Kamukta Kahani अहसान
07-30-2019, 01:25 PM,
#48
RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-46

मेरे घर मे एक ही बेड था इसलिए मैने उसको अपने बिस्तर पर सुलाना ही मुनासिब समझा ऑर खुद अपना बिस्तर सोफे पर लगा लिया. इतनी देर मे रूबी भी कपड़े बदलकर आ गई थी जो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी.

रूबी : क्या कर रहे हो जनाब.
मैं : बिस्तर कर रहा हूँ अपना.
रूबी : सोफे पर....
मैं : हंजी बेड पर आप सो जाना मैं सोफे पर सो जाउन्गा.
रूबी : (मुस्कुराते हुए) हाए तुम इतने शरीफ कब्से हो गये... कोई ज़रूरत नही सोफे पर सोने की चलो यहाँ आओ ऑर मेरे साथ आके सो जाओ.
मैं : क्या पहले भी हम साथ मे सोते थे.
रूबी : हां बाबा.... पहले भी साथ मे ही सोते थे अब चलो आओ यहाँ ऑर आके सो जाओ मैं तुमको खा नही जाउन्गी.
मैं : ठीक है

उसके बाद मैं उसके साथ जाके लेट गया वो मेरी तरफ मुँह करके लेटी हुई थी ऑर मुझे ही देख रही थी ऑर मुस्कुरा रही थी. मैं उसको बड़े गौर से देख रहा था ऑर याद करने की कोशिश कर रहा था लेकिन अफ़सोस मुझे कुछ भी याद नही आ रहा था. लड़की देखने मे काफ़ी खूबसूरत थी बड़ी-बड़ी आँखें, पतले से होंठ, तीखा सा लेकिन बहुत छोटा सा नाक ऑर गालो पर पड़ने वाली बालो की छोटी सी लट तो उउफफफ्फ़ एक दम जानलेवा थी. मैं काफ़ी देर उसको देखता रहा ऑर वो मुझे देख रही थी ऑर मुस्कुरा रही थी इसलिए मैने ही बात शुरू की.

मैं : क्या हुआ रूबी.
रूबी : (ना मे सिर हिलाते हुए) मुझे अपनी किस्मत पर यक़ीन नही हो रहा कि तुम वापिस आ गये हो जानते हो तुम्हारे बिना एक-एक दिन मैने मौत जैसा गुज़ारा है.
मैं : अब तो वापिस आ गया हूँ ना
रूबी : लेकिन अब तुम पहले जैसे नही हो.
मैं : क्यो पहले मे ऑर अब मे क्या फरक पड़ा है ओर मैं पहले कैसा था.
रूबी : एम्म्म... पहले बहुत बदमाश थे हमेशा मुझे सताते रहते थे अब तो....
मैं : अब तो क्या....
रूबी : (मुस्कुराते हुए) कुछ नही जाने दो... एक बात बोलूं अगर तुमको ऐतराज़ ना हो तो.
मैं : हमम्म बोलो.
रूबी : तुमको गले लगने का बहुत दिल कर रहा है अगर तुमको ऐतराज़ ना हो तो.

ये बात सुनकर जाने क्यो मैने खुद उसे गले लगा लिया. ये पहली बार था जब मैं खुद उसको अपने गले से लगाया था. मेरे बिना कुछ बोले इस तरह गले लगाने से वो भी बहुत खुश हो गई ऑर उसने भी अपनी उपर वाली बाजू मेरी कमर मे डालकर मुझे ज़ोर से पकड़ लिया. कुछ देर वो ऐसे ही मेरे साथ गले लगी लेटी रही फिर अचानक मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे वो रो रही हो इसलिए मैने फॉरन उसका चेहरा अपने हाथो से पकड़कर उपर किया तो वो सच मे रो रही थी.

मैं : (उठकर बैठते हुए) क्या हुआ रो क्यो रही हो... मेरा तुमको गले लगाना बुरा लगा?

रूबी : (आँसू साफ करते हुए ऑर ना मे सिर हिलाते हुए) नही बहुत अच्छा लगा ऑर ये तो खुशी के आँसू हैं... जानते हो इस पल का मैने कितना इंतज़ार किया है.

