Indian XXX नेहा बह के कारनामे
03-04-2021, 10:14 AM,
#51
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
सुनील के आँगन में आते ही पिता बहुत धीरे-धीरे चलकर अपने बेटे के घर तक पहुँचा। वो कुछ देखना चाहता था अपनी आँखों से। दरवाजा खुला था, वो धीरे-धीरे अंदर गया, और एक कमरे के पास आते ही उसको सिसकारियों और तड़पने की आवाज सुनाई दी। उसको पता चल गया कि क्या हो रहा होगा कमरे के अंदर। और ध्यान से वो उस कमरे के दरवाजे के बगल में खड़ा हो गया अंदर देखने के लिए। और उसने नेहा को बिल्कुल नंगी देखा अपने बड़े भाई के नंगे जिश्म के नीचे।

बड़े भाई का लण्ड छोटी बहन की चूत में अंदर-बाहर हो रहा था, नेहा की बाहें बड़े भाई का पीठ सहला रही थीं, सिसकारियां लेते हुए। बाप बहुत अच्छी तरह से सुनील की गाण्ड, उसके अंडे और नेहा की चूत को लण्ड लेते हुए देख रहा था, बहत आसानी से सब दिख रहा था उसे। नेहा की चूत में सुनील का लण्ड आता जाता देखकर पिता ने अपने लण्ड को अपने पैंट में सीधा किया।
***
**
*****
वो बड़ा उत्तेजित होकर देखता रहा और उसका लण्ड बिल्कुल जमके खड़ा हो गया। दोनों भाई बहन को करते हुए देखकर, उसको दोनों को जाय्न करने का मन किया। मगर सोचा कि सुनील क्या कहेगा अगर उसने जाय्न किया तो? इसलिए खुद पर काबू रखते हुए वो संभल कर देखता गया दोनों को। सुनील और नेहा अपने आप में और सेक्स में इतने डूबे हए थे कि उनको किसी और की हाजिरी का पता ही नहीं चला घर में। और जल्द ही उन दोनों ने पोजीशन चेंज की और नेहा सुनील के ऊपर आ गई, और अब जो पिता की आँखों को नजर आ रहा था वो इस तरह था।

नेहा की गाण्ड उसकी आँखों के सामने था, सुनील का लण्ड उसकी चूत में आते जाते हए। बाप का मन किया तुरंत जाकर नेहा की गाण्ड के छेद में वहीं अपना लण्ड पेल दे। नेहा हलचल कर रही थी गाण्ड हिलाते हुए अपने भाई के लण्ड को अपनी चूत के अंदर-बाहर अंदर करते हुए और साथ-साथ सुनील को चूमे जा रही थी मुँह में और गले पर, उसके बल बिखरे हुए थे और हिलने की वजह से बाल कभी दाएं तो कभी बाएं फैल रहे थे सुनील के चेहरे पर। सुनील के हाथ नेहा कि कमर को पकड़े उसके हिलने को कंट्रोल कर रहे थे। दोनों वैसे करते गये जब तक झड़ नहीं गए। फिर नेहा हाँफते हुए अपने बड़े भाई के जिश्म पर लेट गई और उसको किस करती गई, बीच-बीच में लंबी साँसें लेते हुए।

धीरे से बाप घर से निकालकर बाहर चला गया। घर वापस आकर पिता ने मूठ मारा नेहा के उस दृश्य को आँखों के सामने लाकर। भाई बहन को चोदते देखकर वो बहुत ही उत्तेजित हो गया था। उसने कभी नहीं सोचा था कि उन दोनों के बीच भी वैसा कुछ वो देख सकेगा। और बाप यह भी सोचने लगा कि, क्या नेहा की शादी से पहले भी उन दोनों में ऐसा कोई रिश्ता था क्या? फिर सोचने लगा कि कहीं अनिल से भी तो नेहा नहीं चुदवाती होगी। नेहा से पूछना पड़ेगा उसने सोचा।

Reply
03-04-2021, 10:15 AM,
#52
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
कोई एक घंटे के बाद सुनील ने नेहा को वापस उसके बाप के घर ड्रॉप किया। जैसे ही नेहा घर आई बाप ने उसको अपनी गोद में एक बच्चे की तरह उठाकर सीधा अपने बिस्तर पर लेटाया। वक़्त ना बर्बाद करते हुए उसने नेहा के कपड़े उतारे और उसके जिश्म को चारों तरफ से चाटने लगा।

नेहा हँस रही थी और हँसते हुए पूछा- “ऐसी जल्दी भी क्या है पापा? आराम से करो ना.."

मगर बाप उस वक्त एक भूखे भूड़िये की तरह उसको नोच रहा था। खैर, उसने नेहा को फिर चोदा और अपने वीर्य को उसके मुँह में छोड़ा, जिसको नेहा ने पी लिया और अपने पिता के लण्ड को हाथ में आराम से थामकर बाप के चेहरे में मुश्कुराते हुए देखकर चूसा।

उसके बाद दोनों में बातचीत हुई। बाप ने नेहा से उसके भाइयों के बारे में पूछा। नेहा बताने से हिचकिचा रही थी। तो बाप ने कहा- “वो सुनील के घर गया था जिस वक्त सुनील उसको चोद रहा था और उसने सब कुछ देखा।

यह सुनकर नेहा को झटका लगा और उसने जवाब दिया- “वो अपने सुनील भाई को मना नहीं कर पाई क्योंकी वो बहुत बिनती कर रहा था...”

तो बाप ने पूछा- क्या अनिल भी करता है उसके साथ?

तब नेहा बोली- “नहीं अनिल भैया ने कभी ऐसा नहीं किया मगर सुनील भैया ने कहा कि दोनों आपस में मेरे बारे में ऐसी बातें करते हैं, और अब तो सुनील भैया जरूर अनिल भाई को बता देगें कि उसने मेरे साथ सब कर लिया है तो शायद अनिल भाई भी करना चाहेंगे अब तो.."

