RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सॅम;अम्मी आप मुझे जान से मर्दो पर मैं अपनी अम्मी को प्यार करना नही छोड़ूँगा और एक ना एक दिन आप खुद मेरे गालों पे क्या होंठों पे किस करोगी
नजमा;उसे ऐसे घुरती है जैसे सच मच अब गोली मार देगी
चला जा मेरे रूम से कम्बख़त वो दिन कभी नही आएगा समझा
और मैं तुझे इसलिए नही मारना चाहती कि तू अब बड़ा हो गया है पर अगर तूने अपनी लिमिट क्रॉस किया तो मैं भूल जाउन्गी कि तू मेरा बेटा है
सॅम;मैं भी तो यही चाहता हूँ कि आप ये भूल जाएँ कि मैं आपका बेटा हूँ और वो हंसता हुआ नजमा के गाल को सहलाता हुआ वहाँ से निकल जाता है
नजमा;दिल में सोचने लगती है इस्पे तो अब मेरे थप्पड़ का भी असर नही होता पता नही क्या हाल करेगा ये इस घर का और वो ऑफीस के लिए निकल जाती है
सॅम;और शबनम एक कार में ऑफीस जा रहे थे
शबनम;चुप थी उसे रह रह के रात वाली बात याद अराही थी कि आज रात उसे दुल्हन की तरह तैयार होना है और सॅम
नही नही मैं ऐसा कुछ नही करूँगी
वो चिल्लाती है सॅम मैं ऐसा कुछ नही करूँगी
सॅम;उसे हैरत से देखता हुआ क्या नही करूँगी भाभी आप
शबनम;वो मैं कुछ नही
सॅम;तो फिर ऐसे अचानक चीखीं क्यूँ आप बोलो ना भाभी सॅम की आवाज़ में शरारत थी
शबनम;आज के बाद तुम मेरे रूम में नही आओगे और मैं कुछ भी नही करना चाहती तुम्हारे साथ ना मैं रात में तैयार होउंगी और ना तुम मेरे रूम में आना उसकी आवाज़ कांप ज़रूर रही थी पर ऐसा लग रहा था जैसे उसने फ़ैसला करलिया हो
सॅम;शबनम का एक हाथ अपने हाथ में मज़बूती से थाम लेता है
भाभी मैं आज रात आपके रूम में ज़रूर आउन्गा और में जानता हूँ आप दुल्हन की तरह मेरे लिए ज़रूर तैयार होगी
ये कहते हुए सॅम स्पीड से कार ऑफीस पहुँचा देता है
शबनम;चुप चाप कार से उतर के अपने कॅबिन में चली जाती है
सॅम;कार से उतरने ही वाला था कि उसके फोन पे मिस्टर.जाफ़री की बीवी शिबा का कॉल आता है
शिबा;हेलो क्या समीर ख़ान का नंबर है
सॅम;जी हाँ बिल्कुल सही नंबर लगाया है अपनी मिस्स्स्स्स्सस्स
शिबा;जी मैं शिबा बोल रही हूँ
सॅम;ओह शिबा जी कैसी है आप
शिबा;जी मैं बिल्कुल ठीक हूँ वो दरअसल बात ये है कि कल से ना मुझे बड़ी घबराहट सी होरही है क्या आप ज़रा आके देख लेगे मुझे
सॅम;को हँसी आजाति है जी शिबा जी मैं डॉक्टर.नही हूँ एक बिज़्नेस मॅन हूँ आप किसी डॉक्टर.से कन्सल्ट कीजिए ना
शिबा;मेरी घबराहट का इलाज़ आपके पास है सॅम
कल मेरे हज़्बेंड को चेक अप के लिए हॉस्पिटल ले जया जाएगा मैं घर में बोर हो जाउन्गी
सॅम;ह्म्म्म्म मममम दिल में सोचने लगता है सब कुछ समझ गया
ओके शिबा जी मैं कल कितने बजे आऊ आपकी देखने
शिबा;2पी एम आ जाए और देख लीजेएगा मेरी.......................तबीयत
सॅम;ज़रूर आउन्गा शिबा जी अब तो आपकी देखनी ही पड़ेंगी.............तबीयत
दोनो डबल मीनिंग में बातें कर रहे थे
सॅम;ओके मैं रखता हूँ सी यू लेटर बाइ टेक केयर
सॅम;का तो जैसे जॅक पॉट लगगया था पर उसे जिस चीज़ की तलब थी वो उससे अभी काफ़ी दूर थी पर उसने सोच लिया था कि चाहिए जो होज़ाये कॉसिश करते रहना है आख़िर दिल का मामला जो था
जैसे तैसे वक़्त गुज़रता गया और सॅम के साथ नजमा और शबनम रात 7पी एम ऑफीस से घर वापस आ गये
शबनम;घर में आज सॅम से नज़रें चुरा रही थी वो जल्दी से खाना ख़ाके अपने रूम में चली गयी
महक;अपनी किसी सहीली की बर्त डे पार्टी में गये थे और आबिद का मूड तो ऑफ ही था रात के खाना खाने के बाद नजमा ने उस बेचारे को और खरी खोटी सुना दी जिससे उसका बुरा हाल था
सॅम;अपने रूम में नहा रहा था उसे पूरा यकीन था कि आज किरात उसकी और शबनम की ज़िंदगी की ऐसी रात होंगी जो भाभी और देबर का रिश्ता हमेशा के लिए बदल के रख देंगी
वो काफ़ी देर तक तैयार होता रहा रात के 10 बज रहे थे
नजमा;अपने रूम में लेटी हुई थी और आबिद और महक अपने रूम में थे
सॅम;रात होने का इंतजार कर रहा था
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