kamukta kahani अय्याशी का अंजाम
06-27-2018, 12:11 PM,
#67
RE: kamukta kahani अय्याशी का अंजाम
साजन ने थोड़ी देर नाटक किया उसके बाद वो मान गया.. वैसे रश्मि ने क्लियर बोल दिया कि जरूरी नहीं जीतने वाली टीम का कोई लड़का पहले जाए.. वो किसी को भी पहला मौका दे सकती है.. सिवाय जय और विजय के क्योंकि वो उसके भाई हैं और वैसे भी हारने वाला तो कर ही नहीं सकता.. यह भी रूल है।
विजय- चलो, ये बात तो हो गई.. अब कोमल तुम भी अपनी डिमाँड बताओ?
कोमल- आप लोग यहाँ जब जमा हो ही गए तो नंगापन तो होगा ही.. अब कोई शर्म की बात तो है ही नहीं यहाँ पर.. सही कहा ना मैंने?
रंगीला- हाँ एकदम सही कहा तुमने.. मगर इसका मतलब क्या हुआ?
कोमल- अपने बड़ी आसानी से रूल बना लिए कि टीम में खेलेंगे और कार्ड्स चेंज कर लेंगे.. मगर ज़रा ये सोचो आपने अपनी बहनों को दांव पर लगा रखा है और गेम को इतना आसान बना लिया.. ये कहाँ का इंसाफ़ हुआ बोलो?
जय- तुम कहना क्या चाहती हो.. साफ साफ बोलो ना?
कोमल- मेरी डिमाँड ये है कि रूल वही रहेगा.. मगर छोटा सा ट्विस्ट आएगा इसमें.. आनंद और सुंदर आपको कार्ड्स देंगे और विजय रंगीला मेरे भाई को कार्ड्स देंगे।
कोमल की बात सुनकर जय हिल गया उसकी तो सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई थी।
जय- ये क्या बकवास है.. ऐसा कैसे हो सकता है.. ये दोनों मुझे क्यों अच्छे कार्ड्स देंगे.. ये तो साजन के दोस्त हैं.. ऐसे तो मैं साफ-साफ हार जाऊँगा।
कोमल- यही तो ट्विस्ट है जय जी.. आपने बस अपने बारे में सोच लिया.. ज़रा मेरे भाई के बारे में भी सोचो.. आपके भाई और दोस्त उनको कैसे बड़े कार्ड्स देंगे.. वो भी तो आपको जिताना चाहते हैं।
रंगीला- वाह.. कोमल वाह.. क्या आइडिया निकाला है तूने.. अब आएगा गेम का मज़ा.. अब होगी कशमकश..
विजय- मगर रंगीला इससे तो गेम बहुत हार्ड हो जाएगा।
सुंदर- देखो भाई अब पहले हम कार्ड्स जीतने के लिए देने वाले थे अब हराने के लिए देंगे.. मज़ा आएगा..
जय का तो सर घूम गया कि अब क्या होगा.. उसने जल्दी से बियर की बोतल ख़त्म की और सोचने लगा।
साजन- मैं तो तैयार हूँ भाई.. अब मेरी प्यारी कोमल की बात कैसे मना कर सकता हूँ.. क्यों जय अब तू क्या कहता है.. अपनी बहन की बात तो तूने मनवा दी.. अब मानने की बारी तेरी है?
जय- अब मैं क्या कहूँ.. चल मान ली मैंने भी.. मगर मुझे 5 मिनट विजय और रंगीला से अकेले में बात करनी है.. कुछ अर्जेंट है।
साजन- जा कर ले नई प्लानिंग.. मैं तो यहीं रहूँगा.. मुझे नहीं आता तेरी तरह चाल चलना.. मैं तो बस अपने लक के ऊपर यहाँ आया हूँ.. हा हा हा..
साजन को पता था कि अब क्या होगा क्योंकि रंगीला ने सारा गेम ऐसे सैट किया था कि किसी भी हाल में साजन नहीं हारेगा.. ऐसी प्लानिंग के रश्मि को भी अपनी तरफ़ कर लिया। वैसे अंजाने में ही सही मगर रश्मि रंगीला के मुँह की बात ही बोल रही थी। उसने कोमल के जरिए उसके दिमाग़ में ये बात भर दी थी।
अब जय ने दोनों को कोने में ले जाकर कहा- हमने जो इशारा बनाया था उसका क्या होगा?