तो इस तरह से हर दिन और रात बाप बेटी में चुदाई होती रही। बिंदास चोदता था बाप नेहा को हर रोज। नेहा भी खूब एंजाय करती थी और बहुत खुशी देती थी अपने पापा को। अनिल को मौका नहीं मिला हालांकी सुनील ने उसको बता दिया था कि वो नेहा को चोदने में कामयाब हो गया था। अनिल ने ट्राइ किया मगर बाप नेहा पर नजर रख रहा था और उसको सिर्फ अपने लिए रखा हुआ था घर में।

अनिल ने जाकर सुनील से कहा कि वोही कुछ करें कि उसको नेहा मिल सके, उसके अपने पति के घर लौटने से पहले। सुनील भी और चोदना चाहता था नेहा को, मगर जब वो नेहा को दोबारा लेने को आया तो बाप ने नेहा को जाने से मना किया।

नेहा को पता था कि उसके पापा को जलन हो रही थी क्योंकी उसको अब सब पता है। मगर सुनील को पता नहीं था कि उसके बाप को पता है कि वो क्यों नेहा को अपने घर ले जाना चाहता है। नेहा सुनील को और उसकी लाचारी को देखकर मुश्कुरा रही थी।

बाप ने सुनील से कहा- "अगर तू नेहा से मिलना चाहता है तो अपनी बीवी और बेटी को लेकर यहाँ आना नेहा से मिलने को...”

सुनील को बहस करने के लिए कोई कारण नहीं था तो बेबस उसको लौटना पड़ा।

नेहा को अफसोस हो रहा था, मगर वो भी लाचार थी अपने बड़े भाई को उस हाल में देखकर। किसी तरह चुपके से नेहा को मौका मिला सुनील से यह कहने को- “फिकर मत करो और मौके मिलेंगे आपको भाई.."

फिर सुनील जब वापस अनिल से मिला तो दोनों ने निश्चय किया कि जब नेहा अपने पति के घर वापस चली जाएगी तब दोनों वहाँ जाकर नेहा के साथ एंजाय करेंगे एक साथ।
Reply
03-04-2021, 10:15 AM,
#53
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
एक हफ़्ता गुजर गया। नेहा की माँ की तबीयत बेहतर हुई और हास्पिटल से उसको डिस्चार्ज मिल गई और वो घर वापस आ गई मगर बहुत कमजोर थी। और नेहा को वापस अपने पति के घर लौटना पड़ा। बाप खुद नेहा को स्टेशन छोड़ने गया कि कहीं उसके दोनों भाई ना टपक पड़े।

नेहा वापस आ गई अपने ससुराल, प्रवींद्र, रवींद्र और अपने ससुर के बीच।

मगर अभी हम नेहा को कुछ दिनों तक भूल जाते हैं इसलिए कि यहाँ उसके पिता के साथ क्या होता है वो देखते हैं। नेहा के पास वापस चलेंगे यहाँ की घटनायें को देखने के बाद। यहाँ भी कुछ गरम होने वाला है अभी, नेहा के पिता का किसी और के साथ। उम्मीद है कि पाठकों को यह हिस्सा भी पसंद आएगा... चलो देखते हैं।

नेहा के पिता को अब क्योंकी जवान चूत की लज्जत मिल गई तो अब उसको वैसा ही मजा करने की जरूरत पड़ने लगी। वो दिन रात नेहा के बारे में सोचने लगा, उसके साथ गजारी हर रात, हर चदाई को याद करता गया

और जो खुशी, जो आनंद नेहा ने उसको दिया चुदाई करते वक्त... वो उसको कभी भी हासिल नहीं हुआ था अपनी पत्नी से। तब उसको पता चला कि इस पीढ़ी की लड़कियां बहुत मस्त चुदाई करती हैं, लण्ड चूसती हैं, मुँह में वीर्य लेती हैं, गाण्ड में भी लण्ड लेती हैं।

इसलिए उसको अब वैसी चुदाई की जरूरत पड़ने लगी। कई रातों को नेहा के पिता ने नेहा को सोचते हए मूठ मारा, उसको अपनी बाहों में महसूस किया, उसकी जिश्म की खुशबू को महसूस करते हुए मूठ मारा, नेहा की काँख को संघने को याद किया, उसकी चत की महक को याद किया. नेहा की जीभ के रस को महसस किया। यह सब उसके जेहन में काफी दिनों तक मौजूद रहे, पर अब उसको उसी तरह की चुदाई की सख्त जरूरत पड़ने लगी। तो उसके गंदे दिमाग में कोई आया जिसके साथ वो अपने अरमानों को पूरा कर सकता था। थी एक जवानी इस जेनरेशन की जिसके साथ वो एंजाय कर सकता था। कौन थी वो?

अनिल की बीवी, उसकी बहू, छोटे बेटे की पत्नी। वो जवान थी, माडर्न थी, इसी जेनरेशन की थी, हमेशा आजकल की बालीवुड हेरोयिन्स की तरह कपड़े पहनती थी और सजती सवंरती थी। जब वो साड़ी पहनती थी तो अक्सर स्लीवलेश और बकलेश, ब्लाउज़ डीप कट, जिससे क्लीवेज नजर आते थे। या तो वो अक्सर टाइट जीन्स स्कर्ट पहनती थी और सेक्सी टी-शर्ट या टाप्स। घर पर वो शार्ट्स पहनती थी और उसकी जांघे बड़ी गदराई दिखती थीं। अनिल 38 साल का था और उसकी पत्नी 26 साल की थी। उसकी कोई औलाद नहीं थी। वो एक हाउसवाइफ थी, तो दिन भर घर पर ही रहती थी।

