10-25-2019, 01:41 PM,
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RE: Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ
कुछ देर बाद जब वो अपने ओर्गज्म बाहर निकली तो मुझ से कस कर लिपट गई
'' मास्टर जी आप ने हमें बहुत मज़ा दिया !” उसने कमजोर सी आवाज में कहा उसकी आवाज में वो दृढ़ता नहीं थी
'' मीना, कितनी प्यारी प्यारी हो न तूम. .” मैंने प्यार से उसे चूमते हुए कहा;
मीना बेटा एक बात और मान ले जल्दी से!” मैंने कहा तो उसने प्रश्नवाचक दृष्टि से मुझे देखा.
''अब तुम मेरे लंड को चूस कर शांत कर दो . देखो कितना तड़प रहा है .” मैंने उसे अत्यंत प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा.
“अच्छा ठीक है, आज आप मुझे पूरा बेशर्म बना कर ही छोड़ना.” वो बोली और अपने हाथ मेरे लंड पर रख दिए
मैं उसकी मासूमियत पर मुस्कुरा उठा और गोद में बैठी मीना के होंठों को चूम लिया. मीना के नर्म और सुन्दर होंठ इतने कमाल के थे कि मुझे तो मीठे ही लग रहे थे, मैंने उसके रसीले मीठे होंठों को बहुत देर तक चूमा और उसने भी मेरे होठों को चूमा, मेरी जीभ को अपने मुंह में ले कर चूसा.
और फिर उसने मेरी जीन्स घुटनों तक खिसका कर अंडर वियर के ऊपर से लंड को मसलना शुरू किया.
मेरा लंड पूरा बारह बजे की सलामी दे रहा था और मीना उसे ऐसे घूर रही थी जैसे आज तो निचोड़ ही देगी. मीना ने मेरे लंड को अपनी आँखें बंद कर के सूंघा और आँखें बंद किए किए ही उसने मेरे लंड पर अपने होंठ फिराने शुरू कर दिये, मीना मेरी अपेक्षाओं के बिल्कुल उलट एक हॉर्नी लड़की की तरह बर्ताव कर रही थी और अब वो मेरे लंड को अपने चेहरे पर फिराने लगी, उसने मेरा लंड अपने माथे पर फिर आँखों फिर नाक गालों होठों और ठोड़ी पर फिराया.
अब उसने मेरे लंड को फिर से चूमना शुरू किया और चूमते चूमते उसने मेरा लंड मुंह में ले लिया, पहले तो सिर्फ काफी देर तक लंड के टोपे को ही चूसती रही. फिर एकाएक उसने मेरे लंड को अपने गले तक अन्दर उतार लिया. मैंने भी उसके मुंह में धक्के लगाने शुरू किए तो उसने मुझे पीछे धकेल कर कहा- मास्टर जी साँस रूकती है, आप मत करो कुछ भी, मुझे ही सब करने दो न!
मैं मुस्कुराया और कहा- जो भी कर रही हो, बड़ा ही मजेदार है, अब तुम्ही करो, मैं कुछ नहीं करूँगा.
मीना ने मेरे लंड को अपने मुंह में रखा और हाथ से पकड़ कर जैसे मंजन कर रही हो, ऐसे दाँतों पर रगड़ने लगी, फिर उसने मेरे लंड की लम्बाई पर अपने मुंह को ऐसे लगा लिया जैसे बांसुरी बजा रही हो और ऐसे ही अपना मुंह मेरे लंड पर रगड़ने लगी.
मैं मीना के इस लंड चूसने की कलाकारी को मुस्कुराते हुए देख रहा था और उसके बालों में हाथ भी फिरा रहा था.
उसने कहा- मास्टर जी, आपको मज़ा तो आ रहा है न?
तो मैंने भी मुस्कुरा कर कहा- मेरी जान, ऐसा मज़ा आज तक नहीं आया, तुम बस चूसती रहो.
