाया...और जैसे ही वो पूरी तरह से चिकना होकर चूत में जाने लायक हो गया तो वो नीचे आया...पर जैसे ही वो अंजलि की चूत में अपना लंड पेलने लगा,उसने धीरे से धक्का देकर अजय को नीचे कर दिया...वो उससे अपनी चूत चुसवाना चाहती थी ...एक बार और...
अजय को भी भला क्या प्राब्लम हो सकती थी...वो बेड पर पेट के बल लेटा और अपना मुँह घुसा दिया उसके शहद के छत्ते जैसी रसीली चूत के अंदर...
अंजलि की तो चीख निकलते हुए बची, उसने तुरंत अपने मुंह पर हाथ रखकर अपनी आवाज दबाई
इस बार तो अंजलि ने उसकी गर्दन को अपनी टाँगो के बीच ऐसे दबोच लिया जैसे वो उसकी जान लेकर रहेगी...
अजय के सर को जोर से दबोच कर उसने धीरे से सिसकारी मारी
'' उम्म्म्म्म्म्म्म्म अजय्य्य्य्य्य्य्य्य सक्क्क्क्क्क्क्क्क मीईईईईईईईई हाआआआआअर्ड ''
अजय ने भी उसकी गांड के नीचे हाथ डालकर उसे थोड़ा सा हवा में उठाकर उसकी चूत को अपने सामने लहरा दिया..और आराम से लेटकर उसकी चूत की ट्रे में से रसीले फ्रूट्स खाने लगा.
अब वो सीधा उसकी चूत को देख पा रहा था...और उसकी क्लिट को निशाना लगाकर उसे भी चूस रहा था..
अजय ने उसकी चूत के तितली जैसे परों को अपनी उँगलियों फैलाकर अपनी जीभ से वहां की नमीं सोख ली
अजय की इस हरकत से वो अपना सर इधर उधर पटकने लगी
अंजलि तो पागल हुए जा रही थी...अपने बिस्तर पर जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी वो..
और साथ ही साथ वो चिल्ला भी रही थी..
''आआआआआआआहह अजय..................उम्म्म्ममममममममम.........और ज़ोर से....... चूऊवसूऊऊओ..... एसस्स्स्स्स्स्स्सस्स........ ओह अजय....... म्*म्म्ममममममममम''
अचानक अपना सिर इधर उधर पटक रही अंजलि ने अपने पति अनिल के शरीर में कुछ हलचल सी महसूस की...और एक पल के लिए उसने अपने शरीर को थिरकाना छोड़ दिया...अजय तो अपने काम में लगा हुआ था पर अंजलि की नज़रें अनिल के उपर ही थी..
और तभी, एकदम से अनिल उठकर बेड पर बैठ गया..
अंजलि की तो सिट्टी पिटी गुम हो गयी....और अजय था की उसे पता भी नही था की अनिल उठकर बैठ चुका है.
अंजलि को अपना ये एडवेंचर महंगा पड़ने वाला था आज
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
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कमरे में 0 वॉट का बल्ब जल रहा था...उसकी मद्धम रोशनी में अंजलि नंगी लेटी हुई अपनी चूत अजय से चटवा रही थी...अनिल की नींद शायद कोई सपने की वजह से या फिर अंजलि और अजय की आवाज़ सुनकर खुली थी..एक तो नशे की हालत और उपर से मद्धम रोशनी की वजह से वो अपनी अधखुली आँखो से कुछ देखने की कोशिश कर रहा था..पर पूरी कोशिश करने के बाद भी उसकी पलकें खुल ही नही पा रही थी.
अंजलि का दिमाग़ तेज़ी से चल रहा था...वैसे तो उसे अच्छी तरह से पता था की वो कुछ देर तक बैठकर सो जाएगा...लेकिन उसने वापिस सोने से पहले अगर अजय को देख लिया तो उसकी नींद और नशा एक पल में ही उड़ जाना था..इसलिए वो तुरंत उठकर बैठ गयी...और उठकर बैठे हुए अनिल के कंधे को पकड़कर उसे वापिस नीचे लिटाने की कोशिश करने लगी ...और ऐसा करते हुए उसने अपनी लात से धक्का देकर अपनी चूत चूस रहे अजय को भी नीचे की तरफ धकेल दिया..