अब क्योंकी नेहा इस जेनरेशन की लड़की थी तो नेहा के पिता ने सोचा के अनिल की पत्नी भी इसी जेनरेशन की है और अगर नेहा इतनी सेक्सी और चुदाई का मजा देती है तो आरती भी उसी की तरह होगी। क्योंकी वो भी नेहा की जेनरेशन की है, हाँ कछ साल बडी है नेहा से। अब नेहा का बाप अनिल की 0 सोचने लगा। उसको पता है कि वो किस तरह के माडर्न ड्रेस पहनती है, और कितनी गरम और सेक्सी दिखती है। फिर उसने सोचा कि अगर नेहा इतनी गरम है, और आरती भी वैसी ही दिखती है तो क्या पता कि वो भी नेहा की तरह सेक्स एंजाय करती होगी और उसके साथ भी वो वैसा ही आनंद पा सके।
बाप ने नेहा वाला ब्लो-जाब याद किया और सोचा कि हो सकता है आरती भी वैसा ब्लो-जाब करती हो। ब्लो-जाब तो नेहा की माँ ने कभी भी नहीं किया था उसके साथ। नेहा के पिता को जिंदगी की पहली ब्लो-जाब तो नेहा से हासिल हुई, तो उसने सोचा शायद इस जेनरेशन की औरतें बेहतरीन तरीके से सेक्स करती हैं। पुराने जमाने की

औरतों की तरह नहीं कि लेट गई बिस्तर पर टाँगों को फैलाकर और चूत के अंदर लण्ड ले लिया बस हो गया। फिर अब उसको एक लत जैसी लग गई ब्लो-जाब, किस और नये तरीके से सेक्स करने के लिए और जबसे नेहा गई है बूढ़ा पागला सा गया और वैसे सेक्स के लिए तड़पने लगा था। अब नेहा का पिता सिर्फ आरती के बारे में सोचता रहता और उसको सोचकर मूठ मारता।
Reply
03-04-2021, 10:15 AM,
#54
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
औरतों की तरह नहीं कि लेट गई बिस्तर पर टाँगों को फैलाकर और चूत के अंदर लण्ड ले लिया बस हो गया। फिर अब उसको एक लत जैसी लग गई ब्लो-जाब, किस और नये तरीके से सेक्स करने के लिए और जबसे नेहा गई है बूढ़ा पागला सा गया और वैसे सेक्स के लिए तड़पने लगा था। अब नेहा का पिता सिर्फ आरती के बारे में सोचता रहता और उसको सोचकर मूठ मारता।
दूसरे दिन वो अनिल के घर गया। वो ऐसे वक्त पर वहाँ गया जब उसको मालूम था कि अनिल काम पर गया हुआ है और आरती घर पर अकेली है। दरवाजे को खटखटाया तो सुबह के 10:00 बजे थे। आरती ने आकर दरवाजा खोला और अपने ससुर को देखकर हैरान हो गई। वो अब तक अपने नाइटी में थी, कपड़े नहीं बदली थी। अपने ससुर को देखकर आरती ने सोचा शायद उसकी सास की तबीयत खराब हो गई इसीलिए ससुर कुछ कहने आये हैं।

वो ससुर के कुछ बोलने की इंतेजार कर रही थी, मगर ससुर तो आरती की खूबसूरती को नाइटी में देखकर एक पतले की तरह खड़ा उसको देख रहा था, उसकी क्लीवेज कमाल की थी, आरती का जिश्म नेहा से थोड़ा अधिक भरा हुआ था, और गदराया हआ जिश्म था उसका। उसकी लुक्स पर्फेक्ट थी, नेहा की तरह गोरी भी थी। आरती की मुश्कुराहट भी हसीन थी और आवाज भी मस्त थी, बिल्कुल फेमिनाइन।

जब ससुर ने कहा कि वो ऐसे ही गुजारने के लिये आया है तो आरती ने उसको अंदर आने को कहा। आरती किचेन के तरफ गई और ससुर उसके पीछे-पीछे गया। आरती ने उसको किचेन में ही बैठने को कहा। ससुर आरती से कई बार ऐसे मिला है, अक्सर मिलते थे दोनों, मगर सिर्फ एक ससुर और बहू की तरह। दोनों एक दूसरे से अच्छे तालुकात रखते थे पहले से ही। आरती उसको अपने पिता जैसे मानती थी।

पहले तो नेहा के पिता ने आरती को कभी भी वैसी नजरों से ना ही देखा ना सोचा था। तो आरती उसके साथ बिल्कुल नार्मल हमेशा की तरह पेश आ रही थी जैसे पहले किया करती थी। पर अब ससुर तो किसी और नीयत से आया था। इस बार तो उसके समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे आरती को बात किया जाए। वो आरती को घूरता रहा, जबकि आरती किचेन के काम काज में लगी हुई थी उससे ऐसे ही बातें करते हुए।

ससुर उसको ऊपर से नीचे तक गौर से देखता गया और अपने पैंट में लण्ड को सीधा किया जो आरती की जिश्म को देखकर खड़ा हो गया था। एक बार ऐसे ही आरती उसके हाथ से ग्लास ले रही थी तो उसकी क्लीवेज ससुर की हथेली से छुआ और ससुर के जिश्म में करेंट सा दौड़ गया।

आरती को लगा कि आज ससुर कुछ अजीब दिख रहे हैं। तो उसने पूछा- “आप ठीक तो हो ना डैडी? कोई प्राब्लम तो नहीं? वो हमेशा उसको 'डैडी' ही बुलाती थी, क्योंकी आरती बड़े शहर से थी।

तो ससुर ने थोड़ा हकलाते हुए कहा;- “न-नहीं, सब ठीक है आरती...”

