Incest Stories in hindi रिश्तों मे कहानियाँ
09-13-2017, 11:00 AM,
#47
RE: Incest Stories in hindi रिश्तों मे कहानियाँ
मेरा सपना और – भाभी की तन्हाई



बात उस समय की है जब मैं नॉएडा में बी.टेक कर रहा था। मैं बिल्कुल नया था इस शहर में और मैंने होस्टल लिया हुआ था। वहीं पर दोस्तों से कन्याओं की काम-प्रवृति के बारे में पूरी जानकारी मिली ! सारे दोस्त होस्टल को सेक्स शिक्षा केंद्र नाम से संबोधित करते थे! वहीं से मैं भी एक सुन्दर सी कन्या के सपने देखने लगा ! इसी बीच मैंने होस्टल छोड़ दिया और नॉएडा में ही एक कमरा सेक्टर 49 में ले लिया ! मैं दूसरी मंजिल पर अकेला रहता था ! नीचे एक परिवार रहता था, भाभी जी उम्र 29 साल और फिगर क्या मस्त था ! देखते ही लार टपक जाये और उनका पति और 5 साल का एक बेटा था ! उनके पति एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में आई टी मैनेजर थे और अक्सर विदेश जाया करते थे !

पहले दिन भाभी को छत देखा जब वो कपड़े सुखाने आई थी। क्या मस्त, लाजवाब सेक्सी लग रही थी, उनको देखते ही मेरा लंड फ़ुफ़कारे छोड़ने लगा और मैं पहले दिन से ही भाभी को चोदने के सपने देखने लगा !

भाभी की चूचियाँ इतनी सेक्सी थी कि देखते ही लंड में पानी आ जाता था। मैं उनको हमेशा ताड़ता रहता था और उनकी प्यारी प्यारी गोल गोल चूचियाँ निहारता रहता था और अपने लंड को समझाता था कि बेटा धैर्य रख, एक दिन जरुर मिलेगी भाभी की चूत चोदने को !

मैं भाभी से बात करने का बहाना ढूंढ रहा था पर कुछ नहीं समझ आ रहा था कि मैं क्या करूँ !! फिर मैं उनको बेटे को एक दिन चोकलेट दिलाने के बहाने बाहर ले गया और धीरे धीरे मैं उससे काफी घुलमिल गया और रोज अपने कमरे में उसे ले आता था फिर भाभी बेटे के बहाने ऊपर आती थी और उससे लेकर चली जाती !

अब मैं भाभी से बातें करने लगा था और नीचे भी अक्सर क्रिकेट देखने के बहाने चला जाता था जब भी मैं उनके घर में टी.वी देखने जाता वो चाय जरूर पिलाती थी!

एक दिन चाय पीते पीते मैंने भाभी से पूछा- भाभी, भैया अक्सर बाहर रहते हैं तो आपका मन कैसे लगता है इतने बड़े घर में?

भाभी बोली- बस मैं और मेरा बेटा और मेरी तन्हाई !

मुझे लगा कि भाभी तो आसानी से पट सकती है बस थोड़ा सा पहल करने की जरुरत है ! अब तो मैं चुदाई के सपने दिन रात देखने लगा था !

एक दिन भाभी ने मुझे नीचे बुलाया और बोली-मुझे कुछ शॉपिंग करनी है, क्या तुम मेरे साथ चल सकते हो, क्योंकि मेरे बेटा तुमसे हिला हुआ है तो तुम उसे संभाल लोगे !

मैंने मन में कहा- भाभी संभल तो मैं तुम्हें भी लूँगा।

मैंने जल्दी से हाँ कर दी और शॉपिंग करने पास में ही एक मॉल में चले गये ! भाभी ने वहाँ पर दो पैंटी, चार ब्रा और कुछ मेकअप के सामान लिए। मैं सब देख रहा था, इतने में मेरे दिमाग में शरारत आई और मैंने भाभी से पूछा- भाभी ये आपकी ब्रा कितने नम्बर की है?

वो बोली- तुमसे क्या मतलब ? तुम्हें क्या करनी है?

मैं बोला- मुझे लगता है कि ये आपको छोटी पड़ेंगी !

भाभी तपाक से बोली- नहीं ! मेरा साइज़ 34 है और ये ब्रा भी 34 नंबर की ही हैं !

मैं मुस्कुराया और भाभी शरमा गई !

फिर हमने कुछ चाट खाई और काफी सारी मस्ती की। अब तो भाभी मेरे से मजाक भी करने लगी थी, जब भी किसी जोड़े को देखती तो कुछ न कुछ मज़ाक कर देती। मैं भी पीछे हटने वाला नहीं था, तुरंत एक चुलबुला सा जवाब दे देता और भाभी खिल-खिला कर हंस पड़ती !

इसी बीच माल में ही उनकी एक सहेली मिल गई, वो वहीं पर एक स्टोर में जॉब कर रही थी। भाभी ने उसको घर आने को न्योता दे दिया और उसका मोबाइल नंबर भी ले लिया।

उसने भाभी से पूछा- भैया कहाँ हैं और ये आपके साथ कौन हैं?

भाभी बोली- वो 15 दिनों के लिए सिंगापुर गये हैं और ये है मेरे घर में ऊपर किराये पर रहता है !

अब तो मेरे मन में एक नहीं दो-दो चूतें मारने के ख्याल आने लगे थे, मेरा लंड मॉल में ही खड़ा हो गया था !

शाम के करीब सात बज चुके थे, मैंने भाभी से बोला- भाभी, अब चलो न ! बहुत तेज़ भूख लगी है और काफी थक भी गया हूँ मैं !

