RE: kamukta kahani अय्याशी का अंजाम
रश्मि खड़ी हुई तो उसकी गोरी टाँगें देख कर साजन ने आह्ह.. भरी। उसके पीछे जेम्स भी सामने के कमरे में चला गया।
रश्मि- थैंक्स जेम्स.. अपने मेरे लिए ये सब किया.. अब आप जल्दी से अपना काम कर लो।
जेम्स- अरे नहीं.. मैं मुँह उधर कर लूँगा तुम खुद निकाल के दे दो।
रश्मि- जेम्स जी.. बुरा मत मानना आप इतनी शराफत मत दिखाओ.. पैन्टी उतारते वक़्त आपके इरादे मैं समझ गई थी और वैसे भी अगर मैं हार गई तो आप मेरे साथ सेक्स तो करोगे ना.. तो अब ये शराफत क्यों?
जेम्स- हाँ सही कहा तुमने.. जब से तुम्हें देखा है.. मैं बेकरार हूँ.. वैसे तुम भी जितनी सीधी दिखती हो.. उतनी हो नहीं।
रश्मि- ऐसे घटिया गेम शो पर कोई सीधी लड़की आएगी क्या? अब जल्दी करो और निकाल दो में ब्रा..
जेम्स आगे बढ़ा उसने रश्मि का कुर्ता निकाल दिया और उसके मादक जिस्म को देख कर उसकी सांस थम गई।
रश्मि सिर्फ़ ब्रा में उसके सामने खड़ी थी उसकी चूत का उभार देख कर जेम्स ने पैन्ट के ऊपर से लौड़े को दबाया और धीरे से रश्मि के पास जाकर खड़ा हो गया।
जेम्स ने रश्मि को पकड़ कर अपने से चिपका लिया और पीछे हाथ ले जाकर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया।
जेम्स बड़े आराम से ये सब कर रहा था जिससे रश्मि की उत्तेजना भी बढ़ रही थी.. मगर उसने खुद को रोके रखा और बस मज़ा लेती रही।
जेम्स ने ब्रा अलग कर दी तो रश्मि के मम्मों नंगे हो गए.. जिन्हें देख कर जेम्स अपना होश खो बैठा और रश्मि के मम्मों को दबाने लगा।
रश्मि ने जेम्स को पीछे धकेला और जल्दी से अपना कुर्ता पहन लिया।
रश्मि- सारा मज़ा अभी ले लोगे क्या.. चलो बाहर सब वेट कर रहे हैं।
रश्मि ने जिस अदा के साथ ये बात कही थी.. उससे साफ पता लग रहा था वो उत्तेजना के भंवर में फँस गई है और जेम्स का लौड़ा लेने को तैयार है।
रश्मि वापस अपनी जगह बैठ गई और पीछे से जेम्स उसकी ब्रा हाथ में लिए हुए बाहर आया।
साजन- हे जेम्स जी.. आप तो बड़े लकी हो हमने यहाँ बहनों को दांव पर लगा रखा है.. और आप उनके मज़े ले रहे हो।
रंगीला- साजन कुछ भी मत बोल.. ये हमारे मेहमान हैं.. अब इतना मज़ा लेना तो इनका बनता है ना।
साजन- अरे मैं तो मजाक कर रहा हूँ.. बस ये ब्रा मुझे दे दो.. ताकि इसको सूंघ कर मेरा जोश और बढ़ जाए।
रश्मि- बस बस.. अपनी हद में रहो.. ऐसी कोई बात नहीं हुई थी.. ओके.. अब आगे का गेम शुरू करो।
रश्मि के मन से अब डर मानो बिल्कुल निकल गया था.. शायद उसने हार मान ली थी और अब वो बस मस्ती के मूड में थी।
फिर से कार्ड्स बनते और इस बार के कार्ड्स देख कर जय के चेहरे पर ख़ुशी झलक आई.. क्योंकि उसके पास दोनों से कार्ड्स बदल कर 7 8 9 बन गए थे.. मगर जब साजन ने अपने तीन गुलाम दिखाए.. तो उसके होश उड़ गए.. वो गेम हार चुका था।
जय- ओह्ह नो.. ये कैसे हो गया.. नहीं ऐसा नहीं हो सकता.. तुम्हारे पास तीन गुलाम कैसे आ सकते हैं विजय.. तुमने इसको कैसे ये कार्ड्स दे दिए.. हाँ.. बोलो?
रंगीला- नहीं यार.. मैंने तो इसको 5 दिया था.. ये कैसे हो गया?