ससुर बहुत उत्तेजित हो रहा था और बेचैन भी था। वो अपने आपको उस युवक की तरह महसूस कर रहा था जो पहली बार सेक्स के लिए एक लड़की को प्रपोज करने वाला होता है। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे आगे बढ़े।
Reply
03-04-2021, 10:15 AM,
#55
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
एक हफ़्ता गुजर गया। नेहा की माँ की तबीयत बेहतर हुई और हास्पिटल से उसको डिस्चार्ज मिल गई और वो घर वापस आ गई मगर बहुत कमजोर थी। और नेहा को वापस अपने पति के घर लौटना पड़ा। बाप खुद नेहा को स्टेशन छोड़ने गया कि कहीं उसके दोनों भाई ना टपक पड़े।

नेहा वापस आ गई अपने ससुराल, प्रवींद्र, रवींद्र और अपने ससुर के बीच।

मगर अभी हम नेहा को कुछ दिनों तक भूल जाते हैं इसलिए कि यहाँ उसके पिता के साथ क्या होता है वो देखते हैं। नेहा के पास वापस चलेंगे यहाँ की घटनायें को देखने के बाद। यहाँ भी कुछ गरम होने वाला है अभी, नेहा के पिता का किसी और के साथ। उम्मीद है कि पाठकों को यह हिस्सा भी पसंद आएगा... चलो देखते हैं।

नेहा के पिता को अब क्योंकी जवान चूत की लज्जत मिल गई तो अब उसको वैसा ही मजा करने की जरूरत पड़ने लगी। वो दिन रात नेहा के बारे में सोचने लगा, उसके साथ गजारी हर रात, हर चदाई को याद करता गया

और जो खुशी, जो आनंद नेहा ने उसको दिया चुदाई करते वक्त... वो उसको कभी भी हासिल नहीं हुआ था अपनी पत्नी से। तब उसको पता चला कि इस पीढ़ी की लड़कियां बहुत मस्त चुदाई करती हैं, लण्ड चूसती हैं, मुँह में वीर्य लेती हैं, गाण्ड में भी लण्ड लेती हैं।

इसलिए उसको अब वैसी चुदाई की जरूरत पड़ने लगी। कई रातों को नेहा के पिता ने नेहा को सोचते हए मूठ मारा, उसको अपनी बाहों में महसूस किया, उसकी जिश्म की खुशबू को महसूस करते हुए मूठ मारा, नेहा की काँख को संघने को याद किया, उसकी चत की महक को याद किया. नेहा की जीभ के रस को महसस किया। यह सब उसके जेहन में काफी दिनों तक मौजूद रहे, पर अब उसको उसी तरह की चुदाई की सख्त जरूरत पड़ने लगी। तो उसके गंदे दिमाग में कोई आया जिसके साथ वो अपने अरमानों को पूरा कर सकता था। थी एक जवानी इस जेनरेशन की जिसके साथ वो एंजाय कर सकता था। कौन थी वो?

अनिल की बीवी, उसकी बहू, छोटे बेटे की पत्नी। वो जवान थी, माडर्न थी, इसी जेनरेशन की थी, हमेशा आजकल की बालीवुड हेरोयिन्स की तरह कपड़े पहनती थी और सजती सवंरती थी। जब वो साड़ी पहनती थी तो अक्सर स्लीवलेश और बकलेश, ब्लाउज़ डीप कट, जिससे क्लीवेज नजर आते थे। या तो वो अक्सर टाइट जीन्स स्कर्ट पहनती थी और सेक्सी टी-शर्ट या टाप्स। घर पर वो शार्ट्स पहनती थी और उसकी जांघे बड़ी गदराई दिखती थीं। अनिल 38 साल का था और उसकी पत्नी 26 साल की थी। उसकी कोई औलाद नहीं थी। वो एक हाउसवाइफ थी, तो दिन भर घर पर ही रहती थी।

अब क्योंकी नेहा इस जेनरेशन की लड़की थी तो नेहा के पिता ने सोचा के अनिल की पत्नी भी इसी जेनरेशन की है और अगर नेहा इतनी सेक्सी और चुदाई का मजा देती है तो आरती भी उसी की तरह होगी। क्योंकी वो भी नेहा की जेनरेशन की है, हाँ कछ साल बडी है नेहा से। अब नेहा का बाप अनिल की 0 सोचने लगा। उसको पता है कि वो किस तरह के माडर्न ड्रेस पहनती है, और कितनी गरम और सेक्सी दिखती है। फिर उसने सोचा कि अगर नेहा इतनी गरम है, और आरती भी वैसी ही दिखती है तो क्या पता कि वो भी नेहा की तरह सेक्स एंजाय करती होगी और उसके साथ भी वो वैसा ही आनंद पा सके।

बाप ने नेहा वाला ब्लो-जाब याद किया और सोचा कि हो सकता है आरती भी वैसा ब्लो-जाब करती हो। ब्लो-जाब तो नेहा की माँ ने कभी भी नहीं किया था उसके साथ। नेहा के पिता को जिंदगी की पहली ब्लो-जाब तो नेहा से हासिल हुई, तो उसने सोचा शायद इस जेनरेशन की औरतें बेहतरीन तरीके से सेक्स करती हैं। पुराने जमाने की

औरतों की तरह नहीं कि लेट गई बिस्तर पर टाँगों को फैलाकर और चूत के अंदर लण्ड ले लिया बस हो गया। फिर अब उसको एक लत जैसी लग गई ब्लो-जाब, किस और नये तरीके से सेक्स करने के लिए और जबसे नेहा गई है बूढ़ा पागला सा गया और वैसे सेक्स के लिए तड़पने लगा था। अब नेहा का पिता सिर्फ आरती के बारे में सोचता रहता और उसको सोचकर मूठ मारता।

दूसरे दिन वो अनिल के घर गया। वो ऐसे वक्त पर वहाँ गया जब उसको मालूम था कि अनिल काम पर गया हुआ है और आरती घर पर अकेली है। दरवाजे को खटखटाया तो सुबह के 10:00 बजे थे। आरती ने आकर दरवाजा खोला और अपने ससुर को देखकर हैरान हो गई। वो अब तक अपने नाइटी में थी, कपड़े नहीं बदली थी। अपने ससुर को देखकर आरती ने सोचा शायद उसकी सास की तबीयत खराब हो गई इसीलिए ससुर कुछ कहने आये हैं।

