RE: kamukta kahani अय्याशी का अंजाम
दोनों काफ़ी देर तक बातें करते रहे, इस दौरान बिहारी कभी भाभी के होंठ चूमता.. तो कभी उसके मम्मों का मज़ा लेता रहा।
अन्दर निधि बहुत ज़्यादा गर्म हो गई थी उसका बड़ा मन किया कि उंगली डालकर अपनी आग शान्त कर ले.. मगर फिर उसने सोचा कि ये आग और भड़कने देती हूँ.. ताकि रात को जेम्स से चुदाई का मज़ा आ जाए।
निधि ने बड़ी मुश्किल से अपने आपको कंट्रोल किया। उसको एक आइडिया आया वो अन्दर के बाथरूम में गई.. और पेशाब करने बैठ गई ताकि उसकी तड़प कुछ तो कम हो जाए।
उधर जेम्स को वो आदमी एक गाड़ी में किसी सुनसान जगह ले गया… जहाँ पहले से एक गाड़ी खड़ी हुई थी। उसमें से कुछ लकड़ी के बॉक्स जेम्स और इस आदमी ने अपनी गाड़ी में रखे और वापस घर की तरफ़ चल दिए।
इधर बिहारी का लौड़ा अब दोबारा खड़ा होने लगा था।
बिहारी- हमार आदमी के साथ तोहार जेम्स आता ही होगा। जल्दी से तोहार नर्म होंठ में हमार लौड़ा ले लो.. ताकि ये पूरा खड़ा हो जाए और हम तोहार गाण्ड का सवाद भी चख लें..
भाभी अब पूरी मस्ती में आ गई थीं। ऐसे तो उसका मन वो काला लंड चूसने का नहीं था मगर उसकी ऐसी मस्त चुदाई करने वाला लौड़ा अब उसको पसंद आ गया था, उसने जल्दी से लौड़े को चूसना शुरू कर दिया और बिहारी मज़े में आँख बन्द करके लेट गया।
कुछ ही देर में उसका लौड़ा एकदम लोहे जैसा सख़्त हो गया.. तो बिहारी ने भाभी को घोड़ी बनाया और ‘घप’ से लौड़ा उसकी गाण्ड में घुसा दिया।
वो बस सिसक कर रह गई।
करीब 20 मिनट तक बिहारी एक सांस उसको चोदता रहा। उसको पता था जेम्स किसी भी पल आ सकता है इसलिए वो जल्दी अपना माल निकाल देना चाहता था और उसने ऐसा ही किया, अपनी उतेजना बढ़ा कर वो भाभी की गाण्ड में झड़ गया।
पानी निकलने के बाद बिहारी ने जल्दी से कपड़े पहने और भाभी को कहा- तुम भी कपड़े पहन लो.. वो बस आते ही होंगे।
साथ-साथ ये भी कह दिया कि अगली बार फ़ुर्सत में आएगा.. तो भाभी के साथ पूरी रात मज़ा करेगा।
भाभी ने भी कपड़े पहन लिए और दोनों बातें करने लगे।
लगभग 5 मिनट बाद जेम्स उस आदमी के साथ वहाँ लकड़ी के बॉक्स लेकर आ गया।
भाभी- अरे आ गए तुम.. ये सामान किसका है.. इसमें क्या है?
बिहारी- हमने बताया था ना.. ये हमार कुछ जरूरी सामान है.. इसको छेड़ना भी मत.. उस कमरे में आराम से रख दो। हम कल आकर ले जाऊँगा इसको..