विजय- हाँ भाई और मैंने 3 दिया था।
साजन- ओये ज़्यादा अकल मत लड़ाओ.. मैंने तुम दोनों के कार्ड्स बदल कर तुम्हें वापस दे दिए.. मेरे पास यही 3 कार्ड्स आए थे.. हा हा हा हा..
जय- नहीं ये ग़लत है.. तुम ऐसा नहीं कर सकते.. तुम्हें इनसे कार्ड्स बदलने थे ओके..
साजन- हैलो.. ऐसी कोई बात नहीं हुई थी समझे.. बस कार्ड्स बदलने थे.. मैंने दोनों के बदल दिए सिंपल..
वहाँ बहुत देर इस बात पर बहस चली आख़िर जीत साजन की हुई.. क्योंकि रंगीला और विजय भी उसका साथ दे रहे थे।
जय- अब तुम सब कह रहे हो तो ठीक है.. मैं अपनी हार मान लेता हूँ मगर साजन रश्मि के साथ कुछ मत करो तुम जितने पैसे चाहो ले लो..
साजन- अपुन ये सब पैसे के लिए नहीं किया समझे.. तेरी अकड़ मुझे तोड़नी है और वो टूटेगी.. तेरी बहन की चीख के साथ.. जब मेरा लौड़ा उसकी चूत में जाएगा.. हा हा हा..
साजन अब खुले शब्दों में बोल रहा था और उसके दोस्त उसका साथ दे रहे थे मगर जय को रंगीला ने चुप रहने का इशारा किया।
जय भी समझ गया था कि अब बोलने से कोई फायदा नहीं.. उसने रश्मि की तरफ़ देखा तो उसने भी हामी भर दी कि जो हो रहा है होने दो..
रश्मि बार-बार जेम्स की तरफ़ देख रही थी.. तो रंगीला को शक हुआ.. कहीं ये पहला मौका उसको ना दे दे..
रंगीला- अब सब चुप रहो और जेम्स तुम रश्मि का आख़िरी कपड़ा निकाल कर गेम को पूरा करो.. उसके बाद रश्मि उस लड़के का नाम बताएगी.. जो उसकी पसन्द का होगा।
साजन- हाँ भाई जल्दी कर.. दिखा दे इसका जिस्म.. आह्ह.. मैं तो कब से बस इसी वक़्त का इन्तजार कर रहा हूँ।
रंगीला- एक बात और सुन लो.. रश्मि सिर्फ़ उसी का नाम लेगी जो गेम से रिलेटेड हो.. जेम्स का नंबर बाद में आएगा।
रंगीला की बात सुनकर रश्मि ने गुस्से में उसकी तरफ़ देखा.. वो कुछ कहती तभी विजय ने भी उसकी ‘हाँ’ में ‘हाँ’ मिला दी.. तो वो चुप ही रही।
जेम्स आगे बढ़ा और रश्मि का कुर्ता भी निकाल दिया.. अब वो सब के सामने एकदम नंगी खड़ी थी। उसने जब देखा कि सबकी नजरें उसके जिस्म को घूर रही हैं.. तो उसने शर्म के मारे नजरें झुका लीं।
साजन- वाउ यार.. क्या पटाखा माल है ये… इसकी चुदाई में तो आज बड़ा मज़ा आने वाला है..
कोमल- साजन.. तुझे ज़रा भी शर्म नहीं है मेरे सामने तू ऐसी गंदी बातें कर रहा है?
साजन- अबे चुप कर साली.. तू यहाँ कोई सत्संग सुनने आई थी कि क्या.. हाँ तू ऐसे अधनंगी क्यों खड़ी है.. चल अपने कपड़े पहन जल्दी से.. आज तो बस रश्मि रानी ही नंगी रहेगी।
विजय- साजन तुम जीत गए.. वो ठीक है मगर हमारे सामने ऐसी बातें मत करो.. जो कहना है कमरे में जाकर कहना ओके..
साजन- मेरी जान.. जल्दी से बता दे तू पहले किसकी दुल्हन बनना चाहेगी.. आह्ह.. मेरा लौड़ा कब से फुंफकार मार रहा है.. आह्ह.. बता ना जान.. आह्ह..
रश्मि- साजन.. भले ही तू जीत गया होगा मगर फिर भी मैं तुझे पहले टच नहीं करने दूँगी.. और ना ही तेरे इन कुत्ते दोस्तों का नाम लूँगी।
साजन- अच्छा इतनी अकड़.. तो बता मेरी जान बाद में बचा ही कौन है.. ये तेरे दो भाई या उनका जिगरी दोस्त रंगीला.. हा हा हा..
