RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
फीरोजा;सॅम का नमकीन पानी पी के सिसक उठती है और सॅम का पेशाब पीने लगती है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प उःन्णननणणन् उःन्णन्णनहुन्न्ञणन् गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प
फीरोजा;लंड को चूस के फिर से खड़ा कर देती है
सॅम;उसकी गर्दन पकड़ के उसे वहीं कुतिया बना देता है और अपने लंड को फीरोजा की चूत पे लगा के अंदर डालने लगता है
फीरोजा;अहह क्या कर रहा है हराम जादे गान्ड है वो मेरी अहह नहियीई मत डाल अंदर अहह
सॅम;तेरी बहन को चोदु हराम जादी मारने दे गान्ड तू कुतिया है मेरी और मैं तेरा कुत्ता अहह आज तुझे ऐसा चोदुन्गा कि तू मेरे आने तक लंड नही माँगेंगी अहह ले हराम जादी अहह वो अपने लंड को किसी भी तरह फीरोजा की गान्ड मे डालना चाहता था और वो कामयाब भी हो जाता है और अपना मुस्सल लंड फीरोजा की छोटी सी गान्ड के सुराख मे पेल देता है
फीरोजा;बेहोश होने जैसी हो गयी थी उसे बहुत तेज दर्द हो रहा था गान्ड मे थोड़ा सा खून भी निकल गया था और वो सॅम के तेज झटकों की वजह से और मूतने लगती है उह्न्ह्न्ह्न्ह्न्ह्न्ह्न मादरचोद तेरी माँ को चोदना ऐसे अहह मुझे छोड़ दे अहह हराम उःन्णननणणन् मर गयी रे कुत्तीईई उःन्णनणणन्
सॅम;उसे भी चोदुन्गा छीनाल अहह पहले तेरी तो लेलुँ अहह बड़ी टाइट गान्ड है तेरी फीरोजा अहहहहहहहहः एक दम नरम अहह
फीरोजा;उनह तेरी अम्मी की भी ऐसी गान्ड है बेटा उस रांड़ को भी जमके चोदना मेरा लौडा मुझसे छीन के लेजाने आरही है कमिने अहह ज़ालिम ऐसे भी कोई चोदता है काययययययी उःन्णननणणन्
वो निढाल होचुकी थी और दूसरी मर्तबा पानी छोड़ रही थी
सॅम भी अपना पानी फीरोजा की गान्ड मे डाइरेक्ट निकाल रहा था अहह अहह खाला मुझे अहह ऐसे किसी ने चोदने नही दिया ज़िंदगी मे अहह आप कमाल की हो अहह
वो भी थक चुका था मगर चोदने का शौक तो अभी अपने पूरे जोश मे था
उस रात सॅम ने फीरोजा को 3 बार और चोदा सुबह 6 बजे तक उनकी चुदाई चली और फिर वो एक दूसरे की बाँहों मे नंगे ही सो गये
फीरोजा;रात की ज़बरदस्त चुदाई से और सुबह सुबह सॅम के उसे बाथरूम मे चोदने से काफ़ी खुश थी बस उसे गम इस बात का था कि आज सॅम वापस जाने वाला था वो आएने मे देख के अपने बाल संवार रही थी और सॅम बेड पे नंगा सोया हुआ था. उसके चेहरे पे काफ़ी सुकून नज़र आ रहा था
फीरोजा उसके पास जाके बैठ जाती है और उसके लिप्स पे एक किस कर देती है उसका दिल सॅम को टूट के चाहने लगा था सॅम;फीरोजा की ज़िंदगी का वो पहला शक्स था जिससे उसे जिस्मानी सुख मिला था कोई भी औरत अपने पहले मर्द को कभी नही भूल सकती फीरोजा का हाल भी यही था वो किसी भी तरह सॅम को अपने पास रोकना चाहती थी पर वो बेबस थी वो करती भी तो क्या नजमा से बोलती भी तो क्या कि वो सॅम से जुदा नही होसकती उसे मेरे पास रहने दो
वो इन्ही ख़यालों मे गुम थी तभी उसे बाहर हॉर्न की आवाज़ सुनाई देती है
फीरोजा;खिड़की से झाँक कर देखती है उसे नजमा की कार पौर्च मे पार्क होते दिखाई देती है उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है वो जल्दी से सॅम को उठती है
फीरोजा;उठो सॅम तुम्हारी अम्मी आ गई है जल्दी से कपड़े पहनो
सम;चौंकता हुआ उठ के बैठ जाता है
क्या इतने जल्दी वो तो 2पी एम तक आने वाली थी ना
फीरोजा;अब आ गई है तो क्या वापस भेज दूं चलो कपड़े पहनो मैं उन्ही हॉल मे बैठती हूँ और वो रूम से बाहर निकल जाती है
नजमा;एक पिंक कलर की साड़ी मे घर मे दाखिल होती है
फीरोजा;अर्रे बाजी आप इतनी जल्दी आप तो 2पी एम तक आने वाली थी ना
नजमा;हाँ वो 3पी एम मेरी मीटिंग है सोचा सॅम को जल्दी से पिकप करलूँ कहाँ है शेख साहिब
फीरोजा;दिल मे कमिनी की चूत पनिया गयी होगी ना
वो बाथरूम मे होगा शाएद आप बैठो मैं कुछ नाश्ते का इंतेज़ाम करती हूँ
नजमा;अर्रे उसकी कोई ज़रूरत नही मैं ज़रा अब्बू से मिलके आती हूँ
और नजमा सत्तार ख़ान के रूम की तरफ बढ़ जाती है
