Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
10-30-2018, 06:23 PM,
#30
RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
शीबा;उन्हे अपनी खिड़के से जाता देखती रहती है

जिस दिन शीबा की शादी हुई थी उसके एक हफ्ते बाद ही मिस्टर.जाफ़री की तबीयत खराब हो गयी थी ये चूत की आग ही थी जो शीबा को अंदर ही अंदर खाए जा रही थी वो अपनी चूत की आग अपनी नौकरानी कुलसूम की चूत से घिस घिस के ठंडी करने की नाकाम कोशिश करती थी पर उस पगली को क्या पता था कि जो आग चूत मे उठती है उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ लंड का पानी ही बुझाता है 

सॅम के आने से उसकी चूत को एक नयी उम्मीद जागी थी अब उसे अपने सुने पन का इलाज मिल गया था.

कर मे शबनम सॅम को घूर घूर के देख रही थी

सॅम;अर्रे क्या हुआ भाभी ऐसे घूर क्यूँ रही हो

शबनम;तुम मिस्टर.जाफ़री की वाइफ को ऐसे घूर क्यूँ रहे थे मुझे ये सब बिल्कुल पसंद नही सॅम आएन्दा ऐसा करोगे तो वो बोलते बोलती रुक गयी उसे एहसास हो गया कि सम उसका देवर है शोहर नही

सॅम;कार के ब्रेक लगा देता है और शबनम की तरफ घूम के
उसका हाथ अपने हाथों मे लेते हुए
भाभी आपका ऐसे डांटना मुझे बहुत अच्छा लगा ऐसे लगा जैसे कोई तो है जो मुझे इतना प्यार करता है और मेरी छोटी छोटी बातें नोट्स करता है

शबनम;अपना सर दूसरी तरफ घूमाते हुए मैं तुमसे प्यार नही करती सॅम मैं तो बस वो आगे बोलने वाली थी कि सॅम उसके चेहरे को अपनी तरफ घुमा देता है और दोनो हाथों से उसे थाम लेता है

सॅम;ये बात मेरी आँखों मे देख के कहो

शबनम;का गला सूखने लगा था होंठ सुख के काँटे की तरह उसे चुभ रहे थे वो बोलने की सलाहीयत खोते जा रही थी

सॅम;उसके लबों के करीब जाके उसके होंठों के बिल्कुल इतना पास कि अगर एक पत्ता भी उनके होंठों के बीच रख दिया जाए तो वो नीचे ना गिरे उनके होंठो के बीच अटक जाए

मैं जानता हूँ भाभी आप मुझसे बहुत प्यार करती है 
बोलो करती होना अगर नही करती तो खाओ मेरी कसम

शबनम;अपने आप को संभाल ते हुए सॅम के आँखों मे देखने लगती है 
वो कुछ नही कहती बस वो छोटा सा हिस्सा जो उन्दोनो के लबों को दूर रखे हुए था उसे ख़त्म कर देती है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प

वो दोनो पहली मर्तबा एक दूसरे की बाहों मे थे ऐसे कि कभी जुदा नही होना चाहते सॅम शबनम के लिप्स को पागलों की तरह चूमे जा रहा था और शबनम भी उसका साथ दे रही थी 

दोनो ये भूल गये थे कि वो इस वक़्त कहाँ है जब पीछे से किसी ने हॉर्न बजाया तब उन्हे होश आया कि वो बीच रास्ते मे है

उस कार वाले ने जिसने हॉर्न बजाया था उनके पास से गुज़रते हुए उन्हे चिल्ला के कहा
आबे चोदना है तो घर लेजाके जी भर के चोद ना यहाँ रास्ते मे क्यूँ झक मरा रहा है

सॅम;उसे बोलना चाहता था पर वो तेज़ रफ़्तार से उनके सामने से निकल जाता है और शबनम के चेहरे पे एक अजीब सी खुशी छोड़ जाता है 

सॅम;बडबडा ता हुआ बस्टर्ड
और दोनो चुप चाप घर की तरफ चल देते है
जब सॅम और शबनम घर पहुँचे रात के 8पी एम हो रहे थे
नजमा और महक उन्दोनो का डाइनिंग टेबल पे इंतजार कर रहे थे

नजमा;सॅम को देखते हुए अरे सॅम बहुत देर लगाई कैसी है मिस्टर.जाफ़री की तबीयत

सॅम;ठीक है अम्मी बस थोड़े कमज़ोर दिखाई दे रहे थे अंकल

नजमा;हाँ बीमारी ही ऐसी है तुम दोनो फ्रेश होजाओ फिर साथ खाना खाते हैं 
और सॅम और शबनम फ्रेश होने चले जातें है

खाना खाते वक़्त सॅम की आँखे शबनम की तरफ बार बार जा रही थीं और शबनम भी उसे देख रही थी वो दोनो एक नये रिश्ते को शुरू करने के बिल्कुल करीब थे

नजमा;उन्दोनो से ऐसे ही फॉर्मल बातें कर रही थी और महक अपनी ही धुन मे खाना खाने मे बिज़ी थी उसे इन सब बातों से जैसे कोई मतलब ही नही था

सॅम;अर्रे मोटी आराम से खा 

महक;सॅम को घूरते हुए कद्दू तू अपना खाना सामने देख के खा मुझे मत समझा वरना 

सॅम;वरना क्या जब देखो धमकी देती रहती है होता जाता तो कुछ है नही तुझसे

नजमा;उन्दोनो के बीच बोलती हुए उन्हे चुप चाप खाना खाने को कहती है

रात 12पी एम;

सभी अपने अपने रूम्स मे चले गये थे
नजमा आज बहुत थक चुकी थी इसीलिए वो तो बेड पे गिरते ही गहरी नींद मे चली गयी महक अपने रूम मे पता नही क्या कर रही थी और सॅम बेड पे बैठा कुछ सोच रहा था वो किसी ख़याल से अपने रूम से बाहर निकल के शबनम के रूम की तरफ बढ़ जाता है

शबनम;के रूम का दरवाज़ा धकेला हुआ था और वो अंदर कपड़े चेंज कर रही थी 

सॅम;उसके रूम मे बिना नॉक किए घुस जाता है और सामने खड़ी शबनम को देख उसके कदम ठिठक जाते है

शबनम;सिर्फ़ ब्रा और लहनगे मे थी और अलमारी से अपनी नाइटी निकाल रही थी
वो पीछे पलट के देखती है और सामने खड़े सॅम को देख उसका दिल ज़ोरों से धड़कने लगता है

सॅम;दरवाज़ा बंद करदेता है और शबनम की तरफ बढ़ने लगता है

शबनम;धीरे से
सॅम तुम इस वक़्त यहाँ क्या कर रहे हो प्लीज़ जाओ यहाँ से

सॅम;बिना बोले उसकी तरफ चला आरहा था

शबनम;घबराई हुए आवाज़ मे
प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ सॅम जाओ कोई हमे एक साथ देख लेगा तो क्या सोचेगा उसकी आवाज़ मे डर और ख़ौफ़ सॉफ नज़र आ रही थी

सॅम;उसके एकदम सामने खड़ा हो जाता है और अपने दोनो हाथ उसकी कमर मे डालके उसे अपने से चिपका लेता है
जिससे शबनम की नरम नरम चुची सॅम की छाती से रगड़ने लगती है
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