साजन की बात से रश्मि को बहुत गुस्सा आ रहा था, उसने गुस्से में ही बोला- हाँ रंगीला ही जाएगा मेरे साथ ओके..
रश्मि की बात सुनकर जय उसकी तरफ़ देखने लगा कि ये रश्मि ने क्या किया और फिर उसने रंगीला की तरफ़ देखा.. उसको लगा शायद वो मना कर देगा।
रंगीला- बहुत खूब रश्मि.. मुझे तुमसे यही उम्मीद थी। इस साजन से ज़्यादा मज़ा मैं तुम्हें दूँगा और तेरी ऐसी मस्त चुदाई करूँगा कि तू बस याद करेगी।
जय- रंगीला.. तू ये क्या बकवास कर रहा है.. हाँ रश्मि मेरी बहन है..
रंगीला- अरे यार.. बुरा क्यों मान रहा है.. ये साजन उसको चोदेगा.. तो तू खुश हो जाएगा क्या..? और तेरा खास दोस्त करेगा तो तुझे प्राब्लम है साले.. ये गेम तू कब से खेल रहा है.. आज तक नहीं सोचा कि जिन-जिन लड़कियों को तू यहाँ लाता था.. वो भी किसी की बहन होती थीं.. अब जो हो रहा है चुपचाप देख..
रंगीला के बदले तेवर देख कर जय की गाण्ड फट गई.. वो कुछ बोलने की हालत में नहीं था।
रंगीला आगे बढ़ा और रश्मि के पास जाकर उसको गोद में उठा लिया।
रश्मि बस उसको देखती रही और वो उसको दूसरे कमरे में ले गया।
कोमल ने अपने कपड़े पहन लिए थे और वो एक कमरे में चली गई।
साजन अपने दोस्तों के साथ बियर पीने में मस्त हो गया और साथ में वो गंदी-गंदी बातें भी कर रहा था।
साजन- साली रंडी.. पहले रंगीला से चुदेगी.. अब देखना थोड़ी देर बाद उसकी चीखें बाहर आने वाली हैं।
जेम्स भी उनके साथ बियर पीने बैठ गया था।
जय- विजय, यह क्या हो गया.. हाँ.. देखो रंगीला हमारा खास दोस्त है.. वो क्या बोलकर गया है अभी?
विजय- तुम इतने टेन्शन में क्यों हो.. वो ऐसा मौका कोई नहीं छोड़ता… समझे.. और वैसे भी ये खेल तुम्हारा ही जमाया हुआ है.. अब भुगतो..
जय को तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि अब वो क्या करे.. वो एक कोने में बैठ गया और बियर पीने लगा.. मगर बार-बार वो उस कमरे की तरफ़ देख रहा था.. जिसमें रश्मि और रंगीला गए थे।
उधर रंगीला ने रश्मि को बिस्तर पर लेटा दिया और अपने कपड़े निकालने शुरू कर दिए।
रश्मि- बहुत जल्दी में हो तुम.. अपने दोस्त की बहन को कर पाओगे?
रंगीला- अब क्या बताऊँ मेरी जान.. तू है ही ऐसी माल कि देर तक बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है.. वैसे भी तेरी नज़र तो जेम्स पर थी.. मगर मैंने बात को संभाल लिया और अब देख पहला मौका मुझे मिला है।
रश्मि- जेम्स है ही ऐसा.. कि उसको देख कर मन मचल सा गया था मेरा.. और वैसे भी कपड़े निकालते टाइम उसने हरकतें ऐसी कीं कि बस मैं उसकी तरफ़ खिंचने लगी।
रंगीला ने बातों के दौरान सारे कपड़े निकाल दिए.. बस अंडरवियर नहीं निकाला।
रश्मि की निगाहें रंगीला को लौड़े के उभार को गौर से देख रही थीं.. उसको वो काफ़ी बड़ा लग रहा था।
रंगीला- ऐसे क्या देख रही हो जान?
रश्मि- देख रही हूँ काफ़ी बड़ा लग रहा है.. अब इसे आज़ाद कर दो तो ठीक से देख सकूँ!
रंगीला- इतनी भी क्या जल्दी है मेरी जान.. पहले थोड़ा प्यार तो कर लूँ तुम्हें.. उसके बाद देखना..