रंगीला- अरे कुछ नहीं होगा.. हमें अब इशारे की नहीं दिमाग़ की जरूरत है.. तुम बस ध्यान से कार्ड्स चेंज करना और हम दोनों भी उस साजन को ऐसे कार्ड्स देंगे कि वो जीत ना पाए।
रंगीला ने जय को झूठी तस्सली देकर वापस वहीं ले आया।
विजय- चलो भाई अब सब बातें क्लियर हो गई हैं.. अब तो किसी को कुछ नहीं कहना है ना?
नीचे एक बड़ा सा गोल गद्दा बिछा हुआ था.. सब उस पर बैठे थे.. मगर जेम्स को इन्होंने एक आरामदायक कुर्सी पर बैठाया हुआ था.. जहाँ से वो सब को चुपचाप देख रहा था। उसके मन में तो बस लड्डू फूट रहे थे कि कब ये गेम ख़त्म होगा और कब उसको रश्मि की चूत के दीदार होंगे।
रंगीला- नहीं.. अब कुछ बोलना नहीं है.. बस एसीपी साहब के हाथों से गेम की शुरुआत हो जाए.. तो इनका भी सम्मान हो जाएगा.. आख़िर ये हमारे मेहमान जो हैं।
जेम्स- नहीं नहीं.. रंगीला जब सारे फैसले आप लोगों ने ले ही लिए.. तो अब ये औपचारिकता मत करो।
रश्मि- अरे सर.. आप नाराज़ क्यों हो गए.. सॉरी इन लोगों ने आपसे कुछ पूछा नहीं.. मगर अब आप कुछ कहना चाहो तो कह दो..
जय- हाँ सही है.. आपने कल हमारी बहुत हेल्प की थी.. अब आप ऐसे नाराज़ मत हो प्लीज़..
जेम्स- अरे मैं तो मजाक कर रहा था.. लाओ मैं कार्ड्स बाँट कर गेम को शुरू कर देता हूँ।
रंगीला- नहीं यार.. ऐसा नहीं होगा ग़लती मेरी है.. मैं ही भूल गया अब बस 2 मिनट मुझे बोलने दो प्लीज़।
जेम्स- क्या भूल गया बोलो तो..
रंगीला- दोस्तो, आप सब जेम्स को तो जानते ही हो.. ये एसीपी की पोस्ट पर हैं मगर अन्दर से ये बिल्कुल हमारी तरह शराब और शवाब के शौकीन है। आज हारने वाली लड़की को ये भी टेस्ट करेगा.. ये तो हम जानते हैं.. मगर इनकी मेहमाननवाज़ी के लिए मैंने एक आइडिया सोचा है.. अगर किसी को एतराज ना हो तो बता देता हूँ।
जय- अरे एतराज कैसा यार.. सर कौन सा रोज आते हैं यहाँ.. बोलो तुम..
रंगीला- गेम तो जैसे चलना ही वैसे ही चलेगा.. बस हर राउंड के बाद हारने वाली लड़की जो कपड़ा निकालेगी वो अगर जेम्स अपने हाथ से निकाले.. तो कैसा रहेगा?
साजन- वाह रंगीला.. क्या दूर की कौड़ी मारी है.. ऐसे गेम का रोमांच भी बढ़ जाएगा और हमारे साहब भी खुश हो जाएँगे।
जेम्स- अरे नहीं नहीं.. तुम लोगों के कहने से क्या होता है.. मैं ऐसा कुछ नहीं करूँगा.. क्या पता कोमल और रश्मि को ये पसन्द ना हो।
विजय- क्या जेम्स जब हारने के बाद ये साथ सोने को राज़ी हैं तो कपड़े निकलवाने में इनको क्या दिक्कत?
रश्मि और कोमल ने भी विजय की बात का समर्थन किया और जेम्स के चेहरे पर एक क़ातिल मुस्कान आ गई।
खेल तो अब शुरू हुआ है
जेम्स ने पहले राउंड के लिए कार्ड्स बाँट दिए रंगीला और विजय ने साजन से कार्ड बदल लिए और जय ने भी ऐसा ही किया।
जब कार्ड पलटे गए तो जय के पास बादशाह, गुलाम, 8 और साजन के पास दो बेगमें और 5 निकला।
साजन- यस यस.. क्यों जय क्या बोलता है.. जीत गया मैं?