अजय को जब एकदम से अंजलि की ये हरकत महसूस हुई तो उसे बड़ा गुस्सा आया,क्योंकि अभी तक तो वो बड़े ही मज़े से उसकी चूत चाट रहा था..और जैसे ही मज़ा आने लगा,अंजलि ने उसे अपनी टाँगो से धक्का देकर बेड से नीचे खिसका दिया..और उसने ऐसा क्यो किया, जानने के लिए जैसे ही उसने अपना मुँह उपर उठाया,अनिल को बेड पर बैठा हुआ देखकर उसकी हालत बिगड़ गयी...उसकी तो सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी...लेकिन फिर इसे एहसास हुआ की अनिल अभी भी आधी नींद में ही उंघ रहा है..और शुक्र है नींद की वजह से उसकी नज़र अजय पर नही पड़ी..वरना काफ़ी गड़बड़ हो जाती.उसने मन ही मन अंजलि के तेज दिमाग़ की दाद दी और खुद बेड से नीचे खिसक कर दम साध कर लेट गया.बस अब वो यही चाह रहा था की अंजलि किसी तरह अपने पति को वापिस सुला दे.
पर अंजलि ने जब अनिल को ज़बरदस्ती लिटाने की कोशिश की तो उसकी आँख पूरी तरह से खुल गयी...और बगल में नंगी अंजलि को देखकर तो वो जैसे नींद से जागा..और हैरान होते हुए बोला : "अंजलि....ये ...ये क्या...तुम ऐसी हालत में ...''
अंजलि : "ओफफो....यही तो प्राब्लम है तुम्हारी...पीने के बाद पता नही क्या हो जाता है....अभी खुद ही तो मुझे नंगी होने के लिए कह रहे थे...अपने आप को भी तो देखो...अपने कपड़े भी उतार चुके हो तुम...अब ऐसे में तुम्हे मना करू तो गालियां सुनने को मिलती है...और कपडे उतार दूँ तो ऐसे शॉक लग रहा है जैसे तुम्हारे लिए नही बल्कि और किसी के लिए नंगी हुई हूँ ...''
नीचे लेटे हुए अजय की हँसी निकलते-2 बची अंजलि की बाते सुनकर..अब रंगे हाथो पकड़े जाने के बाद अंजलि अपने हिसाब से अनिल को हेंडल कर रही थी.
और ये सब नाटक करते हुए अंजलि ने भी ये नही सोचा था जो अगले ही पल अनिल ने कह डाला
अनिल : "चल फिर...देख क्या रही है...शुरू हो जा...''
अंजलि की आँखे फैल गयी...अब वो खुद ही अपनी बात में फँस चुकी थी..भले ही अनिल अभी पूरे होश में नही था...लेकिन उसे अब मना करके गुस्सा चढ़ाकर वो उसे पूरी तरह से होश में नही लाना चाहती थी...वैसे भी जिस दिन वो बिना पीए सोता था,चुदाई भी एक तरह से नशे का ही काम करती थी उसके लिए..चोदने के बाद भी वो घोड़े बेचकर ठीक उसी तरह से सोता था जैसे दारू पीने के बाद...
अजय के लंड को अपने अंदर लेने की तड़प अंजलि से इस समय कुछ भी करवा सकती थी, इसलिए जल्द से जल्द अनिल को सुलाने के लिए उसकी बात को मानने के अलावा उसके पास कोई और चारा भी नही था..
बेचारी ने बेमन से अपना हाथ अनिल के अंडरवीयर में क़ैद उसके सोए हुए चूहे पर रख दिया..भले ही अंजलि इस वक़्त पूरी तरह से उत्तेजित थी पर अनिल तो सोया हुआ सा बैठा था वहां ..
उसके अंडरवीयर को नीचे खिसका कर अंजलि ने उसके लंड को अपनी हथेली में लेकर हिलाना शुरू कर दिया...पर उसमे कोई हरकत ही नही हुई...उसका 5 इंच का लंड इस वक़्त सिर्फ़ 2 इंच का माँस का टुकड़ा बनकर पड़ा था... अंजलि समझ गयी की इसे तैयार करने के लिए उसे कुछ अलग ही करना पड़ेगा...