मीना अपनी जीभ से मेरे लंड को ऐसे चाट रही थी जैसे कोई लोलीपॉप या चुस्की गोला हो और उसने अपनी इस कलाकारी से मेरे लंड के टोपे के साथ साथ मेरे पूरे लंड को लाल कर दिया था, अब मेरे लंड की एक एक नस खिंची हुई और साफ़ साफ़ नज़र आ रही थी.
लेकिन मीना का तो जैसे मेरे लंड से मन ही नहीं भर रहा था और उसने मेरा लंड चूसना जारी रखा, उसके थूक से लबरेज़ मेरे लंड पर उसने अपने हाथ का मूवमेंट और तेज़ कर दिया और बस मेरे शरीर में एक तेज़ गनगनाहट हुई, फिर मेरा सारा वीर्य उसके चेहरे पर, गले पर, चुचों पर गिर गया और कुछ को वो वक़्त रहते पी गई या चाट गई
कुछ देर तक हम आराम करते रहे फिर मैने और मीना ने जल्दी से अपने अपने कपड़े ठीक किए और नौर्मल बात करने लगे
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10-25-2019, 01:42 PM,
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RE: Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ
उसकी सिस्कारियों से मुझको उस के भीतर जलती प्रचंड वासना की अग्नि का अहसास दिला दिया.
मैं ने उसके मुंह को चुम्बन से मुक्त कर उसके कुरते को उतार दिया.वो अब सिर्फ ब्रा के अलावा लगभग वस्त्रहीन थी. एक तरफ उसे लज्जा से मुझसे आँखे मिलाने में हिचक हो रही थी और दूसरी तरफ मेरे हाथ, जो उसके गुदाज़ बदन पर हौले-हौले फिर रहे थे, उसकी कौमार्य-भंग की मनोकामना को उत्साहित कर रहे थे. मैने उसकी ब्रा के हुक खोल कर उसके उरोज़ों को नग्न कर दिया. उसके स्तन उसकी किशोर उम्र के लिहाज़ से काफी बड़े थे. मैने पहली बार उसकी नग्न चूचियों को अपने हाथों में भर किया. मेरे हाथों ने दोनों उरोज़ों को हलके से सहालाया और धीरे-धीरे मसलना शुरू कर दिया. उसका चेहरा कामंगना और शर्म से दमक रहा था. मैने उसका चेहरा अपने हाथों में ले कर बड़े प्यार से चूम कर कहा, " बेटा, तुम जैसी अप्सरा के समान सुंदर लड़की मैने अभी तक नही देखी ."
मेरी प्रशंसा से उसका दिल चहक उठा और उसे सांत्वना मिली कि उसका शरीर भी कयामत है जो किसी को अच्छा लगता है
मैने आहिस्ता से गोद में उठाकर कर उसे बिस्तर पर सीधे लिटा दिया. उसने शर्मा कर अपने एक हाथ से अपने बड़े उरोज़ों और दूसरा हाथ अपनी जांघों के बीच, गुप्तांग को ढक लिया.
मैं उसे शर्माते देख कर मुस्कुराया और अपने कपडे उतारने लगा. मैने पहले अपने जूते और मोज़े उतार कर पतलून निकाल दी. मेरी जांघें किसी मोटे पेड़ के तने की तरह विशाल और घने बालों से भरी हुईं थीं. मैने बौक्सर-जांघिया पहना हुआ था.मैने अपनी कमीज़ खोल कर अपने बदन से दूर कर ज़मीन पर फ़ेंक दी. मेरे भीमकाय शरीर ने उसकी वासना को और भी उत्तेजित कर दिया. मेरा सीना घने घुंगराले बालों से आवृत था. मेरे सीने के बाल पेट पर भी पूरी तरह फ़ैल गए थे.