जय को इस बात का दु:ख था कि पहले ही राउंड में वो हार गया.. मगर उसने अपने आप पर काबू रखा।
जय- बस बस.. ज़्यादा उछल मत.. अभी एक ही राउंड हुआ है।
साजन- उठो जेम्स साहब चीरहरण की रस्म पूरी करो.. रश्मि जी का कुर्ता निकाल कर इसके मादक जिस्म की झलक सबको दिखाओ।
जेम्स कुर्सी से खड़ा होकर रश्मि के पास आया.. तो रश्मि ने कहा- एक कपड़ा निकालना है.. तो पहले जींस निकाल दो आप..

साजन- ओये होये.. क्या बात है.. बड़ी जल्दी में है तू तो रश्मि.. डाइरेक्ट नीचे से नंगी हो रही है..
जय- साजन ये क्या बकवास है.. कुछ भी मत बोल..
साजन- ओह जय.. अब बस कर यार ये शराफत का नाटक बन्द कर.. हम यहाँ एंजाय करने आए हैं.. तू जीते या मैं.. मगर मज़ा सबको आने वाला है.. तो अब ये बातें ही महफ़िल का मज़ा बढ़ाएंगी समझे..
रंगीला- साजन ठीक बोल रहा है जय.. तू रश्मि के सामने ऐसी बातें सुनना पसन्द नहीं कर रहा.. मगर ज़रा सोच के तो देख.. वो अभी सबके सामने नंगी होगी.. जब उसको कोई शर्म नहीं तो तू क्यों भड़क रहा है?
साजन की बात सुनकर रश्मि थोड़ा शर्मा गई.. मगर उसने हिम्मत करके बोलने का सोचा- हाँ भाई जब ये गंदा खेल खेलने की प्लानिंग की.. तब आपको सोचना चाहिए था.. अब आप चुप रहो बस..
रश्मि थोड़ी गुस्सा होकर बोली और नीचे से बियर की बोतल उठा कर गटागट तीन-चार घूँट स्पीड से गटक गई।
साजन- जाओ भाई निकालो पैन्ट.. ज़रा इसकी गोरी टाँगों के दीदार तो करा दो।
जेम्स आगे बढ़ा उसने रश्मि का कुर्ता ऊपर किया और पैन्ट का हुक खोल कर धीरे-धीरे नीचे सरकाने लगा.. इस काम के दौरान जेम्स रश्मि की गाण्ड को अच्छे से दबा कर उसका मज़ा ले रहा था। जब पैन्ट घुटनों तक आ गई तो रश्मि ने कुर्ता नीचे कर दिया जिससे उसके पैर नंगे होने से बच गए।
पैन्ट निकल जाने के बाद रश्मि ऐसे बैठ गई कि लग ही नहीं रहा था वो नीचे से नंगी भी हुई है।
साजन- वाह जय वाह.. मान गया तेरे दिमाग़ को.. इसी लिए ये लंबा कुर्ता पहनाया है तूने.. एक राउंड हारने के बाद भी रश्मि सेफ है.. गुड गुड.. मज़ा आएगा.. इस खेल में..
जय कुछ नहीं बोला बस अपनी होशियारी पर मंद-मंद मुस्कुरा दिया।
दूसरा राउंड शुरू हुआ उसमें जय के पास 4-5-6 बन गए और साजन के पास 3 3 गुलाम बने.. वो हार गया।
जय- अब आएगा मज़ा साला.. बहुत अकड़ रहा था ना..
कोमल खड़ी हो गई और जेम्स ने उसको पूछा तो उसने टॉप निकालने को कहा.. तो बस जेम्स बड़े प्यार से उसके टॉप को अलग कर दिया और हल्का सा उसके मम्मों भी दबा दिया।
अब कोमल ब्लू ब्रा में सबके सामने बैठ गई। सबकी भूखी नजरें उसको घूरने लगीं। सभी के लौड़े पैन्ट में तंबू बना रहे थे.. खास कर जय उसके बड़े-बड़े खरबूजों को देख कर होंठों पर जीभ फेरने लगा.. जो शायद रश्मि को अच्छा नहीं लगा।
तीसरा राउंड.. फिर से साजन हार गया और इस बार जेम्स ने कोमल का स्कर्ट निकाल दिया। उसकी गोरी जांघें सबको पागल बना रही थीं। एक तो बियर का नशा.. ऊपर से ये मदमस्त करने वाली जिस्म की खुश्बू.. सबको पागल बना रही थी।
जय- वाह रे साजन.. ब्रा पैन्टी में तो तेरी बहन अलग ही जलवा दिखा रही है.. साला अब बस 2 राउंड और उसके बाद बूम बूम हा हा हा..
