Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर
09-01-2018, 12:46 PM,
RE: Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर
वक़्त के हाथों मजबूर--44



राधिका- वाह मोनिका वाह..... क्या खूब निभाई है तुमने दोस्ती....तूने तो कोई कसर नहीं छोड़ी मुझे बर्बाद करने में...आज तो तू बहुत खुस होगी ना अपनी रिहाई पर... गौर से देख मुझे आख़िर क्या बिगाड़ा था मैने तेरा जो तूने मेरे साथ इतना बड़ा विश्वास घात किया.. मेरा यही कसूर हैं ना कि मैने तुझे अपना एक अच्छा दोस्त समझा... आज मुझे तुझसे कोई शिकायत नही हैं मगर जाते जाते तुझसे इतना ज़रूर कहूँगी कि अब भगवान के लिए किसी के साथ ऐसा मत करना जैसे तुमने मेरे साथ किया हैं.. तूने तो मुझे आज कहीं का नहीं छोड़ा मगर क्या तू इन सब चीज़ों से बच पाई... नहीं.... आज मैं तो एक रंडी बन ही चुकी हूँ मगर आज तू भी कोई सती सावित्री नहीं रही... मुझे रंडी बनाने के चक्कर में तू आज खुद एक रंडी बन चुकी हैं... तूने तो मेरे लिए खड्‍डा खोदा था ना.. देख मैं तो इस खड्डे में गिरी हूँ मगर तू आज अपने आप को भी इस खड्डे में गिरने से नहीं बचा पाई.....



राधिका की ऐसी बातो को सुनकर मोनिका की आँखों से आँसू छलक जाते हैं और वो तुरंत राधिका के कदमों में आकर गिर पड़ती हैं- मुझे माफ़ कर दे राधिका मुझसे बहुत बड़ी भूल हुई जो मैने ये सब किया.. अपनी ज़िंदगी को बर्बाद होता हुआ देखकर मुझे मज़बूरन ये सब करना पड़ा.. मुझे माफ़ कर दे राधिका...



राधिका- माफी.........तूने तो मेरी हँसी खेलती ज़िंदगी बर्बाद कर दी... कितनी खुस थी मैं अपनी छोटी सी दुनिया में.. सब कुछ अच्छा चल रहा था अब तो मैं खुद इतना नीचे गिर चुकी हूँ कि अब मेरा राहुल भी मुझे कभी नहीं अपनाएगा... आज मैं जिस जगह पर खड़ी हूँ वहाँ से दुबारा मेरा लौटना ना-मुमकिन हैं..तेरी वजह से आज मेरे पास आत्महत्या करने के सिवा अब कोई चारा नहीं बचा हैं... मगर तू चिंता मत कर मैं तेरे जैसे नहीं हूँ स्वार्थी... और मैं कमज़ोर भी नही हूँ कि मैं आत्महत्या करूँगी...तेरे उपर मैं कोई इल्ज़ाम नही आने दूँगी और आज के बाद मेरी तेरे से यही विनती हैं कि तू अपनी ये शकल मुझे कभी मत दिखना ...जिसे मैने दोस्ती समझा था आज उसी दिल में तेरे लिए बस नफ़रत हैं नफ़रत.......चली जा मेरे सामने से अभी इसी वक़्त... अब मैं तुझसे कोई बात नहीं करना चाहती...और इतना कहकर राधिका अपना मूह गुस्से से दूसरी तरफ फेर लेती हैं... मोनिका चुप चाप रोते हुए कमरे से बाहर निकल जाती हैं और साथ में जग्गा भी वहाँ से बाहर निकल जाता हैं....



बिहारी तो कुछ कह नहीं पाता और अपनी नज़रें नीचे झुकाए खड़ा रहता हैं...तभी विजय उसके पास आता हैं और उसके सामने खड़ा हो जाता हैं...



रात भर की चुदाई की वजह से इस वक़्त राधिका की चूत और गान्ड से ब्लीडिंग शुरू चुकी थी..मगर अब भी वो अपने अंदर दर्द को बर्दास्त की हुई थी...