वो ससुर के कुछ बोलने की इंतेजार कर रही थी, मगर ससुर तो आरती की खूबसूरती को नाइटी में देखकर एक पतले की तरह खड़ा उसको देख रहा था, उसकी क्लीवेज कमाल की थी, आरती का जिश्म नेहा से थोड़ा अधिक भरा हुआ था, और गदराया हआ जिश्म था उसका। उसकी लुक्स पर्फेक्ट थी, नेहा की तरह गोरी भी थी। आरती की मुश्कुराहट भी हसीन थी और आवाज भी मस्त थी, बिल्कुल फेमिनाइन।

जब ससुर ने कहा कि वो ऐसे ही गुजारने के लिये आया है तो आरती ने उसको अंदर आने को कहा। आरती किचेन के तरफ गई और ससुर उसके पीछे-पीछे गया। आरती ने उसको किचेन में ही बैठने को कहा। ससुर आरती से कई बार ऐसे मिला है, अक्सर मिलते थे दोनों, मगर सिर्फ एक ससुर और बहू की तरह। दोनों एक दूसरे से अच्छे तालुकात रखते थे पहले से ही।
आरती उसको अपने पिता जैसे मानती थी।
Reply
03-04-2021, 10:15 AM,
#56
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
Quote:जब ससुर ने कहा कि वो ऐसे ही गुजारने के लिये आया है तो आरती ने उसको अंदर आने को कहा। आरती किचेन के तरफ गई और ससुर उसके पीछे-पीछे गया। आरती ने उसको किचेन में ही बैठने को कहा। ससुर आरती से कई बार ऐसे मिला है, अक्सर मिलते थे दोनों, मगर सिर्फ एक ससुर और बहू की तरह। दोनों एक दूसरे से अच्छे तालुकात रखते थे पहले से ही।
आरती उसको अपने पिता जैसे मानती थी।

पहले तो नेहा के पिता ने आरती को कभी भी वैसी नजरों से ना ही देखा ना सोचा था। तो आरती उसके साथ बिल्कुल नार्मल हमेशा की तरह पेश आ रही थी जैसे पहले किया करती थी। पर अब ससुर तो किसी और नीयत से आया था। इस बार तो उसके समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे आरती को बात किया जाए। वो आरती को घूरता रहा, जबकि आरती किचेन के काम काज में लगी हुई थी उससे ऐसे ही बातें करते हुए।

ससुर उसको ऊपर से नीचे तक गौर से देखता गया और अपने पैंट में लण्ड को सीधा किया जो आरती की जिश्म को देखकर खड़ा हो गया था। एक बार ऐसे ही आरती उसके हाथ से ग्लास ले रही थी तो उसकी क्लीवेज ससुर की हथेली से छुआ और ससुर के जिश्म में करेंट सा दौड़ गया।

आरती को लगा कि आज ससुर कुछ अजीब दिख रहे हैं। तो उसने पूछा- “आप ठीक तो हो ना डैडी? कोई प्राब्लम तो नहीं? वो हमेशा उसको 'डैडी' ही बुलाती थी, क्योंकी आरती बड़े शहर से थी।

तो ससुर ने थोड़ा हकलाते हुए कहा;- “न-नहीं, सब ठीक है आरती...”

ससुर बहुत उत्तेजित हो रहा था और बेचैन भी था। वो अपने आपको उस युवक की तरह महसूस कर रहा था जो पहली बार सेक्स के लिए एक लड़की को प्रपोज करने वाला होता है। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे आगे बढ़े।

आरती को लगा कि वो अबनार्मल है जिस तरह से वो व्वहार कर रहा था। तब आरती ने पूछा- “डैडी, क्या आप एक पेग मार चुके हो सुबह-सुबह आज क्या....."

उसने जवाब दिया- “नहीं बिल्कुल नहीं, मगर शायद मुझको मार लेना चाहिए था। क्योंकी इस वक्त मुझे तुमसे कुछ कहना है जो नहीं कह पा रहा हूँ..."

आरती ने उसके चेहरे में थोड़ा हैरान होकर देखा फिर पूछा- “आपको मुझसे कुछ कहना है और नहीं कह पा रहे हो डैडी? अजीब लग रहा है मुझे, क्या बात है? कोई गम्भीर बात है क्या?” आरती अपने मद भरे होंठों पर एक मुश्कान लाई और सवालिया नजरों से उनके चेहरे में देखती रही।
Reply
03-04-2021, 10:16 AM,
#57
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
Quote:आरती की नजरें ससुर के चेहरे में सुराग ढूँढने की कोशिश कर रही थीं मगर उसकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था, वो उसके पास खड़ी उसको देखे जा रही थी, इस इंतेजार में कि बूढ़ा कुछ कहे।

बूढ़े ने आरती की क्लीवेज पर नजर दौड़ाया और जल्दी से नजर हटा भी लिया कि कहीं आरती देख ना ले। फिर वो खड़ा हुआ और कहा- “ठहरो, मैं थोड़ी देर में वापस आता हूँ ओके.."

तो तुरंत आरती बोली- “हम्म्म... अब आप सच में एक पेग मारने को चले ना, मगर जाने से पहले बात तो बता दो..."

ससुर ने जवाब दिया- “तुम तब तक गेस करो, बात पर्सनल है, मैं आधे घंटे में तुम्हारे पास वापस आता हूँ..." जब वो बात कह रहा था, उस वक्त उसका हाथ आरती के कंधे पर था, आरती के बहुत करीब था और धीरे से वो बात कहा, उसकी नाक आरती के कान के करीब थी और उसने आरती की खुशबू को सूंघा और उसको तुरंत उसे किस करने का मन किया। फिर वो पीने चला गया।

आरती सोचती रही थी कि उसको क्या कहना था मगर नहीं कह पा रहा था? जिस वक्त ससुर ने उसके कंधे पर अपना हाथ रखा था आरती ने उसकी गरम साँसों को अपने गले पर महसस किया था, और आरती ने मन में सोचा- 'कहीं वो बूढ़ा मुझको तो नहीं चाह रहा था..' मगर आरती वैसा नहीं सोच सकती थी उसके बारे में और अपने दिमाग को खुद आरती ने गंदा कहा और वैसे खयालों को दिमाग से निकाल दिया।