रश्मि- भाई ज़्यादा मत हँसो.. ये कार्ड्स गेम है.. कुछ भी हो सकता है.. आप बस गेम पर ध्यान दो।
सुंदर- हा हा हा हा.. अरे रश्मि तो डर गई.. इसका मुँह तो देखो..
सब हँसने लगे तो रश्मि थोड़ी गुस्सा हो गई और उसने बियर की बोतल खाली करके ज़ोर से रखी तो सब चुप हो गए और नेक्स्ट राउंड स्टार्ट हुआ।
अबकी बार साजन जीत गया और जय उसको बस देखता रहा।
साजन- ले हो गई बूम.. जेम्स जी जल्दी से कुर्ता निकाल दो.. अब बर्दाश्त के बाहर है.. ज़रा मैं भी जलवे देख लूँ।
रश्मि- नहीं.. मैं इस बार पैन्टी निकालूँगी.. जेम्स जी मेरी पैन्टी निकाल दीजिए।
साजन- आहह.. क्या बात है तू तो बड़ी सेक्सी है रे.. पहले नीचे से नंगी हो रही है.. आह्ह.. जल्दी करो जेम्स जी आह्ह.
साजन की बातें माहौल को और गर्म कर रही थीं, सुंदर और आनंद का तो बहुत बुरा हाल हो गया था।
जेम्स ने कुर्ता ऊपर किए बिना अपना हाथ रश्मि की पैन्टी पर लगा दिया.. वो उसकी चूत को हल्का सा दबा कर अपनी उंगली उसकी फाँक पर फिराने लगा।
रश्मि की नजरें जेम्स से मिलीं तो वो नशे में थी.. और अब उसकी उत्तेजना भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी।
जेम्स ने अच्छे से उसकी चूत को दबा कर जायजा लिया.. उसके बाद पैन्टी निकाल कर साइड में रख दी।
रश्मि दोबारा सेफ होकर बैठ गई मगर उसकी नजरें बस जेम्स को देख रही थीं, वो समझ गई थी कि जेम्स उसका दीवाना हो गया है।
साजन- ओह्ह.. ये तो फिर बच गई कुछ दिखा ही नहीं.. जेम्स जी जल्दी कार्ड्स बाँटो.. अबकी बार देखता हूँ कैसे बच पाती है.. हा हा हा..
जय- साले अब बहुत हो गया.. इस बार तेरी बहन की ब्रा ना निकलवा दी तो कहना तुम।
विजय- भाई गुस्सा मत दिखाओ.. गेम पर ध्यान दो.. ये क्या हो रहा है ऐसे तो साजन जीत जाएगा और रश्मि सबके सामने बिना कपड़ों के आ जाएगी.. आप समझो बात को।
रंगीला- यस जय ठंडे दिमाग़ से खेलो तुम हार भी सकते हो।
जय बेचारा कहाँ जानता था कि आज वो कैसे भी खेल ले.. हारना तो उसको ही होगा और हुआ भी वैसा ही अगला राउंड भी जय हार गया।
रश्मि- ओह्ह नो.. भाई आपने तो कहा था ज़्यादा से ज़्यादा दो राउंड हारोगे और तब तक गेम फिनिश.. मगर आप तो फिर हार गए.. अब क्या होगा?
साजन- होगा क्या मेरी जान.. नीचे से तो तू पहले ही पूरी नंगी हो चुकी है.. अब ये कुर्ता निकाल कर अपने हुस्न को हमें दिखा दे जल्दी से.. हा हा हा हा हा हा..

साजन किसी शैतान की तरह हँस रहा था और जय चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था।
रश्मि- नहीं अब मैं कुर्ता नहीं निकालूंगी बस बन्द करो ये खेल।
साजन- अरे मेरी जान.. ऐसे कैसे नहीं निकालोगी.. ये खेल बीच में छोड़ने का मतलब पता है ना.. तेरा भाई हार जाएगा और तुझे आज रात के लिए सबकी दुल्हन बनना होगा।
जय- चुप कर साले कुत्ते.. बहुत सुन ली तेरी बकवास.. जा नहीं खेलता.. मैं आगे जो उखाड़ना है.. तू उखाड़ ले मेरा.. साला अब अगर मेरी बहन के बारे में एक शब्द भी बोला ना.. तो हलक से ज़ुबान बाहर निकाल दूँगा।
जय की बातों से माहौल एकदम गर्म हो गया, सब अचम्भित हो गए कि अब क्या होगा?
