kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
03-22-2020, 01:30 PM,
#18
RE: kaamvasna साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ
रानी ने दबे हुए स्वर में कमल से कहा, "यह तो गजब हो गया। अब तो आप दोनों के बिच में मैं आ गयी। बात बड़ी गंभीर हो गयी है। मुझे थोड़ा सोचने का वक्त चाहिए। अब बुरा क्या मानें? जो होना था सो तो हो ही गया। सम्बन्ध तोड़ने की तो कोई बात ही नहीं है, पर यह क्या हो गया?"


कमल ने कहा, "तुम ना सिर्फ औरत के मनको बल्कि पुरुषके मनके भावों को भी अच्छी तरह समझती हो। इसीलिए तो इस बारेमें मैंने तुमसे बात करना ठीक समझा, और जो मेरे मनमें था तुम्हें साफ़ साफ़ बता दिया। अगर तुम्हें अच्छा नहीं लगा तो मैं वचन देता हूँ की आगे कभी ऐसा नहीं करूंगा। मैंने तुमसे यह सारी बातें इसलिए की क्यूंकि मैंने तुम्हारे जैसी समझदार और परिपक्व औरत नहीं देखि। मैंने महसूस किया है की तुम रिश्तों की बारीकियों को भली भाँती समझती हो।"

राज की बीबी रानी कमल के मुंह से अपनी भूरी भूरी प्रशंशा सुन कर कुछ सकुचाई और बोली, "वह तो सब ठीक है पर कमल, तुम ने तो एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी। खैर, जो होना था सो हो गया। सोचना यह है की इसे ठीक कैसे किया जाए। अब मेरे ख़याल से इसका एक ही इलाज है की मैं और राज इसके बारे में कुमुद से शान्ति से बात करें। पर फ़ोन पर नहीं। हमें आमने सामने बात करनी पड़ेगी। अगर तुम और कुमुद हमारे यहां अहमदाबाद आ सको तो अच्छा रहेगा। अब कुछ ही दिनों में नवरात्र का पर्व आ रहा है। अगर आप उन दिनों में आओ तो हम साथ में गरबा का मजा भी ले सकते हैं।"

कमल ने कहा, "अगर मैं कुमुद से कहूंगा तो पता नहीं, कुमुद मेरी बात मानेगी या नहीं। अगर राज कुमुद से बात करेगा तो ज्यादा अच्छा रहेगा। बेहतर यही है की तुम राज से अब यह सारी कहानी सुनाओ और उसे कहो की कुमुद को मेरे साथ अहमदाबाद आने के लिए मनाये। अब राज से यह बात छुपाने का कोई फायदा नहीं है।"

रानी ने शर्माते हुए कमल से कहा, "कमल तुम मेरी प्रॉब्लम समझो। मैं मेरे पति से कैसे कहूं की कमल अपनी बीबी कुमुद को चोदते हुए मेरा नाम लेता है? वह क्या सोचेंगे? क्या मैं यह कहूं की कमल मुझसे .... करना चाहता है कमल माफ़ करना पर मैं अभी ऐसा कुछ सोचने से भी डरती हूँ। मैं तुम्हारे साथ हम दोनों के बारेमें कैसे ऐसे शब्द का प्रयोग करूँ?"

कमल ने कहा, "अरे मेरी भोली प्यारी रानी, अब तो सब जान ही गए हैं की मेरे मनमें तुम्हें चोदने का विचार आ ही गया है। अब कोई भी शब्दों का प्रयोग करो क्या फर्क पड़ता है? तुम अब राज को खुल्लमखुला कह सकती हो की कमल के मन में तुम्हें चोदने का विचार आगया है।"

रानी यह सुनकर सकपका गयी और बोली, "नहीं बाबा नहीं। यह मैं नहीं कर सकुंगी। अगर मैंने ऐसा कहा और राज ने अगर मुझे पूछा की मैं क्या चाहती हूँ तो मैं क्या बताउंगी? बेहतर यही है की तुम मेरे पति राज से बात करो और उसे सब बताओ। मैं नहीं जानती की तुम राज को कैसे बताओगे की तुम अपनी बीबी को चोदते हुए यह सोच रहे थे की तुम अपनी बीबी को नहीं मुझे चोद रहे थे, और तुम्हारे यह सब बताने के बाद राज क्या सोचेगा। खैर तुम्हारे और राज के सम्बन्ध ऐसे हैं की शायद राज और तुम दोनों यह मामला मिलकर सुलझा सकते हो। पर मुझे नहीं पता की क्या होगा। अब राज से क्या बात करनी है या नहीं करनी है यह सब तुम जानो। अब राज से बात करने की जिम्मेवारी तुम्हारी है।"

रानी की बात सुन कर कमल का कमल खिल गया। वह समझ गया की अब रानी को कमल से चुदवाने वाली बात कहने या सुनने से कोई परहेज नहीं रहा था। अब उसके लिए चुनौती बस रानी को हकीकत में चुदवाने के लिए तैयार करने की थी।

राज तो सारी बात पहले से ही जानता था। रानी ने अपने पति राज से कमल से हुई सारी बातें बतायी। रानी ने यह कहा की कमल कुमुद को किसी और स्त्री का नाम लेकर चोद रहा था। रानी ने यह छुपाया की कमल वास्तव में रानी का नाम लेकर कुमुद को चोदता था।

