10-07-2021, 04:15 PM,
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desiaks
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RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
सुहानी अपनी साँसें समेटते हुए वही लेटी रही. इसके पहले की वो उठती तभी वहाँ राज आ गया. डॉली ने आरके का ध्यान दिलाया.
डॉली: “आरके, अब तेरी बेटी सुहानी को राज चोदेगा”
आरके ने अब फिर से अपनी नज़रे हॉल की तरफ की. जहाँ सुहानी नंगी लेटी थी और उसकी चौड़ी हो चुकी टाँगो के बीच राज खड़ा घूर रहा था.
आरके: “यह राज तो जानवरो की तरह चोदता हैं. प्लीज़ इसको रोक दो”
डॉली: “अपनी बेटी को पुच्छ, रोकने का डिसिशन तो उसके हाथ मे हैं”
आरके अब नीचे की तरफ भागा. डॉली उसके पीछे पीछे आई.
आरके: “सुहानी, तू उठ जा. यह राज जानवर हैं”
सुहानी वही लेटे लेटे डॉली को देख रही थी. डॉली ने अपनी आँखें तरेरते सुहानी को पूछा.
डॉली: “ सुहानी, राज से चुदवाएगी ना?”
सुहानी ने भी डॉली का इशारा समझ लिया था की उसको राज से भी चुदवाना हैं.
सुहानी: “हा. पापा आप दूर हटो. मुझे राज से चुदवाना हैं”
आरके अब डॉली तो कभी राज से गिड़गिडाने लगा.
डॉली: “अच्छा एक काम करते हैं. मैं राज को रोकती हूँ, पर आरके तुम्हे एक काम करना होगा”
आरके: “मैं तुम्हारे पैरो की धूल चाट लूँगा, बोलो क्या करना हैं”
डॉली: “चल तू कुत्ता बन”
सुहानी: “नही पापा, मुझे करने दो”
आरके अब कुत्ता बन गया. डॉली ने उसके गले मे कुत्ते का पट्टा बाँध दिया. आरके को कुत्ते की तरह चिल्लाता हुए वो उसको सुहानी के दोनो पैरो के बीच ले आई.
डॉली: “चल सुहानी, अपने पैर चौड़े कर. आरके, तू अपनी बेटी की चूत चाट”
सुहानी ने अपने पाव चौड़े कर दिए और अपनी चूत खोल कर अपने पापा के सामने कर दी. आरके रोने लगा.
डॉली: “ठीक हैं, तुझे नही करना तो फिर राज तू कपड़े खोल कर रेडी हो जा सुहानी को चोदने के लिए”
राज अपने कपड़े खोलने लगा. यह देखकर आरके ने आगे बढ़कर रोते हुए कुत्ते बने हुए ही अपने होंठ सुहानी की खुली चूत पर रख दिए.
डॉली: “चल मूह मे भर इसकी चूत”
आरके ने अपने होंठ बंद किए और सुहानी की चूत के होंठो को अपने मूह मे भर लिया.
डॉली: “अबे मूह चला अपना और चोद अपनी बेटी की चूत”
आरके का मूह अब धीरे धीरे चलने लगा. उसके होंठ अब सुहानी की चूत को चूस रहे थे.
सुहानी का चेहरा रोने जैसा हो गया था. डॉली ने गुस्से से सुहानी को देखा और इशारा किया. सुहानी एक नकली हँसी अपने चेहरे पर लाई.
फिर सुहानी ने आहें भरना शुरू किया. आरके यह सुनकर फफक कर रोने लगा पर चूत चूस्ता रहा.
डॉली के इशारे पर सुहानी ने अपने डाइयलोग बोलना चालू कर दिया.
सुहानी: “पापा, चूस लो मेरी चूत … हा .. अंदर ज़ुबान डाल कर चोद दो मुझे … कम ओंन पापा. .. चूस लो मेरी चूत”
आरके अब और भी तेज़ी से रोने लगा और आंससो तपाक कर सुहानी की चूत पर गिरने लगे.
डॉली: “इसी तरह तूने कौशल को मजबूर किया था मेरी मा की चूत मे उंगली डालने के लिए याद हैं. आज पता चला मजबूरी क्या होती हैं.”
डॉली ने राज को इशारा किया और वो लोग वहाँ से चले गये. आरके ने अपनी बेटी की चूत को चूसना बंद कर दिया. फिर साइड मे बैठे रोने लगा.
सुहानी ने भी उठ कर अपने कपड़े पहने और भाग कर अंदर चली गयी.
डॉली ने आरके के खिलाफ हमले का केस वापिस ले लिया. सुहानी उसके बाद फिर से विदेश चली गयी और अपने पापा की हरकतें पता चलने पर उनकी शकल फिर कभी नही देखने की कसम खा ली.
अगले एपिसोड मे पढ़िए डॉली आगे और क्या करती हैं.
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10-07-2021, 04:17 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली: “मैं आपके फ़ैसले का सम्मान करती हूँ, पर मुझे आपको मा बाप मानने मे कोई हर्ज नही हैं. आप लोग जब चाहे मेरे साथ रह सकते हैं”
राजेश: “हम अभी जाते हैं. ज्योति मेडम और सतीश साब का हम पर बहुत अहसान हैं, इसकी खातिर इस राज को राज ही रहने दो. हमें ख़ुसी हैं की हमारी बेटी आज यहा तक पहुच गयी हैं”
राजेश और शांति वहाँ से चले गये. डॉली एमोशनल होकर वही कुर्सी पर बैठ गयी और पाव लंबे कर टेबल पर रख दिए.