मैं : मुझे माफ़ कर दो मैं भी तुमको छोड़ कर नही जाना चाहता था लेकिन उस दिन जाने मे क्यो चला गया ऑर उसके बाद मेरे साथ ये सब हो गया. मैं तो तुम्हारा दर्द भी नही बाँट सकता क्योंकि मुझे कुछ भी याद नही है.

रूबी : कोई बात नही अब मैं आ गई हूँ ना तुमको सब याद आ जाएगा. ऑर आगे से मुझे कभी छोड़कर कभी मत जाना.
मैं : (कान पकड़ते हुए) नही जाउन्गा.

उसके बाद हम दोनो फिर से लेट गये इस बार वो मेरे उपर लेटी थी ओर मेरी गाल पर अपने नाज़ुक से हाथ फेर रही थी.

रूबी : तुमने मूच्छे सॉफ करदी अपनी.

मैं : हमम्म क्यो अच्छा नही लग रहा.

रूबी : नही... नही... बहुत अच्छे लग रहे हो. उल्टा मैं तो खुद तुमको इससे सॉफ करने को कहती थी लेकिन तुम हमेशा ये कहकर मना कर देते थे कि मूछ के बिना शेर अच्छा नही लगेगा. अब खुद ही देखो मेरा शेर क्लीन शेव कितना सेक्शी लगता है. (मेरी गाल चूमते हुए)

मैं : (बिना कुछ बोले मुस्कुराते हुए) कमाल है आज तक तो लड़कियाँ ही सेक्सी होती थी अब लड़के भी सेक्सी हो गये हैं...

रूबी : (मुस्कुराते हुए) तुम तो मेरे सब कुछ हो.... मेरी जान हो.
मैं : जानती हो मुझे 2 दिन हो गये यहाँ आए हुए ऑर तुम मुझे आज मिलने आई हो.
रूबी : मैं क्या करती मुझे रसूल भाई जान ने बताया ही आज है नही तो तुमको क्या लगता है मैं रुकने वाली थी क्या. तुमको नही पता मैने तुम्हारे बिना ये वक़्त कैसे निकाला है तुम साथ होते थे तो ऐसा लगता था मेरी हर खुशी मेरे पास है मैं हमेशा महफूज़ हूँ लेकिन तुम्हारे जाने के बाद तो जैसे मेरी दुनिया ही लूट गई थी मैं सारा दिन रोती रहती थी ऑर यही तुम्हारे घर मे ही पड़ी रहती थी फिर एक दिन रसूल भाई जान की बीवी असमा भाभी ने मुझे समझाया ओर मैने तुम्हारे अधुरे सपने को ही अपना मक़सद बना लिया.

मैं : मेरा सपना.... कौनसा.
रूबी : तुम्हारी ख्वाहिश थी कि तुम अपना एक यतीम खाना खोलो जहाँ तमाम बे-घर बच्चो को अच्छी तालीम ऑर अच्छा खाना पीना मिल सके इसलिए मैने बाबा की इजाज़त से तुम्हारा सपना पूरा किया ऑर तुम्हारे नाम से एक यतीम खाना खोल दिया बस अब मैं सारा दिन उन्ही बच्चो को पढ़ती रहती हूँ.
मैं : ये तो तुम बहुत नेक़ काम कर रही हो.

उसके बाद हम सुबह तक ऐसे ही बातें करते रहे सुबह कब हुई हम दोनो को पता ही नही चला लेकिन एक रात मे मैं रूबी के बहुत नज़दीक आ गया था उसमे एक अजीब सा अपनापन था जिसने मेरे दिल मे उसके लिए जगह बना दी थी. कुछ देर ऐसे ही बातें करने के बाद हम दोनो सुबह जल्दी तेयार हो गये क्योंकि हमे बड़े शीक साहब (बाबा) से मिलने भी जाना था. उसके बाद हम सुबह बाबा से मिलने चले गये वहाँ कोई ख़ास बात नही हुई बाबा रूबी से यतीम खाने के बारे मे पूछते रहे. बाबा हम दोनो को एक बार फिर साथ देखकर बहुत खुश थे. उसके बाद रूबी मुझसे कही घूमने चलने की ज़िद्द करने लगी इसलिए बाबा से मिलकर वहाँ से हम एक जीप मे बैठे ऑर घूमने चले गये. मैं रूबी से बातें करते हुए गाड़ी चला रहा था कि अचानक एक कार तेज़ रफ़्तार से मेरे पास से गुज़र गई ऑर आगे जाके कुछ दूरी पर सड़क के बीच मे रुक गई जिसने मुझे भी चोन्का दिया ऑर मैने भी अपनी जीप रोक दी. इससे पहले कि मैं कुछ समझ पता सामने खड़ी कार का दरवाज़ा खुला ऑर उसमे से कुछ लोग निकले ऑर मेरी जीप पर अँधा-धुन्ध गोलियाँ चलाने लगे. मैं इस अचानक हमले के लिए तेयार नही था ना ही उनसे मुक़ाबला करने के लिए उस वक़्त मेरे पास कोई हथियार था. 1 गोली जब जीप के सामने वाले काँच पर लगी तो मैने रूबी को पकड़कर नीचे कर दिया ताकि गोली रूबी को ना लग जाए ऑर जीप को रिवर्स मे पिछे की तरफ चलाने लगा.

