RE: Incest Porn Kahani रिश्तारिश्ते अनजाने
ज्यों ज्यों मेरा लंड उसकी गाँड़ में फैलता त्यों त्यों वह दर्द से दोहरी हो कर चिल्लाति
"आहह अमन बस करो प्लीज़" शिखा ने तकिये के कवर को अपने हाथों से मसल्ते कहा
"सॉरी शिखा" मैने कहा "तुम्हें थोड़ा दर्द सहना होगा , मुझे अब मज़ा आ रहा है" मैने बेफ़िक्र हो कर कहा
"अरे तुम्हारे मज़े के चक्कर में मेरी गाँड फट जाएगी" उसने कहा
"फटने दो , सुई धागे से सील लेना " मैने उसका मज़ाक उड़ाते कहा
"तुम ऐसे नहीं मनोगे " कहते हुए उसने एकदम से पलटी मारी , कमरे में जैसे भूकंप आ गया
मेरी आँखों के सामने एकदम से अंधेरा छा गया और लंड में तेज दर्द सा उठा.
"अमन " शिखा अपनी गर्दन को झटका देते बोली , मेरा लॅंड अभी भी पूरी ताक़त से उसकी गांद की गहराइयाँ नाप रहा था
"हूँ?"
मुझे उसका यूँ चुद्ते हुए बात करना पसंद न आया . गर्दन को झटका देते ही उसके खुले बाल चेहरे पर आ गये थे , मैं शिखा को चोद्ते वक्त उसके काले लंबे बालों को हाथों में थाम कर जी भर उनकी महक सूँघा करता था और उसने अपने बालों को जब झटका दिया तो वह रेशमी बाल मेरे हाथों से छूट कर उसके चेहरे पर लहराने लगे .
शिखा ही नहीं जितनी भी सुंदर लड़कियों या कहूँ स्त्रियों को मैने चोदा है , मुझे उनके काले लंबे घने बालों ने उनकी ओर आकर्षित किया है , किसी ने सच ही कहा है पारंपरिक साड़ी में भारतीय नारी जितनी आकर्षक लगती है उतनी और किसी में नहीं .
खैर कहानी पर आते हैं , शिखा के बालों से उठती महक मुझे मदहोश कर देती थी जिससे मैं और उत्तेजित हो जाता था और मेरा लंड फूल जाता था , लेकिन वह बार बार अपने बाल मुझसे छुड़ा रही थी , वह अपने बलों का खास ख्याल रखती थी और मैं चाहे उसके पूरे नंगे बदन पर हाथ फेर लूँ लेकिन उसे मेरा उसके बलों को पकड़ना और सूंघना गंवारा नहीं था
और मेरा मूड तो उसके बलों की खुश्बू लिए बगैर बनता नहीं था , वह इससे गुस्सा हो जाती तो मेरा लंड पकड़ कर मरोड़ देती.
इस बार भी जब मैने उसके बलों की सुगंध लेने के लिए अपनी नाक उसके सिर से टकराई तो वह भड़क ही गयी , फ़ौरन अपने घुटनों से उठते हुए बोली
"अमन कितनी बार कहा है मुझे तुम्हारा यूँ सूंघना पसंद नहीं?"
उसके यूँ एकदम झटके से उठने से मेरा नाज़ुक लंड उसकी गाँड की दीवारों से टकरा गया , मुझे संभलने तक का मौका न मिला . और लॅंड में दर्द की टीस सी उठी और मैं कराह उठा "आहह शिखा" दर्द की लहर मेरे लंड से होती हुई सीधे दिमाग़ में पंहुची .नाख़ून के इर्द गिर्द की चमड़ी छीलने और उस पर ठंडा पानी पड़ने से कैसी जलन होती है? वैसी ही तेज जलन इस वक्त मेरे लंड पर हो रही थी जो बर्दाश्त से बाहर थी
"अमन" शिखा बड़े प्यार से बोली "अब फील हुआ ? मुझे भी ऐसी ही झुन्झुलाहट होती है"
"हा हा हा" वह मेरी फ़ज़ीहत पर बड़ी बेशर्मी से हँसने लगी
"क्या चूतियापा मचा रखा है तुमने शिखा ?" मैने थोडा गुस्से से कहा , एक तो लंड की तेज़ जलन से बुरा हाल था दूसरे वह मुझे उसके बालों की खुश्बू लेने नहीं दे रही थी जिससे मैं सेक्स में इंटेरेस्ट खो रहा था और मेरा लंड की चमड़ी हवा निकले हुए गुब्बारे जैसी ढीली पड़ रही थी , उसकी चूत से तो धाराएँ निकल रहीं थी जो मेरे लंड की खुली हुई चमड़ी को और जला रही थी . शिखा की रसीली चूत का पानी मानों गंधक का तेज़ाब लग रहा था , जब लंड की चमड़ी से छूता , लगता था लंड को गर्म तेल के कड़ाहे में डाला हो.