बाहर खड़े राज ने सारी बातें सुन ली थी. उसका शैतानी दिमाग़ फिर से चलने लगा. वो अंदर आया और डॉली की कुर्सी के पास नीचे ज़मीन पर बैठ गया.
राज: “पाव दबा दूं मेडम?”
डॉली: “चल दबा दे, बहुत ज़रूरत हैं”
राज अब डॉली के पाजामे के उपर से ही डॉली की लचीली जाँघो को दबाने लगा.
राज: “कौन थे यह लोग?”
डॉली: “तुझे क्या करना हैं. मेरे एरिया के लोग थे, अपनी कोई प्राब्लम लेकर आए थे”
राज: “तो आअप इतनी टेन्षन मे क्यू हैं! मैं जाकर इनकी प्राब्लम सॉल्व कर दूं?”
डॉली: “तू क्या हेल्प करेगा?”
राज: “यह ग़रीब लग रहे हैं. इनके यहा राशन का खाने पीने का सामान पहुचा दे?”
डॉली: “हा ठीक हैं, काभ कभी अच्छी बातें भी करता हैं तू”
राज खुश होकर और ज़ोर ज़ोर से डॉली की जांघे दबाने लगा. डॉली और भी रिलॅक्स होकर आराम से कुर्सी पर आधा लेट गयी और पाव आगे की टेबल पर और भी लंबे का दिए.
डॉली की चूत का हिस्सा अब राज की आँखों के सामने था. राज अब डॉली की जांघे दबाते हुए हाथ कुच्छ ज़्यादा ही उपर लाने लगा और लगभग चूत के आस पास दबाने लगा.
डॉली एक टेन्षन मे थी और उसने ज़्यादा ध्यान नही दिया. राज के हौंसले बढ़ गये और डॉली की चूत के उपर और नाभि के निचले हिस्से पर पाजामे के उपर हाथ फेरने लगा.
डॉली ने आँख खोली और एक थप्पड़ राज को लगाया. राज पाव की तरफ गिरा और डॉली ने 2-3 लाते राज पर चला दी.
डॉली: “साले हरामी, अपनी हरकतों से बाज नही आएगा तू! मौका मिलते ही यहा वहाँ हाथ लगाने की कोशिश करता रहता हैं”
राज: “मैं तो मसाज कर रहा था”
डॉली: “अभी तेरी मसाज करती हूँ”
डॉली उठ गयी और एक के बाद एक लात चलाते हुए राज को धो कर रख दिया. एक बार तो लात मारते अनबॅलेन्स भी होगई और धडाम से राज के उपर ही गिर गयी.
राज ने बचने को हाथ आगे किया और डॉली का एक बूब्स अपने हाथ से दबोच लिया. डॉली तुरंत खड़ी हुई और 1-2 लाते जमा कर दूर हटी.
डॉली ने अपना बूब पकड़ कर थोड़ा सहलाया, वोही बूब जो राज के दबाने से थोड़ा दर्द करने लगा था.
राज: “दर्द हो रहा हैं! मैं मालिश कर दूं?”
डॉली: “मालिश करेगा? चल कर”
राज अब उठ खड़ा हुआ और डॉली के सामने आया. उसको थोड़ा दर्द भी लग रहा था की डॉली कही गुस्से मे तो नही बोली थी.
डॉली दोनो हाथ अपने कमर पर रखे खड़ी थी. राज उसके आगे आया और डरते हुए अपने हाथ आगे करने लगा.
डॉली ने अपने हाथ कमर से नीचे किए तो राज डर गया और अपने हाथ पीछे खींच लिए. फिर एक बार उसने हिम्मत की.
डॉली ने एक शर्ट पहना था. राज अब शर्ट के बटन को खोलने लगा. शर्ट के सारे बटन खोल दिए और फिर शर्ट के दोनो हिस्सो को एक दूसरे से दूर कर डॉली के शरीर का आगे का हिस्सा नंगा किया. अंदर से डॉली का ब्रा और उसमे छिपे हुए गोरे गोरे मम्मे थोड़े से दिखे.
राज की मन मे लालच आ गया और आखें चमक उठी. उसने हाथ आगे बढ़ा कर डॉली के बूब्स के उपर से ही ब्रा को टच किया. डॉली के बूब्स थोड़ा दब गये.
डॉली ने का एक और दंडानता हुआ थप्पड़ आकर राज के गाल पर पड़ा. राज ने अपना हाथ को पीछे कर लिया और हाथ अपने गाल को सहलाने लगा.
डॉली: “लगा फिर से हाथ”
राज ने फिर से हाथ आगे बढ़ाया पर इस बार वो ब्रा को छू पता उसके पहले ही एक और थप्पड़ उसके गाल पर पड़ा और वो वहाँ से भाग खड़ा हुआ.
राज के जाते ही डॉली हँसने लगी.
