02-19-2020, 01:42 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
लंड का सबसे प्यारा रिश्ता होता है चूत से ... ज़्यादातर लौड़ों को कच्ची और चिकनी चूत से मोहब्बत होती है। किसी-किसी को नसीब से जल्दी तो किसी को शादी के बाद चूत मिलती है.. मगर मिल जरूर जाती है।
लंड का चौथा रिश्ता मुँह से होता है जो इसको चूस कर मज़ा देता है ... मगर लड़की का मुंह किसी-किसी को ही नसीब होता है। कोई बीवी या गर्ल फ्रेंड लंड को मुँह में लेती है और कोई नहीं भी… तो अब समझ आया।
तुम्हें पता है कि प्रिया तुम्हारी बहन है मगर इस लौड़े को नहीं पता. तू तो होश में नहीं था मगर ये पूरे होश में था ... ये कड़क भी हुआ और इसने पानी भी उसके मुँह में निकाला ... अब बोल, ये ज्ञान की बात तेरे समझ में आई कि नहीं।
दीपक तो हक्का-बक्का रह गया। कल तक जिस लड़की को बहन मानता था आज उसकी ऐसी बात पता चल गई कि उसके पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक गई।
दीपक- यह गलत है.. नहीं, प्रिया ने पाप किया है.. मगर मैं नहीं कर सकता.. ना, ऐसा नहीं होगा…
दीपाली- तो ठीक है.. मत कर.. मगर इतना सोच ले कि प्रिया ने लौड़े का स्वाद चख लिया है और उसकी चूत लौड़े के लिए तरस रही है ... तू नहीं तो कोई और सही ... वो चुदेगी जरूर और हाँ, दूसरा उसको कौन मिलेगा जानते हो? तुम्हारे खास दोस्त ही उसको चोद कर मज़ा लेंगे. उनके अलावा वो किसी के पास जा ही नहीं सकती। अब सोच ले, सील पैक चूत फ्री में मिल रही है. ऐसा मौका बार-बार नहीं आता. तेरे दोस्त मज़ा लेंगे और तू चूत के लिए तड़पता रहेगा ... मेरी चूत भी नहीं मिलेगी तुझे. पर हाँ, अगर तू प्रिया को चोद दे तो मैं तुझ से चुदवा सकती हूँ, वरना नहीं.
दीपक- साली, तू कैसे नहीं चुदवाएगी.. इस घर में तेरे और मेरे सिवा है ही कौन.. तुझे तो जबरदस्ती चोद लूँगा।
दीपाली- मुझे तो चोद लोगे पर प्रिया? क्या उसके सामने तुम मुझे चोद पाओगे?
दीपक- क्या.. प्रिया कहाँ है यहां?
तभी कमरे का दरवाजा खुलता है और प्रिया अन्दर आ जाती है।
प्रिया- मैं यहाँ हूँ, भाई..
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RE: Indian Sex Kahani चुदाई का ज्ञान
दीपक प्रिया को देखता रह जाता है वो सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी में खड़ी थी। उसके चूचे आधे से ज़्यादा बाहर को झाँक रहे थे.. चूत का फुलाव पैन्टी में से साफ नज़र आ रहा था और वो दीपक के लौड़े को देख कर होंठों पर जीभ फेर रही थी.. जो आधा-अधूरा खड़ा था या यूँ कहो सोया हुआ था।
दीपक- ये क्क्क..क्या है प्रिया.. छी: तुम्हें शर्म आनी चाहिए..
दीपक कुछ और बोलता तब तक प्रिया उसके एकदम करीब आकर खड़ी हो जाती है और दीपक के लौड़े को देखने लगती है.. जिसमें अब तनाव आना शुरू हो गया था।
प्रिया- भाई.. आपने मेरे पूरे जिस्म को अच्छे से देख लिया और आपके मन में मुझे चोदने की इच्छा भी जाग गई है.. जिसका सबूत यह कड़क होता लौड़ा है.. अब यह झूठा गुस्सा किसलिए?
दीपक का लौड़ा एकदम तन गया था और प्रिया को चोदने की दिल के किसी कोने में एक चाहत जाग उठी थी।
दीपक- तू बहन नहीं.. एक रंडी है! आ जा साली.. पहले तुझे ही चोदूँगा..
दीपक ने प्रिया को बाँहों में भर लिया और उसके होंठ चूसने लगा। प्रिया भी उसका साथ देने लगी।
दीपाली वहीं खड़ी उन दोनों को देख कर मुस्कुराने लगी।
काफ़ी देर बाद दोनों अलग हुए. दीपक भूखे कुत्ते की तरह प्रिया के मम्मों को दबा रहा था और उसने ब्रा को खोल कर एक तरफ फेंक दिया था।
प्रिया- आह्ह… आई.. भाई आराम से करो ना आह्ह… दुख़ता है..
दीपक- साली छिनाल.. अपने भाई के बारे में गंदे ख्याल लाई.. तब नहीं सोचा तूने.. दुखेगा.. अब देख मैं कैसे तुझे मज़ा देता हूँ.. आज तो बहनचोद बन ही जाता हूँ.. जिस नाम से नफ़रत थी.. आज उसी को तूने मेरे से जोड़ दिया है।
दीपाली- ओके प्रिया, मैं अब जाती हूँ ... मेरा काम. हो गया. अब तुम दोनों मज़े करो।
ये सुनकर दीपक ने प्रिया को छोड़ दिया और दीपाली का हाथ पकड़ लिया।
दीपक- तू कहाँ जाती है मेरी बुलबुल.. तेरे चक्कर में तो आज मैं बहनचोद बनने जा रहा हूँ.. पहले तेरी चूत को फाड़ूँगा.. उसके बाद इस कुत्ती की ठुकाई करूँगा.. साली बहन के नाम पर कलंक है ये…
दीपाली- चूत तो मेरी भी खुजला रही है मगर मैंने प्रिया से वादा किया है उसकी सील तुम ही तोड़ोगे।
दीपक- अरे तो मैंने कब मना किया है.. पहले तेरी चूत का उद्घाटन करूँगा उसके बाद प्रिया की चूत का मुहूरत होगा।
प्रिया- नहीं भाई, पहले आप मेरे साथ करो ... मैं जानती हूँ मेरी तरह आप भी एकदम कुंवारे हैं. आपके लौड़े की पहली चुदाई है. तो आप मेरी सील के साथ अपनी भी शुरूआत करो। दीपाली कौन सी सील पैक है.. ये तो चुदी-चुदाई है।
दीपाली- तुम्हें मेरी कसम है प्रिया, इसके आगे मत बोलना।
दीपक- यस यस.. आई वाज राईट.. मुझे पता था साली तू चुद चुकी है.. वो साले नहीं मान रहे थे.. तेरी चाल देख कर ही मैं समझ गया था कि कोई तो है.. जो तेरी जवानी को लूट रहा है.. अब बता भी दे कौन है वो हरामी? जिसने हमारे माल पर हाथ साफ कर लिया।
दीपक की बात सुन कर दीपाली कुछ नहीं बोली।
प्रिया- भाई, क्यों बने-बनाए मूड को खराब कर रहे हो.. होगा कोई भी! आ जाओ, हम मज़े करते हैं।
दीपक- रूक, साली कुत्ती! तुझे बहुत जल्दी है चुदने की. इसे बोल यहीं रूके ... अगर ये रहेगी तभी तुझे चोदूँगा ... क्योंकि मैं आज इसकी चूत को नहीं छोड़ने वाला हूँ.
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