फीरोजा;जल्दी से टाय्लेट मे घुस जाती है जहाँ सॅम पेशाब कर रहा था
सॅम;फीरोजा को देख के चौंक जाता है
खाला क्या हुआ आप इतनी जल्दी मे क्यूँ है ज़ोर की लगे है क्या
फीरोजा;तुम्हारी अम्मी तुम्हे अभी लेके जाने वाली है मैं क्या करूँ सॅम मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा प्ल्ज़ कुछ करो ना रुक जाओना सॅम
फीरोजा;किसी बच्ची की तरह सॅम से चिपक जाती है और ज़िद करने लगती है
सॅम;नीची से नंगा ही था फीरोजा के ऐसे चिपकने से उसके लंड मे जान आ गई थी और वो फीरोजा की जाँघ मे चुबने लगा था
फीरोजा;भी सिसक उठी थी अहह सॅम अहह लेले मेरी अभी जल्दी कर
और फीरोजा अपनी शलवार का नाडा खोल के उसे नीची गिरा देती है और दीवार की तरफ मुँह करके अपनी गान्ड पीछे की तरफ कर देती है उसके पैर खुले हुए थे और चूत पीछे की तरफ थी
सॅम;अपने लंड पे थूक लगा के सट से लंड अंदर पेल देता है अहह खलाआाआअ अहह मेरी खाला अहह
फीरोजा;उनह हाँ जल्दी सॅम और ज़ोर से अहहहहहहहः उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरी जान अहह मैं कैसे रहूंगी तेरे लंड के बिना अहह उःन्णननणणन् चोद रे ज़ालिम अहह उःन्णनणणन् ऊऊऊऊ
वो अपनी गान्ड सॅम के लंड के साथ हिलाने लगती है दोनो की स्पीड एक जैसी थी दोनो अपने पूरे जोश मे एक दूसरे से दूर जाने के एहसास से एक दूसरे के अंदर समाते चले जा रहे थे
सॅम;अहह खाला उःन्ह्ंहंहंहंहंहंह्न वो एक लंबी सांस लेके अपना लंड बाहर खींच लेता है उसे पता था कि अंदर पानी छोड़ा तो फीरोजा के प्रेग्नेंट होने के चान्सस है
फीरोजा;झट से नीचे बैठ के सॅम के लंड को अपने मुँह मे भर के अंदर तक चूसने लगती है उःन्णननणणन् अहह हन्ंनननणणन्
सॅम'एक तेज़ पानी की पिचकारी फीरोजा के मुँह पे मारता है और अपना पानी उसके चेहरे पे निकालने लगता है
तभी टाय्लेट का दरवाज़ा खुलता है और नजमा के चेहरे का रंग उड़ जाता है
सामने फीरोजा बैठी थी और उसके मुँह पे सॅम के लंड का पानी था और सॅम की आँखे बंद थी
नजमा;हराम जादो क्या कर रहे हो तुम दोनो ज़लील इंसानो बाहर निकलो अभी के अभी
नजमा की आँखे आग उगल रही थी वो सॅम के बाल खींच के उसे टाय्लेट से बाहर निकाल ने लगती है
सॅम;नजमा की आवाज़ से पहले ही डर चुका था उपर से उसके ऐसे तेवर ने उसकी गान्ड फाड़ दी थी वो अपने होश मे नही था कि क्या बोले और क्या करे उसका लंड अभी भी हवा मे लटक रहा था
फीरोजा;भाग के अपने रूम मे चली जाती है और दरवाज़ा अंदर से बंद कर देती है उसकी हार्ट बीट्स इतनी तेज थी कि किसी भी वक़्त हार्ट अटॅक आसकता था
वहीं सॅम का लंड कुछ सेकेंड मे ही सुकड के मानो जैसे मौत के आगोश मे चला गया था
सॅम;;नजमा के सामने सर झुकाए बुरी तरह कांप रहा था
उसे कुछ सूझ नही रहा था कि वो क्या कहे और क्या करे
नजमा;का गुस्सा सातवे समान पे पहुँच चुका था वो सॅम के बाल पकड़ के चिल्लाए जा रही थी
कमिने इंसान बेहूदा बेशर्म ज़लील कहीं के तुझे ज़रा से भी शरम हया है कि नही अपनी खाला के साथ ये सब करते हुए ज़रा से भी गैरत महसूस नही हुई आख़िर तूने इतना ज़लील काम किया क्यूँ क्या इसी लिए मैने तुझे यहाँ रुकने की इजाज़त डी थी बोल मुझे जवाब दे कम्बख़्त कितना भरोसा किया था मैने तुझपे और तूने मेरे भरोसे का ये सिला दिया मुझे तू बस घर चल तेरी खाल निकाल के रख दूँगी वो बोलते बोलते हाँफने लगी थी उसे अब वहाँ एक पल भी रुकना मुश्किल था वो फीरोजा को दो चार थप्पड़ रसीद करने के इरादे से फीरोजा के रूम की तरफ बढ़ जाती है
सॅम;जल्दी से अपने कपड़े पहन के बॅग उठा के कार मे जाके बैठ जाता है
उसके दिल का हाल भी वही था जो ईस्वक़्त फीरोजा के दिल का था
नजमा;दरवाज़ा ज़ोर ज़ोर से खत खटाने लगती है उसके मुँह से गंदी गंदी गालियाँ निकल रही थी जिन्हे फीरोजा चुप चाप सुनने पे मजबूर थी जब फीरोजा डोर नही खोलती तो नजमा सत्तार ख़ान के रूम मे चले जाती है ये बोलने कि वो जा रही है
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