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10-07-2021, 04:18 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली: “साले का हाथ बहुत भारी हैं, बड़ी ज़ोर से मम्मा दबाया था. वो आरके भी बोल रहा था की जानवरो की तरह चोदता हैं. इस हरामी पर गुस्सा नही होता तो एक बार इस से ज़रूर चुदवाती”
तभी दरवाजे के अंदर राज फिर से आया.
राज: “तो एक मौका दे दो. कसम से मज़ा दिला दूँगा”
राज बाहर खड़ा सब सुन रहा था. डॉली भी अब हँसने लगी.
डॉली: “चल एक मौका देती हू तुम्हे”
डॉली ने फिर अपना आधा खुला हुआ शर्ट अपने शरीर से निकाला और राज के मूह की तरफ उछाला. राज ने स्माइल करते हुए उस शर्ट को पकड़ कर साइड मे रखा.
राज के सामने अब डॉली उपर से सिर्फ़ ब्रा मे खड़ी थी. डॉली ने फिर अपने पाजामे को नीचे खस्काया. उसके झुकते ही ब्रा मे से उसके बूब्स और भी उभर कर बाहर दिखने लगे थे.
डॉली ने अपना पाजामा भी टाँगो से निकाला और राज की तरफ उछाला. राज की स्माइल और भी चौड़ी हो गयी थी. उसकी आँखों के सामने एक जवान खूब सूरत लड़की सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे खड़ी थी.
ब्रा और पैंटी दोनो ही महँगे वाले थे और कही कही से थोड़े जालीदार और बहुत आकर्षक थे. डॉली का गौरा पर्फेक्ट शेप वाला बदन देख राज की हालत खराब होने लगी.
उन अंदर के कपड़ो मे डॉली एक परी सी लग रही थी. डॉली ने फिर अपनी पीठ पर हाथ ले जाकर अपनी ब्रा का हुक खोला और अपने कंधे से ब्रा के स्ट्रॅप निकालते हुए ब्रा को निकाला.
फिर डॉली ने वो ब्रा भी राज की तरफ फेंका. डॉली के उन मोटे गोरे बूब्स को देख कर राज के होश उड़ गये. वो ललचाई बड़ी बड़ी आँखो से मूह फाडे डॉली को देख रहा था.
राज ब्रा कॅच नही कर पाया. राज की हालत देख कर डॉली खिलखिला कर हँसने लगी. डॉली की हँसी के साथ ही उसके दोनो मोटे बूब्स उपर नीचे थोड़ा उछलने लगे.
डॉली: “अपना मूह बंद कर राज, तेरे मूह की चासनी नीचे गिर रही हैं”
राज ने झेंप ते हुए अपना मूह बंद किये और फिर शर्मा के स्माइल करने लगा. डॉली अभी भी हंस रही थी.
राज सोचने लगा की डॉली के बूब्स भी ज्योति की तरह बड़े हैं मगर डॉली के बूब्स थोड़े ज़्यादा टाइट हैं और निपल भी छोटे और तने हुए हैं.
डॉली ने अब अपने दोनो अंगूठे अपनी कमर के दोनो तरफ से अपनी पैंटी के अंदर थोड़ा डाले और अपनी पैंटी को 1 इंच नीचे खिसकाया.
डॉली: “तुम्हारी पैंट की चैन मजबूत तो हैं ना?”
राज ने अपने नीचे देखा. राज की पैंट मे उसका लंड खड़ा हो गया और पैंट फाड़ कर जैसे बाहर आने लगा था.
राज दिल थामे अब पहली बार डॉली की जवान चूत देखने को मचलने लगा था. डॉली ने फिर एक स्माइल दी और राज की तरफ पीठ कर खड़ी हो गयी.
डॉली ने फिर अपना सर पीछे मोड़ते हुए राज को स्माइल करते देखा. फिर अपनी पैंटी को पीछे से थोड़ा नीचे खिसका कर अपनी गोरी गान्ड के थोड़े दर्शन करवाए.
राज वेट करने लगा की डॉली कब नंगी होगी और अपनी चूत दिखाएगी. डॉली ने अपनी पैंटी फिर से उपर कर दी.
डॉली: “मैने जो कपड़े दिए हैं उनको लौंड्री मे दे देना. मैं नहाने जा रही हूँ”
राज: “मगर, हम तो चुदाई करने वाले थे”
डॉली: “तुझे अभी भी लगता हैं की मैं तुझे चोदने दूँगी!”
राज: “मेरा पूरा मूड बन चुका हैं”
डॉली: “अभी तक जो तूने देखा हैं, यह याद कर कर के तू अपना लंड रगड़ कर कर लेना. तुझे तो मैं सपने मे ही मिलूंगी”
डॉली अब आगे की तरफ देखते हुए राज से दूर जाने लगी और दरवाजे के पीछे चली गयी. राज ने डॉली की नीचे पड़ी हुई ब्रा उठा ली और उसकी खुसबू सूंघने लगा.
तभी दरवाजा फिर से खुला और डॉली का सिर्फ़ हाथ बाहर आया जिसमे डॉली की खुली हुई पैंटी थी. डॉली ने बिना बाहर आए वो पैंटी बाहर उच्छाल दी. राज को डॉली तो नही दिखी पर उसकी आवाज़ ज़रूर आई.
