RE: Kamukta Story एक और कमीना
डॉली कॉफी उठाकर अपने मूह से लगा कर बड़े प्यार से सन्नी को देखती हुई एक चुस्की लेती है और फिर सन्नी की ओर कॉफी बढ़ा देती है,
सन्नी- नाटक करते हुए दीदी मेरा सच मे मन नही है तुम पीयो ना,
डॉली- चुपचाप पीता है या दूं एक रख कर,
सन्नी- ऑफ हो दीदी तुम भी ना, और कॉफी उठाकर पी लेता है,
डॉली- उसको कातिल नज़रो से देखती हुई सन्नी कैसी है कॉफी,
सन्नी- ठीक है,
डॉली- कुछ मिठास है कि नही,
सन्नी- हाँ ठीक है,
डॉली को अब सन्नी का वेहेवियर कुछ बदला हुआ लगने लगा, लेकिन वह सन्नी से कुछ कह नही पाई, कॉफी ख़तम करने
के बाद सन्नी और डॉली घर आ जाते है, सन्नी ने खाना खाते समय भी डॉली को कुछ खास तरीके से नही देखा जबकि
डॉली लगातार उसको नोटीस कर रही थी, सन्नी खाना खाकर अपने रूम मे चला गया, डॉली अपने रूम मे जाकर लेट गई
और सन्नी के आने का वेट करने लगी,
डॉली बिस्तेर मे पड़ी हुई तड़प रही थी उसका दिल सन्नी के पास जाने का कर रहा था, जब एक घंटे से उपर हो गया तो वह सन्नी के रूम मे जाती है सन्नी किताब पढ़ रहा था,
डॉली- सन्नी क्या कर रहा है तू,
सन्नी- बुक को हटा कर अरे दीदी अभी तक सोई नही आप,
डॉली- सन्नी मुझे आज तो नींद नही आ रही है,
सन्नी- क्यो आज क्या हो गया दीदी,
डॉली- सन्नी क्या मैं तेरे पास यहाँ पर लेट जाउ,
सन्नी- ओके दीदी
सन्नी दूसरी और सरक जाता है और डॉली उसके पास बैठ जाती है सन्नी फिर से अपनी बुक खोल कर पढ़ने लगता है, डॉली उसे घूर कर देखती है लेकिन वह अपनी नज़रे बुक पर लगाए रहता है
डॉली- सन्नी की बुक छीनते हुए, मैं तेरे पास बाते करने आई हू और तू किताब मे घुसा हुआ है,
सन्नी- ऑफ हो दीदी पढ़ने दो ना क्या बात करनी है आपको,
डॉली- मुझे नीद नही आ रही कुछ बात कर ना,
सन्नी- मूह फाड़ कर जान बुझ कर उबासी लेता हुआ, पर दीदी मुझे तो बहुत नीद आ रही है, चुपचाप सो जाओ और मुझे भी सोने दो, और सन्नी करवट लेकर सोने की आक्टिंग करता है, डॉली उसकी पीठ मे एक मुक्का मारती हुई सो जा कुम्भ्करन कही का और उठ कर चल देती है,
सन्नी- दीदी क्या हुआ,
डॉली- कुछ नही मैं जा रही हू, तू सो आराम से,
और उसके रूम से बाहर चली जाती है, सन्नी थोड़ा दुखी होकर सोचता है मैं लगता है ज़्यादा ही अपनी दीदी को तडपा रहा
हू, उधर डॉली अपने रूम मे पड़ी हुई करवटें ले कर जागती रहती है और सन्नी के लिए तड़पने लगती है, उसे आज की रात
भी बड़ी मुश्किल से नीद आती है, अगले दिन भी वही हाल रहता है और जब वह दोनो पिक्चर जाते है तो सिनिमा हाल मे भी सन्नी चुपचाप पिक्चर देखता रहता है आख़िर मे पिक्चर ख़तम होने के बाद दोनो घर आ जाते है, तीन चार दिन से
सन्नी डॉली को टच भी नही करता है, डॉली का हाल बुरा होने लगता है और उसके सब्र का बाँध टूटने लगता है, नेक्स्ट डे
कॉलेज जाकर डॉली सन्नी को बिना कुछ कहे सीधे अपनी क्लास मे चली जाती है, लेकिन क्लास मे उसका मन नही लगता है,
वह पेट दर्द का बहाना करके क्लास से बाहर आ जाती है और पार्क की उसी बेंच पर जाकर बैठ जाती है, कॉलेज के ब्रेक के
समय डॉली सन्नी की क्लास के बाहर पहुच जाती है और सन्नी जैसे ही बाहर आता है डॉली को देख कर उसकी ओर आता है,
डॉली- सन्नी चल पार्क मे चलते है,
सन्नी- दीदी मुझे अपने दोस्त के पास थोड़ा काम था,
डॉली- सन्नी का हाथ पकड़ कर भाड़ मे गया तेरा दोस्त तू चल मेरे साथ,
सन्नी- अपना हाथ छुड़ाते हुए ये क्या कर रही हो दीदी मुझे उससे थोड़ा ज़रूरी काम है,
डॉली- उसे घूर कर देखती हुई, क्या तेरा काम मुझसे भी ज़्यादा ज़रूरी है,
सन्नी- दीदी वो बात नही है,
डॉली- तो फिर तू मेरे साथ चलता है कि नही,
सन्नी- पर बात क्या है दीदी,
डॉली- तू चल मुझे तुझसे एक ज़रूरी बात करनी है, और उसका हाथ पकड़ कर अपने साथ ले जाती है,
सन्नी को बेंच पर बैठाते हुए,
डॉली- गुस्से से आँखे निकाल कर ये क्या चल रहा है 4 दिनो से,
सन्नी- उसको देखता हुआ, क्या दीदी,
डॉली- तू तीन चार दिनो से मुझसे ठीक से बात क्यो नही कर रहा है,
सन्नी- दीदी ऐसा तो कुछ भी नही है पता नही तुम्हे ऐसा क्यो लग रहा है,
डॉली- सन्नी ज़्यादा स्मार्ट बनने की कोशिश मत कर और साफ-साफ बता तू ऐसा क्यो कर रहा है,
सन्नी- तुम क्या कह रही हो दीदी मुझे तो कुछ समझ नही आ रहा है,
डॉली- अच्छा ज़्यादा भोला बनने की कोशिश मत कर,
सन्नी- दीदी आख़िर मैने किया क्या है,
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