इतना कह कर रंगीला बिस्तर पर चढ़ गया और रश्मि के ऊपर लेट कर उसके होंठ चूसने लगा.. उसके मम्मों को दबा के मज़ा लेने लगा।
रश्मि भी रंगीला का साथ दे रही थी उसकी उत्तेजना बढ़ गई थी। रंगीला अब रश्मि के निप्पल को चूस कर मज़ा लेने लगा था।
रश्मि- आह्ह.. उफ़फ्फ़.. रंगीला प्लीज़ आराम से करो ना.. आह्ह.. नहीं आह्ह..
रंगीला तो जैसे बरसों का प्यासा था.. बस वो रश्मि के जिस्म को चूस कर सारा रस निकाल देना चाहता था।
दस मिनट तक जबरदस्त चुसाई के बाद रश्मि अब काम वासना की आग में जलने लगी थी, अब उसकी चूत को लौड़ा ही शान्त कर सकता था।
रश्मि- इसस्स.. आह्ह.. रंगीला.. अब बस भी करो.. आह्ह.. घुसा दो अपना लौड़ा मेरी चूत में.. आह्ह.. जल्दी..
रंगीला ने रश्मि को कहा- वो बिना हाथ लगाए उसका अंडरवियर निकाले.. तभी वो उसकी चूत को शान्त करेगा।
रश्मि तो काम वासना में जल रही थी फ़ौरन मान गई। रंगीला खड़ा हो गया और रश्मि अपने दांतों से अंडरवियर पकड़ कर निकालने की कोशिश करने लगी।
थोड़ी कोशिश के बाद वो नीचे कर पाई और रंगीला का 8″ का नाग फुँफकारता हुआ उसके सर से टकराया.. जिसे देख कर रश्मि के होंठों पर मुस्कान आ गई, वो उसको हाथ लगा कर देखना चाहती थी.. मगर रंगीला जल्दी से पीछे हट गया।
रश्मि अचम्भित सी होकर रंगीला को देखने लग गई- क्या हुआ छूने दो ना.. कितना मस्त लौड़ा है तुम्हारा..
रंगीला- मेरी जान ऐसे नहीं.. तुम अपने नर्म होंठों से छूकर इसकी ओपनिंग करो।
रश्मि ने बोलने के साथ ही अपने होंठ लौड़े पर रख दिए और किस करने लगी। वो धीरे-धीरे किस करती हुई अपनी जीभ से सुपारा चाटने लगी।
रंगीला- आह्ह.. ऐसे ही करो डार्लिंग.. मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. चूस ले.. अब आ लेले पूरा मुँह में आह्ह..
रश्मि बड़े प्यार से लौड़े को चूस रही थी.. उसके गले तक पूरा लौड़ा घुसा कर रंगीला उसके सर को पकड़ कर चोद रहा था।
रंगीला- आह्ह..ह ले आह्ह.. चूस आह.. मज़ा आ रहा है आह्ह…
उधर बाहर जय बार-बार उस कमरे की ओर देख रहा था जिसमें रश्मि और रंगीला गए थे।
आनंद- साजन भाई.. वो देखो कैसे जय बार-बार उधर देख रहा है।
साजन- अबे जय क्या सोच रहा है अभी तो रंगीला उसको लौड़ा चुसा रहा होगा.. थोड़ी देर रुक इसकी रंडी बहन की चीखें आती होगीं.. हा हा हा हा..
जय गुस्से में उसको मारने आगे बढ़ा तो विजय ने उसको पकड़ लिया।
विजय- कहाँ जा रहे हो.. अब तुम ये गुस्सा काबू में रखो।
जय- उस कुत्ते को देखो वो रश्मि को क्या बोल रहा है..
विजय- तो क्या ग़लत बोल रहा है.. एक रंडी को रंडी नहीं कहेगा तो क्या कहेगा हाँ बोलो?
विजय का अंदाज अचानक बदल गया था उसकी आवाज़ में कड़कपन आ गया था।
जय- तू कैसी बातें कर रहा है.. वो हमारी बहन है।
विजय- चुप साला कुत्ता कहीं का.. वो बहन होगी तेरी.. समझे मेरे लिए तो वो एक रंडी है बस.. और आज ये सब उसको यहाँ पर चोद कर उसे पक्की रंडी बना देंगे।
जय की समझ के बाहर बात हो गई थी कि अचानक ये विजय को क्या हो गया।
जय- विजय तू होश में तो है.. ये कैसी बातें बोल रहा है तू.. हाँ.. वो सिर्फ़ मेरी बहन है.. तेरी कुछ नहीं?
विजय- होश में ही बोल रहा हूँ कुत्ते.. आज तक जो था वो सब नाटक था। ये बरसों की आग जो मेरे दिल में लगी थी.. आज वो लावा बनकर बाहर आएगी।
जय- तू कहना क्या चाहता है?