रूबी : शेरा ये कौन लोग है जो पागलो की तरह हम पर गोलियाँ चला रहे हैं.

मैं : पता नही शायद छोटे शीक के लोग हैं.

रूबी इस तरह अचानक हुआ हमले से बहुत ज़्यादा डर गई थी इसलिए मैने वहाँ से निकलना ही मुनासिब समझा. मैं पूरी रफ़्तार से गाड़ी पिछे की तरफ दौड़ा रहा था ऑर वो लोग लगातार हमारी जीप पर गोलियाँ चला रहे थे. अब हम उनसे काफ़ी दूर आ गये थे इसलिए वो लोग वापिस कार मे बैठ गये ऑर कार को हमारी तरफ भगाने लगे. मैने भी गाड़ी घुमा कर रोड की जगह जंगल मे जीप को घुसा दिया था. मैने अपनी जीप बंद की ऑर रूबी को जीप से उतारकर थोड़ी दूरी पर एक पेड़ के पीछे खड़ा कर दिया जिससे सामने से वो किसी को नज़र नही आ सकती थी.

मैं: तुम यही रूको मैं अभी आता हूँ.

रूबी : कहाँ जा रहे हो शेरा उनके पास हथियार है.

मैं : डरो मत कुछ नही होता उनके पास हथियार है तो शेरा खुद एक हथियार का नाम है.

रूबी : मत जाओ ना... मुझे डर लग रहा है.

मैं : (उसका गाल को सहलाते हुए) कुछ नही होगा फिकर मत करो मैं बस अभी आ रहा हूँ.

तब तक वो कार भी जंगल के बाहर रुक चुकी थी ऑर उसमे बैठे तमाम लोग जंगल के अंदर आ चुके थे. वो 5 लोग थे ऑर सबके हाथ मे पिस्टल थी इसलिए मैं सामने से उनका मुक़ाबला नही कर सकता था. इसलिए मैने एक तरकीब सोची ऑर एक पेड़ पर चढ़ गया जिसकी लताये नीचे ज़मीन पर लटक रही थी. मैने पेड़ पर चढ़ कर कुछ लताओ को पकड़ा ऑर उनका एक फँदा बना लिया. पेड़ बहुत घना था इसलिए नीचे से मुझे कोई देख नही सकता था लेकिन मैं सबको देख पा रहा था उनमे से 2 लोग जल्दी से जीप के पास आए ऑर अंदर देखने लगे जब जीप खाली मिली तो 1 आदमी वही खड़ा हो गया ऑर बाकी 4 लोग इधर उधर मुझे ढूँढने लगे. जो 1 आदमी जीप के पास खड़ा था उस तक मैं आराम से पहुन्च सकता था इसलिए मैने वो लताओ का बनाया हुआ फँदा नीचे फैंका ऑर उस आदमी के गले मे डाल कर झटके से उपर खींच लिया वो आदमी वही मर गया. फिर मैने पेड़ से नीचे छलाँग लगाई ऑर जीप के नीचे घुस गया ऑर बाकी के लोगो का इंतज़ार करने लगा तभी 2 लोग वापिस आते हुए नज़र आए. मुझे नीचे से सिर्फ़ 4 टांगे ही नज़र आ रही थी इसलिए मैने नीचे से वो दोनो लोगो की टाँगो को पकड़ कर खींच दिया जिससे वो दोनो गिर गये. मैं जल्दी से बाहर निकला ऑर पूरी ताक़त के साथ अपने दोनो घुटने उन दोनो के सिर मे मारे जिससे वो दोनो भी वही ढेर हो गये. मैने जल्दी से उन दोनो को धकेल कर जीप के नीचे कर दिया ताकि उनके साथी उनको देख ना सके.