फिर हमने ऑटो किया और घर आ गये।

घर में जाते ही मैं भाभी के बेड पर जाकर लेट गया और बोला- भाभी, आज तो आपने पूरी तरह ही थका दिया !

भाभी बड़े प्यार से बोली- आज तुम खाना यहीं खाना और नीचे ही सो जाना !

इतना सुनते ही मैं ख्वाबों में खो गया और आज रात की चुदाई के सपने देखने लगा !

रात के करीब दस बज चुके थे, हम सबने खाना खा लिया था, उनका बेटा पापा के लिए रो रहा था। भाभी उसे समझाने की कोशिश कर रही थी पर वो मान नहीं रहा था।

फिर मैं उसे बाहर ले गया और चॉकलेट दिलाई और वापस आते आते वो सोने लगा।

मैं घर आकर भाभी से बोला- यह सो गया है !

तो भाभी बोली- इसे धीरे मेरे बगल में लिटा दो !

जैसे ही मैं उसे उनकी बगल में लिटा रहा था तो मेरा हाथ उनके एक चूची से छू गया और भाभी कुछ सकपका गई पर कुछ नहीं बोली। उसके बाद मैं भी उन्हीं के कमरे में टीवी देखने लगा और बातें भी करने लगा !

रात के साढ़े ग्यारह बज चुके थे, अब भाभी को नींद आ रही थी पर मैं उनसे पहले सोने का नाटक कर रहा था ! थोड़ी देर बाद भाभी को लगा कि मैं सो गया हूँ तो उन्होंने टीवी बंद कर दिया, रोशनी भी बंद कर दी और बिस्तर पर आकर लेट गई !

करीब आधे घंटे के बाद मैं बाथरूम जाने के बहाने उठा और बिना रोशनी किए बाहर चला गया और अँधेरे में ही वापस आ गया। फिर मैं बेड पर अँधेरे में ही चढ़ने की कोशिश कर रहा था कि तभी मेरा एक हाथ भाभी की चूची पर जा लगा पर उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। फिर मैं धीरे से जाकर उनके बगल में लेट गया और एक हाथ उनकी पहाड़ जैसे चूची पर रख दिया और दबाने लगा !

शायद भाभी जाग रही थी पर बिल्कुल भी मना नहीं किया तो मेरा हौंसला और बढ़ गया और मैंने अपना हाथ उनके ब्रा के अन्दर डाल दिया और कस के दबाने लगा।

इतने में भाभी बोली- क्या कर रहे हो?

मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैं कुछ नहीं बोला और चूचियों को मसलता रहा।

इसके बाद भाभी को मज़ा आने लगा था और वो खुद ही मेरे से चिपकने लगी ! फिर मैंने अपना दूसरा हाथ उनकी चूत पर रख दिया और उंगली करने लगा भाभी को और मज़ा आने लगा और वो उफ़ उफ़ उफ़ ……….की आवाज करने लगी !

भाभी ने भी मेरा लंड पैंट के अंदर से पकड़ लिया और लंड रॉकेट की तरह उड़ने को तैयार था ! फिर धीरे से मैंने भाभी के ब्रा का हुक खोल दिया और दोनों चूचियां कंडोम की गुब्बारे की तरह हवा में आजाद हो चुकी थी ! मैंने चूचियों को चूसना शुरू कर दिया।

भाभी पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी और उनकी सांसें तेज थी, बोल रही थी- और तेज डार्लिंग और तेज़ ! और जोर जोर से मेरे लंड को चूस रही थी !

भाभी के जिस्म को देखकर लग रहा था कि भाभी को कई दिनों से लंड नसीब नहीं हुआ है।

मेरा सात इंच का लम्बा लंड अन्दर लेने के लिए भाभी तड़प रही थी और बेड पर नागिन की तरह कमर और चूत हिला रही थी !

मैं उनकी चूचियों को सहला रहा था जिससे उनकी साँसें और तेज हो रही थी ! अब हम दोनों नंगे हो चुके और दूसरे से लिपट रहे थे। भाभी की चूत बिलकुल साफ़ और नए गद्दे की तरह उभार ले रही थी !

अब मेरा सपना पूरा हो रहा था !

मैंने भाभी की एक टांग अपने कंधे पर रखी और धीरे से लंड को अन्दर घुसाने की कोशिश की पर चूत थोड़ी कसी थी इसलिए आसानी से नहीं घुस रहा था। मैंने सोचा थोड़ी वैसलीन लगा लूँ, फिर सोचा-

नहीं ! कुछ भी हो, आज बिना वैसलीन के ही चोदूँगा !

मैंने ज्यादा जोर लगाया और लंड तीन इंच अन्दर जा घुसा।

भाभी चीख उठी, बोली- निकालो बाहर ! मैं मर जाउंगी !

फिर मैंने तीन मिनट तक अपने को रोके रखा और चूचियों और होंठों से खेलता रहा। भाभी को और ज्यादा मज़ा आ रहा था। धीरे धीरे नीचे का दर्द भी कम हो गया, फिर मैंने दूसरा जोर का धक्का मारा और लंड पूरी तरह प्लग के जैसे फिट हो गया। अब मैं धीरे धीरे लंडदेव को आगे-पीछे कर रहा था, भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, अपनी कमर ऊपर-नीचे कर रही थी और कह रही थी- तेजी से
Reply


Messages In This Thread
RE: Incest Stories in hindi रिश्तों मे कहानियाँ - by sexstories - 09-13-2017, 11:00 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Incest HUM 3 (Completed) sexstories 76 1,970 7 hours ago
Last Post: sexstories
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 16,593 06-26-2024, 01:31 PM
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 11,866 06-26-2024, 01:04 PM
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 20,834 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 9,901 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 6,836 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,768,997 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 579,013 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,349,435 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,033,557 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 3 Guest(s)