आरती को नहाना था तो वो चली गई बाथरूम में, मगर क्योंकी किसी भी वक़्त उसका ससुर वापस आ सकता था, इसलिए उसने सामने का दरवाजा लाक नहीं किया, ताकी वो घर के अंदर दाखिल हो सके। एक स्कर्ट और स्लीवलेश टी-शर्ट लिया था पहनने को आरती ने। माडर्न टाइप टी-शर्ट और स्कर्ट थी जो शहर वाली लड़कियां पहनती हैं। वैसे हर रोज जब आरती नहाने जाती है तो कपड़े साथ लेकर नहीं जाती है, सिर्फ अपने तौलिया में शावर से बाहर निकलती है और अपने कमरे में वापस जाने के बाद कपड़े पहनती है। तौलिया उसकी छाती से घुटने तक लपेटे रहती है, पर आज क्योंकी उसका ससुर वापस आने वाला था तो आरती कपड़े साथ लेकर गई बाथरूम में ही पहनने के लिए। वो बाथरूम में आराम से नहा रही थी और गुनगुनाती जा रही थी, अपने गरम जिश्म पर साबुन मलते हुए।

ससुर वापस आया, जब आरती बाथरूम के अंदर ही थी। उसने कई पेग मार लिए थे और अब बात करने की हिम्मत था उससे। उसने आरती को बाथरूम के अंदर गुनगुनाते हुए सुना और बाथरूम के दरवाजे के पास खड़े होकर ऊँची आवाज में कहा- “मैं वापस आ गया हूँ आरती..."

आरती को भी अंदर से ऊँची आवाज में जवाब देना पड़ा- “हाँ डैडी, मैं शावर ले रही हैं। आप बैठिए मैं बस थोड़ी देर में आती हैं। उम्मीद है कि आपने ज्यादा नहीं पी है और गिर नहीं जाओगे हीहीही.."

ससुर मुश्कुराया और कहा- “ना, मैं ठीक हूँ बेबी..” यह बेबी शब्द उसने धीरे से कहा ताकी आरती ना सुन सके।

आरती ने जल्दी से नहाकर बाहर निकलना चाहा। उसको इतनी आदत हो गई थी शावर के बाद तौलिया में बाहर आने की कि वो बिल्कुल भूल गई कि आज कपड़े लेकर अंदर गई है, और तौलिया में ही बाहर निकल आई।
Reply
03-04-2021, 10:16 AM,
#58
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
आरती ने जल्दी से नहाकर बाहर निकलना चाहा। उसको इतनी आदत हो गई थी शावर के बाद तौलिया में बाहर आने की कि वो बिल्कुल भूल गई कि आज कपड़े लेकर अंदर गई है, और तौलिया में ही बाहर निकल आई।

ससुर ने जब उसको वैसे देखा तो उसको लगा कि उसके लण्ड के दो टुकड़े हो जाएंगे टूट कर। नेहा के बालों से पानी के बूंदें टपक रही थीं तौलिया पर, उसकी गुलाबी जांघे दिख रही थीं, ऊपर छाती पर जहाँ तौलिया लपेटा हुआ था उस सफेद हिस्से को ससुर घूरने लगा, उसकी जिश्म की पूरी बनावट ससुर की नजरों के सामने उसके जले पर नमक जैसे लग रही थी।

आरती ने ससुर को देखा और तब भी अपने कपड़ों को याद नहीं किया और अपने कमरे के तरफ चलते हुए कहा- “बस एक मिनट में आती हूँ डैडी.."

जब आरती ससुर के पास से गुजरी तो ससुर की नजर उसकी नंगी पीठ, लचकती कमर, और मटकती हुई गाण्ड पड़ी और वो उसे गौर से देखने लगा। उसको अपने लण्ड को पैंट में सीधा करना पड़ा क्योंकी खड़ा होकर लण्ड उसको डिस्टर्ब करने लगा था। वो खड़ा हुआ आरती के पीछे जाने के लिए, तभी आरती अपने कमरे में चली गई।

मगर तुरंत आरती वापस निकली अपने कमरे से क्योंकी उसको याद आया कि कपड़े तो उसने बाथरूम में रख रखे है। और अब आरती को ससर के पास से गजरना था क्योंकी तब तक बढा कारिडोर में खड़ा था उसके कमरे की तरफ जाते हुए। जब आरती उसके करीब पहुँची तो लाल चेहरे के साथ एक नकली मुश्कुराहट में ससुर को एक नजर देखते हुए उसने धीरे से कहा- “मैं अपने कपड़े अंदर भूल आई हूँ..” और आगे बढ़ती गई।

ससुर ने आरती का हाथ झट से पकड़कर खींचा और तुरंत आरती ससुर की बाहों में आ गई। आरती की एक आहह... निकली, चेहरा लाल हो गया बिल्कुल, साँसें तेज हो गई, दिल की धड़कनें जैसे रुकने वाली हों, उसका जिश्म बिल्कुल ससुर के जिश्म से चिपक गया था, उसकी छाती तौलिया समेत ससुर की छाती पर चिपकी हुई थी, आरती इतनी लाल हो गई जैसे अब उसके जिश्म से खून निकल आयेगा। आरती की समझ में नहीं आया के उसको उस वक्त क्या करना चाहिए या क्या कहना चाहिए? सब कुछ इतना अचानक हुआ कि उसकी समझ में कुछ भी नहीं आया।

वो ससुर की बाहों से निकलने की कोशिश करने लगी तो ससुर ने झट से अपने मुँह को आरती के मुंह पर रखा और एक जबरदस्त किस किया आरती के होंठों पर। अपने हाथों से आरती तौलिया को संभाल रही थी कि कहीं खुल ना जाए, और जोर लगाने लगी उसकी बाहों से निकलने के लिए। मगर बूढ़ा आरती के होंठों को नहीं छोड़ रहा था। आरती के मुँह में अपना जीभ डाल दिया था और उसके हाथ आरती की नंगी पीठ पर फिर रहे थे तौलिया को खोलने की कोशिश करते हुए। आरती बहुत गम्भीर हो गई और कहा- “डैडी छोड़िये मुझे, क्या कर रहे हो आप? आप नशे में हो क्या?"