राज ने कमल की बीबी कुमुद से फ़ोन पर बात की तो कुमुद राज से बात करते हुए फ़ोन पर ही रो पड़ी। जब राज ने पूछा की क्या बात थी तो कुमुद कुछ भी बोल न सकी। राज के काफी आग्रह करने पर कुमुद ने सिर्फ इतना ही बताया की बात बड़ी नाजुक थी और फ़ोन पर बात करना ठीक नहीं। राज ने कुमुद को काफी ढाढस दी और कहा की कुमुद और कमल दोनों अहमदाबाद आएं। राज कमल से बात करेगा और सारा मामला सुलझ जाएगा। कुछ समझाबुझा ने के बाद कुमुद अपने पति के साथ अहमदाबाद जाने के लिए राजी हो गयी। कमल और कुमुद का रेल गाडी का टिकट हो गया तो कमल ने राज को फ़ोन करके बता दिया।

रातको जब राज और रानी सेक्स के मूड में थे तो राज ने रानी से कहा, "खुश हो जाओ। तुम्हें कल्पना में चोदने वाला तुम्हारा लवर आ रहा है। मैं उसे लाने के लिए सुबह स्टेशन जाऊंगा। उसका स्वागत करने के लिए तुम तैयार रहना। अब तो कल्पना और वास्तविकता में फर्क मिटाने का वक्त आ गया है।"

रानी पहले तो शर्मायी पर फिर अपने आपको सम्हालते हुए बोली, "छोडो भी, तुम ज्यादा सयाने मत बनो। कल्पना और वास्तविकता में बड़ा अंतर होता है। तैयार तो मैं होउंगी ही क्यूंकि आपका प्रिय दोस्त जो आ रहा है। और फिर तुम्हारी प्यारी कुमुद भी तो आ रही है? क्यों मैंने गलत कहा?" अब शर्माने की बारी राज की थी। वह चुप हो गया।"

जैसे ही राज ने सुबह कुमुद को ट्रैन से उतरते हुए देखा तो उसकी जान हथेली में आगयी। कुमुद ने ट्रैन में से उतरने के पहले अपना मेकअप अच्छी तरह से किया था। उसकी पतली कमर और उसके सुआकार कूल्हे जीन्स में बड़े आकर्षक लग रहे थे। उसकी कमर उसके टॉप के निचे काफी खुली हुई थी जो उसकी नाभि की सुंदरता दिखा रही थी। उसके स्तनों का आकर्षक उभार मन को बरबस अपनी और आकर्षित कर लेता था। कुमुद थोड़ी सी सहमी सहमी महसूस कर रही थी। डिब्बे से निचे उतरते ही जैसे कुमुद ने राज को देखा तो उसका चेहरा खिल उठा। कुमुद की आँखों में एक नयी चमक सी आगयी।


राज भी कुमुद को देखता ही रहा। कुमुद का सारा बदन एक सूरज की पहली किरण की तरह चमक रहा था। बड़ी मुश्किल से कुमुद के स्तनों पर से अपनी नजर हटा कर राज ने कमल के पैर छुए। कमल ने राज को गले लगाया और रानी के बारे में पूछने लगा। राज ने कहा की वह तो कभी से उन दोनों का इंतजार कर रही थी। कमल के बाल बिखरे हुए थे और दाढ़ी थोड़ी बढ़ी हुई थी पर शायद इसी वजह से वह हैंडसम और मरदाना लग रहा था। राज ने एक सूटकेस और एक बैग उठाया और सब पार्किंग के लिए चल दिए।

घर पहुँचते ही दरवाजे पर राज की बीबी रानी बड़ी ही सुन्दर साडी में सजधज कर तैयार खड़ी थी। रानी के भरे हुए स्तन और उस के कूल्हे एकदम लुभावने दिख रहे थे। कमल का मन तो उन्हें अपने हाथोंसे मसलने और दबाने को मचल रहा था। पर वक्त की नजाकत देख कर उसने अपने आपको नियत्रण में रखा।

कमल को देखते ही रानी कमल के पांव छूने के लिए झुकी पर कमल ने जल्दी ही उसको अपनी बाहों में उठा लिया और कस के आलिंगन किया। राज और कुमुद ने अपने ही जीवन साथी: कमल और रानी को इतना गाढ़ आलिंगन करते देखा और एक दूसरे से नजरें मिलाकर एक दूसरे के मन के विचार पढ़ ने की कोशिश करते रहे।

रानी ने कमल और कुमुद के लिए दूसरा बेड रूम सजा रखा था, जिसमें उनका सामान रख दिया गया।

दिन में कमल और कुमुद ने आराम किया। शाम को गरबा में जाने का प्रोग्राम तय था। जब राज अपने दफ्तर से लौटा तो उसने कहा की सबको गरबा में जाना है। कमल गरबा में जाने के लिए बड़ा ही उत्सुक था परन्तु उसकी बीबी कुमुद को गरबा में जाने में कोई रूचि नहीं थी। वह अहमदाबाद के रिवर फ्रंट पर जाना चाहती थी। उसने सुना था की रात को साबरमती का किनारा अद्भुत नजारा पेश करता है और वह उसे देखना चाहती थी। राज की बीबी रानी गरबा करने लिए पागल थी। रानी ने तो गरबा में जाने के लिए सब के लिए बड़े आकर्षक ड्रेस भी बनवा रखे थे। पर चूँकि कमल की पत्नी कुमुद गरबा में जाना नहीं चाहती थी इसलिए राज ने कहा की उसे भी गरबा में जाने में ख़ास दिलचस्पी नहीं थी और वह कुमुद के साथ घूमने जाएगा।
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