डॉली: “यह पैंटी भी लौंड्री मे दे देना”
दरवाजा फिर बंद हो गया. दरवाजे के उस पार डॉली बिल्कुल नंगी थी पर राज कुच्छ नही देख पाया. डॉली का मकसद सिर्फ़ राज को तरसाना और तड़पाना था.
राज ने आगे बढ़कर डॉली की पैंटी भी उठा ली और उसको सूंघने लगा. बारी बाअरी से डॉली की पैंट ब्रा को सूंघते हुए राज सिर्फ़ फील ले रहा था.
राज:”डॉली, तेरी यह जवानी देखने के बाद मैं और भी श्योर हो गया हूँ की तुझे एक दिन ज़रूर चोदुन्गा और कुतिया बना कर चोदुन्गा”
अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या राज अपने मंसूबो मे कामयाब हो पाएगा!
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10-07-2021, 04:18 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
अब तक आपने पढ़ा की राज को डॉली के असली मा बाप का राज पता चलता हैं. डॉली ने चुदाई का लालच देते हुए नंगे होकर राज को सिर्फ़ तडपाया पर दिया कुच्छ नही और नहाने चली गयी.
अब आगे…
डॉली जब नहा कर बाहर आई तो बदन पर बड़ा सा तौलिया बूब्स के उपर से लेकर घुटनो के थोड़ा उपर तक लपेटा हुआ था.
बाहर आई तो सोफे पर पसरे हुए राज पड़ा हुआ था और डॉली का ब्रा और पैंटी सूंघ रहा था और स्माइल कर रहा था.
डॉली: “तू अभी तक गया नही?”'
राज: “आज तो मैं तुम्हे चोद कर ही जाउन्गा”
डॉली: “इतना कॉन्फिडेन्स कहाँ से लाया?”
राज: “मुझे पता हैं की वो ड्राइवर राजेश तुम्हारे बाप हैं”
डॉली: “तो छूप छूप कर लोगो की बातें सुनना तेरी आदत मे शुमार हैं!”
राज: “तुम लोगो ने कई सालो तक इसको राज रखा पर मैं पूरी दुनिया को बता सकता हूँ. मेरा मूह बंद रखने के लिए मेरा मूह भरना होगा”
डॉली: “तुझ जैसे कमीने इंसान से यही उम्मीद थी. कितना पैसा चाहिए बोल”
राज: “मुझे मेरे मूह मे तुम्हारे बूब्स, होंठ, और चूत भरनी हैं. एक बार चोदना हैं तुम्हे”
डॉली: “बस एक बार?”
राज: “एक बार चुदवा कर तो देखो, कसम से तुम खुद बार बार मुझे चोदने को बोलॉगी”
डॉली: “कुत्ते, तू मुझे चोदेगा? तू मेरा नौकर हैं”
राज: “नौकरी गयी भाड़ मे. वैसे कुत्ते से याद आया. तुझे तो मैं कुतिया बना कर चोदुन्गा. चल कपड़े खोल. आज तेरी चूत का भोसड़ा ना बना दिया तो मेरा नाम राज नही”
डॉली: “जा कुत्ते, तुझे जिसके सामने भौकना हैं भोक ले. मुझे अब फ़र्क नही पड़ता की सबको यह पता चले की मेरे असली मा – बाप कौन हैं”
राज: “मैं नौकर तो तू कौन? एक ड्राइवर की बेटी ही तो हैं. मुझ पर हुकुम तो ऐसे चला रही हैं जैसे किसी बड़े घर की बेटी हो”
डॉली: “तू आज भी नौकर हैं और मैं तेरी मालकिन. चल निकल यहा से”
राज आगे बढ़ा और डॉली की छाती से तौलिया निकालने लगा. डॉली ने उसका हाथ झटक दिया और फिर पीछे मूड गयी ताकि वहाँ पड़ा डंडा उठा पाए.
राज ने डॉली को पीछे से कमर से पकड़ लिया. डॉली अपने आप को राज की पकड़ से छुड़ाने लगी. राज ने फिर डॉली को खिसकाते हुए पास मे पड़े एक टेबल तक आया और उस पर डॉली को सामने से झुका कर लेटा दिया.
एक हाथ से डॉली के सर को टेबल पर दबा दिया. राज ने दूसरे हाथ से डॉली का तौलिया नीचे से उपर करने की कोशिश की.
डॉली की गोरी जाँघ दिखने लगी और तौलिए से डॉली की पैंटी दिखाई दी. इसके पहले की राज पैंटी उतारता, डॉली ने राज को कोहनी से पेट मे मारा. राज झटके से दूर हो गया.
डॉली ने घूम कर राज के मूह पर चांटा मार दिया और चिल्ला कर सेक्यूरिटी को अंदर बुला लिया. सेक्यूरिटी बाहर से दौड़ते अंदर आए और राज को पकड़ लिया.
राज: “यह तू ठीक नही कर रही, मैं सबको बता दूँगा राजेश के बारे मे”
डॉली: “इसको बाहर फेकने से पहले इसके हाथ पैर अच्छे से तोड़ देना”
राज चिल्लाने लगा. सेक्यूरिटी ने उसको बाहर ले जाकर बुरी तरह से पिता औ फिर सड़क पर छोड़ दिया. लंगड़ाता हुआ राज जैसे तैसे टॅक्सी पकड़ कर अपने घर पहुचा.