आरती को अपनी बाहों में जकड़े हुए ससुर ने जवाब दिया- “मेरी जान, मैं यही कहने को आया था, मगर नहीं कह पाया, मगर अब तो सही वक्त है और मौका भी है। इस हालत में कौन कम्बख़्त तुमको छोड़ सकता है भला, आ जा रानी मजा करेंगे..."

अपने ससुर की बातों को सुनकार आरती को इतनी गर्मी लगी जैसे गर्मी के मौसम में लगती है। उसके पशीने छूट पड़े, और बहुत हैरानी से वो अपने ससुर के चेहरे में देखने लगी, यह समझने की कोशिश करते हुए कि क्या वो इतने नशे में है क्या?

मगर तब तक ससुर तौलिया को निकालने में लग गया था उसकी चूचियों पर से, जहाँ आरती ने तौलिया को लपेटा था। तो झट से आरती ने अपने दोनों हाथों को ससुर के हाथ पर दबाया उसको रोकने की लिए। तब ससुर ने अपने हाथों को पीछे करते हुए आरती की गाण्ड पर किया और तौलिया के नीचे उसकी नंगी गाण्ड पर अपने हाथ को फेरने लगा। ससुर उत्तेजना से मरा जा रहा था आरती की नंगी गाण्ड को महसूस करते हुए। उसको लगता था कि उसकी तो लाटरी लग गई आज।

आरती ने पैंटी नहीं पहनी थी, पैंटी तो बाथरूम में ही रह गई थी और वोही तो पहनने जा रही थी वो।
Reply
03-04-2021, 10:16 AM,
#59
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
आरती ने पैंटी नहीं पहनी थी, पैंटी तो बाथरूम में ही रह गई थी और वोही तो पहनने जा रही थी वो।

उसकी गाण्ड पर अपने हाथों को दबाते हुए ससुर ने गुर्राते हुए कहा- “अरे वाह... उफफ्फ़... हाँ, यह मुझे दे दो...

यही चाहिए मुझे रानी, इसे मेरे हवाले कर दो ना...” तब भी आरती उसकी बाहों में ही कैद थी और अब ससुर ने अपने हाथ को उसकी चूत पर कर लिया और अपनी उंगली को चूत में डालने की कोशिश करने लगा।

तो आरती गिड़गिड़ाई- “नहीं डैडी, प्लीज... मुझे छोड़ दीजिए, यह ठीक नहीं है, गलत बात है ये, मुझे जाने दीजिए प्लीज डैडी..."

ससुर कुछ नहीं सुन रहा था और एक भूखे भूड़िये की तरह अपनी जीभ को आरती के गले पर फेरते हुए चाटने लगा। चाटते हुए आरती के गाल, मुँह, ठोड़ी, कान के पीछे, सब जगह जीभ फेरता गया। फिर ससुर ने अपनी जीभ को आरती के होंठों के बीच किया, तो आरती ने मुँह बंद कर लिया। फिर ससुर ने एक हाथ से उसके दोनों गालों को दबाकर उसको मुँह खोलने पर मजबूर किया, तो आरती को मुँह खोलना पड़ा। ससुर ने अपनी जीभ को उसके मुँह के अंदर डालकर उसकी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा।

आरती अपने दोनों पैरों को जमीन पर पटकने लगी, फिर भी ससुर उसको छोड़ने वाला नहीं था। ससुर उसको किस करते जा रहा था 3-4 मिनट हो गये और वो आरती की जीभ को चूसे ही जा रहा था, उसको अपने बाहों में जकड़े हुए। तब तक आरती को एक कमजोरी जैसी महसूस होने लगी अपने आप में। असल में वो एक मर्द की बाहों में होने की और किस करने का नतीजा था, जो आरती को गरम करने लगा था। धीरे-धीरे उसके जिश्म में एक मस्ती पैदा होने लगी थी और शायाद उस वक्त आरती को थोड़ा बहुत अच्छा भी लगने लगा था, और वोही उसकी कमजोरी की निशानी थी।

मगर आरती सोच रही थी कि वो कमजोरी इसलिए महसूस कर रही थी कि काफी देर तक वो उसके साथ स्ट्रगल करती रही थी। वो सोच रही थी कि कमजोरी फिजिकल थी। असल में वो मानसिक कमजोरी थी, उसके मन की कमजोरी थी जो उसके जिश्म की प्यास बढाने लगी थी। तौलिया तब भी आरती की जिश्म पर लपेटा और किस के दौरान धीरे-धीरे ससर उसको खोलता गया।

फिर कुछ पल बाद ससुर ने आरती की बाहों को अपने हाथ से उठाकर अपने खुद के कंधे पर किया, और आरती ने करने दिया। मतलब अब आरती की बाहें ससुर के कंधे पर आ गई थीं और आरती ने हिलनं इलना बंद कर दिया था। लगता था उसने अपने आपको ससुर को समर्पण कर दिया था।

तौलिया नीचे जमीन पर गिर गया, और ससुर ने नंगी आरती को अपनी गोद में उठाया, और आरती की निपल को चसते हए कमरे की तरफ ले जाने लगा। जबकि आरती ने अपनी आँखों को बंद करके बाहों से उसके कंधों को जोर से जकड़ लिया और अपने जिश्म को ससुर के जिश्म से चिपका लिया था।

ससुर ने आरती को बिस्तर पर लेटाया, और अपने कपड़े उतारे, फिर अपने लंबे मोटे लण्ड को आरती के मुँह तक ले गया।

आरती ने ससुर की आँखों में देखा, लण्ड को हाथ में लिया और अपने मुँह में लण्ड को लेने ही जा रही थी कि अचानक आरती बोली- “घर का मेनडोर लाक नहीं है डैडी...” इस वक्त आरती ससुर के पूरे कब्जे में थी और उसकी हर बात मानने को तैयार थी। लगता था अब आरती को उससे चुदवाने के लिए कोई एतराज नहीं थी।

ससुर बोला- “तुम्हारे खयाल से इस वक्त कोई तुम्हारे यहाँ आ सकता है क्या?"

