RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
रचना नज़र गढ़ाए बस अशोक के आने का वेट कर रही थी कि कौन आ रहा है।
सामने से अंकित और सुधीर को देख कर उसकी हालत खराब हो जाती है।
रचना- तुम यहाँ क्या कर रहे हो?
अंकित- जानेमन हमने सुना है तूने ब्लू-फिल्म में काम करना शुरू कर दिया है। बस शूटिंग देखने आए थे तेरी…!
सुधीर- यार अंकित ब्लू-फिल्म में तो रियल चुदाई होती है ना.. जैसे हम कोठे पे रंडी के साथ करते हैं…!
अंकित- हाँ यार बस उसमें और इसमें एक फरक होता है। वो रंडी होकर भी बंद कमरे में चुदती है और ये रंडी सबके सामने चुदेगी हा हा हा हा हा…!
वहाँ खड़े सभी लोग हँसने लगते हैं। रचना का हाल ऐसा था अगर उसको काटो तो खून भी ना निकले। उसकी आँखें आँसुओं से भर गई थीं। सभी हंस रहे थे। ललिता भी हंस रही थी, पर सब से नजरें चुराकर उसने अपनी आँखों में आए आँसू साफ किए। इससे पता चलता है कि अपनी बहन के लिए उसके दिल में दर्द है।
सुधीर- तो क्या हम भी इसको छोड़ सकते हैं। क्या रेट होगा इसका…!
अंकित- पता नहीं यार कॉल-गर्ल तो एक घंटे का पाँच सौ से हजार तक लेती है। ये जरा बड़े लेवल की रंडी है, इसका रेट क्या बताऊँ अब…!
शरद- इसका रेट इसका भाई बताएगा, वो है इसका दलाल साला बहनचोद इसको बड़े मज़े से चोदा था उसने। अब इसकी कमाई खाएगा।
सुधीर- क्या बात करते हो भाई उस भड़वे ने अपनी बहन को चोदा है और अब इसकी दलाली भी करेगा हा हा हा।
रचना- चुप चुप बस करो, सब प्लीज़ मुझे जाने दो प्लीज़… भगवान के लिए मुझे छोड़ दो.. शरद प्लीज़ मैंने आपसे सच्चा प्यार किया है। उस प्यार का वास्ता
तुमको मुझे माफ़ कर दो।
शरद- चुप छिनाल अपने गंदे मुँह से प्यार का नाम मत ले तू… किसी के प्यार के लायक नहीं है। तूने सिम्मी के साथ जितना किया, उससे बढ़कर तुझे भुगतना होगा।
धरम अन्ना- अशोक जी तुम देर काई को करना जी, जाओ मज़ा लो ना… हमको बर्दाश्त नहीं होना जी…!
अशोक- नहीं धरम अन्ना इस रंडी के साथ सोकर मुझे अपने आप को गंदा नहीं करना। तुम जाओ ऐश करो।
धरम अन्ना- वाउ क्या बात है जी अब हम इसको रूम में लेके जाना जी यहाँ सब के सामने करना ठीक नहीं होना जी..!
सुधीर- हमारा नम्बर कब आएगा भाई, साली को बहुत तड़पा कर चोदेंगे…!
रचना- नहीं कोई मेरे पास नहीं आएगा। मैंने कहा ना मेरे पापा आएँगे तो सब का हाल बुरा कर देंगे। देखना तुम सब.. मैं किसी को नहीं छोडूंगी…!
ललिता आगे बढ़ कर रचना को बुरा-भला कहती है।
ललिता- बस भी करो दीदी अपना ये घमण्ड अपने पास रखो। इतना सब हो गया उसके बाद भी आप माफी माँगने की बजाय धमकी दे रही हो। क्या बताओगी पापा
को तुम… हाँ इन लोगों ने शुरू से लेकर अब तक के सारे वीडियो बना लिए हैं आपने फिल्म के चक्कर में शरद जी से चुदाई करवाई। आपने सगे भाई से
चुदाई करवाई, क्या ये बताओगी पापा को…! हाँ बोलो.. बोलती क्यों नहीं हो…!
रचना- ओह ..क्या कह रही हो तुम.. लेकिन कैसे वीडियो बनाए हैं….?
ललिता- दीदी मेरी बात का यकीन करो इस घर में जगह-जगह कैमरे लगे हैं। शरद ने पहली बार तुम्हारे साथ किया, वहाँ भी कैमरा था।
रचना- हाँ याद है शरद ने कहा था हमारे प्यार को कैमरे में कैद कर रहा हूँ, क्योंकि जब भी याद आएगी मैं देख लूँगा..! इतना बड़ा धोखा ओह माय गॉड…!
सचिन को ललिता की बात शायद पसन्द नहीं आती। वो करीब आकर उसके बाल खींच कर उसको बोलता है।
सचिन- साली कुतिया बहुत भौंक रही है तू।
वो आगे कुछ बोलता जल्दी से अशोक उसको पीछे धकेल कर ललिता को आज़ाद करवा देता है।
अशोक- पागल हो गए हो क्या? ललिता बेगुनाह है इसने कुछ नहीं किया। सारा कसूर इस रंडी का है। शरद भी सब जानता है। तुमको बाद में समझा देंगे ओके…!
रचना- ललिता तू मेरी बहन होकर इनका साथ दे रही है …!
शरद- धरम अन्ना इसकी बकवास ऐसे ही चलती रहेगी तू जा मज़े कर…!
