Kamukta Kahani अहसान
07-30-2019, 01:18 PM,
#31
RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-29

घर से निकलते हुए मैने पलटकर देखा तो नाज़ी मुझे रसोई मे खड़ी गुस्से से देख रही थी. जिसके गुस्से का मेरे पास कोई जवाब नही था इसलिए मैने वापिस गर्दन सीधी की ऑर हीना के साथ उसकी कार की तरफ चल पड़ा. आज जाने क्यो इस तरह नाज़ी का बर्ताव मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था क्योंकि वो एक खुश-मिज़ाज़ ऑर तमीज़दार लड़की थी लेकिन आज जाने उसको क्या हो गया था जो वो हीना के साथ ऐसे पेश आ रही थी. अभी मैं अपनी इन्ही सोचो मे गुम था कि मुझे हीना की आवाज़ आई...

हीना : जनाब अब सारी रात कार के सामने ही खड़ा रहना है या चलना भी है.

मैं : (हीना की तरफ चोंक कर देखते हुए) क्या..... हाँ चलो बैठो.

हीना : आप भी ना...(मुस्कुराते हुए)

मैं : मैं भी क्या....

हीना : कुछ नही जल्दी बैठो.

मैं : अच्छा

उसके बाद मैं ओर हीना कार मे बैठे ऑर मैने कार स्टार्ट कर दी ऑर कुछ देर बिना कुछ बोले कार चलता रहा थोड़ी देर मे ही हम हवेली के पास आ गये.

हीना : अर्रे हवेली क्यो ले आए मुझे (रोने जैसी शक़ल बनाके)

मैं : घर नही जाना आपने.

हीना : बाबा ने कुछ ऑर भी कहा था ना आप भूल गये क्या (मुस्कुराते हुए)

मैं : ऑर क्या कहा था बाबा ने यही कहा था कि हीना को घर छोड़ आओ बस...

हीना : (अपने सिर पर हाथ रखते हुए) ओुंओ... बाबा ने ये भी तो कहा था कि कार चलानी भी सीखा देना मुझे... भूल गये क्या.

मैं : अर्रे हाँ मैं तो भूल ही गया था.

हीना : अब चलो गाड़ी घूमाओ मैदान की तरफ अभी इतनी जल्दी नही मैने घर जाना .

मैं : अच्छा.... (मुस्कुराते हुए)

उसके बाद मैने कार को मोड़ लिया ऑर वही से ही हम मैदान की तरफ निकल गये हीना मुझे बार-बार देखकर आज मुस्कुरा रही थी ऑर काफ़ी खुश लग रही थी. मैने कार चलाते हुए देखा कि वो बार-बार मेरी पहनी हुई कमीज़ को देख रही थी...

मैं : एक बात बोलू हीना जी अगर आपको बुरा ना लगे तो...

हीना : आज तक आपकी कोई बात का बुरा माना है जो अब मानूँगी बोलो...(मुस्कुराते हुए)

मैं : आप पर मेरे कपड़े बहुत अच्छे लग रहे हैं...(मुस्कुराते हुए)

हीना : अगर आपको बुरा ना लगे तो ये कपड़े मैं रख लूँ.

मैं : क्यो नही ज़रूर अगर आपको पसंद है तो.... लेकिन आप मेरे कपड़ो का करेंगी क्या...

हीना : शुक्रिया... पसंद भी आए हैं ऑर....

मैं : ऑर क्या...

हीना : इन कपड़ो मे आपकी महक भी है जो मुझे बहुत पसंद है (नज़रे झुका कर मुस्कुराते हुए)

मैं : लेकिन आप इनका करेंगी क्या ये तो मर्दाना कपड़े है....

हीना : आप पास होते हो तो खुद को बहुत महफूज़ महसूस करती हूँ... ये कपड़े जब मेरे पास होंगे तो ऐसा लगेगा आप मेरे पास हो.

मैं : अच्छा जैसा आपको अच्छा लगे (मुस्कुराते हुए)

हीना : नीर दवाई तो टाइम पर ले रहे हो ना जो हमने शहर से ली थी.

मैं: कौनसी दवाई (कुछ सोचते हुए) अर्रे हाँ याद आया

हीना : शूकर है याद तो आ गया (मुस्कुराते हुए) अब बताओ दवाई ली या नही.

मैं : (उदास मुँह बनाके ना मे सिर हिलाते हुए) भूल गया.

हीना : ऊओुंओ.... क्या करूँ मैं तुम्हारा (रोने जैसा मुँह बनाके)

मैं : कुछ नही करना क्या है (मुस्कुराते हुए) अब याद नही रहता तो क्या करू मैं भी.