घर पर आकर राज दर्द के मारे कराह भी रहा था और गुस्से मे फुफ्कार भी रहा था. डॉली को ब्लॅकमेल करने का दाव नही चला.
डॉली एक ड्राइवर की बेटी हैं इस से शायद डॉली को कोई नुकसान नही था. फ़र्क तो सिर्फ़ ज्योति और सतीश को पड़ता. राज अब कोई दूसरा रास्ता ढूँढने लगा.
घर पर बैठे बैठे राज अपनी प्लॅनिंग मे जुट गया की कैसे वो डॉली को घुटनो पर लेकर आएगा.
कुच्छ समय बाद डॉली अपने एरिया की ही एक बस्ती मे एक महापुरुष की मूर्ति का उद्घाटन करने गयी. उसकी पार्टी के वर्कर्स ने थोड़ी भीड़ भी जुटा ली जो तालिया बजा पाए.
मूर्ति का उद्घाटन हुआ और डॉली अपना भाषण देने लगी. भाषण ख़त्म होने के बाद भीड़ मे एक यंग लड़का खड़ा हो गया, जिसका नाम शमित था.
शमित: “यह मूर्ति लगाने से इन बस्ती वालो का कोई भला नही होने वाला हैं”
डॉली की पार्टी के वर्कर्स ने ज़बरदस्ती डाट दपट कर शमित को नीचे बैठाने की कोशिश की. डॉली ने उनको रोक दिया और अपने पास बुलाया.
शमित ने साधारण से थोड़े से गंदे कपड़े पहन रखे थे. डॉली उसको उपर से नीचे देखने लगी.
शमित: “मूर्ति लगाने की बजाय बस्ती मे सॉफ सफाई पर ध्यान दिया होता तो लोग इतना बीमार नही पड़ते, और यहा का स्कूल सुधर जाता तो बच्चो को फ़ायदा मिलता”
डॉली: “तुमने बात करने की तमीज़ नही हैं की बड़ी पोस्ट वालो से बात कैसे करते हैं. स्कूल की बात कर रहे हो, लगता नही तुम कभी स्कूल गये होगे!”
शमित: “दीज़ पीपल्स डिड्न’ ट् एलेक्ट यू टू रूल देम, दे एलेक्टेड यू टू हेल्प देम. इफ़ यू कॅन’ ट् हेल्प उस देन डॉन’ ट् ह्युमिलियेट आइदर”
इसका मतलब यह था की बस्ती के लोगो ने डॉली को इलेक्शन मे वोट राज करने को नही दिया बल्कि उनकी मदद को दिया हैं. अगर वो मदद नही कर सकती तो अपमानित भी नही करना चाहिए.
एक साधारण से दिखने वाले युवक के मूह से इतनी अच्छी इंग्लीश सुनकर डॉली चौंक गयी. शमित वहाँ से चला गया. डॉली ने बस्ती के ही एक प्रधान को बुलाया.
डॉली: “कौन हैं यह लड़का?”
प्रधान: “मेडम इसका नाम शमित हैं. बस्ती के बच्चो को ऐसे ही आकर रोज फ्री मे पढ़ाता हैं. बस्ती के ही लोगो के साथ मिलकर रोड पर पसरी गंदगी भी सफाई करता हैं. यहा नही रहता, बस कुच्छ घंटे यहा पर सेवा करके चला जाता हैं”
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10-07-2021, 04:18 PM,
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RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली ने प्रधान को बस्ती की सफाई का निर्देश दिया और स्कूल मे क्या प्राब्लम हैं वो भी देखने को कहा. डॉली फिर वहाँ से चली गयी.
कुच्छ समय बाद प्रधान के कहने पर डॉली फिर से उस बस्ती मे देखने गयी की उसके कहे अनुसार सारी व्यवस्त ठीक से हुई हैं या नही.
वहाँ पर उसको शमित फिर से मिल गया. मगर इस बार शमित ने सॉफ सुथरे अच्छे कपड़े पहने हुए थे. बहुत ही सुंदर और आकर्षक लग रहा था. किसी अच्छे घर का मालूम पड़ रहा था.
डॉली: “अब तो खुश हो तुम, तुमने बताया वैसा काम हो चुका हैं”
शमित: “थॅंक्स. उस दिन बुरा लगा हो तो सॉरी, पर यहा के पॉलिटीशियन को लेकर मेरे मन मे कोई अच्छे विचार नही हैं”
डॉली: “मेरे बारे मे क्या ख्याल हैं?”
शमित: “क्या मतलब!”
डॉली: “शादी का प्रपोज़ल नही दे रही, मेरे काम के बारे मे बात कर रही थी”
डॉली और शमित मे अच्छे से बात हुई. डॉली को शमित पसंद आ गया था. मगर अपने दिल की बात वो कह नही पाई. डॉली ने शमित को नौकरी की पेशकश दी पर शमित ने माँग त्हुकरा दी.
डॉली ने शमित को अपने घर कॉफी पर बुलाया, थोड़ी रिक्वेस्ट के बाद शमित मान गया. शमित अगले सनडे के दिन डॉली के घर पहुच गया.
डॉली: “तुम्हारे घर मे कौन हैं?”