निधि ने भाभी की गाण्ड मराई भी देख ली थी। अब वो बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो गई थी। उसकी आँखें एकदम लाल सुर्ख हो गई थीं। जेम्स के आने के बाद वो बिस्तर पर जाकर बैठ गई। उसको पता था अब ये सामान इस कमरे में लेकर आएँगे, उसने सारी बात सुन ली थी।
जैसे ही जेम्स और वो आदमी उस कमरे में सामान लेकर आए.. उनके पीछे बिहारी भी अन्दर आ गया और सामान को एक कोने में रखवाने लगा।
तभी बिहारी की नज़र निधि पर गई, उसने बड़े गौर से उसको देखा और मुस्कुरा के वहाँ से निकल गया।
कुछ देर वो जेम्स को समझाता रहा कि इस सामान को छेड़ना मत.. कल वो आकर इसे ले जाएगा और अपने आदमी के साथ वहाँ से निकल गया।
उन लोगों के जाते ही निधि भी बाहर आ गई और भाभी के पास बैठ गई। वो ऐसे बर्ताव कर रही थी कि जैसे जेम्स के आने के बाद अभी नींद से जागी हो।
भाभी- अरे निधि तू सो गई थी क्या?
निधि- हाँ भाभी आँख लग गई थी। जब जेम्स कमरे में आया तो आँख खुल गई। ये आदमी बहुत अच्छा है अपना सामान भी कोने में रखा.. ताकि हमको कोई परेशानी ना हो।
भाभी- हाँ सही कहा तूने.. अच्छा जेम्स अब मेरी बाहर जाने की हिम्मत नहीं है। थोड़ा बुखार सा लग रहा है.. तुम खाना यहीं ले आओ ना.. बहुत जोरों की भूख लगी है।
जेम्स- अरे हाँ क्यों नहीं भाभी.. आप कब से ‘मेहनत’ जो कर रही हो।
जेम्स ने यह बात भाभी की तरफ़ आँख मारते हुए कही थी।
निधि- कैसी मेहनत भाभी..?
भाभी- अरे कुछ नहीं.. इसकी तो आदत है.. कुछ भी बोल देता है..
निधि मन ही मन मुस्कुराई कि आप कितना भी बहाना बनाओ.. मैंने सब देख लिया है कि कैसे बिहारी ने आपको उलट-पुलट करके चोदा है। अब भूख तो लगेगी ही।
जेम्स भी मुस्कुराता हुआ वहाँ से बाहर निकल गया।
निधि कुछ कहना चाहती थी.. मगर उसको पता था इस वक्त जेम्स उसकी वासना नहीं मिटा पाएगा.. क्योंकि भाभी को खाना खिलाने के बाद ही कुछ हो पाएगा। तो वो अपने मन की बात मन में लेकर वहीं बैठी रही।
दोस्तो, जेम्स वापस आए.. तब तक रश्मि के पास चलते हैं। अब तक तो उनका घूमना-फिरना हो गया होगा।
वहाँ उन लोगों ने बहुत मस्ती की.. रश्मि को थोड़ी घबराहट हुई तो विजय ने उसको नींबू पानी पिला दिया.. जिससे उसका नशा उतर गया। दरअसल उस दवा की काट यही है। अब इत्तफाक से ही सही.. मगर रश्मि का नशा उतर गया था। वो ज़्यादा खुल कर मज़े लेने लगी थी।
वहाँ चाट खाना.. डांसिंग कार में बैठना.. सब कुछ एंजाय किया उसने और शाम को थक हार कर वो तीनों घर आ गए..
काका ने बताया कि काम्या जी दो दिन तक घर नहीं आएंगी। कोई बहुत बड़े बाबाजी आए हैं.. तो त्यागी जी के घर सत्संग में रहेगीं। वहीं सबके खाने-पीने और रहने का बंदोबस्त किया है।
जय ने यह सुनकर मन ही मन कहा कि रश्मि अब घर में बड़ा कोई नहीं है, अब मैं तेरी गाण्ड को बड़े आराम से मारूँगा। मैं बहुत चोदूंगा तेरे को.. आह्ह.. मज़ा आ जाएगा..
विजय- काका मैं बहुत थक गया हूँ प्लीज़ मुझे परेशान मत करना.. रात को खाने के लिए अगर मैं ना आऊँ तो बुलाना मत… मैं अपने आप आ जाऊँगा। अभी थोड़ा सोना चाहता हूँ मैं.. सर भी दर्द कर रहा है।
काका- आप कहो तो कोई दवा ले आऊँ.. आपके लिए बेटा जी?
