Kamukta Kahani मेरा चोदू परिवार
06-18-2017, 11:37 AM,
#5
RE: Kamukta Kahani मेरा चोदू परिवार
"जीजू, दीदी के बूब्स अभी तक पहले जैसे ही मस्त है। जब भी इनको चूस्ता हूँ तो मेरा मस्त खड़ा होता है। रजनी पहले मेरा लौदा चूस ले फ़िर मैं दीदी के बूब्स की चुदाई करूँगा। बहुत टाइम हो गया निधि के बूब्स की चुदाई किए हुए। कल पापा जब मनीषा के बूब्स चोद रहे थे तो दीदी की याद आ गयी. तभी मैं आज चला आया"
"मनोज, निधि के बूब्स भी मम्मी पर गए है. क्या उनके अभी तक ६० साल की उम्र में मस्त नहीं है. तने भी तो काफी चुदाई की है मम्मी की, तू तो जानता ही है"
"हाँ जीजू, मम्मी को तो अब भी चोदने में उतना ही मजा आता है जितना पहले आता था"

इतने में रजनी आ गयी कमरे में. उसने टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी थी. साफ़ दिख रहा था निचे ब्रा नहीं है और पक्का था के पैंटी भी नहीं पहनी होगी. मनोज को देखते ही वोह एकदम चेहेक उठी.
"भैया, आप कब आए... और मुझे किसी ने बताया ही नहीं" और रजनी मनोज से लिपट गयी और उसके होठों को चूसने लगी. और बिना इंतज़ार किये मनोज का खडा लंड हाथों से सहलाने लगी. और एकदम से सरक कर निचे आ गयी और मनोज का लंड अपने मुह में भर लिया और भूकी कुतिया की तरह उसको चूसने लगी. उसको देख हमारी एकदम हंसी छुट गयी. मनोज ने भी उसकी टी-शर्ट उतार दी और उसके बूब्स अपने हाथों में भर लिए और प्यार से सहलाने लगा. रजनी भी जोर जोर से मनोज का लौड़ा चूस रही थी. राज अब अपना हाथ मेरी चुत पर ले गया और अपनी ऊँगली मेरी चुत के अन्दर बाहर करने लगा. मैंने भी राज का पजामा खोल निचे कर दिया और उसका काला मोटा लौड़ा बाहर निकाल लिया और हाथ में लेकर उसकी धीरे से मुठ मारने लगी. रजनी ने मनोज की पंट अब पूरी ऊपर से खोल के निचे सरका दी. मनोज ने भी अपनी गांड उठा उसको आसानी से उतर जाने दिया. अब मनोज पूरा निचे से नंगा था और रजनी का सर उसकी जांघो के बीच उसके लंड को चूस रहा था. मनोज ने अपने आप ही अपनी शर्ट भी उतार दी और एकदम नंगा हो गया. वही रजनी ने मनोज का लंड चूसते चूसते अपनी स्कर्ट निचे सरका दी और वोह भी पूरी नंगी हो गयी. राज भी रजनी को देख और ज्यादा गरम हो गया और मुझको सोफे से निचे उतार मेरे मुह में अपना घोडे जैसा लौड़ा अन्दर दे दिया. राज का लौड़ा चुसते हुए मुझे इतने साल हो गए थे पर अब भी मुझको पूरा मजा देता था. राज ने मेरे बाल पकड़ कर आगे पीछे मेरा सर करते हुए मेरा मुह चोदने लग गया.

"जिजु जोर से चोदो दीदी का मुह. आपका लौड़ा दीदी के मुह में देख कर मजा आ जाता है. दीदी जैसे लोलीपोप की तरह चुस्ती है वैसे ही रजनी भी परफेक्ट हो गयी है."
"मनोज रजनी की तो चुत भी अभी टाइट है. मुझे रजनी का मुह और चुत दोनों चोदने में मजा आता है. और निधि तो मस्त रांड है. जब चाहो इसको तुम चोद सकते हो. हमेशा गीली रहती है."
अब वो दोनो हम दोनों ननद भाभी का मुह चोद रहे थे और जोर जोर से धक्के मार रहे हे. इतने में मनोज का पानी निकलने को तैयार हो गया और वोह और जोर से धक्के मारने लगा. और २मिनत बाद ही उसने अपना पानी रजनी के मुह के अन्दर डालना शुरू कर दिया.
"आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह रजनी मै झाडा. ले मेरा पानी अपने मुह में मेरी रांड. पी ले आशिक का रस."
रजनी मनोज के लंड का पानी पीने लगी और फिर मुह से निकाल अपने चेहरे पर मनोज के रस की धार ली. मनोज का लंड भी उछाल उछाल कर रस निकाल रहा था. रजनी का चेहरा पूरा मनोज के रस से भर गया और मुह से भी टपक रहा था. पूरा रस ख़तम होने के बाद रजनी ने मनोज का लौड़ा अच्छे से चूसा और साफ़ कर दिया. मैं एक तरफ राज का लौड़ा चूस रही थी और दूसरी तरफ रजनी को तृप्त होते हुए देख रही थी. लौड़ा साफ़ करने के बाद रजनी ने अपनी जीभ मनोज के मुह में डाल उसको चूमने लगी. और मनोज भी जम के उसके वीर्य से भरे मुह को चूम रहा था. फिर रजनी मनोज के ही पास बैठ गयी और मुझे राज का लौड़ा चूसते देखने लगी. राज ने अपना हाथ बढ़ा कर रजनी के बूब्स मसल दिए और उसकी चुत में ऊँगली करने लगा. रजनी ने अपने भाई राज की ऊँगली चुत से निकाली और अपने मुह के अन्दर लेली और उसको चूसने लगी. रजनी बुरी तरह से गीली थी और मैं जानती थी के उसको मोटे लंड की ज़रुरत है अब. मैंने अपना सर राज की जांघो से निकाला और वही राज के ही पास बैठ गयी.

"तू रजनी किसी को एक मिनिट भी आराम नहीं करने देती. अभी तो आए ही थे और तूने उनको झाड़ दिया."
"अब इनका का लौड़ा ही इतना प्यारा है के रहा ही नहीं जाता. मेरा तो मन करता है हर वक़्त इसको चुस्ती राहु. देखो अब कैसा मज़े से लेता है झड़ने के बाद. "
"तेरी भी चुत पूरी तरह से गीली है. चल तू मेरे लॉड पर बैठ और चोद ले अपनी चुत, बुझा ले इसकी प्यास" राज बोला
"भैया आपका लौड़ा भाभी ने मस्त खडा कर दिया है चूस चूस कर लाओ अब मै इसकी सेवा करती हूँ."
और रजनी राज के लौडे पर बैठ गयी और उसका लौड़ा अपनी चुत के अन्दर डाल लिया और उछल उछल कर चुदाई करने लगी. मैं मनोज के पास बैठ गयी और उसका मुरझाया हुआ लौड़ा सहलाने लगी. मनोज ने अपना मुह मेरे बूब्स में डाल उनको चूसने लगा. राज अब जोर जोर से अपनी बहन रजनी की चुत में धक्का मार रहा था.
"हाँ भैया और जोर से. चोदो मुझे .... फाड़ दो मेरी चुत. चोदो अपनी रांड बहन को... चोदो भैया ... चोदो... आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह"
अब राज ने रजनी को सोफे पर लिटा लिया और जोर जोर से उसको चोदने लगा. थोडी ही देर में रजनी झड़ने को तैयार थी और राज से उछल उछल कर चुदने लगी.
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