शमित: “घर मे सिर्फ़ पापा हैं. मेरी मा तो जनम देते ही चल बसी. ग़रीब लोगो की हेल्प करना मेरी हॉबी हैं”
डॉली फिर शमित के करीब गयी और उसके कंधे पर हाथ रख दिया. शमित चौंक गया. डॉली ने फिर अपनी हथेली शमित के शर्ट पर सीने पर रगडी.
शमित थोड़ा घबराया और डॉली का हाथ दूर किया और खड़ा हो गया. डॉली अपनी उंगली शमित के चिकने चेहरे पर घुमाते हुए उसके चेहरे के पास अपना चेहरा लाकर उसको सूंघने लगी.
शमित ने “एक्सक्यूस मी” कहा और डॉली से दूर हुआ. डॉली फिर शमित के चिपकने लगी.
शमित: “मैं इस टाइप का लड़का नही हूँ”
डॉली: “मतलब तुम लड़के तो हो. मैं बहुत ज़िद्दी हूँ, जो चीज़ पसंद आ जाती हैं वो पाकर रहती हूँ”
शमित: “मैं कोई चीज़ नही हूँ”
डॉली ने वही खड़े खड़े अपना सफेद कुर्ता सर से होते हुए बाहर निकाल दिया और दोनो हाथ अपने शरीर से चिपकाते हुए अपनी छाती को आगे कर दिया.
डॉली के ब्रा से उसके बूब्स और भी फूलकर बाहर निकल गये. डॉली ने एक नज़र अपने बूब्स पर डाली तो दूसरी नज़र आश्चर्य मे पड़े शांति पर डाली.
डॉली: “यह देखने के बाद भी तुम्हारी ना हैं?”
शमित: “इसमे कोई शक नही हैं की तुम बहुत खूबसूरत हो. मगर मैं इस तरह लड़कियो के साथ हुक अप नही करता”
डॉली फिर सामने की तरफ़ झुक गयी और अपने दोनो बूब्स के बीच की गली भी दिखाते हुए उसने अपनी लेगिंग निकाल दी. शमित गंभीर चेहरा बनाए डॉली की हरकत देख रहा था.
डॉली ने सीधा खड़े होकर शमित को हल्का सा धक्का दिया और वो पीछे पड़ी कुर्सी पर धडाम से बैठ गया.
डॉली ने अपनी चिकनी टाँग को शमित की चेयर पर रख दिया. शमित की आँखों के सामने डॉली की गोरी, चिकनी और पतली टांगे थी.
डॉली: “इसको पाने के लिए लोग मरते हैं और मैं खुद तुमको यह सब देना चाहती हूँ और तुम मना कर रहे हो!”
शमित ने डॉली के गोरे चिकने टखने पकड़े. शमित की उस च्छुअन से डॉली खुश हो गयी. शमित ने डॉली की टाँग को उठाते हुए अपनी कुर्सी से नीचे ज़मीन पर रख दिया. फिर शमित उठ खड़ा हुआ
शमित: “कॉफी के लिए थॅंक यू, अब मैं चलता हूँ”
डॉली दंग रह गयी. आज तक उसके हुस्न का जादू कभी फैल नही हुआ था, मगर शमित पर इसका की असर ही नही था.
डॉली: “कही ऐसा तो नहीं की तुम मर्द ही नही हो. ज़रा अपनी पैंट खोल कर दिखाओ”
शमित ने यह सुनकर स्माइल करते हुए अपना सर ना मे हिलाया.
शमित: “तुम मुझे नही बहला सकती. अगर तुम्हे लगता हैं की मैं मर्द नही तो यह ही सही. बाइ”
शमित वहाँ से निकलने लगा. डॉली उसके पीछे दौड़ती हुई गयी और उसको धक्का देते हुए दीवार के पास लाई. फिर शमित को दीवार से पीठ के सहारे चिपका दिया.
डॉली ने शमित के शर्ट के दोनो हिस्सो को खींचा जिससे उपर का बटन खुल गया और डॉली ने शमित के नंगे दिखते सीने को चूमना शुरू किया.
शमित ने डॉली को अपने से दूर किया. डॉली ने शमित की पैंट सहित उसका लंड पकड़ लिया. उसका लंड ठंडा पड़ा था. शमित ने अपना लंड डॉली की पकड़ से छुड़ाया.
डॉली: “इतना कुच्छ किया फिर भी तुम्हारा लंड कड़क नही हुआ”
शमित: “जिसको दिल से चाहो उसी के लिए लंड उठता हैं. मैं किसी और को प्यार करता हूँ, उसके अलावा किसी के साथ चुदाई नही कर सकता”
डॉली ने अपना ब्रा निकाल दिया और अपने गोरे बड़े से बूब्स बाहर निकाल दिए और शमित का चेहरा पढ़ने लगी. डॉली फिर शमित के पास गयी और उसकी हाथ पकड़ कर अपने बूब पर रख दिया.
डॉली का वो बूब शमित ने दबा दिया और अगले ही पल धक्के के साथ डॉली दो कदम पीछे चली गयी. शमित ने डॉली को पीछे हटाने के लिए जो धक्का दिया था उसकी वजह से बूब दब गया था.