विजय- अब तेरी रिहाई में केवल 1 घंटे बचा हैं मगर मैं चाहता हूँ कि तू आखरी बार यहाँ से जाने से पहले तू अपनी चूत चुदवा ले.. इसके बाद हम सब तेरी ज़िंदगी से हमेशा हमेशा के लिए दूर चले जाएँगे... बोल चुदवायेगि ना आखरी बार हमारी खातिर...



राधिका कुछ नहीं कहती और अपना मूह फेर लेती हैं..



विजय- तू सोच रही होगी कि हम तेरी चुदाई करेंगे.. मगर नहीं... हमारा तो अब तुझसे मन भर गया हैं.. मगर एक बंदा हैं जो बहुत ख़ास हैं और वो किसी जवान लड़की की चूत चोदना चाहता हैं... बस तू उसकी ये इच्छा पूरी कर दे.. फिर तू आज़ाद हैं..



राधिका बिहारी की बातो को सोचने लगती हैं -कौन हैं वो..



विजय- शाबाश मेरी जान मैं जानता था कि तू मुझे निराश नहीं करेगी.. मिल्वाउन्गा तुझे अभी ..थोड़ी देर में इतनी भी क्या जल्दी हैं...मगर हमारी कुछ शर्तें हैं वो तुझे माननी पड़ेगी.. बोल मानेगी ना..



राधिका- जब इतना नीचे गिर ही चुकी हूँ तो फिर सोचना क्या विजय.. बोल क्या हैं तेरी शर्तें...



विजय के चेहरे पर कुटिल मुस्कान तैर जाती हैं और बिहारी मूह फाडे विजय की बातें सुनता रहता हैं मगर उसे भी कुछ समझ नहीं आता कि विजय आख़िर चाहता क्या हैं...



विजय- शर्त ये हैं कि तू वो बंदा बहुत शर्मीला हैं.. उसे बहुत शरम आती हैं इसलिए वो चाहता हैं कि जब तू उसके सामने जाए तो तेरी आँखों पर काली पट्टी लगी रहें.. ताकि वो तुझे देख सके मगर तू उसे नहीं...इस बात से बेख़बर रहे कि और भी कोई उसके साथ होगा.. वो सिर्फ़ अकेले होगा और तुझे उसे खुस करना हैं...और हां वो हमारा ख़ास आदमी हैं तुझे मैं उससे सेक्स करने के बाद उससे ज़रूर मिल्वाउन्गा.. तू उसे देखकर बहुत खुस होगी..



राधिका- ठीक हैं विजय मुझे तुम्हारी शर्त मंज़ूर हैं...कहाँ हैं वो???



विजय- अभी थोड़ी देर में वो यहाँ आता ही होगा तब तक तू जाकर फ्रेश हो जा ... और राधिका जाकर बाथरूम में फ्रेश होती हैं और फिर बाथ लेती हैं उसके दिल और दिमाग़ में बस यही सवाल उठ रहा था कि आख़िर कौन हैं वो आदमी..



इधेर राहुल भी अब तक राधिका की तलाश में पूरे जी जान से लगा हुआ था.. उसके सामने आब धीरे धीरे एक एक कड़ी सुलझती जा रही थी..सुबेह के करीब उसे एक आदमी की लाश मिलती हैं.. सहर के बाहर एक छोटे से तालाब के पास... वो पूरे लगन से लगा हुआ था हर कड़ी को सुलझाने में..उस आदमी का चेहरा पूरी तरह से डॅमेज था मगर आइ-कार्ड की वजह से उसकी पहचान हो गयी थी... ये आदमी और कोई नहीं इक़बाल था.. वही इक़बाल जिसने कृष्णा और बिरजू को पैसे दिए थे पार्वती के मर्डर केस में.. और इसी आदमी की तलाश राहुल को बहुत दिनों से थी... मगर जब वो उसके हाथ लगा भी तो उसे कोई फ़ायदा नहीं हुआ... बिहारी के लिए ये आदमी सबसे बड़ा ख़तरा बन चुका था...और इसी ख़तरे की वजह से बिहारी ने इसे अपने रास्ते से हटवा दिया था...बिहारी अच्छे से जानता था कि एक बार ये आदमी पोलीस के हाथ लग गया तो उसका खेल ख़तम....
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RE: Indian Sex Story वक़्त के हाथों मजबूर - by sexstories - 09-01-2018, 12:46 PM

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