लोन्डिया सांस रोक कर मुझको अपना जांघिया उतारते गौर से देख रही थी. मैं जब जांघिये को अलग कर खड़ा हुआ तो मेरा गुप्तांग उसकी आँखों के सामने था. मेरा लंड अभी बिकुल भी खड़ा नहीं था फिर भी वो उसकी भुजा के जितना लंबा था. मेरे लंड का मोटाई उसकी बाजू से भी ज़्यादा थी. उसकी सांस मानों बंद हो गयी. उसे मेरे लंड को देख कर अंदर ही अंदर बहुत डर सा लगा.
मैं बिस्तर पर उसकी तरफ को करवट लेकर उसके साथ लेट गया. मैने उसके होंठो पर अपने होंठ रख कर धीरे से उसके होंठों को अलग कर दिया. मेरी जीभ उसके मूंह में समा गयी. उसकी दोनों बाँहों ने स्वतः मेरी गर्दन को जकड़ लिया. मैने उसके उरोज़ों को सहलाना शुरू कर दिया. वो अब मेरे मुंह से अपना मुंह ज़ोर से लगा रही थी. हम दोनों के विलास भरे चुम्बन ने और मेरे द्वारा उसकी चूचियों के मंथन ने उसकी बुर को गरम कर दिया, उसकी बुर में से पानी बहने लगा.
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RE: Kamukta Story गदरायी लड़कियाँ
उसके पेट में अजीब सा दर्द होने लगा, वैसा दर्द उसकी दोनों चूचियों में भी समा गया. कुछ ही क्षणों में वह दर्द उसकी बुर के बहुत अंदर से उसे तड़पाने लगा. उसके सारे शरीर की मांसपेशियां संकुचित हो गयीं.
"मैं .. आ.. आ.. मेरी बुर जल रही है. मैं आह आह अँ ..अँ अँ अँ ऊओह ऊह ," उसके मूंह से चीख सी निकल पडी.
मैने यदि उसकी पुकार सुनी भी हो तो उसकी उपेक्षा कर दी और उसकी चूचियों की घुंडियों को अपने मुंह और हाथ से तड़पाने लगा. उसकी बुर और भगशिश्निका को मैं और भी तेज़ी से मसलने लगा.
"मैं वो झड़ने वाली हूँ. मेरी बुर झाड़ दीजिये मास्टर जी ..ई. ई...आह." उसका शरीर निकट आ रहे यौन-चमोत्कर्ष के प्रभाव से असंतुलित हो गया.
वो यदि मेरे ताकतवर बदन से नहीं दबी होती तो बिस्तर से कुछ फुट ऊपर उठ जाती. उसके गले से एक लम्बी घुटी-घुटी सी चीख के साथ उसका यौन-स्खलन हो गया. उसके कामोन्माद के तीव्र प्रहार से उसका तना हुआ बदन ढीला ढाला हो कर बिस्तर पर लस्त रूप से पसर गया. मैने . तीनो, कामुकता को पैदा करने वाले, अंगों को थोड़ी देर और उत्तेजित कर उसके निढाल बदन को अपनी वासनामयी यंत्रणा से मुक्त कर दिया.
मैं उसे अपनी बाँहों में भर कर प्यार से चूमने लगा. वो थके हुए अंदाज़ में मुस्करा दी. उसके अल्पव्यस्क किशोर शरीर को प्रचण्ड यौन-स्खलन के बाद की थकावन से अरक्षित देख मेरा वात्सल्य मेरे चुम्बनों में व्यक्त हो रहा था.
"मैं, म्मै ऐसे कभी भी नहीं झड़ी," उसने भी प्यार से मुझ को वापस चूमा.
" बेटा, अभी तो यह शुरूवात है," मैने उसकी नाक को प्यार से चूमा. मेरा एक हाथ उसके उरोज़ों को हलके-हलके सहला रहा था.
मैं और वो अगले कई क्षण वात्सल्यपूर्ण भावना से एक दुसरे को चूमते रहे. मैं कुछ देर बाद उठ कर उसकी टागों के बीच में लेट गया.
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