विजय- बदला लेना चाहता था मैं तेरे उस कुत्ते बाप से.. और तेरी इस रंडी बहन से बरसों बाद आज मुझे मौका मिला है.. हा हा हा हा हा..
सब के सब चौंक गए कि यह क्या हो रहा है.. ये सीन तो कहानी से अलग चल रहा है.. विजय के मुँह से ऐसी बातें सुनकर सब हैरान थे।
अन्दर से रानी और कोमल भी बाहर निकल आई थीं।
जय- तू बदला ले रहा है हमसे.. मगर किस बात का बदला.. हाँ बोल?
विजय- बताऊँगा.. सबर कर.. पहले रंगीला को.. तेरी रंडी बहन को चोदकर बाहर आ जाने दे.. उसके बाद तुझे सब बताऊँगा।
जय गुस्सा हो गया और विजय की तरफ़ लपका.. मगर जेम्स ने उसको पकड़ लिया और कुर्सी पर बैठा दिया।
जेम्स- इतनी भी क्या जल्दी है जय बाबू.. पहले हमें रश्मि की ठुकाई तो कर लेने दो.. उसके बाद तेरी पिटाई भी कर देंगे हम..
विजय- रानी वहाँ क्या खड़ी है.. जल्दी रस्सी लेकर आ.. इस कुत्ते को बाँध कर बैठा दो यहाँ.. ताकि उस रंडी की चुदाई में रुकावट ना आए।
जेम्स- जा रानी.. जल्दी जा.. साला बहुत ताक़त लगा रहा है।
रानी भाग कर रस्सी ले आई और जेम्स ने जय को कुर्सी से बाँध दिया और सब उसके पास आ गए।
साजन- विजय ये सब चक्कर क्या है.. मेरा तो सर घूम रहा है?
विजय- चुप साले.. तेरे जैसे आदमी को विजय द ग्रेट का प्लान कहाँ समझ में आएगा.. ये सब कुछ मेरा प्लान था समझे तुम?
साजन- मतलब तुम और रंगीला मिलकर ये सब कर रहे थे?
विजय- हाँ और आज के दिन के लिए मैंने बहुत इन्तजार किया है।
इनकी बातें होती रहेगी.. हम थोड़ा रश्मि को भी देख लेते हैं।
रश्मि लौड़े को मज़े से चूस रही थी और रंगीला ‘आहें..’ भर रहा था। रंगीला ने लौड़ा बाहर निकाल लिया और रश्मि को लेटा दिया।
रश्मि- आह्ह.. अब घुसा दो.. आह्ह.. बर्दाश्त नहीं हो रहा मुझसे..
रंगीला ने रश्मि के पैरों को मोड़ा और लौड़ा चूत पर सैट करके जोरदार धक्का मारा.. जिससे पूरा लौड़ा जड़ तक चूत में समा गया और रश्मि के मुँह से बहुत ज़ोर से चीख निकली.. जो बाहर सबको सुनाई दी।
साजन- ले भाई जय तेरी बहन की चूत फट गई.. गाड़ दिया झन्डा किले पर रंगीला ने.. हो गया उसकी चूत का मुहूरत.. हा हा हा हा!
जय- विजय प्लीज़.. मुझे खोल दे इन कुत्तों के हवाले रश्मि को मत कर.. देख वो कैसे चिल्ला रही है।
विजय- चुप साला.. बहनचोद कहीं का.. जिस दिन तूने उसकी सील तोड़ी थी.. उस दिन नहीं सोचा उसको कितना दर्द हुआ होगा.. जो आज उसके लिए रहम की भीख माँग रहा है।
विजय एक के बाद एक झटके जय को दे रहा था और साथ ही साथ बाकी सब भी यह सुनकर चौंक गए थे।
जय- तत..तू यह क्या बकवास कर रहा है हाँ?
विजय- बताऊँगा सब बताऊँगा.. मगर उस रंडी के सामने बताऊँगा.. पहले उसको ठीक से चुद तो जाने दे।
उधर रश्मि दर्द से कराह रही थी और रंगीला स्पीड से उसको चोद रहा था।
रश्मि- आह्ह.. रंगीला आह्ह.. आराम से.. करो ना.. उफ़फ्फ़ एक साथ ही पूरा घुसा दिया.. आह्ह.. मेरी जान निकाल दी।
रंगीला- तू कौन सी कुँवारी है… तेरी चूत तो खुली हुई है.. अब यह नाटक बन्द कर और पनी चूत चुदाई का मज़ा ले।
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