RE: Indian Porn Kahani मेरे गाँव की नदी
गीतिका : मुस्कुराते हुये, अब कैसी लग रही हु भैया,
कालू : अच्छी लग रही हो।
गीतिका : अच्छा भैया मै आपको पहले ज्यादा अच्छी लग रही थी या अब।
कालू : मुस्कुराते हुए सच कहु तो तू जीन्स और टॉप में मुझे ज्यादा सुन्दर लग रही थी।
गीतिका : मै जानती हु भैया और गीतिका फिर मुस्कुराने लगी, कुछ भी कहो गीतिका इस बार और बार की अपेक्षा कुछ बदली हुई लग रही थी।
गीतिका : भैया अब तो यह खटारा साइकिल बेच दो और कोई बाइक का जुगाड़ करो।
कल्लु : अरे वह तो ठीक है पर यहाँ गाड़ी चलाना आती किसे है।
गीतिका : वह तो मै आपको सीखा दूंगी।
मैने साईकल के पीछे गुड़िया का बैग बांध दिया और फिर साईकल पर चढ़ कर उसे साईकल का डंडा दिखाते हुए कहा, आजा गुड़िया डण्डे पर बैठ जा
गीतिका मेरी बात सुन कर खिलखिला कर हँस पड़ी इस बार तो मै भी उसकी हँसी का मतलब समझ गया था, गीतिका का चेहरा कुछ लाल हो रहा था और वह साईकल के आंगे के डण्डे पर बैठ गई जब वह बेठी तो उसके मोटे मोटे चूतडो से मेरा लंड जो की खड़ा हो गया था टकराने लगा और मै एक दम से सिहर गया,
उपर से गीतिका के बदन से बहुत ही मस्त खुशबु आ रही थी, मै धीरे धीरे साइकिल चलाने लगा और गुड़िया से बात करने लगा।
कल्लु : गुड़िया इस बार कितने दिनों की छुट्टी पर आई है
गीतिका : भैया ८-१० दिन तो रहुँगी।
कालू : तेरी पढाई का क्या पुछु वह तो अच्छी ही चल रही होगी, आखिर तू इतनी होशियार तो है।
गीतिका : आखिर बहन किसकी हूँ।
कालू : अरे इसमें तेरे भैया का क्या बड़प्पन हुआ यह तो सब तेरी मेहनत का नतीजा है, पर यह तो मर्दो जैसे कपडे कब से पहनने लगी, क्या वह सब ऐसे ही कपडे
पहनती है।
गीतिका : भैया आज कल ऐसा ही जमाना है, सब या तो मिनी स्कर्ट या फिर जीन्स पहनती है।
कालू : मिनी स्कर्ट मतलब।
गीतिका : भैया जो स्कर्ट घटनो से भी ऊपर रहती है। उसे मिनी स्कर्ट कहते है।
कालू : तो क्या बड़ी उम्र की औरते भी जीन्स या वह मिनी स्कर्ट पहनती है।
गीतिका : हाँ भैया तुम देख लो तो कहोगे की कैसे यह औरते अपने भारी शरीर पर जीन्स पहन कर निकलती है।
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