अब सिर्फ़ 2 लोग बचे थे जो ना-जाने कहाँ चले गये थे. मैं वापिस पेड़ पर चढ़ कर उनका इंतज़ार करने लगा कुछ देर इंतज़ार करने के बाद जब कोई नही आया तो मैने पेड़ से नीचे उतरने का सोचा. तभी 1 आदमी सामने से आता हुआ नज़र आया इसलिए मैं वही रुक गया. वो आदमी चारो तरफ देखने लगा शायद वो अपने साथियो को तलाश कर रहा था. मैं उस पर भी हमला करना चाहता था लेकिन वो आदमी मुझसे कुछ दूरी पर खड़ा था इसलिए उसको पास बुलाने के लिए मैने उस आदमी को नीचे फैंक दिया जिसको मैने लताओ का फँदा लगाके मारा था. मेरी ये तरकीब काम कर गई वो दौड़ता हुआ आया ऑर अपने आदमी को देखने लगा इससे पहले कि वो उपर देखता मैने उसके उपर छलाँग लगा दी. लेकिन इस अचानक हमले से उसकी गन से फाइयर निकल गया जिसकी आवाज़ पूरे जुंगल मे गूज़ गई. मैने जल्दी से उसकी गन पकड़ी ऑर उसके मुँह मे उसकी पिस्टल डाल कर फाइयर कर दिया वो भी वही ढेर हो गया. लेकिन अब जो आखरी बचा था वो शायद अलर्ट हो गया था गोली की आवाज़ सुनकर इसलिए मैं जानता था कि वो अपनी कार के पास ही भागेगा इसलिए मैं फॉरन तेज़ी से भागता हुआ उसकी कार के पास चला गया. मैं उसको मारने के चक्कर मे ये भी भूल गया कि रूबी मेरे साथ थी जिसको मैने जंगल मे अकेला छोड़ दिया है. कुछ ही देर मे वो आदमी मुझे रूबी के साथ नज़र आया उसने रूबी के सिर पर गन लगा रखी थी ओर मुझे आवाज़ लगा रहा था.

आदमी : शेरा जहाँ भी है बाहर आजा नही तो ये लड़की गई समझ.

मेरे पास भी अब एक पिस्टल थी लेकिन मैं रूबी की जान का जोखिम नही ले सकता था इसलिए चुप-चाप बाहर आ गया ओर पिस्टल को पिछे अपनी बेल्ट मे सेट कर लिया ताकि उसको पिस्टल नज़र ना आए.

आदमी : सामने आके खड़ा होज़ा.

मैं : लड़की को छोड़ दे.

आदमी : नही तो क्या कर लेगा अगर मैं चाहूं तो तुम दोनो को यही दफ़न कर सकता हूँ.

मैं : तेरे जैसे कितने ही आए ऑर आज ज़मीन के 4 फीट नीचे पड़े हैं इसलिए मुझे गुस्सा मत दिला ऑर इसको छोड़ दे तेरी जान बक्ष दूँगा नही तो साले तडपा-तडपा कर मारूँगा.

आदमी : (हँसते हुए) रस्सी जल गई लेकिन बल नही गया गुस्सा आ गया तो क्या कर लेगा.... लगता है तुझे गोली मार कर ही यहाँ से लेके जाना पड़ेगा तू ज़िंदा तो चलेगा नही.
Reply


Messages In This Thread
Kamukta Kahani अहसान - by sexstories - 07-30-2019, 12:53 PM
RE: Kamukta Kahani अहसान - by sexstories - 07-30-2019, 01:25 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  बाप का माल {मेरी gf बन गयी मेरी बाप की wife.} sexstories 72 881 1 hour ago
Last Post: sexstories
  Incest Maa beta se pati patni (completed) sexstories 35 655 1 hour ago
Last Post: sexstories
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 14,871 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 7,159 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 4,877 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,757,991 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 577,638 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,344,186 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,028,489 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,805,963 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68



Users browsing this thread: 1 Guest(s)