और उसने अनिल को बेड पर लिटाया और उसके लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी...अंजलि की गर्म जीभ और रसीले होंठों की तपन से अनिल का लंड पिघल गया और धीरे-2 अपने आकार में आने लगा...एक मिनट के अंदर ही वो बुरी तरह से फुफ्कार रहा था...
वो उसकी बॉल्स को पूरी तरह मुंह में भरकर चूसती और फिर उन्हें निकालकर उसके लंड को चूसती
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RE: Incest Porn Kahani ठरकी दामाद
अनिल का तो बुरा हाल था...उसने तो शायद सोचा भी नही था की ऐसे आधी रात के समय उसे बिन माँगे चुदाई करने को मिल जाएगी...वो अंजलि के नंगे बदन को खींच-2 कर अपने उपर लाने की कोशिश कर रहा था ताकि जल्द से जल्द उसकी चूत में लंड पेलकर उसे चोद सके...पर अंजलि के दिमाग़ में तो कुछ और ही चल रहा था...वो अपना मुँह उसके लंड से हटा ही नही रही थी... और आख़िर वही हुआ जो अंजलि चाहती थी...अनिल के लंड ने उसका साथ छोड़ दिया और वो भरभराकर झड़ गया...
अंजलि ने उसके लंड से निकले गाड़े रस को अपने मुम्मे के ऊपर निशाना लगाकर उसपर सफ़ेद बारिश करवा ली, ये उसका फेवरेट था,गर्म रस का एहसास उसे अपने बूब्स पर बहुत अच्छा लगता था
ये शायद पहली बार था अनिल के लिए भी की अंजलि ने बिना चूत में लंड लिए उसे तृप्त कर दिया था...वो अनिल का लंड अपनी चूत में खुद को मज़े देने के लिए लेती थी,पर इस वक़्त तो वो अनिल को फारिग करके उसे वापिस सुलाना चाहती थी ताकि वो अजय से मज़े ले सके..
अनिल के लंड को अच्छी तरह से सॉफ करके उसे फिर से अंडरवीयर पहना दिया अंजलि ने..और उसके कंधे पर सिर रखकर अपना नंगा जिस्म उससे चिपका कर सो गयी..
अनिल ने भी ज़्यादा सवाल करने की जहमत नही उठाई की वो क्यो बिना चुदे सो रही है ऐसे...एक तो दारू का नशा और उपर से ये क़्विक लंड चुसाई,इसके बाद तो अनिल नींद के सागर में डूबता चला गया..
सिर्फ़ एक मिनट मे ही अनिल के खर्राटे फिर से गूंजने लगे कमरे में ...और उन्हे सुनकर अजय बड़े आराम से वापिस उपर उठा अंजलि को देखने लगा जो अपने नंगे बदन को अपने पति से छुड़वाने का प्रयत्न कर रही थी और वो भी बड़े आराम से ताकि उसकी नींद फिर से ना खुल जाए..
अजय को देखकर वो मुस्कुराइ और बोली : "देखा...क्या-2 करना पड़ता है...आज तो बाल-2 बच गये...''
अजय : "हाँ ....सही कहा...चलो अब यहाँ से...बाहर ही चलते है...कही फिर से इसकी नींद खुल गयी तो मुसीबत हो जाएगी...''
अंजलि : "अब ऐसा नही होगा....वैसे तो ये भी नही होना चाहिए था..लेकिन अब तो ये सुबह से पहले उठने वाला नही है....चलो अब...जल्दी से आओ...देखो . कैसी आग सी लगी हुई है यहाँ ...''
अंजलि ने अपनी चूत को फेलाकर दिखाया...अजय ने भी बिना कोई देरी किए अपने लंड पर थूक लगाई और उसकी टांगे फेला कर अपना लंड उसकी चूत की ओपनिंग पर लगा दिया...और उसके उपर झुकता चला गया...
