Kamukta kahani हरामी साहूकार
03-19-2019, 12:29 PM,
#95
RE: Kamukta kahani हरामी साहूकार
वो बोली : "और लाला, मेरा भी वादा है, तूने आज तक पूरे गाँव में जितनी भी औरतों और लौंडियों की चुदाई की है, उनको एक तरफ रख दियो और मैं जो मज़े दूँगी, वो दूसरी तरफ रख लियो...देखना , मेरे दिए मज़े ही सबपर भारी पड़ने वाले है...ये मेरा वादा है तुझसे और तेरे इस रामलाल से...''

रामलाल भी अपना नाम सुनकर उठने की कोशिश करने लगा पर उठ ना पाया...
आज लाला ने माँ बेटी की चूत में उसे बेलन की तरह घुसा कर रगड़ डाला था...
थोड़ा टाइम लगने वाला था उसे भी अपनी अकड़ को दोबारा हासिल करने में..

लाला से कल मिलने का वादा करके दोनो परियां उछलती कूदती अपने घर की तरफ चल दी और लाला एक बार फिर से अपने गोडाउन की तरफ..

अंदर पहुँचने पर उसने देखा की उसके कहे अनुसार दोनो माँ बेटियाँ अभी तक नंगी ही पड़ी है....
उन्हे भी पता था की लाला की बात ना मानने का असर उनकी अगली चुदाई पर पड़ सकता है,
और लाला के लंड का लालच उनके अंदर तक बस चुका था, इसलिए वो उसकी बात को ना मानने की गलती नहीं कर सकती थी.



लाला के अंदर आते ही नाज़िया उठकर लाला के करीब आई उनकी धोती और कुर्ता निकाल कर उन्हे पकड़कर चारपाई पर लिटा दिया और खुद नंगी उनके उपर लेट गयी...

उसकी देखा देखी, शबाना भी उठकर आई और लाला की बगल में लेटकर अपने नंगे बदन को लाला से घिसने लगी..

वैसे तो दोनो को ही पता था की अब और चुदाई करना लाला के बस की बात नही है पर अपने हुस्न और योवन का मज़ा वो लाला को पूरे दिन देना चाहती थी ताकि अपने हिस्से की छाप वो उसपर अच्छे से छोड़ सके...

लाला को भी भला क्या दिक्कत होनी थी...
ऐसे रसीले बदन की मालकिन अगल बगल लेटकर जब मज़ा दे तो भला किसे शिकायत होने वाली थी..

यहाँ तो लाला का आज का दिन भी मस्ती मे गुजर चुका था
और अगले दिन की मिठाई का भी इंतज़ाम हो चुका था,
वहीं दूसरी तरफ नंदू के लंड को चैन नही था...

होता भी कैसे, दीवाना था वो अपनी माँ का...
भले ही अभी के लिए उसे अपनी बहन की कुँवारी चूत मिल चुकी थी पर उसकी असली प्यास तो तभी बुझने वाली थी जब उसे अपनी माँ की चूत चखने को मिले...

इसलिए निशि के स्कूल जाने के बाद से ही वो 'मिशन - माँ की चुदाई ' पर जुट गया...

निशि बीच में ना आती तो शायद अब तक वो अपनी माँ को चोद भी चुका होता,
क्योंकि उसे खेतो में बनी बावड़ि पर नंगा नहाते देखने के बाद और रात को सोते हुए अपनी माँ की तरफ से मिलने वाले संकेतो के बाद तो वो अपनी तरफ से भी और आगे बढ़ चुका होता अगर निशि बीच में ना आती...
और वो भी कच्ची जवानी के चक्कर में अपनी माँ के रसीले बदन को भूलकर उस तरफ बढ़ता चला गया...
पर अब वो अपनी इस ग़लती को सुधार लेना चाहता था और किसी भी कीमत पर अपनी माँ की चूत में अपने लंड का डंका बजा लेना चाहता था..

नंदू की माँ गोरी तो लाला के लंड को लेने के बाद अपने आस पास की दूसरी संभावनाओ को सोचकर अपनी चूत को मज़े देने के प्लान बना रही थी....
इतने सालो बाद उसकी चूत ने चुदाई का स्वाद चखा था, अब वो एक बार शुरू होने के बाद इस सिलसिले को ख़त्म नही करना चाहती थी...
और लाला के अलावा तो उसके जहन में सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने बेटे का ही ख्याल आ रहा था...
जानती तो वो थी ही की उसके भरे हुए शरीर को देखकर वो कैसे ललचाई हुई नज़रों से देखता है, उसका लंड कैसे हर समय खड़ा ही रहता है, पर अभी तक तो वो उसे उसकी जवानी में होने वाली हरकत समझकर ही नरंदाज करती आ रही थी...
पर अब वो सब नरंदाज करने लायक नही था, उन सबसे तो उसे मज़ा लेना था...
और कैसे लेना था ये उस जैसी चुदक्कड़ को किसी से पूछने की ज़रूरत नही थी..

इस तरह से देखा जाए तो पार्टियाँ दोनो तरफ की तैयार थी...
नंदू अपनी तरफ से और उसकी माँ अपनी तरफ से...
दोनो अपने -2 मन में योजना बनाने में लगे थे की कैसे किया जाए...

काश दोनो एक दूसरे के दिल की बात जान पाते तो ऐसी योजनाए बनाने में अपना दिमाग़ खर्च नहीं करना पड़ता ...
सीधा चुदाई ही शुरू हो जानी थी दोनो के बीच.



पर जो मज़ा इस तरह से धीरे-2 बढ़ने में है वो एकदम से भागने में नही...
और वही मज़ा अब दोनो को मिलने वाला था.

घर के सारे काम निपटा कर माँ और बेटा खेतों की तरफ चल दिए...

आज तो गोरी खुद ही , और वो भी जान बूझकर , साइकिल के आगे वाले डंडे पर जा बैठी थी...
लाला के लंड को अपनी चूत में लेने के बाद उसकी चूत एक प्यासी पिशाचिनी का रूप ले चुकी थी, जो अपने आस पास वाले हर लंड को निगल लेना चाहती थी...

अभी तो उसके मन में अपने बेटे नंदू का ही ख्याल था, पर उसने अपनी उम्मीदों का घेरा बढ़ाया तो उसकी चूत से जो रंग बिरंगी आवाज़ें निकली उसमें पड़ोस वाले रामप्रसाद, सामने के घर में रहने वाला नंदू का दोस्त विषंबर और उनके खेतों में कभी कभार काम में हाथ बंटाने के लिए देहाड़ी वाला मजदूर नदीम भी शामिल था...
और भी बहुत से लोग थे और इतने लोगो के लंड लेने की कल्पना मात्र से ही उसकी चूत के बाल गीले हो रहे थे...
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta kahani हरामी साहूकार - by sexstories - 03-19-2019, 12:29 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Thriller Sex Kahani - मोड़... जिंदगी के sexstories 21 8,472 06-22-2024, 11:12 PM
Last Post: sexstories
  Incest Sex kahani - Masoom Larki sexstories 12 4,011 06-22-2024, 10:40 PM
Last Post: sexstories
Wink Antarvasnasex Ek Aam si Larki sexstories 29 2,792 06-22-2024, 10:33 PM
Last Post: sexstories
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,749,882 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 576,460 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,340,549 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,024,504 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,800,064 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,202,588 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,161,932 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 8 Guest(s)