RE: kamukta kahani अय्याशी का अंजाम
जेम्स की बात सुनकर निधि को रात की बात याद आ गई और वो मुस्कुरा दी।
निधि- वो बिहारी कैसे भाभी को चोद रहा था.. सच्ची उसको देख कर ही मेरा तो मन बेचैन हो गया था.. काला सांड जैसा लग रहा था वो..
जेम्स- साली ज़्यादा उसके सामने मत जाया कर.. कहीं उसका दिल तेरे पर आ गया ना.. तो वो तेरी हालत बिगाड़ देगा।
निधि- अरे तुम्हारे लौड़े से बड़ा थोड़े ही उसका.. जो हालत बिगाड़ देगा।
जेम्स- मेरे जैसा तो शायद ही किसी का होगा.. मगर तू उस रंगीला से बड़े मज़े से चुदी.. अब क्या बिहारी से चुदने का इरादा है तेरा?
निधि- ना ना.. मैं उस काले से कभी ना चुदूँगी.. मैं तो बस ऐसे ही बता रही थी। तुम तो कह के जाने कहाँ चले गए.. जाओ मैं बात नहीं करती।
जेम्स ने निधि के बाल पकड़ कर अपने पास खींच लिया।
जेम्स- साली यहाँ आ तू.. तेरे बड़े पर निकल आए हैं.. देखता हूँ कैसे बात नहीं करोगी.. चल अब तू कपड़े निकाल.. अभी तेरी चुदाई करके तुझे सबक सिखाता हूँ।
निधि- नहीं जेम्स अभी नहीं.. भाभी उठ गई होगीं.. वो कभी भी अन्दर आ जाएंगी.. तुम्हारा मज़ा खराब होगा।
जेम्स- अच्छा ये बात है.. तो रुक पहले तेरी भाभी का इलाज करके आता हूँ।
जेम्स जल्दी से कमरे के बाहर गया और भाभी को ढूँढने लगा। वो जल्दी समझ गया कि भाभी बाहर गई हैं तो वो फ़ौरन अन्दर आ गया और निधि को बिस्तर पर पटक दिया।
निधि- क्या हुआ.. भाभी को क्या बोल कर आए हो तुम?
जेम्स- भाभी बाहर चली गई हैं अब तुझे बताता हूँ.. तू बहुत बक-बक करने लगी है साली।
इतना कहकर जेम्स ने निधि के मुँह में अपना लौड़ा घुसा दिया और उसके मुँह को चोदने लगा।
निधि बड़ी मुश्किल से लौड़े को चूस पा रही थी.. क्योंकि इतना बड़ा लौड़ा पूरा उसके गले तक जा फँसा था।
दस मिनट तक जेम्स बड़ी बेरहमी से निधि के मुँह को चोदता रहा.. उसकी आँखे लाल हो गईं.. और आँसू भी आ गए.. तब कहीं जाकर जेम्स ने लौड़ा मुँह से बाहर निकाला और फ़ौरन ही निधि को लेटा कर उसकी चूत में घुसा दिया।
निधि ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी और जेम्स ‘दे घपा घप’ उसको चोदने लगा।
निधि- आ आह्ह.. कुत्ता है तू.. आह्ह.. मेरी जान लेने का इरादा था क्या.. आह्ह.. सांस रुक गई थी मेरी.. आ आह्ह..
जेम्स उसकी बात सुनकर बस हँस दिया और स्पीड से उसकी चूत को पेलने लगा, करीब 15 मिनट बाद वो उसकी चूत में ही झड़ गया.. तब तक निधि भी झड़ गई थी।
निधि- रात को इतना चोदा है.. फिर भी सुकून नहीं.. सुबह-सुबह भी खड़े हो गए चोदने को.. अब हटो भी.. बड़े जोरों की भूख लगी है.. नहा-धो कर बाहर चलते हैं।
चुदाई के बाद जेम्स को भी भूख का अहसास हुआ.. तो उसने निधि की बात फ़ौरन मान ली और नहाने चला गया। निधि भी नहाने के लिए दूसरे बाथरूम में चली गई।
कुछ देर बाद वो दोनों अस्पताल चले गए और वहाँ से पास के होटल में नाश्ता करने चले गए। भाभी तो पहले ही नाश्ता कर आई थीं.. तो दोनों को भेज दिया।
उधर जय की जब आँख खुली तो बहुत वक्त हो चुका था.. वो उठा और बाथरूम में चला गया.. सारे काम से निपट कर जब वो रश्मि के कमरे में गया.. तो रश्मि बेसुध सोई हुई थी, उसके जिस्म पर एक चादर थी.. बाकी अन्दर वो पूरी नंगी थी।
जय- हैलो माय स्वीट सिस.. उठो कितना सोती हो तुम..!!
जय बिस्तर पर बैठ गया और रश्मि के चेहरे को हाथ से थपथपाने लग गया.. जिससे उसकी नींद टूट गई।
रश्मि- उहह.. सोने दो ना भाई.. क्यों परेशान कर रहे हो?
जय- अरे कितना सोओगी यार.. चलो उठो जल्दी से..
रश्मि- उहह भाई.. क्या है सुबह हो गई क्या.. या फिर आपको मस्ती करनी है.. जो मुझे सता रहे हो..
जय- अरे तू सुबह की बात करती है, उठ कर वक्त देख, दोपहर होने को आई है।
रश्मि आँख को मलते हुए अंगड़ाई लेती हुई बैठ गई.. तो उसकी चादर अलग हो गई और उसके गोल चूचे जय के सामने आ गए।
जय- अरे मेरी प्यारी बहना ऐसे नंगी ही सो गई.. कोई और आ जाता तो तेरी क़ातिल जवानी देख कर तुझपे टूट पड़ता तो क्या करती?
रश्मि- किसकी इतनी हिम्मत है.. जो ऐसा करे.. वैसे भी आप ही बहुत हो मेरे मज़े लेने के लिए.. चलो हटो मुझे बाथरूम जाना है..
जय- कसम से अभी क्या मस्त लग रही हो.. देखो लौड़ा पैन्ट फाड़ कर बाहर आने को बेताब हो रहा है.. मन कर रहा है.. अभी तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसा दूँ।
रश्मि- बस करो.. रात को क्या कम चुदाई की आपने.. जो सुबह-सुबह शुरू हो गए? जाओ नीचे.. मैं रेडी होकर आती हूँ। अकेले नाश्ता मत करने बैठ जाना.. नहीं अच्छा नहीं होगा..
जय- अरे मेरी जान.. ये कैसी बात कर रही हो.. तेरे बिना नाश्ता कैसे कर सकता हूँ। तू ऐसा कर.. जल्दी रेडी हो जा आज यहीं तुझे स्पेशल नाश्ता कराऊँगा मैं.. बस अभी लेकर आता हूँ.. ठीक है ना..
रश्मि- अच्छा.. ये स्पेशल नाश्ता क्या है.. मुझे भी देखना है.. जाओ मैं बस 20 मिनट में रेडी हो जाऊँगी।
जय नीचे चला गया और काका को नाश्ता रेडी करने को बोल दिया।
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