अंजलि ने उसकी कमर पर अपनी टांगे बाँधी और उसे अपनी तरफ खींच लिया...और अजय का लंड तिनका-2 करके उसके अंदर समाता चला गया...
और अंत में जब अजय का लंड पूरा उसके अंदर घुस गया,तो अंजलि के मुँह से सिसकारियाँ फूट पड़ी..
''उम्म्म्ममममममममममममम ...... आआहहह ... अजय ......तुमने तो भर दिया मुझे..... . ...... इतना अंदर तक तो कोई नही गया आज तक....... आआआआआआहह ...बहुत मज़ा आ रहा है.....''
अजय ने भी इतनी गरम टनल आज तक महसूस नही की थी....अंजलि ने अंदर लेकर उसके लंड को झुलसा डाला था पूरा...
अब वो आराम-2 से उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर कर रहा था...घचा घच की आवाज़ों से पूरा कमरा गूँज रहा था...और अंजलि बड़े ही मज़े से अपने सोए हुए पति की बगल में टांगे चौड़ी करके सीटियाँ मारती हुई चुदवा रही थी..
अजय को आराम से चोदते देखकर अंजलि ने पोज़िशन चेंज की...और अजय को नीचे लिटा कर खुद उपर आ गयी...और उसके घोड़े को अंदर लेकर कमान खुद संभाल ली और अब अपने हिसाब से तेज़ी के साथ चुदवाने लगी..
उसके भरे हुए मुम्मे अजय की आँखो के सामने डांस कर रहे थे...जिन्हे अपने हाथों में दबोच कर वो उसकी गर्मी को शांत करने का असफल प्रयास कर रहा था...पर वो नही जानता था की ये मुम्मे और उनपर लगे निप्पल अंजलि का सेंसेटिव पॉइंट है....उनपर अजय के हाथों का कडकपन महसूस करते ही वो और तेज़ी से उछलने लगी....बड़बड़ाने लगी...चुदवाने लगी..
''आआआआआहह उफफफफफफफफफफफफफफ फफफफफफफ्फ़ ...... अजय ........................ सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स ..... मज़ा आ गया....... अहह .......ऐसे ही चोदो मुझे ...... आआहहह क्या लंड है तुम्हारा......... उफफफफफफफ्फ़ ... इतना लंबा ...... इतना कड़क ........म्*म्म्मममममममममममम फककक मिईीईई अजयssssssssss....फककक मी........''
और आख़िरी में झड़ते हुए अंजलि ने उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ऐसे निचोड़ डाला जैसे कोई नींबू को मसलता है.....और उसका रस अपनी चूत की डिब्बी में क़ैद करके वो अजय के उपर लूड़क गयी...
और फिर उसके लंड को बाहर निकाल कर उसके गर्म पानी से अपने मुम्मे को सींच डाला अंजलि ने , और बाद में उसके लंड को मुंह में लेकर साफ़ सुथरा करके चमका डाला
और ना जाने कितनी देर तक वो दोनो चिपके रहे...तूफान जब शांत हुआ तो अजय की नज़र दीवार घड़ी पर गयी...रात के 2 बज रहे थे....वैसे तो उसे कोई जल्दी नही थी,फिर भी वापिस तो जाना ही था ना..
उसने कपड़े पहने और जाने के लिए तैयार हो गया...अंजलि ने अभी तक कोई कपड़ा नही पहना था...वो उससे बाते करती रही...उसके लंड और चुदाई के स्टाइल की तारीफ करती रही , आगे मिलने के प्लान बनाती रही...ऐसे ही नंगी खड़ी रहकर..
अगली बार जल्द ही मिलने का वादा करके और अंजलि के शरीर को एक बार और अच्छी तरह से सहलाने और चूमने के बाद वो वापिस अपने घर की तरफ निकल पड़ा..
आज की रात जैसा एडवेंचर उसने आज तक महसूस नही किया था...और जिस तरह वो पकड़े जाने से बाल-2 बचा था वो भी उसे सारी उम्र याद रहने वाला था...
लेकिन वो ये नही जानता था की इस रात ने उसे और क्या-2 रंग दिखाने थे...
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