अब तो मेरा दिमाग़ खराब हो गया था " शिखा चुद्ना है या नहीं सीधी तरह बताओ" मैने उसको सुनाते हुए कहा "मज़ाक करना है राजन के साथ करो , मैं तुम्हारा पति नहीं हूँ" मैने गुस्से से कहा
"आहाहाहा अमन " उसने अपना चूड़ियों से भरा हाथ नचा कर कहा मैं तुम्हारे घर में आ कर तुम्हारे बिस्तर पर यूँ नंगी लेटी हुई हूँ , तुम जैसे गैर मर्द से अपनी गाँड मरवा रहीं हूँ , क्या ये सुनने के लिए कि मेरा चुदने का मूड नहीं है"
"और क्या ? तुम बार बार अपने बालों को झटका क्यों दे रही हो" मैने कहा
"मुझे तुम्हारा मेरे बालों को सूंघना पसंद नहीं आता"
"क्यों? इससे मेरा मूड बनता है"
"मूड बनाने के और तरीके हैं" शिखा समझाते बोली
"वह क्या?" मैने पूछा
"मेरी चूत को प्यार से चाट कर , मेरे मम्मों को दबाओ उन्हें मस्लो और मेरी गाँड को प्यार से सहलाओ , लेकिन तुम ? तुम ऐसा कुछ भी नहीं करते" शिखा ने मुझसे शिकायत करते कहा
"तुम अपना मूड बनाने की बात कह रही हो और तो तुम मेरा मूड बिगाड़ रही हो" मैने गुस्से से कहा
"अच्छा बाबा मेरी ग़लती" उसने मेरे सामने हाथ जोड़ कर कहा
सोचिए उस दृश्या को अपनी आँखों के सामने लाइए , आपकी स्वप्न सुंदरी अर्धनग्न हो कर अपने अस्त व्यस्त बालों को ले कर आपके सामने हाथ जोड़ कर आपसे संभोग करने की विनती करे तो आप क्या करेंगे?
उसके आपस में जुड़े हुए हाथों को अपने हाथों से पकड़ते हुए मैने उसकी ओर देखा , वह अपनी लाल मुलायम पतली से जीभ दांतो के बीच अपने सुर्ख गुलाबी होठों से दबाए मुस्कुरा रही थी , साफ था की वह नखरा कर रही थी .
"अब मान भी जाओ ना" उसने मुझे मनाते हुए कहा
"ऐसे नही पहले अपने कान पॅक्डो और 10 उठक बैठक लगाओ" मैने कहा
उसने अपने कान पकड़े और उठक बैठक लगाने लगी , मैने उसे बाहों में भर लिया और बेतहाशा चूमने लगा.
शिखा के साथ गुज़रे गये वह हसीन पल याद कर मैं मुस्कुरा दिया. ऐसे तो मैने कयी लड़कियों के साथ सेक्स किया था
कई बार बात तो अबॉर्षन तक आ पंहुचि थी लेकिन उन लड़कियों के साथ इन्वॉल्व्मेंट नही थी केवल जिस्म की प्यास बुझाने से मतलब था.
शिखा किसी की पत्नी थी और थोड़े पुराने ख़यालात की थी जो बाकी लड़कियों से अलग थी.
बाकी लड़कियाँ सेक्स को लेकर ज़्यादा सीरीयस नहीं थी उन्हे मिलने वेल गिफ्ट्स में ज़्यादा दिलचस्पी थी , जबकि शिखा का स्टॅंड शुरू से ही क्लियर था , उसका पति राजन बाप नही बन सकता था और मैं उसकी खूबसूरती पर रीझा हुआ था. लिहाज़ा हम मे सहमति बन गयी थी मैं उसके साथ सेक्स करता और वह भी मुझसे प्रेग्नेंट होना चाहती थी , उसके मा बनने तक मैं उसके साथ उसकी सहमति से जी भर के सेक्स कर सकता था और इसके बाद वह अपने पति के साथ एक आम ज़िंदगी गुज़ारना चाहती थी.
गाड़ी एरपोर्ट के पास पंहुच गयी थी की झटके से ब्रेक लगा . मैने ड्राइवर से पूछा "क्या हुआ ड्राइवर साहब?"
"कुछ नही जी सेक्यूरिटी चेक है" ड्राइवर ने जवाब दिया.
तभी मेरे सेल पर शिखा का फोटो फ्लॅश हुआ , वा मुझे कॉल कर रही थी. मैने फोन रिसीव किया
"हां शिखा बोलो"
"बधाई हो तुम बाप बनने वाले हो" शिखा ने मुझे खबर सुनाते कहा
"क्या?" मैने हैरत से पूछा
"हां , मेरी प्रेग्नेन्सी के रिपोर्ट्स आ गये हैं" उसने मुझे बताया "और वह पॉज़िटिव हैं" वह हंस कर बोली
"तो इसका मतलब?.." मैने उस से कुछ कहना चाहा
"हां अमन तुम मेरा मतलब ठीक समझ रहे हो वादे के मुताबिक अब हम आज के बाद नही मिल पाएँगे"
"अच्छा" मैने कुछ सोचते कहा
" लेकिन फोन रखने से पहले मैं कुछ बताना चाहूँगी" उसने मेरे मन की
बात ताड़ते हुए कहा
"वह क्या?" मैने पूछा
"आई लव यू अमन , तुमने मुझे ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी दी" उसने कहा "मैं तुम्हारा अहसान कभी भूल नहीं पाऊँगी , थॅंक्स "
मेरे मन के किसी कोने में कहीं शिखा के लिए खुशी थी , लेकिन दूसरी ओर दुख भी था.. शिखा के साथ वह मेरी आख़िरी
मुलाकात थी.
===समाप्त==
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