विजय- अरे नहीं नहीं काका.. सुबह से घूमना-फिरना कुछ ज्यादा हो गया ना.. तो थकान सी हो गई है। आराम करूँगा तो अपने आप ठीक हो जाऊँगा।
काका- बेटा वो एसी वाला भी आया था.. लगाकर चला गया है। उसने कहा है कि कल उसकी माँ बीमार हो गई थी.. इसलिए नहीं आ पाया.. उसने माफी भी माँगी है।
जय- तभी मैं सोचूँ कि वो ऐसा तो नहीं कर सकता.. कुछ ना कुछ बात तो जरूर हुई होगी। चलो अब अच्छा है.. रश्मि तुम आज रात आराम से अपने कमरे में सो पाओगी।
रश्मि- हाँ भाई.. सही कहा आपने आज अकेली सुकून से सोऊँगी और आप भी मेरी वजह से परेशान नहीं होंगे।
जय- अरे मुझे क्या परेशानी हुई है.. तुम भी कैसी बात करती हो। चलो तुम जाकर चेंज कर लो.. मैं भी चेंज करके थोड़ी देर में तुम्हारे कमरे में आता हूँ।
रश्मि- क्यों.. आप मेरे कमरे में क्यों आ रहे हो?
जय- अरे एसी चैक करने आऊँगा ना.. बराबर काम कर रहा है या नहीं..
रश्मि मुस्कुराती हुई बोली- अब चैक क्या करना.. उसने ठीक किया है तभी लगा कर गया है.. हाँ.. आपको देखना है तो आ जाना.. मुझे आपके आने से कोई दिक्कत नहीं है..
इतना कहकर रश्मि अपने कमरे में चली गई और जय अपने कमरे में घुस गया।
रश्मि और जय अब चेंज करने चले गए हैं तो यहाँ से वापस आपको बिहारी के पास लेकर चलती हूँ.. वहाँ एक नया ट्विस्ट आपका इन्तजार कर रहा है या यूँ कहो कि एक पुराना राज खुलने वाला है।
भाभी की मस्त चुदाई करने के बाद बिहारी बहुत खुश हो गया था.. उसने रंगीला को फ़ोन किया और बता दिया कि सारा माल यहाँ रख दिया है।
तो रंगीला ने कहा- तुम वहीं रूको.. मैं कुछ देर में वहीं आता हूँ।
बिहारी वहीं बिल्डिंग के नीचे खड़ा होकर रंगीला का इन्तजार करने लगा.. उसका आदमी वहाँ से चला गया था।
जेम्स नीचे आया तो उसने बिहारी को वहाँ देखा.. तो उसके पास चला गया।
जेम्स- क्या हुआ बिहारी जी.. यहाँ क्यों खड़े हो गए.. आपका भाभी से मन नहीं भरा क्या?
बिहारी- अरे हम तो हमार काम से हियाँ खड़ा हूँ.. मगर सच कहूँ तोहार भौजी एकदम मल्लिका सेरावत जैसन वा.. मज़ा आ गया साली को चोदने में.. उसकी चूत और गाण्ड ऐसी कसी हुई है.. कि बस चोदते रहो.. चोदते रहो.. मन ही नहीं भरता.. कभी भी..
जेम्स- अच्छा इतनी पसन्द आ गई आपको.. तो कल फिर आ जाना.. किसने रोका है.. बस हमारे भाई जी ठीक हो जाएं.. तब तक हमें यहाँ रहने देना और कुछ मदद कर सको.. तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
बिहारी- अरे तुम चिंता काहे करता है.. हम हूँ ना.. जब तक चाहो.. यहाँ रहो और हम कल आऊँगा ना.. तो कुछ माल भी दे दूँगा.. तुम लोग आराम से खाओ-पियो.. मज़ा करो।
जेम्स- बहुत मेहरबानी जी आपकी..
बिहारी- अभी कहाँ जा रहे हो तुम..?