आरती उसके लण्ड को अपनी हथेली से सहलाते हुए बोली- “और क्या होगा अगर आज ही अचानक अनिल आ गया तो?"

ससुर नंगे ही दरवाजे को लाक करने गया। जब वो वापस आया तो आरती ने अंदर से अपने बेडरूम का दरवाजा लाक कर लिया था। ससूर आरती के कमरे के बाहर बिल्कुल नंगा खड़ा हआ पूछा- “यह क्या मजाक है मेरी रानी... दरवाजा खोलो मेरी जान यह मजाक का वक्त नहीं है, खोलो दरवाजा..."
*****
*****
***** *****
Reply
03-04-2021, 10:16 AM,
#60
RE: Indian XXX नेहा बह के कारनामे
कड़ी_19
आरती ने कोई जवाब नहीं दिया।

ससुर को गर्मी छाने लगा हालांकी वो नंगा था। उसने दरवाजे को खटखटते हुए कहा- “हे आरती बेबी, मेरे कपड़े अंदर हैं, मैं यहाँ नंगा खड़ा हूँ, और तुमको मजाक सूझ रहा है, ऐसा मत करो मेरी जान, चलो खोलो दरवाजा अब..." ‘

फिर भी कोई जवाब नहीं आया अंदर से, उसके पशीने छूटने लगे चिंता के मारे। वो चलकर दूसरे कमरे की तरफ गया, फिर किचेन में गया रास्ता ढूँढने के लिया कि कहीं से आरती के कमरे में जा सके, मगर कोई रास्ता नहीं था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करें वो? तब तक उसका लण्ड बिल्कुल मुरझा गया था डर के मारे। वो सोचने लगा क्या होगा अगर आरती ने दरवाजे को बिल्कुल नहीं खोला और अनिल को फोन करके बता दिया हो कि उसका बाप नंगा उसके घर में घूम रहा है। बहुत फिकर हो रही थी उसे। आधे घंटे तक वो कारिडोर में खड़ा रहा आरती से विनती करते हुए कि वो दरवाजे को खोले, और कई बातें किया उसने आरती से। फिर आधे घंटे के बाद दरवाजा खुला।

और आरती जोर-जोर से हँस रही थी। आरती ने हँसते हुए कहा- “आप तो पशीने पशीने हो गये, आपका नशा तो उड़ गया लगता है डैडी हीहीहीही..."

तब ससुर के जान में जान आई और उसने भी हँसते हुए कहा- “अरे, बाप रे बाप... तुमने तो मुझको सच में डरा दिया था रे। हजार तरह के विचार आ रहे थे मेरे दिमाग में। उफफ्फ़..."

आरती अभी भी वैसी ही नंगी थी जैसे आधे घंटे पहले ससुर ने उससे छोड़ा था। वो सिर्फ अपने ससुर से मसकरी कर रही थी, उसका टांग खींच रही थी दरवाजा बंद करके। ससुर के लण्ड ने अपना आकार लेना फिर से शुरू कर दिया आरती को चुलबुलाते हुए देखकर। उसकी रिझाने की अदा अलग थी।

ससुर ने उसके गाल को सहलाया और हल्के से बेड पर धक्का देकर लेटाया आरती को।

आरती ने बेड पर लेटे हुए पूछा- “एक बात आप मुझे बताओ डैडी, आप कैसे मुझमें ऐसे इंट्रेस्टेड हुए, मतलब सेक्स के लिए? मैं बिल्कुल चिहुँक गई थी जब आपने मुझको कारिडोर में जकड़ा था, बिल्कुल भी मैंने उम्मीद नहीं किया कि आप कभी ऐसा करोगे मेरे साथ..."

तब तक ससुर ने अपने लण्ड को उसके मुँह के पास कर दिया था और आरती लण्ड को अपने हाथ में थामे हुए उसके साथ बात कर रही थी। फिर ससुर ने अपनी कमर को थोड़ा सा धकेलकर अपने लण्ड को आरती के होंठों से लगाया और आरती ने मुँह थोड़ा सा खोल दिया और जीभ निकालकर लण्ड के ऊपर हल्के से फेरा, और धीरे से अपने मुँह के अंदर फिसलने दिया। वो सब करते हुए आरती अपने ससुर के चेहरे में उसके एक्सप्रेशन्स को देख रही थी, क्योंकी वो उसको खुश होते और गुर्राते हुए देखना चाह रही थी।

जैसे ही ससुर ने आरती की जीभ को अपने लण्ड पर महसूस किया उसके जिश्म में एक मस्ती दौड़ी और बदन को स्ट्रेच किया बूढ़े ने और एक तड़पती आवाज में उसने सिसकारी छोड़ा- “आगज्घ... हाँ बेटी, अपने डैडी को खुश करो, मजा दो मुझे उफफ्फ़... इस्स्स्स ..."

आरती उसके चेहरे में देखे जा रही थी, उसको हँसी आई और अच्छा भी लगा, अपने ससुर को उस हालत में देखकर, और रिझाने की एक अदा से आरती ने अपने ससुर के लण्ड को अपने मुँह के अंदर आराम से लिया
और ऐसे चूसने लगी, जैसे एक आइसक्रीम थी उसके हाथ में। लज्जतदार लग रहा था उसे उसको चूसना और वो अपनी मोटी आँखों को ससुर के चेहरे पर किए हुए चूसती जा रही थी।
Reply


Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,448,775 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 538,444 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,210,967 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 915,449 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,622,813 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,055,450 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,909,055 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,916,932 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,977,434 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 279,937 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)