विजय- भाई इतना गुस्सा क्यों आ रहा है.. आपको हाँ.. जब मैंने बार-बार चेतावनी दी थी.. तब क्या कहा था कि जो होगा देखा जाएगा.. अब कहाँ गई.. वो जय खन्ना की ज़ुबान हाँ? बोलो अब जो हो रहा है.. वो पूरा होगा। आप ज़ुबान से फिर सकते हो.. मैं नहीं समझे.. साजन को पता था आप ऐसा कुछ करोगे.. तभी इसने पहले ही मुझसे ज़ुबान ले ली थी कि अगर गेम बीच में रोका या हारने के बाद कोई नाटक किया तो मुझे क्लब में सबके सामने थूक कर चाटना होगा। अब ये बात तुम सुन लो.. मैं अपनी ज़ुबान से नहीं फिर सकता.. समझे आप?
जय- विजय तू मेरा भाई होकर इस कुत्ते का साथ दे रहा है और ये ज़ुबान वाली बात मुझे अब बता रहा है.. क्यों विजय क्यों?
रंगीला- जय सिर्फ़ विजय ही नहीं.. मैं भी साजन के साथ हूँ.. ये गेम वाली बात शुरू हुई तभी सब क्लियर हो गया था। अब तुम और रश्मि ऐसे पीछे नहीं हट सकते।
साजन- वेट वेट.. आपस में मत लड़ो तुम.. अगर जय पीछे हटना चाहता है तो हट सकता है.. मगर एक शर्त पर.. मेरा थूक इसे चाटना होगा यहीं सबके सामने..
रश्मि- साजन कुत्ते.. वो मेरा भाई है.. मर जाएगा मगर ज़ुबान से नहीं जाएगा.. वो तो बस मेरे लिए ये सब कर रहा है और सुन.. मैं अब कहती हूँ ये गेम पूरा होगा और तू कौन सा अभी जीत गया.. हाँ अभी एक राउंड बाकी है समझा?
जय ने रश्मि को कहा- वो देख लेगा। 
मगर रश्मि भी तो उसकी ही बहन थी वो कहाँ मानने वाली थी। उसने जय को अपनी कसम दे दी और जेम्स से कुर्ता उतारने को कहा।
जेम्स- सबका बोलना हो गया तो अब मेरी सुनो.. ये गेम पूरा होगा और मैं अपनी तरफ़ से रश्मि को एक मौका देता हूँ.. इस बार वो कुर्ते की बजाए अपनी ब्रा निकाल दे.. ताकि उसका जिस्म अब भी सबके सामने ना आए.. अगर जय जीत गया तो ये ढकी रहेगी.. वरना पूरी नंगी हो जाएगी.. अब इस बात पर किसी को एतराज तो नहीं है ना.?
जेम्स की बात सुनकर रश्मि के दिल में उसके लिए अच्छी इमेज बन गई, उसने आँखों से इशारे में उसको ‘थैंक्स’ कहा।
रंगीला- अरे बहुत अच्छा.. जेम्स ये बात कोई ना माने.. ऐसे-कैसे हो सकता है। क्यों साजन क्या कहते हो?
साजन- वैसे तो ये रूल के खिलाफ है.. मगर आप मेहमान हो तो मान लेता हूँ। फिर भी एक बात बताओ बिना कुर्ता निकाले.. आप ब्रा कैसे निकालोगे?


जेम्स- थैंक्स.. कि तुमने मेरी बात मानी.. अब कैसे निकालूँगा.. ये भी सुन लो.. मैं सामने कमरे में रश्मि के साथ जाऊँगा.. वहाँ निकालूँगा और हाँ कोमल भी मेरे साथ होगी.. ताकि रश्मि को डर जैसी फीलिंग्स ना आए।
जेम्स की बात सुनकर सबने उसकी तारीफ की कि वाकयी जेम्स ने बहुत अच्छी बात कही है और रश्मि तो बस उसकी गुलाम ही हो गई।
रश्मि- थैंक्स जेम्स जी.. मगर कोमल हमारे साथ नहीं जाएगी.. मुझे आपसे कैसा डर.. आप तो मेरी इज़्ज़त को ढकने वाले हो.. मुझे आप पर पूरा भरोसा है।
रंगीला- हाँ जेम्स रश्मि ने सही कहा.. आप पर शक करना आपकी तौहीन है.. आप जाओ और जल्दी से ब्रा निकाल कर ले आओ.. ताकि गेम आगे बढ़ाया जा सके।
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RE: kamukta kahani अय्याशी का अंजाम - by sexstories - 06-27-2018, 12:11 PM

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