डॉली: “नाम तो बता दो वो कौन खुशनसीब लड़की हैं”
शमित ने पीछे मुड़कर देखा और बिना जवाब दिए ही वहाँ से चला गया. डॉली खड़ी की खड़ी ही रह गयी. उसको शमित चाहिए था पर वो उसके चंगुल मे फसा नही.
थोड़े दिन बाद कार से जाते हुए डॉली ने रोड के किनारे थोड़ी दूर राज को शमित और एक और लड़की से बात करते देखा.
डॉली सोचने लगी की क्या राज और शमित एक दूसरे को जानते हैं! साथ मे जो लड़की थी कही वो शमित की गर्लफ्रेंड तो नही!
डॉली आगे कभी राज से कॉंटॅक्ट नही करना चाहती थी पर शमित को पाने के लालच मे उसने मन मार कर राज से कॉंटॅक्ट करने की सोची.
डॉली ने अपनी कार वहाँ रुकवाई और थोड़ा वेट किया. जैसे ही शमित और वो लड़की वहाँ से गये तो डॉली ने अपने ड्राइवर को भेज कर राज को बुलाया.
अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या राज और डॉली एक साथ मिलकर काम करेंगे!
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10-07-2021, 04:18 PM,
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desiaks
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RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
अब तक आपने पढ़ा की डॉली का दिल शमित पर आ गया पर शमित को डॉली मे कोई इंटेरेस्ट नही था क्यू की ऐसा लगा की उसकी पहले ही कोई गर्लफ्रेंड हैं. फिर डॉली ने शमित को एक लड़की और राज के साथ देखा. डॉली ने अब राज को मिलने के लिए बुलाया.
अब आगे…
कार मे अब सिर्फ़ राज और डॉली ही अकेले मे बात कर रहे थे.
राज: “आज मेरी याद कैसे आ गयी तुम्हे?”
डॉली: “तुम्हारी एक हेल्प चाहिए”
राज: “मैं तो कब्से कह रहा था की मुझे चोदने दो, आख़िर आज मेरी चुदाई की ज़रूरत पड़ ही गयी”
डॉली: “दिन मे सपने देखना छोड़ दो. यह बताओ की अभी तुम्हारे साथ एक लड़का और एक लड़की बात कर रहे थे. उनका आपस मे क्या रिश्ता हैं और तुम उनको कैसे जानते हो?”
राज: “तुम्हे क्या लेना देना उनसे? पूरी बात बताओ तो मैं हेल्प करूँगा”
डॉली: “मुझे वो लड़का शमित चाहिए. क्या वो लड़की शमित की गर्लफ्रेंड हैं?”
राज: “मैं तो एक दलाल हूँ, लोगो को नौकरी पर लगवाता हूँ. वो लड़का उस लड़की को नौकरी के लिए मेरे पास लाया था. वो लड़की तुम्हारी तरह बहुत कड़क हैं”
डॉली: “तू कमीना हैं, तेरी आदत मैं जानती हूँ. तुम्हे वो लड़की चाहिए और मुझे वो लड़का. दोनो एक दूसरे की हेल्प करेंगे तो दोनो का काम हो जाएगा”
राज:”अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को किसी और के साथ चुदते हुए देख ले तो वो अपनी गर्लफ्रेंड से रिश्ता तोड़ लेगा”
डॉली: “मगर वो लड़की किसी और के साथ क्यू चुदवायेगी?”
राज: “तुमने तो बड़े बड़े लोगो को फसाया हैं, तुम सोच लो. मैं उन लोगो को तुम तक ले कर आउन्गा”
डॉली: “उस लड़की को मेरे घर भेज दो, मैं अपने यहा काम पर रखूँगी. उसको मैं चोरी के इल्ज़ाम मे फसाउन्गी और उसको बचाने के बदले तुम उसके साथ जो करना चाहो कर लेना. फिर वो सब शमित को दिखा देना, फिर मैं शमित को अपना बना लूँगी”
राज: “क्या चक्कर हैं मेडम, उस लड़के मे इतना इंटेरेस्ट क्यू हैं?”
डॉली: “तुम अपने मतलब से मतलब रखो”
राज: “तुमने तो मुझे कुत्ते की तरह भागा दिया था. मैं तुम्हारी हेल्प क्यू करू?”
डॉली: “जितना पैसा चाहिए ले लेना इस काम के लिए”
राज: “पैसा नही चाहिए, मुझ तुम्हे चोदना हैं”
डॉली: “मैं तुम्हारी मदद के बिना भी यह काम कर सकती हूँ. मुझे तुम्हारी ज़रूरत नही हैं”
राज: “उस लड़की और उसके घर वालो को मैं अच्छे से जानता हूँ, मैं उनको तुम्हारा पूरा गंदा प्लान बता दूँगा. तुम मेरी हेल्प के बिना कुच्छ नही कर सकती”
डॉली: “मजबूरी का फ़ायदा उठाना कोई तुझसे सीखे. शमित को पाने के लिए तेरे साथ भी एक बार सो लूँगी”
राज: “याद हैं मैने तुमने क्या कहा था! तुम्हे कुतिया बना कर चोदुन्गा. मुझे मेरी वो इक्षा पूरी करने दो तो ही मैं तुम्हारी मदद करूँगा”
डॉली: “अपनी औकात से बाहर मत निकल”
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desiaks
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RE: Indian Sex Kahani चूत लंड की राजनीति
डॉली: “ऐसे ही राजा महाराजा की तरह बैठा रहेगा की चुदाई शुरू भी करेगा”
राज: “चल तू मेरी गोद मे आकर बैठ और मम्मों को मेरे मूह मे डाल”
डॉली अब उठ खड़ी हुई और सोफे पर बैठे राज की तरफ मूह करके उसकी गोद मे पॅव मोड़ते हुए बैठ गयी. डॉली की चूत से राज का लंड टकरा गया.