हीना : अच्छा तुम एक काम कर सकते हो
मैं : क्या
हीना : कल से अपनी दवाइयाँ मुझे लाके देदो मैं आपको रोज़ दवाई दे जाया करूँगी

मैं: लेकिन अगर आप रोज़ घर आएँगी तो शायद नाज़ी ऑर फ़िज़ा को अच्छा नही लगेगा.

हीना : (कुछ सोचते हुए) हम्म..ये तो है... ऐसा करूँगी सुबह आप खेत मे अकेले होते हो ना दिन मे आपको खेत मे आके आपकी दवाई दे जाया करूँगी ऑर शाम को कार मे दे दिया करूँगी फिर तो ठीक है....वैसे भी हम मिलते तो रोज़ ही है. (मुस्कुराते हुए)

मैं : हाँ ये ठीक रहेगा.


ऐसे ही बाते करते हुए हम कुछ ही देर मे हम उसी कच्चे रास्ते पर पहुँच गये जो रास्ता मैदान की तरफ जाता था. हीना भी उस रास्ते को देखकर एक दम खामोश हो गई शायद उसको उस दिन वाली बात याद आ गई थी जब वो मेरी गोद मे बैठी थी ऑर उसके उच्छलने से मेरा लंड उसकी गान्ड मे ज़ोर से चुभा था. मैने एक नज़र हीना की तरफ देखा ऑर फिर गाड़ी उसी कच्चे रास्ते पर बढ़ा दी कुछ देर उच्छलने के बाद हम मैदान मे आ गये इसलिए मैने कार रोक दी.

मैं : हीना जी मैदान आ गया अब आप मेरी सीट पर बैठ जाएँ ऑर कार चलानी शुरू करें जैसा मैने आपको उस दिन सिखाया था.

हीना : उस दिन जैसे गाड़ी नही सीखा सकते.

मैं : उस दिन जैसे कैसे मैं समझा नही.

हीना बिना कुछ बोले मेरे दोनो हाथ स्टारिंग व्हील से हटा कर धीरे से सरक कर मेरे पास आई ऑर थोड़ी सी कार के अंदर ही खड़ी होके मेरी एक टाँग पर बैठ गई ऑर फिर अपनी गान्ड को थोड़ा सा खिसका कर मेरी दोनो टाँगो पर बैठ गई.

हीना : ऐसे सीखने को कह रही थी...

मैं : अच्छा ठीक है अब आप चलाओ.

हीना के मेरी गोद मे बैठ ते ही उसके नाज़ुक बदन का वही गरम अहसास मुझे अपनी टाँगो पर होने लगा. मैने अपने दोनो हाथ उसकी कमर से निकाले ऑर वापिस स्टारिंग व्हील पर उसके हाथो के उपर रखे दिए उसकी नरम ऑर नाज़ुक टांगे मेरी टाँगो के साथ जुड़ी हुई थी जो मुझे बेहद मज़ा दे रही थी. कुछ देर ऐसे ही कार चलाने के बाद उसने खुद ही मेरे हाथ स्टारिंग व्हील से हटाकर अपनी जाँघो पर रख दिए जिसे मैने फॉरन थाम लिया मेरे हाथो के छुने से शायद उसको झटका सा लगा जिससे वो थोड़ा सा हिल गई लेकिन बिना कुछ बोले वो कार चलाती रही अब मुझसे भी सबर नही हो रहा था इसलिए मैने धीरे-धीरे उसकी जाँघो पर हाथ फेरना शुरू कर दिया जिससे उसने अपनी टांगे चौड़ी कर ली. मेरा चेहरा उसकी गर्दन पर था जिससे चूमने का मुझे बार-बार मन कर रहा था इसलिए मैने अपने चेहरे को हल्का सा नीचे की तरफ झुकाया ऑर अपने होंठ उसकी गर्दन पर रख दिए उसको भी शायद मेरे होंठों का अहसास अपनी गर्दन पर हो गया था लेकिन वो बिना कुछ बोले गाड़ी चलाती रही नीचे से मेरे लंड ने भी जागना शुरू कर दिया था जो उसके टांगे फैला लेने की वजह से सीधा उसकी चूत पर दस्तक दे रहा था वो भी शायद मेरे लंड को नीचे से महसूस कर रही थी इसलिए बार-बार अपनी गान्ड को हिला कर उसको अपनी चूत के उपर अड्जस्ट करने की कोशिश कर रही थी. तमाम अमल मे हम दोनो ही खामोश थे मैं लगातार उसकी जाँघो पर हाथ फेर रहा था ऑर वो बिना कुछ बोले गाड़ी चला रही थी तभी उसकी धीमी सी आवाज़ मेरे कानो से टकराई....