जेम्स- यहाँ खाना बनाने का तो कुछ है नहीं.. तो बाहर से ही लाते हैं बस वो सामने वाले होटल से खाना लाने जा रहा हूँ।
बिहारी- अरे उस साला छोड़ के पास काहे खाना लाते हो.. वो हरामी यहाँ हॉस्पिटल में आए लोगों को लूटने बैठा है.. तुम ऐसा करो.. वो सामने की गली से जाओ.. सीधे जाकर बाएँ मुड़ जाना.. उसके बाद दो बिल्डिंग के आगे एक मस्त होटल है.. वहाँ से खाना ले आओ और हाँ उसको पैसा मत देना.. बस कह देना बिहारी ने भेजा है.. जो पसन्द आए ले आना..
जेम्स- जी बहुत अच्छा.. मैं कह दूँगा उसको.. अच्छा अब मैं जाता हूँ।
जेम्स खुश होकर वहाँ से चला गया। अब खाना भी फ्री में मिलने वाला है और कल कुछ पैसे भी मिल जाएँगे.. तो मज़ा ही मज़ा है।
जेम्स के जाते ही रंगीला वहाँ आ गया उसने दूर से उसको बिहारी से बात करते हुए देखा था, अब रंगीला को उसकी जाते हुए की पीठ दिखाई दी।
बिहारी- अरे आओ रंगीला महाराज.. अब तो आपको कोई शिकायत नहीं है ना.. आपका माल सही सलामत रख दिया हूँ।
रंगीला- क्या बात है.. आज बड़े खुश दिखाई दे रहे हो.. और वो लड़का कौन था.. जिससे बातें कर रहे थे।
बिहारी- अरे अब तुमो का बताऊँ भाई.. आज तो रात होने के पहले ही मूड बन गया.. साली क्या मस्त माल थी.. चोदने में मज़ा आ गया।
रंगीला- अरे ये कोई वक्त है चुदाई का.. कौन मिल गई तुझे इतनी जल्दी?
बिहारी- अरे वो लड़का गया है ना.. उसकी भाभी को चोदा है.. अब अपने फ्लैट में है.. तो कभी भी चोद लो.. क्या फ़र्क पड़ता है।
रंगीला- अपने फ्लैट में.. कहाँ?
बिहारी ने शुरू से अब तक की सारी बात रंगीला को बताई तो रंगीला गुस्सा हो गया कि यहाँ हमारा माल रखने के लिए ये जगह मैडम ने दी है तुम यहाँ अय्याशी कर रहे हो।
बिहारी- अरे इतना भड़कता काहे हो.. उन लोगन को हमार माल के बारे में कुछ पता नहीं है.. बेचारे वो तो बीमार के साथ आए हैं।
रंगीला- हाँ ठीक है.. ठीक है.. तेरा नसीब अच्छा है.. तुझे कहीं ना कहीं से जुगाड़ मिल ही जाता है.. वैसे ये भाभी में क्या रखा है.. कोई कच्ची कली हो.. तो बात भी बने..
बिहारी- अरे मौके पर जो मिले.. वही अच्छा होता है.. वैसे उनके साथ एक कच्ची कली भी है.. मगर छोटी है.. नहीं तो उसका भी काम तमाम कर देता मैं.. वैसे उसकी आँखों में मैंने एक नशा देखा है.. जरूर ससुर की नातिन ने मुझे उसकी भाभी को चोदते हुए देख लिया होगा.. कल ट्राइ करूँगा साली को.. आजमा के देखूँगा..
रंगीला- क्या बात करता है.. कली है.. और चुदाई भी देखी है.. तो जरूर अभी तक गर्म होगी.. चल ऊपर जाकर उस कली को छूकर देखते हैं कितनी गर्मी है उसके अन्दर.. वैसे भी बहुत दिन से कोई अच्छा माल नहीं मिला..
बिहारी- अरे इसमें सोचने जैसी का बात है.. चलो अभी दिखा देते हैं।
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