डॉली को एक कड़क मोटे लंड की च्छुअन का अहसास हुआ. डॉली की छाती राज की आँखों के सामने थी.
राज अपना मूह थोड़ा खोला डॉली ने घुटनो के बल थोड़ा उपर उठते हुए अपने निपल को राज के मूह मे डालने की कोशिश की.
शुरू मे राज ने अपना मूह इधर उधर करते हुए डॉली को तरसाया और फिर रुक गया तो डॉली ने अपना निपल उसके मूह मे डाल दिया.
एकदम कड़क तना हुआ निपल अब राज के मूह मे था और वो होंठ बंद किए उस निपल को चूसने लगा. डॉली के मोटे बूब्स को अपने होंठो से रगड़ता हुए राज आवाज़ निकाल रहा था.
फिर डॉली ने अपने दूसरे मम्मे के निपल को भी राज के मूह मे भर दिया. राज ने दोनो निपल्स और मम्मों को बहुत देर तक चूसा.
अपने होंठो से डॉली के बूब्स को इतना ज़्यादा दबाया की डॉली के बूब्स भी गोरे रंग से बदल कर लाल हो गये.
राज ने कभी बूब्स की मोटाई को चूसा तो कभी दोनो बूब्स के बीच की गली मे अपनी ज़ुबान रगडी और चूमा. फिर मम्मों के साइड से होंठह चला कर चूमा और चूसा. अपने हाथों से भी बूब्स को भॉम्पू की तरह बार बार दबा कर मज़े लिए.
डॉली की पूरी छाती अब राज की लार से गीली हो गयी थी. डॉली घुटनो के बल सोफे पर थोड़ा खड़ी थी और राज ने अपना हाथ नीचे ले जाकर अपनी उंगलिया एक साथ डॉली की चूत पर रगडी.
इस बीच उसकी ज़ुबान लगातार डॉली के निपल और बूब्स को चूस रही थी. डॉली की चूत मे भी अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया था जो की आकर राज की उंगलियो को लग रहा था.
राज की उंगलिया अब चूत से निकले पानी से चिकनी हो चुकी थी. राज ने डॉली के बूब्स चूसना छोड़ा और डॉली उस से थोड़ा पीछे हटी.
राज ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और डॉली ने भी अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर ज़ुबान आपस मे लड़ाई. डॉली नीचे उतर गयी तो राज ने अपनी उंगली पर लगी चूत के पानी की चिकनाई को अपने लंड पर रगड़ा.
राज: “चल अब कुतिया बनकर मेरा लंड चूस”
डॉली फिर से नीचे ज़मीन पर घोड़ी की तरह खड़ी हुई और राज की दोनो टाँगो के बीच आकर उसका लंड पकड़े अपने मूह मे लेने लगी.
राज का लंड बहुत मोटा था और डॉली का छोटा सा मूह पूरा भर गया. डॉली ने अपने होंठो को राज के लंड पर रगड़ते हुए उसका लंड अपने मूह मे अंदर बाहर किया.
राज अब आहें भरते हुए सिसकिया मारने लगा. डॉली एक हाथ की नैल्पोलिश लगी उंगलियो से राज के लंबे लंड को नीचे से पकड़े हुए अपने मूह मे अंदर बाहर कर रही थी.
डॉली के लाल लिपस्टिक मे रंगे होंठ लंड के चारो तरफ घिस कर आगे पीछे हो रहे थे. राज की सिसकिया और आहें अब और गहरी होने लगी.
राज के लंड से थोड़ा पानी भी छूट गया था जिसको अपनरना अपने मूह मे दबाए हुए थी. डॉली के होंठ जब राज के लंड पर रगड़ खा रहे थे तो मूह से थोड़ा लंड का पानी भी निकल कर बाहर होंठो पर आ गया था.
लाल लिपस्टिक के होंठो पर अब सफेद गाढ़ा पानी थोड़ा आकर कर लग गया था. पर डॉली ने लंड को मूह मे रगड़ना जारी रखा.
राज: “बंद कर कुतिया, लंड का सारा पानी अपने मूह मे ही ले लेगी तो चूत मे क्या लेगी!”
राज ने डॉली के माथे पर हाथ रखा और उसको पीछे पुश करते हुए अपना लंड डॉली के मूह से बाहर निकाला.
राज का लंड गंदे पानी से भीग का गीला और चिकना हो चुका था. डॉली के खुले मूह मे भी वो पानी थोड़ा जमा था. डॉली अपना मूह बंद नही कर पा रही थी.
राज: “जा कुल्ला करके आ”
अगले एपिसोड मे पढ़िए राज और डॉली की चुदाई जारी रहेगी
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