हीना : एक हाथ से आप भी स्टारिंग पकड़ लो मुझसे अकेले संभाला नही जा रहा

मैं : (बिना कुछ बोले एक हाथ उसकी जाँघ (रान) से उठाकर स्टारिंग पकड़ते हुए) हमम्म...

अब उसने अपना दायां हाथ नीचे कर लिया ऑर मेरा बायां हाथ जो उसकी जाँघ (रान) पर था उस पर रख दिया. मुझे लगा शायद उसको मेरा छुना बुरा लगा है इसलिए उसने अपना हाथ मेरे हाथ पर रखा है इसलिए मैने अपना हाथ वही उसकी जाँघ पर ही रोक दिया ऑर बिना कोई हरकत किए वही रखा रहने दिया जबकि बाएँ हाथ से मैं गाड़ी चला रहा था. लेकिन मैं ग़लत था जब मैने हाथ रोका तो उसने खुद ही मेरे हाथ को पकड़कर अपनी जाँघ पर उपर-नीचे फेरना शुरू कर दिया ऑर हाथ को उपर की तरफ ले जाने लगी जिससे मेरा हाथ उसके पेट पर आ गया मैने अपना हाथ उसके पेट पर फेरना शुरू कर दिया तभी मुझे उसकी नाभि का छेद महसूस हुआ जिस पर मैने अपनी उंगली रोक दी ऑर नाभि के चारो तरफ गोल-गोल घुमाने लगा जिससे उसकी साँस एक दम तेज़ हो गई ऑर उसने अपनी गर्दन उपर की तरफ करके अपना सिर मेरे कंधे पर रख दिया. अब उसने खुद ही बिना कुछ बोले अपना दूसरा हाथ भी स्टारिंग से हटा लिया ऑर अपनी कमीज़ थोड़ी सी उपर उठाके मेरा हाथ पकड़कर अपनी कमीज़ मे डाल दिया. उसके पेट का गरम ऑर नाज़ुक लंज़ मेरे हाथो को मिलते ही मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ उसका पेट बेहद नाज़ुक ऑर किसी मखमल की तरह मुलायम था. अब मैं सीधा उसके पेट पर हाथ फेर रहा था ऑर वो आँखें बंद किए मेरे कंधे पर सिर रखे बैठी थी.

धीरे-धीरे मेरा हाथ उपर की तरफ जाने लगा जिससे उसकी साँस ऑर तेज़ चलने लगी अब उसका गाड़ी चलाने पर कोई ध्यान नही था इसलिए मैने गाड़ी को रोक दिया ऑर बंद कर दिया लेकिन वो अब भी वैसे ही बैठी रही. मैने अपना दूसरा हाथ भी स्टारिंग से हटा लिया ऑर उसकी जाँघो (जाँघो) पर रख दिया ऑर हाथ उपर से नीचे फेरने लगा. अब जो हाथ मेरा उसकी कमीज़ के अंदर था उसको मैने उपर की जानिब बढ़ाना शुरू किया ऑर थोड़ा सा उपर जाके मेरे हाथ उसकी ब्रा तक पहुँच गया जिसके उपर से ही मैने उसके दाएँ मम्मे को थाम लिया ऑर धीरे से दबा दिया जिससे उसको एक झटका सा लगा ऑर उसके मुँह से एक तेज़ सस्सस्स आअहह निकल गई. शायद मेरा हाथ उसको अपने मम्मों पर अच्छा लगा था उसके मम्मे काफ़ी बड़े थे जो मेरे एक हाथ मे पूरे नही आ रहे थे लेकिन फिर भी मम्मा जितना हाथ मे आ रहा था मैं उसको लगातार दबाए जा रहा था. तभी मैने अपना दूसरा हाथ उसकी जाँघो के दरम्यान चूत के उपर रख दिया उसको मेरे इस हमले की उम्मीद नही थी इसलिए उसने अपने दोनो हाथो से मेरे हाथ को पकड़ लिया ऑर अपनी दोनो टांगे बंद कर ली. मैने अपने होंठों से धीरे-धीरे उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया ऑर उसकी गर्दन से बढ़ते हुए मेरे होंठ उसके गालों पर आ गये ऑर अब मैं वहाँ धीरे-धीरे चूम रहा था वो अपनी आँखें बंद किए मेरी गोद मे बैठी थी मेरे कंधे पर सिर रख कर ऑर मेरे हाथ उसके बदन पर अपना कमाल दिखा रहे थे.
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