धरम अन्ना खुश होकर रचना का हाथ पकड़ कर उसको रूम में ले जाता है। वो गालियाँ देती हुई रुकने की कोशिश करती है लेकिन धरम अन्ना उसको घसीटता हुआ
अन्दर ले जाता है। बाकी सब आदमियों को शरद दूसरे रूम में भेज देता है।
सुधीर- भाई हमारा नम्बर कब आएगा…!
शरद- आएगा.. जाओ उस रूम में सब के साथ बैठ कर शराब पियो.. वहाँ बहुत शराब रखी है…!
सब आदमी खुश होकर उस रूम में चले जाते हैं।
ललिता- शरद जी एक बात कहूँ, बुरा मत मानो प्लीज़ धरम अन्ना को रोक लो, मुझे आपको और कुछ बताना है, प्लीज़ बस मेरी बात सुनने तक रोक लो। ललिता की आँखों में ना चाहते हुए भी आँसू आ गए थे।
अशोक- क्या हुआ ललिता, तुम उस रंडी के लिए रो रही हो?
शरद- क्या बात कहनी है बताओ।
ललिता- बस दो मिनट मुझे धरम अन्ना से बात करने दो उसके बाद मैं सब बता दूँगी।
सचिन- भाई ये हमें धोखा दे रही है, इसकी बात मत मानना।
ललिता- चुप रहो तुम… मुझे धरम अन्ना से बात तो करने दो और दूसरी बात अमर कहाँ है ये भी तो जानना है मुझे।
शरद आगे बढ़कर ललिता का गला दबा देता है।
अशोक- अरे ये क्या कर रहे हो भाई, छोड़ो मर जाएगी ये…!
शरद ललिता को धक्का देकर गिरा देता है।
शरद- साली रंडी की बहन रंडी ही होती है, मैं कब से देख रहा हूँ, तू झूटमूट का हमारा साथ देने का नाटक कर रही है। अगर अब एक अल्फ़ाज़ भी निकाला न… तो जान ले लूँगा तेरी। धरम अन्ना मेरा यार है अब मैं उसको नहीं रोक सकता.. समझी? बहुत तड़पा है वो तेरी रंडी बहन के लिए…!
ललिता- मेरी बात का यकीन करो मैं आप लोगों के साथ हूँ प्लीज़…!
शरद- अशोक ले जा इसे यहाँ से कहीं मेरे हाथ से इसका खून ना हो जाए..! जा लेजा…!
अशोक समझ जाता है कि शरद को बहुत गुस्सा आ रहा है। यहाँ से जाने में ही भलाई है। वो ललिता का हाथ पकड़ कर उसको ऊपर ले जाता है। अन्दर धरम अन्ना ज़बरदस्ती रचना को बेड पर लिटा कर उसके मम्मे दबा रहा था। उसके मना करने पर धरम अन्ना ने उसको दो चुम्बन भी कर दिए थे।
धरम अन्ना- अईयो साली.. इतना नाटक नहीं करना जी वरना धरम अन्ना तुमको बहुत तकलीफ़ देगा जी अब चुपचाप हमारा बात मान लो, वरना वो पेपर मेरे पास होना जी..!
शरद शायद तुमको माफ़ कर देगा, पर धरम अन्ना तुमको टोटली बर्बाद कर देगा जी..! अब कॉपरेट करना जी हम वादा करता सारा सबूत मिटा देगा। बस हमको मज़ा
दे दो बेबी…!
रचना- ठीक है धरम अन्ना मैं रेडी हूँ… पर तुम धोखा मत देना मुझे…!
धरम अन्ना- नहीं जी.. ये शरद हमको जानता नहीं जी हम बहुत डेंजर आदमी होना,
तुम हमको खुश कर दो, हम तुमको सारे झंझट से आज़ाद कर देगा जी..!
रचना मान जाती है और अपने आप को धरम अन्ना के हवाले कर देती है। धरम अन्ना उसको नंगा कर देता है और खुद भी नंगा हो जाता है। कपड़े निकालने के बाद रचना को धरम अन्ना से घिन आने लगी। वो काला-कलूटा मोटे पेट का आदमी था। उसका काला लौड़ा एकदम तना हुआ रचना को घूर रहा था।
धरम अन्ना- बेबी मेरे नाग को शान्त करो जी… तुम बहुत अच्छा चूसती आ..हह.. चूसो ना बेबी…!
रचना- उकड़ू बैठ कर लंड को मुँह में ले लेती है और चूसने लगती है।
धरम अन्ना- आ..हह.. उफ्फ क्या बात बेबी आ..हह.. चूसो और आगे तक उई पूरा अन्दर लो जी..! आ..हह.. गुड अब अच्छा होना आ…!
पाँच मिनट तक रचना लंड को ज़ोर-ज़ोर से चूसती रही। अब उसकी चूत में भी पानी आने लगा था और वो चुदने को बेताब हो रही थी।
धरम अन्ना- आ..हह.. बस करो बेबी.. अब क्या पानी निकाल कर ही मानोगी आ..हह.. अब अपना छेद का नजारा करा दो जी हमारा नाग को अन्दर जाना माँगता जी…!
रचना बड़ी अदा से लंड को ‘पुच्छ’ की आवाज़ के साथ मुँह से बाहर निकाल कर सीधी लेट जाती है और घुटनों को मोड़ कर पूरी चूत खोल कर पैर फैला देती है।
धरम अन्ना- आह रामा रामा जी क्या नजारा होना.. ऐसी दमदार चूत को देख कर मेरा लौड़ा झटके मारने लगा जी..!
रचना- तो आ जाओ धरम अन्ना… मेरी चूत भी प्यासी है… मिटा दो मेरी चूत की प्यास…!
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